सोमवार, 15 सितंबर 2014

जब शिव ने पहने गोपियों के वस्त्र




किस तरह कृष्ण की बांसुरी सुनकर सभी गोप-गोपियां दिव्य आनंद की स्थिति चले गए। यह वही परम आनंद की स्थिति थी जिसे योगी ध्यान में पाते हैं। जब यह रास लीला हो रही थी, तब शिव ध्यान में डूबे हुए थे। अचानक उन्होंने जाना कि उन्ही की तरह परमानन्द में कई और लोग भी डूबे हुए हैं, लेकिन वे सब बांसुरी की धुन पर नाचते हुए आनंदित हो रहे हैं। यह देख शिव भी रास लीला में जाने के लिए उत्सुक हो उठे। फिर कैसे पहुंचे शिव रास लीला में? आइये पढ़ते हैं…


यह पहली रास लीला थी, जिसमें उल्लासित लोगों की टोली ने एक साथ नाच-गाकर दिव्य आनंद की अवस्था को पाया था। जब यह रास लीला शुरु हुई, तो भगवान शिव पहाड़ों में ध्यान मग्न थे। कृष्ण हमेशा से भगवान शिव के भक्त रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि कृष्ण वाकई में शालिग्राम से पैदा हुए थे। शालिग्राम एक काले रंग का चिकना चमकीला अंडाकार पत्थर होता है, जिसकी भारत में भगवान के रूप में पूजा होती है।

जब यह रास लीला शुरु हुई, तो भगवान शिव पहाड़ों में ध्यान मग्न थे।

यह यमुना नदी के किनारों पर मिलता है। हालांकि नेपाल से निकलने वाली कुछ और नदियों में ऐसे शालिग्राम पाए जाते थे। उनमें से अधिकांश नदियां अब लुप्त हो चुकी हैं। माना जाता है कि इन्हीं नदियों के जरिए शालिग्राम यमुना तक पहुंचे। ये शालिग्राम महज पत्थर नहीं हैं, ये एक खास तरीके से बनते हैं। इनके अंदर एक खास प्रक्रिया होती है, जिसकी वजह से इनमें अपना ही एक स्पंदन होता है। दंत कथा के अनुसार, कृष्ण इन्हीं शालिग्राम से निकले हैं और यही वजह है कि उनका रंग नीलापन लिए सांवला है। हर सुबह और शाम कृष्ण महादेव के मंदिर जाया करते थे और जहां तक हो सका, यह सिलसिला जीवन भर चलता रहा।

तो शिव ध्यान में मग्न थे और अचानक, उन्हें पता चला कि जो आनंद उन्हें ध्यान में मिल रहा है, रास में लीन बच्चे नाच कर उसी आनंद का पान कर रहे हैं। वह देखकर हैरान थे कि छोटी उम्र का उनका वह भक्त बांस के छोटे टुकड़े की मोहक धुन पर सभी को नचाकर परम आनंद में डुबो रहा था। अब शिव से रहा नहीं गया। वह रास देखना चाहते थे। वह तुरंत उठे और सीधे यमुना तट की ओर चल दिए। वह यमुना को पार कर देखना चाह रहे थे कि वहां क्या हो रहा है।

वृनदेवी ने कहा, ‘नहीं, क्योंकि वह कृष्ण का रास है। वहां कोई पुरुष नहीं जा सकता। अगर आपको वहां जाना है, तो आपको महिला के रूप में आना होगा।’
लेकिन उनके रास्ते में ही नदी की देवी ‘वृनदेवी’ खड़ी हो गई। वृनदेवी ने उनसे कहा, ‘आप वहां नहीं जा सकते हैं।’



इस पर शिव आश्चर्यचकित रह गए। इस पर हंसते हुए उन्होंने कहा, ‘कौन, मैं वहां नहीं जा सकता?’ वृनदेवी ने कहा, ‘नहीं, क्योंकि वह कृष्ण का रास है। वहां कोई पुरुष नहीं जा सकता। अगर आपको वहां जाना है, तो आपको महिला के रूप में आना होगा।’

