शनिवार, 7 जुलाई 2012

जैसलमेर मोबाइल पर कर सकते हैं सफाई नहीं होने की शिकायत


जैसलमेर मोबाइल पर कर सकते हैं सफाई नहीं होने की शिकायत


शहर को तीन हिस्सों में बांट कर निर्धारित किया क्षेत्र

जैसलमेर नगरपरिषद ने शहर की सफाई व्यवस्था में आ रही खामियों को दूर करने तथा पारदर्शिता लाने के लिए शहर को तीन हिस्सों में बांट कर्मचारियों को जिम्मेदारी देने के साथ ही जमादार की भी नियुक्ति की गई है। परिषद आयुक्त आरके माहेश्वरी ने बताया कि जमादारों को वार्ड वाइज बंटवारा कर बीट आबंटित की गई है। संबंधित क्षेत्र में अगर सफाई समय पर नहीं हो रही हो अथवा कोई खामी है तो सीधे आमजन जमादार के फोन पर संपर्क कर सकते हैं।

सफाई प्रभारी प्रहलादराम को नियुक्त किया गया है। जिनके फोन नं. 9887517436 है। शहर की परिषद सीमा में मृत पशुओं को उठाने के ठेकेदार का फोन नं. 9571950252/9680246403 है।

कार्यवाहक जमादार के फोन नंबर 9461010691 है,

आबंटित क्षेत्र: वाल्मिकी कॉलोनी, गांधी कॉलोनी, आर.पी. कॉलोनी, ट्रांसपोर्ट नगर, दर्जी पाड़ा, मेघवाल पाड़ा गौड़ा पाड़ा, जेठवाई रोड़, चुंगी नाका, यूनियन चौराहा, बबर मगरा, इंदिरा कॉलोनी तक का समस्त क्षेत्र।

वार्ड संख्या: 16, 18,19 ,20, 21, 22, 23, 24,25,26 व 27

कार्यवाहक जमादार ओमप्रकाश

फोन न. 9414979616

आबंटित क्षेत्र : एयर फोर्स गेट से एयर फोर्स चौराहा से शिव रोड़, शिव रोड़ से भाटिया भवन, जिंदाणी चौकी से पटवा हवेली से जेठा पाड़ा, सुनार पाड़ा, पिजांरा पाड़ा से चांदी पाड़ा, छिपा पाड़ा से मैरासी पाड़ा से अंबेडकर कॉलोनी, मलका प्रोल से गफूर भट्टा से कलाकार कॉलोनी, अचलवंशी कॉलोनी से हनुमान चौराहा, सम रोड़, पुलिस लाइन कच्ची बस्ती, जयनारायण व्यास कॉलोनी का समस्त क्षेत्र। शेष त्नपेज १४

वार्ड संख्या 1,2,5,13,14,15,28,29 व 30

सफाई जमादार मोहनलाल

सहायक महेन्द्र कुमार

फोन न. 9887321578

आबंटित क्षेत्र

एयर फोर्स चौराहा से ढिब्बा पाड़ा से पुलिस चौकी रोड़, गोपा चौक, सब्जी मंडी, चुन्नीलाल भाटिया की गली से लोहार बस्ती से भाटिया बाजार से भाटिया पाड़ा, गोपालजी की दुकान वाली गली से सांवला पाड़ा से भैया पाड़ा से काछबा पाड़ा, कोठारी पाड़ा की घाटी से कोठारी पाड़ा, खेजड़ पाड़ा, रैलानी पाड़ा, मोहता पाड़ा से सुनार पाड़ा घाटी से कल्लू की हट्टों से मजदूर पाड़ा से गड़सीसर प्रोल, हरिजन बस्ती से गड़सीसर चुंगी नाका से गड़सीसर तालाब, ढिब्बा पाड़ा से एलआईसी आफिस, टेलीफोन कॉलोनी, मुक्तेश्वर मंदिर, बेरा रोड़ से पंचायत समिति जैसलमेर से नगरपालिका कार्यालय रोड़ से एयर फोर्स तक का समस्त क्षेत्र।

वार्ड सं या 3,4,6,7,8,9,10,11,12 व 17






हरिद्वार सबसे पवित्र तीर्थ स्थल


जहां गंगा पृथ्‍वी का वरण करती हैं
हरिद्वार उत्तराखंड में स्थित भारत के सात सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में एक है। गंगा नदी के किनारे बसा हरिद्वार अर्थात् हरि तक पहुंचने का द्वार सदियों से पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करता रहा है। इस शहर की पवित्र नदी में डुबकी लगाने और अपने पापों का नाश करने के लिए साल भर श्रद्धालुओं का आना जाना यहां लगा रहता है। गंगा नदी पहाड़ी इलाकों को पीछे छोड़ती हुई हरिद्वार से ही मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है। उत्तराखंड क्षेत्र के चार प्रमुख तीर्थस्थलों का प्रवेशद्वार हरिद्वार ही है। संपूर्ण हरिदार में सिद्धपीठ, शक्तिपीठ और अनेक नए पुराने मंदिर बने हुए हैं। बारह वर्ष में आयोजित होने वाले कुंभ के मेले का यह महत्वपूर्ण स्थल है।
भारत के पौराणिक ग्रंथों और उपनिषदों में हरिद्वार को मायापुरी कहा गया है। कहा जाता है समुद्र मंथन से प्राप्त किया गया अमृत यहां गिरा था। इसी कारण यहां कुंभ का मेला आयोजित किया जाता है। पिछला कुंभ का मेला 1998 में आयोजित किया गया था। अगला कुंभ का मेला 2010 में यहां आयोजित किया जाएगा।
हरिद्वार में ही राजा धृतराष्‍ट्र के मंत्री विदुर ने मैत्री मुनी के यहां अध्ययन किया था। कपिल मुनी ने भी यहां तपस्या की थी। इसलिए इस स्थान को कपिलास्थान भी कहा जाता है। कहा जाता है कि राजा श्वेत ने हर की पौड़ी में भगवान ब्रह्मा की पूजा की थी। राजा की भक्ति से प्रसन्न होकर ब्रह्मा ने जब वरदान मांगने को कहा तो राजा ने वरदान मांगा कि इस स्थान को ईश्वर के नाम से जाना जाए। तब से हर की पौड़ी के जल को ब्रह्मकुंड के नाम से भी जाना जाता है।
क्या देखें

