बुधवार, 22 अगस्त 2012

मनीष सिसौदिया के NGO 'कबीर' पर सरकारी छापा और भी..

प्रशासन ने पूर्व टीम अन्ना के सदस्य मनीष सिसोदिया के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) को विदेश से मिले धन से संबंधित दस्तावेजों की जांच के लिए उसके परिसर की तलाशी ली है. सिसोदिया के सहयोगियों ने इसे ‘पीछे पड़ने’ की कार्रवाई करार दिया.मनीष सिसौदिया 
पूर्वी दिल्ली के पांडव नगर में सिसोदिया के एनजीओ ‘कबीर’ के कार्यालय की मंगलवार और बुधवार को तलाशी ली गई. प्रशासन ने इस एनजीओ को तीन अगस्त को पत्र भेजकर उसे मिलने वाले विदेशी धन पर उससे सफाई मांगी थी.

सिसोदिया के करीबियों ने दावा किया है कि प्रशासन ने आरोप लगाया कि इस धन का उपयोग लोकपाल विधेयक के आंदोलन के लिए किया गया. कबीर ने इस आरोप का खंडन किया है और पत्र का जवाब दे दिया है.

हालांकि प्रशासन ने इन दावों का सत्यापन करने का फैसला किया. सिसोदिया ने कहा, ‘हम जांच के खिलाफ नहीं हैं. हम इसमें सहयोग कर रहे हैं. यह अच्छा है. दरअसल हमने उन्हें लिखा है कि वे हमारी जांच करें और यदि वे पाते हैं कि हम दोषी हैं तो हमें दोगुनी सजा दें.’

सिसोदिया ने कहा, ‘लेकिन प्रश्न है कि सरकार कोयला पर कैग रिपोर्ट के साथ क्या करेगी. क्या वह प्राथमिकी दर्ज करेगी.’ उन्होंने दावा किया कि कबीर ने वर्ष 2009 के बाद कोई विदेशी धन नहीं ग्रहण किया. (अब भंग हो चुकी) टीम अन्ना के दूसरे सदस्य अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर कहा, ‘सरकार अपनी सभी एजेंसियों को हमारे खिलाफ भेज सकती है. यदि कुछ भी गलत पाया जाता है तो हमें दोगुनी सजा दे.

लेकिन आपको और आपके मंत्रियों की जांच कौन करेगा.’ एक अन्य सदस्य किरण बेदी ने ट्विटर पर कहा, ‘शर्मनाक ढ़ंग से पीछे पड़ गयी है (सरकार). लोगों को इस निश्चय के लिए सशक्त किया जाए कि जब उसे अवसर मिले तो वे मतदान के माध्यम से इस सरकार को उखाड़ फेंके.’

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