गुरुवार, 9 जुलाई 2015

जालोर।प्रेमिका के गांव के बाहर लटका प्रेमी का शव

जालोर।प्रेमिका के गांव के बाहर लटका प्रेमी का शव

जालोर में ऑनर किलिंग का मामला सामने आया है। प्रेमी का शव प्रेमिका के गांव के बाहर ही पेड़ से लटका मिला है। शव को बुधवार सवेरे ग्यारह बजे तक लटके हुए बीस घंटे का समय हो गया था, लेकिन शव को परिजनों ने नीचे नहीं उतारने दिया। मामला झाब थाना इलाके का है।
पुलिस के अनुसार इलाके में स्थित इटादा गांव में रहने वाली युवती का लूणवा गांव में रहने वाले युवक भंवराराम के साथ प्रेम-प्रसंग था। दोनों कुछ दिन पहले घर से भाग गए और शादी कर ली।
पुलिस ने बताया कि युवती के पिता ने मामला भी दर्ज कराया था। मंगलवार दोपहर दोनों वापस लौट आए और युवती को भंवराराम ने उसके घर छोड़ दिया। गांव के बाहर आकर भंवराराम पेड़ से लटक गया।
पुलिस ने बताया कि उसकी जेब में एक सुसाइड नोट भी मिला है। उधर, भंवराराम के परिजनों ने इसे हत्या मानते हुए पुलिस को शव नहीं उतारने दिया। आज सवेरे ग्यारह बजे तक शव पेड़ से लटका रहा, लेकिन परिजन शव उतारने के लिए तैयार नहीं हुए।

जोधपुर डॉक्टर ने सरकारी स्कूल में कराया बेटी का दाखिला

जोधपुर  डॉक्टर ने सरकारी स्कूल में कराया बेटी का दाखिला

सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था पर तमाम सवालिया निशान लगते रहे हैं, दूसरी ओर एक चिकित्सक ने इन सारी बातों को दरकिनार कर सरकारी विद्यालयों पर भरोसा जताया है। डॉक्टर विकास जैन ने अपनी पुत्री डिंपल को निजी स्कूल से निकालकर उसका दाखिला राजकीय माध्यमिक विद्यालय पावटा में कक्षा तीसरी में करवाया है। उनका मानना है कि इतनी भारी फीस होने के बावजूद निजी स्कूलों में कोई परफॉर्मेंस नजर नहीं आती।
डॉ. जैन मूलत: नागौर जिले के डेगाना जंक्शन के रहने वाले हैं, यहां उनका आवास पावटा में है। उनकी पोस्टिंग डेगाना जंक्शन कम्यूनिटी सेंटर में है। हाल में वे महात्मा गांधी अस्पताल स्थित ऑर्थोपेडिक विभाग में एक साल का सॢटफिकेट कोर्स कर रहे हैं।
सफाई करवाओ मगर मास्क लगाकर
सरकारी स्कूल में कक्षों की साफ-सफाई बच्चों से करवाना आम बात है। एक दिन डॉ. जैन की पत्नी कविता स्कूल पहुंची तो बच्चे सफाई कर रहे थे। उन्होंने इसपर तो कोई एेतराज नहीं जताया मगर सफाई के दौरान बच्चों के मुंह पर मास्क लगाने की नसीहत जिम्मेवारों को जरूर दी। क्लास टीचर के अनुसार डिंपल क्लास में सबसे होशियार बच्ची है।
निजी स्कूलों में आए दिन बदलते हैं शिक्षक
डॉ. जैन का कहना है कि इससे पहले उनकी बेटी पावटा स्थित एक निजी स्कूल में पढ़ती थी। जहां बच्चों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था। वे खुद अपने गांव डेगाना जंक्शन में आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में पढ़े। उनके बड़े भाई, जो कि डॉक्टर हैं, उन्होंने 12वीं तक पूरी स्कूल शिक्षा सरकारी विद्यालय से ली है। जितने पढ़ाने में पारंगत सरकारी शिक्षक हैं, उतने निजी स्कूल के शिक्षक नहीं हैं। बच्चे में पढऩे की लगन होनी चाहिए।
सरकारी स्कूल सभी शांत एरिया में हैं, प्राइवेट स्कूल सभी रोड पर होते हंै। ऐसे में ज्यादातर दुर्घटना का भी खतरा रहता है। यहां खेलने-कूदने के बड़े-बड़े ग्राउंड होते हैं। इस स्कूल में वे एक साल तक अपनी बच्ची को पढ़ाएंगे। यदि उन्हें लगा कि स्कूल का माहौल अच्छा है तो वे आगे भी बच्ची को यहीं पढ़ाएंगे। वे अपनी बेटी की गुरुवार को टीसी जमा करवाकर उसका पंजीयन करा देंगे। उनकी बेटी पिछले तीन-चार दिन से स्कूल पढऩे आ रही है।
बच्चों से नहीं कराते काम
चिकित्सक की बच्ची स्कूल में पढ़ रही है बहुत अच्छी बात है, स्कूल में बच्चों से किसी तरह का काम नहीं करवाया जाता है। यूं तो थोड़ी बहुत धूल उड़ेगी।
मेघसिंह राठौड़, कार्यवाहक प्रधानाध्यापक, रामावि पावटा

अजमेर दो बांग्लादेशी घुसपैठियों को दबोचा

अजमेर दो बांग्लादेशी घुसपैठियों को दबोचा

दरगाह थाने की स्पेशल टीम ने बुधवार दोपहर बड़ी दरगाह क्षेत्र के अंदरकोट से दो बांग्लादेशी घुसपैठियों को दबोच कर उनमें से एक के कब्जे से साढ़े 5 किलो गांजा जब्त किया। तस्करों की तस्दीक में सुरक्षा एजेंसी के सामने कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए।

