मासूम की मौत से उपजा आक्रोश डॉक्टरों को बनाया बंधक
बुड़सू (मकराना) बुड़सू के राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज में लापरवाही की वजह से गुरुवार को 5 साल की एक मासूम बच्ची की मौत के बाद शुक्रवार को ग्रामीणों का आक्रोश उबाल पर था। शिकायत करने गए ग्रामीणों के साथ अस्पताल स्टाफ ने अभद्र व्यवहार किया। इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने अस्पताल स्टाफ को परिसर में बंधक बनाकर मुख्य गेट पर ताले लगा दिए। ग्रामीणों ने एक डॉक्टर की कार को भी क्षतिग्रस्त कर दिया तथा बाजार बंद करा दिए। दोपहर बाद अधिकारियों के आश्वासन से ग्रामीण शांत हुए।
विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों का आरोप था कि बुड़सू पीएचसी पर कई दिन से फैली अव्यवस्थाओं, मरीजों से अभद्र व्यवहार, इलाज के नाम पर पैसे वसूलने से वे परेशान थे।
इसी दौरान गुरुवार दोपहर 3 बजे बूड़सू निवासी शायर राम की 5 वर्षीय पुत्री पूनम के सुपारी निगलने पर उसे गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया। यहां ड्यूटी पर कोई चिकित्सक नहीं था एवं केंद्र पर ताला लगा था। परिजन बच्ची को कुचामन सिटी लेकर रवाना हुए मगर पूनम ने बीच रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इलाज के अभाव में बच्ची की मौत से ग्रामीणों का शुक्रवार को गुस्सा फूट पड़ा ।
एक घंटे तक बंधक रहा स्टाफ
शुक्रवार सुबह दस बजे बड़ी संख्या में ग्रामीण अस्पताल परिसर में एकत्रित हो गए। आक्रोषित ग्रामीणों ने अस्पताल में कार्यरत चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ को बंद कर अस्पताल के मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया। ग्रामीण नारे लगाते हुए बुड़सू बाजार पहुंचे और वहां दुकानों को भी बंद करा दिया। सरपंच हनुमान सिंह एवं पंचायत समिति सदस्य महावीर कुंकणा की अगुवाई में ग्रामीण धरने पर बैठ गए। सूचना मिलने पर मकराना एसडीएम एसएम शाह, तहसीलदार सुरेश कुमार चावला, बीसीएमएचओ सुधीर गोस्वामी, प्रशिक्षु आरएएस हाकम खान, थानाधिकारी देवीसहाय मीणा पुलिस जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे। पूनम के परिजनों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से तत्काल सहायता का आश्वासन मिलने के बाद लगभग 11 बजे ताले खोलकर बंधक स्टाफ को मुक्त करवाया।
चली लंबी बहस
गुस्साए ग्रामीण पूरे अस्पताल प्रशासन को हटाने, दोषी चिकित्सकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग पर अड़े रहे। पहले तहसीलदार सुरेश चावला ने जिला कलेक्टर अशोक भंडारी से बातचीत कर चिकित्सक पन्ना राम गोदारा एवं कंपांउडर प्रकाशचंद्र सैन को एपीओ करने एवं अन्य चिकित्सकों के खिलाफ मामले की जांच कराने की बात कही मगर ग्रामीणों ने यह कहकर असहमति जताई की या तो पूरे स्टाफ को एपीओ किया जाए या फिर किसी को एपीओ नहीं करें। इसके बाद प्रशासन ने गंाव के 10 लोगों की एक कमेटी बनाकर बीसीएमएचओ सुधीर गोस्वामी द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी कर्मचारियों पर कार्यवाही करने की बात रखी।