राजस्थान में ई राजस्थानी विषय नीं तो कठै?
मायड़भाष रो कर्ज चुकाओ। आपरा टाबरां नै आपणी भाषा अर संस्कृति सूं जोड़ो।
नवक्रमोन्नत उच्च माध्यमिक विद्यालयों में राजस्थानी साहित्य विषय शुरू करने की मांग
बाड़मेर राज्य सरकार द्वारा हल ही में राज्य भर में उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत किये गए १८३ विद्यालयों में राजस्थानी साहित्य विषय शुरू करने की मांग को लेकर क्रमोन्नत विद्यालयों से संपर्क किया जा रहा हें .अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के जोधपुर संभाग उप पाटवी चन्दन सिंह भाटी ने बताया की राजस्थान में १८३ माध्यमिक विद्यालयों को उच्च माध्यमिक स्तर पर क्रमोन्नत किया गया हें ,इन नवक्रमोन्नत विद्यालयों में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान से स्वीकृत विषय राजस्थानी साहित्य कोड २६ खुलवाने तथा राजस्थानी भाषा को जन जन तक पहुँचाने के लिए संपर्क किया जा रहा हें ,उन्होंने बताया की बाड़मेर जिले में नवक्रमोनत विद्यालय गागरिया ,फगालिया ,जसाई,गिडा,सहित छः विद्यालय क्रमोन्नत हुए हें ,इन्होने बताया की करामोंनत विद्यालयों में अभिभावकों तथा प्राचार्यो से संपर्क कर राजस्थानी साहित्य विषय छात्राओ को दिला कर राजस्थानी संकाय खुलवाने के प्रयास किये जायेंगे ,जिसके कारन पुरे प्रदेश में राजस्थानी भाषा के व्याख्याताओ की भर्ती भी हो सके .जिला पाटवी रिडमल सिंह दांता ने बताया की जिले में नवक्रमोन्नत विद्यालयों में राजस्थानी साहित्य विषय शुरू करने को लेकर पुरजोर प्रयास किया जा रहा हें .समिति के वरिष्ठ महासचिव डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी ने बताया की राजस्थान में राजस्थानी विषय नहीं होगा तो कान्हा होगा .नवक्रमोन्नत विद्यालयों के प्राचार्यो से मिलकर छात्रो को राजस्थानी साहित्य विषय दिलाने के लिए संपर्क कर रहे हें .उन्होंने बताया अन्य पुस्तकों की भांति राजस्थानी साहित्य की पुस्तके भी राज्य सरकार निःशुल्क उपलब्ध करा रही हें ,उन्होंने बताया की आजकल विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओ में राजस्थानी साहित्य .इतिहास ,परम्पराओ तथा संस्कृति से जुड़े कई प्रश्न पूछे जाते हें ,.मोटियार परिषद् के जिला पाटवी और छात्रा संघ के अध्यक्ष रघुवीर सिंह तामलोर ने बताया की हर परिवार अपने लाडले लाडलियो को राजस्थानी संस्कृति से जोड़ कर मायड़ भाषा का कर्ज निभाए ,उन्होंने बताया की छात्र संघ इस दिशा में पूरा प्रयास करेगा .
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