बुधवार, 22 अगस्त 2012

एक परिवार, जिसने सात साल से घर के बाहर नहीं रखा पैर!

PICS: एक परिवार, जिसने सात साल से घर के बाहर नहीं रखा पैर!

गांधीधाम (गुजरात)। यहां एक परिवार ने सात साल से खुद को घर में कैद कर रखा है। महेश्वरी परिवार में एक लड़का, लड़की और पति-पत्नी हैं। सुबह-सुबह केवल परिवार का मुखिया शामजी देवजी पिंगोल (महेश्वरी) घर से निकलता है। वह भी आवश्यक चीजों के इंतजाम के लिए। खरीददारी कर लौट कर घर में बंद हो जाता है। परिवार काल्पनिक भय से पीडि़त है। कोई यदि इनके घर में दाखिल होने की कोशिश करता है तो अंदर के सदस्य चीखते हुए हमलावर हो जाते हैं। इसलिए पड़ोसियों तो ठीक इस परिवार के सगे संबंधियों ने भी प्रयास करना छोड़ दिया है।


लड़के का नाम कैलाश और लड़की का नाम राधा (30) है। इनकी मां को तो शायद दिखना भी बंद हो गया है। पड़ोसियों के अनुसार कैलाश सातवीं में था, तब स्कूल में उस पर किसी ने हमला कर दिया था। इस घटना से परिवार घबरा गया। परिवार को किसी के द्वारा जादू-टोना किए जाने की भी आशंका है। स्थानीय लोगों के अनुसार करीब सात साल से यह सब चल रहा है। सगे संबंधियों ने इन्हें समझा बुझा कर जीवन की मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया किन्तु कामयाबी नहीं मिली। महेश्वरी परिवार की दो बेटियों का विवाह हो चुका है किन्तु अब ये भी यहां नजर नहीं आतीं। परिवार का मुखिया कंडला पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी) से सेवानिवृत्त मुलाजिम है। दो साल पहले सेवानिवृत्ति पर उसे 50 लाख रुपए मिले थे। संभवत: इस पैसे से परिवार गुजारा करता है।


हमें कुछ हुआ तो जिम्मेदारी तुम्हारी:


 मंगलवार को समाज के लोगों ने स्थानीय गणेशनगर के पींगोल परिवार को घर संख्या 376 से बाहर निकालने का प्रयास किया। पुलिस की भी मदद ली। इस क्रम में आसपास के लोगों ने वर्षों बाद इस परिवार के सदस्यों को दरवाजे पर देखा। बाहर आकर शामजी पींगोल ने चेताते हुए कहा कि 'आगे बढ़े तो हम आत्महत्या कर लेंगे। हमें कुछ हो गया तो जिम्मेदारी तुम्हारी होगी। यह सुन पुलिस अधिकारी भी चिंतित हो गए। अंत में सबसे पहले महेश्वरी परिवार के सदस्यों का चिकित्सकीय आधार बना कर अदालत की शरण लेने का फैसला किया ताकि कोई पेचीदगी न हो।

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