जिस घुसपैठिए से गांजा मिला उसके परिवार की सालों से अंदरकोट क्षेत्र में नशे के गोरखधंधे में लिप्तता का पता चला है। जबकि दूसरा आरोपित अवैध तरीके से पाकिस्तान जाकर आ चुका है।

खुफिया पुलिस ने घुसपैठिया तस्कर के परिवार को भी हिरासत में ले लिया है। पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ चलाए गए विशेष अभियान में दरगाह थाने की स्पेशल टीम ने अंदरकोट स्थित गरीब नवाज कॉलोनी करीम चाचा की गली निवासी जहांगीर हुसैन पुत्र अख्तर उर्फ बप्पी व अब्दुल करीम पुत्र याकूब को गिरफ्तार किया। जहांगीर से पुलिस ने साढ़े 5 किलो गांजा जब्त किया। जहांगीर ने पूछताछ में गांजे की खेप उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से लाना और अंदरकोट इलाके में पुडिय़ा बनाकर नशेडिय़ों को बेचना कबूला।

जहांगीर के नाम-पते की तस्दीक में उसके पूरे परिवार के सालों से अंदरकोट जालियान कब्रिस्तान इलाके में रहने का पता चला। यह भी मालूम हुआ कि उसका परिवार मादक पदार्थ की तस्करी में वर्षों से लिप्त है। जहांगीर के खिलाफ पूर्व में वर्ष-2009 व 13 में मादक पदार्थ पाए जाने पर दरगाह थाने में एनडीपीएस एक्ट में प्रकरण दर्ज है। पुलिस ने गांजा जब्त कर जहांगीर के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज किया। पुलिस पड़ताल में पता चला कि जहांगीर का पिता अख्तर उर्फ बप्पी मदाक पदार्थ की तस्करी के मामले में जेल में है।

जबकि उसकी दादी तुलसी मजूमदार (70) को गत 16 जून को गांजा समेत गिरफ्तार किया गया था। कार्रवाई में एसएचओ दरगाह भूपेन्द्र सिंह, एएसआई विजयसिंह, हैडकांस्टेबल सतपाल सिंह, हरि मोहम्मद, सिपाही महेन्द्र सिंह व फारूख मोहम्मद शामिल थे। प्रकरण की पड़ताल गंज थानाप्रभारी करण सिंह कर रहे हैं।

सुरक्षा एजेंसी हुई सक्रिय

पुलिस कार्रवाई में बांग्लादेशी घुसपैठिए के गिरफ्त में आते ही खुफिया पुलिस सक्रिय हो गई। खुफिया पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि जहांगीर और उसका परिवार बांग्लादेश चटगांव नूरपुर तथा अब्दुल करीम पुत्र याकूब विलपुर का रहने वाला है। करीम ने पूछताछ में बांग्लादेश का होना कबूलते हुए भारत से अवैध तरीके से पाकिस्तान जाने और लौटने की बात कबूली है। सुरक्षा एजेंसी उससे पूछताछ में जुटी है।

मां-दादी भी पुलिस अभिरक्षा में

पुलिस ने जहांगीर की मां शहनाज और सौतेली मां साबिया पत्नी अख्तर हुसैन, दादी तुलसी मजूमदार को पुलिस अभिरक्षा में ले लिया है। प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि तुलसी सालों पहले अपने परिवार के साथ अजमेर आई थी। वह अंदर कोट इलाके में नदीम के मकान में किराए पर रह रही है। मामले में खुफिया पुलिस ने तीनों से पूछताछ में जुटी है।

जालियान कब्रिस्तान ट्रांजिट पॉइंट

शहर में मादक पदार्थ की तस्करी व बांग्लादेशी घुसपैठियो के लिए अंदरकोट इलाके में जालियान कब्रिस्तान ट्रांजिट पॉइंट है। यहां न केवल आदतन नशेडिय़ों बल्कि दरगाह आने वाले जायरीन को नशा परोसा जाता है। यह अपराधियों की पनाहगाह है। खानाबदोशी की आड़ में सैकड़ों लोग ढाई दिन का झोपड़ा, आमाबाव क्षेत्र में चोरी-छुपे रह रहे हैं। दरगाह सम्पर्क सड़क, नागफणी और आसपास के पहाडिय़ों पर बसे अवैध मकानों में बांग्लादेशी घुसपैठियों ने डेरा जमा रखा है।

माता पीतांबरा देवी के दरबार में नेता भी टेकते हैं मत्था, ये वरदान है खास वजह



मां भगवती के नाम में ममता, त्याग, बलिदान और शक्ति जैसे अद्भुत गुण समाए हैं। वे अपने भक्त की पुकार पर उसके कष्टों का निवारण कर देती हैं। राजा हो या प्रजा, उसके दरबार में सब बराबर हैं।



भगवती का एक चमत्कारी मंदिर मध्यप्रदेश में झांसी के दतिया जिले में स्थित है। यहां माता पीतांबरा देवी के रूप में विराजमान हैं। यह एक सिद्ध शक्तिपीठ है जिसकी स्थापना ब्रिटिश शासन के दौरान की गई थी।



श्रद्धालुओं के अनुसार, यह शक्तिपीठ 1935 में स्थापित किया गया। मां पीतांबरा के कुल, जन्म और इससे जुड़ी बातें आज तक रहस्य ही हैं लेकिन इसके चमत्कारों के साक्षी अनेक भक्त हैं।



