सोमवार, 4 नवंबर 2013

मुजफ्फरनगर के रिलीफ कैंप में रह रही युवती से गैंगरेप



मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर में एक युवती के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई है। युवती फुगाना इलाके के राहत कैंप में अपने परिवार के साथ रह रही थी। आरोप है कि जब वो कैंप से बाहर गई तो सचिन और सुनील नाम के दो युवकों ने उसके साथ गैंगरेप किया।


आरोपियों ने जुबान खोलने पर लड़की को जान से मारने की धमकी भी दी थी। लड़की ने वापस लौटकर अपने पिता को पूरी घटना बताई। पिता की शिकायत के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।



बताया जाता है कि खुद गांववालों ने ही दोनों युवकों को पकड़ा, उसकी पिटाई की और फिर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस के मुताबिक मेडिकल जांच में रेप की पुष्टि हुई है।

कृष्ण भक्ति का पर्व है ‘गोवर्धन पूजा’

दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा पर देश के कोने-कोने से श्रद्धालु चुम्बक की तरह गोवर्धन की ओर खिंचे चले आते हैं। 



इस दिन गोवर्धन पूजा और गोवर्धन परिक्रमा का विशेष महत्व है क्योंकि यह पर्व विशुद्ध कृष्ण भक्ति का पर्व है तथा इसी दिन कृष्ण ने ब्रजवासियों को इन्द्र पूजा की जगह गोवर्धन की पूजा करने के लिए प्रेरित किया था तथा उन्होंने स्वयं भी गोवर्धन की पूजा की थी-“एक हाथ से पूजत हैं, एक से रहे पुजाय ।”

गर्ग संहिता का जिक्र करते हुए दानघाटी मंदिर के सेवायत आचार्य मथुरा प्रसाद कौशिक ने बताया कि जब श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों से इन्द्र की पूजा करने की जगह गोवर्धन की पूजा करने को कहा था तो इन्द्र ने अपने संवर्तक मेघों से ब्रज को डुबोने का आदेश दिया था। उस समय इन्द्र का प्रयास इसलिए बेकार हो गया कि श्यामसुन्दर ने अपनी सबसे छोटी उंगली पर गोवर्धन को उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी।

उसके बाद इन्द्र को जब असलियत का पता चला तो उन्होंने श्यामसुन्दर का दुग्धाभिषेक किया था। इसीलिए गोवर्धन पूजा पर गिर्राज महाराज की परिक्रमा और धारा (दूध की धार से) परिक्रमा करने की होड़ लग जाती है।

इस दिन अन्न सकड़ी का मंदिर का प्रसाद पाने का बड़ा महत्व है।

इस दिन गोवर्धन में विदेशी कृष्ण भक्त पूरी श्रद्धा के साथ गोवर्धन की पूजा के लिए झुण्ड के रुप में निकलते हैं। प्रसाद की डलिया सिर पर रखे हुए विदेशी पुरुष व महिलाएं हरगोकुल मंदिर पहुंचते हैं जहां पर ठाकुर जी का दुग्धाभिषेक कई मन दूध से कई घण्टे तक होता है।

इस दिन अपराह्न बडे़ बाजार से भी शोभा यात्रा निकलकर मुकुट मुखारबिन्द मंदिर जाती है। इस दिन दानघाटी मंदिर, मुखारबिन्द, जतीपुरा मंदिर, हरगोगुल मंदिर, मुकुट मुखारबिन्द मंदिर समेत गोवर्धन के अधिकांश मंदिरों में ठाकुर जी का दुग्धाभिषेक करने की होड़ सी लग जाती है। घरों में गोबर के गोवर्धन बनाकर पूजन किया जाता है।

पुराणों के अनुसार कंस के दरबार में गोवर्धन नामक एक गोप था जो कंस का नौकर था। गोवर्धन की पत्नी बहुत अधिक कृष्णभक्त थी।

गोप के मना करने के बावजूद वह कृष्ण प्रेम में लीन रहती। जब गोप कंस के यहां जाता तो कृष्ण वहां आ जाते। वह उनका पूजन करती और कुछ समय बाद वे चले जाते। गोप को डर था कि यदि कंस को पता चल गया कि कृष्ण उसके यहां आते हैं तो उसे मार डालेगा।

उसके सभी प्रयास असफल होने के बाद एक दिन वह अपनी मां से यह कहकर चला गया कि आज कृष्ण आवें तो वे उसे चुपके से कमरे में बंद कर दें जिससे वह जब आये तो उन्हें सबक सिखा दे। वह जैसे ही गया उसके कुछ क्षण बाद ही श्रीकृष्ण गोवर्धन गोप के रुप में आ गये और गोवर्धन गोप की मां से कहा कि आज चूंकि उसके सिर में दर्द है इसलिए वह नौकरी में नहीं जायेगा।

गोवर्धन गोप की पत्नी ने माखन मिश्री का प्रसाद लगाया तो ठाकुर ने उन्हें दर्शन दिये। बाद में जब गोवर्धन गोप आया तो उसकी मां ने उसे घुसने नहीं दिया तथा लाठी और पत्थर मारकर घायल कर दिया तथा कहा कि उसका बेटा तो पहले ही आ गया है। मां से अनुनय विनय कर घायल गोवर्धन गोप जब घर में घुसा तो उसने पत्नी से श्रीकृष्ण के आने के बारे में पूछ लिया। उसकी पत्नी ने बताया कि वह श्रीकृष्ण की सच्चे मन से भक्ति करती है और उसे चाहे कितना कष्ट मिले वह कृष्णभक्ति को नहीं छोड़ सकती।

