रक्षा प्रयोगशाला जोधपुर में प्रो. दौलत सिंह कोठारी स्मृति व्याख्यान का आयोजन
रक्षा प्रयोगशाला, जोधपुर सन 1993 से प्रतिवर्ष रक्षा मंत्री के प्रथम वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. दौलतसिंह कोठारी की स्मृति में व्याख्यानमाला आयोजित करती आ रही है। व्याख्यानमाला की इस कड़ी में 20 वाँ प्रो. दौलतसिह कोठारी स्मृति व्याख्यान प्रयोगशाला के सभागार में आज आयोजित किया गया।
मूलतः जोधपुर के निवासी तथा अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक एवं शिक्षाविद प्रो. गोवर्धन मेहता, राष्ट्रीय शोध आचार्य, हैदराबाद विश्वविद्यालय व पूर्व निदेशक, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलून ने ॔बेहतर भविष्य की खोज : असंभव को चुनौती’ विषय पर 20 वां स्मृति व्याख्यान दिया। प्रो. मेहता ने अपने उद्बोधन में बताया कि वर्तमान में भारत प्रगति के राह पर निरंतर आगे ब़ रहा है तथा आने वाले समय में वह एक बड़ी शक्ति के रूप में उभरते हुए अपनी प्राचीन प्रतिष्ठा को पुनः हासिल करेगा। उन्होंने अनेक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रबल इच्छाशक्ति के आगे कुछ भी असंभव नहीं है बल्कि असंभव को संभव बनाया जा सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन मुख्यालय, नई दिल्ली के उत्कृष्ट वैज्ञानिक व मुख्य नियंत्रक डॉ. जे. नारायण दास ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. कोठारी के जीवन में प्रकाश डाला और कहा कि आने वाले समय में युद्ध मानव के मुकाबले तकनीक पर ज्यादा आधारित होंगे।
कार्यक्रक का शुभारम्भ सरस्वती वन्दना के साथ हुआ। अपने स्वागत उद्बोधन में प्रयोगशाला के निदेशक डॉ. सम्पत राज वडेरा ने बताया कि प्रो. कोठारी के व्यक्ति में वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, दार्शनिक, विचारक तथा रक्षा तकनीकी विशेषज्ञ जैसे अनेक महान गुण समाहित थे। इन सबसे ब़कर उनमें उच्च मानवीय गुणों का समावेश था।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. गोवर्धन मेहता ने प्रयोगशाला के तीन अधिकारियों / कर्मचारियों डॉ. आर. एस. राठौर, श्री गुमाना राम चौधरी तथा श्री बी. टी. मथाई को उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिये लाइफ टाइम एचीवमेन्ट अवार्ड से सम्मानित किया।
कार्यक्रम के अन्त में आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. एस. के. जैन ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनुराधा बेरा ने किया।
एस. डी. गोस्वामी
रक्षा प्रवक्ता ;रक्षा मंत्रालयद्ध
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