हर की पौड़ी- यह स्थान भारत के सबसे पवित्र घाटों में एक है। कहा जाता है कि यह घाट विक्रमादित्य ने अपने भाई भतृहरी की याद में बनवाया था। इस घाट को ब्रह्मकुंड के नाम से भी जाना जाता है। शाम के वक्त यहां महाआरती आयोजित की जाती है। गंगा नदी में बहते असंख्य सुनहरे दीपों की आभा यहां बेहद आकर्षक लगती है।
चंडी देवी मंदिर - गंगा नदी के दूसरी ओर नील पर्वत पर यह मंदिर बना हुआ है। यह मंदिर कश्मीर के राजा सुचेत सिंह द्वारा 1929 ई. में बनवाया गया था। कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने आठवीं शताब्दी में चंडी देवी की मूल प्रतिमा यहां स्थापित करवाई थी। किवदंतियों के अनुसार चंडीदेवी ने शुंभ निशुंभ के सेनापति चंद और मुंड को यही मारा था। चंडीघाट से 3 किमी. की ट्रैकिंग के बाद यहां पहुंचा जा सकता है।

माया देवी मंदिर - माया देवी मंदिर भारत के प्रमुख शक्तिपीठों में एक है। मायादेवी हरिद्वार की अधिष्ठात्री देवी हैं। कहा जाता है कि शिव की पत्नी सती का ह्रदय और नाभि यहीं गिरा था।

मनसा देवी मंदिर - यह मंदिर बलवा पर्वत की चोटी पर स्थित है। उड़नखटोले या ट्रैकिंग द्वारा मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। पहाड़ की चोटी से हरिद्वार का खूबसूरत नजारा देखा जा सकता है। देवी मनसा देवी की एक प्रतिमा के तीन मुख और पांच भुजाएं हैं जबकि अन्य प्रतिमा की आठ भुजाएं हैं।

सप्तऋषि आश्रम - इस आश्रम के सामने गंगा नदी सात धाराओं में बहती है इसलिए इस स्थान को सप्त सागर भी कहा जाता है। माना जाता है कि जब गंगा नदी बहती हुई आ रही तो यहां सात ऋषि गहन तपस्या में लीन थे। गंगा ने उनकी तपस्या में विध्न नहीं डाला और स्वयं को सात हिस्सों में विभाजित कर अपना मार्ग बदल लिया। इसलिए इसे सप्‍त सागर भी कहा जाता है।

दक्ष महादेव मंदिर - यह प्राचीन मंदिर कंखल नगर के दक्षिण में स्थित है। सती के पिता राजा दक्ष के याद में यह मंदिर बनवाया गया है। किवदंतियों के अनुसार सती के पिता राजा दक्ष ने यहां एक विशाल यक्ष का आयोजन किया था। यक्ष में उन्होंने शिव को नहीं आमंत्रित किया। अपने पति का अपमान देख सती ने यज्ञ कुंड में आत्मदाह कर लिया। इससे शिव के अनुयायी गण उत्तेजित हो गए और दक्ष को मार डाला। बाद में शिव ने उन्हें पुनर्जीवित कर दिया।

गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय - यह विश्वविद्यालय शिक्षा का एक प्रमुख केन्द्र है। यहां पारंपरिक भारतीय पद्धति से शिक्षा प्रदान की जाती है। विश्वविद्यालय के परिसर में वेद मंदिर बना हुआ है। यहां पुरातत्व संबंधी अनेक वस्तुएं देखी जा सकती हैं। यह विश्वविद्यालय हरिद्वार-ज्वालापुर बाईपास रोड़ पर स्थित है।

चीला वन्य जीव अभ्यारण्य - यह अभ्यारण्य राजाजी राष्ट्रीय पार्क के अन्तर्गत आता है जो लगभग 240वर्ग किमी.के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां 23 स्तनपायी और 315वन्य जीवों की प्रजातिया पाई जाती हैं। पर्यटक यहां हाथी, टाईगर, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, सांभर, चीतल, बार्किग डि‍यर, लंगूर आदि जानवरों को देख सकते हैं। अनुमति मिलने पर यहां फिशिंग का भी आनंद लिया जा सकता है।

कैसे जाएं
वायुमार्ग - देहरादून में स्थित जौली ग्रांन्ट एयरपोर्ट नजदीकी एयरपोर्ट है। हरिद्वार से एयरपोर्ट की दूरी लगभग 45 किमी. है। एयरपोर्ट से हरिद्वार के लिए बस या टैक्सी की सेवाएं ली जा सकती हैं।

रेलमार्ग - हरिद्वार रेलवे स्टेशन भारत के अधिकांश हिस्से से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से देहरादून शताब्दी एक्सप्रेस के माध्यम से हरिद्वार पहुंचा जा सकता है।

