गुरुवार, 23 अगस्त 2012

तिरपाल तले हुआ दलित का अंतिम संस्कार

तिरपाल तले हुआ दलित का अंतिम संस्कार

देवली। हनुमाननगर थाना क्षेत्र के बरदपुरा ग्राम में मंगलवार को एक दलित के अंतिम संस्कार को कुछ दबंग लोगों ने सरकारी टीन शेड वाले श्मशान के नीचे नहीं करने दिया। परिजनों ने मजबूरी में तेज बारिश के बीच खुले में तिरपाल तान कर दाह संस्कार की रस्में पूरी की। टीन शेड लगे श्मशान पर कुछ दबंग लोग दाह संस्कार होने तक कब्जा जमाए बैठे रहे।

जानकारी के अनुसार शहर के करीब 8 किमी दूर भीलवाड़ा जिले की अमरवासी पंचायत के तहत बरदपुरा ग्राम में मंगलवार को सेवानिवृत पुलिस हेड कांस्टेबल कन्हैयालाल बलाई की मृत्यु हो गई थी।

अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में भारत

अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में भारत

टाउंसविले। अंडर-19 विश्वकप के सेमीफाइनल मुकाबले में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को शिकस्त देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया है। ओपनर प्रशांत चोपडा(52) और बाबा अपराजित(44) की शानदार पारियों के बाद अपने गेंदबाजों के दमदार प्रदर्शन से क्वार्टरफाइनल मुकाबला 9 रन से जीता। टीम इंडिया अब 27 अगस्त को फाइनल मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी।


भारत के शीर्षक्रम के बल्लेबाजों ने सही समय पर फार्म में वापसी करते हुए सेमीफाइनल में टीम को 50 ओवर में नौ विकेट पर 209 रन के चुनौतीपूर्ण स्कोर तक पहुंचाया और फिर गेंदबाजों ने अपने काम को बखूबी अंजाम देते हुए न्यूजीलैंड को नौ विकेट पर 200 के स्कोर पर रोक लिया। न्यूजीलैंड को अंतिम ओवर में जीत के लिए 18 रन की जरूरत थी लेकिन टीम इस ओवर में आठ रन ही बना सकी और नौ रन से मुकाबला हार गई।

चौथी बार पहुंचा फाइनल में

भारत चौथी बार इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा है। उसने वर्ष 2000 में मोहम्मद कैफ और वर्ष 2008 में विराट कोहली की कप्तानी में यह खिताब जीता था लेकिन वर्ष 2006 में उसे फाइनल में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के हाथों शिकस्त का सामना करना पडा था। लेकिन इस बार उसने पाकिस्तान की चुनौती को क्वार्टरफाइनल में एक विकेट से ध्वस्त किया था। फाइनल में भारत के सामने तीन बार के चैंपियन ऑस्ट्रेलिया की चुनौती है जिसने दक्षिण अफ्रीका को हराकर फाइनल में जगह बनाई है। ऑस्ट्रेलिया ने 1988, 2002 और 2010 में यह खिताब जीता था। टूर्नामेंट में तीसरे नंबर के लिए दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबला होगा।


न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर गेंदबाजी चुनी

न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर भारत को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया। पिछले मैचों में फ्लाप रहे भारतीय शीर्षक्रम ने सही वक्त पर फार्म में वापसी करते हुए टीम को ठोस शुरआत दी। प्रशांत चोपडा (52) और कप्तान उन्मुक्त चंद (31) ने पहले विकेट के लिए 13.4 ओवर में 51 रन जोडे। उन्मुक्त 44 गेंदों में पांच चौकों की मदद से 31 रन बनाने के बाद कोनोर नेनैंस की गेंद पर बोल्ड हो गए।

प्रशांत की फिफ्टी,अपराजित के 44 रन

प्रशांत ने शानदार फार्म में चल रहे बाबा अपराजित के साथ मिलकर दूसरे विकेट के लिए 81 रन जोडे। प्रशांत 104 गेंदों में पांच चौकों और एक छक्के की मदद से 52 रन बनाकर आउट हुए। उनका विकेट 34वें ओवर में गिरा। इस जोडी के टूटते ही भारतीय टीम फिर ताश के पत्तों की तरह बिखर गई। अपराजित 61 गेंदों में दो चौकों की मदद से 44 रन बनाकर आउट हुए जबकि पिछले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ शानदार प्रदर्शन करने वाले विजय जोल इस बार खाता भी नहीं खोल पाए। हनुमा विहारी ने 22 रन का योगदान दिया।

