रविवार, 22 फ़रवरी 2015

उदयपुर मार्बल खान के मलबे में दबकर दो श्रमिकों की मौत



उदयपुर  मार्बल खान के मलबे में दबकर दो श्रमिकों की मौत
दयपुर जिले के त्रषिभदेव थाना क्षेत्र में रविवार तड़के मार्बल की एक खान ढहने से उसके मलबे के नीचे दबकर दो श्रमिकों की मौत हो गई तथा एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। 

खेरवाड़ा थानाधिकारी गजेंद्र सिंह ने बताया कि मसारों की ओबरी के पास स्थित नारायण मार्बल में खनन करते समय तड़के करीब पांच बजे हुए इस हादसे में मार्बल की शिला के नीचे दबकर दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई।

गंभीर रूप से घायल मजदूर को उदयपुर के महाराणा भूपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने बताया कि हादसे की सूचना मिलते ही सैंकडों मजदूर मौके पर एकत्र हो गए।

उन्होंने बताया कि मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि की मांग को लेकर मजदूरों ने खान मालिक के खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।

अजमेर बलात्कार की शिकार नौकरानी का मेडिकल मुआयना



अजमेर बलात्कार की शिकार नौकरानी का मेडिकल मुआयना

अजमेर चोरी का आरोप लगाकर अमानवीय प्रताड़नाएं देने और दुराचार करने के मामले में दरगाह थाना पुलिस ने शनिवार पीडिता का मेडिकल मुआयना कराया। पीडिता केबयान फिलहाल दर्ज नहीं किए गए हैं।




पन्नीगरान निवासी सैयद अतीक चिश्ती उर्फ गुड्डू ने दर्ज शिकायत में नागफणी क्षेत्र में रहने वाली एक महिला पर चोरी का आरोप लगाया। महिला अतीक के घर बतौर नौकरानी काम करती थी। अतीक ने बताया कि गत 13 फरवरी की सुबह 11 बजे वह किसी काम से बाहर गया हुआ था। उसकी पत्नी, मां और महिला घर पर थे। अतीक की पत्नी मकान की पहली मंजिल पर रहने वाली उसकी मां के पास चली गई। इस दौरान नौकरानी महिला ने अलमारी में रखे 1 लाख रूपए कीमत के सोने के जेवर चुरा लिए।




बंधक बना प्रताड़ना, यातनाएं

दूसरी ओर महिला ने दर्ज शिकायत में बताया कि अतीक ने उस पर चोरी का झूठा इल्जाम लगाया। एक कांस्टेबल की मदद से अतीक ने उसके घर की तलाशी ली और सरेआम उसे पीटा। इसके बाद अतीक ने उसे घर बुलाया। वह अपने नाबालिग पुत्र के साथ अतीक के घर गई जहां अतीक ने बंधक बनाकर सात दिन तक उसे बुरी तरह पीटा। इस दौरान दुराचार भी किया। आरोपित ने प्लास्टिक की थैली को गर्म कर पीडिता के बदन पर टपकाया।




पीडिता ने पुलिस को बताया कि आरोपित ने उसके गुप्तांग में मिर्च और और शरीर पर कई जगह चीरे लगा दिए। इस पर भी जब आरोपित का दिल नहीं भरा तो उसने पीडिता को पेशाब पिलाने का घिनौना प्रयास भी किया। पुलिस ने शनिवार को अतीक के घर पर जाकर घटनास्थल का मौका मुआयना किया।

बाड़मेर बी ऐ डी पी का पैसा खर्च नही हो पा रहा ,बाड़मेर पिछड़ा

बाड़मेर बी ऐ डी पी का पैसा खर्च नही हो पा रहा ,बाड़मेर पिछड़ा 
सीमा क्षेत्र विकास योजना (बीएडीपी) में विकास कार्यों की राज्य सरकार के स्तर पर हुई सीमाक्षा में बीकानेर जिला राज्य में सबसे निचले स्तर पर है।




राज्य सरकार ने इसी माह बीएडीपी कार्यों की रैंकिंग जारी की है। बीकानेर जिले में इस योजना में अब तक कुल उपलब्ध राशि में से मात्र 26.12 प्रतिशत राशि ही व्यय की जा सकी है।




