मंगलवार, 16 सितंबर 2014

हैरतअंगेज मामला: जब महिला ने पुरुष का हाथ-पैर बांधकर किया रेप...!

अमेरिका: पुरुष के साथ रेप होने का एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है। अंग्रेजी वेबसाइट डेली मेल की खबर के मुताबिक अमेरिका के सिएटल में 26 साल की एक महिला पर एक पुरुष के घर में घुसकर उसके हाथ-पैर बांधकर बलात्कार करने का आरोप लगा है। पीड़ित पुरुष ने इसकी शिकायत कोर्ट में की है।
हैरतअंगेज मामला: जब महिला ने पुरुष का हाथ-पैर बांधकर किया रेप...!

बताया जाता है कि जिस महिला ने उसके साथ रेप किया है वह साथ वाले अपार्टमेंट में रहती है। पीड़ित ने महिला के बारे में यह भी बताया है कि वह ड्रग लेने की आदी है। घटना के पहले पीड़ित ने एक जन्मदिन की पार्टी में हिस्सा लिया था। वापस लौटकर थकान से चूर होकर वह गहरी नींद में सो चुका था। जब रात के दो बजे उसकी नींद अचानक खुली तो उसने पाया कि उसके हाथ-सर की तरफ बंधे हुए हैं और आरोपी महिला उसके उपर चढ़ी हुई है।

काफी मशक्कत के बाद पीड़ित किसी तरह आरोपी महिला के चंगुल से आजाद होकर सीधा मेडिकल टेस्ट करवाने और शिकायत करने पहुंचा। आरोपी महिला ने इन आरोपों से इंकार किया है। उसने कहा है कि उसे ऐसा कुछ भी याद नहीं है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

मांगने आई थी दुआ बदले में मिला ऐसा दर्द कि...

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक महिला से बाबा द्वारा शर्मनाक हरकत करने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार बेलमुंडी गांव में एक मोहम्मद अली खान (75 वर्ष) नाम का बाबा रहता है। वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। पिछले कुछ सालों में वह एक चुचुहियापारा गणेश नगर की एक मस्जिद में रहता है। वह आस-पास के लोगों के घरों में जाकर झाड़-फूंक का काम करता है और ताबीज भी बेचता है। मांगने आई थी दुआ बदले में मिला ऐसा दर्द कि...
दरअसल शनिवार की दोपहर को वह बाबा बेलमुंडी गया था। वहां वह एक व्यक्ति के घर में बैठ गया और उसके घरवालों को ताबीज दिखाने लगा। इस परिवार की 35 वर्षीय एक महिला का 16 साल का बेटा है। इसके बाद उसके कोई बच्चा नहीं हुआ। बाबा पर भरोसा कर उसने संतान के लिए दवा मांगी। इसी दौरान बाबा ने कहा कि उसका अकेले में इलाज करना पड़ेगा। कमरे में मौजूद लोगों को बाबा ने बाहर जाने को कहा। इसके बाद उसने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और इलाज के बहाने महिला से छेड़खानी करनी शुरू कर दी। 

इसी दौरान महिला के जेठ का बेटा घर पहुंचा। दरवाजा बंद देखकर उसे शक हुआ। वह सीधे छत के कमरे में गया। वहां से नीचे वाले कमरे की सीढ़ी के सहारे नीचे उतरा तो उसने देखा कि बाबा उसकी चाची से छेड़खानी कर रहा था। उसने धीरे से दरवाजा खोला और घर के बाकी सदस्यों को बुला लिया। बाबा की पोल खुलने पर परिजनों ने उसकी जमकर पिटाई की। बाद में उन्होंने बाबा को पुलिस के हवाले कर दिया।

दो प्राइवेट पार्ट्स के साथ पैदा हुई ये बच्ची !

नई दिल्ली: इस विदेशी बच्ची जिसको दिल्ली के अस्पताल में भर्ती करवाया गया। इस बच्ची के बारे में सुनकर आप हैरान रह जाएंगे कि जिसके मेल और फीमेल दोनों प्राइवेट पार्ट विकसित हो रहे थे।
जी हां, यह बच्ची नाईजीरिया की एक 15 माह की है। डॉक्टरों ने बच्ची के प्राइवेट पार्ट्स की सर्जरी कर शारीरिक विकृति से मुक्ति दिलाई है। जेनेटिक डिस्ऑर्डर की वजह से बच्ची के प्राइवेट पार्ट्स की जगह महिला और पुरुष दोनों के अंग विकसित हो गए थे।डाक्टरों ने सर्जरी कर पुरुष के निजी अंग को हटाया गया और बच्ची के प्राइवेट पार्ट्स की रि-कंस्ट्रक्टिव सर्जरी की गई।

 दो प्राइवेट पार्ट्स के साथ पैदा हुई ये बच्ची !
इसकी जानकारी के मुताबिक बच्ची अभी पूरी तरह से सुरक्षित है और स्वस्थ है। डॉ. वैशाखी रस्तगी ने बताया कि किडनी के उपर एड्रिनल ग्लैंड होती है जो शरीर में ग्लूकोज, ब्लड प्रेशर और हॉरमोन्स को मेंटेन करता है। जेनेटिक डिस्ऑडर की वजह से बच्ची कॉर्टिसोल, एलडोस्ट्रोन में ब्लॉकेज था। इसकी वजह से सारा हॉरमोन्स सीधे टैस्टोस्ट्रोन में जा रहा था। इसकी वजह से कई बार गर्ल चाईल्ड में पुरुष के अंग विकसित हो जाते हैं। भारत जैसे देश में भी पांच से छह हजार बच्चों में से एक में इस तरह की समस्या आती है।