टीम इंडिया एक समय 34वें ओवर तक एक विकेट पर 132 रन बना चुकी थी लेकिन इसके बाद लगातार विकेट गिरने से टीम बडा स्कोर खडा नहीं कर पाई। समित पटेल 17 गेंदों में एक चौके की मदद से 15 रन बनाकर नाबाद लौटे। न्यूजीलैंड की तरफ से बेन होर्न ने 28 रन देकर तीन विकेट और मैथ्यू किन ने 36 रन देकर दो विकेट लिए।

मुंबई में स्कर्ट और लॉ-वेस्ट जींस पाबंद

मुंबई में स्कर्ट और लॉ-वेस्ट जींस पाबंद

मुंबई। महाराष्ट्र में अश्लिलता का परिचायक मानते हुए लड़कियों के लिए मिनी स्कर्ट और लड़कों को लॉवेस्ट जिंस पहने पर पाबंद कर दिया गया है। यह पाबंदी किसी पंचायत का फरमान नहीं बल्कि बप्पा के दरबार का ड्रेस कोड ने लगाई है। जानकारी के अनुसार यहां अंधेरीचा राजा के दरबार में 13 साल से ऊपर के लड़का-लड़कियों पर ऎसे कपड़े पहन कर आरती में आने पर प्रतिबंध लगाया गया है।

अंधेरीचा राजा के प्रवक्ता उदय सालियन के अनुसार बप्पा के दरबार में आने वाले भक्तों के बीच मयार्दित ड्रेस कोड रखा गया है। ऎसे में यदि कोई लड़की मिनि स्कर्ट या लॉ-वेस्ट जींस में दरबार आती है तो उसे प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

ज्ञात हो कि अगले महीने गणेश चतुर्थी का त्योहार आने वाला है और महाराष्ट् में इसे गणपति पूजा के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। बप्पा के दरबार में यह ड्रेस कोड भी गणपति पूजा के दौरान अश्लिलता पर अंकुश लगाने की कोशिश बताई जा रही है।

तस्वीरों में देखिए पानी पर तैरता हुआ चीन का एक अद्भुत गांव

तस्वीरों में देखिए पानी पर तैरता हुआ चीन का एक अद्भुत गांवतस्वीरों में देखिए पानी पर तैरता हुआ चीन का एक अद्भुत गांवतस्वीरों में देखिए पानी पर तैरता हुआ चीन का एक अद्भुत गांव


चीन के सेंडूआओ गांव को आमतौर पर फ्यूचर वाटर वर्ल्ड भी कहा जाता है। समुद्र में रहने वाली ये चीन की सबसे बड़ी आबादी है। दुनिया में इस तरह की बहुत कम बस्तियां हैं। चीन के फूजिआन प्रांत में निंगड़े गांव से ये सिर्फ 30 किमी दूर स्थित है।चीन के अन्य गांवों की तरह यहां भी घर लकड़ी के बने हैं, लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि ये बांस या फिर लकड़ी के पुलों पर बने हैं। इनकी तैरने की शक्ति बढ़ाने के लिए प्लास्टिक के बैरल्स और पीवीसी के टुकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है।यहां के लोगों को जमीन पर कदम रखने की जरूरत नहीं पड़ती है। ये अपने दम पर टिका तैरता हुआ गांव है। गांव के लोग खुद बनाई हुई या फिर खरीदी गई नाव में रहते हैं। इनकी रोजी-रोटी मछलियां पकड़ने और समुद्र में खेती करने से चलती है।सेंडूआओ में तैरता हुआ पोस्ट ऑफिस, पुलिस स्टेशन, रेस्टोरेंट और दुकानें भी हैं द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापानी बमबारी में ये इलाका तबाह हो गया था। इसे संभलने में करीब एक दशक का समय लग गया था।

क्षमापना से चित्त विशुद्धि होती है: आचार्य


क्षमापना से चित्त विशुद्धि होती है: आचार्य


बालोतरा क्षमापना से चित्त में आह्लाद का भाव पैदा होता है और आह्लाद भावयुक्त भाव व्यक्ति मैत्री भाव को पैदाकर भाव विशुद्धि कर निर्भय को प्राप्त कर लेता है। क्षमायाचना से चित्त की विशुद्धि होती है। क्षमा बड़प्पन का लक्षण है। क्षमापना दिवस पर ये मंगल वक्तव्य धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य महाश्रमण ने दिए।

