मुंबई। पूर्व मिस वर्ल्ड और फिल्मों में काम कर चुकीं युक्ता मुखी घरेलू हिंसा की शिकार हो गई हैं। उन्होंने अपने पति प्रिंस तुली के खिलाफ मारपीट की शिकायत थाने में दर्ज करवाई है।
मुंबई के अंबोली पुलिस स्टेशन पर दर्ज करवाई गई शिकायत में कहा गया है कि उनका पति अक्सर उनकी पिटाई करता है। इस संबंध में पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ इंस्पेक्टर हरीशचंद्र वाटकर ने बताया कि युक्ता मुखी ने आरोप लगाया है कि प्रिंस तुली अक्सर उन्हें परेशान करता रहता है। आए दिन मारपीट करता है।
शिकायत के बाद अंबोली पुलिस थाने में उनके पति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इससे अधिक जानकारी के लिए जब पुलिस से पूछा गया तो कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। हालांकि, कहा जा रहा है कि प्रिंस तुली के खिलाफ गैर संज्ञेय अपराध का मामला दर्ज किया गया है। इसके तहत पुलिस अदालत की अनुमति के बिना न तो एफआईआर दर्ज कर सकती है, न जांच कर सकती है और न ही गिरफ्तारी कर सकती है। अब पूरा इंतजार कोर्ट की अनुमति का है।
युक्ता को दिसंबर 1999 में लंदन स्थित ओलंपिया थिएटर में मिस वर्ल्ड चुना गया है। 20 साल की उम्र में ही वह दुनिया की सबसे सुंदर लड़की बन गई थीं। इसके बाद उन्होंने कुछ फिल्मों में भी काम किया था। लेकिन बॉलीवुड में बात जम नहीं पाई।
युक्ता के पति तुली न्यूयॉर्क के कारोबारी हैं। इनकी फैमिली का मध्य भारत में होटल, मॉल्स और एजुकेशन का कारोबार है।
पिता और सौतेली मां पर हत्या का मामला दर्ज
जैतारण (पाली)। कस्बे की आगेवा मार्ग पर गुरूवार को एक किशोरी की मौत के बाद मोहल्लेवासियों और ननिहालवालों के विरोध पर पुलिस ने मृतका के पिता और उसकी सौतेली मां के विरूद्ध हत्या का मामला दर्ज किया है। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने किशोरी को भूखा रखकर उसे प्रताडित किया, जिससे उसकी मौत हो गई।
जैतारण थाना प्रभारी वीरेन्द्र कुमार मीणा ने बताया कि आगेवा रोड निवासी अमराराम कुमावत का कहना है कि उसकी 17 वर्षीया पुत्री विष्णुप्रिया कुछ दिनों पूर्व जहरीले जानवर के दंश के कारण बीमार हो गई। उपचार के बाद उसकी तबीयत नहीं सुधरी। जैतारण चिकित्सालय में गुरूवार को उसकी मौत हो गई। मौत के बाद मोहल्लेवासी और उसके ननिहाल पक्ष के लोग चिकित्सालय पहुंचे और पिता अमराराम व उसकी दूसरी पत्नी पपलीदेवी पर विष्णुप्रिया को भूखा रखकर उसकी हत्या करने का आरोप लगाते हुए मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने की मांग को लेकर अड़ गए।
इसके बाद लोगों ने शव उठाने से इनकार करते हुए उपखण्ड कार्यालय पहुंचकर विरोध जताया। इसके बाद अस्पताल पहुंचे तहसीलदार हरेन्द्रसिंह चौहान ने बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाने के आदेश दिए। पोस्टमार्टम में चिकित्सकों ने जहरीले जानवर के दंश से इनकार करते हुए शरीर पर पांच-सात जगह पुरानी चोटों की पुष्टि की है। बालिका के विसरा नमूनों की रिपोर्ट आने पर मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा हो सकेगा। पुलिस ने शव मोर्चरी में रखवाया है। मृतका के मामा बलून्दा निवासी रूपाराम कुमावत की रिपोर्ट पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के विरूद्ध हत्या का मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की है।
तीसरी संतान की मौत
अमराराम की पहली पत्नी की संतान 12 वर्षीय पुत्र लीलाधर की मौत 21 अप्रेल 2009 को तथा उसके बाद 16 वर्षीय पुत्री शोभा की मौत 17 जनवरी 2010 को हो गई थी। कुल चार संतानों में से तीसरी विष्णुप्रिया की मौत गुरूवार को हुई।
जवान सतर्क हौसले बुलंद
जैसलमेर। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जोधपुर रेंज के महानिरीक्षक पीसी मीणा ने भरोसा दिलाया है कि सीमा पर तैनात जवान पूरी तरह सजग हैं और विषम परिस्थितियो में भी उनका हौसला बुलंद है।
नव नियुक्त आईजी मीणा ने सीमावर्ती क्षेत्र के दौरे के बाद गुरूवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा देश की सुरक्षा भरोसेमंद हाथो मे है। जवानों की चौकस निगाहें हमेशा सीमा पर बनी रहती है। जवानो को अवकाश नहीं मिलने, अनिद्रा का शिकार होने व उनकी कार्यदक्षता घटने संबंधी आईआईएम अहमदाबाद की ओर से किए सर्वे के बारे में उन्होने कहा कि आजकल ऎसा नहीं है। जवानो को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। सांभा मे सुरंग मिलने सम्बंधी सवाल के जवाब में उन्होंने कहा सांभा के बारे मे उन्हें विस्तृृत जानकारी नहीं है। जैसलमेर मे गत दिनो पकड़ी गई हेरोइन मामले मे जांच चल रही है। उन्होने कहा सीसुब, रॉ, आईबी सभी का कार्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है और अपना-अपना काम कर रहे हैं।
विशेष जैकेट
जवानो को गर्मी से बचाने के लिए जैली जैकेट मुहैया करवाने की प्रक्रिया फिलहाल चल रही है। इसमे कितना समय लगेगा, इसके बारे मे कुछ कहा नहीं जा सकता।
साइबर क्राइम
जैसलमेर के मोबाइलो मे पाक सिग्नल मिलने से संबंधित सवाल के जवाब मे उन्होने कहा बॉर्डर टावरो की रेंज भी कम की गई है। उन्होने बढ़ते साइबर क्राइम को गंभीर बताया, लेकिन उनके सामने अभी ऎसा कोई मामला सामने नहीं आया है।
जारी रहेगा आधुनिकीकरण
