पार्क व चौराहों की बदलेगी सूरत कार्य योजना तैयार,
संस्थाओं व कंपनियों का इंतजार
अनुपम मिशन योजना 30 पार्क व 10 चौराहे दिए जाएंगे गोद
जैसलमेरस्वर्णनगरी के पार्क व चौराहों की सूरत बदली नजर आएगी। उपेक्षा की मार झेल रहे चौराहों पर रंग बिरंगे फव्वारे नजर आएंगे। वहीं पार्कों में हरियाळी छाएगी। जनसहभागिता के तहत ये पार्क व चौराहे निजी संस्थाओं को गोद दिए जाएंगे। प्रशासनिक स्तर पर कवायद शुरू होने से शहर के लोगों को सुकून मिलने की आस जगी है। अनुपम मिशन योजना के तहत शहर के पार्क व चौराहे गोद पर दिए जाएंगे। कलेक्टर शुचि त्यागी की पहल पर नगरपरिषद ने पार्क व चौराहों को चिन्हित कर सूची तैयार की है। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक शहर के 30 पार्क व 10 चौराहे गोद देने की कार्ययोजना तैयार की गई है। इन्हे संवारने व देखरेख की जिम्मेदारी स्वयं सेवी संस्थाओं व कंपनियों को सौंपी जाएगी। अनुपम मिशन योजना को मूर्तरुप देने की कवायद से बदहाल पार्क व चौराहे का स्वरूप निखरेगा। कलेक्टर शुचि त्यागी ने शहर के सौंदर्यीकरण के मद्देनजर यह पहल की है। इससे आमजन को राहत मिलेगी।
यह है मौजूदा हालात: स्वर्णनगरी कहने को पर्यटन नगरी है लेकिन यहां की व्यवस्था पर्यटन के अनुसार बिल्कुल ही नहीं है। शहर में दर्जनों पार्क व चौराहे बने हुए हैं लेकिन एक भी विकसित नहीं है। यहां तक कि शहर के मुख्य चौराहे भी बदहाल है। यहां आने वाले सैलानियों को राहत के लिए कहीं भी स्थान नहीं मिलता है। वाटिकाओं और पार्कों में हरियाली गायब है।
अनुपम मिशन योजना 30 पार्क व 10 चौराहे दिए जाएंगे गोद
जैसलमेरस्वर्णनगरी के पार्क व चौराहों की सूरत बदली नजर आएगी। उपेक्षा की मार झेल रहे चौराहों पर रंग बिरंगे फव्वारे नजर आएंगे। वहीं पार्कों में हरियाळी छाएगी। जनसहभागिता के तहत ये पार्क व चौराहे निजी संस्थाओं को गोद दिए जाएंगे। प्रशासनिक स्तर पर कवायद शुरू होने से शहर के लोगों को सुकून मिलने की आस जगी है। अनुपम मिशन योजना के तहत शहर के पार्क व चौराहे गोद पर दिए जाएंगे। कलेक्टर शुचि त्यागी की पहल पर नगरपरिषद ने पार्क व चौराहों को चिन्हित कर सूची तैयार की है। प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक शहर के 30 पार्क व 10 चौराहे गोद देने की कार्ययोजना तैयार की गई है। इन्हे संवारने व देखरेख की जिम्मेदारी स्वयं सेवी संस्थाओं व कंपनियों को सौंपी जाएगी। अनुपम मिशन योजना को मूर्तरुप देने की कवायद से बदहाल पार्क व चौराहे का स्वरूप निखरेगा। कलेक्टर शुचि त्यागी ने शहर के सौंदर्यीकरण के मद्देनजर यह पहल की है। इससे आमजन को राहत मिलेगी।
यह है मौजूदा हालात: स्वर्णनगरी कहने को पर्यटन नगरी है लेकिन यहां की व्यवस्था पर्यटन के अनुसार बिल्कुल ही नहीं है। शहर में दर्जनों पार्क व चौराहे बने हुए हैं लेकिन एक भी विकसित नहीं है। यहां तक कि शहर के मुख्य चौराहे भी बदहाल है। यहां आने वाले सैलानियों को राहत के लिए कहीं भी स्थान नहीं मिलता है। वाटिकाओं और पार्कों में हरियाली गायब है।
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