शनिवार, 16 जून 2012

नियाग्रा फाल्स पर वॉलेंडा का जादुई करतब






ओंटारिया। साहसी निक वॉलेंडा दुनिया के पहले एसे व्यक्ति बने जिन्होने विश्व कासबसे तेज बहाव वाले झरने नियाग्रा फाल्स को एक रस्सी के ऊपर चल के पार किया। निक ने यह स्टंट बिना किसी स्पोर्ट के किया। शुक्रवार को उन्होने इस खतरनाक कारनामे को 45 मिनट में अंजाम दिया। बाद में उनसे उनका अनुभव पूछे जाने पर कहा कि उन्हें ऎसा साहसी काम करने के लिए बहुत लोगों की प्रार्थना के साथ एकाग्रता, ध्यान और प्रशिक्षण की जरूरत पड़ी।

176 फीट ऊंचाई पर 33 साल के वॉलेंडा

प्रसिद्ध फ्लाइंग वॉलेंडा की सातवीं पीढ़ी के सदस्य काफी समय से स्टंट कर रहें हैं। लेकि न इस तरह का स्टंट करना उनके लिए जैसे कि सी सपने का पूरा होने जैसा है। फाल्स की ऊंचाई करीब 176 फीट है और दूरी करीब 1800 फीट। 33 साल के वॉलेंडा ने इस करतब के बाद अपने प्रशंसकों का शुक्रिया अदा किया।

सवा लाख लोगों ने देखा जीवंत

नियाग्रा फॉल्स कनाडा के ओंटारिया प्रांत और न्यू यार्क के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच में बहता है। निक को यह कारनामा करते हुए कनाडा के लगभग 125,000 लोगो ने तथा न्यूयार्क के 4,000 लोगो ने देखा। जैसे ही निक ने स्टंट पूरा किया तो बार्डर के दोनो तरफ एक उत्साह का माहौल बन गया था।

2 इंच चौड़ी स्टील की केबल पर करतब

टाइटरोप पर चलकर छह मर्तबा गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज करा चुके अमरीका के 33 वर्षीय निक वॉलेंडा शुक्रवार को एक यह कारनामा तनी हुई 2 इंच चौड़ी स्टील की केबल पर चलकर कर दिखाया।


फाल्स पार करने वाले पहले शख्स
निक केबल पर 1800 फीट चलकर अमरीका से कनाडा पहुंचने वाले पहले शख्स बने। दूसरे छोर पर स्थित कनाडा पहुंचने पर निक को अपना अमरीकी पासपोर्ट दिखाया। यह जोखिम भरा कमाल करने जा रहे हैं जबकि उनके तीन परिजन पहले ही ऎसे ही ऊंचाई वाली केबल पर चलते हुए जान गंवा चुके हैं।

क्या था खतरा

2 लाख क्यूबिक फीट पानी टकराता है प्रति सेकंड नियाग्रा के किनारे पर
70 मील प्रति घंटे से अधिक रफ्तार से गिरता नियाग्रा नदी से पानी
40 मिनट के इस सफर में निक का सामना होगा बहुत तेज हवा से
1.25 लाख लोग प्रत्यक्ष तो करीब 50 करोड़ इस नजारे का टीवी पर देखेंगे प्रसारण

सड़क हादसे में दो महिला सिपाहियों की मौत



जयपुर।। राजस्थान के झुंझुनूं जिले में एक सड़क हादसे में राजस्थान पुलिस की दो महिला सिपाहियों की मौत हो गई।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि कार और दुपहिया में आमने-सामने हुई टक्कर में दो महिला सिपाही गंभीर रूप से घायल हो गईं। दोनों को नजदीकी सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।पुलिस कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच कर रही है।

क्षेत्र में बालिका ह्त्या मामले में पुलिस की साहसिक कार्यवाही .पहली बार हुई कोई कार्यवाही


 क्षेत्र में बालिका ह्त्या मामले में पुलिस की साहसिक कार्यवाही .पहली बार हुई कोई कार्यवाही 