सड़क मार्ग- राष्ट्रीय राजमार्ग 45 हरिद्वार से होकर जाता है जो राज्य और देश के अन्य शहरों से जुड़ा हुआ है। बेहतर सड़कों के नेटवर्क से दिल्ली से हरिद्वार आसानी से पहुंचा जा सकता है। हरिद्वार जाने के लिए राज्य परिवहन निगम की बसें अपनी सेवाएं मुहैया कराती हैं।

खरीददारी
हर की पौडी और रेलवे स्टेशन के बीच अनेक दुकानें हैं जहां तीर्थयात्रा से संबधित सामान मिलता है। यहां से पूजा के कृत्रिम आभूषण, पीतल और कांसे के बर्तन, कांच की चूड़ियां आदि खरीदी जा सकती हैं। यहां बहुत सी मिठाई की दुकानें हैं जहां से स्वादिष्ट पेडों की खरीददारी के साथ चूरण और आम पापड़ भी खरीदे जा सकते हैं। सामान्यत: तीर्थ यात्री यहां से कंटेनर खरीदकर गंगाजल भरकर घर ले जाते हैं।

कब जाएं- वैसे तो हरिद्वार में पर्यटन के लिहाज साल में कभी भी जाया जा सकता है। लेकिन सर्दियों में यहां भीड़ कम होती है। अक्टूबर से मार्च की अवधि यहां आने के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है।

अश्लील सी डी काण्ड विधायक को ब्लेकमेल करने के तीनो आरोपी गिरफ्तार

अश्लील सी डी काण्ड विधायक को ब्लेकमेल करने के तीनो आरोपी गिरफ्तार

बाड़मेर बाड़मेर के कथित बहुचर्चित अस्लोल सी डी काण्ड में क्षेत्रीय विधायक को ब्लेकमेल करने के तीनो आरोपियों को बाड़मेर पुलिस ने बीकानेर से दस्तयाब कर लिया हें .पुलिस सूत्रों ने बताया कि विधायक मेवाराम जैन ने सिटी कोतवा;;ली में एक स्थानीय समाचार पत्र के संपादक महावीर जैन ,उसके सहयोगी हरीश चांडक और जगदीश खत्री के खिलाफ समाचार के बदले उससे दस लाख रुपये मांगने का आरोप लगा कर मुक़दमा दर्ज कराया था .जिस पर बाड़मेर के पुलिस उप अधीक्षक नाजिम अली खान के नेतृत्व में एक दल का गठन कर उनकी तलास की जा रही थी .सब इन्स्पेक्टर सुमेर सिंह के दल ने तीनो आरोपियों को बीकानेर शहर से शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया .तीनो को आज बाड़मेर लाया जा रहा हें

शुक्रवार, 6 जुलाई 2012

रक्षा प्रयोगशाला जोधपुर में प्रो. दौलत सिंह कोठारी स्मृति व्याख्यान का आयोजन


रक्षा प्रयोगशाला जोधपुर में प्रो. दौलत सिंह कोठारी स्मृति व्याख्यान का आयोजन 


रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर सन 1993 से प्रतिवर्ष रक्षा मंत्री के प्रथम वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. दौलतसिंह कोठारी की स्मृति में व्याख्यानमाला आयोजित करती आ रही है। व्याख्यानमाला की इस कड़ी में 20 वाँ प्रो. दौलतसिह कोठारी स्मृति व्याख्यान प्रयोगशाला के सभागार में आज आयोजित किया गया। 

मूलतः जोधपुर के निवासी तथा अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं शिक्षाविद प्रो. गोवर्धन मेहता, राष्ट्रीय शोध आचार्य, हैदराबाद विश्वविद्यालय व पूर्व निदेशक, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलून ने ॔बेहतर भविष्य की खोज : असंभव को चुनौती’ विषय पर 20 वां स्मृति व्याख्यान दिया। प्रो. मेहता ने अपने उद्बोधन में बताया कि वर्तमान में भारत प्रगति के राह पर निरंतर आगे ब़ रहा है तथा आने वाले समय में वह एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरते हुए अपनी प्राचीन प्रतिष्ठा को पुनः हासिल करेगा। उन्होंने अनेक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रबल इच्छाशक्ति के आगे कुछ भी असंभव नहीं है बल्कि असंभव को संभव बनाया जा सकता है। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन मुख्यालय, नई दिल्ली के उत्कृष्ट वैज्ञानिक व मुख्य नियंत्रक डॉ. जे. नारायण दास ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. कोठारी के जीवन में प्रकाश डाला और कहा कि आने वाले समय में युद्ध मानव के मुकाबले तकनीक पर ज्यादा आधारित होंगे। 

कार्यक्रक का शुभारम्भ सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। अपने स्वागत उद्बोधन में प्रयोगशाला के निदेशक डॉ. सम्पत राज वडेरा ने बताया कि प्रो. कोठारी के व्यक्ति में वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, दार्शनिक, विचारक तथा रक्षा तकनीकी विशेषज्ञ जैसे अनेक महान गुण समाहित थे। इन सबसे ब़कर उनमें उच्च मानवीय गुणों का समावेश था। 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. गोवर्धन मेहता ने प्रयोगशाला के तीन अधिकारियों / कर्मचारियों डॉ. आर. एस. राठौर, श्री गुमाना राम चौधरी तथा श्री बी. टी. मथाई को उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिये लाइफ टाइम एचीवमेन्ट अवार्ड से सम्मानित किया। 

कार्यक्रम के अन्त में आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. एस. के. जैन ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनुराधा बेरा ने किया। 