उन्होंने कहा कि जीवन में अनेक व्यक्तियों से संपर्क होता है तो कटुता भी आ सकती है। कटुता आने पर मन को जल्दी ही ही साफ कर लेना चाहिए और संवत्सरी पर तो अवश्य ही कर लेना चाहिए। आचार्य ने कहा कि मेरा अनेक व्यक्तियों से काम पड़ता है। सामने वालों के मेरा निर्णय या उत्तर मनोनुकूल हो या नहीं, पर मेरा कर्म बंधन तो होता ही है। उन्होंने पिछली संवत्सरी (जो केलवा में मनाई गई थी) से लेकर इस संवत्सरी तक दी गई आलोचनाओं व कड़ाई के कदाचित प्रयोग के लिए क्षमायाचना की। आचार्य ने साध्वी प्रमुखा के लिए कहा कि मुझे तो गढ़ी-गढ़ाई, बनी-बनाई अनुभवी साध्वी प्रमुखा मिली है। इनसे मैं क्षमायाचना करता हूं। मंत्री मुनि के बारे कहा कि ये पद सम्मान की दृष्टि से पहले नंबर पर है। ये बहुत विद्वान है, चिंतनशील है। आचार्य ने मंत्री मुनि को आसन से उठकर क्षमायाचना की।

इसी क्रम में आचार्य ने मुख्य नियोजिका साध्वी विश्रुतविभा, रत्नाधिक संतों, साध्वी समाज, संत समाज, समण श्रेणी, मुमुक्षु भाई-बहनों, श्रावक-साध्वियों, जैन संप्रदाय के आचार्य, उपाध्याय, साधु-साध्वियों, अजैन लोगों से, धर्मगुरुओं से, मुनियों से केंद्रीय व स्थानीय संस्थाओं के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से खमत-खामणा की। निश्छलता व प्रमोद भावना के साथ क्षमापना करने पर समस्त साधु-साध्वी समाज भी धन्यता की अनुभूति कर रहा था कि उन्हें तेरापंथ धर्मसंघ और ऐसे महातपस्वी क्षमाशूर गुरु प्राप्त हुए। आचार्य के इस भाव विह्वल कर देने वाले अमृतवर्षण से हजारों की तादाद में उपस्थित जनभेदनी की मानो ग्रंथियां धुल कर खत्म हो रही है। हर कोई बिना पलकें झपकाएं एकटक अपने आराध्य की सहजता व सरलता से अभिभूत हो रहा था।

कार्यक्रम में मंत्री मुनि सुमेरमल, संघ महा निदेशिका साध्वी प्रमुखा श्री, कनकप्रभा, मुख्य नियोजिका साध्वी विश्रुतविभा का क्षमापना दिवस पर उद्बोधन हुआ। मुनि दिनेश कुमार ने औरों से ले क्षमा स्वयं औरों को करें प्रणाम रे.... गीत का संगान किया। इस मौके संतों ने साध्वियों से और साध्वियों ने संतों से खमत-खामणा करते हुए आध्यात्मिक विकास की मंगल कामना की।

तप की बही बयार, महाश्रमण खेवनहार: आचार्य की सन्निधि में संवत्सरी के सुअवसर पर लगभग 1400 अष्ट प्रहरी पौषध, लगभग 206प्रहरी पौषध, लगभग 4612 प्रहरी पौषध व हजारों की संख्या में चार प्रहरी पौषध के साथ 215 अठाइयां व अठाई से ऊपर की तपस्याएं हुई, जिनका खमत-खामणा वाले दिन पारणा हुआ। मुनि पृथ्वीराज के 23 की तपस्या चल रही है और भाव आगे भी प्रवद्र्धमान है। साध्वीश्री के संथारा के संवत्सरी तक सात दिन हो चुके हैं।

क्षमापना दिवस पर आचार्य महाश्रमण से की खमत-खामणा

अजगर ने राष्ट्रीय पक्षी को निगला

अजगर ने राष्ट्रीय पक्षी को निगला

नारलाई निकटवर्ती गुडाअखेराज कि सरहद में एक अजगर ने राष्ट्रीय पक्षी मोर को निगल लिया। वनपाल सोहनलाल दमामी ने बताया कि गुडा अखेराज के बाबूलाल सुथार के खेत पर दाना चुगते हुए राष्ट्रीय पक्षी मोर को अपना निवाला बना दिया सूचना मिलने पर वनपाल सोहनलाल दमामी मौके पर पहुंच कर अचेत अवस्था में पड़े अजगर के शरीर से मृत मोर को बहार निकाल कर उसे दफन किया गया।