कहा जाता है कि मां के दरबार में सच्चे मन से की गई अरदास जरूर पूरी होती है। हर साल यहां दिग्गज राजनेताओं से लेकर सामान्य नागरिक तक आते हैं। सबके शीश मां के दरबार में झुकते हैं और यहां उनके कष्टों का निवारण होता है।



मां पीतांबरा चतुर्भुज रूप में विराजमान हैं। उनके हाथों में गदा, वज्र, पाश और राक्षस की जिह्वा है। मां दुष्ट प्रवृत्तियों और बाधाओं का निवारण करती हैं और उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं। उल्लेखनीय है कि यहां माता के दर्शन के लिए भी कुछ विशेष नियम हैं। इस मंदिर में माता के दर्शन एक छोटी खिड़की के जरिए ही किए जा सकते हैं। प्रतिमा को स्पर्श करना वर्जित है।



मां पीतांबरा मुख्यतः कष्ट व बाधा निवारण करने वाली देवी हैं। इन्हें राजसत्ता की देवी भी कहा जाता है। इसलिए यहां राजनेता भी मां का आशीर्वाद लेने आते हैं। ऐसी मान्यता है कि मां बगुलामुखी ही पीतांबरा देवी हैं। इन्हें पीले रंग की वस्तुएं अतिप्रिय हैं।



इनमें पीले प्रसाद से लेकर वस्त्र आदि शामिल हैं। इस मंदिर में माता के साथ खंडेश्वर महादेव भी विराजमान हैं। साथ ही यहां धूमावती देवी के दर्शन भी कर सकते हैं।



खंडेश्वर महादेव का तांत्रिक अनुष्ठानों में विशेष पूजन किया जाता है। मां धूमावती देवी के दर्शन हर समय नहीं किए जा सकते। क्योंकि आरती के अलावा इनके मंदिर के पट सदा बंद रहते हैं।



मां पीतांबरा मात्र सुख-समृद्धि देने वाली देवी ही नहीं हैं, ये अपने भक्त को राजनीति में भी शीर्ष पर पहुंचा देती हैं। यही वजह है कि चुनावों से पहले यहां अनेक राजनेता पूजन करने आते हैं।

गोवर्द्धन पर्वत उठाकर कृष्ण ने दिया था ये अमर संदेश



मौसम प्रकृति की निरंतरता की अभिव्यक्ति है। प्रकृति की यह निरंतरता मनुष्य से संवेदनशीलता की आशा रखती है। बरसात का मौसम तो मनुष्य और प्रकृति के संवेदनशील संबंधों का चरम है। यह ऋतु मनुष्य को सामंजस्य सिखाती है।

अपने परिवेश के प्रति जागरूक करती है। सामंजस्य के लिए जिस सहजता की आवश्यकता है, वह धीरज रखने से ही संभव है। परिवेश का अपना विधान है। मनुष्य के धैर्य खो देने से प्रकृति का सामंजस्य डगमगा गया है। यह मौसम बरसात का है जो चौमासा कहलाता है।

यही समय हमारे इम्तहान का है। वर्षाकाल में धीरज का अभ्यास किया जा सकता है। चातुर्मास का यह समय स्वाध्याय और अभ्यास का समय है। धैर्य का अभ्यास सृष्टि में विश्वास जगाता है।

जो खोता है धीरज

जो धैर्य खोता है उसे ईश्वर की योजना में विश्वास नहीं है। वह प्रकृति के विरुद्ध जाता है। यह अनुकरणीय नहीं है। रमजान का अवसर भी इसी सब्र और इबादत की और इशारा करता है। सामूहिक प्रार्थनाएं हमारे दायित्वबोध और दायित्व निर्वहन की प्रतीक हैं।

धैर्य मन में साहस भरता है सभ्यता के विकास क्रम में मनुष्य आज मशीनी युग में पहुंच गया है। इस युग की चुनौतियां दिन-ब-दिन विकट होती जा रही हैं और इंसान का सब्र जवाब देने लग गया है। इस दौर में सहनशीलता की मिसाल मिलना मुश्किल है लेकिन सामंजस्य और सहनशीलता हमारे सामूहिक दायित्वबोध के लिए अनिवार्य है।


कठिन परिस्थितियों से मुकाबला करने के लिए जिस साहस की आवश्यकता होती है वह धैर्य से ही उत्पन्न होता है। धीरज रखने से परिस्थितियों से सामंजस्य ही राह दिखाई देने लगती है। उतावलापन समय का अपमान है। मौसम का अपमान है और स्वयं की सहनशीलता का भी अपमान है।

इनसे लें शिक्षा

हमारे धर्मग्रंथों में भी धैर्य और सामंजस्य के अनेक उदाहरण मिलते हैं। हमारे कथानायकों का जीवनवृत धैर्य की प्रतिमूर्ति है। सीताहरण के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम वर्षाकाल की अवधि बीतने तक प्रतीक्षा करते हैं।

तब जाकर सीता की खोज का अभियान शुरू होता है। कौशल्या ने 14 वर्ष तक धैर्यपूर्वक श्रीराम की प्रतीक्षा की। देवी अहिल्या ने श्रीराम की प्रतीक्षा की, उनकी आंखें पथरा गईं। शबरी भी राम की प्रतीक्षा करती रही, असीम धैर्य के साथ।

महाभारत में कुंती बारह बरस के वनवास और एक बरस के अज्ञातवास तक अपने पुत्रों की प्रतीक्षा करती हैं। कितना महान धैर्य रहा होगा इनके हृदय में! कंस ने देवकी के आठवें पुत्र की प्रतीक्षा नहीं कि सभी संतानों के संहार का निर्णय लिया। इंद्र ने वर्षा की तो कृष्ण ने गोवर्द्धन पर्वत उठाकर लोगों को शरण दी और धैर्य धारण करने का अमर संदेश दिया।