स्थिति वाकई विचित्र थी। आखिर शिव को पौरुष का प्रतीक माना जाता है – उनका प्रतीक लिंग और बाकी सब चीजों के होने की भी यही वजह है। ये प्रतीक उनके पौरुषता के साक्षात प्रमाण हैं। अब ऐसे में उनके सामने बड़ी दुविधा थी कि वह महिला के वेश में कैसे आएं। वहीं, दूसरी ओर रास अपने चरम पर था। वह वहां जाना भी चाहते थे। लेकिन नदी की वृनदेवी बीच में आ गईं और बोलीं, ‘आप वहां नहीं जा सकते। वहां जाने के लिए आपको कम से कम महिला के वस्त्र तो धारण करने ही होंगे। अगर आप महिला का वेश धारण करने के लिए तैयार हैं, तो मैं आपको जाने दूंगी। वरना नहीं।’ शिव ने आस-पास देखा, कोई नहीं देख रहा था। उन्होंने कहा, ‘ठीक है, तुम मुझे गोपियों वाले वस्त्र दे दो।’ तब वृनदेवी ने उनके सामने गोपी वाले वस्त्र पेश कर दिए। शिव ने उन्हें पहना और नदी पार करके चले गए। यह रास में शामिल होने की उनकी बेताबी ही थी।

तो शिव को भी रास लीला में शामिल होने के लिए महिला बनना पड़ा। प्रेम, खुशी, उल्लास और आनंद का यह दिव्य नृत्य यूं ही चलता रहा।

रविवार, 14 सितंबर 2014

अमेठी राजघराने के विवाद ने लिया खूनी रूप, 1 सिपाही शहीद -

अमेठी। उत्तर प्रदेश के अमेठी जनपद में राजघराने में स्वामित्व का विवाद अब खूनी रूप लेता जा रहा है। रविवार की सुबह संजय सिंह और उनकी दूसरी पत्नी अमिता सिंह को अदालत में पेश होना था। इससे पहले स्थानीय लोग संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह के बेटे अनंत विक्रम सिंह के समर्थन में उतर आए। उन्होंने भूपति भवन को घेर लिया और अमिता को घुसने नहीं दिया। इसके बाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच जमकर संघर्ष हुआ।
Feud with Sanjay Singh`s family over Amethi Palace turns violent, 1 constable dead
पुलिस ने जब लाठीचार्ज किया तो दूसरी तरफ से गोलीबारी की गई। उसी दौरान गोली लगने से एक सिपाही की मौत हो गई। इस घटना में कई लोग घायल हो गए। घटनास्थल पर कई थानों के पुलिस दस्ते तथा आरएएफ व पीएसी बल को तैनात किया गया है। अमेठी पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, भूपति भवन के वारिस और कांग्रेस सांसद संजय सिंह व उनकी पहली पत्नी गरिमा सिंह के बीच स्वामित्व का विवाद चल रहा है। 

अदालत में पेश होने के लिए संजय सिंह और उनकी दूसरी पत्नी अमिता रविवार को लखनऊ से अमेठी के लिए निकलने वाले थे। इसी बीच पहली पत्नी गरिमा सिंह के बेटे विक्रम सिंह ने ग्रामीणों के साथ भूपति भवन को घेर लिया। इसके बाद पुलिस और ग्रामीणों के बीच झड़प हो गई। देखते ही देखते उग्र भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हवाई फायरिंग की तो दूसरी तरफ से भी फायरिंग की की गई। बताया जाता है कि फायरिंग के दौरान एक सिपाही विजय मिश्र को गोली लगी और अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर ग्रामीणों को वहां से खदेड़ दिया।

खूनी संघर्ष की सूचना पाकर मौके पर कई थानों की पुलिस, पीएसी और आरएएफ को तैनात कर दिया गया है। खबर लिखे जाने तक संजय सिंह अपनी दूसरी पत्नी अमिता के साथ राजमहल पहंुच चुके थे।
-  

हे भगवान! 1 बच्ची जिसके 1 पिता, 2 मां, 6 दादा-दादी

साओ पाउलो। ब्राजील में एक न्यायाधीश ने एक विचित्र मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया कि एक बच्ची का एक पिता, दो माताएं और छह दादा-दादी उसके कानूनी अभिभावक होंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रियो ग्रैंडे डेल सुल स्थित सांता मारिया में निचली अदालत के न्यायाधीश राफेल कुना ने कहा कि कानूनी दस्तावेजों में बच्ची के नाम के साथ उसके एक पिता, दो माताएं और छह दादा-दादी का नाम लिखा जाएगा।This child has 1 father, 2 mother, 6 grandparents
अदालत ने 27 अगस्त को जन्मी बच्ची के जैविक माता-पिता और बच्ची की मां और उसके साथी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए शनिवार को फैसला सुनाया। पारंपरिक तरीके से जन्मी बच्ची के जैविक पिता लुईस ग्युलहेरमी और उसकी दो समलैंगिक महिला मित्रों ने आपसी सहमति से यह फैसला किया था कि दोनों महिलाओं में से एक महिला लुईस के बच्चे को जन्म देगी और कानूनी दस्तावेज में बच्चे के पिता की जगह उसका नाम, माता की जगह दोनों महिलाओं के नाम दर्ज होंगे और तीनों के माता-पिता बच्चे के दादा दादी होंगे।