इलाज़ के आभाव में नवजात बालिका की मौत का मामला ,

पिता को किया गया गिरफतार
सम्पूर्ण कार्यवाही जिला कलक्टर जैसलमेर के समक्ष

जैसलमेर चार रोज पूर्व फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के मंदाई गाँव में एक नवजात बालिका की मौत पर बवाल मच गया था .नवजात बालिका के परिजनों पर बालिका को मारने का आरोप था ,जिस पर उप खंड अधिकारी सहित पुलिस दल ने मौके पर पहुँच बालिका के गद्दे हुए शव को बाहर निकाल मोस्त्मर्तम कराया तथा उसका बिसरा जांच के लिए भेजा ,जांच में बालिका की मौत इलाज़ के आभाव में बताई गयी ,जिस पर जिला कलेक्टर शुची त्यागी ने मृतक नवजात बालिका के पिता को गिरफ्तार करने के आदेश दिए जिस पर पुलिस ने बालिका के पिता को गिरफ्तार कर लिया .पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने बताया की एसडीएम फतेहगढ ने पुलिस थाना सांगड में रिपोर्ट पेश कि की दीनसिंह उर्फ दिलीपिंसह पुत्र नारायणसिंह जाति राजपुत निवासी मण्डाई के घर एक नवजात बच्ची का जन्म हुआ। लेकिन उक्त बच्ची की संदिग्ध अवस्था में मृत्यु हो गई। जिस पर पुलिस थाना सांगड में मुकदमा दर्ज कर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर गणपतलाल के निर्देशन एवं सुनिल पंवार, वृताधिकारी जैसलमेर के नेत्त्व में टीम का गठन किया गया, जिसमें थानाधिकारी पुलिस थाना सांगड ओमप्रकाश गोदारा मय जाब्ता द्वारा घटनास्थल पर जाकर एसडीएम फतेहग के आदेशानुसार नवजात बच्ची के दफनाये गये शव को निकलवाया जाकर वास्ते पोस्टमार्टम चिकित्सको को सोपा गया। दौराने कार्यवाही जिला कलक्टर जैसलमेर महोदय भी फतेहग पहॅूचे तथा सम्पूर्ण कार्यवाही को अपनी निगरानी में सम्पन करवाई। उक्त घटना के संबंध में सम्पूर्ण सुचना रेणुका भाटी जिला समन्वय पीसीपीएनडीटी के द्वारा भी संकलित की गई।
सम्पूर्ण जॉच एवं तफतीश से यह तथ्य सामने आये की नवजात बालिका शिशु के जन्म के पश्चात बच्ची के पिता दीनिंसह उर्फ दिलीपसिंह द्वारा बच्ची को बचाने के लिए किसी प्रकार का कोई भी प्रयास नहीं किया एवं अपने नजदीकी चिकित्सालय में भी उपचार हेतु नहीं ले जाया गया। जबकि जॉच में विराधाभाष तथ्य सामने आये है तथा बच्ची के पिता का उसके प्रति लापरवाही का घोतक है तथा नवजात बच्ची के पिता के प्रति यह सोच भी प्रबंल हुई है कि हाल ही में राज्य सरकार द्वारा बालिकाओं को बचाने का जो अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें बच्ची के पिता द्वारा किसी भी प्रकार की कोई भी रूचि नहीं दिखाई गई है। उक्त तथ्यो के आधार पर नवजात बच्ची के पिता दीनसिंह उर्फ दिलीपसिंह जाति राजपुत पुत्र नारायणसिंह निवासी मण्डाई द्वारा बच्ची के जन्म के पश्चात बच्ची को बचाने के लिए किसी भी प्रकार के प्रयास नहीं किये गये जिससे नवजात बच्ची की मृत्यु हो गई। जिसके मदेनजर दीनसिंह उर्फ दिलीपसिंह को कल दिनांक 15.06.2012 को गिरफतार किया जाकर आज शनिवार को न्यायालय में पेश किया गया जहॉ से उसको पंद्रह दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भिजवाया गया।

भंवरी देवी प्रकरण में आरोपी को भगाने वाला गिरफ्तार

भंवरी मामला: गहलोत को राहत, कोर्ट ने खारिज किया इस्तगासा

राजस्थान में जोधपुर पुलिस ने गुरुवार को न्यायालय परिसर से गार्ड पर हमला कर नर्स भंवरी देवी प्रकरण में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे कैलाश जाखड़ को छुड़ा ले जाने वाले बदमाशों में से एक और आरोपी को शुक्रवार शाम गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस ने कैलाश जाखड़ और उसे भगाने वाले अन्य बदमाशों की गिरफ्तारी के लिए सघन अभियान चलाया है। उदय मन्दिर थानाधिकारी मुमताज खान ने बताया कि इन बदमाशों में शामिल रणवीर सिंह को विशेष पुलिस दल ने शुक्रवार शाम गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि अभियुक्त रणवीर सिंह को जोधपुर की एक अदालत में शनिवार को पेश किया गया। अदालत ने उसे पूछताछ के लिए 20 जून तक पुलिस को सौंप दिया है।

खान के अनुसार नर्स भंवरी देवी प्रकरण के अभियुक्त कैलाश जाखड़ को चालानी गार्ड के कब्जे से छुड़ा कर ले जाने वाले बदमाशों में से हनुमाना राम को घटना के कुछ घंटों के बाद ही गिरफ्तार कर लिया था। अब तक दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

टेम्पो के पलती खाने से आई चोटें


 टेम्पो के पलती खाने से आई चोटें 


बाड़मेर बालोतरा थाने में एक जाने ने टेम्पो चालक के खिलाफ लापरवाही से टेम्पो चला कर पलती खिलाने तथा उसके कारन यात्रियों को चोटें आने का मामला दर्ज कराया .पुलिस सूत्रों ने बताया की केवलचन्द पुत्र हेमाराम घांसी नि. बालोतरा ने मुलजिम टेम्पो नम्बर आरजे 04 पीए 0768 के चालक के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा टेम्पो को तेजगति व लापरवाही से चलाने से टेम्पो पल्टी खाने से श्रीमति कमला के चोटे आना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना बालोतरा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। इसी तरह  भंवरलाल पुत्र भूराराम भील नि. बसवाल ने मुलजिम खुमाराम पुत्र कानजी भील नि. बसवाल के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा जीप नम्बर आरजे 04 सी 1753 को तेज व लापरवाही से चलाकर मुस्तगीस के ट्रेक्टर के टक्कर मारना जिससे चोटे आना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना बाखासर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। 

सुने घर के ताले तोड़ते दो जने गिरफ्तार



सुने घर के ताले तोड़ते दो जने गिरफ्तार 
बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित हमीरपुरा में एक सुने घर के ताले तोड़ने के प्रयास कर रहे स्थानीय चोरो को आम जनता द्वारा देख लेने पर कोतवाली पुलिस को सूचित किया.पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की  भूरचन्द पुत्र राणमल जैन नि. हमीरपुरा ने मुलजिम मनोज, राणू माली नि. हमीरपुरा के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीस के मकान के ताले तोड़ने का प्रयास करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना कोतवाली पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।उलिख्नीय हें की इसी जगह पर दो रोज पूर्व ही अज्ञात चोरो ने एक घर के रात्री में ताले तोड़ कर पच्चीस हज़ार रुपये चोरी कर लिए थे , 