नारलाई. गुड़ा अखेराम में मोर को निगलता अजगर।

धर्ममय हुई थारनगरी अधिकमास नगर परिक्रमा



बाड़मेर. श्रीराम ने इसे पुरुषोत्तम मास का नाम दिया था। ऐसे में इस माह में श्रीराम कथा का विशेष महत्व है। इस माह में घरों में मांगलिक कार्य वर्जित ही रहते हैं। इस मास के दौरान मंदिरों में राम कथा एवं अन्य धार्मिक कार्य होंगे। दान और पुण्यार्जन करना अच्छा रहता है। इस माह में रामकथा सुनने से श्रद्धालुओं को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

पु रुषोत्तम मास में पुण्य का लाभ कमाने के लिए भक्तों का जन सैलाब उमड़ा।अलसुबह ही शहर की परिक्रमा के लिए महिलाएं, बच्चे, युवा व बुजुर्ग घरों से निकल पड़े। इस दौरान धार्मिक उल्लास का माहौल नजर आया। समूचे शहर के हजारों भक्तों ने परिक्रमा में भाग लिया। चौहटन चौराहे से रवाना होकर खागल मोहल्ला, लीलडिय़ा धोरा, इंद्रा नगर, इंदिरा कॉलोनी से होते हुए जसदेर धाम तक परिक्रमा लगाई। भजन कीर्तन करती महिलाएं समूहों के रूप में निकली तो सेवाभावी लोग भी शीतय पेय, चाय, नाश्ता लिए सड़कों पर दौड़ते नजर आए।

बाड़मेर. नगर परिक्रमा में शामिल श्रद्धालु गेहूं रोड से गुजरते हुए।

नगर परिक्रमा के दौरान पूरा शहर भक्तों की सेवा में जुट गया। जहां देखो वहां पर लोग शर्बत, चाय, नाश्ता हाथों में लिए खड़े थे। परिक्रमा के रास्ते विभिन्न स्वयं सेवी संगठनों से जुड़े लोग स्वागत में पलक पावड़े बिछाने को आतुर नजर आए। राष्ट्रीय राजमार्ग न. 15 पर वार्ड न. 31 के पार्षद बलवीर माली के नेतृत्व में कार्यकर्ता रूपसिंह, जसराज, मूलसिंह व डॉ. घेवर लखारा ने भक्तों को चाय, शर्बत पिलाया। इसी तरह इन्द्रा कॉलोनी, इन्द्रा नगर, चौहटन चौराहा, गडरा चौराहा, जसदेर धाम पर भक्तों की सेवा की गई।

अधिकमास हर तीसरे साल बाद आता है। यानि तीन साल बाद एक बाद एक माह बढ़ता है। इस साल भादवा दो है। अलग अलग साल में अलग अलग माह बढ़ते है। ज्योतिषविद बताते हैं की विक्रमी संवत में माह बढऩे पर परिक्रमा के माध्यम से पुण्य कमाने की मान्यता है।

भारत जब आर्यावर्त था तब से ही हमारे यहां 'सौर वर्ष' तथा 'चंद्र वर्ष' प्रचलित हैं। इनमें एक का ऋग्वेद तथा दूसरे का अथर्ववेद में वर्णन आता है। सौर वर्ष से ऋतुओं का ज्ञान होता है। चंद्र वर्ष के महीनों और तिथियों से हमारे अधिकतर त्योहार मनाए जाते हैं। इस कारण भारतीय मनीषियों ने इन दोनों का समन्वय कर एक वर्ष बनाया,जिसे चंद्र-सौर वर्ष कहते हैं। इसमें हर दो या तीन वर्षों में एक मास बढ़ा दिया जाता है, जिसे 'मलमास', 'पुरुषोत्तम मास' या 'अधिक मास' कहते हैं।

गब्बर की खाई में गिरा ट्रैक्टर, 17 श्रद्धालुओं की मौत

आबूरोड.अंबाजी धाम के दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं से भरा ट्रैक्टर गब्बर की खाई में बुधवार देर शाम को अनियंत्रित होकर गिर गया। हादसे में 17 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 53 गंभीर रूप से घायल हो गए। वाहन में 68 लोग सवार थे। हादसे की सूचना मिलते ही एसपी व कलेक्टर मौके पर पहुंचे।