बच्ची की जैविक मां फर्नेडा बट्टाग्ली क्रोपेनिस्किी (26) और उसकी साथी मारियानी ग्युडेस सेनडियागो (27) चार साल से साथ रह रही हैं और दो साल पहले कानूनी रूप से विवाह कर चुकी हैं।  

जोधपुर में हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री में लगी आग

जोधपुर। जोधपुर में रविवार को एक हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री में अचानक आग लग गई।fire in handicraft factory in jodhpur
आग लगने से फैक्ट्री के आसपास अफरा-तफरी मच गई।

मौके पर दमकल की 5 गाडियां पहुंची और आग पर काबू पाने में कड़ी मशक्कत की।

जानकारी के अनुसार जोधपुर के बोरानाड़ा क्षेत्र में सेक्टर पांच में एक हैंडीक्राफ्ट फैक्ट्री है।

फै क्ट्री में रविवार को अचानक आग लग गई। आग लगने से लाखों रूपए का सामान जलकर राख हो गया।

आग की सूचना पर मौके पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाडियां पहुंची।

फायर ब्रिगेड की तकरीबन 5 गाडियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

हालांकि अभी तक आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। पुलिस आग लगने के कारणों का पता लगाने में जुटी है। - 

बालोतरा। लूणी नदी में अवेध रूप से खनन करने वालो के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई



रिपोर्ट :- ओमप्रकाश सोनी / बालोतरा 

बालोतरा। बालोतरा उपखंड की मरूगंगा कही जाने वाली लुणी नदी के लिये भी आने वाले समय में अच्छे दिन आ सकते है। नदी को चीर कर नदी के सीने को छलनी करने वालो के खिलाफ सरकार शीघ्र ही कड़ी कार्रवाई कर सकती है। नदी में ग्रेवल व बजरी के हो रहे अवेध खनन को रूकवाने के लिए अब सरकारी स्तर पर प्रयास शुरू किए जायेंगे। यह कहना है पचपदरा के विधायक का।


पचपदरा के विधायक अमराराम चोधरी  ने प्रेस वार्ता कर बताया कि लुणी नदी में अवेध खनन हो रहा है जिससे नदी का प्राकृतिक स्वरूप बिगड़ रहा है। उन्होने बताया कि नदी में हो रहे अंधाधुन खनन के बारे में सरकार को रिपोर्ट भेजी जायेगी। विधायक ने बताया कि नदी में लीज पर खनन का कार्य करने वाले लोग भी खनने के मानको का पालन नही कर रहे है। चोधरी ने बताया कि नदी में अवेध रूप से खनन करने वालो के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिय सरकार को लिखा जायेगा।

भरतपुर।डीजल भरना भूले, ट्रेन हुई लेट

भरतपुर। देश में रेलगाडियों के गंतव्य तक विलम्ब से पहुंचने के लिए अब तक रेलवे के अनेक बहाने सभी ने सुन रखे हैं, लेकिन रेलगाड़ी के इंजन में डीजल भरना भूल जाने के कारण एक रेलगाड़ी के विलम्ब से रवाना होने का अजीबो गरीब मामला प्रकाश में आया है। Railway deptt firgets fill diesel in engine, train gets late
रेलवे प्रशासन इस मामले को छुपाने की कोशिश में जुटा रहा, लेकिन आखिर में मामले का खुलासा हो ही गया। हुआ यह कि आगरा फोर्ट-भरतपुर डीएमयू हर दिन सुबह साढे पांच बजे आगरा से भरतपुर के लिए रवाना होती है, लेकिन गत गुरूवार रात रेलवे कर्मचारी इस रेलगाड़ी के इंजन में डीजल भरना भूल गए। इस कारण इस ट्रेन के कोच शुक्रवार को तड़के समय पर आगरा फोर्ट प्लेटफॉर्म पर नहीं पहुंच पाए।

रेलवे कर्मचारियों की इस लापरवाही से आक्रोशित यात्रियों ने भरतपुर जंक्शन पर जम कर हंगामा किया। बाद में रेलवे के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि इंजन में डीजल भरना भूलने के कारण रेलगाड़ी करीब तीन घंटे बिलम्ब से रवान - 

गरबा में मुसलमानों के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध : प्रवीण तोगडिया -