इसके बाद गोवर्धन गोप उसे मारने दौडा तो श्यामसुन्दर प्रकट हो गये। उन्होंने उससे पूछा कि वह क्या चाहता है तो उसने कहा कि जिस प्रकार उनकी ‘श्यामसुन्दर की’ पूजा होती है उसी प्रकार ब्रजवासी उससे प्रेम करें एवं उसकी ‘गोवर्धन गोप’ पूजा हो। श्रीकृष्ण ने ‘एवमस्तु’ कहकर यह कहा कि आज से गोबर का गोवर्धन गोप बनाकर सभी उसकी पूजा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जो लोग उसकी पूजा करेंगे उसके कष्टों को वे (श्रीकृष्ण) हर लेंगे।

इस दिन देश विदेश के लाखों कृष्णभक्त गोवर्धन की सप्तकोसी परिक्रमा करते हैं और अपना जीवन धन्य करते हैं तथा जो यह नहीं कर पाते हैं वे अकेले या सामूहिक रुप से गोबर के गोवर्धन बनाकर उसकी पूजा करते हैं।

गोवर्धन पूजा भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है

गोवर्धन पूजा भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है
दीपावली की अगली सुबह गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार का भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है। इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है। गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है । शास्त्रों में बताया गया है कि गाय उसी प्रकार पवित्र होती जैसे नदियों में गंगा। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है। देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं उसी प्रकार गौ माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं। इनका बछड़ा खेतों में अनाज उगाता है। इस तरह गौ सम्पूर्ण मानव जाती के लिए पूजनीय और आदरणीय है। गौ के प्रति श्रद्धा प्रकट करने के लिए ही कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोर्वधन की पूजा की जाती है और इसके प्रतीक के रूप में गाय की ।

जब कृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलधार वर्षा से बचने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उँगली पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएँ उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे। सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा।

कथा 
गोवर्धन पूजा के सम्बन्ध में एक लोकगाथा प्रचलित है। कथा यह है कि देवराज इन्द्र को अभिमान हो गया था। इन्द्र का अभिमान चूर करने हेतु भगवान श्री कृष्ण जो स्वयं लीलाधारी श्री हरि विष्णु के अवतार हैं ने एक लीला रची। प्रभु की इस लीला में यूं हुआ कि एक दिन उन्होंने देखा के सभी बृजवासी उत्तम पकवान बना रहे हैं और किसी पूजा की तैयारी में जुटे। श्री कृष्ण ने बड़े भोलेपन से मईया यशोदा से प्रश्न किया " मईया ये आप लोग किनकी पूजा की तैयारी कर रहे हैं" कृष्ण की बातें सुनकर मैया बोली लल्ला हम देवराज इन्द्र की पूजा के लिए अन्नकूट की तैयारी कर रहे हैं। मैया के ऐसा कहने पर श्री कृष्ण बोले मैया हम इन्द्र की पूजा क्यों करते हैं? मैईया ने कहा वह वर्षा करते हैं जिससे अन्न की पैदावार होती है उनसे हमारी गायों को चारा मिलता है। भगवान श्री कृष्ण बोले हमें तो गोर्वधन पर्वत की पूजा करनी चाहिए क्योंकि हमारी गाये वहीं चरती हैं, इस दृष्टि से गोर्वधन पर्वत ही पूजनीय है और इन्द्र तो कभी दर्शन भी नहीं देते व पूजा न करने पर क्रोधित भी होते हैं अत: ऐसे अहंकारी की पूजा नहीं करनी चाहिए।

लीलाधारी की लीला और माया से सभी ने इन्द्र के बदले गोवर्घन पर्वत की पूजा की। देवराज इन्द्र ने इसे अपना अपमान समझा और मूसलाधार वर्षा शुरू कर दी। प्रलय के समान वर्षा देखकर सभी बृजवासी भगवान कृष्ण को कोसने लगे कि, सब इनका कहा मानने से हुआ है। तब मुरलीधर ने मुरली कमर में डाली और अपनी कनिष्ठा उंगली पर पूरा गोवर्घन पर्वत उठा लिया और सभी बृजवासियों को उसमें अपने गाय और बछडे़ समेत शरण लेने के लिए बुलाया। इन्द्र कृष्ण की यह लीला देखकर और क्रोधित हुए फलत: वर्षा और तेज हो गयी। इन्द्र का मान मर्दन के लिए तब श्री कृष्ण ने सुदर्शन चक्र से कहा कि आप पर्वत के ऊपर रहकर वर्षा की गति को नियत्रित करें और शेषनाग से कहा आप मेड़ बनाकर पानी को पर्वत की ओर आने से रोकें।

इन्द्र लगातार सात दिन तक मूसलाधार वर्षा करते रहे तब उन्हे एहसास हुआ कि उनका मुकाबला करने वाला कोई आम मनुष्य नहीं हो सकता अत: वे ब्रह्मा जी के पास पहुंचे और सब वृतान्त कह सुनाया। ब्रह्मा जी ने इन्द्र से कहा कि आप जिस कृष्ण की बात कर रहे हैं वह भगवान विष्णु के साक्षात अंश हैं और पूर्ण पुरूषोत्तम नारायण हैं । ब्रह्मा जी के मुंख से यह सुनकर इन्द्र अत्यंत लज्जित हुए और श्री कृष्ण से कहा कि प्रभु मैं आपको पहचान न सका इसलिए अहंकारवश भूल कर बैठा। आप दयालु हैं और कृपालु भी इसलिए मेरी भूल क्षमा करें। इसके पश्चात देवराज इन्द्र ने मुरलीधर की पूजा कर उन्हें भोग लगाया ।