सुभद्रा ने चक्रव्यूह भेदने का रहस्य धैर्यपूर्वक नहीं सुना। यदि वह सब्र रखती तो कुरुक्षेत्र की कहानी कितनी बदल गई होती, लेकिन उसने धीरज खोया और नींद को चुना। गंगापुत्र भीष्म ने मृत्युशैया पर असहनीय कष्ट सहते हुए सूर्य के उत्तरायण गमन की प्रतीक्षा की।

महानायकों का यह धैर्य हमें प्रेरणा देता है। ये पौराणिक कथासूत्र हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं। उनका गुणकथन हमारे अभ्यास को बल देता है। इससे स्वाध्याय की दिशा प्राप्त होती है। विराम और विश्राम में अंतर अपनी मर्जी से ठहराव और परिस्थितिवश रुकने को समझें।

जिंदगी में बढ़ती बेताबी

तेज बारिश के नहीं रुकने पर बढ़ती बेताबी को हमने महसूस किया है। सड़कों पर बारिश की बूंदों की रफ्तार के साथ अपने वाहन की रफ्तार बढ़ाकर जल्दबाजी भी की है। इंतजार के समय धीरज खोना वक्त के साथ निरर्थक संघर्ष में उलझना है।

विश्राम और विराम के अंतर को समझना जरुरी है। अपनी सुविधा के साथ हम ठहरते हैं तो यह समय विश्राम का लगता है। हम सहज होते हैं। यूं ठहरना सुखदायक होता है। हमारी मर्जी का होता है। परिस्थितिवश हमें ठहरना पड़े तो बहुत बुरा लगता है। अनचाहा ठहराव सहनशीलता को बहुत अखरता है।

बारिश यही अनचाहा ठहराव लाती है। हमारे रोज के आचार-व्यवहार और दिनचर्या में बदलाव लाती है। हमारी रुटीन को बाधित करती है। समय की इकाइयों से हमने अपने जीवन को इतना जकड़ दिया है कि हम जीवन के विस्तार के प्रति उपेक्षा से भर गए हैं।

इसने जीवन के व्यापक फलक को असंतोष से भर दिया है। यह ठहराव हमें बाधा लगती है। यह मौसम बरसात का है जो चौमासा कहलाता है। वर्षाकाल में धीरज का अभ्यास किया जा सकता है।

धैर्य का अभ्यास

चातुर्मास का यह समय स्वाध्याय और अभ्यास का समय है। धैर्य का अभ्यास सृष्टि में विश्वास जगाता है। जो धैर्य खोता है, उसे ईश्वर की योजना में विश्वास नजर नहीं आता। वर्षा और संस्कार वर्षाकाल हमारी सहनशीलता को संस्कारित करने आया है। संतोष और शील का सबक सिखाने आया है।

धरती की कोख में करोड़ों बीज वर्षा का रास्ता देखते हैं। चातक स्वाति नक्षत्र की प्रतीक्षा करता है। तुलसीदासजी ने धैर्य की परीक्षा लेने की बात कही है। आपत्तिकाल में धीरज को परखना चाहिए। बरसात के मौसम की विपत्तियां प्राकृतिक हैं। यह प्रकृति की कसौटी है और हमें अपने धीरज की परीक्षा लेनी है। न केवल परीक्षा लेनी है अपितु संकल्पपूर्वक उसे इस परीक्षा में सफल भी करवाना है।

जिसका धैर्य सफल होता है उसका धर्म भी सफल होता है। वर्षा सब्र सिखाती है, सब्र परिग्रह से रोकता है। अपरिग्रह की ओर अग्रसर करता है। अपरिग्रह की भावना ही हमारी सामूहिक चेतना का आधार है। बारिश का मौसम प्रकृति का विश्राम है। इसे अनचाहा विराम समझ लेने से मन का संघर्ष बढ़ेगा।

यह प्रकृति का साथ निभाने का समय है। सब्र रखेंगे तो सारा असंतोष, नफरत और अशांति समाप्त हो जाएगी। शांति में ही सुख है, आनंद है। धैर्य के अतिरिक्त समय-प्रबंधन की कोई और पहेली नहीं है। जब अनुकूल समय हो तो उसका सामंजस्य तो बहुत आसान है।

मानवीय सामथ्र्य की परीक्षा विपरीत समय में ही होती है और विकट स्थितियों में सब्र करना ही सामंजस्य की कुंजी है। सामंजस्य में ही सफलता निहित है।

साभार -डॉ. राजकुमार व्यास

बुधवार, 8 जुलाई 2015

पाकिस्तान गांव में कई लड़कों से कुकर्म और लड़कियों से बलात्कार!



लाहौर। पाकिस्तान में भारत की सीमा से लगते एक गांव में बड़ी संख्या में लड़के और लड़कियों के साथ कथित तौर पर एक ‘गिरोह’ ने बलात्कार किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ ने इस कांड की जांच के आदेश दिए हैं।
गांव में कई लड़कों से कुकर्म और लड़कियों से बलात्कार!
पुलिस ने एक ‘गिरोह’ के 15 संदिग्धों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए हैं और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के कसूर जिले के गंडा सिंह गांव से उनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया है।बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने कल संदिग्धों के घरों को घेर लिया और उनके घरों को आग लगाने की धमकी देने लगे, जिसके बाद पुलिस ने तीन और प्राथमिकियां दर्ज की। क्षेत्रीय पुलिस अधिकारी साहेबज़ादा शाहज़ाद सुल्तान ने कहा कि हम जल्दी ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लेंगे। हमने कुछ सबूत बरामद किए हैं। पूरी तस्वीर जांच पूरी होने के बाद ही साफ होगी।