अहमदाबाद। मध्य प्रदेश की भाजपा विधायक का समर्थन करते हुए विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के नेता प्रवीण तोगडिया ने शनिवार को कहा कि गरबा कार्यक्रमों में मुस्लिम युवकों के प्रवेश पर बैन लगा देना चाहिए। इसके लिए कार्यक्रमों मे आने वाले प्रत्येक लोगों के पहचान पत्रों की जांच की जानी चाहिए। Entry of Muslims in Garba events should be banned : Praveen Togadia
गुजरात के अमरेली शहर में तोगडिया ने कहा कि हमें सचेत रहना होगा ताकि गरबा में कोई भी मुसलमान हिस्सा नहीं ले सके। गरबा स्थलों पर प्रत्येक व्यक्ति पहचान पत्रों की जांच करने के बाद ही उन्हें कार्यक्रम में जाने की इजाजत दी जाए।

उन्होंने कहा, नवरात्रि में मां अंबा की पूजा की जाती है, इसलिए हम गो मांस खाने वाले मुसलमानों को गरबा में हिस्सा लेने की इजाजत नहीं दे सकते।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश की भाजपा विधायक ऊषा ठाकुर ने हाल ही मे पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि वह उनके निर्वाचन क्षेत्र इंदौर (3) में गरबा कार्यक्रमों मे मुस्लिम युवाओं को प्रवेश करने से रोंके। उनका आरोप है कि "लव जेहाद" के तहत मुस्लिम युवक हिंदू लड़कियों को अपने प्यार में फंसा कर उनसे शादी कर लेते हैं और फिर उनका धर्मातरण करवाकर मुसलमान बना देते हैं।

लव जेहाद पर बोलते हुए तोगडिया ने कहा, हमें इसके प्रति सचेत रहना होगा। अगर यह प्यार है तो धर्मातरण की क्या जरूरत है। वहीं, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बाढ़ के कारण मची तबाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद की पेशकश पर तोगडिया ने कहा कि राहत सामग्रियों के साथ वहां टैंक भी भेजे जाने चाहिए।



 

पटना।लड़कियों से बात करने पर 4 नाबालिगों का सिर मुंडवा कर गांव में घुमाया, पेड़ से बांधकर पीटा -

पटना। बिहार के चंपारन गांव के यह चार नाबालिग अब शायद ही जिंदगी में कभी किसी लड़की से बात भी करें आखिर इन्हें लड़कियों से केवल बात करने की ही इतनी भयावह सजा जो मिल है। 14 से 16 साल की उम्र के इन नाबालिगों को पास ही बखरी गांव की लड़कियों से बात करते हुए देखे जाने पर न सिर्फ बुरी तरह पीटा गया बल्कि इनका आधा सिर मुंडवा कर कपड़े उतार कर पूरे गांव में घुमाया गया औश्र फिर पेड़ से बांध दिया गया।
पिपरा पुलिस्ट स्टेशन में रविवार को दोनों पक्षों की तरफ से केस दर्ज करवाया गया है। यह नाबालिग हरदियाबाग गांव से पड़ोसी गांव बखरी आए थे और लड़कियों से बात कर रहे थे। गांव के कुछ बुजुर्गो ने इन लड़कों को पकड़ा और इन्हें पीटना शुरू कर दिया। फिर इनके आधे सिर मुंडवा दिए गए और कपड़े उतरवा कर गांव में घुमाया गया।
Minors beaten up, paraded bare-chested for talking to girls
यह चारों नाबालिग गिड़गिड़ाते रहे कि वे गांव के ग्रामीण बैंक आए थे, लेकिन उनकी किसी ने एक न सुनी। इसके बाद उन्हे रातभर पेड़ से बांध कर रखा गया। यह तो शनिवार सुबह पिपरा पुलिस ने इन्हें आकर छुड़वाया। चारो लड़कों के परिजनों ने पिपरा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की थी कि शुक्रवार रात को बच्चे घर नहीं पहुंचे हैं।
पिपरा पुलिस स्टेशन इंचार्ज शशिभूषण कुमार ने कहा, "हमने चारों लड़कों को बचाया और उन्हें पुलिस स्टेशन लाए। हमें उनके शरीर पर चोटों के निशान मिले हैं और उनके सिर भी आधे मुंडे हुए थे। इसके साथ ही उनके शरीर पर पेड़ से बांधे जाने के भी निशान मिले हैं, लेकिन हमारे पास दोनों पक्षों ने केस दर्ज करवाया है। हम पूरा मामला जानने के लिए दोनों पक्षों की बात सुनेंगे।" खबर लिखे जाने तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं की गई थी।