बाड़मेर बलात्कार और लज्जा भंग के मामले दर्ज




बाड़मेर जिले के समदडी थाने में एक विवाहिता ने तेडा निवासी एक युवक के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कराया हें पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की कलबी जाति की औरत ने न्यायालय से इस्तगासा के द्वारा मुलजिम देवाराम पुत्र चिमनाराम कलबी नि. तेड़ा वगेरा के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीसा के साथ बलात्कार करना वगेरा पर मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना समदड़ी पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है। इधर श्रीमति अणछी पत्नि रामेश्वरलाल भील नि. जानीयाना ने मुलजिम मुकनाराम पुत्र वागाराम देवासी नि. जानीयाना वगेरा 2 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा मुस्तगीसा के को रोककर मारपीट कर लज्जा भंग करना व जातिसूचक शब्दो से अपमानित करना वगेरा पर मुलजिमान के विरूद्व पुलिस थाना पचपदरा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।

LIVE: चीन की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री ने भरी उड़ान

LIVE: चीन की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री ने भरी उड़ान 

बीजिंग. शनिवार शाम 6 बजकर 37 मिनट (स्थानिय समय ) पर चीन के स्पेसक्राफ्ट शैनझाऊ-9 चीन के तीन अंतरिक्ष यात्रियों के साथ उडा़न भरी। यह यान अंतरिक्ष में पहले से स्थापित चीन के टियानगोंग-1 स्पेस लैब से जुड़ जाएगा। यह चीन का पहला स्पेस डॉकिंग मिशन है। इस मिशन पर जा रहीं ली यांग चीन की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री हैं। यहां क्लिक करके चीन के अंतरिक्ष मिशन को लाइव देखा जा सकता है।अब तक दुनियाभर की 55 महिलाएं अंतरिक्ष में यात्रा कर चुकी हैं लेकिन चीन में पहली महिला की अंतरिक्ष यात्रा को लेकर खासा उत्साह है। ली यांग पर अब तक हजारों ब्लॉग लिखे जा युके हैं और लाखों ट्वीट्स उन पर हुए हैं।

मौत पर बीस हज़ार घायल को पांच हज़ार की सहायता

मौत पर बीस हज़ार घायल को पांच हज़ार की सहायता

बाड़मेर शुक्रवार को बाड़मेर सांचोर मार्ग पर हुए हादसे में मारे गए बीस जानो को जालोर जिला प्रशासन ने बीस हज़ार रुपये और घायलों को पांच पांच हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता उनके आश्रितों देने की घोषणा की हें .जालोर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर चुन्नी लाल सैनी ने बताया की मुख्यमंत्री सहायता कोष से सभी घायलों को पांच पांच हज़ार और मर्ताको को बीस बीस हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता उनके आश्रितों को डी जायेगी .इतनी कम आर्थिक सहायता पर उन्होंने कहा की जिला प्रशासन के पास इतनी राशि देने का प्रावधान हें इससे ज्यादा देने की घोषणा राज्य सरकार के अधिकार में हें .मृतक आश्रितों को महज बीस बीस हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा पर सवालिया निशान लगाये जा रहे हें की प्रशासन सहायता दे रहा हें या खैरात बाँट रहा हें .घायलों में लगभग पंद्रह जाने बुरी तरह घायल हें ,जिनका उइपचार गुजरात के अस्पतालों में चल रहा हें महज पांच हज़ार में इनका उपचार हो पायेगा .इस हादसे में मारे गए तथा घायलों को मुआवजे को लेकर राज्य सरकार ने अभी तक कोई घशाना नहीं की .इधर बाड़मेर जिला कलेक्टर डॉ वीणा प्रधान पुलिस उप अधीक्षक नाजिम अली खान शनिवार को घटनास्थल का जायजा लेने गए तथा घायलों की कुशलक्षेम पूछी .

