दुपहिया वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश, 3 गिरफ्तार, 12 मोटर साईकल बरामद बाड़मेर अपराध समाचार सरहद से
बाड़मेर बाड़मेर व आस पास के क्षेत्र में पिछले कुछ समय से हो रही मोटरसाईकिल चोरी की
घटनाओं का पता लगाने के लिये जिला पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट , बाड़मेर द्वारा श्री केलाशचन्द्र मीणा नि.पु. थानाधिकारी पुलिस थाना सदर बाड़मेर के नेतृत्व मे एक विशोष पुलिस दल गठित किया गया।
उक्त पुलिस दल द्वारा आसूचना एकत्रित कर संदिग्ध लोगो पर कड़ी निगरानी रखते हुए संदिग्ध देवीलाल पुत्र रूपाराम निवासी मु़ो की ़ाणी . नारायणराम पुत्र रणछोड़राम निवासी बालोतरा व . लिखमाराम पुत्र तुलछाराम निवासी माडपुरा सानी को दस्तयाब कर गहनता से पूछताछ की गई तो इन तीनो ने बाड़मेर व बालोतरा शहर से मोटर साईकले चुराना स्वीकार किया। जिनकी निशानदेही पर अब तक कुल 12 मोटरसाईकले बरामद की जा चुकी है। जिनसे आगे पूछताछ जारी है।
पिछले 24 घण्टो में दर्ज प्रकरण
1. प्रार्थी श्री मनोहरलाल पुत्र मदनलाल अग्रवाल नि. बाड़मेर ने मुलजिम अज्ञात वाहन के चालक के
विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा अबाणियों की ़धाणी के पास स्थित पेन्ट्रोल पम्प से
1040 लीटर डिजल भरवाकर सेल्स मेन को बिल काटने का कहकर रूपये नही देकर भाग जाना
वगेरा पर अज्ञात मुलजिम के विरूद्व पुलिस थाना नागाणा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम
अनुसंधान किया जा रहा है।
2. प्रार्थी श्री गफुर पुत्र सिधल मुसलमान नि. पाबुसरिया ने मुलजिम सुरतान पुत्र वली मुसलमान नि.
कटल का पार वगेरा 7 के विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा एक राय होकर
मुस्तीगस का रास्ता रोककर मारपीट कर जेब से रूपये चुराकर ले जाना वगेरा पर मुलजिमान के
विरूद्व पुलिस थाना रामसर पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
3. प्रार्थी श्री अलीखां पुत्र खमीशा मुसलमान नि. सेड़वा वगेरा ने मुलजिम सखरखां पुत्र कायमखां
मुसलमान नि. सेड़वा विरूद्व मुकदमा दर्ज करवाया कि मुलजिम द्वारा एक राय होकर मुस्तगीस के
प्लोट में प्रवेश कर गाली गलोच करना व मारपीट कर झुपा जलाना वगेरा पर मुलजिमान के
विरूद्व पुलिस थाना सेड़वा पर मुकदमा दर्ज किया जाकर अग्रीम अनुसंधान किया जा रहा है।
एनडीपीएस एक्ट के तहत पुलिस की कार्यवाही, बोलेरो सहित दो गिरफ्तार
अफीम का दूध बरामद
बाड़मेर पुलिस थाना सदर बाड़मेर में दर्ज वाहन चोरी के प्रकरण में वाहन व
मुलजिम की दस्तयाबी हेतु श्री घेवराराम उ.नि. मय पुलिस पार्टी थाना सदर द्वारा श्री केलाशदान
उ.नि. पुलिस थाना गुड़ामालानी मय पुलिस पार्टी की ईमदाद लेकर पुलिस थाना गुड़ामालानी के
हल्खा क्षेत्र सरहद नई उण्दडी में संदिग्ध वाहन बोलेरो एसएलएक्स नम्बर पीबी 23 जे 6024 को
दस्तयाब कर वाहन की तलाशी लेने पर वाहन में 1 किलो 200 ग्राम अवेध व बिना लाईसेन्स का
अफीम का दूध बरामद कर मुलजिम राजेश पुत्र हेमराज ब्राहमण व भावाराम पुत्र हंजाराम जाति
पुरोहित निवासी नई उण्दडी को गिरफ्तार कर पुलिस थाना गुड़ामालानी पर मुलजिमान के विरूद्व
एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज करने में सफलता प्राप्त की गई।
30 लाख रूपये की चण्डीग़ढ निर्मित अवेैध शराब से भरा ट्रर्बो ट्रक जब्त, 1 गिरफ्तार
बाड़मेर बाड़मेर पुलिस ने भरी मात्र में अवेध शराब पकड़ने में सफलता हासिल की हें .साथ ही आरोपी को गिरफ्तार किया हे .पुलिस अधीक्षक राहुल बारहट ने बताया की जिले में अवेध
शराब की रोकथाम के लिए चलाये जा रहे सघन अभियान के तहत श्री दलपतसिंह नि.पु. मय पुलिस पार्टी
थाना बालोतरा द्वारा मुखबीर की ईत्तला पर मेगा हाईवे पर सांकरड़ा बेरा के पास खड़े ट्रर्बो ट्रक
नम्बर जीजे 12 एटी 0327 को चालक हुक्माराम पुत्र जेठाराम जाट निवासी बाटाडू सहित
दस्तयाब कर वाहन की तलाशी ली गई तो अन्दर अवेध व बिना परमिट की चण्डीग़ढ निर्मित
शराब से भरे कुल 962 कार्टून में 7 हजार 200 बोतल, 27 हजार 216 पव्वे व 1 हजार 140 अद्वे
अंग्रेजी शराब बरादम कर अवेध शराब व ट्रक को जब्त कर मुलजिम को गिरफतार किया जाकर
पुलिस थाना बालोतरा पर आबकारी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज करने में महत्वपूर्ण सफलता
हासिल की। शराब की कीमत तीस लाख रुपये आंकी गयी हें
इंश्योरेंस अफसर के 6 ठिकानों पर छापे
