सोनार दुर्ग के मौलिक स्वरूप को बरकरार रखा जाएगा
जैसलमेर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्यातिप्राप्त सोनार दुर्ग के मौलिक स्वरूप को बरकरार रखते हुए इसके संरक्षण के लिए विभिन्न स्तरों पर ठोस प्रयास अमल में लाए जाएंगे। इसके लिए जिला प्रशासन, जैसलमेर नगर परिषद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग तथा सभी एजेंसियां मिलकर हरसंभव प्रयासों को गति प्रदान करेंगी। सोनार दुर्ग के संरक्षण के ठोस प्रयासों को लेकर कई प्रभावी निर्णय किए गए हैं।
कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में शुक्रवार को कलेक्टर शुचि त्यागी की अध्यक्षता में जिलास्तरीय एमपॉवर ऑथोरिटी की बैठक आयोजित हुई। जिसमें सोनार दुर्ग की मौलिकता को बचाए रखते हुए संरक्षण से संबंधित सभी पहलुओं पर विचार विमर्श करने के साथ कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में यूआईटी अध्यक्ष उम्मेदसिंह तंवर, जैसलमेर नगर परिषद के सभापति अशोक तंवर, जैसलमेर विकास समिति के सचिव चन्द्र प्रकाश व्यास तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने संरक्षण के सुझाव दिए।
दुर्ग संरक्षण के सभी संभव प्रयास हो: कलेक्टर शुचि त्यागी ने सोनार दुर्ग के मौलिक एवं ऐतिहासिक स्वरूप को बरकरार रखते हुए इसके समुचित रखरखाव के प्रति गंभीरतापूर्वक ध्यान देने पर बल दिया और कहा कि इसके बेहतर संरक्षण के लिए हरसंभव उपायों को अपनाया जाना चाहिए। इसके लिए उन्होंने सभी विभागों और एजेंसियों में समन्वय, किले वासियों से समझाइश तथा सोनार दुर्ग से संबंधित निर्णयों के समय पर क्रियान्वयन के लिए ठोस गतिविधियां अपनाने के निर्देश दिए।
सीवरेज व ड्रेनेज का माकूल प्रबंध जरूरी: कलेक्टर ने सोनार दुर्ग में सीवरेज व ड्रेनेज की व्यवस्था सुधारने, साफ-सफाई, पाइप लाइन व लीकेज को ठीक करने, पानी के रिसाव पर रोक लगाने, मोरी की सफाई तथा इसमें अतिक्रमण, जमा पत्थर और मलबा हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने उपखंड अधिकारी से कहा कि वे नगर परिषद, जलदाय विभाग एवं अन्य विभागों से समन्वय रखकर सोनार से संबंधित कार्य करवाएं।
होटलों के लाइसेंस की जांच करें, धोबी घाट हटाएं: कलेक्टर ने सोनार दुर्ग में संचालित होटलों के लाइसेंस की जांच करने, धोबीघाट तत्काल हटाने, घरेलू पानी-बिजली का व्यवसायिक उपयोग करने वालों के खिलाफ जांच कर सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए।
इन्होंने दिए व्यवहारिक सुझाव: यूआईटी अध्यक्ष उ मेदसिंह तंवर, जैसलमेर नगर परिषद के सभापति अशोक तंवर, जैसलमेर विकास समिति के सचिव चन्द्र प्रकाश व्यास आदि ने सोनार दुर्ग की वर्तमान स्थिति तथा संरक्षण के जरूरी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की और कई महत्वपूर्ण सुझावों से अवगत कराया। विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने सोनार दुर्ग के संरक्षण व रखरखाव में उनके विभाग की भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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