इस पौराणिक घटना के बाद से ही गोवर्घन पूजा की जाने लगी। बृजवासी इस दिन गोवर्घन पर्वत की पूजा करते हैं। गाय बैल को इस दिन स्नान कराकर उन्हें रंग लगाया जाता है व उनके गले में नई रस्सी डाली जाती है। गाय और बैलों को गुड़ और चावल मिलाकर खिलाया जाता है।

रविवार, 3 नवंबर 2013

शिव विधानसभा से अमिन खान राजनितिक कुंडली

शिव विधानसभा से अमिन खान होंगे कांग्रेस के उम्मीदवार

जानिये अमिन खान कि राजनितिक कुंडली 




भाटी चन्दन सिंह 


बाड़मेर जिले कि ख़ास बन चुकी विधानसभा सीट पर इस बार दो दिग्गज आमने सामने होंगे। अमिन खान कांग्रेस के वफादार सिफाही रहे हें। उन्होंने वैन विभाग में नौकरी करने के बाद राणासर पंचायत से सरपंच का चुनाव लड़ कर राजनितिक केरियर कि शुरुआत कि। उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1980 में शिव से लड़ा। उनके सामने निर्दलीय शोभ सिंह मैदान में थे। उन्होंने शोभ सिंह को लगभग पांच हज़ार मतों से हराकर चुनाव जीता तथा विधानसभा पहुंचे। 1985 के चुनावो में अमिन खान जनता पार्टी के रावत उम्मीद सिंह से ग्यारह हज़ार मतों से चुनाव हार गए ,तीसरा चुनाव उन्होंने 1990 में लड़ा उनके सामने जनता दल के हरी सिंह थे। अमिन खान ने हरी सिंह को चार हज़ार से अधिक मतो से हराया। दूसरी बार विधायक बने। अगले चुनाव 1993 में हरी सिंह भाजपा से खड़े हुए उन्होंने अमिन खान को छह हज़ार से अधिक मतो से हराया। 1998 में फिर अमिन खान से हरी सिंह को उनीस हज़ार से अधिक मतो से हराया। २००३ में भाजपा के डॉ जालम सिंह रावलोत ने अमिन खान को दस हज़ार से अधिक मतों से हराया। फिर 2008 में अमिन खान ने डॉ जालम सिंह को उन्तीस हज़ार से अधिक वोटो से हराकर हिसाब चुकता किया। 


अमिन खान का प्रभाव अमिन खान जिले के दूसरे बड़े मुस्लिम नेता हें। उनसे पहले अब्दुल हादी मुस्लिमो के बड़े नेता रहे ,हादी के इंतकाल के बाद एकमात्र प्रभावी मुस्लिम नेता हें ,अमिन खान का मुस्लिम समाज के साथ अन्य समाजो में जाट ,राजपूत ,अनुसूचित जाती ,अनुसूचित जन जाती में खासा प्रभाव रहा।


बड़बोलापन। ऽमिन खान कोई बात साफगोई से कहते हें। साफ़ गोई क्षेत्र के लोगो को पसंद नहीं आ रही। उनके बात करने के अंदाज से उनके समर्थक परेशान रहते हें। उनके द्वारा दिए बयानो के कारण उनका राजनीती नुक्सान भी हुआ। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल के खिलाफ टिपणी के बाद देश भर में हो हल्ला हुआ। बाद में उन्होंने कांग्रेस कि प्रदेश बैठक में कार्यसमिति के सददस्य पैसे लेकर बनाने का बयां देकर कांग्रेस के सामने संकट खड़ा कर दिया। गाहे बगाहे उनके कई बयान चर्चाओ में आते रहे। इसके बावजूद उनके व्यक्तित्व के कारन कांग्रेस को उनके आगे बार बार झुकना पड़ा।




राजनितिक पद। ।अमिन खान चौथी बार विधायक बनाने के सात पहली बार राज्य मंत्री मंडल में अल्पसंख्यक मामलात और ग्रामीण विकास मंत्रालय के मंत्री बने। इस्तीफे के बाद वापस मंत्री बनाये गए तो ग्रामीण मंत्रालय उनसे छीन लिया। अशोक गहलोत के नज़दीक माने जाने वाले अमिन खान श्रीमती सोनिआ गांधी के सलाहकार अहमद पटेल के काफी नज़दीक माने जाते हें।


चुनावी गणित। .इ बार अमिन खान के सामने सबसे बड़ी चुनौती उनके द्वारा राजनितिक सिखाये मानवेन्द्र सिंह उनके सामने होंगे। मानवेन्द्र सिंह कि मुस्लिम वोटो पर व्यक्तिगत पकड़ हें। मुस्लिम वोटो के बिखराव को रोकना उनका पहला मकसद होगा




हादी परिवार कि नाराजगी। । गत पांच सालो में अमिन खान के अब्दुल हादी परिवार से रिश्ते काफी कट्टु रहे हें। अमिन खान गाहे बगाहे हादी परिवार कि पुत्रवधु और चौहटन प्रधान पर हमले बोलते रहे हें। अमिन खान कि हादी परिवार से नाराजगी साफ़ झलकती हें। अब टिकट मिलाने कि सम्भावना के बीच हादी परिवार को मानना उनके लिए चुनाव जीतने सम्मान होगा।