जयपुर। सीबीआई ने बुधवार को ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी के अधिकारी बीएल दायमा के करीब आधा दर्जन ठिकानों पर छापे मारे गए। सीबीआई ने
दायमा के कार्यालय और आवास पर छापा मारा। छापे की कार्रवाई मानसरोवर और शांतिनगर में हुई। सीबीआई का कहना है कि जब्त दस्तावेजों को खंगालने के बाद आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। सीबीआई की जयपुर इकाई के प्रवक्ता ने बताया कि दुर्घटना के मामले में बैक डेट में इंश्योरेंस कर फर्जी तरीके से करीब साढ़े चार लाख रूपए का क्लेम उठा लेने की शिकायत मिली थी।
इस पर सीबीआई के उप अधीक्षक संजय शर्मा की अगुवाई में विशेष्ा दल का गठन कर जांच शुरू की गई। जांच में ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी के प्रशासनिक अधिकारी बीएल दायमा की भूमिका संदिग्ध मिली, जिस पर यह कार्रवाई की गई। मामला अक्टूबर 2007 का है, जब एक ट्रैक्टर से एक युवक की मौत हो गई थी। बताया जाता है कि दुर्घटना के एक दिन पहले ही ट्रैक्टर के इंश्योरेंस की अवधि खत्म हो गई थी लेकिन आरोपी ट्रैक्टर मालिक ने ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी के प्रशासनिक अधिकारी बीएल दायमा से सांठ-गांठ कर बैकडेट में इंश्योरेंस करवा लिया।
जोधपुर. शहर में बढ़ते अतिक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए अब अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके लिए पॉलिसी तय की गई है। नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव जीएस संधु ने यह जानकारी जेडीए व नगर निगम के विकास कार्यो को देखने के बाद पत्रकारों से बातचीत में दी।
उन्होंने कहा कि जेडीए व निगम में शीघ्र ही टाउन प्लानर की नियुक्ति की जाएगी। भदवासिया ओवरब्रिज के बाद शीघ्र ही चार और ओवरब्रिज व अंडरब्रिज का निर्माण शुरू होगा। संधु ने बताया कि जयपुर व जोधपुर में सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए दोनों ही शहरों में डोर-टु-डोर वेस्ट कलेक्शन का काम निजी कंपनी को सौंपा जा चुका है। जोधपुर में बीआरटीएस के पहले चरण में सरकार ने 39 बसें चलाने की स्वीकृति दी है। तीन महीने में बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। शहर में दो स्थानों पर अंडरग्राउंड व मल्टीस्टोरी पार्किग बनाने की जगह का चयन किया जा चुका है।
बस में बैठ देखी शहर की बदलती सूरत
जीएस संधु मंगलवार को चार घंटे शहर में घूमे। लगातार दूसरे दिन बस से शहर भ्रमण कर सूर्यनगरी की बदलती सूरत को देखा। जेडीए व नगर निगम के अधिकारियों को दिशा-निर्देश भी दिए। संधु सर्किट हाउस से निर्धारित समय से एक घंटे दस मिनट की देरी से रवाना होने के कारण आधे कार्यो को ही देख सकें। महापौर रामेश्वर दाधीच, कलेक्टर सिद्धार्थ महाजन, निदेशक ताराचंद मीणा, निगम सीईओ रामजीवन मीणा, आयुक्त जुगलकिशोर मीणा, जेडीए सचिव हरजीलाल अटल के साथ तिलक नगर सामुदायिक भवन, डिगाड़ी नाला, सड़क निर्माण, नांदड़ी गौशाला व सालावास में संचालित हो रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट सहित अन्य विकास कार्यो का निरीक्षण किया।
शहर के विकास के लिए नगर निगम की इस तरह पूरी हो सकती हैं उम्मीदें
राज्य सरकार से उम्मीद
जोधपुर नगर निगम को जेएनएनयूआरएम में शामिल करवाए।
सीवर तंत्र को मजबूत करने के लिए 350 करोड़ रुपए की जरूरत।
फायर तंत्र के लिए 5 करोड़ की लागत से 4 वाटर बाउजर आदि चाहिए।
सीवर तंत्र के रखरखाव के लिए 12 करोड़ रु. वार्षिक खर्च होते हैं। 3 करोड़ रुपए पीएचईडी देती है, शेष 9 करोड़ रु. भी दिलवाए जाएं।
चुंगी पुनर्भरण अनुदान में 12 करोड़ की वृद्धि की जाए।
जेडीए से उम्मीद
जेडीए 15 अप्रैल, 2010 के पहले व बाद की भूमि विक्रय से प्राप्त आय 50 करोड़ निगम को दे।
जेडीए से स्वीकृत विभिन्न विकास कार्यो की 20 करोड़ की राशि हस्तांतरित करवाए।
आखलिया चौराहा विकास योजना से प्राप्त आय की 50 फीसदी राशि उपलब्ध करवाए।
16 गांवों से संबंधित सर्वे सूचियां, गार्ड फाइल व नियमन पत्रावली तथा संपत्ति रजिस्टर भिजवाए।
46 खसरों के नियमन की समस्त पत्रावलियां निगम में शिफ्ट करने के लिए जेडीए को पाबंद करे।
आवासन मंडल से उम्मीद
आवासन मंडल द्वारा हस्तांतरित योजना की समस्त परिसंपत्तियां निगम में हस्तांतरित करें।
चौपासनी, मधुबन, डीडीपी नगर व प्रतापनगर हाउसिंग योजना में भूखंड विक्रय से आय की 15 फीसदी राशि निगम खाते में शिफ्ट करवाए।