राज्य के चार जिलों में बीकानेर चौथी रैंक में है। सर्वाधिक राशि व्यय करके जैसलमेर जिला प्रथम स्थान पर है। जैसलमेर में 46.56 प्रतिशत राशि व्यय की गई है।




श्रीगंगनगर व हनुमानगढ़ में 43.41 प्रतिशत व्यय कर दूसरे स्थान पर तथा बाड़मेर में 37.18 प्रतिशत व्यय कर तीसरे स्थान पर है।




सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए केन्द्र सरकार प्रति वर्ष 138 करोड़ रुपए देती है। बीएडीपी में बीकानेर जिले 2009-10 से 2014-15 तक के काम बकाया चल रहे हैं।




जिले में बिजली के 91 काम बकाया चल रहे हैं। वहीं पेयजल योजनाओं के 50 काम वर्षों से लम्बित हैं। खाजूवाला पंचायत समिति में 2010-11 में प्रत्येक ग्राम पंचायतों में स्वीकृत 40-40 हैण्डपंप नहीं बने है।




सीमावर्ती चारों जिलों की सीमा से लगती ग्राम पंचायतों को हर वर्ष 138 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि मिलती है। इस राशि से स्वीकृत काम विभागों की ओर से पूरे नहीं किए जा रहे हैं।

बाड़मेर के छात्र संघ उपाध्यक्ष पर हुआ मामला दर्ज

बाड़मेर के छात्र संघ उपाध्यक्ष पर हुआ मामला दर्ज
बाड़मेर राजकीय महाविधालय पीजी कालेज बाड़मेर के छात्रसंघ उपाध्यक्ष तोगाराम मेघवाल और छात्र नेता गणेशराम मेघवाल पर अश्लील मेसेज और बाते करने का मामला दर्ज हुआ। जिसमे परिवादी ने इस्तगासा पेश कर बताया की तोगाराम ने अश्लील मेसेज कर लडकियों से दोस्ती कराने की बात कही। जिस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 384, 458 व 67 क के तहत मामला दर्ज किया गया। परिवादी ने सिम कार्ड कोर्ट में पेश की जिसमे मेसेज लोकेशन काल डिटेल पर आरोप प्रमाणित हुवे।

साध्वी बनने नहीं जा रही : मनीषा कोईराला



मुंबई। फिल्म अभिनेत्री मनीषा कोईराला का कहना है कि वह भले ही कई अवसरों पर भगवा रंग के परिधान पहने देखी जाती हैं, लेकिन उनका विचार साध्वी बनने का नहीं है। मनीषा ने कहा कि सन्यासी बनने और आध्यात्म का जीवन जीने से पहले अभी उन्हें काफी कुछ करना बाकी है। मनीषा हाल ही में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से उबरी हैं। 44 वर्षीया अभिनेत्री ने सोशल नेटवर्किग वेबसाइट फेसबुक पर अपने विचार साझा किए।
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उन्होंने लिख्खा, शुभ प्रभात। मैं कहना चाहती हूं कि मुझे साधु और साघ्वियों की संगति में रहने का सौभाग्य जरूर मिला है, लेकिन मैं अभी साध्वी नहीं बनने जा रही। मनीषा ने हालांकि स्वीकार किया कि उन्होंने सन्यासी बनने के बारे में सोच-विचार जरूर किया था।




उन्होंने कहा, हां मेरे दिमाग में सन्यासी बनने की बात चल रही थी, लेकिन वह इसलिए कि मैं इसे लेकर काफी जिज्ञासु थी। साध्वी बनने के सही मायने भगवा कपड़े पहनने से कहीं ज्यादा हैं। इसलिए मुझे पता है कि साध्वी बनने की काबिलियत मुझमें नहीं है। -