आज भी हो सकते हैं हनुमान जी के साक्षात दर्शन जानें कैसे


शास्त्रों में हनुमान जी के जन्म को लेकर अलग-अलग मत हैं। एक मतानुसार हनुमान के जन्म की तिथि कार्तिक कृष्ण अमावस्या अर्थात दीपावली को मानते हैं तो दूसरे मतानुसार हनुमान जी का जन्म चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। उत्तर भारत में हनुमान जी का जन्मोत्सव चैत्र माह की पूर्णिमा को ही मनाया जाता है। हनुमान कलयुग के जन देवता हैं। ऐसी धारणा है कि वह आज भी अपने निष्ठावान भक्तों को दर्शन देते रहते हैं।

राम भक्ति से मिला वरदान: एकादश रुद्रावतार हनुमान जी प्रभु श्री राम के अनन्य भक्त हैं। इसका प्रमाण यह है कि लंका विजय पश्चात हनुमान जी ने प्रभु श्री राम से सदा निश्छल भक्ति की याचना की थी। प्रभु श्री राम ने उन्हें अपने हृदय से लगा कर कहा था, “हे कपि श्रेष्ठ ऐसा ही होगा, संसार में मेरी कथा जब तक प्रचलित रहेगी, तब तक आपके शरीर में भी प्राण रहेंगे तथा आपकी कीर्ति भी अमिट रहेगी। आपने मुझ पर जो उपकार किया है, उसे मैं चुकता नहीं कर सकता।”



रामचरितमानस का उल्लेख: भगवान श्री राम द्वारा चिरकाल तक जीवित रहने का आशीर्वाद प्राप्त करने के बाद हनुमान जी ने प्रभु श्री राम से कहा, “हे प्रभु जब तक इस संसार में आपकी पावन कथा का प्रचार होता रहेगा, तब तक मैं आपकी आज्ञा का पालन करते हुए इस पृथ्वी पर जीवित रहूंगा। ”

रामचरित मानस में भी ये उल्लेख मिलता है कि प्रभु श्रीराम ने हनुमान जी को ऐसा ही आशीष दिया था। रामचरितमानस के अनुसार श्री राम ने हनुमान जी से कहा था, “हे हनुमान तुम्हारी तुलना में कोई भी उपकारी देवता, मनुष्य अथवा मुनि भी शरीरधारी पृथ्वी पर विचरित नहीं है।”

श्री राम के वचन सुनकर और उनके प्रसन्न मुख तथा पुलकित अंगों को देखकर हनुमान हर्षित हो जाते हैं और प्रेम में विकल होकर श्री राम के चरणों में गिर पड़ते हैं। हनुमान को उठाकर श्री राम हृदय से लगा लेते हैं और अत्यंत निकट बैठा लेते हैं। फिर हनुमान कहते हैं कि,“हे नाथ, मुझे अत्यंत सुख देने वाली अपनी निश्छल भक्ति कृपा करके वरदान में दीजिए। हनुमान की अत्यंत सरल वाणी सुनकर तब प्रभु श्री रामचंद्र 'एवमस्तु' कहकर उन्हें आशीष देते हैं।“

माता सीता से भी मिला अमृत्व का वरदान: जनक नंदनी माता सीता ने भी हनुमान जी को अमृत्व का वरदान दिया था। अशोक वाटिका में भक्ति, प्रताप, तेज और बल से सनी हुई हनुमान की वाणी सुनकर माता सीता के मन में संतोष हुआ था। माता सीता ने हनुमान जी को श्री राम का प्रिय जानकर उन्हें आशीर्वाद देते हुए कहा था, “हे पुत्र! भविष्य में तुम बल और शील के निधान होगे। तुम सैदेव अजर, अमर और गुणों का खजाना बने रहोगे। श्री रघुनाथ तुम पर कृपा करें।”

भगवान राम ने दिया वरदान: राम चरित्र मानस में ऐसा वर्णित है कि एक बार हनुमान जी प्रभु श्री राम की सेवा में प्रस्तुत थे। भगवान राम ने उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर कहा, “हनुमान मैं तुमसे बहुत प्रसन्न हूं जो चाहो वर मांग लो। जो वर देवताओं को भी दुर्लभ होता है वह मैं तुम्हें अवश्य दूंगा।”

हनुमान भगवान के चरणों पर गिर पड़े और कहा, “हे प्रभु आपके नाम स्मरण करने पर मेरा मन तृप्त नहीं होता है। अत: मेरी मनोकामना यही है कि जब तक आपका नाम इस ब्रहमांड में रहे तब तक मेरा शरीर भी इस धरा पर विद्यामान रहे।”

इस पर श्रीराम ने कहा, “ऐसा ही होगा हनुमान। आप जीवन मुक्त हो कर संसार में सुखपूर्वक रहें।”

जानें किस श्राप के कारण हनुमान जी का बल एवं तेज कम हो गया

हनुमान जी ने भूख से व्याकुल होकर भगवान सूर्य नारायण को आम समझ कर निगल लिया तो उनको कैद से मुक्त करवाने के लिए इन्द्र ने अपने वज्र से हनुमान जी पर तेज प्रहार किया। वज्र के तेज प्रहार से हनुमान का मुंह खुल गया और वह बेहोश होकर पृथ्वी पर गिर पड़े। सूर्य नारायण शीघ्रता से बाहर आ गए।

अपने पुत्र की यह दशा देख हनुमान के धर्म पिता वायुदेव को क्रोध आ गया। उन्होंने उसी समय अपनी गति रोक ली। तीनों लोकों में वायु का संचार रूक गया। वायु के थमने से कोई भी जीव सांस नहीं ले पा रहे थे और पीड़ा से तड़पने लगे। उस समय समस्त सुर, असुर, यक्ष, किन्नर आदि ब्रह्मा जी की शरण में गए। ब्रह्मा जी उन सभी को अपने साथ लेकर वायुदेव की शरण में गए।



वे मूर्छित हनुमान को गोद में लेकर बैठे थे और उन्हें उठाने का हर संभव प्रयास कर रहे थे। ब्रह्मा जी ने उन्हें जीवित कर दिया तो वायुदेव ने अपनी गति का संचार करते हुए सब प्राणियों की पीड़ा दूर की।

