हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास
बाड़मेर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक बाड़मेर गणेशाराम ने बीजराड़ थानांतर्गत दो वर्ष पुराने हत्या के मामले में आरोपी गेनाराम पुत्र कानजीराम भील निवासी देदूसर (बीजराड़) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्रकरण के अनुसार परिवादी सरीसराम पुत्र मोहबताराम भील निवासी नवातला जैतमाल ने बीजराड़ थाने में 14 फरवरी2010 को लिखित रिपोर्ट पेश कर बताया कि आज दोपहर करीब 12 बजे केरोसीन डीलर की दुकान पर नेताराम केरोसीन लेने गया था। वहां उसको गोरधनराम मिला और कहा कि घर चलते हैं। वह उसे अपनी ढाणी ले गया, जहां पहले से मौजूद गेनाराम ने उस पर लाठी से वार किए, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले के अनुसंधान के बाद कोर्ट में चालान पेश किया। ट्रायल के दौरान राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक महेंद्र पिथाणी ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य प्रस्तुत किए व तर्क दिए। आरोपी की ओर से अधिवक्ता रूपसिंह राठौड़ ने कहा कि उसे गलत फंसाया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि मृतक खुद तस्कर था और तस्करों ने ही उसे मारकर वहां डाल दिया था। परिवादी की ओर से अधिवक्ता करणाराम चौधरी ने तर्क पेश किए। दोनों पक्षों की बहस व साक्ष्यों को देखने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक गणेशाराम ने आरोपी गेनाराम को हत्या का दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
बाड़मेर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक बाड़मेर गणेशाराम ने बीजराड़ थानांतर्गत दो वर्ष पुराने हत्या के मामले में आरोपी गेनाराम पुत्र कानजीराम भील निवासी देदूसर (बीजराड़) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। प्रकरण के अनुसार परिवादी सरीसराम पुत्र मोहबताराम भील निवासी नवातला जैतमाल ने बीजराड़ थाने में 14 फरवरी2010 को लिखित रिपोर्ट पेश कर बताया कि आज दोपहर करीब 12 बजे केरोसीन डीलर की दुकान पर नेताराम केरोसीन लेने गया था। वहां उसको गोरधनराम मिला और कहा कि घर चलते हैं। वह उसे अपनी ढाणी ले गया, जहां पहले से मौजूद गेनाराम ने उस पर लाठी से वार किए, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले के अनुसंधान के बाद कोर्ट में चालान पेश किया। ट्रायल के दौरान राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक महेंद्र पिथाणी ने अभियोजन पक्ष के साक्ष्य प्रस्तुत किए व तर्क दिए। आरोपी की ओर से अधिवक्ता रूपसिंह राठौड़ ने कहा कि उसे गलत फंसाया जा रहा है। उन्होंने तर्क दिया कि मृतक खुद तस्कर था और तस्करों ने ही उसे मारकर वहां डाल दिया था। परिवादी की ओर से अधिवक्ता करणाराम चौधरी ने तर्क पेश किए। दोनों पक्षों की बहस व साक्ष्यों को देखने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक गणेशाराम ने आरोपी गेनाराम को हत्या का दोषी मानते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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