बालोतरा स्कुल पर परेषान करने का आरोप


बालोतरा स्कुल पर परेषान करने का आरोप
बालोतरा। जसोल निवासी एक व्यक्ति ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को लिखित शिकायत करते हुए शेखावटी इंटरनेशनल स्कूल बालोतरा के प्रबंधन पर बच्चों को पढ़ाने के एवज में निर्धारित फीस व फीस से तीन गुना ज्यादा डोनेशन के नाम पर राशि वसूल करने का आरोप लगाया है। शिकायती पत्र में मोहनसिंह पुत्र जवाहरसिंह निवासी जसोल ने बताया कि मेरे बच्चे राहुल और विरेन्द्र क्रमशरू तीसरी व दूसरी कलाश में उक्त विद्यालय में अध्ययनरत है। विद्यालय प्रबंधन द्वारा बच्चों की पढ़ाई के लिए फीस के रूप में पांच-पांच हजार रुपये तथा डोनेशन के रूप में 12,500 व 15500 रुपये जबरदस्ती वसूले गए है। पत्र में आरोप लगाया कि उक्त स्कूल में शुरू से ही डोनेशन के रूप में वसूली कर अभिभावकों को मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। अनुदान नहीं देने की स्थिति में विद्यालय में बच्चों के साथ भेदभाव व अभद्र व्यवहार कर प्रताडि़त किया जाता है। उन्होंने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी से शेखावटी इंटरनेशनल स्कूल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर न्याय दिलाने की मांग की है।

बालोतरा प्रधान के शेक्षिक दस्तावेजो की हो रही जांच

बालोतरा  प्रधान के शेक्षिक दस्तावेजो की हो रही जांच

ओम प्रकाश सोनी 
बालोतरा। बालोतरा पंचायत समिति के नव निर्वाचित प्रधान ओम प्रकाष भील द्वारा निर्वाचन के समय निर्वाचन अधिकारी के समक्ष शेक्षिक दस्तावेजो की जांच प्रषासन ने शुरू की है। सुत्रो के अनुसार प्रारंभिक जांच में प्रधान के शेक्षिक दस्तावेज फर्जी होने के बात सामने आई है। प्रधान द्वारा दी गई अंकतालिका की जांच के लिये बालोतरा पुलिस का एक दल उत्तर प्रदेष गया हुआ है। सुत्रो के अनुसार प्रधान ने माध्यमिक षिक्षा परिषद उत्तरप्रदेष इलाहाबाद से 1998 में हाई स्कुल पास करने का प्रमाण पत्र दिया है। जांच में प्रधान के रोल नंबर पर किसी देवेन्द्र त्रिपाठी के परीक्षार्थी होने की बात सामने आई है। अंकतालिका की जन्मतिथि में हेर फेर किये जाने की संभावना है। साथ ही प्रधान ओम प्रकाष ने 2010 में जब पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़ा था तब योग्यता में खुद का आठवी पास बताया था। पूरे मामले की प्रषासन के निर्देष पर बालोतरा पुलिस जांच कर रही है।

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देह व्यापार का खुलासा: मौके पर मिली 21 लड़कियां, 7 लड़के भी हुए गिरफ्तार

जोधपुर. पुलिस की स्पेशल टीम ने शनिवार को घासमंडी क्षेत्र में तीन घरों में दबिश देकर 21 युवतियां व 7 युवकों को पीटा के तहत गिरफ्तार किया। पुलिस कमिश्नर अशोक कुमार राठौड़ के निर्देशन में एसीपी (मंडोर) जसवंत सिंह, एसीपी (पूर्व) वेदप्रकाश व एसीपी (पश्चिम) सीमा हिंगोनिया के निर्देशन तीन टीमों ने अलग-अलग दबिश दी।


देह व्यापार का खुलासा: मौके पर मिली 21 लड़कियां, 7 लड़के भी हुए गिरफ्तार

जहां एसीपी जसवंत सिंह की टीम ने मिलन, ज्योति, नेहा, सीमा, निशा, अंकिता, अंकिता, मोनिका, मोहनराम, सोनाराम, गणपत व छोटूराम को गिरफ्तार किया। एसीपी सीमा हिंगोनिया की टीम ने सुलेखा, बबली, नैना, रितो, मोबिना, मौजम, जमील व भागीरथ को गिरफ्तार किया। वहीं एसीपी वेदप्रकाश ने नगीना, सीता, रुबीना उर्फ रवीना, वंदना व विनिता को गिरफ्तार किया। तीनों एसीपी की तरफ से सदरबाजार थाने में आरोपियों के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए गए। कार्रवाई के दौरान कांस्टेबल चंचलप्रकाश व कमरुद्दीन आदि शामिल थे।
देह व्यापार का खुलासा: मौके पर मिली 21 लड़कियां, 7 लड़के भी हुए गिरफ्तार
क्या है पीटा एक्ट, क्या सजा
पीटा (प्रिवेंशन ऑफ इम्मोरल ट्रैफिकिंग एक्ट) एक्ट अनैतिक देह व्यापार को रोकने के लिए 1956 में लागू किया गया है। 1986 में इसमें संशोधन किया गया। इस कानून के तहत अनैतिक देह व्यापार करने वाली कॉलगर्ल को छह माह की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। ग्राहक के लिए कानून में अलग-अलग सजा है। पब्लिक प्लेस या नोटिफाइड एरिया में गिरफ्तार होने पर तीन माह की सजा। कॉलगर्ल अगर 18 साल की उम्र से कम की हो तो ग्राहक को 7 से 10 साल की सजा हो सकती है।