तत्पश्चात जगत पिता ब्रह्मा ने हनुमान जी को वर दिया कि," उन्हें कभी ब्रह्मशाप नहीं लगेगा।"

भगवान इन्द्र ने हनुमान जी के गले में कमल की माला पहनाई और कहा की," मेरे वज्र के प्रहार से तुम्हारी ठुडी टूट गई है आज से आपका नाम हनुमान होगा और वज्र सी कठोर आपकी काया होगी।"

वरुण देव ने कहा की," यह बालक जल से सदा सुरक्षित रहेगा।"

यमदेव ने कहा, " इस बालक को कभी कोई रोग नहीं सताएगा और मेरे दण्ड से मुक्त रहेगा।"

कुबेर ने कहा कि," यह बालक युद्ध में विषादित नहीं होगा एवं राक्षसों से भी पराजित नहीं होगा।"

विश्वकर्मा ने कहा कि," यह बालक मेरे द्वारा बनाए गए शस्त्रों और वस्तुओं से सदा सुरक्षित रहेगा।"

ब्रह्मा जी ने पवन देव को कहा," आपका ये पुत्र शत्रुओं के लिए भयंकर और मित्रों के लिए अभयदाता बनेगा और इच्छानुसार स्वरुप पा सकेगा। जहां जाना हो वहां जा सकेगा। उसको कोई पराजित नहीं कर पाएगा ऐसा असिम यशस्वी होगा और संसार में अदभुत कार्य करेगा।"

भगवान सूर्य ने हनुमान जी को अपना तेज प्रदान किया और उन्हें अपने शिष्य के रूप में स्वीकार कर समस्त वेदशास्त्र, उपशास्त्र का सविधि ज्ञान दिया।

बाल्यावस्था में हनुमान जी बहुत चंचल और नटखट स्वभाव के थे। इसके अतिरिक्त उन्होंने ऐसी बहुत सी लीलाएं की जो उनकी उम्र के बालकों के लिए संभव न थी। बहुत बार ऐसा होता वह ऋषियों-मुनियों के आश्रम में पहुंच जाते और अपने बालपन कि नादानी में कुछ ऐसा कर जाते जिससे उनकी तपस्या में विध्न पड़ता।

समय के साथ-साथ उनकी नादानियां बढ़ती चली गई। इस वजह से उनके माता-पिता के साथ-साथ भी ऋषि-मुनि भी चिंतित थे। एक दिन उनके माता-पिता ऋषियों-मुनियों के आश्रम में गए और उनसे कहा की," हमें यह बालक कठोर तप के प्रभाव से प्राप्त हुआ है । आप उस पर अनुग्रह करो एसी कृपा करो की जिससे उसकी नादानियों में परिवर्तन आ जाए।"

ऋषियों-मुनियों ने आपस में विचार-विम्रश करके यह निर्णय लिया कि अगर बालक हनुमान अपनी शक्तियों को भूल जाएं तो उनकी नादानियों पर अंकुश लग सकता है और उनका हित भी उसी में समाहित है।

ऋषियों-मुनियों ने हनुमान जी को श्राप दिया की,"आप अपने बल और तेज को सदा के लिए भुल जाएं लेकिन जब कोई आपको आपकी कीर्ति और बल से अवगत कराएगा तभी आप का बल बढ़ेगा।"

इस श्राप के कारण हनुमान जी का बल एवं तेज कम हो गया और वह सौम्य स्वभाव से र्निवाह करने लगे।

सोमवार, 15 सितंबर 2014

एक "परिवर्तित" पति, जिसकी हिंदू और मुस्लिम पत्नियां - -



भोपाल। एक हिंदू महिला ने एक मुस्लिम महिला पर उसके पति से शादी करने और उसका धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाया है। हिंदू महिला इसे "लव जिहाद" का मामला बताया। हिंदू महिला इसके बावजूद अपने पति से तलाक नहीं लेना चाहती हैं। ऎसे में पति ने हिंदू पत्नी के समक्ष एक प्रस्ताव रखा जिसमें उन्होंने दोनों पत्नियों के साथ समय बांटने की बात कहीं।
A ‘converted’ husband and his Hindu and Muslim wives
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, भोपाल की रहने वाली अमृता आडवाणी ने राज्य महिला आयोग से इस बाबत शिकायत की है। आडवाणी का आरोप है कि उसके पति अमित (28) को फिरदौस (35) नाम की मुस्लिम महिला ने महंगे गिफ्ट देकर अपनी ओर आकर्षित कर लिया। अमृता आडवाणी ने बताया कि उनके पति अमित और मुस्लिम महिला फिरदौस उनकी 4 साल की बेटी को लेकर 25 जून को गायब हो गए जबकि फिरदौस को पिछली शादी से एक बेटा भी है।

आडवाणी ने पुलिस से संपर्क किया, लेकिन उसकी शिकायत दर्ज नहीं की गई। आडवाणी पर अपनी चार की साल की बेटी के अपहरण का मुकदमा दर्ज कराना चाहती थीं। पुलिस को शिकायत दर्ज कराई की उनकी चार साल की बेटी अपने पिता के साथ गई है, जिसके बाद लापता होने की रिपोर्ट दर्ज की गई।

अमृता ने इसे "लव जिहाद" का मामला बताते हुए महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया। महिला आयोग ने पुलिस को इस मामले की छानबीन करने को कहा। आयोग का कहना है कि अगर यह महज प्रेम प्रसंग का मामला भी है, तो भी अमित को अपने साथ बेटी को नहीं ले जाना चाहिए था।

पुलिस ने जब अमित और फिरदौस की छानबीन शुरू की तो पता चला कि 25 जून के बाद अमित और फिरदौस ने अहमदाबाद के करीब सरखेज इलाके के एटीएम से तीन बार पैसे निकाले है। अमृता के मुताबिक, उसके पति ने उसकी चार साल की बेटी का भी धर्म परिवर्तन करवा दिया। अमित और फिरदौस अहमदाबाद के करीब सारखेज में एक किराए के मकान में रह रहे थे। पुलिस इन दोनों को शुक्रवार को भोपाल ले आई। इनके साथ इनके बच्चे भी थे। एसपी अरविंद सक्सेना के मुताबिक, बच्ची को उसकी मां को सौंप दिया गया। हालांकि, अमित और फिरदौस के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है।