जाट नेताओ कि नाराजगी। . इस बार अमिन खान को जाट नेताओ कि नाराजगी भी झेलनी पड़ेगी।

कांग्रेस कि पहली सूचि। राहुल गांधी फॉर्मूले कि ऐसी तैसी कि अशोक गहलोत ने

कांग्रेस कि पहली सूचि। राहुल गांधी फॉर्मूले कि ऐसी तैसी कि अशोक गहलोत ने



खोदा पहाड़ निकला चूहा। दो माह कि मशकत टिकटे पुरानो को


बाड़मेर दो माह से राजस्थान कोंग्रेस में आगामी विधानसभा चुनावो में प्रत्यासियो को टिकट देने में राहुल गांधी के फार्मूले को आधार बनाने कि बड़ी चर्चा रही ,जब तक टिकटों का खुलासा नहीं हुआ लगता था कांग्रेस ने अब तक भाजपा के पक्ष में आये समस्त सर्वे को चुनौती मान प्रत्यासी उतरने कि कारगर रणनीति बनाई हें टिकट वितरण में शायद रही हें। राहुल फॉर्मूले के कायदे आते तो लगता कि कोंग्रेस आमूल चूल परिवर्तन कर नए चेहरो को जनता के बीच उतारेगी। राहुल नियमो ने कइयो कि नींद उड़ा दी। बाकायदा बैठको के उपडेट आते रहे। बैठको में दिग्गजों कि ताकत काटने से लेकर वर्त्तमान विधायको के टिकट काटने कि बात सामने आई। बाद में सांसद चुनावो में विधायक क्षेत्र से पीछे रहने इन विधायको टिकट काटने कि बात आई। बीस हज़ार से अधिक हारे हुए , टिकट आईए तो उम्मीद जगी कि कांग्रेस नै उम्मीदे जगाएगी ,नए चेहरो के साथ चुनावी वैतरणी ओआर करने कि उम्मीदे बढ़ी। मगर शनिवार कि रात को जो सूचि अधिकृत होक आई उसमे कई राहुल फॉर्मूले के विपरीत इस बार हज़ारो वोटो से हरे ,दो बार हरे ,लोगो को टिकट दिया। पार्टी कार्यकर्ताओ और आम वोरोध के बावजूद टिकट दिए कई जगह पार्टी लाइन से बाहर के लोगो को टिकट दिए जिसका खामियाज़ा कांग्रेस को
बाड़मेर जिले के सिवाना में कांग्रेस ने टिकट के लिय्रे कई चेहरे परखे जिसमे भंवर लाल देवासी ,महेंद्र टाइगर ,अणदाराम ,बालाराम ,पृथ्वी सिंह ,गणपत सिंह ,खेताराम देवासी। मगर कांग्रेस को पसंद आया महंत निर्मलदास का चेहरा जो बाहरी प्रत्यासी होने के साथ स्थानीय कांग्रेस के साथ कभी रहा नहीं। सिवाना कोंग्रेस ने विरोध शुरू कर दिया। नेताओ ने सिफारिश कि किसी और कि टिकर दिया किसी और को। पचपदरा का रहा जहा वर्त्तमान विधायक का बार बार विरोध किया कांग्रेस कमिटी ने एक स्वर में मदन प्रजापत के अलावा किसी को भी टिकट देने कि पैरवी कि। मगर कांग्रेस आलाकमान ने उसे भी अनदेखा किया। टिकट वितरण में बाड़मेर नेताओ कि नहीं चली स्व्यं राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी को मनचाही जस्गाह यिक्त नहीं गुड़ा कि दावेदारी भी दूसरी सूचि तक टल गई। हेमाराम चौधरी जैसे कद्दावर नेता का नाम पहली सूचि में ना आना गहलोत कि जाट विरोधी छवि के रूप ने समाज देख रहा हें। आखिर हेमाराम को बाड़मेर न सही गुड़ा से टिकट दी जा सकळती थी ,इन टिकट वितरण में हेमनाराम कि साड़ी गणित फेल हो गयी शायद वो चुनाव लड़ने से मनाकर दे ,गुड़ा से महिपाल मदेरणा कि पुत्री मदेरणा को उतरा जा सकता हें हेमाराम कि जगह या सांसद हरीश चौधरी गुड़ा से आ जाये तो कोई आश्चर्य नहीं। हेमाराम चौधरी को सांसद चुनाव लड़ाने का लोलयपोप दिया जा सकता हें।


शेष बाड़मेर से मेवाराम जैव ,बायतु कर्नल सोनाराम ,चौहटन से पदमाराम शिव से अमिन खान को टिकट दिया यह टिकट चार माह पूर्व भी दे दिए होते तो कोई फर्क नहीं पड़ता। कर्नल को छोड़ कर सरे उम्मीदवार हरने योग्य हें। भाजपा के घर बेठे वारे न्यारे हो गए ,


राहुल फॉर्मूले कि ऐसी तैसी कर दी अशोक गहलोत ने। जैसलमेर के पोकरण में राष्ट्रद्रोही आरोपो से घिरे साले मोहम्मद को सांसद चुनावो में सांसद को अपने क्षेत्र में पीछे अमिन खान को भी टिकट दिया हेमन। अब कांग्रेस क्या करेगी।


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नीतीश के कारण पार्टी छोड़ने के मूड में ज्यादातर जदयू नेता

पटना। जनता दल यूनाइटेड के दो वरिष्ठ नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ बगावत कर दी है। एक समाचार पत्र के मुताबिक जदयू नेता रमई राम और मंगानी लाल मंडल पार्टी छोड़कर लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होने वाले हैं। एक मंत्री है और दूसरा सांसद। नीतीश के कारण पार्टी छोड़ने के मूड में ज्यादातर जदयू नेता
पार्टी सांसद पूर्णमासी राम और जय प्रसाद निषाद ने भाजपा में शामिल होने के लिए पिछले महीने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी। विधायक छेदी पासवान को मोदी से मिलने के कारण पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया था। झांझरपुर से सांसद मंगानी लाल मंडल ने राजद के टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ने का मन बना लिया है।