किशनगढ़ फील्ड फायरिंग रेंज की प्रगति संतोषजनक है। सीसुब के आधुनिकीकरण के प्रयास किए जा रहे हैं। बल की ओर से सीमा की सुरक्षा के साथ ही सामाजिक सरोकारो से जुड़े कार्यो में भी सहयोग दिया जा रहा है।
नए पटवार मण्डल में लगेंगे 800 नए पटवारी
बाड़मेर। प्रदेश में अब जितनी ग्राम पंचायतें है उतने ही पटवार मण्डल होंगे। ग्रामीणों को पटवारी के पीछे एक ग्राम पंचायत से दूसरी ग्राम पंचायत में नहीं घूमना पड़ेगा तो पटवारी को भी अब दो- तीन सरपंचों के आगे पीछे चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए कसरत पूरी कर ली गई है। सीमावर्ती बाड़मेर जिले में 61 पटवार मण्डलों की वृद्धि होगी।
प्रदेश में पटवार मंडल प्रशासनिक इकाई के रूप में और ग्राम पंचायतें पंचायती राज की इकाई के रूप में कार्य कर रही है। सालों से चल रही इस व्यवस्था में कई परेशानियां सामने आ रही है। एक पटवारी तीन चार ग्राम पंचायतों के अलग अलग हलकों का कार्य कर रहा है तो कई ऎसे पटवार मण्डल भी है जिनकी अपनी ग्राम पंचायत नहीं है। इस कारण राजस्व और पंचायती राज विभाग दोनों को ही परेशानियां आ रही है। इसको दूर करते हुए अब राजस्व विभाग ने ग्राम पंचायत के अनुसार पटवार मण्डल गठित करने का निर्णय किया है।
बाड़मेर में फिल्हाल 330 पटवार मण्डल
बाड़मेर जिले में 380 ग्राम पंचायतें है और इस वक्त 330 पटवार मण्डल है। शहरी क्षेत्र को जोड़ते हुए अब 61 नए पटवार मण्डल गठित किए जाएंगे। इसके अलावा ऎसे भी दस पटवार मण्डल है जहां पर ग्राम पंचायत नहीं है, उन्हें हटाया जाएगा।
क्षेत्र निर्घारण के साथ ही कई सहूलियतें
पटवार मण्डल और ग्राम पंचायत का एक ही क्षेत्र होनेे से ग्रामीणों को सबसे बड़ी सहूलियत उनके कागजात में पंचायती राज और राजस्व विभाग दोनों का तालमेल हो जाएगा। नियुक्ति, समस्या समाधान, विभागीय शिविर से लेकर आंकड़ो तक में एक समानता आ जाएगी।
नहीं काटना होगा चक्कर
सबसे बड़ी सुविधा कार्मिकों के पीछे चक्कर काटने की मुश्किल खत्म हो जाएगी। ग्राम पंचायत और पटवारी दोनों संयुक्त रूप से एक इकाई के रूप में कार्य करेंगे।
पटवारियों की भर्ती होगी
प्रदेश में करीब आठ सौ नए पटवार मण्डल गठित किए गए है। 800 नए पटवार मण्डलों के लिए पटवारियों की भर्ती होगी। साथ ही पुराने रिक्त पदों पर भी भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण होगी। ग्राम पंचायत और पटवार मण्डल का क्षेत्र एक करने की कार्यवाही पूर्ण कर दी गई है।
हेमाराम चौधरी,राजस्व मंत्री
फूटा महंगाई बम,बिगड़ेगा बजट
नई दिल्ली। गृहणियों, किसानों और परिवहन सेवाओं पर व्रजपात करते हुए मनमोहन सिंह सरकार ने गुरूवार को उन पर करीब 25 हजार करोड़ रूपए का आर्थिक बोझ डाला तथा डीजल की कीमतों में 5 रूपए प्रति लीटर की एक बारगी की सबसे अधिक बढ़ोतरी कर दी। साथ ही रसोई गैस की आपूर्ति को सीमित करते हुए साल में सब्सिडी वाले केवल छह सिलेंडरों की सीमा तय कर दी। डीजल की दरों में बढ़ोतरी आधी रात से लागू हो गई।
अब साल भर में छह सिलेंडर से ज्यादा उपभोग करने वालों को सातवां सिलेंडर 700-800 रूपए में मिलेगा। मोटे रूप से एक सामान्य परिवार में 14.2 किलोग्राम का रसोई गैस का सिलेंडर लगभग एक माह चलता है। इस प्रकार जरूरत को पूरा करने के लिए लोगों को पांच से छह सिलेंडर बाजार दाम पर खरीदने होंगे। इतना ही बल्कि एलपीजी के दाम भी हर महीने तय होंगे।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक के बाद पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने बताया कि डीजल के दाम पांच रूपए लीटर बढ़ाने का फैसला किया गया है। रेड्डी ने बताया कि रसोई गैस और मिट्टी के तेल के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं, किंतु अब उपभोक्ता को साल में केवल छह सिलेंडर सबसिडी पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इससे अधिक सिलेंडर के लिए उपभोक्ता को बाजार दर पर इसे खरीदना पडेगा।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियां लागत से कम कीमत पर हो रहे भारी नुकसान को देखते हुए सरकार से सब्सिडी देने अथवा दाम बढ़ाने का आग्रह कर रही थी। कंपनियों का कहना है कि फिलहाल डीजल पर 19 रूपए प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। रसोई गैस के 14.2 किलोग्राम के सिलेंडर पर अंडर रिकवरी 347 रूपए और मिट्टी के तेल पर 32.70 रूपए प्रति लीटर है।
सरकार ने पिछले साल जून में ही डीजल के दाम तय करने के लिए इसे प्रशासनिक मूल्य प्रणाली से अलग करने का फैसला लिया था, किंतु इसे अभी तक अमल में नहीं लाया गया है। पेट्रोल के दाम जून 2010 में ही प्रशासनिक मूल्य प्रणाली से अलग कर दिए गए थे और इसके बाद से कंपनियां अंतर्राष्ट्रीय बाजार की कीमतों के आधार पर इसमें हर पखवाडे संशोधन करने का फैसला करती हैं।
सरकार की चांदी
19000 करोड़ रूपए सरकार कमाएगी डीजल
की बढ़ी कीमतों से 2000 करोड़ रूपए लगभग सिलेंडर सब्सिडी हटाने से होगी कमाई
तीन साल में 16 रूपए बढ़े डीजल के दाम
संप्रग-2 सरकार ने पिछले तीन साल में अब तक 7 बार डीजल के दामों में बढ़ोतरी की है। इस दौरान दिल्ली में डीजल के दाम 30.86 रूपए प्रति ली. से बढ़कर 46.95 रूपए तक पहुंच गए हैं।
यह होगा असर
परिवहन खर्च बढ़ेगा, क्योंकि ट्रक-बस डीजल से ही चलती हैं।
खाने-पीने की चीजें महंगी होंगी। लोडिंग व शिफ्टिंग खर्च भी बढ़ेगा।
