उन्नत खेती का पैगाम, पहुँचा सरहद, ढाँणी-गाँव
खुशहाली लाए खेत-खलिहान, धरती पुत्र हुए निहाल
- डॉ. दीपक आचार्य
जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी,
जैसलमेर
राजस्थान की पश्चिमी सरहद पर अवस्थित रेतीली धरा जैसलमेर जिले में बहुसंख्यक लोगों की आजीविका कृषि और पशुपालन पर आधारित रही है। सरकार की कृषि व इससे संबंधित योजनाओं की वजह से परम्परागत कृषि में बदलाव आने लगा है तथा काश्तकार नवाचारों को अपना रहे हैं।
इंदिरा गांधी नहर का पानी प्यासे खेतों में पहुँचकर खुशहाली के स्वप्नों को साकार कर रहा है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में पिछले चार वर्ष में कृषि विकास व विस्तार के क्षेत्र में ढेरों उपलब्धियाँ हासिल की गई हैं।
खेतों में खिले नवाचारों के फूल
इस अवधि में कृषि विभाग द्वारा किसानों के यहां 370.51 लाख रुपये व्यय कर 14 हजार 704 फसल प्रदर्शन आयोजित किये गये। इनमें से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत पोषण सुरक्षा के लिये कृषकों के यहां कलस्टरों में 12860 हैक्टर क्षेत्र में बाजरा प्रदर्शनों का निःशुल्क आयोजन किया गया। इस अवधि में 29.4 लाख रुपए लागत के 57 हजार 736मिनिकिट्स का निःशुल्क वितरण ग्राम पंचायत स्तरीय शिविरों में किया गया। इसी तरह 235 किसानों को कृषि यंत्र की खरीद के लिये 20.98 लाख रुपए अनुदान स्वरूप उपलब्ध कराये गये।
उपकरणों ने बदली खेतों की तस्वीर
जिले में 2 हजार 255 किसानों को पौध संरक्षण यंत्र खरीद के लिये 11.17 लाख रुपए की अनुदान राशि उपलब्ध कराई गई। 137 किसानों को जल हौज निर्माण के लिये 68.50लाख रुपए का अनुदान तथा नहरी क्षेत्र में 292 किसानों को डिग्गी निर्माण के लिये 348 लाख रुपए की अनुदान राशि उपलब्ध करवाकर बहुत बड़ी राहत पहुँचाई गई है। इसी प्रकार 35किसानों को सामुदायिक पौण्ड निर्माण के लिये 244 लाख रुपए की अनुदान राशि प्रदान की गई।
बूँद-बूँद सिंचाई पद्धति ने भरे भण्डार
जिले में 5 हजार 891 हैक्टर क्षेत्र में फव्वारा संयत्र लगाने के लिये 228.89 लाख रुपए की अनुदान राशि उपलब्ध कराई गई। इससे 1 हजार 961 किसान लाभान्वित हुए। बूँद-बूँद सिंचाई को प्रोत्साहन करने के लिये 348 हैक्टर क्षेत्र में किसानों के यहाँ बूंद-बूँद संयत्र स्थापित किये गये एवं उन्हें 205.50 लाख रुपए की अनुदान राशि उपलब्ध कराई गई। जबकि167 हैक्टर क्षेत्र में मिनी स्पि्रंकलर लगाये जाकर किसानों को 123 लाख रुपए का अनुदान दिया गया। वर्ष 2011 में राज्य सरकार ने न्यून अन्तराल पर बूँद-बूँद संयंत्र स्थापित करने पर अनुदान को 70 से बढ़ाकर 90 प्रतिशत किया गया।
खजूर और बेर उत्पादन को बढ़ावा
इस अवधि में जिले में 45.88 हैक्टर में 90 प्रतिशत अनुदान पर टिश्यू कल्चर से तैयार आयातित खजूूर पौधों पर कृषकों को 110.17 लाख राशि का अनुदान उपलब्ध करवाया गया। कुल 105 हैक्टर में बेर पौधारोपण किया गया। इस दौरान किसानों को जिप्सम पर अनुदान के रूप में 4.99 लाख रुपए राशि व्यय की गई।
भ्रमणों ने निखारा काश्तकारों के हुनर को
