रेप की शिकार छात्रा की टूट गई सांसें
लखनऊ। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में रेप का शिकार बनी एक 13 साल की छात्रा 53 दिन बाद जिंदगी की जंग हार गई और शुक्रवार दोपहर उसकी सांसे टूट गई। गरीबी के बावजूद पढ़-लिख कर कुछ बन पाने की तमन्ना लिए स्कूल में दाखिला लेने वाली इस छात्रा को स्कूल के ही एक शिक्षक ने हवस का शिकार बनाया था। शुक्रवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे अस्पताल ले जाने वाले थे कि उसका दम टूट गया। डाक्टरों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की मौत का कारण अधिक रक्तस्त्राव से शारीरिक कमजोरी और बच्चेदानी में संक्रमण होना बताया है।
उन्नाव के फतेहपुर चौरासी में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में दलित बिरादरी की प्राइमरी मेें पढ़ने वाली इस छात्रा की तबीयत एक दिन बिगड़ गई थी। स्कूल वालों ने सूचना परिजनों को दी। उसे पेट दर्द और रक्तस्त्राव हो रहा था। उसे पहले गांव के ही अस्पताल में दिखाया गया फिर लखनऊ ले जाया गया। उपचार के दौरान हुई जांचों से पता चला कि छात्रा को कई माह से प्रेगनेंट थी तथा उसे गर्भनिरोधक की हाईडोज दी जा रही थीं। इसी कारण उसकी हालत बिगड़ी।
छात्रा ने परिजनों को अपने साथ स्कूल में शिक्षक द्वारा की जा रही ज्यादती के बारे में बताया। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को रिपोर्ट देकर बताया कि स्कूल का ही एक टीचर हरिनारायण उसके साथ रेप करता रहा। स्कूल में खाना बनाने वाली अनुराधा टीचर की मदद करती थी। फिलहाल दोनों आरोपी जेल में हैं।
घटना का खुलासा होने के बाद मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के बाद छात्रा को मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया कराई गई तथा परिजनों को 25 हजार रूपए की आर्थिक सहायता भी देने को कहा गया। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था, छात्रा अपने साथ हुई ज्यादती को नहीं झेल सकी और उसकी सांसे उखड़ गई।
लखनऊ। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में रेप का शिकार बनी एक 13 साल की छात्रा 53 दिन बाद जिंदगी की जंग हार गई और शुक्रवार दोपहर उसकी सांसे टूट गई। गरीबी के बावजूद पढ़-लिख कर कुछ बन पाने की तमन्ना लिए स्कूल में दाखिला लेने वाली इस छात्रा को स्कूल के ही एक शिक्षक ने हवस का शिकार बनाया था। शुक्रवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे अस्पताल ले जाने वाले थे कि उसका दम टूट गया। डाक्टरों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्रा की मौत का कारण अधिक रक्तस्त्राव से शारीरिक कमजोरी और बच्चेदानी में संक्रमण होना बताया है।
उन्नाव के फतेहपुर चौरासी में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में दलित बिरादरी की प्राइमरी मेें पढ़ने वाली इस छात्रा की तबीयत एक दिन बिगड़ गई थी। स्कूल वालों ने सूचना परिजनों को दी। उसे पेट दर्द और रक्तस्त्राव हो रहा था। उसे पहले गांव के ही अस्पताल में दिखाया गया फिर लखनऊ ले जाया गया। उपचार के दौरान हुई जांचों से पता चला कि छात्रा को कई माह से प्रेगनेंट थी तथा उसे गर्भनिरोधक की हाईडोज दी जा रही थीं। इसी कारण उसकी हालत बिगड़ी।
छात्रा ने परिजनों को अपने साथ स्कूल में शिक्षक द्वारा की जा रही ज्यादती के बारे में बताया। इसके बाद परिजनों ने पुलिस को रिपोर्ट देकर बताया कि स्कूल का ही एक टीचर हरिनारायण उसके साथ रेप करता रहा। स्कूल में खाना बनाने वाली अनुराधा टीचर की मदद करती थी। फिलहाल दोनों आरोपी जेल में हैं।
घटना का खुलासा होने के बाद मानवाधिकार आयोग के हस्तक्षेप के बाद छात्रा को मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया कराई गई तथा परिजनों को 25 हजार रूपए की आर्थिक सहायता भी देने को कहा गया। लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था, छात्रा अपने साथ हुई ज्यादती को नहीं झेल सकी और उसकी सांसे उखड़ गई।
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