निगम को हस्तांतरित चौपासनी हाउसिंग बोर्ड में सड़क व सीवर निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपए की जरूरत।
आवासन मंडल की निगम क्षेत्राधिकार में निर्माणाधीन परियोजना की भवन निर्माण की इजाजत निगम से लेने के निर्देश दें।
पीडब्ल्यूडी से उम्मीद
निगम के उपयोग में आ रही सात नजूल संपत्तियों को निशुल्क हस्तांतरित किया जाए।
कलेक्ट्रेट से उम्मीद
निगम सीमा में स्थित समस्त राजकीय सिवाय चक्र भूमि को निगम में हस्तांतरित किया जाए।
रेलवे से उम्मीद
भगत की कोठी से फिदूसर तक रेलवे के अनुपयोगी ट्रैक की भूमि शिफ्ट करवाए। सिटी स्टेशन व राइकाबाग में पार्किग स्थल को मल्टीस्टोरी पार्किग में परिवर्तन करने के निर्देश दे।
सरकार ने हुक्म दे रखा है क्या: व्यास
संधु के शहर भ्रमण पर रवाना होने के पूर्व सूरसागर विधायक सूर्यकांता व्यास सर्किट हाउस पहुंचीं। इस दौरान विधायक काफी भावुक हो गईं। उन्होंने संधु को खरी-खरी सुनाई। विधायक ने सूरसागर विधानसभा क्षेत्र के कुछ इलाकों के अतिक्रमण का हवाला देते हुए कहा कि शहर में भूमाफिया को निगम अफसरों का संरक्षण प्राप्त है। ‘मैंने इसको लेकर कई पत्र लिखें, लेकिन निगम अफसरों ने मेरे पत्रों पर जवाब देने की तो जैसे कसम खा रखी है।
अगर सरकार ने मेरे साथ ऐसा ही बर्ताव करने का हुक्म दे रखा है तो आप साफ बताइए। मैं आपको मेरी पीड़ा लिखकर दे रही हूं। इसके बाद भी अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो मेरे पास विधानसभा में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव पेश करने के सिवाय कोई चारा नहीं बचेगा।’ भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष घनश्याम वैष्णव के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल ने संधु से मिलकर स्थिति से अवगत करवाया। वैष्णव ने आखलिया सर्किल को चौराहा का रूप देने की मांग की।
यमुनानगर.चंडीगढ़ सेक्टर-11 निवासी व्यापारी के साथ उसके साथी ने फिल्मी अंदाज में 40 करोड़ की ठगी कर ली। साहा स्कूल में बच्चे के दाखिले के दौरान आरोपी की मुलाकात व्यापारी से हुई। व्यापारी को ठगी का पता लगने पर बचाव में आरोपी ने व्यापारी के बेटे के एक महिला से शारीरिक संबंध बनवाए।
ब्लैक मेलिंग कर व्यापारी से 20 करोड़ में सौदा कर 10 करोड़ रुपए ले लिए। शेष राशि न मिलने पर महिला के बयान पर व्यापारी के बेटे के खिलाफ दुराचार का केस दर्ज करवा दिया। पुलिस जांच में आरोपी की साजिश का खुलासा हो गया। पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। निशानदेही पर 54 लाख रुपए पुलिस ने बरामद किए।
कोर्ट में पेशकर पुलिस ने आरोपियों को पांच दिन के रिमांड पर लिया है। वर्ष 2010 में नाहरपुर निवासी सोनू बंसल साहा स्कूल में बच्चे का दाखिला कराने गया था। उसकी मुलाकात स्कूल मालिक चंड़ीगढ़ सेक्टर-11 निवासी ईश्वर चंद बंसल के साथ हुई।
सोनू व्यापारी के साथ ब्रोकर के रूप में काम करने लगा। ईश्वर चंद के विश्वास का लाभ उठाते हुए सोनू ने महज कागजों में जमीन दिखाकर उसकी एवज में व्यापारी से 25 करोड़ रुपए ठगी कर ली। पुलिस जांच में सामने आया कि सोनू ने ईश्वर चंद को बेची गई जमीन हकीकत में कहीं नहीं थी।
सोनू ने व्यापारी से पैसे ऐंठने के लिए जगाधरी के बिट्टू के साथ मिलकर तरकीब बनाई। बिट्टू ने सोनू को सोनीपत के राज मलिक से मिलवाया। उन्होंने व्यापारी के बेटे अजय को फंसाने के लिए महिमा नाम की लड़की को ढाल बनाया।
महिमा प्लान के मुताबिक अजय को जगाधरी वर्कशाप रोड स्थित प्रतिष्ठित होटल में ले गई। वहां पर उसके साथ शारीरिक संबंध बना लिए। सोनू ने अजय व महिमा के शारीरिक संबंध की क्लिपिंग की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल करने लगा।
साजिश में सोनू ने अपने साथी महिमा, सिक्का, वरुण, सुलतान के साथ मिलकर व्यापारी को हांसी बुला लिया। आरोपियों ने समझौते के लिए 50 करोड़ रुपए की मांग रखी। सौदा 20 करोड़ रुपए में हो गया। पुलिस का कहना है कि 10 करोड़ रुपए पीड़ित पक्ष ने तुरंत मौके पर ही दे दिए। शेष 10 करोड़ रुपए के लिए पीड़ित पक्ष ने समय मांगा। कुछ दिनों के बाद सोनू ने ईश्वर चंद से संपर्क किया।
व्यापारी ने उसके खाते में चार करोड़ रुपए जमा कर दी। इसके बाद भी महिमा ने ईश्वरचंद के लड़के अजय के खिलाफ 12 मई को थाना शहर में दुराचार का मामला दर्ज करा दिया। पुलिस जांच में मामला फर्जी निकला। पुलिस पूछताछ में सोनी व उसके साथी वरुण ने पूरी सच्चाई ब्यां कर दी। उनसे 54 लाख रुपए की राशि भी बरामद की।