यह मामला भोपाल महिला पुलिस थाने को सौंप दिया गया है। जहां अमृता, अमित और फिरदौस में सुलह की कोशिश की जा रही है। काउंसलर रीता तुली ने बताया कि अमित उर्फ आयाज खान अपनी दोनों पत्नियों के साथ समय बिताना चाहते हैं, लेकिन अमृता इसके लिए तैयार नहीं है। उसके वकील के मुताबिक, अमृता ने इस प्रस्ताव के लिए दो दिन का समय मांगा है।



 

ऎसे करें फेसबुक पर कैंडी क्रश की रिक्वेस्ट को ब्लॉक -

आप में से कई लोग "कैंडी क्रश" गेम का नाम सुनकर ही मुंह बना लेते होंगे तो कुछेक फेसबुक पर कैंडी क्रश के नोटिफिकेशन और रिक्वेस्ट से परेशान होंगे। केवल कैंडी क्रश ही ऎसा गेम नहीं जो आपकी रातों की नींद उड़ा देता हों, ऎसे कई दूसरे गेम भी हैं जिनके नोटिफिकेशन फेसबुक के लॉगइन करते ही आने शुरू हो जाते है। अगर आप इन नोटिफिकेशन से छुटकारा पाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अकांउट में कुछेक सेटिंग करनी होगी। इसके बाद आपको कैंडी क्रश जैसे कई दूसरे गेम की रिक्वेस्ट आना बंद हो जाएगी।
How to block candy crush games on facebook


 जानिए कैसे करें कैंडी क्रश गेम्स के नोटिफिकेशन को बंद, इसके आलवा चाहते तो उसे गेम को ब्लॉक भी कर सकते हैं।
ऎसे करें नोटिफिकेशन को बंद
1. सबसे पहले अपना फेसबुक एकाउंट लॉग इन करें।
2. फेसबुक अकाउंट लॉग इन करने के बाद अगर आपको अकाउंट में गेम की कोई रिक्वेस्ट दिख रही है तो उस पर क्लिक करें। इसके बाद एक्स सिंबल पर क्लिक करके उस गेम को ब्लॉक कर सकते हैं।
ऎसे करें गेम को पूरी तरह से ब्लॉक
1. सबसे पहले फेसबुक पेज पर लॉग इन करें।
2. इसके बाद ऊपर की ओर दिए गए "प्राइवेसी सार्टकट" सेटिंग ऑप्शन में क्लिक करें, इसमें नीचे की ओंर आपको "सी मोर सेटिंग में जाकर क्लिक करें।
3. "सी मोर सेंटिग" में जाने के बाद "ब्लॉक्ड" ऑप्शन पर क्लिक करें और जिसे ऎप को या फिर पेज के अलावा अगर कोई भी चीज ब्लॉक करना चाहते हैं तो उसका नाम लिखकर उसे ब्लॉक कर सकते हैं।  

खाप पंचायत का फरमान: दो से ज्यादा बच्चे पैदा ना करो

शामली। उत्तरप्रदेश के शामली जिले में खाप पंचायत ने दो से ज्यादा बच्चे पैदा ना करने का फरमान जारी किया है। यह यूपी का वही जिला है जहां पिछले साल सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी। खाप पंचायत ने 40 गावों में रहने वालों को फरमान जारी कर कहा है कि वे दो से ज्यादा बच्चे पैदा ना करे। खाप पंचायत के नेता का कहना है कि खाप पंचायत के इस फरमान का दोनों समुदायों ने स्वागत किया है। ज्यादा बच्चे होने से गरीबी और पिछड़ापन फैलता है। इसलिए हमने 40 गावों वालों के दोनों समुदायों के लोगों को कहा गया है कि अगर संभव है कि दो बच्चों की नीति को फोलो करें।Khap Panchayat Asks Villages to Follow Two-Child Limit
शामली और मुजफ्फरनगर में पिछले साल सितंबर में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी, जिसमें 60 लोगों की मौत हो गई और 10 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गई थी। हालांकि जिले के कुछ गांवों में सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई। जिस इलाके में यह फरमान जारी किया गया है कि वहां अधिकत्तर जाट और मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। जाट जहां जमिंदार हैं वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग गरीब किसान रहते हैं।

खाप पंचायत के फैसले से जहां कई लोग सहमत हैं वहीं कुछ लोग आशंकित नजर आ रहे हैं। एक महिला का कहना है कि वह जब तक बच्चे पैदा करती रहेगी जब तक बेटा नहीं होता। खाप पंचायत का पहला फरमान है जो कि समाज को ध्यान में रखते हुए दिया गया है, अक्सर ये विवादित फरमान ही जारी करती हैं।



 

15 दिन में किए 7 कत्ल, 3 महिलाओं की लूटी अस्मत

चेन्नई। पुलिस ने एक ऎसे सीरियल किलर को गिरफ्तार किया है, जिसने 15 दिनों में 7 लोगों का बेरहमी से कत्ल कर दिया। उनमें दो साल की एक बच्ची और 5 महिलाएं शामिल थीं। उस दौरान उसने 3 महिलाओं को अपनी हवस का शिकार भी बनाया था।
salem police arrests serial killer who killed 7 people in 15 days

तमिलनाडु के सलेम जिले की पुलिस ने इस सीरियल किलर को शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया।

जांच अधिकारी ने बताया कि 27 वर्षीय सुब्बारायण एक ट्रक ड्राइवर है। उसने सलेम, अरियालुर और त्रिची जिले में इन वारदातों को अंजाम दिया है।

पुलिस ने बताया कि वह अकेली रहने वाली महिलाओं को अपना शिकार बनाता था। पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या और तीन महिलाओं से रेप का मामला दर्ज किया है।