एस. डी. गोस्वामी 
रक्षा प्रवक्ता ;रक्षा मंत्रालयद्ध 

जैसलमेर उत्पात मचाते शराबियो पर गिरी पुलिस की गाज ,आठ गिरफ्तार


जैसलमेर उत्पात मचाते शराबियो पर गिरी पुलिस की गाज ,आठ गिरफ्तार 

जैसलमेर जैसलमेर पुलिस की गाज अब शराबियो पर पड़नी शुरू हो गयी हें .पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई के कड़े निर्देशों पर आज शराबियो के खिलाफ हुई कार्यवाही में आठ शराबियो को गिरफ्तार किया जो शराब पीकर उतपार मचा रहे थे .पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता बिश्नाई के निर्देशानुसार जैसलमेर शहर में शराब पीकर उत्पात मचाने वाले असामाजिक तत्वों व शराब पीकर वाहन चलाने वालों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु अभियान चलाया जाकर सुनील कुमार पंवार आर.पी.एस. प्रोबेशनर्स वृताधिकारी पुलिस वृत जैसलमेर के नेतृत्व में जेठाराम उ.नि. मय किशनाराम मुआ 89 व जाब्ता द्वारा शहर में सघन गस्त कर तीन शराबी चालक व पांच शराबी तत्वो के खिलाफ कार्यवाही की गई.पुलिस ने शहर के गांधी कोलोनी दस दुकान के पास शराब के नशे में धुत दो मोटर साईकिल व एक ऑटो रिक्शा चालते हुए चालको क्रमशः राजेश पुत्र दानमल सोनी नि0 सुनार पाडा जैसलमेर, दीना राम पुत्र आसु राम मेघवाल नि0 रिवडी थाना सांगड व अशोक पुत्र देवी लाल दर्जी नि0 रामग को गिरफ्तार कर धारा 185 एमवी एक्ट के तहत कार्यवाही की गई। इधर गडीसर चौराहा पर शराब पीकर उत्पात मचाते शराबी नरेन्द्रगिरी पुत्र जसंवत गिरी गोस्वामी नि0 कुम्हार पाडा जैसलमेर, किशोर पुत्र पुनम चंद नाई नि0 किशनघाट, रमेश कुमार पुत्र सोना राम नाई नि0 किशनघाट व चन्द्र प्रकाश पुत्र अचला राम सोनी नि0 सुनार पाडा जैसलमेर को धारा 60 पुलिस एक्ट मे गिरफ्तार किया गया। इसी प्रकार दिनांक 05 व 06.07.12 की रात्रि में श्री डांवरा राम सउनि मय जाब्ता द्वारा गफुर भटठा रोड पर शराब पीकर उत्पात मचाते शराबी गोरीदास पुत्र पबा राम दर्जी नि0 चौहटन, नरेश पुत्र मुरलीघर नि0 दर्जी पाडा जैसलमेर व कालू राम पुत्र तुलछा राम दर्जी नि0 दर्जी पाडा जैसलमेर व मल्खा प्रोल के पास शराब पीकर उत्पात मचाते मदन पुत्र पबा राम दर्जी नि0 चौहटन, गोकुल पुत्र गोपाल गुजर नि0 दौसा को धारा 60 पुलिस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया।

दो स्थायी वारंटी गिरफ्तार

दो स्थायी वारंटी गिरफ्तार
बाड़मेर जैसलमेर पुलिस द्वारा स्थाई वारंटियो के खिलाफ चलाये जा रहे धरपकड़ अभियान में आज पुलिस ने दो जनों को गिरफ्तार किया .पुलिस कप्तान ममता विश्नोई ने बताया की महानिरीक्षक पुलिस, जोधपुर रेंज, जोधपुर के आदेशानुसार फरार वारंटियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के तहत पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर ममता बिश्नोई के निर्देशानुसार आज पुलिस थाना जैसलमेर में वीरेन्द्र सिंह निपु मय हैड कानि0 रमेश कुमार, कानि0 दिनेश कुमार, गंगा सिंह, बालेन्द्र सिंह, माधो सिंह, भीमराव सिंह द्वारा श्रीमान मुख्य न्यायिक मजि0 न्यायालय जैसलमेर मे लम्बित दो अलग अलग प्रकरणो में स्थायी वारंटी जय सिह पुत्र कालू सिंह हजुरी नि0 तालरिया पाडा जैसलमेर व लक्ष्मण सिंह पुत्र दौलत सिंह राजपूत नि0 बेरिसीयाला थाना खुहडी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

गढ़ जोगमाया मंदिर में चोरी

गढ़ जोगमाया मंदिर में चोरी

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर पहाड़ी की चौटी पर स्थित गढ़ जोगमाया मंदिर में अज्ञात चोरो ने मंदिर की तिजोरी में सेंध मार दी .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया कि बाबुसिंह पुत्र भीखसिंह राजपूत नि. ग़ मोहल्ला बाड़मेर ने मुलजिम अज्ञात के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि अज्ञात मुलजिम द्वारा जोगमाया ग़ मन्दिर में रखे दान पात्र का ताला तोड़कर रूपये चोरी कर ले जाना वगेरा पर अज्ञात मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

बाड़मेर अवेध शराब बरामदगी सहित कई मामले दर्ज


बाड़मेर अवेध शराब बरामदगी सहित कई मामले दर्ज 


बोलेरो में परिवहन कर ले जा रही अवेध ाराब व बीयर बरामद 

बाड़मेर जिला मुख्यालय पर सदर पुलिस ने लावारिश बोलेरो गाडी से भरी मात्र में अवेध शराब बरामद की .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की कैलाशचन्द नि.पु. थानाधिकारी पुलिस थाना सदर बाड़मेर मय पुलिस पार्टी द्वारा मुखबीर की ईत्तला पर उतरलाई रोड़ गंगाराम पेन्ट्रोल पम्प के पास खड़ी एक बोलेरो एसएलई वाहन को जब्त कर उसमें भरी अवेध व बिना लाईसेन्स की अंग्रेजी श राब व बीयर से भरे 72 कार्टून जिसमें 67 कार्टून में 1608 केन बीयर हेवर्ड 5000 व 5 कार्टून में 240 पव्वे अंग्रेजी शराब बरामद कर मुलजिम अज्ञात के विरूद्व पुलिस थाना आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। 