एसएचओ को भी दी थी धमकी
मामले में गिरफ्तार हुए सोनू और वरुण को छुड़वाने के लिए किसी महिला ने शहर थाना प्रभारी संदीप के मोबाइल पर फोन कर छोड़ने के लिए कहा। एसएचओ के पूछने पर बात करने वाली महिला ने खुद को न्यायाधीश बताया। नहीं छोड़े जाने पर वर्दी उतरवाने की धमकी दी। छानबीन में मामला फर्जी निकाला। थाना प्रभारी ने धमकी देने वाली महिला के खिलाफ केस दर्ज करवा दिया है।
इस पर बिगड़ गई बात
थाना प्रभारी संदीप कुमार ने बताया कि चार माह पहले सोनू ने व्यापारी को यूपी में 1200 बीघा जमीन दिलवाई। इसी दौरान रणजीतपुर के धनौरा गांव में 170 किले साढ़े 10 लाख रुपए में खुद लेकर उसे आगे ईश्वर चंद को साढ़े 18 लाख रुपए में बेच दी। इस बारे में व्यापारी को पता चल गया। ईश्वर चंद ने सोनू के साथ काम करना बंद कर दिया।
जयपुर. सायबर ठगों ने अब भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को ठगी करने का जरिया बना लिया है। ठगों ने आरबीआई के नाम से लोगों को फांसने के लिए 3 फर्जी वेबसाइट बना डाली हैं, जिनका पहला पेज हू-ब-हू आरबीआई की असली साइट जैसा लगता है। सायबर एक्सपर्ट राजशेखर राजहरिया के मुताबिक ऐसी और भी वेबसाइट्स हो सकती हैं। फिलहाल, जिन फर्जी वेबसाइट्स का पता चला है वे हैं-
www.serverbi.co.in, www.rbionline.co.in और www.rbimediaclippings.org, जबकि आरबीआई की असली वेबसाइट www.rbi.org.in है। ठगों ने लोगों में विश्वास बनाने के लिए और फर्जी वेबसाइट को असली दिखाने के लिए आरबीआई के फर्जी आई कार्ड बना रखे हैं और वेबसाइट के पेज पर आरबीआई गवर्नर डॉ. डी सुब्बाराव का फोटो भी लगाते हैं।
इसके अलावा साइट उसी कलर-कॉम्बिनेशन व आइटम्स वाली है, जैसी आरबीआई की असली वेबसाइट है। कोई भी व्यक्ति इनके असली साइट होने का धोखा खा सकता है। ऐसा होने के बावजूद आरबीआई ने अभी तक इन्हें ब्लॉक नहीं करवाया है। जयपुर में आरबीआई के बैंकिंग ऑम्बड्जमैन विभाग के मैनेजर एनके शर्मा के मुताबिक उन्हें ऐसी किन्हीं फर्जी वेबसाइट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। इस समस्या का समाधान आरबीआई में केंद्रीय स्तर पर ही हो सकता है।
आईबीए की भी नहीं मानी बैंकों ने
आरबीआई के नाम से हो रहे फ्रॉड पर इंडियन बैंक्स एसोसिएशन (आईबीए) ने बैंकों को कई बार चेताया था कि वे लोगों को जागरूक करने के लिए उपाय करें। बैंको और एटीएम कियोस्क में पोस्टर लगवाएं वहीं एटीएम की स्क्रीन पर भी यह डिस्प्ले हो जब मशीन काम में न ली जा रही हो। ..लेकिन बैंकों ने आईबीए के सुझाव नजरअंदाज ही किए।
ठग भेजते हैं फर्जी इनामी मेल
वेब फ्रॉड करने वाले ठग आम लोगों को आरबीआई के नाम से ई-मेल भेजकर इनाम व लोन पाने के मैसेज भेज रहे हैं। ई-मेल में 5 लाख ब्रिटिश पाउंड जीतने का दावा किया जाता है तो कभी 85 लाख रुपए का। इसे प्रमाणित मेल दिखाने के लिए ठग इसमें आरबीआई के गवर्नर डॉ. डी सुब्बाराव की फोटो भी लगाते हैं।
मैसेज की भाषा होती है- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के फॉरेन एक्सचेंज ट्रांसफर डिपार्टमेंट आपको सूचित करता है कि ब्रिटिश सरकार और स्विस वल्र्ड बैंक में 2000 से 2012 के बीच लंबित मामलों के निस्तारण की प्रक्रिया के दौरान आपको एक लाभार्थी के तौर पर चुना गया है। यह आपके ईमेल एड्रेस के फाइल रिकॉर्ड के आधार पर किया गया है। हाल ही जयपुर के एक व्यक्ति को ईमेल मिला, इसमें लिखा था- आपको सूचित किया जाता है कि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान आपको अनपेड गवर्नमेंट कॉन्ट्रेक्ट के तहत आरबीआई ने लाभार्थी चुना है। आपको 85 लाख रुपए की राशि दी जा रही है। इस फर्जीवाड़े में बाकायदा पेमेंट फाइल का मनगढ़ंत नंबर भी लिखा होता है।
लाभांश के लिए मांगते हैं क्रेडिटिंग फीस
सायबर एक्सपर्ट राजशेखर बताते हैं- सायबर ठग ईमेल में ऐसी भूमिका बनाते हैं कि लोग उनके झांसे में आ जाते हैं। एक ईमेल में लिखा था- हाल ही आरबीआई के गवर्नर डॉ. डी सुब्बाराव सीनेट टैक्स कमेटी ऑन फाइनेंस से अनक्लेम्ड फंड के सिलसिले में मिले थे। यह काफी समय से पेंडिंग पड़ा है।
राव के मुताबिक लाभार्थियों का धन रोके रखना अच्छी बात नहीं है, इसे जल्द से जल्द बांटा जाए। इसलिए यह धन हम आपको केवल क्रेडिटिंग फीस के बदले दे रहे हैं। यह फीस 12,500 रुपये है। आप हमें अपने अकाउंट नंबर, उसका प्रकार और बैंक का नाम मेल कर दें। आपको एक सप्ताह में धन मिल जाएगा।
सावधान!