सिंचाई की कीमत बढेगी, भरपाई अनाज के दाम बढ़ाकर।
मार्च तक सिर्फ तीन सस्ते सिलेंडर मिलेंगे छह माह तीन से ही काम चलाना होगा।
बेटे-पत्नी की हत्या खुद फंदे से झूला
जयपुर। गोनेर में गुरूवार शाम को एक शेयर कारोबारी अपने घर में फंदे से लटका मिला। उसी कमरे में उसकी पत्नी व मासूम बेटे के शव मिले, जिनकी गला दबाकर हत्या की गई थी। शिवदासपुरा थाना पुलिस ने प्रारम्भिक पड़ताल में माना है कि पत्नी व बेटे की हत्या के बाद कारोबारी खुद फंदे से झूल गया। आत्महत्या से पूर्व लिखे पत्र में उसने बताया कि शालू ने बेटे की हत्या की। इसके बाद उसने शालू को मौत के घाट उतारा। पुलिस ने तीनों शव महात्मा गांधी अस्पताल में रखवाए हैं, जिनका शुक्रवार को पोस्टमार्टम होगा।
मृतकों में 52 दुकानों के पीछे रहने वाले समीर मल्होत्रा (45), उसकी पत्नी शालू (40) तथा बेटा अंकुश (8) शामिल हैं। समीर शेयर कारोबार करता था। उसके भाई मोहित का परिवार पड़ोस के मकान में तथा माता-पिता पास ही एक अन्य मकान में रहते हैं। समीर का बड़ा बेटा दादा-दादी के साथ करधनी में बुआ के घर गया हुआ था। मोहित व उसकी पत्नी भी घर से बाहर थे। परिवार के अन्य सदस्यों की घर पर शाम को नजर पड़ी तो दरवाजा भीतर से बंद था। खिड़की से देखा तो समीर फंद से लटका मिला। पुलिस के मौके पर पहंुच दरवाजा तोड़ा तो शालू व अंकुश भी मृत मिले।
आत्महत्या से पहले लिखी अपनी बात
एक कॉपी में समीर का आत्महत्या से पूर्व लिखा पत्र मिला। बीस पेज से अधिक के इस पत्र में समीर ने परिवार की पेरशानियां लिखी हैं। उसका पत्नी शालू से विवाद था, जिसे लेकर बजाज नगर थाने में रिपोर्ट भी दर्ज हुई थी। उसकी रिपोर्ट पर समीर जेल भी गया था। बाद में वर्ष 2011 में उनमें सुलह हो गई थी।
पत्र में उसने लिखा है कि शालू सुबह से ही झगड़ा कर रही थी। उसने दोपहर में अंकुश को थप्पड़ मार दिया, जिसे लेकर उनमें झगड़ा हो गया। समीर ने लिखा कि शालू ने अंकुश को चुन्नी से गला दबाकर मार दिया। इसके बाद उसने शालू का गला दबाया और फिर खुद फंदे से झूल गया। उधर, शालू व अंकुश की हत्या का एक ही तरीका देख पुलिस का मानना है कि दोनों की हत्या समीर ने की थी। पुलिस का कहना है कि इसकी पुष्टि शुक्रवार को पोस्टमार्टम में हो जाएगी।
टेट अनुतीर्ण बन गए शिक्षक!
बाड़मेर। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के द्वितीय लेवल के प्रश्न पत्र में ऎसे अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का मामला प्रकाश में आया है जिन्होंने टेट भी उत्तीर्ण नहीं की। मामला सामने आने के बाद जिला परिषद ने एक अभ्यर्थी के दस्तावेज वापस मंगाते हुए उसकी नियुक्ति प्रक्रिया रोकने के निर्देश दिए।
जिला परिषद बाड़मेर को 55 प्रतिशत से कम अंक वालों को नियुक्ति नहीं देने के हाईकोर्ट के आदेशों की खबर होने के बावजूद "बैकडेट" में कार्रवाई कर नियुक्ति की। गुरूवार को ऎसे मामले प्रकाश में आए है। एक अभ्यर्थी के आरटेट में 55 अंक ही आए और नियुक्ति दे दी। यह अभ्यर्थी आरटेट उत्तीर्ण भी नहीं है। जबकि नियमानुसार 75 अंक होने चाहिए। एक अन्य मामले में 71 व दूसरे को 74 अंक पर नियुक्ति मिल गई। बाड़मेर पंचायत समिति में एक महिला अभ्यर्थी ओबीसी वर्ग से है। इसको एसबीसी विधवा वर्ग में मानते हुए नियुक्ति देने की शिकायत मिली।
आज हिन्दी बोलो, हिन्दी दिवस है
हमारी राजभाषा हिन्दी है। उत्तर भारत में हिन्दी पट्टी है जहां कई राज्यों की राजभाषा हिन्दी है। भारत के संविधान में इन राज्यों को ''क'' श्रेणी में रखा गया है। संवैधानिक रूप से हिन्दी को राष्ट्रभाषा नहीं, राजभाषा कहा गया है। 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी को संघ के संविधान में राजभाषा का दर्जा दिया गया और संविधान में बाकायदा इस की व्याख्या की गई। राजभाषा के रूप में हिन्दी की विजय मात्र एक मत से ही हुई थी, ऐसा कहा जाता है। 'क' श्रेणी में हिमाचल, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार तथा सभी संघ शासित राज्य आते हैं। इस क्षेत्र को ही हिन्दी पट्टी कहा जाता है।
हिन्दी को संघ की भाषा तो माना किन्तु साथ-साथ अंग्रेजी के प्रयोग की भी अनुमति दी गई जिसे बार-बार बढ़ाया जाता रहा जिसके कारण अंग्रेजी का वर्चस्व बराबर बना रहा।
पहले साहित्य में एक ''हिन्दी सेवी'' जमात होती थी। बहुत से साहित्यकार या हिन्दी के अध्यापक अपने को हिन्दी सेवी कहा करते थे। हिन्दी के लिए संसद के बाहर धरना देते थे। एक प्रेमी ने तो संसद में छलांग भी लगा दी थी। अब हिन्दी लेखक अपने को हिन्दी प्रेमी नहीं कहते। अंग्रेजी स्कूलों की बहुतायत है, जहां हिन्दी प्रेमियों के बच्चों को स्कूल में हिन्दी बोलने पर केनिंग की सजा होती है।
हिन्दी के राजभाषा बनने पर हिन्दी में एम0ए0 किए 'हिन्दी सेवियों' की भी पूछ बढ़ी। कोयला से ले कर रेल मन्त्रालय तक हिन्दी अधिकारियों के पद सर्जित हुये। बैंकों में तो अच्छे ग्रेड में हिन्दी अधिकारी लगे। ऐसा भी समय आ गया था कि हिन्दी-विषय केवल लड़कियां ही लेती थीं। समय बदला और प्राईवेट कोचिंग अकेडेमियों में रतन, प्रभाकर पढ़ाने वाले हिन्दी अधिकारी लगने लगे। 'हिन्दी' के साथ 'अधिकारी' शब्द लगा तो आदर सूचक था। वेतन और ग्रेड भी आकर्षक था। यहां हिन्दी सही मायनों में रोटी रोजी के साथ जुड़ी।