अवेध बसों का बेरोक टोक सञ्चालन ही बना हादसे का मुख्य कारण

 अवेध बसों का बेरोक टोक सञ्चालन ही बना हादसे का मुख्य कारण

बाड़मेर शुक्रवार को शाम छः बजे बाड़मेर सांचोर मार्ग पर हुए हादसे में २० लोगो की मौत का जिम्मेदार जिला प्रशासन को ही माना जाएगा ,बाड़मेर जालोर ,जैसलमेर से गुजरात के लिए सेकड़ो अवेध बसों के संचालन के चलते ही यह हादसा घटित हुआ हें ,बाड़मेर जैसलमेर और जालोर से सेकड़ो की तादाद में अवेध निजी बसों का संचालन गुजरात के लिए बेरोकटोक जारी हें इस स्थानों से गुजरात के लिए अहमदाबाद ,सूरत ,पालनपुर ,डीसा,भुज ,गांधीधाम आदि स्थानों के लिए बिना परमिट की सेकड़ो बसों का सञ्चालन हो रहा हें चूँकि यह बसे प्रभावशाली राजनीती पार्टियों के नेताओं द्वारा संचालित की जाती हें इन तीनो जिलो के जिला प्रशासन की औकात नहीं की इन बसों को रुकवा सके .रुकवाना तो दूर कभी आज तक इन अवेध बसों का चालन तक नहीं हुआ .कल हुए हादसे का शिकार निजी ट्रेवल्स की बस बनी जिसमे साथ से अधिक सवारी यात्रा कर रही थी ,सवाल हादसा ट्रक ड्राईवर की गलती या बस ड्राईवर की गलती का नहीं हें सवाल अवेध बस संचालन का हें .इन अवेध बसों के सञ्चालन पर जिला प्रशासन का अंकुश नहीं होने के कारण बेरोकटोक तेज गति और लापरवाही से इन बसों को चलाया जाता हें निजी ट्रेवल्स एजेंसियों की बस एक दुसरे से आगे निकल कर सवारिया लेने की होड़ में यात्रियों की जन्दगी दांव पर लगा देते हें ,कल भी यही हुआ .एक दुसरे से आगे निकालने की होड़ में बस से ट्रक टक्कर गया जिसके परिणाम स्वरुप बीस जिंदगियो को मौत का सफ़र तय करना पडा ,जालोर प्रशासन भले ही इस हादसे की अनदेखी करे मागे इस हादसे के पीछे एक बड़ा कारण अवेध बसों के संचालन का भी हें .प्रभावशाली लोगो द्वारा अवेध बसों के सञ्चालन को रोकने का प्रशासन और यातायात परिवहन विभाग सहस नहीं जुटा पता जिसके परिणाम हादसों के रूप में सामने आते हें .अतिरिक्त जिला कलेक्टर चुन्नीलाल सैन ने बताया की इस हादसे में अवेध बस सञ्चालन नहीं हें मगर यह सच हें की अवेध रूप से चल्र रही बसों पर परिवहन कार्यालय अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाए .

घर में अकेली महिला की दर्दनाक हत्या, चाकुओं से गोद डाला

इंदौर। शहर की पॉश व्हाइट चर्च कॉलोनी में शुक्रवार सुबह फाइनेंस ब्रोकर की पत्नी सरोज डोसी की हत्या कर दी गई। बदमाश घर में रखा एक बैग भी ले गए। घरवालों का कहना है कि उसमें करीब चार लाख रुपए मूल्य के गहने थे। यह गहने सरोज पसंद करने के लिए सराफा की एक दुकान से लाई थी। अलमारी से 20-30 हजार के लगभग कैश भी गायब है। हत्या व लूट के इस मामले में पुलिस को किसी परिचित के शामिल होने की शंका है। पुलिस ने आरोपियों पर 15 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है।
चार मंजिला भवन के फ्लैट (नंबर 3) में रहने वाली सरोज पति प्रदीप डोसी (50) की लाश बेडरूम में मिली। सुबह करीब 10.40 बजे कम्प्यूटर सुधारने के लिए उनके बेटे का दोस्त वरुण मित्तल वहां पहुंचा। उसने बताया कि फ्लैट का दरवाजा खुला था। दो बार घंटी बजाई और आवाज भी लगाई। उसे लगा कि घर में कोई नहीं है तो वह नीचे के फ्लैट नं. 2 में पूछने गया। डॉ. एस.के. पारवानी के इस फ्लैट में नौकरानी शोभा मिली, जिसे उसने बताया ऊपर कोई नजर नहीं आ रहा है। शोभा ने कहा गेट खुला है तो वे अंदर ही होंगी। शोभा व वरुण दोबारा फ्लैट में गए। अंदर बेडरूम में पलंग के पास फर्श पर सरोज की खून सनी लाश मिली। सरोज के शरीर पर छह से ज्यादा चाकू के घाव मिले।
PHOTOS : घर में अकेली महिला की दर्दनाक हत्या, चाकुओं से गोद डाला 


पापा.. मम्मी हमें छोड़कर चली गई

वरुण ने सरोज की बेटी रुचि (चीना) सोगानी को फोन लगाकर घटना के बारे में बताया। रुचि पास में ही रेडियो कॉलोनी में रहती हैं। घर पहुंचकर उसने रोते हुए पिता को फोन किया.. पापा, ये क्या हो गया..मम्मी हमें छोड़कर चली गई। इसके बाद रिश्तेदार दिलीप पाटनी को बुलाया गया, जिन्होंने एसएसपी व सीएसपी को सूचना दी।

बेटी ने दी मां को मुखाग्नि

रुचि ने अमेरिका में कार्यरत भाई मोहित को मां की हत्या के बारे में बताया। मोहित भारत आने के लिए शाम को फ्लाइट से रवाना हो गया। परिजन चाहते थे कि उसके आने के बाद सरोज का अंतिम संस्कार किया जाए लेकिन मोहित ने पिता की हालत को देखते हुए शुक्रवार को ही क्रियाकर्म करने का कहा। इस पर रुचि ने मां को मुखाग्नि दी।

गहने लौटाने जाना था बेटी के साथ

प्रदीप डोसी ने बताया कि वे सुबह करीब 8.30 बजे घर से निकल गए थे। पुलिस ने परिजन से बात की तो खुलासा हुआ कि प्रदीप के जाने के बाद सरोज ने रुचि को घर बुलाया था। दोनों को सराफा की दुकान से लाए गहने लौटाने जाना था। गहने एक बैग में रखे थे। इसके बाद गुमाश्तानगर में बहन, जेठानी लता, फिर भिलाई में रहने वाली भाभी साधना से फोन पर बात की थी।

पिछले दिनों लूट के लिए हुए सनसनीखेज हत्याकांड

6 मई : खातीवाला टैंक में लकड़ी व्यापारी जसबीरसिंह छाबड़ा की हत्या कर डकैती

6 जून : हातोद में चांदी के कड़ों के लिए नाती ने की नानी लीलाबाई की हत्या।

सब कुछ खत्म हुआ और सवाल बचे गए कई !!!!!!!


