चीन के सेंडूआओ गांव को आमतौर पर फ्यूचर वाटर वर्ल्ड भी कहा जाता है। समुद्र में रहने वाली ये चीन की सबसे बड़ी आबादी है। दुनिया में इस तरह की बहुत कम बस्तियां हैं। चीन के फूजिआन प्रांत में निंगड़े गांव से ये सिर्फ 30 किमी दूर स्थित है।चीन के अन्य गांवों की तरह यहां भी घर लकड़ी के बने हैं, लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि ये बांस या फिर लकड़ी के पुलों पर बने हैं। इनकी तैरने की शक्ति बढ़ाने के लिए प्लास्टिक के बैरल्स और पीवीसी के टुकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है।यहां के लोगों को जमीन पर कदम रखने की जरूरत नहीं पड़ती है। ये अपने दम पर टिका तैरता हुआ गांव है। गांव के लोग खुद बनाई हुई या फिर खरीदी गई नाव में रहते हैं। इनकी रोजी-रोटी मछलियां पकड़ने और समुद्र में खेती करने से चलती है।सेंडूआओ में तैरता हुआ पोस्ट ऑफिस, पुलिस स्टेशन, रेस्टोरेंट और दुकानें भी हैं द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापानी बमबारी में ये इलाका तबाह हो गया था। इसे संभलने में करीब एक दशक का समय लग गया था।
गुरुवार, 23 अगस्त 2012
तस्वीरों में देखिए पानी पर तैरता हुआ चीन का एक अद्भुत गांव
चीन के सेंडूआओ गांव को आमतौर पर फ्यूचर वाटर वर्ल्ड भी कहा जाता है। समुद्र में रहने वाली ये चीन की सबसे बड़ी आबादी है। दुनिया में इस तरह की बहुत कम बस्तियां हैं। चीन के फूजिआन प्रांत में निंगड़े गांव से ये सिर्फ 30 किमी दूर स्थित है।चीन के अन्य गांवों की तरह यहां भी घर लकड़ी के बने हैं, लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि ये बांस या फिर लकड़ी के पुलों पर बने हैं। इनकी तैरने की शक्ति बढ़ाने के लिए प्लास्टिक के बैरल्स और पीवीसी के टुकड़ों का इस्तेमाल किया जाता है।यहां के लोगों को जमीन पर कदम रखने की जरूरत नहीं पड़ती है। ये अपने दम पर टिका तैरता हुआ गांव है। गांव के लोग खुद बनाई हुई या फिर खरीदी गई नाव में रहते हैं। इनकी रोजी-रोटी मछलियां पकड़ने और समुद्र में खेती करने से चलती है।सेंडूआओ में तैरता हुआ पोस्ट ऑफिस, पुलिस स्टेशन, रेस्टोरेंट और दुकानें भी हैं द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापानी बमबारी में ये इलाका तबाह हो गया था। इसे संभलने में करीब एक दशक का समय लग गया था।
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