संसदीय राजभाषा समिति के साथ लगभग सभी मन्त्रालयों और बैंकों में 'राजभाषा समितियां' बनीं। ये समितियां गर्मियों में पहाड़ों पर 'निरीक्षण' हेतु दौरे पर आने लगीं। राजनेताओं के साथ
कभी-कभी कोई लेखक या कवि भी इस का सदस्य बनने का सौभाग्य पा लेता। बैंकों की ऐसी समितियों के तो ठाठ ही अलग होते हैं।
राजभाषा के उत्थान के लिए कुछ ऐसी संस्थाएं बनीं जो साल में एक बार 'अखिल भारतीय राजभाषा सेमिनार' कर के यश और धन कमाने लगीं। कुछ संस्थाएं तो आज तक चली हुई हैं और हिन्दी को पंचसितारा होटल तक ले जाने का दावा करती हैं। ये संस्थाएं निगम बोर्डो और बैंकों से उनके खर्चे पर और भारी फीस ले कर पंचसितारा होटलों में सेमिनार करवा रही हैं। केन्द्र और राज्य सरकारों से हिन्दी के नाम पर विज्ञापन और सुविधाएं अलग लेती हैं। ऐसी एक संस्था के आयोजन में जाने का अवसर मिला। आयोजन आरम्भ होने से पहले अर्धसरकारी संस्थानों, कम्पनियों के प्रतिनिधि सपत्नीक होटल के कमरों से 'डेलीगेट' का बैच लगाए उतर रहे थे और नीचे आते ही रिशेप्शन पर टूरिस्ट प्वांइंटों की जानकारी ले रहे थे।
किसी भी भाषा को राजभाषा बनाना सरकार की इच्छा शक्ति पर निर्भर करता है। मुगल काल में उर्दू-फारसी का चलन सरकार ने किया। आज भी गांव देहात के अनपढ़ बुजुर्ग सत्तर प्रतिशत उर्दू के शब्दों का प्रयोग जाने अनजाने में करते हैं। इसी तरह ब्रिटिश शासन ने अंग्रेजी को थोपा। आज भी ठेठ ग्रामीण महिलाएं कहती हैं, “आज मेरा मूड ठीक नहीं है या मैं बोर हो रही हूं।''
हिमाचल प्रदेश में ''हिमाचल प्रदेश अधिनियम,1975'' पारित हुआ जिसके अनुसार प्रदेश की राजभाषा नागरी लिपि में हिन्दी घोषित की गई।
इसी तरह की इच्छाशक्ति का परिचय दिया था हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्य मन्त्री शान्ताकुमार ने। उन्होंने सरकार से आदेश करवा दिये कि 26 जनवरी 1978 से सरकार का सारा कामकाज हिन्दी में होगा। इस आश्य की अधिसूचना 12 दिसम्बर 1977 का जारी की गई जिसमें मेडिकल कॉलेज, विधि विभाग और तकनीकी विभाग के अधीन औद्योगिक प्रशिक्षण को छोड़ कर सारा कामकाज हिन्दी में करने के आदेश थे। इस पर बहुत हाय-तौबा मची, हिन्दी टंकण यन्त्र न होने, हिन्दी स्टेनो-टाईपिस्ट न होने जैसे कई बहाने भी लगाए गये। किन्तु सरकार की इच्छा शक्ति थी तो हिन्दीकरण लागू हुआ। उस समय इसे हिन्दी में ''स्विच ओवर'' कहा गया था। उस समय जो मुख्य सचिव थे, वे हिन्दी में हस्ताक्षर तक नहीं कर सकते थे। सब वाधाओं के बाबजूद भी 'स्विच ओवर' हुआ। हिन्दी टंकण, आशुलिपि का प्रशिक्षण सरकारी स्तर पर दिया गया। अग्रेजी टंकण मशीनों की खरीद, अंग्रेजी टाईपिस्टों, आशुलिपिकों की नियुक्ति पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया गया। जहां मुख्य मन्त्री जाते, रातों-रात सड़कों के मील पत्थर, सर्किट हाउसों के कमरे 'कक्षों' में बदल जाते। कोई भी अधिकारी मुख्य-मन्त्री को अंग्रेजी में फाईल प्रस्तुत नहीं कर सकता था। ऐसे में कई तरह के मजाक भी बने कि यदि कुछ अनुमोदित करवाना है तो हिन्दी में नोटिंग लिखो, सचिवों को हिन्दी पढ़नी आती नहीं, जो मर्जी हिन्दी में लिख डालो, अनुमोदित हो जाएगा।
हिन्दी लागू होने पर जिला भाषा अधिकारियों के भाव बढ़ गए थे। अंग्रेजी शब्दों के पर्याय जाने के लिए भाषा अधिकारी ही मूल स्रोत थे। एक बार जनजातीय जिले लाहुल स्पिति कु मुख्यालय केलंग में एस.डी.एम. के पास जाना हुआ तो एक अधिकारी एक परिपत्र हाथ में लिए आए जिसमें लिखा था, इस विषय में 'अधोहस्ताक्षरी' से बात करें। वे परेशान थे। कहने लगे, 'यह अधोहस्ताक्षरी पता नहीं कौन है। मैं डी.सी., ए.डी.एम. सबसे मिल आया, अब आप से मिलने आया हूं।'' आप अब अधोवस्त्र पहन कर अधोहस्ताक्षरी से मिलिए नहीं तो अधोगति को प्राप्त हो जाएंगे... एस.डी.एम. ने मजाक किया। ऐसे ही कुछ मजाक रेल को लोहपथगामिनी कह, आरम्भ में किए गए।
इसके बाद कई उतार चढ़ाव आते रहे। कभी हिन्दी का प्रयोग बढ़ा, कभी घटा। हिन्दीकरण का मुख्य उद्देश्य जनता का काम जनता की भाषा में होने से है। प्रशासन की भाषा एक अलग तरह की भाषा होती है जो सीधे सीधे अपने विषय पर बात करती है। उसमें साहित्यिक या क्लिष्ट भाषा की अपेक्षा नहीं रहती। अत: सरकार में सरल और सम्प्रेष्णीय भाषा पर बल देने की आवयश्कता रहती है। सरल भाषा को प्राय: अनुवाद की भाषा कठिन बनाती है। अनुवाद की भाषा हमेशा क्लिष्ट रहती है। इसीलिए कानूनी नियमों, अधिनियमों की हिन्दी समझ में नहीं आती। जनता से बात करने के लिए सरल सुबोध जनता की भाषा प्रयोग में लानी चाहिए। एक बार हिन्दी दिवस पर मुख्य अतिथि को भाषण का मसौदा भेजा गया। अपनी व्यस्तता के कारण वे भाषण पहले पढ़ नहीं पाएं। कार्यक्रम के दौरान ही उन्होंने भाषण पर नजर डाली तो उसमें
ऐसे-ऐसे शब्द लिखे थे जिनको पढ़ना और उच्चारण करना बहुत कठिन था। वे विभागाध्यक्ष पर बहुत गुस्साए और फुसफसाए कि यह क्या लिखा है, कौन पढ़ेगा इसे। यह तो अंग्रेजी से भी कठिन है। खैर उन्होने खुद से भाषण दिया जो बहुत सटीक और संदेश देने वाला था। अंत में उन्होंने कहा, ''विभाग वालों ने भी मुझे बड़ी मेहनत से कुछ लिख कर दिया है इसे मैं न पढ़ते हुए ज्यों का त्यों प्रैस को देता हूं।''