हालांकि आरबीआई वक्त-वक्त पर बैंकों को चेताता रहता है कि वे इस बारे में सावधान रहें। चेतावनी के मुताबिक आरबीआई किसी व्यक्ति का खाता नहीं खोलता। आरबीआई के अधिकारियों के नाम के दुरुपयोग की जांच करें। आरबीआई कोई लॉटरी या विदेशों से आया फंड किसी को उपलब्ध नहीं कराता और न ही ऐसे मेल किसी व्यक्ति को भेजता है। आरबीआई की सिर्फ एक ही आधिकारिक वेबसाइट है। यदि ईमेल में किसी लिंक को क्लिक करने की बात लिखी हो तो उसमें अपने अकाउंट संबंधी कोई जानकारी न डालें। ऐसा मेल आने पर पुलिस से संपर्क करें।
28वीं पैदल वाहिनी ;प्रा0से0द्ध पर्यावरण, राज रिफ में
गौरव सेनानियों ;भूतपूर्व सैनिकों की भर्ती
128वीं पैदल वाहिनी ;प्रा0 से0द्ध पर्यावरण, राज रिफ में निम्नलिखित पदों हेतु गौरव सेनानियों एवं ट्रेडमेनों की भर्ती का आयोजन दिनांक 18 जून 2012 से 20 जून 2012 तक ट्रेनिंग ग्राउण्ड, 123वीं पैदल वाहिनी ;प्रा0 से0द्ध ग्रनेडियर, झोटवाड़ा, जयपुर ;राज0द्ध में किया जा रहा है। इस भर्ती हेतु सम्पूर्ण भारत के समस्त गौरव सैनिक पात्र होंगे :
;1 सामान्य ड्यूटी ; पद 131
;2 मोची ; पद 01
;3 वेटर ; पद 01
;4 रसोईया ; पद 02
पात्रता :
;1 आयु दिनांक 18 जून 2012 तक 45 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
;2 सेवानिवृति की अवधि 07 वर्ष से कम।
;3 चिकित्सा श्रेणी
;4 चरित्र उदाहरणीय/बहुत अच्छा।
इच्छुक भूतपूर्व सैनिक अधिक जानकारी हेतु बटालियन के दूरभाष नम्बर 02997228437 पर संपर्क कर सकते हैं।
बाड़मेर सरकारी समाचार जिला परिषद् मनारेगा
रोजगार के आवेदन की रसीद नहीं देने पर लगेगा जुर्माना
रोजगार के आवेदन की रसीद उपलब्ध नहीं कराने को लेकर राज्य सरकार का गंभीर रवैया। दोषियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने जारी किए निर्दश
बाड़मेर, 06 जून। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत रोजगार की मांग करने वाले आवेदकों को प्राप्ति रसीद उपलब्ध नहीं कराने पर एक हजार रूपए का जुर्माना लगेगा। इसको लेकर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के आयुक्त एवं भाासन सचिव ईजीएस ने निर्दो जारी किए है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर डा.वीना प्रधान ने बताया कि रोजगार की मांग करने वाले आवेदनकर्ताओं को आवेदन प्राप्ति की रसीद उपलब्ध नहीं कराना विभागीय निर्दों एवं महात्मा गांधी नरेगा एक्ट 2005 की अनुसूची 2 के पैरा 10 के प्रावधानों की अनदेखी करने की श्रेणी में आता है। नरेगा अधिनियम 2005 के सैकन 25 में प्रावधान है कि जो कोई भी इस अधिनियम के उपबंधों का उल्लंघन करेगा, वह दोष सिद्वी पर जुर्माने का जो एक हजार रूपए तक हो सकेगा। जिला स्तर पर जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं ब्लाक स्तर पर कार्यक्रम अधिकारी अधिनियम के प्रावधानों को सुनिचत कराने हेतु प्राधिकृत अधिकारी है।
जिला कलेक्टर प्रधान के मुताबिक राज्य सरकार के निर्दोानुसार प्रथम बार फार्म 6 की रसीद नहीं दिए जाने पर नरेगा अधिनियम 2005 के सेकन 25 के तहत कार्यवाही की जाएगी। इसके उपरांत भी निर्दों एवं अधिनियम के प्रावधानों की पालना नहीं किए जाने पर संबंधित के विरूद्व नरेगा अधिनियम 2005 के सेकन 25 के साथसाथ कार्मिक विभाग के आदो 08 फरवरी 2010 द्वारा जिला कलेक्टर्स को दी गई भाक्तियों अथवा पंचायतीराज अधिनियम 1994 की धारा 91 क के तहत प्रदान की गई भाक्तियों (जो भी लागू हो ) के तहत कार्यवाही की जाएगी। जिला कलेक्टर के अनुसार रोजगार की मांग करने के लिए फार्म6 ग्राम पंचायत के अलावा सरपंच, वार्ड पंच, नरेगा कार्य स्थल, मेट, रान की दुकान, पटवार घर, निरीक्षक भूअभिलेख, आंगनबाड़ी केन्द्र, आा सहयोगिनी एवं उप स्वास्थ्य केन्द्र पर उपलब्ध कराए गए है। जहां से आवेदक को रसीद भी उपलब्ध कराई जाएगी। आवेदक सादे कागज पर भी कार्य के लिए आवेदन कर सकता है। आवेदन में जोब कार्ड का नंबर, जिस तिथि से रोजगार चाहा गया है तथा जितने दिन का रोजगार चाहा गया है, का वर्णन किया जाना आवयक है। साथ ही मांग पत्र पर श्रमिक/परिवार के मुखिया के हस्ताक्षर/अंगूठा निनी भी आवयक है,क्योंकि इसी रसीद के आधार पर मांग के बावजूद रोजगार उपलब्ध नहीं कराए जाने की स्थिति में, आवेदनकर्ता अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार बेरोजगारी भते की मांग कर सकता है।
अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने बताया कि आवेदन प्रपत्रों में जोब कार्ड संख्या अंकित नहीं होने की स्थिति में आवेदनकर्ता से जोब कार्ड संख्या पूछकर आवेदन पत्र पर अंकित किया जाए। परंतु यदि जोब कार्ड संख्या की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो आवेदन पत्र पर स्पष्टतया यह अंकित किया जाए कि जोब कार्ड संख्या वर्णित नहीं की गई है।