जाति शब्दों से किया अपमानित 


बाड़मेर गेमराराम पुत्र धर्माराम मेगवाल नि. सनावड़ा ने मुलजिम खुमाराम पुत्र भुराराम जाट नि. सनावड़ा के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस के साथ मारपीट कर जातिगत ाब्दो से अपमानित करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना सदर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। 




मारपीट का मामला दर्ज 


बाड़मेर  भोजाराम पुत्र हरलाल मेगवाल नि. जालीला ने न्यायालय से जरीये इस्तगासा मुलजिम मेहराब पुत्र दाराखां मुसलमान नि. जालीला वगेरा 8 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस के खेत में प्रवेश कर नेखमबन्दी की चीणे उखाड़कर ले जाना व मारपीट कर जातिगत ाब्दो से अपमानित करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना सेड़वा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। 


लज्जा भंग का मामला 

बाड़मेर  श्रीमति ललीता पत्नि कमलेश मेगवाल नि. बालोतरा ने न्यायालय से जरीये इस्तगासा मुलजिम जितु हरीजन नि. बालोतरा वगेरा 3 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस के घर में प्रवेश कर मारपीट कर लज्जा भंग कर जातिगत ाब्दो से अपमानित करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना बालोतरा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। 

Chohtan panchayat samiti in Rajasthan is changing, thanks to one woman shama khan


Chohtan panchayat samiti in Rajasthan is changing, thanks to one woman
Barmer06 Jul 2012

06-Jul-2012


There is very little that distinguishes Chohtan panchayat samiti from the seven other panchayat samitis in Barmer district in southwestern Rajasthan except for one fact: Its ‘pradhan’ is an educated woman.

Meeting an educated woman in these parts is as rare as sighting water. What further distinguishes Shama Khan, 28, a law graduate, is the fact that among the women sarpanches and samiti members that make up the Chohtan panchayat samiti, she is the only one who is not illiterate.


In less than two years, enrolment in the area has gone up from 550 to 6,550, thanks to the efforts of Shama Khan 


In the 251 hamlets, or dhanis, of this panchayat samiti, which shares 114 kilometres of its border with Pakistan and where animal husbandry is the primary source of livelihood, sending girls to school was unheard of.

Rigid feudal practices, including the ‘purdah’ system, relegated them to the household sphere.

They did the drudge work around the house, looked after children and, of course, spent hours in search of that elusive substance called drinking water.

Across Barmer, drinking water is a major concern and the situation has reached alarming levels. Due to the non-availability of water sources in villages, people – read women – have to sometimes cover 10 to 15 kilometres on foot to fetch potable water.

It is in such an unlikely scenario that the winds of change started blowing through deprived villages lying in the midst of the Thar desert’s golden sands. Khan became the catalyst of this change, first as a panchayat samiti member in 2005 and then as a pradhan who was elected unopposed in 2010.

This young wife and mother to a three-year-old daughter had never planned to become a people’s representative. She came from an academically oriented family – her father was a manager in the State Bank of Bikaner and Jaipur and he encouraged all his four daughters to study.

“My three elder sisters are government school teachers and my brother is doing his Bachelors’ degree in Computer Applications. Even my mother has studied up to Class Eight – a rarity for her times,” she reveals.

It was marriage to Gafur Ahmad, a lawyer who has recently been made the first Chairman of the State Advisory Committee, Labour Department, which changed the course of her life in 2002.

Ahmad’s family is one the most influential political families of Barmer. Her father-in-law, Abdul Hadi, who passed away in November 2010, was elected MLA from Sanchore constituency (Jalore district) in the first Assembly elections in 1953.

The seven-time MLA was also a member of the All India Congress Committee for 11 years. A man of letters with a flair for languages including Sindhi, Hindi, English and Urdu, Hadi demonstrated through his work how a public representative could change lives for the better.

Khan emphasises the importance her father-in-law placed on education, “We had a primary school in Burhan Ka Tala, my in-laws’ village, as early as 1953. My father-in-law got that school upgraded to the secondary level in 1975. He would always tell people that without education we cannot progress. He was disappointed therefore when, in 1977, the school was demoted to the middle level because of the lack of students.”

It was Hadi who persuaded Khan to pursue public service. “After I finished my LLB in 2009, I was thinking of preparing for the Rajasthan Judicial Services exam, but he motivated me into changing direction,” she recalls.

Even though he had four daughters-in-law, none of the others were educated, so he chose Khan to continue his legacy of development and asked her to contest for the pradhan’s post.

Right from the time she was first elected to the panchayat samiti, Khan put a premium on education. Over the years, all those who have met her through her panchayat work have understood that her primary agenda is to see more children, especially girls, in the classroom.

In fact, whenever she goes on the rounds of the villages in her panchayat she randomly walks into homes urging families to send their children to school.

Her efforts have paid off. In less than two years, enrolment in the area has gone up from 550 to 6,550.

“I am the only woman here who is a graduate. Most families in the panchayat are either minorities (Sindhi Muslims) or from Scheduled Caste backgrounds. They have never sent their girls to school. But now things are looking up.

“During school inspections, I find a lot more girls around. They say they want to be like me and I am happy to be a role model for them,” says Khan, who is also the only woman graduate from her in-laws’ village of Burhan Ka Tala.