मैंने स्वयं तीस वर्ष तक 'हिदी-हिन्दी' का खेल खेला है। बार बार हिन्दी की बैठकें आने पर एक पुस्तिका तैयार की गई थी जिसमें हिन्दी में जो जो हुआ उस का इतिहास क्रमबध्द तरीके से लिखा गया। महापुरूषों की कुछ उक्तियां भी डाली गईं। यह पुस्तिका हर बैठक में और हर कार्यक्रम में एक कुंजी की तरह काम आती थी। वैसे ही कार्यालयों में जो एक बार भाषण तैयार किया जाता है, अगले वर्ष उसी को फायल से निकाल कर सन् बदल आगे कर दिया जाता है। जब किसी 'अंग्रेजी नोईंग' सचिव के पास हिन्दी में नोट ले जाओ तो वह कहता, ''यह क्या लिख दिया यार, अंग्रेजी में लिखा करो ताकि कुछ समझ में भी आए। अब कौन पढ़ेगा इसे, तुम्हीं पढ़ कर सुनाओ... अच्छा लाओ, कुछ उलटा सीधा तो नहीं लिखा है न। कहां साईन करना है? ''इतना विश्वास तो रहता ही था अधिकारियों पर कि चाहे हिन्दी में लिखा है पर ठीक ही लिखा होगा।
भारत सरकार के स्तर पर यूं तो कई शब्दावलियां निकाली गईं हैं। राजभाषा आयोग, विधि आयोग,वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग आदि द्वारा शब्दकोष पर शब्दकोष निकाले गए हैं किन्तु पूरे देश में शब्दों का मानकीकरण अभी नहीं हुआ। ''राज्य'' को मध्यप्रदेश में ''शासन'' कहा जाता है। 'लोक निर्माण विभाग'' को कहीं ''सार्वजनिक निर्माण विभाग'' कहा जाता है; फ़ाइल को कहीं मिसिल, कहीं नस्ति कहा जाता है। सिविल अस्पताल को कहीं असैनिक, कहीं नागरिक अस्पताल लिखा जाता है। यानि यह शब्दावली राज्य दर राज्य तो भिन्न है ही, एक प्रदेश में भी कई रूपांतर प्रचलित हैं। सर्किट हाउस को कहीं विश्राम गृह, कहीं परिधि गृह लिखा जाता है।
हिन्दी के प्रचार के लिए यह अत्यन्त आवश्यक है कि उर्दू-फारसी, अंग्रेजी तथा स्थानीय भाषाओं के शब्दों को ज्यों का त्यों अपना लिया जाए और सरल से सरल आम बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया जाए। कुरता, पाजामा दरवाजा, खिड़की, कलम, दवात, स्कूल, अस्पताल, इंस्पेक्टर, बोर्ड, वारंट, डिग्री आदि ऐसे शब्द हैं जो आज एक ग्रामीण भी बोलता और समझता है। प्रचलन प्रयोग से फैलता है। आरम्भ में सचिवालय, मन्त्रालय, अभियन्ता, टंकक, अनुभाग, प्रशासन, आबंटन, अधीक्षक, निरीक्षक, सर्वेक्षक, परिचर, नियन्त्रक आदि शब्द अजीब लगते थे। आज इन्हें सभी प्रयोग करते हैं।
एक बार आरम्भ में एक संस्कृत महाविद्यालय में संस्कृत दिवस मनाने गए तो वहां कोई नहीं जानता था कि संस्कृत दिवस भी कोई दिवस होता है। अब तो आलम यह है कि हर दिन कोई न कोई दिवस है। कभी बाल दिवस है, कभी वृध्द दिवस; कभी दिल दिवस है तो कभी आंख दिवस; कभी सास दिवस है तो कभी बहु दिवस। यह दिवस अब विश्व स्तर पर मनाए जाते हैं। तो हिन्दी दिवस मनाने में क्या हर्ज़ है। कम से कम हिन्दी वालों को तो यह दिवस जोश से मनाना चाहिए। भाषा का विकास व्यवसाय से जुड़ा है। हिन्दी यदि रोटी भी देने लगी है तो इसे धूम से मनाईए।
आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की ॥
गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।
श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला।
गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली ।
लतन में ठाढ़े बनमाली;भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक;ललित छवि श्यामा प्यारी की ॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की...
कनकमय मोर मुकुट बिलसै, देवता दरसन को तरसैं ।
गगन सों सुमन रासि बरसै;बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग;अतुल रति गोप कुमारी की ॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की...
जहां ते प्रकट भई गंगा, कलुष कलि हारिणि श्रीगंगा ।
स्मरन ते होत मोह भंगा;बसी सिव सीस, जटा के बीच,
हरै अघ कीच;चरन छवि श्रीबनवारी की ॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की...
चमकती उज्ज्वल तट रेनू, बज रही वृंदावन बेनू ।
चहुं दिसि गोपि ग्वाल धेनू;हंसत मृदु मंद,चांदनी चंद,
कटत भव फंद;टेर सुन दीन भिखारी की ॥
श्री गिरिधर कृष्णमुरारी की
आईएमजी ने गुरुवार को चार निजी कंपनियों के कोल ब्लॉक आवंटन रद्द और तीन अन्य कंपनियों की बैंक गारंटी जब्त करने की भी सिफारिश की है.
अंतर मंत्रालीय समूह (आईएमजी) ने कहा है कि आवंटन को कई साल हो गए लेकिन अभी तक ये कंपनियां खनन नहीं कर पाई हैं.
आवंटन रद्द होने वाली कंपनियों में कैस्ट्रन माइनिंग लिमेटेड,फील्ड माइनिंग, इस्पात लिमेटेड और डोमको स्मोकलैस फ्यूल्स प्राइवेट लिमेटेड हैं. जहां कैस्ट्रन माइनिंग लिमेटेड और डोमको स्मोकलैस फ्यूल्स प्राइवेट लिमेटेड का एक ब्लॉक है वहीं फील्ड माइनिंग और इस्पात लिमेटेड के दो ब्लॉक हैं.
गौरतलब है कि आठ कोल ब्लॉक्स के खिलाफ कार्रवाई के लिए कोयला मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी गई है. इनमें से चार के आवंटन रद्द करने की बात कही गई है. एक कंपनी को बैंक गारंटी जमा कराने का निर्देश दिया गया है.
छह से आठ सितंबर को हुई थी बैठक
आईएमजी की बैठक छह से आठ सितंबर को हुई थी. इसके बाद सिफारिशें कोयला मंत्रालय को भेजी गई.
अतिरिक्त कोयला सचिव जोहरा चटर्जी के नेतृत्व में आईएमजी को 2005-2009 के बीच निजी और सार्वजनिक कंपनियों को आवंटित 58 कोयला ब्लॉक के विकास के काम में हुई प्रगति की समीक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी.
इससे पहले सीबीआई ने भी छह कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की बात कही थी.