गुगरवाल ने बताया कि आवेदन प्रपत्र सीधे ही कार्यक्रम अधिकारी को दिए जाने पर कार्यक्रम अधिकारी द्वारा दिनांकित रसीद आवेदनकर्ता को दी जावे एवं किन स्थितियों में आवेदन पत्र सीधे ही कार्यक्रम अधिकारी को दिए गए है, का उल्लेख करते हुए आवेदन पत्रों की प्रति अपने कार्यालय में रखते हुए मूल आवेदन ग्राम पंचायत को प्रेषित किए जाए। साथ ही मस्टररोल जारी करते समय यह सुनिचत करें कि आवेदनकर्ता को कार्य पर नियोजित कर दिया गया है। मुख्य कार्यकारी अधिकारी गुगरवाल के मुताबिक नरेगा गाइड लाइन के अनुसार कार्य की मांग के लिए आवेदन पत्र ग्राम पंचायत को दिया जाना चाहिए। श्रमिक द्वारा सीधे ही कार्यक्रम अधिकारी को भी आवेदन प्रस्तुत करने का विकल्प प्राप्त होना चाहिए, परंतु इसे आवयक विकल्प के रूप में काम लेना चाहिए अर्थात जहां तक संभव हो आवेदन ग्राम पंचायत स्तर पर प्रस्तुत किए जाए।
कलेक्टर लिखेंगे प्रत्येक वार्ड पंच को अर्द्व शा सकीय पत्र
रोजगार का आवेदन लेने एवं रसीद देने के लिए वार्ड पंच को अधिकृत करने की जानकारी पत्र के जरिए दी जाएगी। जानकार ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग ने जारी किए निर्दो
बाड़मेर, 06 जून। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत रोजगार की मांग के आवेदन को लेने एवं उसकी रसीद देने के लिए वार्ड पंच को अधिकृत करने के सरकारी आदो के अधिकाधिक प्रचारप्रसार के लिए जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं जिला कलेक्टर सभी वार्ड पंचों को अर्द्व भासकीय पत्र लिखेंगे। इसके लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव सी.एस.राजन ने निर्दो जारी किए है।
जिला कलेक्टर डा.वीणा प्रधान ने बताया कि राज्य सरकार के निर्दोानुसार जिले के समस्त वार्ड पंचों को व्यक्तिगत रूप से पत्र लिखकर अगवत कराया जाएगा। इसके अलावा दीवार लेखन, पम्पलेट वितरण, ग्राम पंचायत भवन एवं अन्य सरकारी भवनों के सूचना पटट के माध्यम से फार्म 6 भरने एवं दिनांकित रसीद प्राप्त करने की जानकारी का प्रचारप्रसार किया जाएगा।
क्या है अर्द्व भासकीय पत्र में: वार्ड पंच को भेजे जाने वाले अर्द्व भासकीय पत्र में लिखा गया है कि महात्मा गांधी नरेगा योजना ग्रामीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत रोजगार की मांग किए जाने पर प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 100 दिवस का गारंटीाुदा अकुाल रोजगार उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। रोजगार के लिए जोब कार्ड धारी परिवार के मुखिया अथवा जोब कार्ड में सम्मिलित श्रमिक को रोजगार की मांग ग्राम पंचायत से करनी होगी। ग्राम पंचायत का सदस्य होने के नाते राज्य सरकार ने आपको फार्म 6 प्राप्त करने एवं प्राप्ति की दिनांकित रसीद आवेदनकर्ता को उपलब्ध कराने के लिए आपको अधिकृत किया है। उक्त निर्दों के अनुरूप आप अपने क्षेत्र के जोब कार्डधारी परिवार से फार्म6 अथवा सादे कागज पर आवेदन प्राप्त करे एवं आवेदनकर्ता को दिनांकित प्राप्ति रसीद आवयक रूप दें। प्राप्त आवेदनों को अविलम्ब ग्राम सचिवालय की साप्ताहिक बैठक में ग्राम पंचायत कार्यालय में देकर उसका इन्द्राज रोजगार रजिस्टर में आवयक रूप से करावें। महात्मा गांधी नरेगा योजना से संबंधित जानकारी एवं िकायत के लिए नि:ाुल्क टेलीफोन नंबर 1800180-6606 पर भी संपर्क किया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा आपको प्रदान किए गए अधिकार का उपयोग करें एवं महात्मा गांधी नरेगा योजना के कि्रयान्वयन में आपकी भागीदारी से अधिकाधिक लोगों को लाभांवित करें।
मनरेगा के चालीस करोड़ ठिकाने लगाने के बाद रिलीव करेंगे इस भ्रष्ट लेखाकार को
बाड़मेर सरहदी जिले के सरकारी महकमे जिला परिषद् मनारेगा के एक भ्रष्ट लेखाकार का स्थानान्तरण हुए बीस दिन से ज्यादा समय हो गया उसके स्थान पर अन्य रिलीवर ने आकर कार्यभार ग्रहण कर लिया .इसी बीच इस लेखाकार ने स्थानान्तरण निरस्त कराने के लिए नेताओ की डयोधिया भी चढ़ी मगर इस कार्मिक के खिलाफ मुख्यमंत्री कार्यालय से जांच के आदेश होने के कारण किसी नेता ने तवज्जो नहीं दी.इधर तबादला निरस्त होने की उम्मीदे धूमिल होने के बाद भी यह शख्स वापस बिना पोस्ट मनारेगा का काम धडाले से निपटा रहा हें सूत्रों की माने तो मनारेगा में पचास करोड़ का बजट आ रखा था जिसमे दस करोड़ की बन्दर बाँट इसके द्वारा कर ली गयी शेष चालीस करोड़ जो सामग्री मद से हें उन्हें ठिकाने लगाने के लिए यह साब यहाँ से जाना नहीं चाहते खबर हें की जिला परिषद् बाड़मेर में लेखाकार का पद रिक्त हें यह जनाब उस पद पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी को गुमराह कर प्रतिनियुक्ति कराने की फिराक में हें जबकि लेखा नियमानुसार लेखाकार की प्रतिनियुक्ति का अधिकार सिर्फ निदेशक लेखा को ही हें इसी बीच बाड़मेर विधायक मेवाराम जैन ने जिला कलेक्टर से मिल कर इस लेखाकार को तुरंत रिलीव करने को कहा हें ,मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल आर गुगरवाल सुलझे अधिकारी हें शायद इनके झांसे में नहीं आये .इतना कुछ होने के बाद इस लेखाकार को सुविधा शुल्क जुटाने के लिए आखिर किस अधिकारी ने रोके रखा हें .जिला परिषद् में प्रतिनियुक्ति की फाईल आखिर किसके आदेश से चलाई गयी यह भी बड़ा राज़ हें .जिला कलेक्टर को चाहिए की लेखाकार को तुरंत रिलीव करे बाड़मेर के विकास के लिए अच्छा रहेगा
