विवाहिता और उसकी दो बेटियों को जिंदा जलाने की घटना
मेड़ता सिटी कम दहेज के लिए विवाहिताओं के साथ आए दिन मारपीट की घटनाओं के बीच बडग़ांव में विवाहिता और उसकी दो बेटियों को जिंदा जलाने की घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया।
जिसने भी यह खबर सुनी स्तब्ध रह गया। सुबह तक यह खबर आसपास के गांवों और मेड़ता में फैल गई। आसपास के अन्य गांवों से भी कई लोग बड़ गांव पहुंच गए। यहां भी घरों के बाहर महिलाओं और चौपाल पर बैठे पुरुषों की जुबां पर इसी वाकये की चर्चा चल रही थी। सभी का एक ही सवाल था कि इस हादसे के बाद सरोज की तीन वर्षीय बेटी और डेढ़ साल के बेटे का क्या होगा? इस घटना ने कई आंखों को नम भी कर दिया।
शादी के 14 साल बाद दुखद अंत
सीआई विक्रम सिंह के अनुसार लीलिया निवासी मोतीराम पुत्र मोहन राम जाट ने रिपोर्ट दी कि उसकी पुत्री सरोज की शादी 1998 में बड़ गांव निवासी रामनिवास पुत्र मीसाराम जाट के साथ हुई थी। उसके तीन बेटियां और एक बेटा है। शादी के पांच साल तक तो सब ठीक रहा। इसके बाद ससुराल पक्ष के लोगों ने उसे दहेज के लिए परेशान करना शुरू कर दिया। इसी बात को लेकर गुरुवार रात को सरोज के साथ उसके पति रामनिवास, सास परमाई, जेठ मोतीराम और जेठानी इंद्रा ने मारपीट की और रात 2 बजे सरोज व उसकी बेटियों संजू (13) और सुमन (10) पर केरोसीन छिड़क कर आग लगा दी। इससे सरोज और सुमन ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। संजू को मेड़ता सिटी अस्पताल लाया गया। यहां से अजमेर रेफर करने के दौरान रास्ते में उसने अंतिम सांस ली। पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498 ए और 302 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस की मौजूदगी में तनातनी
घटनास्थल पर दोनों पक्षों के लोग बड़ी संख्या में एकत्रित हो गए थे। उन्हें समझाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। एक बार तो दोनों पक्षों में तनातनी भी हो गई। पुलिस के जवानों ने दोनों पक्षों को अलग करवाया तब जाकर मामला शांत हुआ। एडीशनल एसपी डॉ. रामदेव सिंह ने घटनास्थल का मौका मुआयना किया। यहां स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी मात्रा में पुलिस जाप्ता तैनात किया गया। मेड़ता सिटी थाने के अलावा डिप्टी अर्जुन सिंह चाहर, पादू कलां थानाधिकारी अमरा राम बिश्नोई, गोटन थानाधिकारी मुकेश चौधरी, मेड़ता रोड थानाधिकारी दातार सिंह पुलिस बल के साथ तैनात रहे।
मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम
पीहर पक्ष की मांग पर मेडिकल बोर्ड से तीनों शवों का पोस्टमार्टम कराया गया। डॉ. राजेंद्र प्रजापति, डॉ. रमेश चौधरी और डॉ. आरके देवड़ा ने शवों का पोस्टमार्टम किया। तीनों का विसरा जांच के लिए भिजवाया गया है।
तीन आरोपी हिरासत में
सीआई के अनुसार रामनिवास, परमाई और इंद्रा को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। शाम तक इनसे पूछताछ जारी थी। जेठ मोतीराम पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। जेठानी इंद्रा ने भी एक बार घटनास्थल से भागने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उसे धर लिया।
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