गेंद लगने से नहीं हुई ह्यूज की मौत!
सिडनी। ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिलिप ह्यूज की दुखद मौत से जहां क्रिकेट जगत में शोक की लहर है, वहीं दूसरी ओर हर दिन इसमें नए खुलासे हो रहे हैं।
मौत के बाद से ही हर तरफ इस खिलाड़ी की चर्चा हो रही है। ह्यूज को जिस दिन चोट लगी थी अब उसके बारे में एक नया खुलासा हुआ है। ह्यूज को चोट लगने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाने में लापरवाही की बात सामने आ रही है।
इस पूरे मामले में सबकी नजरों में अब वो एंबुलेंस आ गई है। ऎसा कहा जा रहा है कि अगर एंबुलेंस ने थोड़ी जल्दी दिखाई होती तो ह्यूज की जान बचाई जा सकती थी।
तस्वीरों में देखें : हमेशा से रही है क्रिकेटरों और गेंद की दुश्मनी
ऑस्ट्रेलियाई समाचार पत्र सिडनी मॉर्निग हेराल्ड के मुताबिक क्रिकेट ग्राउंड में चोटिल होकर गिरे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिलिप के लिए एंबुलेंस 15 मिनट की देरी से पहुंची, यही नहीं उन्हें बुलाने के लिए दो बार फोन करना पड़ा।
खबर के मुताबिक फिलिप के चोटिल होने के 6 मिनट बाद स्थानीय समयानुसार 2.29 बजे एंबुलेंस के लिए पहला फोन किया गया था। जब एंबुलेंस नहीं पहुंची तो 8 मिनट बाद 2.37 बजे एक बार फिर फोन किया गया।
न्यू साउथ वेल्स एंबुलेस ने तब पास के प्रिंसेस ऑफ वेल्स हॉस्पिटल के क्रू को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड भेजा। यह एंबुलेंस करीब 7 मिनट बाद 2.44 बजे मैदान पर पहुंची, यानी कि एंबुलेंस को किए पहले फोन कॉल के 15 मिनट बाद।
आपको बता दें कि सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में मैच के दौरान सिर में बाउंसर लगने से घायल हुए 25 वर्षीय बल्लेबाज ह्यूज ने दो दिन जिंदगी की जंग लड़ने के बाद गुरूवार को हार मान ली और वह दुनिया को अलविदा कह गए।
खबर के मुताबिक पहले फोन कॉल के जवाब में भेजी गई एंबुलेंस 23 मिनट बाद 2.52 बजे पहुंची। जबकि सिडनी में जब भी पेशेंट की जान खतरे में होती है तो एंबुलेंस फोन करने के औसतन 7.65 मिनट में ही पहुंच जाती है।
ह्यूज के चोटिल होकर गिरने के वक्त से ही न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) टीम के डॉक्टर जॉन ऑर्कार्ड उनके साथ थे और उन्हें सीपीआर और वेंटिलेटिंग दे रहे थे। फिल को 3.30 बजे सेंट विंजेट अस्पताल लाया गया जहां करीब 4.15 बजे ही उनकी इमर्जेसी सर्जरी की गई ताकि सर के अंदर हुई ब्लीडिंग से दिमाग को सुरक्षित किया जा सके, इसके बाद से ही वे कोमा में चले गए थे।
इस देरी को लेकर कमिश्नर क्रीन के ऑफिस ने दो बयान जारी किए लेकिन दोनों ही अलग अलग बयान थे। सुबह 8 बजे से पहले उन्होंने पहला बयान जारी किया जिसमें कहा कि पैरामैडिक्स ट्रिपल-0 पर फोन मिलने के 8 मिनट में ही मैदान पर पहुंच गए थे।
बयान में लिखा गया है कि एनएसडब्ल्यू एंबुलेंस को 2.37 बजे फोन आया और एंबुलेंस 2.44 बजे पहुंच चुकी थी, लेकिन इसके बाद शाम 5 बजे के करीब दूसरे बयान में कहा गया कि सिडनी क्रिकेट ग्राउंड से दो फोन आए थे और पहला फोन 2.37 बजे नहीं 2.29 बजे आया था। इस बयान से वो खुद ही सवालों के घेरे में आ गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री जिलियन स्कीनर ने कहा है कि वो इस मामले पर रे क्रीन से जवाब चाहेंगी।
