पंचायतों में वित्तीय अनियमिताओं पर लगेगा अंकुश
भीलवाड़ा में गंभीर अनियमितताएं उजागर होने के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने जारी किए निर्देश।
बाड़मेर। विभागीय दिशानिर्देशों एवं परिपत्र जारी करने के उपरांत वित्तीय अनियमितताओं पर अंकुश नहीं लगने को ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने गंभीरता से लिया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव सी.एस.राजन ने जिला कलेक्टरों को वित्तीय अनियमितताएं रोकने के लिए निर्देश जारी किए है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव के कलेक्टरों को दिए गए निर्देशों के मुताबिक समयसमय पर दिशानिर्देश एवं परिपत्र जारी करने के बावजूद जिला,पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायत स्तर पर इसकी पालना नहीं हो रही है। इसकी वजह से जन लेखा समिति, सीएजी,महालेखाकार एवं स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग के प्रतिवेदनों में वित, लेखाकंन, तकनीकी एवं निर्माण तथा रिकार्ड संधारण संबंधित कई अनियमितताएं उजागर हो रही है। इसके तहत भीलवाड़ा जिले की सुवाणा पंचायत समिति की ग्राम पंचायत रीछड़ा में हुई गंभीर अनियमितताओं को लेकर जन लेखा समिति ने अपने प्रतिवेदन में गंभीर टिप्पणी की है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने इस तरह की अनियमितताएं रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्दो दिए है।
मौका देखकर बनाएं तकमीना: प्रत्येक निर्माण कार्य का मौका देखकर तकमीना बनाया जाए। प्रत्येक तकमीने के अंत में संबंधित अभियंता निर्माण कार्य का तकमीना मौका देखकर ही बनाया गया है यह प्रमाण पत्र तकमीने के अंत में आवयक रूप से अंकित करें। इसी तरह कोई भी निर्माण कार्य यथा तालाब,नाडिया कच्चे मार्ग जो पूर्व में निर्मित किए जा रहे है इन पर पुनः कार्य स्वीकृत करने से पूर्व तकमीने के साथ पूर्व में विद्यमान कार्य की स्पष्ट स्थिति एवं मात्रा की विस्तृत तकनीकी रिपोर्ट भी संलग्न की जाए।
रिकार्ड संधारण संबंधित निर्दोः निर्माण कार्यों की तकनीकी स्वीकृति, कार्यों का उपयोगिता प्रमाण पत्र एवं पूर्णता प्रमाण पत्र खुली स्टोनरी पर जारी नहीं किया जाये। इसके लिए जिला स्तर पर रजिस्टर मुद्रित कराने के साथ क्रमवार पृष्ठ संख्या मुद्रित करवाने के निर्दो दिए गए है। इसी तरह ग्राम पंचायतों में उपयोग में लिए जाने वाले रजिस्टर यथा बैठक कार्यवाही रजिस्टर, जन्म मृत्यु, विवाह पंजीयन रजिस्टर, सभी प्रकार की रोकड़ बहियां, रसीद बुक, पटटा बही भी जिला परिषद द्वारा रजिस्टर पर पुस्तक संख्या एव ंक्रम संख्या दर्ज कर प्रत्येक स्टोन के प्रथम पृष्ठ पर कुल पृष्ठाकंन, दिनांकित प्रमाण पत्र विकास अधिकारी अपने हस्ताक्षरों से अंकित कर पंचायतों को विधिवत रूप से जारी करेंगे।
हस्ताक्षर एवं नाम जरूरीः किसी भी दस्तावेज का क्रमांक, दिनांक,जारी करने वाले अधिकारी के हस्ताक्षरों के नीचे उसका स्पष्ट नाम एवं पद अंकित करना होगा।बिना उक्त कार्यवाही के किसी भी प्रकार का दस्तावेज स्वीकार नहीं किया जाएगा। ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति स्तर पर प्रत्येक कार्यालय में संधारित पुस्तिकाओं का रिकार्ड रखने के निर्दो दिए गए है।
अधिकारियों को करना होगा निरीक्षणः विकास अधिकारी को ग्राम पंचायत मुख्यालय पर जाकर एक या दो माह में ग्राम पंचायत के रिकार्ड का निरीक्षण करना होगा। निरीक्षण के बाद हर दस्तावेज के अंत में अपने दिनांकित हस्ताक्षर भी करने होंगे। इसी तरह जिला एवं पंचायत समिति के अन्य अधिकारियों को भी नियमित रूप से पंचायत समिति एवं ग्राम पंचायतों का निरीक्षण करना होगा
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