बाड़मेर पुलिस डायरी आज के अपराध समाचार
अवेध अंग्रेजी शराब सहित 1 गिरफ्तार
बाड़मेर राहुल बारहट, जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर के निर्देशानुसार जिले में अवेध श ाराब की रोकथाम हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत
श्री रूपाराम स उ नि पुलिस थाना कोतवाली मय जाब्ता द्वारा सर्किट हाउस रोड़ पर मुलजिम राजू पुत्र गणेश हरीजन निवासी बापू कॉलोनी
को दस्तयाब कर उसके कब जा से अवेध व बिना लाईसेन्स की 24 बोतल बीयर बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली बाडमेर
पर आबकारी अधिनिमय के तहत प्रकरण दर्ज करने में सफलता प्राप्त की गई।
जुआ अधिनियम के तहत 1 गिरफ्तार
बाड़मेर राहुल बारहट, जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर के निर्देशानुसार जिले में जुआ सटटा की रोकथाम हेतु दिये गये निर्देशानुसार श्री तामलराम हैड कानि पुलिस थाना समदड़ी मय जाब्ता द्वारा रेल्वे कॉलोनी समदड़ी में सार्वजनिक स्थान पर अंको से दाव लगाकर जुआ गुब्बा खाई वाली
करता हुआ मनोजकुमार पुत्र हरनारायण हरीजन निवासी समदड़ी को दस्तयाब कर इनके कब्जा से पेन, अंक लगी पर्चिया व 500 /रूपये जुआ राशि बरामद कर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना समदड़ी पर जुआ एक्ट के तहत प्रकरण किया गया।
पिछले 24 घण्टो में दर्ज प्रकरण
बाड़मेर सगताराम पुत्र कस्तुराराम कुमावत नि उटल ने मुलजिम भेराराम पुत्र गा ेविन्दराम प्रजापत नि उटल वगेरा 9 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम ान द्वारा एक राय होकर मुस्तगीस को रोककर मारपीट करना व रूपये चोरी कर ले जाना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना शिव पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। इसी तरह बाड़मेर लक्ष्मण ाराम पुत्र गोमाराम जाट नि चौहटन आगोर ने मुलजिम रूखमणाराम पुत्र हरलालराम ब्राहम्मण नि चौहटन वगेरा 2 के विरूद्व मुकदमा द र्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस को रोककर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना चौहटन पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। इधर बाड़मेर इन्द्राराम पुत्र मासिगाराम मेगवाल नि खानियानी ने
मुलजिम अहमद पुत्र ओसमानखां मुसलमान नि खानियानी के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस को रोककर मारपीट कर जातिगत शब्दो से अपमानित करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थ ाना गड़रारोड़ पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। 4 प्रार्थी श्री लिखमाराम पुत्र जुगताराम जाट नि दिनग़ ने मुलजिम जेठाराम पुत्र खिंयाराम जाट नि दिनग़ के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस को रोककर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना चौहटन पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
बाड़मेर पांच सौ क्विंटल डोडा पोस्ट बरामद एक गिरफ्तार
बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के बालोतरा पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान एक ट्रक से पांच सौ क्विंटल डोडा पोस्ट बरामद करने में सफलता हासिल की हें ,पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की जिले में अवेध मादक पदार्थो की रोकथाम हेतु दिये गये निर्देशानु केलाशचन्द नि पु थानाधिकारी पुलिस थाना बालोतरा मय जाब्ता द्वारा मुखबीर की ईत्तला पर सरहद माजीवाला के पास मेघा हाईवे पर नाकाबन्दी की गई। दोराने नाकाबन्दी पचपदरा की तरफ से आ रहे ट्रक नम्बर आरजे 14 2जी 5743 को रूकवाकर ट्रक पर लगे तिरपाल को हटाकर तलाशी ली गई तो ट्रक में अवेध व बिना लाईसेन्स का 125 बोरो में भरा 5000 किलो डोडा पोस्त भरा हुआ पाया गया जिस पर ट्रक चालक
भगव ानदास पुत्र कांशीराम वेरागी (वैष्णव) निवासी रकमपुरा तहसील भदेसर जिला चितोड़ग़ढ को गिरफ्तार कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना बालोतरा पर एनडीपीएस एकट के तहत प्रकरण दर्ज करने में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की गई।
कचहरी परिसर से सरकारी समाचार ..आज की खबरे
उपभोक्ता संरक्षण परिषद की बैठक सम्पन्न
बाडमेर, 13 सितम्बर। जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान की अध्यक्षता में गुरूवार को उपभोक्ता संरक्षण परिषद की त्रैमासिक बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में उपभोक्ता संरक्षण से जुडे विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तार के साथ चर्चा की गई।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान ने चिकित्सा, शिक्षा, रसद, पेयजल, विद्युत, भारत संचार निगम लिमिटेड, परिवहन आदि विभागों की उपभोक्ताओं से जुडी सेवाओं के संबंध में विस्तृत चर्चा की। उन्होने विद्यालयों में पोषाहार आपूर्ति के दौरान प्रधानाध्याकों द्वारा प्रत्येक कट्टे का तोल लिखाया जाने के जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए। इसी प्रकार नए राशन कार्ड बनाये जाने के संबंध में रसद विभाग द्वारा 16 अगस्त तक आवेदन पत्र प्राप्त किये जाना तथा आगामी दो माह में राशन कार्ड बनने प्रारम्भ होना बताया।
फोटो स्टेट दुकानदारों द्वारा फोटो कॉपी का अधिक चार्ज लिये जाने के संबंध में जिला कलेक्टर ने फोटो स्टेट दुकानदारों के साथ बैठक कर चर्चा करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार उन्होने शहर में ऑटों रिक्शा के स्टेण्ड निर्धारित करने तथा विभिन्न स्थानों पर निर्धारित किराया राशि के बोर्ड लगाने के निर्देश दिए।
जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने निजी बसों में क्षमता से अधिक यात्री बिठाये जाने पर चिन्ता जताते हुए इस पर अंकूश लगाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होने अवैध वाहनों के संचालन की रोकथाम के निर्देश दिए। बैठक में समिति सदस्य जगदीश धारीवाल ने रोडवेज द्वारा संचालित एक्सप्रेस बसों को जगह जगह नहीं रोके जाने बाबत रोडवेज को पाबन्द करने की बात कही।
बैठक के प्रारम्भ में जिला रसद अधिकारी उम्मेदसिंह पूनिया ने गत बैठक की कार्यवाही विवरण तथा उन पर हुई अनुपालना से अवगत कराया। बैठक में पेयजल, विद्युत, चिकित्सा, शिक्षा, परिवहन, उद्योग आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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राज्य स्तरीय गाईड्स दल की यात्रा
सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश
बाडमेर, 13 सितम्बर। राज्य स्तरीय गाईड्स दल द्वारा 4 एवं 5 अक्टूबर को प्रस्तावित भारत पाक सीमा अवलोकन शिविर मुनाबाव की विभिन्न व्यवस्थाओं के संबंध में जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान की अध्यक्षता में गुरूवार को बैठक सम्पन्न हुई।
