सोमवार, 15 सितंबर 2014

बाड़मेर । वरघोड़े में गूंजे तपस्वी के जयकारे




बाड़मेर । जिनकांतिसागरसूरी आराधना भवन में साध्वी संवेग प्रज्ञा साध्वी श्रमणी प्रज्ञा दोनों के एक माह का मासक्षमण तप (30 उपवास) चल रहा है। रविवार को उनका 24वां उपवास है। इस तपस्या की अनुमोदना में गौतम स्वामी के छठ उपवास की आराधना चल रही है। इस अवसर पर साध्वी सौम्य गुणा ने गौतम स्वामी के जीवन पर प्रकाश डाला। साध्वीवर्या ने प्रवचन में कहा कि भगवान महावीर के प्रथम शिष्य इन्द्रभूति गणधर गौतम जीवन के 50 वर्ष पूर्ण होने के बाद साधु जीवन अंगीकार किया। धर्म आराधना किसी भी उम्र में की जा सकती है। खरतरगच्छ संघ के बाबूलाल छाजेड़ ने बताया कि 14 से 20 सितंबर तक प्रतिदिन सात दिवसीय गौतम रास का सामूहिक पाठ का आयोजन होगा।


तपस्वीका वरघोड़ा निकाला 



मासक्षमणकी तपस्या कर रही बहन मंजु बोहरा की अनुमोदनार्थ वरघोड़े का आयोजन किया। चातुर्मास लाभार्थी परिवार के शांतिलाल छाजेड़ ने बताया कि वरघोड़ा आराधना भवन से प्रारंभ होकर शहर के मुख्य मार्गों से होता हुआ चिंतामणी पाष्र्वनाथ मन्दिर पहुंचा। बाद में चिंतामणी दादा के दरबार पहुंच कर चैत्य वन्दन किया। इसके बाद वरघोड़ा शहर के पुरानी सब्जी मण्डी से पुरानी सब्जी मंडी से होता हुआ तपस्वी परिवार के घर पहुंचा। वरघोड़े में तपस्वी अमर रहे के नारे गूंज रहे थे।

पंचान्हिकामहोत्सव 17 से : साध्वीसंवेग प्रज्ञा एवं साध्वी श्रमणी प्रज्ञा के मासक्षमण की तपस्या के अनुमोदनार्थ पंचान्हिका महोत्सव का आयोजन 17 सितम्बर से किया जाएगा। खरतरगच्छ संघ के उपाध्यक्ष भूरचन्द संखलेचा ने बताया कि 17 से 21 सितम्बर तक दैनिक महापूजन रात में भक्ति भावना का आयोजन होगा। 18 सितंबर रात्रि को गोलेच्छा राउण्ड में नाटक और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

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