17 साल की उम्र में घर से भागा
पुलिस ने बताया कि उसने पूछताछ मेे हत्या और रेप की बात कबूल की है। उसने बताया कि वह एक टूटे मकान में रहता था जहां उसकी सौतेली मां उसको प्रताडित करती थी। उसके पिता ने तीन शादियां की थीं, उन्होंने कभी बीच बचाव नहीं किया। इस पर वह 17 साल की उम्र में घर से फरार हो गया और ट्रक पर काम करने लगा। फिर ट्रक चलाना सीख गया।

2012 में किया पहला कत्ल
उसने बताया कि उसने सबसे पहला कत्ल 2012 में एक बुजुर्ग महिला का किया था। एक महीने पहले तक वह सलेम सेंट्रल जेल में था, तब उसको जमानत मिल गई। उसके बाद उसने 20 अगस्त को सलेम जिले में ही एक 45 साल की महिला से रेप किया और फिर उसे मार डाला। उसके घर से 10000 रूपए लेक र भाग निकला।

रेप के बाद बेरहमी से कत्ल
फिर उसने अगले दिन त्रिची जिले में एक बुजुर्ग महिला का कत्ल किया और एक हजार रूपए उसके ले लिए। 8 दिन तक शांत रहने के बाद वह 29 अगस्त को अरियालुर जिले मेें दो महिलाओं की हत्या की। जिसमें उसने एक महिला से रेप किया था और उसके 900 रूपए ले लिए थे।

अरियालुर जिले में 5 सितंबर को उसने एक ही परिवार के तीन सदस्यों को मार डाला, जिसमें दो साल की एक बच्ची भी शामिल थी। 25 वर्षीय महिला के पति की हत्या के बाद उसने उससे रेप किया था और फिर उसे भी मार डाला था। उस दरिंदे ने बच्ची के सिर को दीवार से टकराकर मार डाला था।

पुलिस ने उस दरिंदे पर सात लोगों की हत्या और 3 महिलाओं से रेप का मामला दर्ज किया है।
 
 

फेसबुक पर बनाई मां के लिए ठुकराए सगे मां-बाप

नई दिल्ली। सोशल मीडिया का असर किसी पर इतना ज्यादा हावी हो सकता है कि वह अपने असली मां-बाप को ही भूल जाए।

a person discards his own parents for a facebook mother

बरेली में एक ऎसा ही मामला सामने आने के बाद से ही लोग हैरान हैं।

20 साल के विजय मौर्य की फेसबुक पर केरल की एक महिला से मुलाकात हुई। दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला महीनों चला।

अब हालत यह है कि लाख समझाने के बाद भी यह युवक फेसबुक `मॉम` के लिए असली मां-बाप को छोड़ने पर अड़ा है।

विजय के पिता बृजेश कहते हैं कि उनका बेटा पिछले महीने घर से गायब हो गया। उसके बैंक खाते में 22,000 रूपये भी जमा हुए थे।

28 दिनों के बाद घर वापस लौटने पर विजय ने बताया कि वह अपनी `फेसबुक मॉम` से मिलने गया था।

केरल के त्रिवेंद्रम में रहने वाली यह महिला नर्स है जो इस वक्त बहरीन में काम करती है। बीते शुक्रवार को यह महिला भी अपने फेसबुक `बेटे` को साथ ले जाने बरेली पहुंच गई थी।

हालांकि, विजय को फिलहाल जैसे-तैसे रोका गया है जो इस महिला के साथ जाने की जिद पर अड़ा है। -   

सांई समर्थकों ने करा शंकराचार्य पर हमला!

रायपुर। शिडी के सांई के समर्थकों पर बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द को छात्तीसगढ के धमतरी में राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार रात हुई सड़क दुर्घटना में उन्हें मारने का प्रयास करने का आरोप लगा है। इस सड़क दुर्घटना की सोमवार को धमतरी जिले कि कुरूद थाने में दर्ज करवाई गई प्राथमिकी में यह आरोप लगाते हुए अज्ञात सांई समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है।
devotees of shirdi sai baba and swaroopanand clash in chhattisgarh

दुर्घटना में घायल शंकराचार्य के काफिले में चल रहे महंत रामानन्द ने बताया कि सांई समर्थकों ने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द को लक्ष्य रखकर उनके वाहन से अपना वाहन टकराने की कोशिश की थी पर काफिले में चल रहे दूसरे वाहन से उसकी टक्कर हो गई। शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी राजेश जोशी ने बताया कि स्वामी स्वरूपानन्द रविवार रात धमतरी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर रायपुर आश्रम वापस आ रहे थे कि कुरूद के पास विपरीत दिशा से तेज गति से आ रहे वाहन को शंकराचार्य के वाहन से टकराने की कोशिश की गई लेकिन वह काफिले में तीसरे नम्बर पर चल रहे वाहन से जा टकराया।

उन्होंने बताया कि इस घटना में दो लोगों को चोटे आई जिनका रायपुर में लाकर प्राथमिक उपचार करवाया गया। घायल लोगों ने सोमवार को कुरूद थाने जाकर प्राथमिकी दर्ज करवाई गई। उन्होंने आरोप लगाया कि बीती रात हुई सड़क दुर्घटना एक सामान्य दुर्घटना नहीं है और इसके पीछे शंकराचार्य को मारने की सांई समर्थकों की बड़ी साजिश है।

जोशी ने आरोप लगाया कि शंकराचार्य पर गंभीर खतरे के बावजूद उन्हे छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सुरक्षा में रविवार को लापरवाही हुई उसके कारण ही साजिश के तहत वाहन टकरा कर शंकराचार्य को मारने का असफल प्रयास किया गया। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य को पहले से ही जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। सांई विवाद के बाद केन्द्र ने उनकी सुरक्षा बढ़ाकर जेड प्लस कर दी। इसके अनुसार ही कवर्धा चातुर्मास तथा धर्म संसद के दौरान उन्हे सुरक्षा प्रदान की गई लेकिन उसके बाद उनकी सुरक्षा के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है।