Education apart, Khan has also started work on tackling the severe water scarcity that plagues the region. Under the Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee (MGNREGA) Scheme, she has roped in unemployed villagers to construct underground water tanks in their villages that can store rainwater to last through the year.

In fact, 33 million litres of water has already been conserved this way. Moreover, efforts are on to construct open wells to service particularly parched areas.



Thanks to Khan, someone like Hakamdan Charan is a happy man today. Until two years ago, he was shelling out Rs 75 for one camel-drawn tank of water of approximately 1,000 litres capacity. Due to a shortage of irrigation facilities, this BPL farmer had little financial means to cultivate any crops.

Then, after an open well – called ‘beri’ in the local language – was constructed on his land, he sowed a rabi crop on 20 bighas of land and it yielded a good harvest of 35 quintals of ‘isabgol’. Charan earned Rs 1.4 lakh from this crop. This year, he’s planning to produce some fodder for his cattle.

On her part, the enterprising ‘pradhan’ never fails to raise the concerns of her people in zila parishad meetings. She says, “I don’t do anything extraordinary. Aren’t we supposed to raise our problems in these meetings and work towards finding solutions?

“I have noticed that many ‘pradhans’ don’t speak out, instead they bring written papers. Most of the time, this approach doesn’t work.”

Khan’s result-oriented strategy has drawn praise from many. It has also presented her with unique opportunities to upgrade her skills.

In September 2011, the government sent her to China as part of a group of 500 young leaders from panchayats from all over the country to understand and study its best practices.

Rajasthan had nominated six people for the 10-day trip. “I was lucky to be part of this group of young leaders. We visited Beijing, Shanxi, Xi-an, Zheng-zhou and Henan and went around educational institutions, saw their heritage and observed how they do business. We had a series of meetings, which were very educative. It was a great learning experience for me,” she remarks with a smile.

When she came back there was a greater surprise waiting for her. Her work received national recognition, with the Union Minister of Panchayati Raj and Tribal Affairs V. Kishore Chandra Deo conferring on her the first-ever Panchayat Sashaktikaran Puraskar.

Chohtan panchayat samiti was selected by the Ministry Of Panchayati Raj And Rural Development for being the best performer under the Panchayat Empowerment and Accountability Incentive Scheme (PEAIS).

But Khan is not resting on her laurels. Back among her people, her work on education and water continues. Meanwhile, another commitment is keeping her busy these days.

Her energetic three-year-old daughter is ready to start school in Jodhpur and Khan is working hard to settle her in. For this mom-pradhan, being on her toes round the clock is all in a day’s work. - Women's Feature Service

कचहरी परिसर से सरकारी समाचार शुक्रवार

कचहरी परिसर से सरकारी समाचार शुक्रवार  

पंचायत समितियां देगी जनता जल योजना के लिए बजट

बाड़मेर। ग्रामीण इलाकों में आम जनता को पेयजल मुहैया करवाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं के माध्यम से संचालित जनता जल योजनाओं के संचालन में आने वाली परेशानियों को देखते हुए राज्य सरकार ने योजनाओं के संचालन के लिए पंचायत समितियों को बजट आवंटित करने का निर्णय लिया है। इससे धनराशि के अभाव में बंद पडी योजनाओं को जीवनदान मिलेगा और आम जनता को राहत प्राप्त होगी।
जिला कलक्टर डा.वीणा प्रधान ने बताया कि गत दिनों राज्य स्तर पर इन योजनाओं के संचालन में आ रही परेशानियों के बारे में बताते हुए पंचायत समितियों के माध्यम से इनके रखरखाव के लिए धनराशि आवंटित करने की आवश्यकता जताई गई थी। इस पर राज्य सरकार ने पृथक से बजट प्रावधान सुनिश्चित करते हुए इन योजनाओं के संचालन के लिए विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के रूप में वित्तीय संसाधन आवंटित किए गए हैं। इस बजट मद में प्रावधित राशि पंचायत समितियों के पीडी खातों में हस्तांतरित की जा रही है। इसके तहत जनता जल योजना के लिए अंशकालीन श्रमिकों (पंप चालक) के पारिश्रमिक, विद्युत प्रभार (विलंब भुगतान सरचार्ज को छोडकर) के भुगतान एवं योजना के अनुरक्षण व मरम्मत के लिए पृथकपृथक राशि का पंचायत समितिवार आवंटित किया जा रहा है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने बताया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने आवंटित राशि के उपयोग के लिए विस्तृत दिशानिर्देश प्रदान करते हुए कहा है कि इन योजनाओं के सुचारू रूप से संचालन, क्रियान्वयन, अनुश्रवण के लिए पंचायत समिति स्तर पर विकास अधिकारी को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया जाए।


31 अगस्त से शुरू होगी स्टेडियम निर्माण की प्रकिया
बाड़मेर। राज्य सरकार की बजट घोषणा के तहत प्रदेश के सभी उपखंड मुख्यालयों पर खेल स्टेडियम निर्माण की अवधि तय कर दी गई है। इन स्टेडियमों को बनाने की प्रक्रिया 31 अगस्त से शुरू होगी। स्टेडियम निर्माण 30 जून 2013 तक पूरा किया जाएगा। इसके लिए सरकार अलग से 10 लाख रूपए निकायों के मार्फत देगी।
जिला कलेक्टर डा.वीणा प्रधान के मुताबिक राज्य सरकार उपखंड स्तर पर बनाए जाने वाले खेल स्टेडियमों या उनके उच्चीकरण के स्वीकृत कामों के पेटे स्थानीय निकाय, पंचायतीराज संस्थाएं, निजी सहयोग या फिर सांसद और विधायकों के मदों की राशि मिलने पर 10 लाख रूपए की मैचिंग ग्रांट अलग से देगी। राज्य सरकार के निर्दों के मुताबिक 31 अगस्त से डीपीआर की तैयारियां कर उनको स्वीकृत करवा लिया जाए। इसमें स्टेडियम बनने वाले स्थल का चिह्नीकरण भी शामिल है। प्रशासनिक, तकनीकी और वित्तीय स्वीकृतियां 15 अक्टूबर तक जारी कर दी जाएंगी। निविदाएं 26 अक्टूबर तक प्रकाशित करवाकर 20 दिसम्बर तक वर्कऑर्डर जारी कर दिए जाएंगे। 28 दिसम्बर तक सरकार ने निर्माण चालू करते हुए 30 जून 2013 तक पूरा करने को कहा है।