उन्होंने रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद लालू यादव से मुलाकात की थी। मंडल ने बताया कि नीतीश कुमार उन्हें पिछले चार साल से प्रताडित कर रहे हैं। वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से ईष्र्या,जलन और द्वेष रखते हैं। पिछले चुनाव में मेरा प्रदर्शन अच्छा रहा था। इससे उन्हें जलन होने लगी। 2010 में उन्होंने मुझे पार्टी से सस्पेंड कर दिया।

नीतीश ने लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को भेजी शिकायत वापस ले ली थी इस कारण मंडल सांसद बने रहे। बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री रमई राम भी नीतीश कुमार से नाखुश हैं। सूत्रों के मुताबिक वह राजद नेताओं के संपर्क में है। वह हाजीपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री राम सुंदर दास हाजीपुर सीट से प्रतिनिधित्व करते हैं। रमई राम पहले भी राजद में रह चुके हैं।

सूत्रों के मुताबिक मोदी से मुलाकात के कारण पार्टी से निष्कासित किए गए गोपालगंज से सांसद पूर्णमासी राम राजद में शामिल हो सकते हैं जबकि मुजफ्फरपुर से सांसद कैप्टन जय नारायण प्रसाद निषाद भाजपा से टिकट चाह रहे हैं। निषाद अपने बेटे के लिए भी टिकट मांग रहे हैं। विधायक छेदी पासवान ने अहमदाबाद में मोदी से मुलाकात कर भाजपा में शामिल होने की इच्छा जताई थी।

बाड़मेर महंत निर्मलदास कि टिकट पर सिवाना में बवाल ,कांग्रेस उतरी विरोध में


महंत निर्मलदास कि टिकट पर सिवाना में बवाल ,कांग्रेस उतरी विरोध में 


बाड़मेर शनिवार रात को घोषित बाड़मेर जिले कि शिवबा सिधानसभा सीट से घोषित महंत निर्मलदास कि उम्मीदवारी का जोरदार विओरोध सिवाना में शुरू हो गया। कांग्रेस के और्व ब्लॉक अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता प्रेम सिंह पादरू ने निर्मलदास कि उम्मीदवारी का वोरोध किया। कांग्रेस के अधिकांस कार्यकर्ता निर्मलदास कि उम्मीदवारी के खिलाफ हें। पादरू का हाहना हें कि महंत जैसे बाहरी व्यक्ति को टिकट देकर सिवाना के कर्मठ कार्यकर्ता कि संघठन ने अनदेखी कर निर्मल दस को थोपने कि कोशिश कि जिसे बर्दास्त नहीं किया जाएगा ,उन्होंने आलाकमान सहित वरिष्ट नेताओ से बात कर निर्मल दस कि जगाय स्थानीय नेता को टिकट देने को कहा हें उन्होंने कहा कि कांग्रेस को टिकट वापस लेनी पड़ेगी। कांग्रेस कि इस गलती से चार सीटे हाथ से फिसल जायेगी ,सांसद कि जिद और उनकी अपनी स्वार्थपूर्ति के चलते निर्मलदास को उम्मीदवार बनाया जो गलत हें। सिवाना में निर्मलदास के विरोध में कांग्रेस एकत्रित हो रही हें

दहेज के लिए पूर्व विधायक ने की बहू की हत्या!

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व विधायक सादिराम की बहू की शनिवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पीडिता के पिता का आरोप है कि उनकी बेटी की हत्या हुई है जबिक ससुराल वालों ने आत्महत्या की बात कही है। पुलिस ने इस मामले में सादिराम,उनकी पत्नी और बेटे को गिरफ्तार किया है। दहेज के लिए पूर्व विधायक ने की बहू की हत्या!
सभी के खिलाफ हत्या,घरेलू हिंसा और दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज किया गया है। सादिराम दिल्ली के सराय रोहिल्ला इलाके में रहते हैं। शनिवार को घर पर उनकी बहू का शव मिला। बताया जा रहा है उसे दहेज के लिए प्रताडित किया जा रहा था। प्रताड़ना से तंग आकर वह फांसी के फंदे पर झूल गई।

27 साल की रेखा के पिता अशोक चौधरी ने बताया कि गत दिसंबर से उनकी बेटी को दहेज के लिए प्रताडित किया जा रहा था। चौधरी ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी की हत्या की गई है। दिसंबर 2012 में रेखा की शादी सादिराम के बेटे सुधांशु से हुई थी। चौधरी के मुताबिक शादी के कुछ दिन बाद ही उनकी बेटी के ससुराल वालों ने और दहेज की मांग शुरू कर दी।

जब मैं उनकी मांग पूरी नहीं कर पाया तो उन्होंने मेरी बेटी की हत्या कर दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि रेखा का शव पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा गया है। पोस्टमार्टम के बाद ही पता चल पाएगा कि उसने आत्महत्या की है या हत्या हुई है।

"कॉल गर्ल भेजकर एनडीए सरकार ने खरीदे थे सांसद"

नई दिल्ली। पूर्व सांसद पप्पू यादव ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। यादव का आरोप है कि केवल मनमोहन सिंह और नरसिम्हा राव की सरकार के लिए ही सांसद नहीं खरीदे गए थे,एनडीए सरकार ने भी यही काम किया था। "कॉल गर्ल भेजकर एनडीए सरकार ने खरीदे थे सांसद"
यादव को हाल ही में सीपीएम नेता अजीत सरकार की हत्या के मामले में बरी किया गया था। यादव का कहना है कि एनडीए सरकार ने पैसे और कारें देकर सांसदों का समर्थन हासिल किया था। यही नहीं एक सांसद को राज्य मंत्री बनाने का वादा किया गया था।