यहां से शुरू हुआ धर्मचक्र प्रर्वतन - सारनाथ।



बौद्ध धर्म का इतिहास यूं तो ज्यादा पुराना नहीं है पर काफी तेजी से इसने दुनिया के देशों में अपनी शिक्षाओं द्वारा अपने अनुयायियों की संख्या में वृद्धि कर ली है। भगवान बुद्ध इस धर्म के प्रमुख प्रर्वतक हुए हैं।वैसे तो भारत में कई स्थान ऐसे हैं जो बौद्ध धर्म के तीर्थ बन चुके हैं पर एक ऐसा भी स्थान है जो बौद्ध धर्म में प्रमुख तीर्थ स्थल के रूप में प्रतिष्ठित है, वह है सारनाथ।



सारनाथ में ही भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था। यहीं से उन्होंने धर्मचक्र-प्रर्वतन प्रारम्भ किया था। सारनाथ में अशोक का चतुर्भुज सिंह स्तम्भ, भगवान बुद्ध का मंदिर (जो यहां का प्रधान मंदिर भी है), धमेखस्तूप, चौखण्डी स्तूप, सारनाथ का वस्तु संग्रहालय, नवीन विहार, मूलगन्धकुटी आदि दर्शनीय स्थल हैं।जैन ग्रंथों में सारनाथ को सिंहपुर कहा गया है।




जैनधर्मावलम्बी इसे अतिशय-क्षेत्र मानते हैं। श्रेयांसनाथ के यहां गर्भ, जन्म और तप- ये तीन कल्याणक हुए हैं। यहां के जैन मंदिरों में श्रेयांसनाथजी की प्रतिमा है। इस मंदिर के सामने ही अशोक स्तम्भ है।कभी सारनाथ बौद्ध धर्म का प्रधान केन्द्र था पर मुहम्मद गौरी ने हमला करके इसे नष्ट-भ्रष्ट कर दिया था। पर अब इतिहास के विद्वानों और बौद्ध धर्म के अनुयायियों का ध्यान इस ओर गया है और उन्होंने सारनाथ को वापस उसका पुराना स्वर्ण युग लौटाना शुरू कर दिया है।




कैसे पहुचें- सारनाथ पूर्वोत्तर रेलवे का स्टेशन है जो बनारस छावनी स्टेशन से 8 किलोमीटर, बनारस सिटी स्टेशन से 6 किलोमीटर और बनारस शहर से सड़क मार्ग द्वारा 10 किलोमीटर दूर है। बनारस से यहां जाने के लिए सवारी वाहन आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।

श्रीकृष्‍ण्‍ा-रुक्मिनी की प्रेम-कथा

विदर्भ के राजा की पुत्री थी रुक्मिनी, जिन्‍होंने कृष्‍ण्‍ा के शौर्य और तेज के बारे में काफी सुन रखा था, उनके पिता भी चा‍हते थे‍ कि कृष्‍ण का विवाह उनकी बेटी से हो जाए। लेकिन जरासंध के होते हुए यह संभव नहीं था। इधर रुक्मिनी मन-ही-मन कृष्‍ण को अपना पति मान चुकी थी और उनसे ही विवाह के सपने सँजोने लगी थी, इधर कृष्‍ण ने भी रुक्मिनी के रूप-गुणों की चर्चाएँ सुनी थी और वो भी उनसे मिलने को आतुर थे। अब दोनों का मन एक-दूसरे से मिलने के लिए विचलित होने लगा था। रुक्मिनी अपने हृदय से मात खा चुकी थीं और उनसे श्रीकृष्‍ण से दूर रह पाना संभव नहीं हो पा रहा था और उन्‍होंने अपने मन की बात संदेश के जरिए श्रीकृष्‍ण के पास भिजवा दी।