शंकराचार्य की सुरक्षा में रविवार रात केवल पायलट वाहन ही था जिसमें संकेतक लाइट तक नहीं थी। यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह जब स्वयं ही शंकराचार्य के शिष्य है तो फिर सुरक्षा में पुलिस लापरवाही क्यों कर रही है तो उन्होंने लापरवाही के लिए राज्य के गृह मंत्री रामसेवक पैकरा के रवैये को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि धर्म संसद के प्रस्तावों पर पैकरा के आए बयान के बाद सुरक्षा में कमी हुई। उन्होंने सांई समर्थकों से शंकराचार्य की जान को खतरा होने की आशंका जताते हुए उनकी सुरक्षा कड़ी करने की मांग की। -  

नशीला पदार्थ पिलाकर करवाया डांस, एमएमएस वायरल

जयपुर। राजधानी जयपुर के बगरू थाना क्षेत्र में एक युवती को नशीला पदार्थ पिलाकर जबरन गाड़ी में ले जाना और उसकी इच्छा के बिना उससे डांस करवा के वीडियो बनाने का मामला सामने आया है।

बगरू थाना इंस्पेक्टर मनोज गुप्ता ने बताया कि रामपुरा निवासी 20 वर्षीय युवती ने यह रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट के अनुसार घटना 19 जून की है। पीडिता ने बताया कि उस दिन वह झाग स्टैंड पर खड़ी थी।

तभी स्कॉर्पियो सवार बजरंग, कृष्ण और शंकर वहां आए। आरोपियों ने उसे कोल्ड ड्रिंक पीने को दी, जिसमें नशीला पदार्थ था। नशे में होने के बाद आरोपियों ने उसे नाचने के लिए बोला, पीडिता के मना करने पर उसे बंदूक से जान से मारने की धमकी दी। पीडिता का कहना है कि उससे जबरन डांस करवाया और उसका वीडियो भी बना लिया। 
girl dance making mms clip viral in jaipur

कपड़े फाड़े, की छेड़छाड़
आरोप है कि उन्होंने छेड़छाड़ भी की और कपड़े भी फाड़े, किसी को कुछ बताने पर जान से मारने की धमकी दी। इंस्पेक्टर गुप्ता ने बताया कि तीन महीने बाद पीडिता ने मामला दर्ज करवाया है, देरी के कारण की भी जांच की जा रही है।

पिछले दिनों बगरू कस्बे में कई लोगों के पास पीडिता का डांस करते हुए वीडियो वायरल हो गया था। जिसके बाद मामला सामने में आया है। रविवार को आरोपियों की तलाश की गई थी, लेकिन वह नहीं मिले। -

400 राजस्थानी छात्र श्रीनगर एयरपोर्ट पर फंसे

जोधपुर। बाढ़ के बाद कई विद्यार्थी किसी तरह हवाई अड्डे तक पहुंच गए हैं। राजस्थान के करीब 400 विद्यार्थी अब भी श्रीनगर के एयरपोर्ट पर हैं।

सेना की मदद से श्रीनगर से पहले जम्मू और जम्मू से ट्रेन के जरिये जयपुर और वहां से शनिवार शाम जोधपुर पहुंचे प्रतापनगर क्षेत्र निवासी इंद्रजीत पंवार (20) व बालोतरा और हाल जोधपुर के चांदपोल निवासी लिकमाराम (20) ने राजस्थान पत्रिका को यह बात बताई। ये दोनों श्रीनगर के एनआईटी में पढ़ते हैं। 

Hundred thousand students in 10 trucks arrived Airport

स्टेशन पहुंचे इंद्रजीत के पिता रमेश पंवार, मां लीला, चाचा किशोर, बहन पूजा उसे सकुशल देख खुशी के आंसू नहीं रोक पाए। राजस्थान पत्रिका ने रमेश पंवार को श्रीनगर से अपने पर्यटक दल के परिजनों को जोधपुर लाने वाले अब्दुल रशीद से मिलवाया। इसके बाद उन्होंने वहां के हालात के अनुरूप अपने बेटे इंद्रजीत और लिकमाराम को जोधपुर लाने की योजना बनाई। पंवार ने एमईएस जयपुर में कार्यरत गेरीसन इंजीनियर एसके चौहान से मदद करने के लिए कहा।


फिर सेना में कार्यरत मित्र मनीष चौहान से भी बात की। इन दोनों ने सेना तक बात पहुंचाई। इंद्रजीत ने बताया कि एनआईटी में पानी भरने पर उसे और उसके साथियों को कश्मीर यूनिवर्सिटी में शिफ्ट किया गया था। वहां से वे ट्रक कर एयरपोर्ट पहुंचे। इनमें करीब 50 छात्राएं भी थीं। सेना ने उन्हें जम्मू तक छोड़ दिया। उसके बाद वे जम्मू स्टेशन पहुंचे और जम्मू से पूजा एक्सप्रेस के माध्यम से जयपुर तक आए। जयपुर से रानीखेत एक्सप्रेस से शनिवार शाम जोधपुर पहुंचे।

14 डिग्री तापमान में सड़क पर सोए


जोधपुर. हम कुल 9 जने अंधेरी रात में 14 डिग्री तापमान में सड़क पर सोते थे। साथ में छोटे-छोटे बच्चे भी थे। बहुत डर लगता था। क्या करते, मजबूरी थी। शहर के महामंदिर धानमंडी निवासी मनीष तातेड़ (34) और उनके परिवार ने श्रीनगर से लौट कर यह व्यथा सुनाई।

उनके साथ पिता गौतमचचंद तातेड़ (59), मां चंदनबाला (57), उनकी पत्नी शिल्पा तातेड़ (29), बेटियां रियांशी (9) व हिमांशी (4), जूनी धान मंडी भ्ौरूजी मंदिर क्षेत्र निवासी उनके ससुर नरेंद्रमल जैन (63) सास चंद्रकला जैन (59) भी वहां गए थे।