सब कुछ खत्म हुआ और सवाल बचे गए कई !!!!!!!

---- जालौर जिले में पिछले 39 दिनों से कलेक्टर ही नहीं

राष्ट्रीय राजमार्गपर दिल दहलाने वाले हादसे ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया।चारों तरफ चित्कारें और आग में जलने लोगों ने हर किसी के रोंगटे खड़े कर दिए। हाईवे पर करीब दो घंटे तक आग का तांडव चलता रहा। एक तरफ जिंदगियां लीलती रही तो दूसरी तरफ लोग बेबसी में उनको जलता देखते रहे। लंगेरा के रहने वाले सगतसिंह राजपुरोहित अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चो के साथ इस मौत की सवारी में सवार हुआ उसे नहीं पता था कि ये उसका सबसे दर्दनाक और अन्तिम सफ़र साबित होगा ! सांचोर में टेंट हाउस चलाने वाले सगत सिंह का भरपूर और सुखी परिवार था , घर में वो उसकी पत्नी पदमा कँवर उसके दो पुत्र जीतू , भावेश और एक पुत्री सुगना थे ! लेकिन जीतू इस बार उनके साथ नहीं बल्कि गाँव में था ! चारो बस में बठे तब सगत सिंह ने जीतू को फ़ोन किया कि वो दो घंटे में घर पहुंच जायेंगे ! लेकिन बस चलने के आधा घंटा बाद ही सगत सिंह और उसका पुत्र जिंदा जल गए और पत्नी और पुत्री डीसा के एक अस्पताल में जिन्दगी के लिए संघर्ष कर रहे हैं ! लंगेरा के सोनानियो कि ढाणी में रहने वाले इस परिवार को जब दुर्घटना की सूचना मिली तो सभी स्तब्ध रह गए और पुत्र जीतू की आँखों के रो रो कर आंसू भी सूख चुके हैं ! जीतू के जेहन में बस यही बार बार गूँज रहा हैं कि बेटा बस हम दो घंटे में घर आ रहे हैं ! लेकिन जीतू जानता हैं कि अब उसका बागबान और भाई इस दुनिया से रुखसत हो चुके हैं जिनका लौटना अब मुमकिन नहीं हैं !
एक दिन पहले यानी शुक्रवार को बाड़मेर आने वाली महादेव ट्रेवल्स की बस में सवार यात्रियों को यह नहीं पता था की वे मौत के ताबूत में सवार हैं और कुछ ही देर बाद उनको इस तरह से जिंदा जल जाना पड़ेगा ! सिवाड़ा के समीप इस हादसे ने हर किसी का दिल दहला दिया। जिसने भी सुना, रो पड़ा। मात्र आधे घंटे पहले यह बस सांचौर से रवाना हुई थी। हादसे में मृतक और घायलों में से अधिकांश लोग बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना, बांड और रामजी का गोल गांव के रहने वाले हैं। ये लोग अपने काम के सिलसिले में बस से सांचौर जाते हैं और इसी से वापस लौट जाते हैं,लेकिन रोजाना की तरह उनका यह सफ़र पूरा नहीं हो पाया।हाईवे पर सिवाड़ा चौकी से मात्र कुछ ही दूरी पर यह हादसा हो गया। घायलों की मानें तो यह जोरदार धमाका था और इसी के साथ बस में आग लग गई। इसके बाद तेज लपटों में देखते ही देखते 19 लोग जिंदा जल गए। जब सब कुछ शांत हुआ तो मौके पर हर ओर शव ही नजर आए। परिजनों को सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे तो मन में किसी अनिष्ट की आशंका तो थी, लेकिन यह दुआ भी थी कि काश लाशों के इस ढेर में अपना कोई ना हो।करीब दो घंटो तक चले रेस्क्यू ओपरेशन के बाद बड़ी मुश्किल से आग पर काबू पाया गया। सांचौर से दमकल पहुंची उससे पहले लोगों ने काफी प्रयास किए, लेकिन लपटें इतनी तेज थी कि पास ही नहीं जाया जा सका। जैसे ही लपटें शांत हुई मौके पर मौजूद लोग लाशें देखकर चीत्कार कर उठे। बस के आगे, पीछे, अंदर सीटों पर और नीचे जले हुए शव पड़े थे। कुछ शव सड़क पर कुछ दूरी पर मिले मानों बचने के लिए भागे हों ।
जालौर जिले में पिछले 39 दिनों से कलेक्टर ही नहीं
जालौर जिले में पिछले 39 दिनों से कलेक्टर ही नहीं है। ऐसे में बस हादसे में इतनी संख्या में लोगों के मरने के बाद कानून व्यवस्था के लिए कौन जिम्मेदार होगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं है।
जालौर में डॉ. राजेश शर्मा कलेक्टर के पद पर काम कर रहे थे, 8 मई, 2012 को जारी आदेश में डॉ. शर्मा को वहां से निदेशक मॉनिटरिंग कार्यक्रम क्रियान्वयन के पद पर लगा दिया गया। उनके स्थान पर किसी को कलेक्टर नहीं लगाया। वहां कलेक्टर का प्रभार एडीएम चुन्नी लाल सैनी देख रहे हैं। कलेक्टरों के तबादलों से संबंधित फाइल लंबे समय से मुख्यमंत्री कार्यालय में है, लेकिन उस पर कोई फैसला नहीं हो पा रहा है।हड्डियाँ जोड़ जुटाए साक्ष्य
हादसे के बाद घटनास्थल पर ह्वदय विदारक नजारे से हर कोईसहम उठा। प्रशासन और पुलिस की ओर से बस से शव का निकालने की कोशिश रात नौबजे तक जारी रही। लेकिन बस अधिकांश हड्डियाँ ही मिली। ऎसे मे आनन-फानन में सांचौर और चितलवाना से चिकित्सकों की टीम बुलानी पड़ी। प्रशासन की मौजूदगी में चिकित्सकों ने हड्डियाँ जोड़कर मरने वालों की पुष्टि की। रात करीब दस बजे तक मरने वालों की अधिकृत रूप से पुष्टि हो पाई।
रोडवेज चालक ने दिखाई हिम्मत
निजी बस के पीछे ही डूंगरपुर से बाड़मेर के लिए रोडवेज बस आ रही थी। हादसे के चंद लम्हों बाद ही रोडवेज बस मौके पर पहुंची। इस दौरान चालक दाउद खां ने हिम्मत दिखाई। उसने तत्काल बस में सवार लोगों को उतारा और कुछ युवाओं के सहयोग से घायलों को बस से बाहर निकालने में मदद की।उस दौरान उसने घायलों को बस में बिठाकर सांचौर लाया।
अवैध संचालन से जोखिम में जान
चितलवाना. राष्ट्रीय राजमार्ग पंद्रह पर 18 लोगों के जिंदा जलने की घटना के लिए कई हद तक प्रशासन की उदासीनता जिम्मेदार है। इस रूट पर करीब 70 से ज्यादा निजी बसें चलती हैं, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इन बसों का परमिट कॉन्टेक्ट कैरीज का है, लेकिन यह सारी बसें कायदों को धत्ता बताकर स्टेज कैरीज की तर्ज पर संचालित की जा रही है। परिवहन विभाग व पुलिस की उदासीनता के चलते आज तक इस मामले में कोई असरकारक कार्रवाई नहीं हो पाई। यही नहीं यहां ओवरलोड वाहनों का संचालन भी धड़ल्ले से होता है।करीब चार साल पहले रामजी का गोल के समीप टैम्पो-ट्रक भिडंत में 13 स्कूलों बच्चों की मौत हो गईथी, लेकिन व्यवस्था में अब तक पोल है।