 

जैसलमेर ओला गांव में भाई ने ली भाई की जान

जैसलमेर ओला गांव में भाई ने ली भाई की जान 

पोकरण - जैसलमेर जिले के पोकरण थाना क्षेत्र के ओला गांव में एक भाई द्वारा दूसरे भाई की हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया ,सूत्रानुसार ओला गांव निवासी कालू सिंह की उसके सेज भाई ने शराब के नशे में हत्या कर दी ,हत्या के कारणों का खुलासा नहीं हुआ ,पुलिस को सुचना मिलते उप अधीक्षक धर्माराम पुलिस दल सहित मौके पर पहुँच गए ,शव को पोस्ट मार्टम के लिए लाया गया हैं।  , ,

राजस्थान में सरहद पर सफी खान सम्मा अपना स्कूल पुलिस थाना,जंहा पर खाकी वाले मास्टर जी




राजस्थान में सरहद पर सफी खान सम्मा अपना स्कूल पुलिस थाना,जंहा पर खाकी वाले मास्टर जी


राजस्थान के बाड़मेर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे रामसर कस्बे की पहचान मांगनियार समुदाय के उन गायकों के कारन विश्व-स्तरीय है जिनके लिए यह अतिशयोक्ति सत्य प्रतीत होती है की मांगनियार बच्चे जन्म से ही अच्छे गायक होते हैं और उनका पहला रुदन भी सुरीले गायन की तरह होता है. यहाँ एक पुलिस अधिकारी दवारा कुछ वर्ष पूर्व की गई अनूठी पहल ने रामसर पुलिस थाने को भी ‘सुरीला’ बना दिया है. इस थाने में हथकड़ी की गूँज और बेल्ट की फट कार की जगह ‘अनार’ –आम’ का सुरीला गाना गूँज रहा है. और यंहा के पुलिस वाले मास्टर जी की भूमिका निभा रहे है थाने के नाम से जहां बड़ों-बड़ों को पसीना आ जाता है, वहीं बाड़मेर जिले के रामसर इलाके के थाने में लगभग 150 से २०० बच्चे बड़े मजे से यंहा पर शिक्षा ले रहे है । दर असल 2006 में बाड़मेर में भयंकर बाढ़ आई थी और यहां के स्कूलों में बारिश का पानी भर गया था. तब रामसर के पूर्व थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार ने इस थाने का चार्ज संभाला तो छोटे से कस्बे का दौरा करते हुए उन्होंने देखा की गाँव में बहुत से बच्चे स्कूल जाने के बजाय इधर उधर भटक रहे हैं इसको देखते हुए उन्होंने थाना भवन में ही स्कूल लगाना शुरू कर दिया और पुलिस के जवानो को इन बच्चो को पढ़ाने के लिए मास्टरजी बना दिया और इस अनोखे स्कूल का नाम दिया गया, अपना स्कूल पुलिस थाना 20 बच्चों के साथ शुरू किए गए इस अनोखे स्कूल में आज 150 से 200 बच्चे पढ़ रहे हैं पुलिसकर्मी कानून-व्यवस्था संभालने के साथ-साथ शिक्षक की दोहरी भूमिका भी निभा रहे हैं. पुलिसकर्मियों के अलावा स्कूल में दो टीचर भी हैं, जिन्हें सामाजिक कार्यकर्ता सफी खान समा ने यहां तैनात किया है. टीचरों का वेतन पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ता सफी खान समा दोनों चंदा करके इकट्ठा करते हैं रामसर थाना अधिकारी सहदेव कहते हैं,की सामाजिक कार्यकर्ता सफी खान समा की मदद के चलते स्कूल के संचालन में कोई दिक्कत नहीं आती. लगभग पूरा खर्चा वे ही उठाते हैं. जबकि बच्चों की छोटी-मोटी जरूरतें थाने की ओर से पूरी कर दी जाती हैं



शायद देश में यह इकलौता ऐसा अनूठा थाना होगा जहां एक ओर अपराधी हैं तो दूसरी ओर नन्हे बच्चे. यह थाना निश्चित ही देशभर में मिसाल कायम कर रहा है. अच्छी बात यह है कि स्कूल शुरू होने के बाद से अब तक थाने के कई प्रभारी बदल चुके हैं लेकिन शिक्षा का उजियारा फैलाती इस अलख को किसी ने भी बुझने नहीं दिया है.