श्रीकृष्‍ण अपने भ्राता बलराम के साथ रुक्मिनी का हरण करने पहुँचे। रुक्मिनी ने स्‍वयं ही अपने अपहरण की योजना श्रीकृष्‍ण को बताई थी। श्रीकृष्‍ण ने उनका हरण कर उनसे विधिवत् विवाह किया और उन्‍हें अपनी सबसे प्रिय रानी बना कर रखा। इतने युग बीतने के बाद भी इनकी प्रेमकथा लोगों के स्‍मरण में ताजा है।

शनिवार, 21 फ़रवरी 2015

बाड़मेर से 30 करोड़ बैरल तेल का उत्पादन और होगा!



बाड़मेर। देश के सबसे तेजी से बढ़ रहे पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र थार के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। तेल खोज के बाद उत्पादन और ऊष्मीय तेल पाइपलाइन से तेल परिवहन के बाद केयर्न इंडिया ने अब यहां दुनिया का सबसे बड़ा पॉलीमर फ्लड अभियान शुरू कर दिया है। यह विशेष तकनीक तेल उत्पादन बढ़ाने में सहायता करती है।

Polymer flood technology in Barmer oil production




केमिकल ईओआर के चलते बाड़मेर के तीन सबसे बड़े तेल क्षेत्रों मंगला, भाग्यम, ऎश्वर्या (एमबीए) से ही पूरे उत्पादन काल में 30 करोड़ बैरल तेल अतिरिक्त उत्पादन की संभावना जताई गई है। तेल उत्पादन शब्दावली में पॉलीमर इंजेक्शन के नाम से जानी जाने वाली इस तकनीक को बाड़मेर से 35 किलोमीटर दूर स्थित तेल भंडार "मंगला" में शुरू किया गया है। सामान्य स्तर पर शुरू की गई इस गतिविधि को धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा।







ऎसी है तकनीक

विशेषज्ञ इसे केमिकल फ्लडिंग या केमिकल ईओआर के नाम से भी जानते हैं। दुनिया के दूसरे हिस्सों में इसे पुराने तेल क्षेत्रों से अधिक तेल उत्पादन करने के लिए कारगर तरीका माना जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान पर्यावरण अनुकूल रासायनिक बहुलक को पानी में मिला कर जैली की तरह गाढ़ा कर लिया जाता है। इस पॉलीमर युक्त पानी को इंजेक्शन कूप के माध्यम से तेल भंडार तक पहुंचाया जाता है।







रंध्र युक्त चट्टानों के बीच स्थित तेल के साथ मिल कर यह दबाव के साथ उसको ऊपर जमीन तक लाने का काम सहज बना देता है। इस तकनीक के उपयोग से हैवी ऑयल का उत्पादन भी सरलतापूर्वक किया जा सकता है। चीन और अमरीका के कुछ क्षेत्रों में यह तकनीक प्रचलित है लेकिन बाड़मेर जितने बड़े भण्डारों और वृहद स्तर पर किया जाने वाला यह विश्व का पहला ईओआर अभियान है।







एमबीए है इसके लिए उचित

थार के "मंगला", "भाग्यम" और "ऎश्वर्या" (एम.बी.ए.) तेल क्षेत्रों में शुरूआती उत्पादन के दौरान ही वहां ईओआर के महत्व का आकलन कर लिया था। इन तेल भंडारों की प्रकृति "ए", तेल की गुणवत्ता और वातावरण का तापमान सभी मिल कर बाड़मेर को पॉलीमर और एल्कलाइन सर्फेक्टेंट पॉलीमर (एएसपी) फ्लडिंग के लिए आदर्श स्थान बनाते हैं। पॉलीमर फ्लड के अगले कदम के रूप में एएसपी पायलट प्रोग्राम मंगला फ ील्ड में शुरू कर दिया गया है तथा कंपनी उसके परिणामों से उत्साहित है। - 

