बाड़मेर। देश के सबसे तेजी से बढ़ रहे पेट्रोलियम उत्पादक क्षेत्र थार के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। तेल खोज के बाद उत्पादन और ऊष्मीय तेल पाइपलाइन से तेल परिवहन के बाद केयर्न इंडिया ने अब यहां दुनिया का सबसे बड़ा पॉलीमर फ्लड अभियान शुरू कर दिया है। यह विशेष तकनीक तेल उत्पादन बढ़ाने में सहायता करती है।
केमिकल ईओआर के चलते बाड़मेर के तीन सबसे बड़े तेल क्षेत्रों मंगला, भाग्यम, ऎश्वर्या (एमबीए) से ही पूरे उत्पादन काल में 30 करोड़ बैरल तेल अतिरिक्त उत्पादन की संभावना जताई गई है। तेल उत्पादन शब्दावली में पॉलीमर इंजेक्शन के नाम से जानी जाने वाली इस तकनीक को बाड़मेर से 35 किलोमीटर दूर स्थित तेल भंडार "मंगला" में शुरू किया गया है। सामान्य स्तर पर शुरू की गई इस गतिविधि को धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा।
ऎसी है तकनीक
विशेषज्ञ इसे केमिकल फ्लडिंग या केमिकल ईओआर के नाम से भी जानते हैं। दुनिया के दूसरे हिस्सों में इसे पुराने तेल क्षेत्रों से अधिक तेल उत्पादन करने के लिए कारगर तरीका माना जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान पर्यावरण अनुकूल रासायनिक बहुलक को पानी में मिला कर जैली की तरह गाढ़ा कर लिया जाता है। इस पॉलीमर युक्त पानी को इंजेक्शन कूप के माध्यम से तेल भंडार तक पहुंचाया जाता है।
रंध्र युक्त चट्टानों के बीच स्थित तेल के साथ मिल कर यह दबाव के साथ उसको ऊपर जमीन तक लाने का काम सहज बना देता है। इस तकनीक के उपयोग से हैवी ऑयल का उत्पादन भी सरलतापूर्वक किया जा सकता है। चीन और अमरीका के कुछ क्षेत्रों में यह तकनीक प्रचलित है लेकिन बाड़मेर जितने बड़े भण्डारों और वृहद स्तर पर किया जाने वाला यह विश्व का पहला ईओआर अभियान है।
एमबीए है इसके लिए उचित
थार के "मंगला", "भाग्यम" और "ऎश्वर्या" (एम.बी.ए.) तेल क्षेत्रों में शुरूआती उत्पादन के दौरान ही वहां ईओआर के महत्व का आकलन कर लिया था। इन तेल भंडारों की प्रकृति "ए", तेल की गुणवत्ता और वातावरण का तापमान सभी मिल कर बाड़मेर को पॉलीमर और एल्कलाइन सर्फेक्टेंट पॉलीमर (एएसपी) फ्लडिंग के लिए आदर्श स्थान बनाते हैं। पॉलीमर फ्लड के अगले कदम के रूप में एएसपी पायलट प्रोग्राम मंगला फ ील्ड में शुरू कर दिया गया है तथा कंपनी उसके परिणामों से उत्साहित है। -
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