बाड़मेर में धोरीमन्ना बनी नई तहसील
अजमेर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राज्य में नई तहसीलों के गठन को लेकर की गई घोषणा आखिर पूरी हो गई है। राजस्व मंडल ने 43 नई तहसील व 38 उप तहसील बनाने की कवायद पूरी कर रिपोर्ट राजस्व महकमे को सौंप दी थी। महकमे ने इनकी अधिसूचना जारी कर दी है। अब राज्य में तहसीलों की संख्या 287 हो गई है वहीं उप तहसीलों की संख्या बढ़कर 135 पहुंच गई है।
बजट घोषणा के तहत 43 नई तहसील व 40 उप तहसील बनाने के लिए राजस्व मंडल के स्तर पर पिछले लंबे अर्से से कवायद की जा रही थी। मंडल प्रशासन ने जिलों से प्रस्ताव प्राप्त कर तहसील व उप तहसील गठन की कार्रवाई की थी। पहली बार मंडल को जिलों से जो प्रस्ताव प्राप्त हुए वे अधूरे थे और इसके चलते राज्य स्तर पर इनको मंजूरी नहीं मिली।
नए सिरे से कवायद करते हुए राजस्व मंडल ने सभी कलेक्टरों को पत्र भेजकर विस्तृत जानकारी भेजने को कहा था। नए सिरे से रिपोर्ट तैयार कर राजस्व महकमे को भिजवाई गई थी। महकमे ने 31 मई को राजस्थान भू राजस्व अधिनियम की धारा 15 व 16 के तहत नवगठित तहसीलों व उप तहसीलों की अधिसूचना जारी कर दी है।
800 पटवार मंडल भी बनाए
नई तहसील और उप तहसीलों के साथ ही राज्य में 800 नए पटवार मंडल भी बनाए गए हैं। पहले पटवार मंडल की संख्या 10040 थी जो अब बढ़कर 10840 हो गई है। नए पटवार मंडल के अनुरूप पटवारियों के स्वीकृत पद भी बढ़ेंगे और रिक्त पद पर जल्द ही नई भर्ती प्रकिया शुरू की जा सकती है।
सीमांतकरण पहली प्राथमिकता
नई तहसील व उप तहसील गठन में राजस्व मंडल को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। मंडल की पहली प्राथमिकता यह रही है कि तहसील व पंचायत समितियां सह सीमांत हों। यानी की एक पंचायत समिति क्षेत्र में एक तहसील होनी चाहिए। अगर किसी पंचायत समिति का आंशिक या बड़ा हिस्सा दूसरी तहसील में शामिल होता है तो यह सह सीमांत नहीं मानी जाएगी। एक ग्राम पंचायत पर एक पटवार मंडल और एक पंचायत समिति पर एक तहसील को आदर्श स्थिति माना गया है।
अजमेर जिले में पुष्कर, रूपनगढ़ तथा टाडगढ़ को नई तहसील बनाया गया है। इसी तरह अलवर में रेणी व नीमराना, बांसवाड़ा में आनन्दपुरी, छोटी सरवन, सज्जनगढ़, बाड़मेर में सेड़वा, व सिणधरी, भरतपुर में भुसावर, भीलवाड़ा में हमीरगढ़, करेड़ा, फूलियाकलां, बदनौर, बूंदी में कालेड़ा, चित्तौड़ में भूपालसागर, चूरू में सुजानगढ़, दौसा में नागेल राजावतान, धौलपुर में सरमथुरा, डूंगरपुर में बिच्छीवाड़ा, जालियाकोट, चिखली, सावला, जैसलमेर में भणियोना, जालौर में चितलवाना व जसवंतपुरा, झालावाड़ में असनावर, झुंझुनूं में सूरतगढ़, मलसीसर, जोधपुर में बाप, बालेसर, बावड़ी तथा पीपाड़शहर, कोटा में कनवास, नागौर में कुचामनसिटी, रियांबड़ी, सवाईमाधोपुर में वजीरपुर, सीकर में रामगढ़ शेखावटी, खंडेला तथा धोद, उदयपुर जिले में बड़गांव को नई तहसील के रूप में सृजित किया है।
राजस्व ग्रुप-1 की ओर से 38 तहसीलों की अधिसूचना जारी की गई है। इनमें अरांई, श्रीनगर तथा सावर उपतहसील का सृजन अजमेर में किया गया है। इसी तरह भरतपुर में जुरहरा, लखनपुर, रारह तथा जनूथर, भीलवाड़ा में बागौर, काछोला, चित्तौड़ में बस्सी, दौसा में रामगढ़ पछवारा, सिकंदरा, मंडावर तथा बांदीकुई, श्रीगंगानगर में जैतसर, लालगढ़ जाटान, मिरजेवाला, रावला तथा रजियासर स्टेशन, झुंझुनूं में गुढ़ा गौढजी, करौली में सूरोठ, बारां में नाहरगढ़, बाड़मेर में धोरीमन्ना, हनुमानगढ़ में रामगढ़, सवाईमाधोपुर में तलावड़ा, टोंक में डिग्गी, नागौर में छोटी खाटू, सीकर में अजीतगढ़, पाटन तथा नेछवा, उदयपुर में फलासिया, नया गांव, सायरा, सेमरी, जयपुर में आंधी तथा बगरू, बाड़मेर के समदड़ी में उप तहसील का गठन किया गया है।
अजमेर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की राज्य में नई तहसीलों के गठन को लेकर की गई घोषणा आखिर पूरी हो गई है। राजस्व मंडल ने 43 नई तहसील व 38 उप तहसील बनाने की कवायद पूरी कर रिपोर्ट राजस्व महकमे को सौंप दी थी। महकमे ने इनकी अधिसूचना जारी कर दी है। अब राज्य में तहसीलों की संख्या 287 हो गई है वहीं उप तहसीलों की संख्या बढ़कर 135 पहुंच गई है।
बजट घोषणा के तहत 43 नई तहसील व 40 उप तहसील बनाने के लिए राजस्व मंडल के स्तर पर पिछले लंबे अर्से से कवायद की जा रही थी। मंडल प्रशासन ने जिलों से प्रस्ताव प्राप्त कर तहसील व उप तहसील गठन की कार्रवाई की थी। पहली बार मंडल को जिलों से जो प्रस्ताव प्राप्त हुए वे अधूरे थे और इसके चलते राज्य स्तर पर इनको मंजूरी नहीं मिली।
