नई दिल्ली.किंगफिशर के मालिक विजय माल्या की मुश्किलें खत्म नहीं हो रही हैं। नौबत यह आ गई है कि अपनी एयरलाइंस के चलते जबर्दस्त कारोबारी नुकसान झेल रहे माल्या के घर भी बिकने जा रहे हैं।
दिवालिया हो चुकी माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले अब कर्ज वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत माल्या को कर्ज देने वालों का समूह मुंबई में मौजूद माल्या की संपत्ति 'किंगफिशर हाउस' (तस्वीर में) और गोवा में मौजूद विला को बेचेंगे।
किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले लेनदारों के समूह ने गुरुवार को मार्गेज फर्म एचडीएफसी को एयरलाइंस की इन दोनों संपत्तियों के दाम का आकलन करने को कहा है। लेनदारों का समूह मुंबई और गोवा के घरों को बेचकर कर्ज की कुछ हद तक वसूली करना चाहता है।
बीते मंगलवार को निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंकआईसीआईसीआई बैंक ने किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 430 करोड़ रुपये के कर्ज को श्रेई वेंचर कैपिटल को बेच दिया था।
कर्ज के बोझ तले दबी किंगफिशर एयरलाइंस पर आयकर विभाग का 269.06 करोड़ और एयरपोर्ट अथॉरिटी का 280 करोड़ रुपये बकाया है। किंगफिशर एयरलाइंस को मई, 2005 में लांच किया गया था। इसके बाद से अब तक कंपनी कभी भी मुनाफा नहीं कमा पाई है। इसके कुल कर्ज में सबसे ज्यादा 1,400 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक की है। जबकि पंजाब नेशनल बैंक का कंपनी पर 700 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा का 500 करोड़ रुपये के करीब का कर्ज है। मौजूदा समय में कंपनी के केवल 15 विमान उड़ान भर रहे हैं। हाल ही में लीज की किस्तों का भुगतान न कर पाने के चलते लीजकर्ताओं ने इसके 34 विमान वापस ले लिए थे।
दिवालिया हो चुकी माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले अब कर्ज वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके तहत माल्या को कर्ज देने वालों का समूह मुंबई में मौजूद माल्या की संपत्ति 'किंगफिशर हाउस' (तस्वीर में) और गोवा में मौजूद विला को बेचेंगे।
किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने वाले लेनदारों के समूह ने गुरुवार को मार्गेज फर्म एचडीएफसी को एयरलाइंस की इन दोनों संपत्तियों के दाम का आकलन करने को कहा है। लेनदारों का समूह मुंबई और गोवा के घरों को बेचकर कर्ज की कुछ हद तक वसूली करना चाहता है।
बीते मंगलवार को निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंकआईसीआईसीआई बैंक ने किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 430 करोड़ रुपये के कर्ज को श्रेई वेंचर कैपिटल को बेच दिया था।
कर्ज के बोझ तले दबी किंगफिशर एयरलाइंस पर आयकर विभाग का 269.06 करोड़ और एयरपोर्ट अथॉरिटी का 280 करोड़ रुपये बकाया है। किंगफिशर एयरलाइंस को मई, 2005 में लांच किया गया था। इसके बाद से अब तक कंपनी कभी भी मुनाफा नहीं कमा पाई है। इसके कुल कर्ज में सबसे ज्यादा 1,400 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक की है। जबकि पंजाब नेशनल बैंक का कंपनी पर 700 करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा का 500 करोड़ रुपये के करीब का कर्ज है। मौजूदा समय में कंपनी के केवल 15 विमान उड़ान भर रहे हैं। हाल ही में लीज की किस्तों का भुगतान न कर पाने के चलते लीजकर्ताओं ने इसके 34 विमान वापस ले लिए थे।