प्राथमिकी के मुताबिक, प्रभावशाली संदिग्ध, लड़कों के साथ अप्राकृतिक यौनाचार और लड़कियों के साथ बलात्कार करने के दौरान वीडियो रिकॉर्ड कर लिया करते थे। वे ग्रामीणों से लाखों रुपये के साथ ही सोने के जेवरों की भी उगाही करते थे।

अधिकारी ने कहा कि पूरा गंडा सिंह गांव अपराध के बारे में जानता था, लेकिन वे आरोपियों के डर और ब्लैकमेलिंग की वजह से चुप थे। एक शिकायतकर्ता ने कहा कि संदिग्धों ने सैकड़ों लड़के और लड़कियों का शोषण किया है। पंजाब के मुख्यमंत्री ने सुल्तान को कल आदेश दिया था कि वह 24 घंटे के अंदर प्राथमिक रिपोर्ट उन्हें देंगे।

बरसलपुर बैंक डकैतों को पुछताछ के लिए बज्जु लाए



बीकानेर/बज्जू बज्जू पुलिस थाना के ग्राम बरसलपुर में गत गुरूवार को पांच डकैतों द्वारा बैंक ऑफ बड़ौदा से करीब 5 लाख की लूट के बाद कुछ घंटों में पकड़े गये पांचों डकैतों से बीकानेर जेल में शिनाख्त परेड के बाद फिर से बज्जू पुलिस थाना में पुछताछ के लिए आज बुधवार को लाया गया।

बज्जू थाना प्रभारी अमरजीतसिंह चावला ने बताया कि मंगलवार को बीकानेर जेल में बैंक ऑफ बड़ौदा के कर्मचारियों द्वारा शिनाख्त परेड में डकैतों की शिनाख्त करवाई गई

जिसके बाद से अन्य वारदातों की पुछताछ व करीब 1.50 लाख लूट की बकाया राशि के बारे में पुछताछ की जाएगी।विदित रहे 2 जुलाई को बरसलपुर बैंक लूट के बाद पुलिस ने ग्रामीणों के सहयोग से पांचों बैंक डकैत हरविन्द्र,अमन्दीप,पवन,लक्ष्मीनारायण व गुरदीपसिंह को कुछ ही घंटों में पकड़ लिया गया था

जिनकों न्यायालय में बार्पदा पेश करने पर बज्जू पुलिस को सात दिन के लिए रिमाण्ड पर सौंपा गया था

वही इनकों शरण देने वाला बज्जू थाना के जग्गासर निवासी धर्मपाल बिश्नोई को 3 जुलाई को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजा जा चुका है।

पांचों डकैतों हरविन्द्र,अमन्दीप,पवन,लक्ष्मीनारायण व गुरदीपसिंह को 10 जुलाई को सात दिन का रिमाण्ड पुरा होने पर न्यायालय में पेश किया जाएगा।

पाक नागरिकों से पकड़े परचूनी सामान



बीकानेर वाणिज्य कर विभाग ने दिल्ली से बीकानेर बिना टैक्स दस्तावेजों के आ रहे दो ट्रकों को पकड़ा है। इन ट्रकों में परचूनी का सामान भरा हुआ था।

इसी बीच बुधवार की सुबह दिल्ली से बीकानेर आ रही बस से भी बिना टैक्स का परचूनी सामान के कार्टून पकड़े गए। पूछताछ में दो कार्टून के मालिक पाक नागरिक पाए गए।

एंटीविजीलेस के एसीटीओ सुनिल रिणवा ने पाया कि जिन बण्डलों के मालिक पाक नागरिक है। उनके पास वीजा पासपोर्ट व अन्य तरह के कोई कागजात नहीं है।


रिणवा ने इसकी सूचना सीआईडी को दी। सीआईडी इन्हें पूछताछ के लिए ले गई। सीटीओ देव कुमार ने बताया कि पकड़े गए ट्रक वाणिज्य कर विभाग में सर्वे के लिए खड़े किए गए।

इनमें लदे माल का आकलन कर पैनल्टी लगाई जाएगी।

वहीं दिल्ली से बीकानेर आ रही बस में बिना वाणिज्य कर के 24 बण्डल बरामद किए गए। बस में मिले परचूनी एवं इलैक्ट्रोनिक सामान का आकलन कर पैनल्टी लगाई जाएगी।

चोरी की वारदात के विरोध में चांधन बंद



जैसलमेर. जिले के चांधन गांव में गत दिनों हुई चोरी की वारदात का खुलासा नहीं होने के विरोध में बुधवार को चंाधन बंद रहा। इस दौरान बाजार बंद रहे और व्यापारियों ने अपनी दुकानें ही नहीं खुली।

गौरतलब है कि कस्बे में गत 14 जून के मांगीलाल मेघवाल के घर से अज्ञात चोरो ने रात मे घुसकर नगदी व गहने चोरी किए थे। घटना को लेकर व अब तक की कार्रवाई से ग्रामीण असंतुष्ट है।

इसी कारण एक दिन पहले एक प्रतिनिधि मंडल जिला कलक्टर से मिला था और उन्हें बुधवार को चांधन बंद रखे जाने की सूचना दी थी। बुधवार को बंद को अपार समर्थन मिला और बाजार सूने नजर आए।

जैसलमेर में फायरिंग, महिला की मौत



जैसलमेर. जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ उपखंंड के डांगरी ग्राम पंचायत में निजी कंपनी के चौकीदारों व खेत मालिकों के बीच विवाद में एक महिला की मौत का मामला सामने आया है।

हादसे के बाद क्षेत्र में तनाव फैल गया। मामला बढ़ता देख पुलिस अधीक्षक डॉ. राजीव पचार सहित पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।