नए सिरे से कवायद करते हुए राजस्व मंडल ने सभी कलेक्टरों को पत्र भेजकर विस्तृत जानकारी भेजने को कहा था। नए सिरे से रिपोर्ट तैयार कर राजस्व महकमे को भिजवाई गई थी। महकमे ने 31 मई को राजस्थान भू राजस्व अधिनियम की धारा 15 व 16 के तहत नवगठित तहसीलों व उप तहसीलों की अधिसूचना जारी कर दी है।
800 पटवार मंडल भी बनाए
नई तहसील और उप तहसीलों के साथ ही राज्य में 800 नए पटवार मंडल भी बनाए गए हैं। पहले पटवार मंडल की संख्या 10040 थी जो अब बढ़कर 10840 हो गई है। नए पटवार मंडल के अनुरूप पटवारियों के स्वीकृत पद भी बढ़ेंगे और रिक्त पद पर जल्द ही नई भर्ती प्रकिया शुरू की जा सकती है।
सीमांतकरण पहली प्राथमिकता
नई तहसील व उप तहसील गठन में राजस्व मंडल को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। मंडल की पहली प्राथमिकता यह रही है कि तहसील व पंचायत समितियां सह सीमांत हों। यानी की एक पंचायत समिति क्षेत्र में एक तहसील होनी चाहिए। अगर किसी पंचायत समिति का आंशिक या बड़ा हिस्सा दूसरी तहसील में शामिल होता है तो यह सह सीमांत नहीं मानी जाएगी। एक ग्राम पंचायत पर एक पटवार मंडल और एक पंचायत समिति पर एक तहसील को आदर्श स्थिति माना गया है।
राजनीती की भेंट चडी सरकारी कारिंदे बाड़मेर के सरकारी महकमे फिर खाली
बाड़मेर। जिले को कांग्रेसनीत सरकार ने चार चार लालबत्तियां दे दी तो ऎसा लगा कि अब बाड़मेर का ही जोर चलेगा, लेकिन तबादलों के बाद सीमावर्ती जिला और कमजोर हो गया है। दूसरे जिलों के जनप्रतिनिधि अपने चहेते कार्मिकों को अपने जिलों में ले गए और यहां के चलती वाले देखते ही रह गए। पहले से पद रिक्तता का दंश भोग रहे यहां के लोग अब सरकारी सेवाओं, योजनाओं, सुविधाओं के लिए और तरसते नजर आएंगे।
जिले के मंत्री, सांसद, विधायक और तमाम जनप्रतिनिधि यही दावा करते रहे हैं कि जिले को समस्याओं से उबारा जाएगा और वे ऎसा करेंगे जैसा आज तक किसी ने नहीं किया है। गाहे ब गाहे यह जताते भी रहते हैं कि वे राज्य सरकार में इतने खास और चलती वाले हो गए है कि उनकी ही चलती है, लेकिन हाल ही में हुए तबादलों में सभी का आईना सामने आ गया है। शर्मनाक स्थिति यह है कि बाहरी जिलों के कर्मचारी बाड़मेर में थोड़ी बहुत नौकरी करने के बाद एप्रोच लगाकर चलते बने। बाड़मेर के लोग जो अन्य जिलों में है वे तमाम सिफारिशे लगाने के बावजूद जिले में नहीं आ पाए है। पद रिक्तता और बढ़ गई है। अब अफसरों को भी समझ में नहीं आ रहा है कि वे कैसे कार्य करेंगे।
राजस्व महकमा
राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी बाड़मेर जिले के ही है। जिले से 23 पटवारियों को बाहर भेज दिया गया है। एक पटवारी अन्य जिले से बाड़मेर आया है। पांच तहसीलदार गए है और चार आए है। नायब तहसीलदार भी पांच गए है और दो ही आए है। इसके अलावा चार कनिष्ठ लिपिक और दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के बाहरी जिलों के आदेश हुए है।
चिकित्सा विभाग
जिले में पद रिक्तता की स्थिति पहले से ही बुरी थी। इसमें कोढ़ का खाज यह है जिले से 87 एएनएम को बाड़मेर जिले से बाहर भेजा गया है। बदले में 33 बाड़मेर आई है। वहीं 14 चिकित्सकों का तबादला बाड़मेर जिले से हुआ है और आए सिर्फ पांच ही है। जिला मुख्यालय बाड़मेर के अस्पताल में चिकित्सकों के साठ प्रतिशत पद रिक्त है। नियुक्ति के लिए तमाम दावे किए गए, लेकिन एक भी नहीं आया। बालोतरा अस्पताल से दो लेब टेक्निशियन, एक रेडियोग्राफर और एक कंपाउण्डर का तबादला हो गया है।
वन विभाग
वन विभाग में चार रेंज खाली हो गई है। यहां तीन फोरेस्टर, दो रेंजर के तबादले हुए है। चार रेंज खाली होने से आने वाले दिनों में हरित राजस्थान सहित अन्य कार्यक्रमों का क्या हाल होगा इसकी फिक्र किसी को नहीं है।
रोडवेज में नहीं चैकिंग वाले- घाटे में चल रही रोडवेज भी तबादलों से अछूती नहीं रही है। 38 कार्मिकों के तबादले हुए है। आए 22 ही है। चालक 11 गए और तीन आए है। इसी तरह मैकेनिक 9 गए और दो आए है। मैनेजर का भी एक पद खाली हो गया है। अब आगार प्रबंधक के अलावा कोई अधिकारी नहीं है जिसके पास रोडवेज की बसों की जांच करने का पॉवर हों।
जिला परिषद
जिला परिष्ाद में जाने वालों में ग्रामसेवकों की बड़ी संख्या है। इसके अलावा एक अधिशासी अभियंता, एईएन सिंचाई, जूनियर एकाउंटेेट, कनिष्ठ लेखाकार का भी तबादला हुआ है। आईसीडीएस में सिवाना के सीडीपीओ का तबादला हो गया है और उनकी जगह बीडीओ को कार्य दिया गया है। इसी तरह समाज कल्याण विभाग में एक वार्डन और एक लेखाकार को बाहर भेज दिया गया, आया कोई नहीं।
क्या होगा काम की गारंटी का
एक तरफ राज्य सरकार ने काम की गारंटी कानून लागू कर दिया है। आम आदमी का काम नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की बात कही जा रही है। दूसरी तरफ इतने सारे कार्मिक चले जाने के बाद अब काम कौन करेगा यह सवाल खड़ा हो गया है।
पक्ष रखेंगे
अभी रिलीव नहीं हुए है। राज्य सरकार के समक्ष पक्ष रखेंगे। जिले के हित में निर्णय होगा। तबादलों का सही आंकड़ा मेरे पास अभी नहीं आया है।
हरीश चौधरी सांसद