अंबे मां के दर्शन कर लौट रहे श्रद्धालुओं से भरे ट्रैक्टर संतुलन बिगड़ जाने से गहरी खाई में गिर गया। हादसे में 17 लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। हादसे में 53 गंभीर घायलों को पालनपुर तथा अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया।

उधर गुजरात के मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। वाहन में सवार सभी लोग पाटन के अजुजा गांव निवासी ठाकोर परिवार के है।

साईं-विष्णु मंत्रों के शुभ प्रभाव से मैदान छोड़ देती हैं परेशानियां

धर्म के नजरिए से पुरुषार्थ या कर्म या मेहनत ही वह राह है, जिस पर आगे चलकर जीवन के सारे सुख और आनंद पाना संभव हो पाता है। वहीं कर्म के लिए ऐसा संकल्प भाव जगाना ज्ञान के बूते ही संभव हो पाता है। पौराणिक मान्यताओं में जगतपालक भगवान विष्णु व उसने सारे अवतार जिनमें खासतौर पर भगवान कृष्ण ने कर्म और ज्ञान के ऐसे सबक सिखाए जो ज़िंदगी की हर मुश्किलों को आसान बना देते हैं। PHOTO: इन साईं-विष्णु मंत्रों के शुभ प्रभाव से मैदान छोड़ देती हैं परेशानियां  PHOTO: इन साईं-विष्णु मंत्रों के शुभ प्रभाव से मैदान छोड़ देती हैं परेशानियां 
18 से शुरू हुआ अधिकमास खासतौर पर इन दोनों देवताओं की भक्ति की शुभ घड़ी है। किंतु अधिकमास में गुरुवार को ही जगतगुरु साईं बाबा की उपासना का दुर्लभ संयोग बना है। साईं बाबा ने भी ज्ञान, कर्म व भक्ति रूपी संकल्प को जीवन के हर पहलू से जोड़कर सुख-सफलता के ऐसे ही अहम सूत्र सिखाए, जिनमें सभी की भलाई का भाव छिपा है।

धर्म आस्था से साईं बाबा भगवान दत्तात्रेय के अवतार माने जाते हैं और भगवान दत्तात्रेय त्रिगुण शक्तियों यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश का स्वरूप। इसलिए खासतौर पर धर्म परंपराओं में अधिकमास में भगवान विष्णु और साईं बाबा के जगतपालक स्वरूप का ध्यान एक ही विशेष मंत्रों से करने का महत्व बताय गया है। इनके शुभ प्रभाव से शांति-सुख की इच्छा पूरी होती है और हर परेशानी दूर हो जाती है। जानिए अधिकमास-गुरुवार के दुर्लभ संयोग में भगवान विष्णु और साईं बाबा को याद करने के मंत्र विशेष व तरीका -

- गुरुवार को भगवान विष्णु और साईं बाबा के चरणों में दूध-जल, पीला या केसरिया चंदन, पीले फूल चढ़ाएं। यथाशक्ति प्रसाद चढ़ाकर अगली मनमोहक तस्वीर के साथ बताए साईं मंत्रों को भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण का ध्यान करते हुए बोलें। ॐ श्री साईं जगत: पित्रे नम: (जगत पालन करने वाले साईं बाबा को नमन) ॐ श्री साईं योगक्षेमवहाय नम: (हर सुख देने के साथ उसकी रक्षा भी करने वाले साईंबाबा) ॐ श्री साईं प्रीतिवर्द्धनाय नम: (प्रेम भाव बढाने वाले साईंबाबा को नमन) ॐ श्री साईं भक्ताभय प्रदाय नम: (अभय दान देने वाले हैं साईं बाबा को नमन)

बुधवार, 22 अगस्त 2012

नवक्रमोन्नत उच्च माध्यमिक विद्यालयों में राजस्थानी साहित्य विषय शुरू करने की मांग



राजस्थान में ई राजस्थानी विषय नीं तो कठै?