मृतक जतनाकंवर पत्नी जालमसिंह का शव पोस्टमार्टम के लिए जैसलमेर लाया गया है।

उधर, विंड मिल कम्पनी के अधिकारियों का तर्क है कि महिला की मौत गोली लगने से नहीं हुई है, बल्कि चोरों का पीछा करते हुए वाहन की टक्कर में घायल होने से हुई है।

पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारण की पुष्टि हो सकेगी।

बोली भाजपा, ईद के मौके पर जम्मू कश्मीर नहीं जाएंगे पीएम मोदी



भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को इस आशय की खबरों को गलत बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईद के मौके पर जम्मू कश्मीर जाएंगे।

भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं मीडिया प्रभारी श्रीकांत शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री का फिलहाल कश्मीर जाने का कोई कार्यक्रम प्रस्तावित नहीं है और ईद के मौके पर उनके वहां जाने की खबरें गलत हैं।

शर्मा ने कहा कि जम्मू कश्मीर के मंत्री और सांसद रह चुके जानेमाने नेता गिरधारी लाल डोगरा की 100वीं जयती के उपलक्ष्य में जम्मू के एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है और इसके लिए जो निमंत्रण आया है उस बारे में निर्णय नहीं हुआ है।

गौरतलब है कि मीडिया में आई में खबरों में बताया गया था कि पीएम मोदी 17 जुलाई को श्रीनगर जाएंगे, जहां वे पूर्व सांसद और मंत्री गिरधारी लाल डोगरा की 100वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम मेंं शामिल होने के लिए जम्मू जाएंगे और उसी दिन शाम को श्रीनगर जाएंगे और उनकी इस संभावित यात्रा को लेकर तैयारियां चल रही हैं।

हालांकि इन खबरों को भाजपा ने सिरे खारिज कर दिया है।

सड़क हादसे में तीन की मौत



भीनमाल (जालोर)। गुजरात के पांथावाड़ा के पास बुधवार को जीप-ट्रेलर की टक्कर में जीप सवार तीन जनों की मौत हो गई और दो बालिकाएं गंभीर घायल हो गई।

जानकारी के अनुसार रणोदर निवासी छैलसिंह पुत्र भवसिंह, समंदर कंवर पत्नी छैलसिंह, छैलसिंह की दो पुत्रियां व लालसिंह पुत्र बलवंतसिंह निवासी सिणदरा डीसा से अस्पताल में उपचार करवाकर भीनमाल लौट रहे थे। इस दौरान पांथवाड़ा के पास ट्रेलर से उनकी भिडं़त हो गई। हादसे में रणोदर निवासी छैलसिंह (35), समंदरकंवर (30) पत्नी छैलसिंह व लालसिंह (32) की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि छैलसिंह की दोनों पुत्रियां गंभीर घायल हो गई। जिन्हें उपचार के लिए अहमदाबाद ले जाया गया। मृतक छैलसिंह सिणदरा में शिक्षक लगा हुआ था।

उज्जैन।व्यापमं: आरोपी नम्रता की मौत या आत्महत्या? पुलिस ने 24 घंटे में बंद की फाइल



उज्जैन।व्यापमं: आरोपी नम्रता की मौत या आत्महत्या? पुलिस ने 24 घंटे में बंद की फाइल


व्यापमं घोटाले से जुड़ी मेडिकल स्टूडेंट नम्रता डामोर की मौत की फाइल खुलने के 24 घंटे के भीतर ही फिर से बंद हो गई है। उज्जैन के एसपी द्वारा मंगलवार को ही नम्रता की मौत के मामले में फिर से जांच कराने के आदेश दिए गए थे।

पुलिस अपनी जांच से संतुष्ट

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हाईप्रोफाइल व्यापमं घोटाले से जुड़ी नम्रता डामोर की मौत को मध्य प्रदेश पुलिस ने आत्महत्या मानते हुए बुधवार को जांच को बंद कर दिया है। पुलिस ने एक बार फिर आत्महत्या की अपनी पुरानी थ्योरी को दोहराते हुए कहा कि जांच खत्म हो चुकी है और मामले में पुलिस अपनी छानबीन से संतुष्ट है।

मंगलवार को दिए गए थे आदेश

मंगलवार को उज्जैन के पुलिस अधीक्षक मनोहर सिंह वर्मा ने बताया था कि नम्रता डामोर की मौत की फिर से जांच कराने के आदेश दिये गये हैं। तराना के पुलिस अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओपी) आर के शर्मा इस मामले की जांच करेंगे।

व्यापमं घोटाले में आरोपी है नम्रता

गौरतलब है कि नम्रता डामोर उज्जैन जिले में 7 जुलाई 2012 को रेलवे पटरियों पर संदिग्ध स्थितियों में मृत पाई गई थी। नम्रता डामोर दौर के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय (एमजीएम) की छात्रा थी और यह संदेह था कि उसने व्यापमं में प्रवेश कराने वाले गिरोह की मदद से मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लिया था।

टीवी पत्रकार की मौत

हाल ही में नम्रता का मामला फिर से तब सामने आया जब इंटरव्यू लेने गए एक टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। अक्षय सिंह व्यापमं घोटाले मामले की जांच कर रहे थे और उसी सिलसिले में नम्रता डामोर के पिता का इंटरव्यू लेने गए थे। जहां संदिग्ध हालात में उनकी मौत हो गई थी।