नागौर किशोर को निर्वस्त्र घुमा तालाब में डुबो दिया

नागौर। कोलिया गांव में शनिवार शाम 12 वर्षीय किशोर को गांव में निर्वस्त्र घुमाने और उसके बाद तालाब में डुबो कर हत्या का मामला पुलिस ने दर्ज किया है। किशोर पप्पूराम दो दिन पूर्व गांव के ही एक बाड़े में मोरपंख के लिए घुसा था। Nude teen drowned in pond
बाड़ा मालिक ने शनिवार को उसे पकड़ कर पिटाई कर दी तथा बाद में निर्वस्त्र कर मोटरसाइकिल पर बैठाकर घुमाया। परिजन नानूराम की ओर से थाने में दी गई रिपोर्ट के अनुसार आरोपित जुगलकिशोर ने पप्पूराम को बाद में तालाब में डुबो दिया। देर शाम गोताखोर ने शव को बाहर निकाला। पुलिस ने आरोपित जुगलकिशोर और नेमीचंद को हिरासत में ले लिया। - 

जयपुर गांवों में जमीन अवाप्ति पर 5 से 9 गुना मुआवजा



जयपुर। राज्य केबिनेट ने शनिवार को "राजस्थान भू राजस्व अधिनियम में संशोधन एवं राजस्थान भूमि अवाप्ति बिल-2014" को मंजूरी दे दी। भूमि अवाप्ति बिल में राज्य सरकार ने किसानों को जमीन अवाप्ति पर केंद्र से ज्यादा मुआवजे का प्रावधान किया है।
5 to 9 times the compensation on the ground in villages accession


संशोधन के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी क्षेत्र से 5 किमी दूरी होने पर मुआवजा डीएलसी रेट का 2.5 से 5 गुना और 5 किमी से अधिक दूरी होने पर 5 से 9 गुना तक दिया जाएगा।




संसदीय कार्य मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया, राजस्थान टीनेंसी एक्ट में संशोधन के बाद विंड प्लांट एवं सोलर पार्क लगाने के लिए किसानों को जमीन का भू-परिवर्तन कराने की जरूरत नहीं होगी। वे 30 से 40 वर्ष तक भूमि लीज पर दे सकेंगे। दोनों बिल सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में पास कराए जाएंगे। राजस्थान भू राजस्व अधिनियम की धारा 90 (ए) में संशोधन किया जाएगा।

ये दो फैसले भी

बहुफसली भूमि की अवाप्ति सिर्फ ढांचागत परियोजना के लिए ही होगी।

निजी कंपनी को अवाप्ति के लिए 80त्न और पीपीपी प्रोजेक्ट के लिए 60त्न लोगों की सहमति जरूरी।

- अन्य अहम फैसले
छठी से 10वीं तक की छात्रओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण। पायलट प्रोजेक्ट जयपुर के 20 स्कूलों से शुरू होगा।
दौसा, सवाईमाधोपुर जिले के लिए 530 करोड़ रूपए की ईसरदा जलप्रदाय योजना, बाड़मेर व जैसलमेर लिफ्ट पेयजल परियोजना के लिए क्रमश: 700 करोड़ और 451 करोड़ रूपए मंजूर पीएचईडी में विभाग स्तर पर 824 पदों पर कनिष्ठ अभियंताओं की भर्ती करने का निर्णय।

कौशल विश्वविद्यालय खोलेगी राज्य सरकार
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को कहा कि प्रदेश में शिक्षा के ढांचे को मजबूत करने के लिए शिक्षा को रोजगार के साथ जोड़कर युवाओं का कौशल बढ़ाया जाएगा। राज्य सरकार कौशल विश्वविद्यालय खोलने की तैयारी कर रही है।

राजे ने राजस्थान विवि में उच्च शिक्षा में नियामक तंत्र विष्ाय पर आयोजित राष्ट्रीय परिसंवाद के उद्घाटन सत्र में यह घोषणा की। कहा, शिक्षण व्यवस्था में सुधार के लिए शिक्षा विशषज्ञों का सलाहकार बोर्ड बनेगा।

स्व-रोजगार केंद्रों से प्रशिक्षण
राजे ने कहा, युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर के लिए विवि में स्व रोजगार केन्द्र बनाए जा रहे हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों में संवाद, वास्तु, पर्यटन, पर्यटन प्रबंधन, और विदेशी भाषाओं के कोर्स शुरू होंगे।

5 साल में गिरा शिक्षा का स्तर
राजे ने कहा, बीते पांच वर्षो में शिक्षा का स्तर गिरा है। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में मैंने ऎसे स्कूल देखे, जहां बच्चों को पहाड़े भी नहीं आते, न ही वे किताब पढ़ पाते हैं।
-  

बीकानेर जेल में हुए खूनी संघर्ष में दो गिरफ्तार

बीकानेर। बीकानेर जेल गैंगवार के दौरान तीन बंदियों की मौत के मामले में स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने शनिवार को दो और आरोपितों को गिरफ्तार किया। इसमें हनुमान सिंह जाखड़ चूरू का रहने वाला है।accuse of bikaner jail gangwar arrested from jaipur
उसे बीकानेर में दबोचा और उसकी निशानदेही से दूसरे आरोपित देवी सिंह को जयपुर के लालकोठी क्षेत्र से पकड़ा।

एसओजी के एडीजी आलोक त्रिपाठी ने बताया कि दोनों आरोपितों को बीकानेर ले जाकर रविवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।

इन लोगों ने जेल में किस तरह हथियार पहुंचाए इस पर जानकारी के लिए आरोपितों को रिमाण्ड पर लेने की कोशिश की जाएगी।

पूछताछ में पता चला है कि हनुमान सिंह के खिलाफ कई आपराधिक प्रकरण दर्ज हो चुके हैं।

इन दोनों ने ही जयप्रकाश को आनंदपाल पर फायरिंग करने के लिए तैयार किया था।

हमले में घायल आनंदपाल और एक साथी को गंभीर हालत में एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

गत 24 जुलाई को जेल के बाहर और भीतर जो घटनाक्रम चला उसकी रिकॉर्ड पर आई फुटेज से आशंका बनी कि काफी लोग ष्ाडयंत्र के नेटवर्क से जुड़े हैं।

इस क्रम में हथियार पहुंचाने के आरोप में इन दोनों को गिरफ्तार किया गया है। बताया जाता है कि पुलिस ने इनकी तलाशी में बाहरी राज्यों में भी दबिश दी थी।

उधर, अलवर में हसन खां मेवात नगर स्थित राजकीय संप्रेक्षण एवं किशोर गृह से शुक्रवार रात्रि को दीवार तोड़कर पांच बाल अपचारी फरार हो गए हैं।

फरार होने वाले पांचों बाल अपचारी पिछले छह माह से यहां रह रहे थे। इन अपचारियों के खिलाफ दुष्कर्म, दहेज प्रताड़ना और डकैती के मामले दर्ज हैं। - S 

रेड लाइट एरिया से निकली इस बेटी को मिला संयुक्त राष्ट्र का विशेष सम्मान

मुंबई। रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा में रहने वाली 19 वर्षीय श्वेता कट्टी का चयन शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय साहस दिखाने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा दिए जाने वाले 'यूथ करेज अवार्ड' के लिए हुआ है। लड़कियों को उनके साहस और लड़कियों की शिक्षा एवं महिलाओं की प्रतिष्ठा के उद्देश्य को बढ़ावा देने की उपलब्धि के लिए यह विशेष पुरस्कार हर साल संयुक्त राष्ट्र द्वारा दिया जाता है। संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत कार्यालय ने एक ईमेल भेजकर
इस अवार्ड की पुष्टि की है।

यह अवार्ड मुंबई की उन लड़कियों के जीवन में उम्मीद की किरण लेकर आया है जो पिछले कई साल से रेड लाइट एरिया में रह रही थीं और अब मुंबई की एनजीओ 'क्रांति' द्वारा शिक्षित होने की ओर अग्रसर हैं। श्वेता की पढ़ाई भी इस एनजीओ के प्रयास से संभव हो सकी।

न्यूयॉर्क के कॉलेज ने दी 28 लाख की छात्रवृति

न्यूयॉर्क के बार्ड कॉलेज ने श्वेता कट्टी को मनोविज्ञान में डिग्री कोर्स के लिए दी थी 28 लाख की छात्रवृति। श्वेता 2017 तक न्यूयॉर्क में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी करेंगी। श्वेता कामठीपुरा के नगर निगम के स्कूल में पढ़ी हैं। श्वेता की मां एक देवदासी थीं। श्वेता को बचपन से ही संघर्ष करना पड़ा। मुंबई की क्रांति संस्था से जुड़ी रोबिन चौरसिया के मुताबिक श्वेता रेड लाइट एरिया से निकली वही पहली लड़की है जिसे संयुक्त राष्ट्र ने इस अवार्ड के लिए चुना है।