दीकरी का भव्य विमोचन

दीकरी  का भव्य विमोचन 
बाड़मेर राजस्थान प्रसासनिक सेवा के अधिकारी डाॅ. नखतदान बारहठ द्वारा रचित 81 सोरठौं की मार्मिक पुस्तिका ’’दीकरी का भव्य विमोचन जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा और राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिती के प्रदेष महामंत्री डाॅ. राजेन्द्रसिंह बाहरठ द्वारा स्थानीय जय नारायण व्यास महिला षिक्षक महाविद्यालय सभागार में समारोह पूर्वक किया गया। डाॅ. नखतदान बाहरठ छोटी पुस्तक में अपनी पैनी लेखनी से ’’दीकरी’’ (पुत्री) अर्थात नारी शक्ति को अलंकारिक सोरठौं के माध्यम से महिमा मंडित किया है। पुस्तक में बेटी को देवी,लक्ष्मी,रिद्धी-सिद्धि,किस्मत,पुरुषार्थ विधना,पृथ्वी,श्रृद्धा आदि रुपों में अभिव्यंजित किया है। पुस्तक के लेखक कवि डाॅ. नखतदान ने पुस्जक सृजन का उद्देष्य स्पष्ट करते हुए मातृषक्ति के प्रति सकारात्मक सामाजिक दृष्टि कोण उभरने की आषा व्यक्त की। वरिष्ठ डिंगळ कवि और षिक्षाविद महादानसिंह बाहरठ और मेघूदान वीठू ने पुस्तक समीक्षा पर अपने विचार प्रकट किए। महाविद्यालस की छात्रा सुश्री कविता द्वारा ’’दीकरी री पुकार’’ काव्य पाठ प्रस्तुत किया। डाॅ. राजेन्द्रसिंह बारहठ ने दीकरी पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि पुस्तक के भाव और कला पक्ष और भाषा सौष्ठव सुग्राह्य और समीचीन है। जिला कलक्टर मधुसूदन षर्मा ने अपने उद्बोधन में ’’दीकरी’’ पुस्तक को वर्तमान समय की जरुरत बताते हुए कहा कि इस पुस्तक को जो भी ध्यान से पढेगा उस पाठक का सिर मातृषक्ति के प्रति श्रृद्धा से झुक जायगा और समाज में अनेतिक आचरण निष्चित रुप कम होंगे। समारोह का संचालन वरिष्ठ षिक्षक दीपसिंह रणधा ने किया। इस मौके डाॅ. लक्ष्मीनारायण जोषी, पीताम्बर सुखानी, चंदनसिंह भाटी, रिड़मलसिंह दांता, मगरसिंह खारा, सुरतानसिंह देवड़ा, मानसिंह दूधोड़ा, नेपालसिंह तिबनियार, हिंदुसिंह तामलोर, नरेसदेव सारण, गणपतसिंह कालूड़ी, बी.डी. चारण मुकेष बोहरा, मीठे खां मीर, प्रकाष बिष्नोई, माँगीदान बीठू, दुजर्नसिंह, भगवान आकोड़ा, मदनबारुपाल सहित सैंकड़ों भाषा प्रेमी उपस्थ्ति रहे । पुस्तक विमोचन के बाद अंतरराष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खां और बाबू खां रेडाणा ने बेटी की विदाई के समय गाया जाने वाला मार्मिक लोकगीत ’’अरणी’’ की संगीत में प्रस्तुति देकर वाातावरण को भावुक बना दिया। समारोह में उपस्थ्ति लोगों के आँखें नम हो गई।