मायड़भाष रो कर्ज चुकाओ। आपरा टाबरां नै आपणी भाषा अर संस्कृति सूं जोड़ो।




नवक्रमोन्नत उच्च माध्यमिक विद्यालयों में राजस्थानी साहित्य विषय शुरू करने की मांग


बाड़मेर राज्य सरकार द्वारा हल ही में राज्य भर में उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत किये गए १८३ विद्यालयों में राजस्थानी साहित्य विषय शुरू करने की मांग को लेकर क्रमोन्नत विद्यालयों से संपर्क किया जा रहा हें .अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के जोधपुर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की राजस्थान में १८३ माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत किया गया हें ,इन नवक्रमोन्नत विद्यालयों में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान से स्वीकृत विषय राजस्थानी साहित्य कोड २६ खुलवाने तथा राजस्थानी भाषा को जन जन तक पहुँचाने के लिए संपर्क किया जा रहा हें ,उन्होंने बताया की बाड़मेर जिले में नवक्रमोनत विद्यालय गागरिया ,फगालिया ,जसाई,गिडा,सहित छः विद्यालय क्रमोन्नत हुए हें ,इन्होने बताया की करामोंनत विद्यालयों में अभिभावकों तथा प्राचार्यो से संपर्क कर राजस्थानी साहित्य विषय छात्राओ को दिला कर राजस्थानी संकाय खुलवाने के प्रयास किये जायेंगे ,जिसके कारन पुरे प्रदेश में राजस्थानी भाषा के व्याख्याताओ की भर्ती भी हो सके .जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता ने बताया की जिले में नवक्रमोन्नत विद्यालयों में राजस्थानी साहित्य विषय शुरू करने को लेकर पुरजोर प्रयास किया जा रहा हें .समिति के वरिष्ठ महासचिव डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी ने बताया की राजस्थान में राजस्थानी विषय नहीं होगा तो कान्हा होगा .नवक्रमोन्नत विद्यालयों के प्राचार्यो से मिलकर छात्रो को राजस्थानी साहित्य विषय दिलाने के लिए संपर्क कर रहे हें .उन्होंने बताया अन्य पुस्तकों की भांति राजस्थानी साहित्य की पुस्तके भी राज्य सरकार निःशुल्क उपलब्ध करा रही हें ,उन्होंने बताया की आजकल विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओ में राजस्थानी साहित्य .इतिहास ,परम्पराओ तथा संस्कृति से जुड़े कई प्रश्न पूछे जाते हें ,.मोटियार परिषद् के जिला पाटवी और छात्रा संघ के अध्यक्ष रघुवीर सिंह तामलोर ने बताया की हर परिवार अपने लाडले लाडलियो को राजस्थानी संस्कृति से जोड़ कर मायड़ भाषा का कर्ज निभाए ,उन्होंने बताया की छात्र संघ इस दिशा में पूरा प्रयास करेगा .

बाड़मेर सहित प्रतिबंधित जिलो से व्याख्याताओ के स्थानान्तरण होंगे

बाड़मेर सहित प्रतिबंधित जिलो से व्याख्याताओ के स्थानान्तरण होंगे 

प्रदेश में प्रतिबंधित की श्रेणी में शामिल दस जिलों में कार्यरत स्कूली व्याख्याताओं के लिए अच्छी खबर है। अर्से से स्थानांतरण की प्रतिक्षा में बैठे इन कार्मिकों के गृह जिले में कार्य की इच्छा जल्द ही पूरी होगी। सरकार ने इनके तबादले की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिसके तहत हाल ही में निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर ने समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर प्रस्ताव आमंत्रित किए है।

संयुक्त निदेशक कार्मिक के फरमान के अनुसार प्रतिबंधित सिरोही, जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, बीकानेर, प्रतापगढ़, झालावाड़, बारां, बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर जिले में सेवाएं दे रहे स्कूली व्याख्याता स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकेंगे।
इनमें जिन पुरूष व्याख्याताओं के जुलाई 2012 तक प्रतिबंधित जिले में पांच वर्ष की एवं महिला व्याख्याता के दो वर्ष की सेवा पूर्ण हुई है, उन्हीं को वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला, अविवाहिता एवं असाध्य रोग से पीडितों को तबादलों में प्राथमिकता दी जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी पुष्पेंद्र पंड्या ने बताया कि आदेश प्राप्त हुए है। पालना सुनिश्चित की जाएगी।

इधर, एक अन्य आदेश में निदेशालय ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से प्रधानाचार्य तक की श्रेणी के रिक्त पदों का विवरण मांगा है। दिनभर विभागीय कार्मिक इन सूचनाअंो को अपडेट कर समेकित करने में लगे रहे।

मनीष सिसौदिया के NGO 'कबीर' पर सरकारी छापा और भी..