महज 8 सेकंड में भारत पर परमाणु हमला कर सकता है पाकिस्तान!

लंदन. पाकिस्तान की परमाणु ताकत इतनी जबर्दस्त है कि वह 8 सेकेंड में भारत पर ऐटमी हमला कर सकता है। यह दावा इस्लामाबाद में पाकिस्तानी सेना के एक जनरल ने किया था। ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के सहयोगी रहे एलिस्टेयर कैंबेल की ताज़ा प्रकाशित डायरी में इस बात का खुलासा किया गया है। पाकिस्तानी जनरल ने यह धमकी 9/11 के हमले के बाद एक महीने के भीतर ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की पाकिस्तान यात्रा के दौरान दी थी।
 
कैंबेल ने डायरी 9/11 के हमले के दिन से लिखनी शुरू की थी और इसमें अगस्त, 2003 तक के ब्योरे हैं। डायरी के मुताबिक ब्लेयर के पूर्व मीडिया सलाहकार एलिस्टेयर कैंबेल से जनरल ने कहा था कि वे भारत को पाकिस्तान की बढ़ती परमाणु ताकत के बारे में बताएं। उस समय पाकिस्तान में लोगों को डर था कि कहीं भारत उनकी परमाणु क्षमता को तबाह न कर दे। कैंबेल को यह बात 5 अक्टूबर, 2001 को उस समय बताई गई थी, जब वे इस्लामाबाद में पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की ओर से आयोजित डिनर में हिस्सा ले रहे थे।
डायरी में कैंबेल ने लिखा है, 'डिनर के दौरान मैं पाकिस्तान के दो पांच सितारों वाले जनरलों के बीच था, जो यह बताने में जुटे हुए थे कि किस तरह से अत्याचारों के लिए भारतीय जिम्मेदार हैं और अपने ही लोगों को भारत मारकर उसका आरोप आज़ादी के लिए लड़ रहे लोगों पर डाल रहा है।' कैंबेल के मुताबिक, जनरल इस बात को लेकर निश्चिंत थे कि एक दिन भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होगा क्योंकि बड़ा देश होने के बावजूद भारत अस्थिर है। कैंबेल ने आगे लिखा, 'जब हमारे विदा होने का समय आया तो दोनों में से एक जनरल ने कहा मुझसे भारतीयों को याद दिलाने के लिए कहा कि मिसाइल दागने में हमें महज 8 सेकेंड का वक्त लगता है।'

33 करोड़ देवी-देवता भी करते हैं मां वैष्णो की उपासना


33 करोड़ देवी-देवता भी करते हैं मां वैष्णो की उपासना 
जम्मू से 45 मील दूर उत्तर-पश्चिम से शतशृंग नामक पर्वत है। कटरा नगर इस पर्वत के चरणों में बसा हुआ है। इस पर्वत के मध्यभाग में माता वैष्णो की पवित्र गुफा है। यह जम्मू के ऊधमपुर मंडल के अंतर्गत चिडि़आई नामक गांव से लेकर रियासी तक लगभग मीलों तक फैली हुई तहदार चट्टान में बनी हुई है। जब माता वैष्णो आदि कुमारी स्थान से महिषासुर का पीछा करती हुई इस स्थान पर पहुंचीं तो गुफा के बाहर महिषासुर का संहार करने के उपरांत उन्होंने इसी गुफा में तप करने का निर्णय किया था।