इस अवसर पर जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान ने प्रस्तावित दो दिवसीय यात्रा के संबंध में की जाने वाली विभिन्न व्यवस्थाओं पर विस्तृत चर्चा पश्चात गाईड्स दल के ठहराव, भोजन, परिवहन, सीमा अवलोकन एवं कल्चर प्रोग्राम आदि के संबंध में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होने बताया कि उक्त दल में लगभग 100 बालिकाएं राज्य भर से शिरकत करेंगी। उन्होने दल में शामिल होने वाले संभागीयों के नाम एवं पते की सूचना मय दो फोटोग्राफ शीध्र उपलब्ध कराने के सी.ओ.स्काउट को निर्देश दिए ताकि प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश बाबत अनुमति पत्र जारी किए जा सकें।
बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक रामसिंह मीणा, उपखण्ड अधिकारी नखतदान बारहट, राकेश कुमार एवं विनिता सिंह, बीएसएफ के सहायक कमाण्डेन्ट निहालसिंह, तहसीलदार बद्री नारायण विश्नोई एवं पी.एल. सोठवाल, सहायक लेखाधिकारी चूनाराम पूनड, सर्किल आर्गेनाइजर स्काउट मनमोहन स्वर्णकार, स्काउट गाईड के अध्यक्ष जेठमल जैन, विरात्रा माता ट्रस्ट के अध्यक्ष भैरसिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी आज बाडमेर आएगें
बाडमेर, 13 सितम्बर। राजस्व, उपनिवेशन एवं जल संसाधन मंत्री हेमाराम चौधरी अपनी दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार को बाडमेर आएगें।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राजस्व मंत्री चौधरी 14 सितम्बर को जोधपुर से प्रातः 8.00 बजे प्रस्थान कर प्रातः 11.00 बजे बाडमेर पहुंचेगे। वे 14 तथा 15 सितम्बर को बाडमेर जिले तथा विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर लोगों के अभाव अभियोग सुनेंगे तथा स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लेंगे। इसके पश्चात वे 16 सितम्बर को बाडमेर से दोपहर 2.00 बजे जयपुर के लिए प्रस्थान कर जाएगें
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राष्ट्रीय पोषाहार कार्यक्रम
संचालन समिति की बैठक 19 को
बाडमेर, 13 सितम्बर। राष्ट्रीय पोषाहार कार्यक्रम के कि्रयान्वयन एवं समीक्षा हेतु गठित जिला स्तरीय संचालन समिति की बैठक 19 सितम्बर को प्रातः 10.30 बजे जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान की अध्यक्षता में आयोजित की जाएगी।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर. गुगरवाल ने संबंधित अधिकारियों को वांछित सूचनाओं के साथ निर्धारित समय पर बैठक में उपस्थित होने के निर्देश दिए है।
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उचित मूल्य दुकानदार का प्राधिकार पत्र निलम्बित
बाडमेर, 13 सितम्बर। उचित मूल्य दुकान बन्द पाई जाने तथा डीलर द्वारा रेकर्ड उपलब्ध नहीं कराये जाने पर उचित मूल्य दुकानदार गौडा का प्राधिकार पत्र अग्रिम आदेश तक तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है।
जिला रसद अधिकारी उम्मेदसिंह पूनिया ने बताया कि प्रवर्तन निरीक्षक चौहटन द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन दिनांक 31 अगस्त, 12 को बीरबल पुत्र दयाराम विश्नोई उचित मूल्य दुकानदार गौडा तहसील चौहटन का भौतिक सत्यापन करने पर उचित मूल्य दुकान बन्द पाई गई। डीलर से दूरभाष पर सम्पर्क कर उचित मूल्य दुकान का रेकर्ड मांगा गया जो डीलर द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया। मौके पर उपस्थित उपभोक्ताओं के राशनकार्डो के अवलोकन करने पर निर्धारित कॉलम रिक्त मिले तथा डीलर द्वारा वितरण व्यवस्था में प्रथम दृष्टया अनियमितता करनी पाई गई। जो प्राधिकार पत्र की शर्त संख्या 5,8,11,18 की अवलेहना होने के कारण राजस्थान खाद्यान्न एवं आवश्यक पदार्थ (वितरण का विनियमन) आदेश 1976 के खण्ड 6 का उल्लंधन होने से इसी आदेश के खण्ड 8 के तहत प्रदत शक्तियों के अध्याधीन डीलर को जारी प्राधिकार पत्र अग्रिम आदेश तक तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया गया है।
उन्होने बताया कि उचित मूल्य दुकान की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए नारायणसिंह पुत्र जूंझारसिंह उचित मूल्य दुकानदार कारटिया को आगामी आदेश तक अस्थाई रूप से वितरण व्यवस्था के लिए अधिकृत किया गया है जो उक्त दुकान के अलग से स्टॉक व वितरण रजिस्टर संधारित करते हुए उपभोक्ताओं को नियमानुसार नियन्ति्रत वस्तुओं का वितरण करेंगे।
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जैसलमेर कचहरी परिसर से सरकारी समाचार गुरूवार
कृषि विकास योजनाओं में समय पर पाएं लक्ष्य - शुचि त्यागी
जैसलमेर, 13 सितम्बर/जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने कृषि औद्योगिकी प्रबन्ध अभिकरण(आत्मा परियोजना) की गतिविधियों से व्यापक पैमाने पर किसानों को लाभान्वित करने के लिए सभी स्तरों पर बेहतर प्रयासों का आह्वान किया है और सभी संबंधित अधिकारियों से कहा है कि वे इस परियोजना को जैसलमेर जिले में पूरी गुणवत्ता के साथ संचालित करते हुए इसे आम किसानों के लिए उपादेय बनाएं और जिले के कृषि विकास में भागीदारी बढ़ाएं।
जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने आत्मा परियोजना की गवर्निंग बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह आह्वान किया। बैठक मेंं क्षेत्रीय विधायक छोटूसिंह भाटी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बलदेवसिंह उज्ज्वल, कृषि उप निदेशक टी.के. जोशी, सहायक निदेशक-कृषि आर.एस. सर्वा, उप निदेशक-पशुपालन डॉ. एस.पी. सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र के मुख्य वैज्ञानिक ओ.पी. मीणा, सहायक रजिस्ट्रार शुद्धोधन उज्ज्वल सहित विभिन्न अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
जिला कलक्टर ने आत्मा परियोजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन, हार्टिकल्चर डवलपमेंट सोसायटी, राष्ट्रीय बागवानी मिशन, सूक्ष्म सिंचाई योजना आदि कार्यक्रमों की समीक्षा की।
लक्ष्यों के पाने भरसक प्रयास करें
जिला कलक्टर शुचि त्यागी ने सभी योजनाओं में समय पर लक्ष्य पाने के लिए भरसक कोशिशों के निर्देश दिए और कहा कि जिले में पंचायतसमितिवार प्रगतिशील किसानों का डेटा बेस तैयार किया जाए और इनकी गतिविधियों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
वर्मी कंपोस्ट को बढ़ावा दें
जिला कलक्टर ने वर्मी कंपोस्ट को प्रोत्साहन देने पर बल दिया ओर कहा कि सभी कृषि पर्यवेक्षकों को इसके लिए लक्ष्यों का आवंटन किया जाना चाहिए। इसके साथ ही किसानों को इसके लिए प्रेरित किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने फॉर्म पौण्ड की उपादेयता के बारे में तुलनात्मक अध्ययन पर भी जोर दिया।
