शामली। उत्तरप्रदेश के शामली जिले में खाप पंचायत ने दो से ज्यादा बच्चे पैदा ना करने का फरमान जारी किया है। यह यूपी का वही जिला है जहां पिछले साल सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी। खाप पंचायत ने 40 गावों में रहने वालों को फरमान जारी कर कहा है कि वे दो से ज्यादा बच्चे पैदा ना करे। खाप पंचायत के नेता का कहना है कि खाप पंचायत के इस फरमान का दोनों समुदायों ने स्वागत किया है। ज्यादा बच्चे होने से गरीबी और पिछड़ापन फैलता है। इसलिए हमने 40 गावों वालों के दोनों समुदायों के लोगों को कहा गया है कि अगर संभव है कि दो बच्चों की नीति को फोलो करें।
शामली और मुजफ्फरनगर में पिछले साल सितंबर में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी, जिसमें 60 लोगों की मौत हो गई और 10 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गई थी। हालांकि जिले के कुछ गांवों में सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई। जिस इलाके में यह फरमान जारी किया गया है कि वहां अधिकत्तर जाट और मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। जाट जहां जमिंदार हैं वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग गरीब किसान रहते हैं।
खाप पंचायत के फैसले से जहां कई लोग सहमत हैं वहीं कुछ लोग आशंकित नजर आ रहे हैं। एक महिला का कहना है कि वह जब तक बच्चे पैदा करती रहेगी जब तक बेटा नहीं होता। खाप पंचायत का पहला फरमान है जो कि समाज को ध्यान में रखते हुए दिया गया है, अक्सर ये विवादित फरमान ही जारी करती हैं।
शामली और मुजफ्फरनगर में पिछले साल सितंबर में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी, जिसमें 60 लोगों की मौत हो गई और 10 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गई थी। हालांकि जिले के कुछ गांवों में सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुई। जिस इलाके में यह फरमान जारी किया गया है कि वहां अधिकत्तर जाट और मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं। जाट जहां जमिंदार हैं वहीं मुस्लिम समुदाय के लोग गरीब किसान रहते हैं।
खाप पंचायत के फैसले से जहां कई लोग सहमत हैं वहीं कुछ लोग आशंकित नजर आ रहे हैं। एक महिला का कहना है कि वह जब तक बच्चे पैदा करती रहेगी जब तक बेटा नहीं होता। खाप पंचायत का पहला फरमान है जो कि समाज को ध्यान में रखते हुए दिया गया है, अक्सर ये विवादित फरमान ही जारी करती हैं।
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