उन्होंने बताया कि श्रीनगर में 7 से 12 तारीख तक पानी के लिए तरसते रहे। छह दिन तक खाना नहीं खाया। उसके बाद एयरफोर्स ने खाना खिलाया। वायु सेना ने विशेष्ा विमान से दिल्ली भेजा। हम 20 किलोमीटर तक शिकारे में एयरपोर्ट पहुंचे थे। -

बाड़मेर । वरघोड़े में गूंजे तपस्वी के जयकारे




बाड़मेर । जिनकांतिसागरसूरी आराधना भवन में साध्वी संवेग प्रज्ञा साध्वी श्रमणी प्रज्ञा दोनों के एक माह का मासक्षमण तप (30 उपवास) चल रहा है। रविवार को उनका 24वां उपवास है। इस तपस्या की अनुमोदना में गौतम स्वामी के छठ उपवास की आराधना चल रही है। इस अवसर पर साध्वी सौम्य गुणा ने गौतम स्वामी के जीवन पर प्रकाश डाला। साध्वीवर्या ने प्रवचन में कहा कि भगवान महावीर के प्रथम शिष्य इन्द्रभूति गणधर गौतम जीवन के 50 वर्ष पूर्ण होने के बाद साधु जीवन अंगीकार किया। धर्म आराधना किसी भी उम्र में की जा सकती है। खरतरगच्छ संघ के बाबूलाल छाजेड़ ने बताया कि 14 से 20 सितंबर तक प्रतिदिन सात दिवसीय गौतम रास का सामूहिक पाठ का आयोजन होगा।


तपस्वीका वरघोड़ा निकाला 



मासक्षमणकी तपस्या कर रही बहन मंजु बोहरा की अनुमोदनार्थ वरघोड़े का आयोजन किया। चातुर्मास लाभार्थी परिवार के शांतिलाल छाजेड़ ने बताया कि वरघोड़ा आराधना भवन से प्रारंभ होकर शहर के मुख्य मार्गों से होता हुआ चिंतामणी पाष्र्वनाथ मन्दिर पहुंचा। बाद में चिंतामणी दादा के दरबार पहुंच कर चैत्य वन्दन किया। इसके बाद वरघोड़ा शहर के पुरानी सब्जी मण्डी से पुरानी सब्जी मंडी से होता हुआ तपस्वी परिवार के घर पहुंचा। वरघोड़े में तपस्वी अमर रहे के नारे गूंज रहे थे।

पंचान्हिकामहोत्सव 17 से : साध्वीसंवेग प्रज्ञा एवं साध्वी श्रमणी प्रज्ञा के मासक्षमण की तपस्या के अनुमोदनार्थ पंचान्हिका महोत्सव का आयोजन 17 सितम्बर से किया जाएगा। खरतरगच्छ संघ के उपाध्यक्ष भूरचन्द संखलेचा ने बताया कि 17 से 21 सितम्बर तक दैनिक महापूजन रात में भक्ति भावना का आयोजन होगा। 18 सितंबर रात्रि को गोलेच्छा राउण्ड में नाटक और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

इन सोलह कलाओं में हैं भगवान श्रीकृष्ण निपुण




भगवान श्रीकृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के अवतार माने जाते हैं। श्रीकृष्ण साधारण व्यक्ति न होकर युग पुरुष थे। कृष्ण का गीता- ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है। आज हम आपको श्रीकृष्ण के 16 कलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं,तो आइए जानें भगवान श्रीकृष्ण किन 16 कलाओं में थे निपुण -  




  • श्री-धन संपदा- प्रथम कला के रूप में धन संपदा को स्थान दिया गया है। जिस व्यक्ति के पास अपार धन हो और वह आत्मिक रूप से भी धनवान हो। जिसके घर से कोई भी खाली हाथ नहीं जाए वह प्रथम कला से संपन्न माना जाता है। यह कला भगवान श्री कृष्ण में मौजूद है।

    भू- अचल संपत्ति- जिस व्यक्ति के पास पृथ्वी का राज भोगने की क्षमता है। पृथ्वी के एक बड़े भू-भाग पर जिसका अधिकार है और उस क्षेत्र में रहने वाले जिसकी आज्ञाओं का सहर्ष पालन करते हैं वह अचल संपत्ति का मालिक होता है। भगवान श्री कृष्ण ने अपनी योग्यता से द्वारिका पुरी को बसाया। इसलिए यह कला भी इनमें मौजूद है।
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कीर्ति- यश प्रसिद्धि- जिसके मान-सम्मान व यश की कीर्ति से चारों दिशाओं में गूंजती हो। लोग जिसके प्रति स्वत: ही श्रद्घा व विश्वास रखते हों वह तीसरी कला से संपन्न होता है। भगवान श्री कृष्ण में यह कला भी मौजूद है। लोग सहर्ष श्री कृष्ण की जयकार करते हैं। - 

इला-वाणी की सम्मोहकता- चौथी कला का नाम इला है जिसका अर्थ है मोहक वाणी। भगवान श्री कृष्ण में यह कला भी मौजूद है। पुराणों में भी ये उल्लेख मिलता है कि श्री कृष्ण की वाणी सुनकर क्रोधी व्यक्ति भी अपना सुध-बुध खोकर शांत हो जाता था। मन में भक्ति की भावना भर उठती थी। यशोदा मैया के पास शिकायत करने वाली गोपियां भी कृष्ण की वाणी सुनकर शिकायत भूलकर तारीफ करने लगती थी। - 

लीला- आनंद उत्सव- पांचवीं कला का नाम है लीला। इसका अर्थ है आनंद। भगवान श्री कृष्ण धरती पर लीलाधर के नाम से भी जाने जाते हैं क्योंकि इनकी बाल लीलाओं से लेकर जीवन की घटना रोचक और मोहक है। इनकी लीला कथाओं सुनकर कामी व्यक्ति भी भावुक और विरक्त होने लगता है।  