प्राकृतिक शिलाखंड पर उभरी तीन पिंडियां हैं, दक्षिण भाग में महासरस्वती की, मध्य में वैष्णवी की तथा वामभाग में महाकाली की। मूल पराशक्ति एक है, अत: यह पिंडी भी मूल से एक ही है और लगभग पांच-छ: फुट लम्बी है। ऊपर आकर इसी पिंडी के तीन अलग-अलग रूप हो गए हैं। ये तीनों पिंडियां सोने के पत्रों से मण्डित हैं। सबके सिर पर सोने के मुकुट और सोने के छत्र शोभायमान हैं। इन तीन पिंडियों की पृष्ठभूमि में इन्हीं देवियों की साकार मूर्तियां स्थापित हैं।



मध्यवर्ती पिंडी माता महालक्ष्मी की है। महालक्ष्मी विष्णु की शक्ति है और इनका दूसरा नाम वैष्णवी है। यह वैष्णवी पराशक्ति हैं।
शास्त्रों के अनुसार जो परमशुद्ध सत्स्वरूपा हैं, उनका नाम महालक्ष्मी है, परम परमात्मा श्रीहरि की वह शक्ति हैं हजार पंखुडिय़ों वाला कमल उनका आसन है। इनके मुख की शोभा तपे हुए स्वर्ण के समान है। इनका रूप करोड़ों चंद्रमाओं की कांति से सम्पन्न है। सम्पत्तियों की ईश्वरी होने के कारण अपने सेवकों को यह धन, ऐश्वर्य, सुख, सिद्धि और मोक्ष प्रदान करती हैं।



यह शक्ति सबकी कारण रूप हैं। सर्वोच्च पतिव्रता हैं और वैकुंठ लोक में अपने स्वामी श्री हरि की सेवा में लीन रहती हैं। गुफा में दूसरी पिंडी माता महाकाली की है। महाकाली महाशक्ति का प्रधान अंश है। शुंभ और निशुंभ से होने वाले महासमर के समय यह भगवती दुर्गा के ललाट से प्रकट हुई थीं। इन्हें भगवती दुर्गा का आधा अंश माना जाता है। गुण और तेज में यह दुर्गा के समान ही हैं। इनका अत्यंत शक्तिशाली शरीर करोड़ों सूर्यों के समान तेजस्वी है।



सम्पूर्ण शक्तियों में ये प्रमुख हैं। यह परम योग स्वरूपिणी सम्पूर्ण सिद्धि प्रदान करने वाली हैं। श्री हरि की वह अनन्य भक्त हैं। तेज, पराक्रम और गुण में ये श्री हरि के तुल्य हैं। इनके शरीर का रंग काला है और इतनी शक्तिशाली हैं कि यदि यह चाहें तो एक ही सांस में सारे विश्व को नष्ट कर सकती हैं। जो भी मनुष्य महाकाली भगवती की पूजा करता है उसे धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष तथा अन्य सांसारिक सम्पत्तियां प्राप्त होती हैं। ब्रह्म, देवता, मुनिगण और मानव सब इनकी उपासना करते हैं।



इनका एक प्रसिद्ध नाम चामुंडा है। इन्होंने असुरों के साथ होने वाले युद्ध में चण्ड-मुण्ड नामक दो महाअसुरों का संहार किया था, अत: इनको चामुंडा भी कहा जाने लगा। मधु-कैटभ द्वारा संकटग्रस्त होने पर इन्होंने ब्रह्मा और विष्णु को भयमुक्त किया था। इनकी कृपा से मानव निर्भय हो जाता है। युद्ध में उसे कोई पराजित नहीं कर सकता।



गुफा में तीसरी पिंडी महासरस्वती की है। महाशक्ति के तीसरे प्रमुख रूप का नाम महासरस्वती है। पारब्रह्म परमात्मा से संबंध रचाने वाली वाणी की अधिष्ठात्री, कवियों की इष्टदेवी, शुद्ध सत्यस्वरूपा और शांत रूपिणी हैं। वाणी, विद्या, बुद्धि और ज्ञान को प्रदान करने वाली यही देवी हैं। वाणी में श्रेष्ठता, विद्याओं और कलाओं में निपुणता, बुद्धि में विलक्षणता के लिए इनकी कृपा आवश्यक है।मां सरस्वती का शरीर अत्यंत गौर वर्ण का है। वह अत्यंत सुंदर और तेजस्वी हैं। इनका शरीर तेज की आभा से इतना कांतिमान रहता है कि करोड़ों चंद्रमाओं की आभा भी उनके सामने तुच्छ प्रतीत होती है।



इनकी कृपा से शास्त्र और ज्ञान संबंधी सभी भ्रम और संदेह मिट जाते हैं। मानव को स्मरण शक्ति प्रदान करने वाली माता सरस्वती को स्मृति शक्ति, ज्ञान शक्ति और बुद्धि शक्ति कहा गया है। प्रतिभा और कल्पना शक्ति भी यही हैं। इनकी मूर्ति तपोमयी है तपस्या करने वाले अपने भक्त को यह तत्काल फल प्रदान करती हैं। सिद्धि विद्या स्वरूपिणी होने के कारण वह सिद्धि देने वाली हैं।