यादव ने ये सारे खुलासे अपनी पुस्तक द्रोहकाल का पथिक में। पुस्तक में यादव ने लिखा है कि पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा दूसरे दलों के सांसदों को टारगेट बनाते थे। 2001 में जब पप्पू यादव सांसद थे तब एनडीए की सरकार थी। यादव के मुताबिक वाजपेयी सरकार का समर्थन करने पर केरल कांग्रेस के नेता पीसी थॉमस को बतौर रिवॉर्ड राज्य मंत्री बनाया गया था।

उस वक्त राजद सांसद अनवरूल हक को एनडीए सरकार का समर्थन करने पर एक करोड़ रूपए कैश और एक कार दी गई थी। इसी तरह सुखदेव पासवान को भी खुश किया गया था। यही नहीं यशवंत सिन्हा ने भारतीय समयुक्त लोकतांत्रिक पार्टी के सांसदों को टारगेट किया था। पप्पू यादव इसी पार्टी के सदस्य थे।

यादव ने सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह किया है कि सरकारें सांसदों को ब्लैकमेल करने से भी नहीं चूकती है। अपनी पुस्तक में पप्पू यादव ने बिहार के रहने वाले सुमित नाम के व्यक्ति का जिक्र किया है। सुमित ने कॉल गर्ल सप्लाई कर कई सांसदों को अपने जाल में फंसाया था। यादव ने बताया है कि 1990 में जब लालू प्रसाद यादव ने बिहार में सरकार बनाई थी तब विधायक खरीदे गए थे।

मशहूर गायिका रेशमा का निधन



नई दिल्ली: मशहूर गायिका रेशमा का लाहौर में निधन हो गया है। साल 1947 में बीकानेर में जन्मीं रेशमा गले के कैंसर से जूझ रही थीं। यूं तो वह पाकिस्तानी नागरिक थीं, लेकिन 3 दशक पहले आई बॉलिवुड फिल्म हीरो के गाने 'लंबी जुदाई' से वह भारत में भी लोकप्रिय हो गईं।

रेशमा ने बेहद कम उम्र से गाना शुरू कर दिया था। जब वह 12 साल की थीं, तब पहली बार उन्होंने रेडियो पाक पर गाना गाया और उसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। पाकिस्तान में एक लोग गायिका के तौर पर वह बेहद लोकप्रिय हो चुकी थीं, लेकिन भारत में उनकी आवाज गूंजी सुभाष घई की फिल्म हीरो के गाने 'लंबी जुदाई' के जरिए। यह गाना 80 के दशक का सुपरहिट गाना रहा।हीरो मूवी का गाना 'चार दिनां दा प्यार हाय रब्बा, बड़ी लम्बी जुदाई... ' गाना एक तरह से रेशमा के लिए भारत से जुदाई का ही ऐलान साबित हुआ था। इस गाने के बारे में रेशमा का कहना था, 'हीरो में गाया हुआ मेरा यह गाना सचमुच मेरे ऊपर फिट हो गया। उस गीत ने मुझे जितनी प्रसिद्धि दिलाई, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। इसी की बदौलत मैं रातों-रात स्टार बन गई।'
इसके बाद भी उन्होंने प्लेबैक सिंगिंग के लिए कोशिशें की थीं, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। एक इंटरव्यू में इस बारे में बात करते हुए रेशमा ने कहा था,'दरअसल पारिवारिक कारणों से इस गाने के बाद मैं पाकिस्तान चली गई, जबकि उस समय मेरे पास टॉप म्यूजिक डायरेक्टर्स के ऑफर थे।'

रेशमा का कहना था कि भारत और पाकिस्तान उनके लिए दो आंखों की तरह हैं। उनका कहना था कि कलाकारों के लिए देश की सीमाएं कभी बाधा नहीं बनतीं और भारत में उन्हें हमेशा बेहद प्यार और सम्मान मिला है। रेशमा चाहती थीं कि भारत-पाकिस्तान अमन-चैन से रहें।

रविवार सुबह लाहौर के हॉस्पिटल में रेशमा के निधन की खबर आते ही भारत और पाकिस्तान समेत दुनिया भर में उनके प्रशंसक शोक में डूब गए। फिल्म जगत की कई हस्तियों ने उनके निधन पर दुख जाहिर किया है।

हेमाराम चौधरी पर संशय बरकरार। . पहली सूचि में नाम नहीं गुड़ा के अलावा कोई विकल्प नहीं

हेमाराम चौधरी पर संशय बरकरार। . पहली सूचि में नाम नहीं गुड़ा के अलावा कोई विकल्प नहीं 


बाड़मेर बाड़मेर जिले कि राजनीती में जो उथल पुथल हो रही थी वो राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी के बाड़मेर से चुनाव लड़ने कि सम्भावना से हुई। हेमाराम चौधरी के बाड़मेर लड़ने से बाड़मेर ,गुड़ा मालानी ,बायतु और सिवाना सीटे प्रभावित हो रही थी। सम्भवतः एक के लिए तीन सीटो के बलिदान को कांग्रेस के आलाकमान ने नहीं मन। बाड़मेर जिले कि सभी सीटे घोषित होने के बाद हेमाराम चौधरी का गुड़ा से नाम ना होना कांग्रेस कि रणनीति का हिस्सा हे या हेमाराम चौधरी द्वारा गुड़ा से चुनाव लड़ने कि सहमति प्रदान नहीं कि। आने वाले दिनों में यह खुलासा भी हो जायेगा  मगर पहली सूचि में उनका नाम न होने से उनकी राजनीती प्रतिष्ठा पर विपरीत प्रभाव  पड़ा हें। जबकि अशोक गलत और उनके विरोधी माने जाने वाले कर्नल सोनाराम चौधरी कि टिकर बायतु से प्रथम सूचि में शामिल हें। 