बूंदी देह व्यापार का दलदल छोड़ नीलम ने बसाया घर



बूंदी  देह व्यापार का दलदल छोड़ नीलम ने बसाया घर

ढोल बज रहे थे, खुशियों के गीत गाए जा रहे थे। कोई बाराती बनकर झूम रहा था तो कोई वधु पक्ष की ओर से विवाह कार्यक्रम में मशगूल था। मौका था इन्द्रगढ़ थाना क्षेत्र के मोहनपुरा गांव निवासी पच्चीस वर्षीय नीलम (बदला हुआ नाम) के ब्याह का।

वैश्यावृत्ति के दलदल से निकलकर बुधवार को नीलम ने अपना घर बसा लिया। इसमें बूंदी के जनप्रतिनिधि एवं कुछ संस्थाएं उसकी मददगार बनी।

नीलम ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक भुवन भूषण यादव से मिलकर मदद की गुहार लगाई थी। उसने देह व्यापार की जिंदगी को छोड़ उम्र में उससे दो वर्ष छोटे उसके प्रेमी अंकुश के साथ घर बसाने की इच्छा जताई, लेकिन उसकी इस इच्छा में कोई और नहीं बल्कि उसके अपने ही बाधक बने हुए थे। रिश्ते में मामा लगने वाला एक व्यक्ति ही उससे घिनौना काम करा रहा था।

इस पर पुलिस ने उसे संरक्षण दिया और उसकी इच्छा पूरी करने में मददगार बनी। बूंदी के नैनवां रोड स्थित वृद्धाश्रम आसरा में बुधवार को उसका विवाह कराया गया। पुलिस अधीक्षक यादव भी विवाह में शामिल हुए और आशीर्वाद दिया।

उपसरपंच ने किया कन्यादान

बूंदी के सदर थाना क्षेत्र के गांव रामनगर के उपसरपंच कालूलाल ने नीलम का कन्यादान किया। नैनवां रोड के पार्षद नेता टीकम जैन, ममता शर्मा, जितेन्द्र सिंह हाड़ा, जितेन्द्र दाधीच आदि बारातियों के लिए भाज सहित तमाम इंतजाम किए। पं.अशीष शर्मा ने मंत्रोच्चार के साथ विधि विधान से उसके फेरे करवाए।

नई जिंदगी में कई बने मददगार

शहर की सुदामा सेवा संस्थान व इनरव्हील क्लब जैसी संस्थाएं भी आगे आई और नीमल को अपनी नई जिंदगी के लिए कई उपहार दिए। किसी ने कपड़े दिए तो किसी ने बर्तन व अन्य आवश्यक वस्तुएं देकर उसे आशीर्वाद दिया।

बाडमेर डायरी बाडमेर कचहरी परिसर से सरकारी समाचार

बाडमेर डायरी बाडमेर कचहरी परिसर से सरकारी समाचार 

जिला स्तरीय जन सुनवाई आज

बाडमेर, 8 जुलाई। आम जन की परिवेदनाओं की सुनवाई एवं समस्याओं के समाधान हेतु जिला स्तरीय जन सुनवाई का आयोजन 9 जुलाई को प्रातः 10.00 बजे से कलक्ट्रेट स्थित अटल सेवा केन्द्र में किया जाएगा।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपालराम बिरडा ने बताया कि उक्त कार्यक्रम में जिला स्तरीय अधिकारी भाग लेंगे एवं संभव होने पर मौके पर ही प्राप्त होने वाली परिवेदनाओं एवं समस्याओं का निस्तारण सुनिश्चित करेंगे। उन्होने कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु संबंधित अधिकारियों को आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
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राष्ट्रीय पोषाहर कार्यक्रम
संचालन समिति की बैठक 13 को

बाडमेर, 8 जुलाई। राष्ट्रीय पोषाहार कार्यक्रम के क्रियान्वयन एवं समीक्षा हेतु गठित जिला स्तरीय संचालन समिति की बैठक जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा की अध्यक्षता में 13 जुलाई को प्रातः 12.00 बजे कलक्ट्रेट कांफ्रेन्स हाॅल में आयोजित की जाएगी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपालराम बिरडा ने बताया कि उक्त बैठक में खाद्यान्न के आवंटन, उठाव व वितरण की स्थिति, कुक कम हेल्पर एवं कुकिंग कन्वर्जन भुगतान की स्थिति, विद्यालयों में भौतिक सुविधाओं की उपलब्धता सहित विभिन्न बिन्दुओं की समीक्षा की जाएगी।
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प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम
अन्तर्गत ऋण आवेदन पत्र आमन्त्रित

