सूर्य का सिंह में हुआ सायन, 6 महीने तक हर राशि पर पड़ेगा विशेष प्रभाव
सोलहवीं सदी तक संपूर्ण विश्व यही विश्वास करता था कि हमारी पृथ्वी ब्रह्माण्ड का केंद्र है व सूर्य इत्यादि सभी ग्रह उसकी परिक्रमा करते हैं। इसी प्रकार की अवधारणा आज तक वैदिक ज्योतिष में प्रचलित है। वैदिक ज्योतिष में इसे निरयन पद्धति कहा जाता है। भारत का मानक राष्ट्रीय पंचांग व देश के अन्य सभी पंचांग इसी निरयन पद्धति के अनुसार प्रकाशित होते हैं व संपूर्ण भारत उसका उपयोग करता है। वैदिक ज्योतिष पद्धति निरयण के सिद्धांत को मानती है। जबकि पाश्चात्य ज्योतिष सायन पर आधारित है। वैदिक ज्योतिष पूर्णतया वैज्ञानिक व अपने मूलभूत आधारों पर स्पष्ट है। वैदिक पद्धति में गणनाएं सापेक्षता के सिद्धांत पर पृथ्वी को स्थिर मानकर गणनाएं करते हैं। पाश्चात्य ज्योतिष में सूर्य को केंद्र में स्थिर मानकर गणनाएं की जाती हैं, जिसके चारों ओर ग्रह अपना चक्कर पूरा करता है। अब यह माना जा रहा है कि सूर्य भी अन्य ग्रहों के साथ निहारिका में भ्रमण करता है।
वैदिक ज्योतिष निरायण पद्धति को मानता है व पाश्चात्य ज्योतिष सायन पद्धति को मानता है। सायन पद्धति खगोल विज्ञान की वह पद्धति है जो चलित भचक्र को मान्यता देती है। दोनों पद्धतियों में समय की माप में अंतर है। अब जब सूर्य कर्क संक्रांति हो चुकी है अतः कर्क संक्रांति से लेकर मकर संक्रांति तक सूर्य दक्षिणायन रहेगा। इस दौरान सूर्य दक्षिण की ओर गमन करेगा, अर्थात कर्क संक्रांति के दिन सूर्य की किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ने के बाद क्रमशः दक्षिण की ओर खिसकने लगेगा। सूर्य की सीधी किरणों के पड़ने के इस खिसकाव में छह महीने लगेंगे। सायन को सरल भाष में पाश्चात्य ज्योतिष अनुसार सूर्य की संक्रांति कहा जाता है। सायन पद्धति के अनुसार सूर्य की दक्षिणायन स्थिति 22.06.17 से लेकर 22.12.17 तक रहेगी। इसी क्रम में पाश्चात्य ज्योतिष अनुसार सूर्य सिंह राशि में शनिवार दिनांक 22.07.2017 को प्रवेश करेगा। अतः पाश्चात्य ज्योतिष अनुसार यह सूर्य की सिंह संक्रांति है।
आएं पाश्चात्य ज्योतिष के अनुसार जानते हैं की आपकी राशि पर सूर्य के सिंह सायन का क्या असर पड़ेगा-
मेष (एरीज): संतान संबंधी चिंता बनी रहेगी। आर्थिक संतुलन बिखर सकता है।
वृष (टॉरस): जमीन व वाहन के योग हैं। माता के स्वास्थ्य में सुधार आएगा।
मिथुन (जैमिनी): विवाद व संघर्ष के योग हैं। कोर्ट कचहरी के कार्य असफल रहेंगे।
कर्क (कैंसर): बुज़ुर्गों से अच्छा तालमेल रहेगा। परिजनों संग अच्छा समय बिता पाएंगे।
सिंह (लियो): यश की प्रबल संभावना है। समय का लाभ उठाएं। क्रोध पर काबू रखें।
कन्या (वर्गो): यात्रा व प्रवास के योग हैं। परंतु खर्च पर नियंत्रण रखें।
तुला (लिब्रा): फसे हुए पैसे पुनः प्राप्ति के योग हैं। आकस्मिक धन लाभ के योग हैं।
वृश्चिक (स्कार्पियो): नौकरीपेशे में सीनियर्स से संघर्ष के योग हैं। छोटे-मोटे लाभ की प्राप्ति भी होगी।
धनु (सैजिटेरीयस): धर्म लाभ की सम्भावना बन रही है। कार्य सिद्धि के प्रबल योग हैं।
मकर (कैप्रीकॉर्न): वाहन ध्यान से चलाएं। तबीयत का ध्यान रखें। दुर्घटना के योग हैं।
कुंभ (अकुएरियस): कुंवारों हेतु शुभ समय है। नए संबंध बनेंगे। यत्न से सफलता मिलेगी।
मीन (पाईसिस): धीरे धीरे अटके कार्य बनेंगे। शत्रु बाधा में राहत मिलेगी। विरोधी शांत रहेंगे।
खास उपाय: सर्वार्थ सफलता हेतु तांबे के लोटे में पानी, रोली और शहद मिलाकर सूर्य को अर्ध्य दें।
आचार्य कमल नंदलाल
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