बाड़मेर समृद्ध शब्द कोष की स्वामिनी है राजस्थानी भाषा- डाॅ. राजेन्द्रसिंह बारहठ




बाड़मेर समृद्ध शब्द कोष की स्वामिनी है राजस्थानी भाषा- डाॅ. राजेन्द्रसिंह बारहठ
बाड़मेर ’’ वृहद् साहित्य और काव्य की जननी, राजस्थानी भाषा अपना स्वतंत्र अस्तित्व रखती है, ऐसा अथाह शब्द भंडार विष्व की अन्य किसी भी भाषा में नहीं मिलता। साहित्य सृजक, कवियों, लेखकों, ;ऋषियों, मुनियों, समीक्षकों के गहन अध्ययन से यह सिद्ध हुआ है कि राजस्थानी भाषा समृद्ध शब्द कोष की स्वामिनी है।’’ ये शब्द राजस्थानी भाषा संघर्ष समिति के प्रदेष महामंत्री डाॅ. राजेन्द्रसिंह बारहठ ने मातृ-भाषा दिवस पर स्थानीय जय नारायण व्यास महिला षिक्षक प्रषिक्षण महाविद्यालय में आयोजित समारोह में सैकड़ों मायड़ भाषा प्रेमियों को सम्बोधित करतेहुएकहे। समारोह के मुख्य अतिथि जिला कलक्टर मधुसूदन शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।कवि मीठा खं मीर द्वारा डिंगळ काव्य में गण्ेाष वंदना की गई वहीं छात्राध्यापिकाओं द्वारा स्वागत गान प्रस्तुत किया गया।अन्तर्राष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खां और बाबू खां रेडाणा द्वारा परम्परागत स्वागत गीत ’मिठिया मेहमान भलां आविया सा.......’की प्रस्तुति ने वातावरण को संगीतमय बना दिया। समारोह की अध्यक्षता षिक्षाविद् और राजस्थानी भाषा संघर्ष समिति के प्रदेष महामंत्री डाॅ. राजेन्द्रसिंह बारहठ ने की।इस मौके जिला कलक्टर मधूसूदन शर्मा ने कहा कि बालक की प्रारम्भिक षिक्षा मातृ भाषा में होनी चाहिए ताकि प्रदत्त ज्ञान को बच्चा सहज रुप से समझ सके। डाॅ. लक्ष्मीनारायण जोषी ने स्वागत भाषण दिया और समिति के प्रदेष उपाध्यक्ष चन्दनसिंह भाटी ने राजस्थानी को 8 वीं अनुसूचि में सम्मिलित किये जाने को लेकर चलाये जा रहे अभियान और उपलब्धियों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। डाॅ. नखतदान बारहठ ने राजस्थानी भाषा की व्यापकता पर प्रकाष डालते हुए कहा कि भाषा और साहित्य के इतिहास में से राजस्थानी का इतिहास निकाल देने पर पीछे षून्यबचताहै। राजस्थानी भाषा संघर्ष समिति के सक्रिय सदस्यों के जन प्रतिनिधि चयनित होने पर समिति द्वारा जिला पाटवी रिड़मलसिंह दांता, सुरतानसिंह देवड़ा, नरेषदेव सारण के पार्षद चुने जाने और मानसिंह दूधोड़ा, हिन्दुसिंह तामलोर, गणपतसिंह कालूड़ी के सरपंच और मगरसिंह खारा के रामसर उप प्रधान, नेपालसिंह तिबनियार के पं. स. सदस्य चयनित होने पर अभिनन्दन किया गया। समारोह का संचालन दीपसिंह रणधा द्वारा राजस्थानी भाषा में किया गया। संसथा के प्रबन्धक पीताम्बर सुखानी ने मेहमानों का आभार प्रकट किया और राजस्थानी को संविधान की आठवीं अनुसूचि में शामिल किये जाने तक संघर्ष जारी रखने का आहवान किया।

बाड़मेर राजस्थानी पुस्तक दीकरी का लोकार्पण ,राजस्थानी साहित्य में लिखना उपलब्धि

राजस्थानी भाषा को प्राथमिक शिक्षा में शामिल करना होगा। जिला कलेक्टर 

बाड़मेर राजस्थानी पुस्तक दीकरी का लोकार्पण ,राजस्थानी साहित्य में  लिखना उपलब्धि 

बाड़मेर जिला  कलेक्टर मधुसूदन शर्मा  ने कहा की राजस्थानी भाषा विश्व की समृद्धशाली भाषा हे ,देश के संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल होने का अधिकार रखती हैं ,राजस्थानी विश्व भर में बोली जाने वाली भाषा हे जिसका अनूठा  संस्कृति हैं ,शरमा शनिवार को मायड़ भाषा दिवस पर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा संघरश समिति बाड़मेर द्वारा जय नारायण व्यास महिला शिक्षण  प्रशिक्षण महाविद्यालय में आयोजित समारोह में मुख्य अतिति के रूप में बोल रहे थे ,समारोह में डॉ नखतदान बारहट लिखित पुस्तक दीकरी का लोकार्पण जिला कलेक्टर मधुसूदन शर्मा ,समिति के प्रदेश महामंत्री डॉ राजेंद्र सिंह बारहट पितम्बरदास सुखानी और भूमि अवाप्ति अधिकारी  के  ,इस अवसर पर संघरश समिति के हाल ही में चुने गए जन प्रतिनिधियों का सम्मान किया ,