जिले में 21 हजार 725 कृषकों को कृषक प्रशिक्षणों, भ्रमण व मेलों इत्यादि से लाभान्वित किया गया। इन गतिविधियों पर 29.57 लाख की धन राशि व्यय की गई। कृषकों को अनुदान पर पाईप लाईन स्थापित कराकर उन्हें 30 कि.मी. पाईप लाईन पर 10.18 लाख रुपए की राशि अनुदान स्वरूप उपलब्ध कराई गई। जिले में 4 हजार 920 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया। जिले में चलाये गये रबी अभियान ने किसानों को खेती-बाड़ी के मामले में नई दिशा प्रदान की है।
जैसलमेर जिले में कृषि की विपुल संभावनाओं और सिंचित क्षेत्र में निरन्तर वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए वर्तमान सरकार के कार्यकाल में उपनिदेशक कृषि (विस्तार) जिला परिषद्, का नया पद सृजित किया गया। इसी प्रकार जिला मुख्यालय पर मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की स्थापना की गई।
प्रगतिशील किसानों को मिला प्रोत्साहन
जिले में पहली बार आत्मा योजनान्तर्गत वर्ष 2009-10 से प्रत्येक पंचायत समिति पर दो प्रगतिशील कृषकों का चयन कर 10-10 हजार रुपए का पुरस्कार एवं जिला स्तर पर प्रगतिशील कृषकों को 25-25 हजार रुपए का पुरस्कार दिलाया गया। अब तक 18 किसानों को 2.70 लाख रु पए पुरस्कार स्वरूप मिल चुके हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत पहली बार वर्ष 2010-11 में 200 कृषकों के यहाँ चना प्रदर्शन किया गया एवं उन्हें 1000 मिनिकिट्स निःशुल्क वितरित किये गये।
सौर ऊर्जा का इस्तेमाल
जवाहरलाल नेहरु सौर ऊर्जा मिशन एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अन्तर्गत जिले में वर्ष 2011-12 में पहली बार 31 कृषकों के यहां 86 प्रतिशत अनुदान पर सोलर पम्प स्थापित कर 150 लाख अनुदान राशि उपलब्ध करवाई गई।
रबी एवं खरीफ अभियान से किसानों ने पायी नई जानकारी
राज्य सरकार द्वारा किसानों को कृषि की नवीन तकनीक की जानकारी देने एवं उन्नत किस्म के बीजों का वितरण कराने के लिये खरीफ एवं रबी अभियानों का संचालन किया गया। चार वर्षीय कार्यकाल में जिले में कृषि विभाग द्वारा खरीफ अभियान शिविरों का आयोजन किया जाकर किसानों को खेती-बाड़ी की नवीन कृषि तकनीक की जानकारी दी गई।
आलोच्य अवधि में 128 ग्राम पंचायतों में प्रतिवर्ष खरीफ अभियान शिविरों का आयोजन किया जाकर 23 हजार 144 किसानों को बीज मिनिकिट्स का निःशुल्क वितरण किया गया। इस अवधि में रबी अभियान के तहत शिविरों का आयोजन किया जाकर 24 हजार 359 बीज मिनिकिट्स किसानों को निःशुल्क वितरित किये गये। इसके साथ ही 10 हजार 233चारा मिनिकिट्स भी निःशुल्क वितरित किये। इसी प्रकार 7 हजार 862 किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किये गये एवं 4325 मृदा स्वास्थ्य के नमूनों का संग्रहण किया गया।
शिविरों मेंं 1 हजार 807 मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को वितरित किये गये वहीं 875 किसानों के खेतों से मृदा स्वास्थ्य के नमूने संग्रहीत किये गये। शिविरों में किसानों को मांग के अनुसार रबी व खरीफ फसलों के लिये उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध कराये गये। इन चार वर्षों में खेती-बाड़ी के लिहाज से जिले में विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत खूब काम हुए हैं और व्यापक उपलब्धियां हासिल की गई हैं।