बाडमेर, 8 जुलाई। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम अन्तर्गत वितीय वर्ष 2015-16 हेतु शिक्षित बेरोजगारों से ऋण आवेदन पत्र आमन्त्रित किए गए है।
जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक धनश्याम गुप्ता ने बताया कि आवेदन पत्र के साथ उद्योग, सेवा कार्य हेतु अधिकतम ऋण सीमा 25.00 लाख व 10.00 लाख तक की विस्ंेतृत परियोजना तैयार कर चैक लिस्ट अनुसार मय दस्तावेजों के तथा 15 रूपये के स्टाम्प पेपर पर शपथ पत्र स्वयं द्वारा प्रमाणित कर साथ लगाना होगा। आवेदन पत्र 15 जुलाई तक जिला उद्योग केन्द्र कार्यालय में जमा कराये जा सकते है।
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ईवीएम मशीनों की प्रथम स्तरीय जांच आज
बाडमेर, 8 जुलाई। पंचायतीराज संस्थाओं के उप चुनाव 2015 में उपयोग हेतु तकनिकी स्टाफ द्वारा 9 जुलाई को प्रातः 11.00 बजे ईवीएम वेयर कलक्ट्रेट परिसर बाडमेर में ईवीएम मशीनों की प्रथम स्तरीय जांच का कार्य किया जाएगा।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी (पंचायत) ओ.पी. बिश्नोई ने बताया कि जांच कार्य के दौरान सी.यू. में पिंक पेपर सील को लगाने का कार्य किया जायेगा तथा तकनिकी स्टाफ द्वारा ईवीएम मशीन पर जांच के बाद प्रमाण पत्र अंकित किया जाएगा। उन्होने बताया कि इस जांच को पारदर्शी बनाने हेतु राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनैतिक दलों के जिला अध्यक्ष द्वारा अधिकृत प्रतिनिधियों की सहभागिता उपस्थिति अनिवार्य है। उन्होने मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय राजनैतिक दलों के अध्यक्षो से उनके अधिकृत प्रतिनिधियों को उक्त जांच के दौरान उपस्थित रहने हेतु निर्देशित करने का अनुरोध किया है।
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जुलाई सेे एनपीएस कटौती पत्रों पर एसजीवी 
कोड एवं प्रमाण पत्र अंकित करना अनिवार्य
बाड़मेर, 8 जुलाई। जिले के समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारियों को जुलाई माह से वेतन बिलों के साथ लगाए जाने वाले एनपीएस कटौती पत्रों पर एसजीवी कोड एवं प्रमाण पत्र अंकित करना अनिवार्य किया गया है।
राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग के सहायक निदेशक करणसिंह चारण ने बताया कि समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारियों द्वारा एक जनवरी, 2004 के पश्चात नियुक्त कर्मचारियों की एनपीएस कटौति की जाती हैं तथा वेतन विपत्र में एनपीएस कटौती पत्र संलग्न किये जाते हैं परन्तु एसजीवी कोड का अंकन नहीं किया जा रहा हैं। एनपीएस कटौतियों को सही विभाग अनुसार राशि अपलोड करने के उद्देश्य से जुलाई 2015 के वेतन से एसजीवी कोड (डीडीओ रजिस्ट्रेशन नम्बर) की मोहर एनपीएस कटौती पत्र पर अंकित किया जाना अनिवार्य किया गया हैं क्योंकि एनपीएस कटौतियों को एनएसडीएल को एसजीवी कोड के बिना अपलोड नहीं किया जा सकता। अतः बिना एसजीवी कोड वाले विपत्र आक्षेपित किये जायेगे। 
उन्होने बताया कि एनएसडीएल द्वारा समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारियों को एसजीवी कोड (डीडीओ रजिस्ट्रेशन) नम्बर जारी किये गये हैं। यदि किसी नव क्रमोन्नत विभाग/विद्यालय को एसजीवी कोड आवंटित नहीं हो तो वे एनेक्सर एन-3 की पूर्ति कर इस विभाग को भिजवावें ताकि उन्हें डीडीओ कोड आवंटन की कार्यवाही कराई जा सकें।  उन्होने बताया कि माह जुलाई 2015 के वेतन बिलों के साथ संलग्न किये जाने वाले एनपीएस कटौती पत्रों पर डीडीओ के हस्ताक्षर की मोहर के नीचे एसजीवी कोड की मोहर आवश्यक रूप से अंकित करें,ं ताकि एनपीएस कटौतियां एनएसडीएल को सही डीडीओ अनुसार भिजवाई जा सकें। 
उन्होने बताया कि कई बार आहरण अधिकारियों द्वारा प्रान संख्या आवंटित नहीं होने की स्थिति में गलत प्रान संख्या अंकित कर वेतन आहरित कर दिया जाता है, जिसके कारण राशियों को एनएसडीएल को अपलोड करने में परेशानी होती हैं। अतः समस्त आहरण एवं वितरण अधिकारी एनपीएस कटौती पत्रों पर इस आशय का प्रमाण पत्र आवश्यक रूप से अंकित करेगें कि एनपीएस कटौती पत्रों में अंकित प्रान संख्याओं की जांच एनएसडीएल द्वारा जारी प्रान कार्ड से तथा एम्पलाई आईडी की जांच एसआईपीएफ पोर्टल से कर ली गई हैं। यदि गलत प्रान संख्या अंकित करने के कारण राशि अनअपलोड रहने अथवा गलत खाते में राशि अपलोड होने पर समस्त जिम्मेवारी आहरण एवं वितरण अधिकारी की होगी। 
उन्होने बताया कि समस्त ब्लाॅक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी एनपीएस कटौतियों के साथ चैक/डीडी एवं सीडी संलग्न करें। ई-चालान से एनपीएस कटौतियां जमा नहीं कराई जावें। एनपीएस कटौतियों में विसंगति होने पर जीए 55ए सहित विवरण इस कार्यालय को भिजवावें ताकि जांच कर राशियां अपलोड की जा सकें। 
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रामसर में पन्द्रह स्थानों पर पशु 
शिविर संचालन की अवधि बढाई
बाडमेर, 8 जुलाई। तहसील रामसर के 15 पशु शिविरों के संचालन की अवधि 60 दिवस से बढाकर पर्याप्त वर्षा या अधिकतम 90 दिवस तक जो भी पहले हो तक की स्वीकृति प्रदान की गई है।
जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने बताया कि तहसीलदार रामसर से प्राप्त प्रस्ताव के अनुसार क्षेत्र में चारे की कमी को देखते हुए उक्त शिविरों की अवधि 60 दिवस से बढाकर 90 दिवस तक करने की अभिशंषा के आधार पर तहसील रामसर के 15 पशु शिविरों के संचालन की अवधि 60 दिवस से बढाकर पर्याप्त वर्षा या अधिकतम 90 दिवस तक जो भी पहले हो तक की स्वीकृति प्रदान की गई है।
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