शुक्रवार, 6 जुलाई 2012

नसबंदी ऑपरेशन फेल,दिया 4 करोड़ रूपए मुआवजा

जयपुर राजस्थान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग नसबंदी ऑपरेशन फेल होने पर करीब 4 करोड़ रूपए बतौर मुआवजा चुका रहा है। मुआवजे का यह आंकड़ा सालाना हैं, जिसका बजट राज्य सरकार आईसीआईसीआई लोंबार्ड बैंक को देती है। परिवार कल्याण के तमाम संसाधन झोंकने का दावा करने के बाद भी राज्य नसबंदी फेल होने के मामलों में दूसरे प्रदेशों से काफी आगे निकल गया है।Click to Download 
बता दें कि परिवार नियोजन का कारगर उपाय मानी जाने वाली नसबंदी फेल होने का आंकड़ा प्रदेश में 1300 को पार कर गया है। ऎसे केस में मुआवजे के रूम में 30 हजार रूपए व मौत होने पर 2 लाख रूपए का प्रावधान है जिसे चुकाता करने पर राज्य को करीब 4 करोड़ तक खर्च कर रहा है।


1330 ऑपरेशन फेल, 8 की मौत
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते वर्ष प्रदेश में 3 लाख 15 हजार महिला और पुरुषो की नसबंदी की गई। इनमें से 1330 महिला और पुरुषो की नसबंदी ऑपरेशन फेल हो गए। इनमें आठ लोगों की मौत हो गई। हांलाकि यह आंकड़ा भी वह है, जो विभाग में दर्ज है। कई लोग तो लोक-लाज के चलते ऎसे मामलों को सार्वजनिक करने से भी दूर रहते हैं। अगर इन आंकड़ों को जोड़ लिया जाए, तो शायद तस्वीर और भयावह हो सकती है।

क्यों होते हैं ऑपरेशन फेल ?

जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग की ओर से आयोजित कैंपों में नसबंदी के थोक में ही मामले निपटा दिए जाते हैं। एक-एक कैंप में एक ही दिन में दो सौ से अघिक नसबंदी ऑपरेशन कर डालने की बातें भी सामने आती रही हैं। ऎसे मे चिकित्सीय प्रोटोकॉल का फॉलोअप न होने और जल्दबाजी के चलते ऑपरेशन फेल होने का खतरा बना रहता हैं। विभाग के अघिकारी भी कुछ हद तक ऑपरेशन फेल के मामलों में इस तथ्य को स्वीकारते हैं।

इन की भी सुनेये :-
परिवार कल्याण निदेशक(चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) डॉ. पीके शारदा कहते हैं कि, ज्यादा नबसंदी ऑपरेशन फेल होना हमारे लिए भी चिंता का विष्ाय है। हम कुछ अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं ताकि नसबंदी फेल के मामले कम से कम हों और मुआवजा भी कम देना पडे।

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