रविवार, 22 फ़रवरी 2015

बाड़मेर बी ऐ डी पी का पैसा खर्च नही हो पा रहा ,बाड़मेर पिछड़ा

बाड़मेर बी ऐ डी पी का पैसा खर्च नही हो पा रहा ,बाड़मेर पिछड़ा 
सीमा क्षेत्र विकास योजना (बीएडीपी) में विकास कार्यों की राज्य सरकार के स्तर पर हुई सीमाक्षा में बीकानेर जिला राज्य में सबसे निचले स्तर पर है।




राज्य सरकार ने इसी माह बीएडीपी कार्यों की रैंकिंग जारी की है। बीकानेर जिले में इस योजना में अब तक कुल उपलब्ध राशि में से मात्र 26.12 प्रतिशत राशि ही व्यय की जा सकी है।




राज्य के चार जिलों में बीकानेर चौथी रैंक में है। सर्वाधिक राशि व्यय करके जैसलमेर जिला प्रथम स्थान पर है। जैसलमेर में 46.56 प्रतिशत राशि व्यय की गई है।




श्रीगंगनगर व हनुमानगढ़ में 43.41 प्रतिशत व्यय कर दूसरे स्थान पर तथा बाड़मेर में 37.18 प्रतिशत व्यय कर तीसरे स्थान पर है।




सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए केन्द्र सरकार प्रति वर्ष 138 करोड़ रुपए देती है। बीएडीपी में बीकानेर जिले 2009-10 से 2014-15 तक के काम बकाया चल रहे हैं।




जिले में बिजली के 91 काम बकाया चल रहे हैं। वहीं पेयजल योजनाओं के 50 काम वर्षों से लम्बित हैं। खाजूवाला पंचायत समिति में 2010-11 में प्रत्येक ग्राम पंचायतों में स्वीकृत 40-40 हैण्डपंप नहीं बने है।




सीमावर्ती चारों जिलों की सीमा से लगती ग्राम पंचायतों को हर वर्ष 138 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि मिलती है। इस राशि से स्वीकृत काम विभागों की ओर से पूरे नहीं किए जा रहे हैं।

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