पति के अफेयर का अखबार में दिया एड


 
नई दिल्ली। पत्नी ने एक समाचार पत्र में विज्ञापन देकर पति पर अवैध संबंधों का आरोप लगाया। पत्नी ने आरोप लगाया था कि उसका पति वुमनाइजर और शराबी है। गुस्साए पति ने बीवी से अलग होने का मन बना लिया। उसने पत्नी से अलग होने के लिए कोर्ट में अर्जी डाल दी। सुप्रीम कोर्ट ने पति को तलाक लेने की अनुमति दे दी। मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पति पर अवैध संबंधों का झूठा आरोप लगाना क्रूरता है। न्यायाधीश दीपक वर्मा और दिपक शर्मा की पीठ ने विश्वनाथ अग्रवाल को पत्नी से तलाक देने की अनुमति दे दी। पीठ ने कहा कि उन्हें पत्नी साउ सरला को भरण पोषण के लिए 50 लाख रूपए देने होंगे। पीठ ने कहा कि सरला ने झूठे आरोप लगाकर पति और ससुर के खिलाफ क्रूरता की है। झूठे आरोपों के कारण दोनों को मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी।

बेटी ने दी मां की "सुपारी"

बेटी ने दी मां की "सुपारी"
मुंबई। कॉलेज में साथ पढ़ने वाले लड़के के साथ लव अफेयर का विरोध करने पर बेटी ने अपनी ही मां की सुपारी दे डाली। इसके बाद लव अफेयर में अड़चन बनी 40 साल की मां गुरविंदर कौर को उसी की बेटी के बॉयफ्रेंड ने चाकू गोद कर मार डाला। यह घटना गुरूवार को यहां नासिक के टकली रोड स्थित शंकर नगर की है।

बेटी के बॉयफ्रेंड ने मां को चाकू से गोद कर लाश को यहां के कसारा घाट में दफन कर दिया। इसी बीच गुरविंदर कौर के भाई ने अपनी बहन की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस को बेटी के लव अफेयर की जानकारी मिली और पुलिस पीछा करते हुए उन तक पहुंच गई। पुलिस की कड़ी पूछताछ में लड़की और उसके बॉयफ्रेंड ने अपना जुर्म कबूल लिया है।

यह था मामला

पुलिस के अनुसार नासिक के आरवायके कॉलेज में पढ़ने वाली 16 साल की गुरूसिमरन कौर का उसके कॉलेजमेट माइन असलम शेख(17) से लव अफेयर चल रहा था। जब यह बात 1 जुलाई को उसकी मां गुरविंदर कौर का पता चली तो उसने एतराज किया और दोनों को मैलजोल कम करने का दबाव बनाया। यह बात इन दोनों को नागवारा लगी और बेटी ने ही अपने मां की हत्या की सुपारी अपने ही बॉयफ्रेंड को दे डाली। लड़की से अपने प्यार की कीमत पर मिली इस सुपारी को को असलम ने बेटी की मदद से अंजाम तक पहुंचा दिया।

इस तरह दिया कत्ल को अंजाम

गुरूसिमरन(बेटी) के साथ मां की हत्या की साजिश रचने वाला बॉयफ्रेंड असलम सोमवार को सुबह 7.30 बजे उसके घर पहुंचा। उसके साथ धारदार चाकू भी था। पुलिस के अनुसार घर में मौजूद मां के साथ गुरूसिमरन और असलम ने काफी देर तक सफाई दी लेकिन मां नहीं मानी। इसपर असलम ने चाकू से मां पर हमला बोल दिया। इस काम में गुरूसिमरन ने भी मदद की और तकीये की मदद से उसका मूंह बंद कर दिया। हत्या के बाद दोनों ने लाश को कार से कसारा घाट ले गए और दफन कर दिया।

9 जुलाई को कम्प्यूटर्स पर वायरस अटैक!

9 जुलाई को कम्प्यूटर्स पर वायरस अटैक!
बोस्टन। जुलाई के दूसरे सोमवार यानी 9 जुलाई को करीब 2.5 लाख कम्प्यूटर वायरस की चपेट में आ सकते हैं, जिसकी वजह से कम्प्यूटर यूजर इंटरनेट एक्सेस नहीं कर पाएंगे। इस दिन को कम्प्यूटर नेटवर्किग के लिए तबाही वाला माना जा रहा है और एक्सपर्ट्स ने ब्लैकआउट की चेतावनी भी जारी कर दी है।

उल्लेखनीय है कि पूर्व में ऎसे वायरस लाखों कम्प्यूटर पर अटैक कर बड़े फाइनेंशियल फ्रॉड का सबब बन चुके हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार यह वायरस "जेअस" और "स्पाई आई" की तरह बहुत अधिक खरतरनाक नहीं है और इससे बहुत कम कम्प्यूर यूजर प्रभावित होंगे।