मौत के बाद से ही हर तरफ इस खिलाड़ी की चर्चा हो रही है। ह्यूज को जिस दिन चोट लगी थी अब उसके बारे में एक नया खुलासा हुआ है। ह्यूज को चोट लगने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाने में लापरवाही की बात सामने आ रही है।
इस पूरे मामले में सबकी नजरों में अब वो एंबुलेंस आ गई है। ऎसा कहा जा रहा है कि अगर एंबुलेंस ने थोड़ी जल्दी दिखाई होती तो ह्यूज की जान बचाई जा सकती थी।
तस्वीरों में देखें : हमेशा से रही है क्रिकेटरों और गेंद की दुश्मनी
ऑस्ट्रेलियाई समाचार पत्र सिडनी मॉर्निग हेराल्ड के मुताबिक क्रिकेट ग्राउंड में चोटिल होकर गिरे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर फिलिप के लिए एंबुलेंस 15 मिनट की देरी से पहुंची, यही नहीं उन्हें बुलाने के लिए दो बार फोन करना पड़ा।
खबर के मुताबिक फिलिप के चोटिल होने के 6 मिनट बाद स्थानीय समयानुसार 2.29 बजे एंबुलेंस के लिए पहला फोन किया गया था। जब एंबुलेंस नहीं पहुंची तो 8 मिनट बाद 2.37 बजे एक बार फिर फोन किया गया।
न्यू साउथ वेल्स एंबुलेस ने तब पास के प्रिंसेस ऑफ वेल्स हॉस्पिटल के क्रू को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड भेजा। यह एंबुलेंस करीब 7 मिनट बाद 2.44 बजे मैदान पर पहुंची, यानी कि एंबुलेंस को किए पहले फोन कॉल के 15 मिनट बाद।
आपको बता दें कि सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में मैच के दौरान सिर में बाउंसर लगने से घायल हुए 25 वर्षीय बल्लेबाज ह्यूज ने दो दिन जिंदगी की जंग लड़ने के बाद गुरूवार को हार मान ली और वह दुनिया को अलविदा कह गए।
खबर के मुताबिक पहले फोन कॉल के जवाब में भेजी गई एंबुलेंस 23 मिनट बाद 2.52 बजे पहुंची। जबकि सिडनी में जब भी पेशेंट की जान खतरे में होती है तो एंबुलेंस फोन करने के औसतन 7.65 मिनट में ही पहुंच जाती है।
ह्यूज के चोटिल होकर गिरने के वक्त से ही न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) टीम के डॉक्टर जॉन ऑर्कार्ड उनके साथ थे और उन्हें सीपीआर और वेंटिलेटिंग दे रहे थे। फिल को 3.30 बजे सेंट विंजेट अस्पताल लाया गया जहां करीब 4.15 बजे ही उनकी इमर्जेसी सर्जरी की गई ताकि सर के अंदर हुई ब्लीडिंग से दिमाग को सुरक्षित किया जा सके, इसके बाद से ही वे कोमा में चले गए थे।
इस देरी को लेकर कमिश्नर क्रीन के ऑफिस ने दो बयान जारी किए लेकिन दोनों ही अलग अलग बयान थे। सुबह 8 बजे से पहले उन्होंने पहला बयान जारी किया जिसमें कहा कि पैरामैडिक्स ट्रिपल-0 पर फोन मिलने के 8 मिनट में ही मैदान पर पहुंच गए थे।
बयान में लिखा गया है कि एनएसडब्ल्यू एंबुलेंस को 2.37 बजे फोन आया और एंबुलेंस 2.44 बजे पहुंच चुकी थी, लेकिन इसके बाद शाम 5 बजे के करीब दूसरे बयान में कहा गया कि सिडनी क्रिकेट ग्राउंड से दो फोन आए थे और पहला फोन 2.37 बजे नहीं 2.29 बजे आया था। इस बयान से वो खुद ही सवालों के घेरे में आ गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री जिलियन स्कीनर ने कहा है कि वो इस मामले पर रे क्रीन से जवाब चाहेंगी।