प्रशासन ने पूर्व टीम अन्ना के सदस्य मनीष सिसोदिया के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) को विदेश से मिले धन से संबंधित दस्तावेजों की जांच के लिए उसके परिसर की तलाशी ली है. सिसोदिया के सहयोगियों ने इसे ‘पीछे पड़ने’ की कार्रवाई करार दिया.मनीष सिसौदिया 
पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर में सिसोदिया के एनजीओ ‘कबीर’ के कार्यालय की मंगलवार और बुधवार को तलाशी ली गई. प्रशासन ने इस एनजीओ को तीन अगस्त को पत्र भेजकर उसे मिलने वाले विदेशी धन पर उससे सफाई मांगी थी.

सिसोदिया के करीबियों ने दावा किया है कि प्रशासन ने आरोप लगाया कि इस धन का उपयोग लोकपाल विधेयक के आंदोलन के लिए किया गया. कबीर ने इस आरोप का खंडन किया है और पत्र का जवाब दे दिया है.

हालांकि प्रशासन ने इन दावों का सत्यापन करने का फैसला किया. सिसोदिया ने कहा, ‘हम जांच के खिलाफ नहीं हैं. हम इसमें सहयोग कर रहे हैं. यह अच्छा है. दरअसल हमने उन्हें लिखा है कि वे हमारी जांच करें और यदि वे पाते हैं कि हम दोषी हैं तो हमें दोगुनी सजा दें.’

सिसोदिया ने कहा, ‘लेकिन प्रश्न है कि सरकार कोयला पर कैग रिपोर्ट के साथ क्या करेगी. क्या वह प्राथमिकी दर्ज करेगी.’ उन्होंने दावा किया कि कबीर ने वर्ष 2009 के बाद कोई विदेशी धन नहीं ग्रहण किया. (अब भंग हो चुकी) टीम अन्ना के दूसरे सदस्य अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर कहा, ‘सरकार अपनी सभी एजेंसियों को हमारे खिलाफ भेज सकती है. यदि कुछ भी गलत पाया जाता है तो हमें दोगुनी सजा दे.

लेकिन आपको और आपके मंत्रियों की जांच कौन करेगा.’ एक अन्य सदस्य किरण बेदी ने ट्विटर पर कहा, ‘शर्मनाक ढ़ंग से पीछे पड़ गयी है (सरकार). लोगों को इस निश्चय के लिए सशक्त किया जाए कि जब उसे अवसर मिले तो वे मतदान के माध्यम से इस सरकार को उखाड़ फेंके.’

एक परिवार, जिसने सात साल से घर के बाहर नहीं रखा पैर!

PICS: एक परिवार, जिसने सात साल से घर के बाहर नहीं रखा पैर!

गांधीधाम (गुजरात)। यहां एक परिवार ने सात साल से खुद को घर में कैद कर रखा है। महेश्वरी परिवार में एक लड़का, लड़की और पति-पत्नी हैं। सुबह-सुबह केवल परिवार का मुखिया शामजी देवजी पिंगोल (महेश्वरी) घर से निकलता है। वह भी आवश्यक चीजों के इंतजाम के लिए। खरीददारी कर लौट कर घर में बंद हो जाता है। परिवार काल्पनिक भय से पीडि़त है। कोई यदि इनके घर में दाखिल होने की कोशिश करता है तो अंदर के सदस्य चीखते हुए हमलावर हो जाते हैं। इसलिए पड़ोसियों तो ठीक इस परिवार के सगे संबंधियों ने भी प्रयास करना छोड़ दिया है।


लड़के का नाम कैलाश और लड़की का नाम राधा (30) है। इनकी मां को तो शायद दिखना भी बंद हो गया है। पड़ोसियों के अनुसार कैलाश सातवीं में था, तब स्कूल में उस पर किसी ने हमला कर दिया था। इस घटना से परिवार घबरा गया। परिवार को किसी के द्वारा जादू-टोना किए जाने की भी आशंका है। स्थानीय लोगों के अनुसार करीब सात साल से यह सब चल रहा है। सगे संबंधियों ने इन्हें समझा बुझा कर जीवन की मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया किन्तु कामयाबी नहीं मिली। महेश्वरी परिवार की दो बेटियों का विवाह हो चुका है किन्तु अब ये भी यहां नजर नहीं आतीं। परिवार का मुखिया कंडला पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी) से सेवानिवृत्त मुलाजिम है। दो साल पहले सेवानिवृत्ति पर उसे 50 लाख रुपए मिले थे। संभवत: इस पैसे से परिवार गुजारा करता है।