अमरीका में 45,355 कम्प्यूर प्रभावित

एक सिक्युरिटी फर्म के अनुसार इस हफ्ते तक दुनियाभर में 245000 कम्प्यूटर इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से अकेले अमरीका में 45,355 कम्प्यूटर हैं। धीरे-धीरे यह वायरस अन्य कम्प्यूटर्स को भी अपनी चपेट में ले रहा है।

डीएनएस के जरिए हैकर्स का खतरा

जानकारी के अनुसार यह वायरस इस तरह से डिजायन किया गया है जिसके जरिए हैकर्स डीएनएस सर्वर्स को नियंत्रित कर सकते हैं। जो कम्प्यूटर इस वायरस से इन्फेक्टेड हैं उनपर 9 जुलाई को वायरस का खतरा गहरा रहा है।

मांड गायिका स्वर्गीय रुखमा की स्मृति में शुरू होगा सम्मान


मांड गायिका स्वर्गीय रुखमा की स्मृति में शुरू होगा सम्मान


बाड़मेर लोक गायिका स्वर्गीय रुखमा देवी की स्मृति में रुखमा बाई लोक कला शोध संस्थान द्वारा पुरस्कार और सम्मान का आगाज़ किया जाएगा .यह पुरस्कार और सम्मान पश्चिमी राजस्थान के श्रेष्ठ लोक कलाकार को दिया जाएगा .मांड गायिका रुखमा बाई शोध संस्थान का गठन कर लिया गया हें .जल्द लोक कलाकारों से प्रविष्ठिया आमंत्रित की जायेगी .संस्थान के चन्दन सिंह भाटी ने बताया की विश्व भर की एक मात्र मंगनियार मांड और लोक गायिका स्वर्गीय रुखमाकी स्मृति में संस्थान द्वारा मांड गायिकी का प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा हें .इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा गया हें .साथ ही पश्चिमी राजस्थान में लोक कला ,संगीत और गायिकी को बढ़ावा देने वाले लोक कलाकारों को सम्मानित किया जाएगा .भाटी ने बताया की पश्चिमी राजस्थान की लोक कला ,संस्कृति .लोक गायिकी ,लोक संगीत के प्रति विश्व भर में दीवानगी देखते बनती हें .लोक कला और संगीत के सरंक्षण के प्रयास नहीं होने से यह दम तोड़ रही हें ,लोक संगीत की विरासत को सरंक्षण देने तथा उसको जीवित रखने के प्रयासों के तहत शोध संस्था का गठन किया गया हें .इस संस्थान में पचिमी राजस्थान के लोक कलाकारों .सामाजिक उठान पुरुषो को ,समाज सेवियों और लोक कला के कद्रदानो को शामिल किया जाएगा .इस बेनर तले जल्द लोक कलाकारों से प्रविष्ठिया आमंत्रित की जायेगी .यह पुरस्कार राज्य स्तरीय होगा पुरस्कार मांड गायिका रुखमा के नाम समर्पित होगा .

नसबंदी ऑपरेशन फेल,दिया 4 करोड़ रूपए मुआवजा

जयपुर राजस्थान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग नसबंदी ऑपरेशन फेल होने पर करीब 4 करोड़ रूपए बतौर मुआवजा चुका रहा है। मुआवजे का यह आंकड़ा सालाना हैं, जिसका बजट राज्य सरकार आईसीआईसीआई लोंबार्ड बैंक को देती है। परिवार कल्याण के तमाम संसाधन झोंकने का दावा करने के बाद भी राज्य नसबंदी फेल होने के मामलों में दूसरे प्रदेशों से काफी आगे निकल गया है।Click to Download 
बता दें कि परिवार नियोजन का कारगर उपाय मानी जाने वाली नसबंदी फेल होने का आंकड़ा प्रदेश में 1300 को पार कर गया है। ऎसे केस में मुआवजे के रूम में 30 हजार रूपए व मौत होने पर 2 लाख रूपए का प्रावधान है जिसे चुकाता करने पर राज्य को करीब 4 करोड़ तक खर्च कर रहा है।


1330 ऑपरेशन फेल, 8 की मौत
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते वर्ष प्रदेश में 3 लाख 15 हजार महिला और पुरुषो की नसबंदी की गई। इनमें से 1330 महिला और पुरुषो की नसबंदी ऑपरेशन फेल हो गए। इनमें आठ लोगों की मौत हो गई। हांलाकि यह आंकड़ा भी वह है, जो विभाग में दर्ज है। कई लोग तो लोक-लाज के चलते ऎसे मामलों को सार्वजनिक करने से भी दूर रहते हैं। अगर इन आंकड़ों को जोड़ लिया जाए, तो शायद तस्वीर और भयावह हो सकती है।

क्यों होते हैं ऑपरेशन फेल ?

जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित कैंपों में नसबंदी के थोक में ही मामले निपटा दिए जाते हैं। एक-एक कैंप में एक ही दिन में दो सौ से अघिक नसबंदी ऑपरेशन कर डालने की बातें भी सामने आती रही हैं। ऎसे मे चिकित्सीय प्रोटोकॉल का फॉलोअप न होने और जल्दबाजी के चलते ऑपरेशन फेल होने का खतरा बना रहता हैं। विभाग के अघिकारी भी कुछ हद तक ऑपरेशन फेल के मामलों में इस तथ्य को स्वीकारते हैं।

इन की भी सुनेये :-
परिवार कल्याण निदेशक(चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डॉ. पीके शारदा कहते हैं कि, ज्यादा नबसंदी ऑपरेशन फेल होना हमारे लिए भी चिंता का विष्ाय है। हम कुछ अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं ताकि नसबंदी फेल के मामले कम से कम हों और मुआवजा भी कम देना पडे।