रायपुर। शिडी के सांई के समर्थकों पर बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द को छात्तीसगढ के धमतरी में राष्ट्रीय राजमार्ग पर रविवार रात हुई सड़क दुर्घटना में उन्हें मारने का प्रयास करने का आरोप लगा है। इस सड़क दुर्घटना की सोमवार को धमतरी जिले कि कुरूद थाने में दर्ज करवाई गई प्राथमिकी में यह आरोप लगाते हुए अज्ञात सांई समर्थकों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया है।
दुर्घटना में घायल शंकराचार्य के काफिले में चल रहे महंत रामानन्द ने बताया कि सांई समर्थकों ने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द को लक्ष्य रखकर उनके वाहन से अपना वाहन टकराने की कोशिश की थी पर काफिले में चल रहे दूसरे वाहन से उसकी टक्कर हो गई। शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी राजेश जोशी ने बताया कि स्वामी स्वरूपानन्द रविवार रात धमतरी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर रायपुर आश्रम वापस आ रहे थे कि कुरूद के पास विपरीत दिशा से तेज गति से आ रहे वाहन को शंकराचार्य के वाहन से टकराने की कोशिश की गई लेकिन वह काफिले में तीसरे नम्बर पर चल रहे वाहन से जा टकराया।
उन्होंने बताया कि इस घटना में दो लोगों को चोटे आई जिनका रायपुर में लाकर प्राथमिक उपचार करवाया गया। घायल लोगों ने सोमवार को कुरूद थाने जाकर प्राथमिकी दर्ज करवाई गई। उन्होंने आरोप लगाया कि बीती रात हुई सड़क दुर्घटना एक सामान्य दुर्घटना नहीं है और इसके पीछे शंकराचार्य को मारने की सांई समर्थकों की बड़ी साजिश है।
जोशी ने आरोप लगाया कि शंकराचार्य पर गंभीर खतरे के बावजूद उन्हे छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सुरक्षा में रविवार को लापरवाही हुई उसके कारण ही साजिश के तहत वाहन टकरा कर शंकराचार्य को मारने का असफल प्रयास किया गया। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य को पहले से ही जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। सांई विवाद के बाद केन्द्र ने उनकी सुरक्षा बढ़ाकर जेड प्लस कर दी। इसके अनुसार ही कवर्धा चातुर्मास तथा धर्म संसद के दौरान उन्हे सुरक्षा प्रदान की गई लेकिन उसके बाद उनकी सुरक्षा के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है।
शंकराचार्य की सुरक्षा में रविवार रात केवल पायलट वाहन ही था जिसमें संकेतक लाइट तक नहीं थी। यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह जब स्वयं ही शंकराचार्य के शिष्य है तो फिर सुरक्षा में पुलिस लापरवाही क्यों कर रही है तो उन्होंने लापरवाही के लिए राज्य के गृह मंत्री रामसेवक पैकरा के रवैये को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि धर्म संसद के प्रस्तावों पर पैकरा के आए बयान के बाद सुरक्षा में कमी हुई। उन्होंने सांई समर्थकों से शंकराचार्य की जान को खतरा होने की आशंका जताते हुए उनकी सुरक्षा कड़ी करने की मांग की। -
दुर्घटना में घायल शंकराचार्य के काफिले में चल रहे महंत रामानन्द ने बताया कि सांई समर्थकों ने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द को लक्ष्य रखकर उनके वाहन से अपना वाहन टकराने की कोशिश की थी पर काफिले में चल रहे दूसरे वाहन से उसकी टक्कर हो गई। शंकराचार्य के मीडिया प्रभारी राजेश जोशी ने बताया कि स्वामी स्वरूपानन्द रविवार रात धमतरी में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर रायपुर आश्रम वापस आ रहे थे कि कुरूद के पास विपरीत दिशा से तेज गति से आ रहे वाहन को शंकराचार्य के वाहन से टकराने की कोशिश की गई लेकिन वह काफिले में तीसरे नम्बर पर चल रहे वाहन से जा टकराया।
उन्होंने बताया कि इस घटना में दो लोगों को चोटे आई जिनका रायपुर में लाकर प्राथमिक उपचार करवाया गया। घायल लोगों ने सोमवार को कुरूद थाने जाकर प्राथमिकी दर्ज करवाई गई। उन्होंने आरोप लगाया कि बीती रात हुई सड़क दुर्घटना एक सामान्य दुर्घटना नहीं है और इसके पीछे शंकराचार्य को मारने की सांई समर्थकों की बड़ी साजिश है।
जोशी ने आरोप लगाया कि शंकराचार्य पर गंभीर खतरे के बावजूद उन्हे छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सुरक्षा में रविवार को लापरवाही हुई उसके कारण ही साजिश के तहत वाहन टकरा कर शंकराचार्य को मारने का असफल प्रयास किया गया। उन्होंने बताया कि शंकराचार्य को पहले से ही जेड श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। सांई विवाद के बाद केन्द्र ने उनकी सुरक्षा बढ़ाकर जेड प्लस कर दी। इसके अनुसार ही कवर्धा चातुर्मास तथा धर्म संसद के दौरान उन्हे सुरक्षा प्रदान की गई लेकिन उसके बाद उनकी सुरक्षा के नाम पर केवल खानापूर्ति हो रही है।
शंकराचार्य की सुरक्षा में रविवार रात केवल पायलट वाहन ही था जिसमें संकेतक लाइट तक नहीं थी। यह पूछे जाने पर कि मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह जब स्वयं ही शंकराचार्य के शिष्य है तो फिर सुरक्षा में पुलिस लापरवाही क्यों कर रही है तो उन्होंने लापरवाही के लिए राज्य के गृह मंत्री रामसेवक पैकरा के रवैये को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि धर्म संसद के प्रस्तावों पर पैकरा के आए बयान के बाद सुरक्षा में कमी हुई। उन्होंने सांई समर्थकों से शंकराचार्य की जान को खतरा होने की आशंका जताते हुए उनकी सुरक्षा कड़ी करने की मांग की। -
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