नए पटवार मण्डल में लगेंगे 800 नए पटवारी
बाड़मेर। प्रदेश में अब जितनी ग्राम पंचायतें है उतने ही पटवार मण्डल होंगे। ग्रामीणों को पटवारी के पीछे एक ग्राम पंचायत से दूसरी ग्राम पंचायत में नहीं घूमना पड़ेगा तो पटवारी को भी अब दो- तीन सरपंचों के आगे पीछे चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए कसरत पूरी कर ली गई है। सीमावर्ती बाड़मेर जिले में 61 पटवार मण्डलों की वृद्धि होगी।
प्रदेश में पटवार मंडल प्रशासनिक इकाई के रूप में और ग्राम पंचायतें पंचायती राज की इकाई के रूप में कार्य कर रही है। सालों से चल रही इस व्यवस्था में कई परेशानियां सामने आ रही है। एक पटवारी तीन चार ग्राम पंचायतों के अलग अलग हलकों का कार्य कर रहा है तो कई ऎसे पटवार मण्डल भी है जिनकी अपनी ग्राम पंचायत नहीं है। इस कारण राजस्व और पंचायती राज विभाग दोनों को ही परेशानियां आ रही है। इसको दूर करते हुए अब राजस्व विभाग ने ग्राम पंचायत के अनुसार पटवार मण्डल गठित करने का निर्णय किया है।
बाड़मेर में फिल्हाल 330 पटवार मण्डल
बाड़मेर जिले में 380 ग्राम पंचायतें है और इस वक्त 330 पटवार मण्डल है। शहरी क्षेत्र को जोड़ते हुए अब 61 नए पटवार मण्डल गठित किए जाएंगे। इसके अलावा ऎसे भी दस पटवार मण्डल है जहां पर ग्राम पंचायत नहीं है, उन्हें हटाया जाएगा।
क्षेत्र निर्घारण के साथ ही कई सहूलियतें
पटवार मण्डल और ग्राम पंचायत का एक ही क्षेत्र होनेे से ग्रामीणों को सबसे बड़ी सहूलियत उनके कागजात में पंचायती राज और राजस्व विभाग दोनों का तालमेल हो जाएगा। नियुक्ति, समस्या समाधान, विभागीय शिविर से लेकर आंकड़ो तक में एक समानता आ जाएगी।
नहीं काटना होगा चक्कर
सबसे बड़ी सुविधा कार्मिकों के पीछे चक्कर काटने की मुश्किल खत्म हो जाएगी। ग्राम पंचायत और पटवारी दोनों संयुक्त रूप से एक इकाई के रूप में कार्य करेंगे।
पटवारियों की भर्ती होगी
प्रदेश में करीब आठ सौ नए पटवार मण्डल गठित किए गए है। 800 नए पटवार मण्डलों के लिए पटवारियों की भर्ती होगी। साथ ही पुराने रिक्त पदों पर भी भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण होगी। ग्राम पंचायत और पटवार मण्डल का क्षेत्र एक करने की कार्यवाही पूर्ण कर दी गई है।
हेमाराम चौधरी,राजस्व मंत्री
बाड़मेर। प्रदेश में अब जितनी ग्राम पंचायतें है उतने ही पटवार मण्डल होंगे। ग्रामीणों को पटवारी के पीछे एक ग्राम पंचायत से दूसरी ग्राम पंचायत में नहीं घूमना पड़ेगा तो पटवारी को भी अब दो- तीन सरपंचों के आगे पीछे चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इसके लिए कसरत पूरी कर ली गई है। सीमावर्ती बाड़मेर जिले में 61 पटवार मण्डलों की वृद्धि होगी।
प्रदेश में पटवार मंडल प्रशासनिक इकाई के रूप में और ग्राम पंचायतें पंचायती राज की इकाई के रूप में कार्य कर रही है। सालों से चल रही इस व्यवस्था में कई परेशानियां सामने आ रही है। एक पटवारी तीन चार ग्राम पंचायतों के अलग अलग हलकों का कार्य कर रहा है तो कई ऎसे पटवार मण्डल भी है जिनकी अपनी ग्राम पंचायत नहीं है। इस कारण राजस्व और पंचायती राज विभाग दोनों को ही परेशानियां आ रही है। इसको दूर करते हुए अब राजस्व विभाग ने ग्राम पंचायत के अनुसार पटवार मण्डल गठित करने का निर्णय किया है।
बाड़मेर में फिल्हाल 330 पटवार मण्डल
बाड़मेर जिले में 380 ग्राम पंचायतें है और इस वक्त 330 पटवार मण्डल है। शहरी क्षेत्र को जोड़ते हुए अब 61 नए पटवार मण्डल गठित किए जाएंगे। इसके अलावा ऎसे भी दस पटवार मण्डल है जहां पर ग्राम पंचायत नहीं है, उन्हें हटाया जाएगा।
क्षेत्र निर्घारण के साथ ही कई सहूलियतें
पटवार मण्डल और ग्राम पंचायत का एक ही क्षेत्र होनेे से ग्रामीणों को सबसे बड़ी सहूलियत उनके कागजात में पंचायती राज और राजस्व विभाग दोनों का तालमेल हो जाएगा। नियुक्ति, समस्या समाधान, विभागीय शिविर से लेकर आंकड़ो तक में एक समानता आ जाएगी।
नहीं काटना होगा चक्कर
सबसे बड़ी सुविधा कार्मिकों के पीछे चक्कर काटने की मुश्किल खत्म हो जाएगी। ग्राम पंचायत और पटवारी दोनों संयुक्त रूप से एक इकाई के रूप में कार्य करेंगे।
पटवारियों की भर्ती होगी
प्रदेश में करीब आठ सौ नए पटवार मण्डल गठित किए गए है। 800 नए पटवार मण्डलों के लिए पटवारियों की भर्ती होगी। साथ ही पुराने रिक्त पदों पर भी भर्ती की प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण होगी। ग्राम पंचायत और पटवार मण्डल का क्षेत्र एक करने की कार्यवाही पूर्ण कर दी गई है।
हेमाराम चौधरी,राजस्व मंत्री
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