शनिवार, 2 नवंबर 2013

कांग्रेस कि सूचि जारी देखिये कौन हे उम्मीदवार

कांग्रेस कि सूचि जारी देखिये कौन हे उम्मीदवार 

मेवाराम जैन ,अमिन खान सोनाराम ,मदन प्रजापत  ,पदमाराम ,
सोनाराम चौधरी 


,पदमाराम
अमिन खान 

मेवारामजैन 

मदन प्रजापत 
महंत निर्मलदास ,साले मोहम्मद का नाम घोषित बाड़मेर आगामी विधानसभा चुनावो के लिए कांग्रेस ने आज अपनी सूचि जारी कि जिसमे बाड़मेर जिले कि छह सीटो पर और जैसलमेर जिले कि एक विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किये। एक मात्र नया चेहरा सिवाना से महंत मैदान में उतरा हें। शेष बाड़मेर से मेवाराम जैन। शिव से अमिन खान ,बायतु से कर्नल सोनाराम चौधरी ,चौहटन से पदमाराम।,पचपदरा से मदन प्रजापत को तथा पोकरण से साले मोहम्मद को घोषित किया हें। जैसा कयास लगाया गया था कि हेमाराम कि बाड़मेर से दावेदारी के कारन टिकटों का बंटाधार हो सकता था। मगर हेमाराम चौधरी के नाम कि घोषणा पहली सूचि में नहीं हें। इन चार नमो का खुलासा बाड़मेर नर्व्स ट्रैक पर शुक्रवार को ही कर दिया था। शिव से अमिन खान को सामने मानवेन्द्र सिंह के चुनाव लड़ने के निर्णय पर उतरा हें। हेमाराम चौधरी के नाम कि घोषणा ना होना संशय पैदा कर रहा हें। अब उनके लिए सिर्फ गुडा मालानी ही बचा हें।

जयपुर। कांग्रेस ने शनिवार रात को विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी। कांग्रेस ने लगभग 63 नामों की सूची जारी की है।


कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने अपना काम शुक्रवार को पूरा कर लिया था। इसके बाद शनिवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई। इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शाम को दिल्ली से जोधपुर आ गए और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चंद्रभान जयपुर पहुंच गए।

1.गंगानगर -जगदीश जंधू
2.करणपुर- गुरमीत सिंह कुन्नर
3.हनुमानगढ़ -विनोद कुमार लीलावाल
4.सूरतगढ़ -गंगाजल मील
5.बीकानेर -पश्चिम बीडी कल्ला
6..कोलायत- भंवर सिंह भाटी
7.डूंगरगढ़ -मंगलाराम गोदारा
8.सादुलपुर- कृष्णा पूनिया
9.सुजानगढ़ -भंवरलाल मेघवाल
10.सूरजगढ़ -श्रवण कुमार
11.झुंझुनूं -बृजेन्द्र ओला
12.नवलगढ़ -प्रतिभा सिंह
13.उदयपुरवाटी -राजेन्द्रसिंह गुढ़ा
14.खेतड़ी- डॉ जितेन्द्र सिंह
15.भ्भ्फतेहपुर- भंवरू खान
16.सीकर - राजेन्द्र पारीक
17.दातारामगढ़ - नारायणसिंह
18.श्रीमाधोपुर- दीपेन्द्र सिंह
19.चौमूं- भगवान सहाय सैनी
20.हवामहल- ब्रज किशोर शर्मा
21.सिविल लाइंस- प्रतापसिंह खाचरियावास
22.तिजारा- दुर्रू मियां
23.बानसूर- शकुंतला रावत
24.थानागाजी- उर्मिला जोशी
25.रामगढ़- जुबेर खान
26.कामां- जाहिदा खान
27.डीग- कुम्हेर- विश्वेन्द्र सिंह
28.महुआ- हरिसिंह महुआ
29.सिकराय- ममता भूपेश
30.दौसा- मुरारीलाल मीणा
31.लालसोट- परसादीलाल मीणा
32.बामनवास- नवलकिशोर मीणा
33.खंड़ार - अशोक बैरवा
34.किशनगढ़- नाथूराम सिनोदिया
35.नसीदाबाद- महेन्द्रसिंह गुर्जर
36.केकड़ी- रघु शर्मा
37.जायल- मंजू मेघवाल
38.मकराना - जाकिर हुसैन
39.नावां- महेन्द्र चौधरी
40.सरदारपुरा- अशोक गहलोत
41.पोकरण- सालेह मोहम्मद
42.शिव- अमीन खां
43. बाड़मेर- मेवाराम जैन
44.बायतू- कर्नल सोनाराम
45.पचपदरा- मदन प्रजापत
46.सिवाना- महंत निर्मल दास
47.चौहटन- पदमा राम मेघवाल
48.रानीवाड़ा- रतन देवासी
49.सिरोही- संयम लोढ़ा
50.गोगुंदा - मांगीलाल गरासिया
51.खेरवाड़ा- दयाराम परमार
52.सलूंबर- बसंती देवी मीणा
53.सागवाड़ा- सुरिन्दर बामणिया
54.गढ़ी- कांता गरासिया
55.बांसवाड़ा- अर्जुन सिंह बामणिया
56.बागीदौरा- महेन्द्रजीत सिंह मालवीया
57.कंुभलगढ़- गणेश सिंह परमार
58.सांगोद- भरतसिंह कंुदनपुर
59.कोटा उत्तर- शांति धारीवाल
60.लाड़पुरा- नईमुद्दीन
61.अंता- प्रमोद कुमार
62.किशनगंज-छतरी बाई सहरिया
63.मनोहरथाना -कैलाशचंद मीणा