गया समारोह को सम्बोधित करते हुए मधुसूदन शर्मा ने कहा की घर और समाज में बेटी का अपना महत्त्व हे ,बहुत कम लोग बेटी को आदर्श  अभियक्ति लिख पाते हैं ,उन्होंने कहा की राजस्थानी भाषा के साहित्य में बेटियो पर बहुत कम लिखा गया हैं ,यह पुस्तक मील का पत्थर साबित होगी राजस्थानी।  उन्होंने कहा की बेटियो को लेकर सकारात्मक साहित्य रचना समय की मांग हे ,उन्होंने डॉ नखतदान बारहट को बधाई देते हुए समाज हिट का लेखन जारी रखने को ,कहा इस अवसर पर डॉ राजेंद्र सिंह बारहट ने कहा की समाज में नारी शक्ति को कमतर आंकना भूल होगी ,नारी शक्ति के बिना समाज की कल्पना बेमानी हे ,उन्होंने कहा की डिंगल शैली में डीकरी पर सोरठे लिखना चुनौती पूर्ण लेखन हैं ,यह राजस्थानी भाषा के साहित्य में अनूठी पहल हैं ,बारहट ने कहा की बेटियो के प्रति   होगा ,उन्हें आगे बढ़ने के  प्रेरित करणा होगा ,इस अवसर पर लेखक डॉ  ने अपने उदगार दीकरी पर व्यक्त करते हुए कहा की दीकरी पुस्ता उनकी भावनाओ से जुडी हैं ,इक्यासी सोरठों में सम्माहित इस  अपना खास , कहा की राजस्थानी भाषा को  में यह  सहायक सिद्ध हो सकती हैं ,इस अवसर पर पीताम्बर दास सुखानी ,प्रदेश उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी डिंगल कवि मीठा खान मीर ,फकीरा खान ,डीप सिंह रणधा ,भीखदान चारण ,मेगुदान चारण ,महादान सिंह बारहट भादरेश ,अखेदान बारहट ,डॉ लक्ष्मीनारायण जोशी   ,श्रीमती पुष्पा चौधरी रिडमल सिंहदाता  ,मगर सिंह खरा ,नरेश , सुलतान सिंह रेडना ,हिन्दू सिंह तामलोर ,रमेश सिंह इन्दा ,दिग्विजय सिंह चली ,जीतेन्द्र फुलवारिया ,छोटू सिंह राठोड ,डॉ हितेश छंगाणी सहित कई विद्द्वान उपस्थित थे ,

शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2015

आम जनता को झटका, बिजली दरों में इजाफा



भारी घाटे से जूझ रही बिजली कंपनियों ने शुक्रवार को बिजली दरों में बढ़ोतरी कर दी।




राजस्थान विद्युत नियामक आयोग ने इसकी मंजूरी दी है।




बढ़ी हुई बिजली की दरें 1 फरवरी से लागू मानी जाएंगी।




औसतन 86 पैसा प्रति यूनिट यानी 15.89 फीसदी बिजली की दरें बढ़ाई गई है।




घरेलू श्रेणी में 86 पैसा प्रति यूनिट, कृषि श्रेणी में 59 से 72 पैसा प्रति यूनिट, उद्योग श्रेणी में 1.16 रूपए प्रति यूनिट तक दरें बढाने को मंजूरी दी है।




हर बिजली उपभोक्ता पर 69 हजार का कर्ज!




आयोग ने बिजली कंपनियों के कई बढ़ोतरी के प्रस्तावों को खारिज कर दिया है। ऑनलाइन बिल भरने वालों पर चार्ज वसूलने की इजाजत आयोग ने नहीं दी है।




आयोग ने बिजली कंपनियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वह छीजत और चोरी रोकने के लिए एक्शन प्लान बनाए, साथ ही आयोग में याचिका लगाते समय पूरे दस्तावेज लगाने के लिए भी कंपनियों को निर्देश दिए है।