हमें कुछ हुआ तो जिम्मेदारी तुम्हारी:


 मंगलवार को समाज के लोगों ने स्थानीय गणेशनगर के पींगोल परिवार को घर संख्या 376 से बाहर निकालने का प्रयास किया। पुलिस की भी मदद ली। इस क्रम में आसपास के लोगों ने वर्षों बाद इस परिवार के सदस्यों को दरवाजे पर देखा। बाहर आकर शामजी पींगोल ने चेताते हुए कहा कि 'आगे बढ़े तो हम आत्महत्या कर लेंगे। हमें कुछ हो गया तो जिम्मेदारी तुम्हारी होगी। यह सुन पुलिस अधिकारी भी चिंतित हो गए। अंत में सबसे पहले महेश्वरी परिवार के सदस्यों का चिकित्सकीय आधार बना कर अदालत की शरण लेने का फैसला किया ताकि कोई पेचीदगी न हो।

जैसलमेर में शांतिभंग के आरोप में पांच गिरफतार


जैसलमेर में  शांतिभंग के आरोप में पांच  गिरफतार

जैसलमेर जैसलमेर पुलिस ने अलग अलग दो थाना अंतर्गत शांति भंग के आरोप में पांच जनों को गिरफ्तार किया हें .पुलिस कप्तान ममता राहुल ने बताया की पुलिस थाना फलसुण्ड में मंगलवार को कमलकिशोर उनि थानाधिकारी पुलिस थाना फलसुण्ड मय जाब्ता द्वारा दौराने हल्खा गश्त गॉव भीखोडाई पुलिस थाना फलसुण्ड में लडाई झगडा कर शांति भंग करते अब्दुलखॉ पुत्र शकुरखॉ, नियालखॉ पुत्र शकुरखॉ, अलीखॉ पुत्र सायरखॉ एवं यादखॉ पुत्र जसुबखॉ सर्वे निवासी बरसानी को धारा 151 सीआरपीसी के तहत गिरफतार किया गया।

दूसरी और पुलिस थाना जैसलमेर के हल्खा क्षैत्र में मंगलवार को किशनाराम हैड कानि0 मय जाब्ता द्वारा प्रागाराम पुत्र खुमाणराम जाति मेघवाल निवासी छप्पर पाडा जैसलमेर को गाधी कॉलोनी जैसलमेर से शांति भंग के आरोप में गिरफतार किया।

बाड़मेर पुलिस डायरी ...आज के अपराध समाचार

बाड़मेर पुलिस डायरी ...आज के अपराध समाचार 

अवेध हथकड़ी शराब सहित एक गिरफ्तार


बाड़मेर राहुल बारहट, जिला पुलिस अधीक्षक बाड़मेर के निर्देशानुसार जिले में आबकारी अधिनियम के तहत कार्यवाही हेतु दिये गये निर्देशानुसार श्री देवाराम हैड कानि. पुलिस थाना रामसर मय पुलिस पार्टी द्वारा मौजा गांगरीया में मुलजिम चिमानाथ पुत्र वकिलनाथ जोगी नि. गागरीया स्टेशन को दस्तयाब कर उसके कब्जा से 5 बोतल हथकड़ी शराब बरामद कर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना रामसर पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।
मारपीट के मामले
बाड़मेर भगाराम पुत्र अचलाराम जाट नि. नांद ने मुलजिम हनुमानराम पुत्र लक्ष्मणराम जाट नि. नांद के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस के पुत्र राउराम को रोककर मारपीट करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। इसी तरह सदराम पुत्र कानाराम विश्नोई नि. गंगासरा ने मुलजिम हरीराम पुत्र कानाराम विश्नोई नि. गंगासरा वगेरा 2 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस के खेत में प्रवेश कर फसल नष्ट करना व गाली गलोच करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना सेड़वा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।


दहेज़ प्रताड़ना का मामला
बाड़मेर मोहम्मद सरीफ पुत्र बाबूखां मुसलमान नि. बालोतरा ने मुलजिम मोहम्मदअली नि. बालोतरा वगेरा 4 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिमान द्वारा मुस्तगीस की बहिन परवीण बानू को दहेज के लिए तंग परेशान कर मारपीट करना व स्त्री धन हड़पना वगेरा पर मुलजिन के विरूद्व पुलिस थाना बालोतरा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।