पिता ने किया यौन शोषण

एक इंटरव्यू में श्वेता ने बताया था कि नगर निगम स्कूल में पढ़ने के दौरान उन्हें स्कूल से जल्दी आना पड़ता था क्योंकि शाम को उनके घर की गलियां ग्राहकों से भर जाती थी। श्वेता की मां सेक्स वर्कर नहीं थीं, लेकिन उन्हीं के बीच रहने को विवश थीं। वह सुबह ही काम के लिए निकल जाया करती थीं। ऐसे में सेक्स वर्कर श्वेता को तैयार करके स्कूल भेजती और लौटने पर मेरी देखभाल करती थीं। एक दौर ऐसा भी आया जब श्वेता के कथित पिता ने उसका यौन शोषण करने का प्रयास भी किया। ऐसे विपरीत माहौल में भी श्वेता ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी पढ़ाई को जारी रखा। घर में पढ़ाई का माहौल न होने के कारण श्वेता ने सेक्स वर्कर के बच्चों के लिए काम करने वाली संस्था संग काम शुरू किया। वह महिलाओं को शिक्षित करने के काम के साथ खुद पढ़ाई भी करती थीं।

क्रांति एनजीओ संग जुड़कर

सावले रंग रूप के चलते बचपन में श्वेता को काली नाम मिला। काली ने न सिर्फ खुद पढ़ाई की बल्कि देवदासियों के बच्चों को भी शिक्षित करने का काम किया। श्वेता ने यह काम मुंबई की एक एनजीओ 'क्रांति' के संग जुड़ कर किया। 'क्रांति' संस्था के साथ जुड़ने से उनके जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ। यह संस्था रेड लाइट एरिया की लड़कियों के पुनर्वास का काम करती है। संस्था की सहायता से श्वेता कमाठीपुरा से कांदीवली आ गई। 12वीं करने के बाद श्वेता ने एक साल पढ़ाई छोड़कर राजस्थान, नेपाल और झारखंड का दौरा किया और लड़कियों को यौन शिक्षा के प्रति जागरुक किया।

देह व्यापार को कानूनी वैधता दिलाना चाहती हैं श्वेता

श्वेता का सपना है की वह न्यूयॉर्क से भारत वापस आकर मुंबई के कमाठीपुरा रेड लाइट एरिया में एक क्लीनिक खोलें जहां वह शोषण का शिकार होती महिलाओं की मदद कर सकें। श्वेता चाहती हैं कि हमारे देश में सेक्स वर्कर्स को अपना अधिकार मिले और देह व्यापार को कानूनी वैधता प्रदान की जाए।

चमत्कार : एक दरगाह, जहां उंगलियों से उछाल देते हैं 90 किलो वजनी पत्थर

दुनियाभर में कई सारे चमत्कार हैं जो किसी आश्चर्य से कम नहीं। हालांकि हममें से कई ऐसे चमत्कारों पर भरोसा नहीं करते हैं बावजूद सच इससे अलग है, जिसे हम अपनी आंखों से भी देख सकते हैं। ऐसे ही एक चमत्कार का सच पुणे के एक गांव में दिखाई देता है। पुणे-बेंगलुरु हाईवे पर स्थित शिवपुर गांव में कमर अली दरवेश बाबा की एक दरगाह है। यहां एक ऐसा चमत्कार है जिसे देखकर दुनिया हैरत में पड़ जाती है।
 चमत्कार : एक दरगाह, जहां उंगलियों से उछाल देते हैं 90 किलो वजनी पत्थर
माना जाता है कि कमर अली दरवेश की दरगाह की शक्ति ही कुछ ऐसी है यहां एक साथ 11 लोग मिलकर अपनी तर्जनी अंगुली से 90 किलो का भारी पत्थर कई फीट ऊपर उठाकर उछाल देते हैं। हालांकि इस चमत्कारिक कमाल के पीछे लोग बाबा कमर अली दरवेश की शक्ति और आशीर्वाद मानते हैं। खास बात यह है कि यह चमत्कार बाबा की मजार के आस-पास यानी सिर्फ दरगाह क्षेत्र में और सिर्फ 11 लोगों के एकसाथ प्रयास करने पर ही संभव है। कहते हैं कि अगर 11 व्यक्ति से कम या एक भी ज्यादा व्यक्ति पत्थर उठाने का प्रयास करते हैं तो यह कारनामा नहीं हो पाता। 
 
शिवपुर के हजरत कमर अली को लोग काफी श्रद्धा से सम्मान देते हैं।  कहा जाता है कि शिवपुर में आज से 800 वर्ष पहले हजरत कमर अली आए और यहीं बस गए। उनकी मृत्यु के बाद गांव में उनकी कब्र पर इस मजार का निर्माण कर दिया गया। कहा जाता है कि तभी से बाबा की शक्ति इस दरगाह में निवास करती है।