आंध्रप्रदेश में दो ट्रेनें भिड़ीं, आठ की मौत, कई घायल

विजयनगर। आंध्रप्रदेश में शनिवार को विजयनगर से 10 किलोमीटर दूर गाजुलारेजा स्टेशन पर दो ट्रेनों की भिड़ंत में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई।
आंध्रप्रदेश में दो ट्रेनें भिड़ीं, आठ की मौत, कई घायल
जानकारी के अनुसार गाजुलारेजा स्टेशन पर खड़ी बोकारो जाने वाली एलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस के कुछ डिब्बों में आग की अफवाह फैल गई। आग की अफवाह के बाद लोग घबराहट व जल्दबाजी में ट्रेन से उतरने लगे। तभी रायगढ़ विजयवाडा पेसेंजर ट्रेन ने एलेप्पी-धनबाद एक्सप्रेस को टक्कर मार दी। इससे आठ लोगों की मौत हो गई व कई घायल हो गए।

अब पाक तालिबान का नया आका बना सजना

इस्लामाबाद। एक ड्रोन हमले में शुक्रवार को हकीमुल्ला मेहसूद के मारे जाने के बाद पाकिस्तानी तालिबान ने शनिवार को खान सैयद सजना उर्फ खालिद को तालिबान का नया प्रमुख नियुक्त किया है।अब पाक तालिबान का नया आका बना सजना
डॉन के अनुसार पाकिस्तानी तालिबान परिषद की एक बैठक में खान सैयद सजना को मेहसूद का उत्तराधिकारी नियुक्त किया गया।

खबरों में कहा गया है कि सैयद (36 वर्ष) 2012 में बान्नू जेल तोड़ने की घटना का सूत्रधार था। इस हमले में तालिबान ने 400 कैदियों को मुक्त करा लिया था।

खुफिया जगह पर हुई बैठक में लगभग सभी सदस्य मौजूद थे। एक अधिकारी ने पहले बताया था कि सजना पढ़ा लिखा नहीं है और न ही उसे कोई औपचारिक धार्मिक ज्ञान मिला। हालांकि, उसे अफगानिस्तान में लड़ने का अनुभव है।

तालिबान प्रमुख बनने से पहले सजना दक्षिण वजीरिस्तान तालिबान का प्रमुख था। बैठक में सजना सहित चार नामों पर विचार किया गया था।

सरहद का सुलतान फिर कांग्रेस में सक्रीय हिस्टीशीटर गाजी फकीर कांग्रेस कि बैठक में लेंगे हिस्सा

सरहद का सुलतान फिर कांग्रेस में सक्रीय हिस्टीशीटर गाजी फकीर कांग्रेस कि बैठक में लेंगे हिस्सा 


बाड़मेर। विगत दिनों सरहद के सुलतान गाज़ी फ़क़ीर कि जिला पुलिस जैसलमेर द्वारा हिस्ट्रीशीट खोलने तथा उनके राष्ट्रद्रोही गतिविधियो में शामिल होने के आरोपो के बाद उनसे पल्ला झाड़ चुकी कांग्रेस ने मुस;लिम वोटो के लिए फिर उनसे गठबंधन करने का मानस बना। जबकि गाज़ी के खिलाफ प्रधानमंत्री कार्यालय ने जांच रिपोर्ट राज्य सरकार से तलब कि हें। हिस्ट्रीशीटर गाज़ी फ़क़ीर कांग्रेस कमिटी के अल्पसंख्यक मोर्चे कि शिव में आयोजित होने वाली बैठक में भाग लेंगे। इस आशय कि प्रेस विज्ञप्ति अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेष महासचिव गुलाम मोहम्मद नेगरड़ा ने जारी कर जानकारी दी। 

गौरतलब हे विगत दिनों गाज़ी फ़क़ीर कि हिस्ट्रीशीट पुनः खोलने के बाद विवादो में आने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वीकार किया था कि पुलिस ने अपनी कार्यवाही को सरकार के आदेशानुसार सही अंजाम दिया हें। मगर विधानसभा चुनावो कि आहात के साथ कांग्रेस गाज़ी फ़क़ीर को चुनावी हथियार के रूप में इस्तेमाल करने कि रणनीति बना चुकी हें। कांग्रेस का ध्येय हें गाज़ी फ़क़ीर के जरिये पाकिस्तान में बेठे उनके आका पीर पगारो का  समर्थन  हासिल किया जाए। इस बैठक में हिस्ट्रीशीटर के साथ सांसद हरीश चौधरी ,अल्पसंख्यक मामलात मंत्री अमिन खान भी हिस्सा लेंगे 

राजस्थान प्रदेष कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेष महासचिव गुलाम मोहम्मद नेगरड़ा ने प्रेस विज्ञपित जारी कर बताया कि ब्लाक कांग्रेस कमेटी षिव व अल्पसंख्यक विभाग द्वारा चार नवम्बर को प्रात: 11.00 बजें षिव की ग्राम पंचायत कानासर में अल्पसंख्यक कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की एक आम बैठक का आयोजन किया जाएगा। इस बैठक में पषिचमी राजस्थान के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गाजी फकीर जैसलमेर अल्पसंख्यक विभाग मामलात के राज्य मंत्री अमीन खान, सांसद हरीष चौधरी, हुसैन फकीर देवीकोट सहित कर्इ वरिष्ठ कांग्रेसी नेता आम सभा को सम्बोधित करेगें। इस आमसभा में बाड़मेर जिले के कर्इ कांग्रेसी कार्यकर्ता शरीक होगें।