बांसवाड़ा। रमिला ने निभाया बहन का फर्ज
बांसवाड़ा। उपला घंटाला गांव की 19 साल की रमिला ने पिता की मौत और मां के छोड़ जाने के बाद मजदूरी कर भाई-बहनों का भरण-पोषण किया।
जब उसकी शादी की बात आई तो उसने पति पिन्टू व ससुराल पक्ष के लोगों से शादी के बाद भी अपने पीहर में रहकर छोटे भाई-बहनों की जिम्मेदारी निभाने की बात कही। इस पर ससुराल वालों ने भी उसके इस निर्णय को सराहा।
बहन ने निभाया फर्ज
रमिला के 7 से 16 वर्ष उम्र की दो बहनें एवं तीन भाई है। रमिला जब 13 वर्ष की थी, तब से इनकी देखभाल कर रही है। मजदूरी से मिलने वाली आय से अपने भाई-बहनों की हर जरूरत पूरी करने के साथ ही उन्हें योग्य बनाने की तमन्ना भी है।
प्यारी बेटी
-शादी के बाद भी पीहर में रहने का फैसला
-पांच भाई-बहनों की उठा रही जिम्मेदारी
जब उसकी शादी की बात आई तो उसने पति पिन्टू व ससुराल पक्ष के लोगों से शादी के बाद भी अपने पीहर में रहकर छोटे भाई-बहनों की जिम्मेदारी निभाने की बात कही। इस पर ससुराल वालों ने भी उसके इस निर्णय को सराहा।
बहन ने निभाया फर्ज
रमिला के 7 से 16 वर्ष उम्र की दो बहनें एवं तीन भाई है। रमिला जब 13 वर्ष की थी, तब से इनकी देखभाल कर रही है। मजदूरी से मिलने वाली आय से अपने भाई-बहनों की हर जरूरत पूरी करने के साथ ही उन्हें योग्य बनाने की तमन्ना भी है।
प्यारी बेटी
-शादी के बाद भी पीहर में रहने का फैसला
-पांच भाई-बहनों की उठा रही जिम्मेदारी
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