यात्रा कथा
पवित्र गुफा लगभग 98 फुट लम्बी है। गुफा के भीतर व बाहर कई अन्य सांकेतिक दर्शन भी हैं। मान्यता है कि सभी 33 करोड़ देवी-देवताओं ने इस गुफा में किसी न किसी समय माता की उपासना की है व अपने चिन्ह छोड़े हैं। यह भी माना जाता है कि प्रात: व सायंकालीन पूजन व आरती के समय देवी-देवता पवित्र गुफा में माता की वंदना हेतु आते हैं। गुफा के मुख पर बाएं हाथ की ओर वक्रतुंड श्री गणेश के दर्शन हैं। समीप ही सूर्य व चंद्रदेव के चिन्ह हैं। गुफा में प्रवेश करते ही भैरों नाथ का शिला रूपी धड़ आता है। भैरों नाथ के धड़ के पश्चात श्री हनुमान के दर्शन होते हैं व उसी स्थान पर माता के पावन चरणों से होकर आती चरण गंगा कलकल बहती है।



इस स्थान के बाद यात्री को इसी चरणगंगा के जल में से होकर आगे बढऩा होता है जहां से 23 फुट की दूरी पर बाएं हाथ पर ऊपर की ओर गुफा की छत मानो शेषनाग के असंख्य फनों पर टिकी नजर आती है। शेषनाग के फन के नीचे माता का हवन कुंड व उसके पास माता के शंख, चक्र, गदा व पद्म के चिन्ह हैं। उसके ऊपर गुफा की छत को छूते हुए पांच पांडव, सप्त ऋषि, कामधेनु के थन, ब्रह्मा, विष्णु, महेश व शिव पार्वती के चिन्ह हैं।

92 केसों का मुलजिम बुजुर्ग वकील गिरफ्तार


 
रोहिणी।। उनकी उम्र 73 साल है। उनके खिलाफ 1964 से इस साल तक चीटिंग, जालसाजी और वाहन चोरी के 92 केस दर्ज हो चुके हैं। वह फौजदारी वकील हैं, लेकिन अदालतों से कारें चोरी करते हैं। वह हैंड राइटिंग डिप्लोमा होल्डर हैं, लेकिन उससे मिले ज्ञान को फर्जी दस्तखत करने में इस्तेमाल करते हैं। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

धनीराम मित्तल (73) सोनीपत के मोहन नगर के मूल निवासी हैं। अडिशनल डीसीपी पी. करुणाकरण के मुताबिक, रोहिणी में एम2के सिनेमा के नजदीक मारुति जेन में सवार धनीराम को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि उसने यह कार पश्चिम विहार से 20 दिन पहले चुराई थी। उसकी निशानदेही पर रोहिणी नॉर्थ से चोरी की गई बाइक भी बरामद की गई। उससे मारुति 800 और सैंट्रो भी बरामद की गई। इन दोनों कारों से वह टारगेट की गई कार की साइड में खड़ी कर गाड़ी चोरी करता था।

भिवानी के तोशाम कस्बे में जन्मे धनीराम ने बीएससी फर्स्ट क्लास में करने के बाद हैंड राइटिंग और ग्राफोलॉजी में डिप्लोमा किया। उसने 1970 में लॉ की डिग्री हासिल कर रोहतक कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दी। धनीराम ने पुलिस को बताया कि उसी साल उसने एक डिस्ट्रिक्ट जज की कंपलसरी लीव का फर्जी ऑर्डर तैयार कर उन्हें छुट्टी भिजवा दिया। उसके बाद धनीराम ने अपना फर्जी नियुक्ति पत्र तैयार किया और खुद 40 दिन तक जज के तौर पर काम करता रहा था। धनीराम के खिलाफ पहला मुकदमा चोरी और चीटिंग के आरोप में 1964 में रोहतक में दर्ज हुआ। उसके बाद उत्तरी दिल्ली के सब्जी मंडी, हिसार, जींद, रोहतक, मोती नगर, दरियागंज, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, किंग्स्वे कैम्प, करनाल, बीकानेर, श्रीगंगानगर, लाहौरी गेट, भिवानी, बाड़ा हिंदूराव, कनॉट प्लेस, फरीदाबाद, आईपी एस्टेट, तिलक मार्ग, गोहाना, बहादुरगढ़, गुड़गांव, चंडीगढ़, हरिनगर, डाबड़ी, रानी बाग आदि थानों में 2009 तक कुल 89 मुकदमे उस पर दर्ज हुए। इनके बाद इस साल उस पर सुभाष प्लेस, नॉर्थ रोहिणी और पश्चिम विहार में भी वाहन चोरियों के केस दर्ज हुए।
अडिशनल डीसीपी के अनुसार , धनीराम चोरी की जाने वाली कार को टारगेट करने के बाद उसकी साइड मेंअपनी कार खड़ी कर देता था। इसके बाद मास्टर की से उस कार को खोलकर उसे चुराता था। अगर इस दौरानवह पकड़ा जाता तो अपनी बढ़ी हुई उम्र में याददाश्त को जिम्मेदरार ठहरा कर वह साइड में खड़ी कार दिखातेहुए अपनी गलती मान लेता था। कार चोरी में कामयाबी मिलने पर वह ट्रांसपोर्ट दफ्तरों में अपनी जान पहचानसे फर्जी कागजात तैयार करवा कर उन्हें बेच देता था।