कांति- सौदर्य और आभा- जिनके रूप को देखकर मन स्वत: ही आकर्षित होकर प्रसन्न हो जाता है। जिसके मुखमंडल को देखकर बार-बार छवि निहारने का मन करता है वह छठी कला से संपन्न माना जाता है। भगवान राम में यह कला मौजूद थी। कृष्ण भी इस कला से संपन्न थे। कृष्ण की इस कला के कारण पूरा ब्रज मंडल कृष्ण को मोहिनी छवि को देखकर हर्षित होता था। गोपियां कृष्ण को देखकर काम पीडि़त हो जाती थीं और पति रूप में पाने की कामना करने लगती थीं। - 
विद्या- मेधा बुद्धि- सातवीं कला का नाम विद्या है। भगवान श्री कृष्ण में यह कला भी मौजूद थी। कृष्ण वेद, वेदांग के साथ ही युद्घ और संगीत कला में पारंगत थे। राजनीति एवं कूटनीति भी कृष्ण सिद्घहस्त थे।  

विमला-पारदर्शिता-जिसके मन में किसी प्रकार का छल-कपट नहीं हो वह आठवीं कला युक्त माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण सभी के प्रति समान व्यवहार रखते हैं। इनके लिए न तो कोई बड़ा है और न छोटा। महारास के समय भगवान ने अपनी इसी कला का प्रदर्शन किया था। इन्होंने राधा और गोपियों के बीच कोई फर्क नहीं समझा। सभी के साथ सम भाव से नृत्य करते हुए सबको आनंद प्रदान किया था। -  

उत्कर्षिणि-प्रेरणा और नियोजन- महाभारत के युद्घ के समय श्री कृष्ण ने नौवी कला का परिचय देते हुए युद्घ से विमुख अर्जुन को युद्घ के लिए प्रेरित किया और अधर्म पर धर्म की विजय पताका लहराई। नौवीं कला के रूप में प्रेरणा को स्थान दिया गया है। जिसमें इतनी शक्ति मौजूद हो कि लोग उसकी बातों से प्रेरणा लेकर लक्ष्य भेदन कर सकें। -  
ज्ञान-नीर क्षीर विवेक- भगवान श्री कृष्ण ने जीवन में कई बार विवेक का परिचय देते हुए समाज को नई दिशा प्रदान की जो दसवीं कला का उदाहरण है। गोवर्धन पर्वत की पूजा हो अथवा महाभारत युद्घ टालने के लिए दुर्योधन से पांच गांव मांगना यह कृष्ण के उच्च स्तर के विवेक का परिचय है। 


क्रिया-कर्मण्यता- ग्यारहवीं कला के रूप में क्रिया को स्थान प्राप्त है। भगवान श्री कृष्ण इस कला से भी संपन्न थे। जिनकी इच्छा मात्र से दुनिया का हर काम हो सकता है वह कृष्ण सामान्य मनुष्य की तरह कर्म करते हैं और लोगों को कर्म की प्रेरणा देते हैं। महाभारत युद्घ में कृष्ण ने भले ही हाथों में हथियार लेकर युद्घ नहीं किया लेकिन अर्जुन के सारथी बनकर युद्घ का संचालन किया। -  


योग-चित्तलय- जिनका मन केन्द्रित है, जिन्होंने अपने मन को आत्मा में लीन कर लिया है वह बारहवीं कला से संपन्न श्री कृष्ण हैं। इसलिए श्री कृष्ण योगेश्वर भी कहलाते हैं। कृष्ण उच्च कोटि के योगी थे। अपने योग बल से कृष्ण ने ब्रह्मास्त्र के प्रहार से माता के गर्भ में पल रहे परीक्षित की रक्षा की। मृत गुरू पुत्र को पुर्नजीवन प्रदान किया।
 

प्रहवि-अत्यंतिक विनय- तेरहवीं कला का नाम प्रहवि है। इसका अर्थ विनय होता है। भगवान कृष्ण संपूर्ण जगत के स्वामी हैं। संपूर्ण सृष्टि का संचलन इनके हाथों में है फिर भी इनमें कर्ता का अहंकार नहीं है। गरीब सुदामा को मित्र बनाकर छाती से लगा लेते हैं। महाभारत युद्घ में विजय का श्रेय पाण्डवों को दे देते हैं। सब विद्याओं के पारंगत होते हुए भी ज्ञान प्राप्ति का श्रेय गुरू को देते हैं। यह कृष्ण की विनयशीलता है।
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सत्य-यर्थाथ-भगवान श्री कृष्ण की चौदहवीं कला का नाम सत्य है। श्री कृष्ण कटु सत्य बोलने से भी परहेज नहीं रखते और धर्म की रक्षा के लिए सत्य को परिभाषित करना भी जानते हैं यह कला सिर्फ कृष्ण में है। शिशुपाल की माता ने कृष्ण से पूछा की शिशुपाल का वध क्या तुम्हारे हाथों होगी। कृष्ण नि:संकोच कह देते हैं यह विधि का विधान है और मुझे ऐसा करना पड़ेगा।
 

इसना -आधिजिससे वह लोगों पर अपत्य-पंद्रहवीं कला का नाम इसना है। इस कला का तात्पर्य है व्यक्ति में उस गुण का मौजूद होना पना प्रभाव स्थापित कर पाता है। जरूरत पडऩे पर लोगों को अपने प्रभाव का एहसास दिलाता है। कृष्ण ने अपने जीवन में कई बार इस कला का भी प्रयोग किया जिसका एक उदाहरण है मथुरा निवासियों को द्वारिका नगरी में बसने के लिए तैयार करना। - 

अनुग्रह-उपकार-बिना प्रत्युकार की भावना से लोगों का उपकार करना यह सोलवीं कला है। भगवान कृष्ण कभी भक्तों से कुछ पाने की उम्मीद नहीं रखते हैं लेकिन जो भी इनके पास इनका बनाकर आ जाता है उसकी हर मनोकामना पूरी करते हैं। -