क्षेत्रीय विधायक छोटूसिंह भाटी ने कृषि विकास से जुड़ी योजनाओं से अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने पर जोर दिया। कृषि उप निदेशक टी.के. जोशी ने विभागीय योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी और अब तक प्राप्त उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।
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जैसलमेर में एक दिवसीय कार्यशाला 21 सितम्बर को
जैसलमेर, 13 सितम्बर/तेरहवें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार जैसलमेर जिले के स्थानीय निकायों के वर्ष 2010-11, 2011-12 एवं 2012-13 (संशोधित अनुमान) आय-व्ययक लेखों के विवरण निर्धारित प्रपत्रों में तैयार करने के लिए एक दिवसीय कार्यशाला जिला कलक्टर शुचि त्यागी की अध्यक्षता में 21 सितम्बर को पूर्वाह्न 11 बजे डीआरडीए हाल में आयोजित होगी।
जिला सांख्यिकी अधिकारी डॉ. ब्रजलाल मीणा ने बताया कि इस कार्यशाला में जिले के नगरपरिषद/नगरपालिका, तीनों पंचायत समितियों/जिला परिषद एवं चयनित 42 ग्राम पंचायतों के संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी तथा लेखा एवं सांख्यिकी सेवा वर्ग के अधिकारी एवं कर्मचारी अनिवार्य रूप से भाग लेंगे।
इस कार्यशाला में आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय जयपुर के उप निदेशक एवं जैसलमेर के जिला सांख्यिकी अधिकारी डॉ. ब्रजलाल मीणा द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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जैसलमेर आरयूआईडीपी सिटी लेवल कमेटी की बैठक
जिला कलक्टर ने दिए कार्यों की गति तेज करने के निर्देश
जैसलमेर, 13 सितम्बर/ आरयूआईडीपी जैसलमेर की सिटी लेवल कमेटी की बैठक जिला कलेक्टर श्रीमति शुचि त्यागी की अध्यक्षता में गुरुवार को सम्पन्न हुई।
बैठक में विधायक जैसलमेर छोटुसिंह भाटी, नगर परिषद, सभापति अशोक तंवर, अतिरिक्त जिला कलेक्टर परशुराम धानका, नगर विकास न्यास सचिव राणी दान बारहठ, अधीक्षण अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग एस.आर. तुंगालिया, आयुक्त नगरपरिषद आर. के. माहेश्वरी, जन स्वास्थ्य अभियान्ति्रकीय विभाग के सहायक अभियंता आर.के. शर्मा, जोधपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के सहायक अभियंता, जे.आर. गर्ग, एस.एम.एस. पर्यावरण लिमिटेड नई दिल्ली के उपाध्यक्ष मिश्रा, जनरल मैनेजर एस. एम.एस. पर्यावरण लिमिटेड ऎलावादी, प्रोजेक्ट मैनेजर ऑफसोर इन्फास्ट्रक्चर लिमिटेड मुम्बई संजय सक्सेना आदि ने भाग लिया।
जिला कलेक्टर शुचि त्यागी ने आर.यू.आई.डी.पी. के कार्यो की गति बढ़ाने के लिए अधिशाषी अभियंता को निर्देश दिये। इसी प्रकार मोहनगढ़ से जैसलमेर पानी की लाईन को शीघ्र प्रारम्भ करने के लिए ऑफसोर इन्फास्ट्रक्चर लिमिटेड मुम्बई के प्रोजक्ट मैनजर को निर्देश दिये। पानी की टंकियों से जैसलमेर शहर में सप्लाई चालु करने के लिए एस.एम.एस. पर्यावरण लिमिटेड नई दिल्ली को निर्देश दिये गए।
सीवर का कार्य की गति बढ़ाने के लिए ठेकेदार एस.एम.एस. पर्यावरण लिमिटेड नई दिल्ली को कडे़ शब्दो में कहा। शहर में जहां भी पाईप लाईन की वजह से सड़क तोड़ी गई है उनको सुधारने के लिए तुरन्त कदम उठाने के लिए कहा गया। भविष्य में सीवर लाईन के कार्य के साथ-साथ मैनहॉल, प्रोपर्टी कनेक्शन तथा सड़क मरम्मत का कार्य साथ-साथ करने को कहा।
यह भी निर्देश दिए गए कि शहर में अभी तक आर.यू.आई.डी पी. द्वारा 2 हजार 417 पानी के मीटर लगाये जा चुके हैं इनकी गति बढाने के निर्देश दिये तथा जिन व्यक्तियों द्वारा पानी का मीटर लगाने का विरोध किया जा रहा है उनके विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
आरंभ में आर.यू.आई.डी.पी. के अधिशाषी अभियंता महेन्द्र सिंह पंवार ने आर.यू.आई.डी.पी के अन्तर्गत चल रहे विकास कार्यो का प्रगति विवरण प्रस्तुत किया।
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जैसलमेर जिले में हाई सिक्यूरिटी नम्बर प्लेट कार्य का शुभारंभ शुक्रवार से
जैसलमेर, 13 सितम्बर/जिला परिवहन कार्यालय जैसलमेर में हाई सिक्यूरिटी नम्बर प्लेट कार्य का शुभारंभ 14 सितम्बर, शुक्रवार से शुरू होगा। शुक्रवार को पूर्वाह्न 11.15 बजे जिला परिवहन कार्यालय परिसर में जिला प्रमुख अब्दुला फकीर इसका उद्घाटन करेंगे।
जिला परिवहन अधिकारी अनिल पण्ड्या ने सभी वाहनस्वामियों से कहा है कि वे अपने नए वाहन पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगवाएं तथा सभी पुराने वाहनस्वामी भी अपने वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नम्बर लगाने के लिए सम्पर्क करें।
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गार्ड की नौकरी हेतु प्रस्ताव चाहे
जैसलमेर 13 सितम्बर/बैंक ऑफ इण्डिया को दिल्ली में हथियारबंद, शस्त्र गार्ड, एक्स सर्विसमेन ओबीसी की आवश्यकता है। जिला सैनिक कल्याण अधिकारी खंगाराराम ने बताया कि इसके लिए इच्छुक आयु 45 वर्ष से कम, ओबीसी श्रेणी के एक्स सर्विसमेन अपना नाम 20सितम्बर तक जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कार्यालय, जैसलमेर में दर्ज करवा सकते हैं। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।
गहलोत ने किया भाजपा पर पलटवार
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोल ब्लॉक आवंटन मामले को लेकर भाजपा पर सिद्घांतविहीन राजनीति करने का आरोप लगाया है। गहलोत ने पार्टी पदाधिकारियों,सांसदों और विधायकों से कहा कि वे प्रदेश की जनता के बीच जाकर भाजपा की ओर से किए जा रहे दुष्प्रचार का मुंहतोड़ जवाब दें तथा आमजन को सच्चाई से अवगत कराएं।
गहलोत गुरूवार को यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के इंदिरा गांधी सभागार में पार्टी पदाधिकारियों,विभिन्न अग्रिम संगठनों,प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों, सांसदों एवं विधायकों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का मुद्दा हमारा है तथा भाजपा को इस मसले पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुराडी अधिवेशन में भ्रष्टाचार की समाप्ति तथा पारदर्शिता लाने के लिए पांच कार्यक्रम दिए थे। कांग्रेस पदाधिकारी व जनप्रतिनिधी इन पांच बिन्दुओं को अपने जेहन में उतारें।
गहलोत ने भाजपा पर उग्र हिन्दू राष्ट्रवाद एवं गौमाता के नाम पर धार्मिक भावनाएं भड़का कर झूठी अफवाहें फैलाने तथा वोटों की राजनीति करने का भी आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार के मसले पर भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुखराम के मसले पर भाजपा ने 12 दिन तक संसद नहीं चलने दी बाद में उन्हीं सुखराम को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया।