बुधवार, 30 मई 2012

गुगरवाल ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद भार संभाला


विकास योजनाओं का होगा प्रभावी कि्रयान्वयनःगुगरवाल 

गुगरवाल ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद भार संभाला 

बाड़मेर, 30 मई। ग्रामीण विकास योजनाओं के प्रभावी कि्रयान्वयन के साथ आमजन की समस्याओं के समाधान का प्रयास किया जाएगा। सरकारी योजनाओं का जरूरतमंदों एवं वास्तविक लोगों को फायदा मिले। इसके लिए नियमित रूप से मोनेटरिंग भी की जाएगी। यह बात जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एल.आर.गुगरवाल ने बुधवार को पदभार संभालने के बाद कही। 
गुगरवाल ने कहा कि राज्य सरकार की मां के अनुरूप ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज योजनाओं की कि्रयान्विति सुनिचत की जाएगी। महात्मा गांधी नरेगा योजना, मुख्यमंत्री बीपीएल ग्रामीण आवास योजना के साथ समस्त फलेगाीप योजनाओं के जरिए आमजन को अधिकाधिक लाभांवित करने का प्रयास किया जाएगा। गुगरवाल इससे पहले सीकर जिला परिषद में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर कार्यरत थे। इसके अलावा मुख्य कार्यकारी अधिकारी टोंक, उप महानिरीक्षक रजिस्ट्रोन एवं स्टांप, एडीएम अलवर, एडीएम चितौड़ग़, उपखंड अधिकारी जेतारण,पाली, उपखंड अधिकारी गुड़ामालानी, एसीजेएम जालोर, उपखंड अधिकारी बाड़मेर, सहायक कलेक्टर कोटा, उपखंड अधिकारी कपासन चितौड़ग, सहायक कलेक्टर बाड़मेर एवं उदयपुर के पद पर कार्यरत रह चुके है। पदभार संभालने के बाद गुगरवाल ने संबंधित अधिकारियों से जिला परिषद द्वारा संचालित योजनाओं को जानकारी ली। उन्होंने 2 जून को होने वाली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी लेने के साथ व्यवस्थाओं की समीक्षा करते हुए आवश्यक निर्देश दिए। 

राहुल का जादू खत्‍म? गुजरात में एक-तिहाई घटी नए युवा कांग्रेस सदस्‍यों की संख्‍या



नई दिल्‍ली. राहुल गांधी का जादू खत्‍म हो रहा है? युवा कांग्रेस में यह सवाल गंभीर हो गया है। भारतीय युवा कांग्रेस (आईवाईसी) के सदस्‍यता अभियान को भारी झटका लगा है। इसके नए सदस्‍यों की संख्‍या तेजी से गिरी है। गुजरात में तो इसमें एक-तिहाई कमी आई है। राज्‍य में अगले साल ही विधानसभा चुनाव होने हैं। तमिलनाडु और झारखंड में भी आईवाईसी के सदस्‍यों की संख्‍या कम हुई है।
 

पांच साल पहले राहुल गांधी ने आईवाईसी की कमान संभाली थी। उन्‍होंने आंतरिक लोकतंत्र और राजनीतिक चरित्र में बदलाव की बातें कर काफी उम्‍मीदें जगाई थीं। पर गुजरात में हाल के सदस्‍यता अभियान में मात्र 2.5 लाख लोग आईवाईसी से जोड़े जा सके हैं। 2010 में यह संख्‍या दस लाख थी। झारखंड में आईवाईसी ने 2010 में करीब 3.5 लाख नए सदस्‍य बनाए थे। हाल के अभियान में मात्र 35 से 40 हजार युवाओं ने आईवाईसी से जुड़ने में दिलचस्‍पी दिखाई।


ये आंकड़े आईवाईसी की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक (31 मई) से ऐन पहले आए हैं। संभव है, बैठक में इस मसले पर चर्चा हो। पार्टी के लिए उत्‍तर प्रदेश बड़ी चिंता का कारण है, जहां अखिलेश यादव युवाओं के नए आईकॉन के रूप में उभर रहे हैं।

न्यूज़ इनबॉक्स जालोर-भीनमाल .. अपराध संवाददाता ..

जहरीला पदार्थ खाकर की आत्महत्या

डूंगरी  निकटवर्ती वेडिया गांव स्थित दुकान में मंगलवार को एक व्यक्ति ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। सरवाना पुलिस के अनुसार मृतक के पिता सोमारड़ी (बाड़मेर) निवासी हीराराम विश्नोई ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि कुछ दिन पूर्व बाकासर थाना (बाड़मेर) पुलिस ने चितरड़ी (बाड़मेर) निवासी लालाराम व ओमप्रकाश से डोडा पोस्त बरामद किया था।

दोनों व्यक्ति पिछले कुछ दिनों से उसके बेटे कृष्णाराम को माल पकड़वाने की बात को लेकर परेशान कर रहे थे। इसी परेशानी के चलते उसके बेटे कृष्णाराम (40) ने मंगलवार सवेरे करीब बारह बजे स्वयं की दुकान में जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने के बाद सरवाना थाने से एएसआई विरदसिंह, हैडकांस्टेबल लूणदान चारण व खेताराम मौके पर पहुंचे। घटनास्थल का मौका मुआयना कर पोस्टमार्टम के लिए शव को सांचौर ले गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
फरार युवती को पुलिस ने गिरफ्तार

भीनमाल शादी का झांसा देकर ठगी के मामले में एक साल से फरार युवती को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा है। पुलिस के अनुसार 2 मई 2011 को भीनमाल निवासी शैलेष कुमार पुत्र खीमराज कोठारी को शादी का झांसा देकर करीब साढ़े तीन लाख रुपए लेकर फरार होने के मामले में फरार आरोपी दीपिका पुत्री बन्नेसिंह बलई निवासी इंदौर (एमपी) को एएसआई दुर्गाराम ने गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा। इस मामले में तीन आरोपियों की पूर्व में गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि पांचवीं आरोपी दीपिका की मां आशाबेन की मौत हो चुकी है।


फर्जी रजिस्ट्री के मामले में महिला सहित चार गिरफ्तार

भीनमाल कूटरचित दस्तावेज व एक ही नाम की दूसरी महिला द्वारा जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करवाने के मामले में पुलिस ने एक महिला सहित चार जनों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार भीनमाल निवासी झका पुत्री कालाराम भील ने २ सितंबर २०११ को जरिए न्यायालय मामला दर्ज करवाया था कि सरहद भीनमाल में उसकी खातेदारी भूमि को राजपुरा निवासी खली उर्फ झका पुत्री कालाराम पत्नी हरचंदराम भील, भीनमाल निवासी तेजाराम पुत्र हिमताराम भील, रेखाराम पुत्र गणेशाराम भील और शैतानसिंह पुत्र वालसिंह ने फर्जी दस्तावेज व उसके बदले खली उर्फ झका ने उपपंजीयक कार्यालय में पेश होकर उसके खातेदारी जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करवा दी। जांच के बाद एसआई तखतसिंह ने चारों को गिरफ्तार किया।


आबकारी विभाग के गोदाम पर एसीबी की कार्रवाई


आबकारी विभाग के गोदाम पर एसीबी की कार्रवाई

क्या मिला एसीबी को

हमें नहीं मिला कुछ भी



॥शिकायतकर्ता ने हमें कुछ शिकायतें की थी। इसके सत्यापन के लिए हमने यह कार्रवाई, लेकिन कार्रवाई में हमें कोई अनियमितता नहीं मिली है। यहां सब कुछ सही पाया गया। ऐसे में न्यायालय में दर्ज होने जैसा कोई मामला नहीं बना। तुलसाराम, डीएसपी, एसीबी, जालोर

आधा दर्जन से भी अधिक शिकायतें थी विभाग की, एसीबी को नहीं मिली एक भी अनियमितता

जालोर

आबकारी विभाग के गोदाम में कई गंभीर शिकायतों की सूचना पर कार्रवाई के लिए पहुंची एसीबी को यहां कोई अनियमितता नहीं मिली। शिकायतकर्ता ने एसीबी में करीब आधा दर्जन शिकायतें दर्ज कराई थी। इसके बाद मंगलवार सवेरे करीब साढ़े ग्यारह बजे एसीबी टीम डीएसपी तुलसाराम के नेतृत्व में ऑयल मिल स्थित विभाग के गोदाम पर पहुंची। टीम ने यहां गोदाम को बंद कर एक-एक रिकॉर्ड जांचा और मैनेजर से लेकर मजदूरों और ट्रक ड्राइवरों के बयान लिए। शेषत्नपेज १३


रात आठ बजे तक चली इस कार्रवाई के बाद डीएसपी तुलसाराम ने बताया कि जो भी शिकायतें की गई थीं, उनमें से किसी का सत्यापन यहां नहीं हुआ। कार्रवाई के दौरान गोदाम में करीब 40 लोगों के बयान लिए गए।

नौ घंटे कार्रवाई, नतीजा जीरो

एसीडी ने करीब नौ घंटे तक कार्रवाई की, जिसका नतीजा जीरो निकला। इस दौरान स्टाफ, ट्रक ड्राइवर, रिटेलर, लेबर और सुपरवाइजर तथा मैनेजर जगदीश चारण के बयान लिए गए। रिकॉर्ड जांचा गया। गोदाम से मिलान किया गया, लेकिन कुछ भी नतीजा नहीं निकला। कार्रवाई के दौरान एसीडी की टीम में सीआई जितेंद्र सिंह, कांस्टेबल अशोक कुमार और तेजाराम समेत अन्य लोग शामिल थे।

इन शिकायतों की जांच के लिए पहुंची एसीबी ने इनमें से एक को भी सही नहीं बताया है। डीएसपी तुलसाराम ने बताया कि सारे रिकॉर्ड और बयान के बाद शिकायत का सत्यापन नहीं हो पाया।

रिटेलर से पांच सौ रुपए ज्यादा लेने का कोई मामला सामने नहीं आया।

लेबर डेढ़ रुपए लेती है। नियमानुसार एक रुपया 30 पैसा तय है। इसलिए यह ज्यादा गंभीर मामला नहीं बना।

मैनेजर के हिस्से की बात भी कहीं सामने नहीं आई।

बोतलों की टूट फूट भी ज्यादा नहीं मिली। 10 प्रतिशत तक तो छूट होती है।

बॉर्डर के गांवों में उतनी ही शराब भेजी गई जितनी मांग थी।

अवैध शराब की सप्लाई और रिश्वत के भी किसी मामले का खुलासा नहीं हुआ।

शिकायत कर्ता ने जो शिकायतें की वे काफी गंभीर शिकायते हैं। इनमें बताया गया कि किस प्रकार से माल बेचने के लिए बॉर्डर के इलाकों में अवैध दुकानों पर सप्लाई की जाती है और किस प्रकार से गोदाम में हर काम के लिए रिश्वत ली जा रही है।

गोदाम में प्रत्येक रिटेलर से पांच सौ रुपए अतिरिक्त लिए जाते हैं।

लेबर रिटेलर और ट्रक ड्राइवरों से अतिरिक्त चार्ज लिया जाता है।

लेबर जो चार्ज लेती हैं उसमें से कुछ हिस्सा मैनेजर का भी होता है।

बोतलों की टूट फूट कम होती है और ज्यादा बता दी जाती है।

माल बेचने के लिए बॉर्डर के गांवों में ज्यादा सेल की जा रही है।

गोदाम से अवैध सप्लाई भी की जाती है और विभिन्न कामों के लिए रिश्वत ली जाती है।

कलेक्टर ने दी आर्थिक सहायता


कलेक्टर ने दी आर्थिक सहायता
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बाड़मेर. विष्णु कॉलोनी निवासी कानपुरी पुत्र जीवणाराम (75) वर्षीय ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप सरकारी सहायता दिलाने की मांग की। ज्ञापन में बताया कि ढाई फुट हाइट, कद से बोना एवं हाथ-पांव से विकलांग होने के साथ कानों से बहरा होने के कारण उसे जीवन यापन करने में कठिनाई आ रही है। उसने बताया कि उसके पास न तो खुद का आशियाना है और न कोई सहारा । इस पर कलेक्टर ने कानपुरी को 21 हजार की सहायता दी।

महिला की अधजली लाश मिलने से सनसनी

जयपुर. आगरा रोड पर कानोता पुलिया के नीचे ढूंढ नदी में महिला की जली हुई लाश मिली। वह ईंट भट्टे में पति के साथ मजदूरी करती थी। पुलिस ने महिला से ज्यादती के बाद जलाकर हत्या की आशंका जताते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। भट्टे पर काम करने वाले कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। 
पुलिस उपायुक्त (पूर्व) सत्यवीर सिंह ने बताया कि, दोलावास (दौसा) निवासी अनीता उर्फ पताशी (26) पति रमेश रैगर (30) के साथ ईट भट्टे पर मजदूरी करती थी। वह सोमवार सुबह ठेकेदार गंगा सहाय से मजदूरी का भुगतान लेकर आने की कहकर घर से निकली थी।


देर शाम तक घर नहीं पहुंचने पर रमेश ने कानोता थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। मंगलवार सुबह ८.३क् बजे नदी में शौच करने गए एक व्यक्ति ने गड्ढे में महिला का जला हुआ शव देखकर कानोता पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने रमेश रैगर को मौके पर बुलाया। उसने पत्नी का शव देखते ही पहचान लिया। पुलिस ने कानोता में मेडिकल बोर्ड से युवती का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।

गड्ढे में ही जलाया : पुलिस को मौके पर जलाने के निशान और मिनरल वाटर की खाली बोतलें मिली हैं, जिनमें कैरोसिन की गंध आ रही है। पुलिस का मानना है कि युवती की हत्या कहीं और करके बदमाशों ने रात में शव को नदी में लाकर आग लगा दी।

शादी मेरी मर्जी से पंचों की पंचायती से नहीं


शादी मेरी मर्जी से पंचों की पंचायती से नहीं


सामाजिक बंदिशों को तोड़ न्याय की चौखट पहुंची तीजों ञ्चकलेक्टर के समक्ष बया की दास्तां

बाड़मेर  पढऩे लिखने की उम्र में मैं शादी नहीं रचाना चाहती हूं, मगर मेरे रिश्तेदार व समाज के मौजिज लोग इच्छा विरुद्ध शादी करने का दबाव बना रहे हैं। मेरे माता पिता भी नहीं चाहते है कि मेरी शादी हो। मगर जातीय पंच समाज से बहिष्कृत करने की धमकियां देकर पिता को प्रताडि़त कर रहे हैं। मैं न्याय की उम्मीद के साथ आई हूं। अगर मेरी शादी हुई तो मैं जान दे दूंगी। यह दास्तां रतेऊ निवासी तीजो ने मंगलवार को कलेक्टर के समक्ष बया की। कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में तीजो ने बताया कि मेरी उम्र 17 वर्ष है। मैं अभी शादी नहीं करना चाहती । जब भी शादी करनी होगी मेरी मर्जी से करूंगी। लेकिन मेरे रिश्ते में दादा व पड़ोसी खेताराम निवासी रतेऊ मेरी शादी हरचंदराम पुत्र पेमाराम जाट निवासी भणियाणा तहसील पोकरण के साथ जबरदस्ती करवाना चाहते हैं। उसने बताया कि जिसके साथ शादी की बात कर रहे है वह लड़का मेरी उम्र से बीस साल बड़ा है। इतना ही नहीं मैं उसे पसंद भी नहीं करती । बावजूद इसके खेताराम व हरचंद मेरे माता पिता पर शादी के लिए दबाव बना रहे हैं। तीन चार दिन पहले ही उक्त लोगों ने अपने साथियों के साथ मिलकर मेरे माता पिता को धमकी दी है कि अगर तुमने शादी हरचंद के साथ नहीं की तो तुम्हे समाज से बहिष्कृत कर देंगे। ऐसे में खेताराम, हरचंद व पेमाराम को पाबंद किया जाए। साथ ही मेरी इच्छा विरुद्ध हो रही शादी को रोका जाए। तीजो ने बताया कि अगर उसकी शादी हरचंद से की तो वह जान दे देगी।


तीजो को न्याय जरूर मिलेगा
॥तीजो अपने पिता के साथ आई थी। वह शादी नहीं करना चाहती । मैने तुरंत संबंधित संस्था को निर्देशित किया है। साथ ही धमकियां देने वाले व जबरदस्ती शादी करवाने वालो को पाबंद किया जाएगा। लड़की की इच्छा के अनुसार ही शादी होगी।

डॉ. वीणा प्रधान, कलेक्टर बाड़मेर

नेशनल कैंप के लिए तीन खिलाडिय़ों का चयन


नेशनल कैंप के लिए तीन खिलाडिय़ों का चयन

बास्केटबॉल खेल छात्रावास के हैं तीनों खिलाड़ी

जैसलमेर भारतीय बास्केटबॉल संघ की ओर से जारी सूची में 16 वर्षीय आयु वर्ग के खिलाडिय़ों के राष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रशिक्षण शिविर में खेल छात्रावास के तीन खिलाडिय़ों महिपाल सिंह, अखिलेश कुमार तथा योगेश कण्डेरिया को शामिल किया गया है। यह राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर गुरू नानक देव स्टेडियम लुधियाना (पंजाब) में आयोजित किया जाएगा। इसी प्रशिक्षण शिविर में से चयनित खिलाड़ी 4 से 16 जुलाई तक याकुतिया (रूस) में आयोजित होने वाली 5वीं एशियन अंतरराष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रतियोगिता में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे।

जिला बास्केटबॉल संघ के अध्यक्ष रूपा राम धणदे ने खिलाडिय़ों की इस उपलब्धि के लिए खेल छात्रावास के बास्केटबॉल प्रशिक्षक लक्ष्मण सिंह तंवर को बधाई देते हुए उनके प्रयासों की सराहना की ।



चयनित खिलाडिय़ों की उपलब्धियां


महिपाल सिंह :- 36वीं राष्ट्रीय सब-जूनियर बास्केटबॉल प्रतियोगिता चितौडगढ़़ (2009-10) में स्वर्ण पदक विजेता, 37वीं राष्ट्रीय सब-जूनियर बास्केटबॉल प्रतियोगिता कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) में स्वर्ण पदक विजेता। इन दोनों प्रतियोगिताओं में राजस्थान टीम के कप्तान रहे तथा दोनों राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे। 17 वर्ष आयु वर्ग स्कूल नेशनल 2011-12 पाली के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित, इस उपलक्ष्य में पाली जिला कलेक्टर द्वारा 47 हजार रुपए का नगद पुरस्कार प्रदान किया गया। हाल ही में राज्य सरकार के युवा मामले एवं खेल विभाग द्वारा 50 हजार का अनुदान स्वीकृत किया गया है। पायका राष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रतियोगिता 2010-11 के स्वर्ण पदक विजेता।

योगेश कण्डेरिया :- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसतांबुल (टर्की) में आयोजित वल्र्ड कप चिल्ड्रन बास्केटबॉल प्रतियोगिता में भाग लेने वाले एक मात्र भारतीय खिलाड़ी चुने गए एवं इस प्रतियोगिता के सर्व श्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किए गए। 36वीं राष्ट्रीय सब-जूनियर बास्केटबॉल प्रतियोगिता चितौडगढ़़ (2009-10) में स्वर्ण पदक विजेता, 37वीं राष्ट्रीय सब-जूनियर बास्केटबॉल प्रतियोगिता कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) में स्वर्ण पदक विजेता रहे व हाल ही में राज्य सरकार के युवा मामले एवं खेल विभाग द्वारा 50 हजार का अनुदान स्वीकृत किया गया है। पायका राष्ट्रीय बास्केटबॉल प्रतियोगिता 2010-11 के स्वर्ण पदक विजेता। 17 वर्ष आयु वर्ग स्कूल नेशनल 2011-12 पाली के रजत पदक विजेता।

अखिलेश कुमार :- 36वीं राष्ट्रीय सब-जूनियर बास्केटबॉल प्रतियोगिता चितौडगढ़़ (2009-10) में स्वर्ण पदक विजेता, 37वीं राष्ट्रीय सब-जूनियर बास्केटबॉल प्रतियोगिता कांगड़ा (हिमाचल प्रदेश) में स्वर्ण पदक विजेता रहे व हाल ही में राज्य सरकार के युवा मामले एवं खेल विभाग द्वारा 50 हजार का अनुदान स्वीकृत किया गया है।

शराब के लिए पैसे नहीं दिए तो दलित के चेहरे पर किया पेशाब

 

रोहतक/महम .महम उपमंडल के मोखरा गांव में तीन दबंग युवकों द्वारा कथित रूप से एक दलित युवक से मारपीट व लूटपाट के बाद उसके चेहरे पर पेशाब कर दिए जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है।

पीड़ित युवक को पीजीआई रोहतक के वार्ड नंबर आठ में भर्ती करवाया गया है, जहां उसकी हालत खतरे से बाहर है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। मामले की संवेदनशीलता और

महम पुलिस को दी गई शिकायत में पीड़ित 23 वर्षीय अशोक कुमार ने बताया कि वह गांव के बाहर शराब ठेके के नजदीक अंडों की रेहड़ी लगाता है। सोमवार रात करीब साढ़े नौ बजे गांव के तीन युवक मोनू, कुकू व जोजो आए और शराब के लिए उससे पैसे मांगने लगे। मना करने पर तीनों ने उसके साथ मारपीट की और जातिसूचक गालियां दी। ठेके से आए दो युवकों ने उसे छुड़वाया। उस समय आरोपी मौके से चले गए। आधा घंटे बाद जब वह रेहड़ी लेकर घर जा रहा था, रास्ते में आरोपी अपने दो अन्य साथियों के साथ आए और धक्का मारकर रेहड़ी पलट दी। उसके साथ पहले जमकर मारपीट की। साथ में जेब से 2500 रुपए निकाल लिए और मोबाइल तोड़ दिया। इसके बाद दो युवकों ने उसके दोनों हाथ पकड़ दिए व तीसरे ने चेहरे पर पेशाब कर दिया। चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग आए और उसे छुड़वाया।

आरोपी उसे जान से मारने की धमकी देकर मौके से फरार हो गए। अशोक के परिजन रात को ही उसे महम थाने ले गए, जहां शिकायत दर्ज करने के बाद उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल करवा दिया। वहां से मंगलवार दोपहर बाद रोहतक पीजीआई में रैफर कर दिया। महम पुलिस ने आरोपी युवकों के खिलाफ मारपीट, लूटपाट, जान से मारने की धमकी देने व जाति सूचक गालियां देने का मामला दर्ज किया है।

मोखरा गांव में दलित युवक ने गांव के ही युवकों पर मारपीट, लूटपाट व चेहरे पर पेशाब कर जातिसूचक गालियां देने का आरोप लगाया है। मामला दर्ज कर डीएसपी पृथ्वी सिंह ने केस की जांच शुरू कर दी है। -विकास धनखड़, कार्यवाहक पुलिस अधीक्षक।

गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूपसिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई


सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई

सिद्घिविनायक गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है। गणेश जी जिन प्रतिमाओं की सूड़ दाईं तरह मुड़ी होती है, वे सिद्घपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्घिविनायक मंदिर कहलाते हैं। कहते हैं कि सिद्धि विनायक की महिमा अपरंपार है, वे भक्तों की मनोकामना को तुरंत पूरा करते हैं। मान्यता है कि ऐसे गणपति बहुत ही जल्दी प्रसन्न होते हैं और उतनी ही जल्दी कुपित भी होते हैं।

चतुर्भुजी विग्रह

सिद्धि विनायक की दूसरी विशेषता यह है कि वह चतुर्भुजी विग्रह है। उनके ऊपरी दाएं हाथ में कमल और बाएं हाथ में अंकुश है और नीचे के दाहिने हाथ में मोतियों की माला और बाएं हाथ में मोदक (लड्डुओं) भरा कटोरा है। गणपति के दोनों ओर उनकी दोनो पत्नियां रिद्धि और सिद्धि मौजूद हैं जो धन, ऐश्वर्य, सफलता और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने का प्रतीक है। मस्तक पर अपने पिता शिव के समान एक तीसरा नेत्र और गले में एक सर्प हार के स्थान पर लिपटा है। सिद्धि विनायक का विग्रह ढाई फीट ऊंचा होता है और यह दो फीट चौड़े एक ही काले शिलाखंड से बना होता है।

मुंबई का सिद्घिविनायक मंदिर



यूं तो सिद्घिविनायक के भक्त दुनिया के हर कोने में हैं लेकिन महाराष्ट्र में इनके भक्त सबसे ज्यादा हैं। समृद्धि की नगरी मुंबई के प्रभा देवी इलाके का सिद्धिविनायक मंदिर उन गणेश मंदिरों में से एक है, जहां सिर्फ हिंदू ही नहीं, बल्कि हर धर्म के लोग दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। हालांकि इस मंदिर की न तो महाराष्ट्र के 'अष्टविनायकों ’ में गिनती होती है और न ही 'सिद्ध टेक ’ से इसका कोई संबंध है, फिर भी यहां गणपति पूजा का खास महत्व है। महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के सिद्ध टेक के गणपति भी सिद्धिविनायक के नाम से जाने जाते हैं और उनकी गिनती अष्टविनायकों में की जाती है। महाराष्ट्र में गणेश दर्शन के आठ सिद्ध ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल हैं, जो अष्टविनायक के नाम से प्रसिद्ध हैं। लेकिन अष्टविनायकों से अलग होते हुए भी इसकी महत्ता किसी सिद्ध-पीठ से कम नहीं।

आमतौर पर भक्तगण बाईं तरफ मुड़ी सूड़ वाली गणेश प्रतिमा की ही प्रतिष्ठापना और पूजा-अर्चना किया करते हैं। कहने का तात्पर्य है कि दाहिनी ओर मुड़ी गणेश प्रतिमाएं सिद्ध पीठ की होती हैं और मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में गणेश जी की जो प्रतिमा है, वह दाईं ओर मुड़े सूड़ वाली है। यानी यह मंदिर भी सिद्ध पीठ है।

इतिहास

किंवदंती है कि इस मंदिर का निर्माण संवत् १६९२ में हुआ था। मगर सरकारी दस्तावेजों के मुताबिक इस मंदिर का १९ नवंबर १८०१ में पहली बार निर्माण हुआ था। सिद्धि विनायक का यह पहला मंदिर बहुत छोटा था। पिछले दो दशकों में इस मंदिर का कई बार पुनर्निर्माण हो चुका है। हाल ही में एक दशक पहले १९९१ में महाराष्ट्र सरकार ने इस मंदिर के भव्य निर्माण के लिए २० हजार वर्गफीट की जमीन प्रदान की। वर्तमान में सिद्धि विनायक मंदिर की इमारत पांच मंजिला है और यहां प्रवचन ग्रह, गणेश संग्रहालय व गणेश विापीठ के अलावा दूसरी मंजिल पर अस्पताल भी है, जहां रोगियों की मुफ्त चिकित्सा की जाती है। इसी मंजिल पर रसोईघर है, जहां से एक लिफ्ट सीधे गर्भग्रह में आती है। पुजारी गणपति के लिए निर्मित प्रसाद व लड्डू इसी रास्ते से लाते हैं।



गर्भग्रह
नवनिर्मित मंदिर के 'गभारा ’ यानी गर्भग्रह को इस तरह बनाया गया है ताकि अधिक से अधिक भक्त गणपति का सभामंडप से सीधे दर्शन कर सकें। पहले मंजिल की गैलरियां भी इस तरह बनाई गई हैं कि भक्त वहां से भी सीधे दर्शन कर सकते हैं। अष्टभुजी गर्भग्रह तकरीबन १० फीट चौड़ा और १३ फीट ऊंचा है। गर्भग्रह के चबूतरे पर स्वर्ण शिखर वाला चांदी का सुंदर मंडप है, जिसमें सिद्धि विनायक विराजते हैं। गर्भग्रह में भक्तों के जाने के लिए तीन दरवाजे हैं, जिन पर अष्टविनायक, अष्टलक्ष्मी और दशावतार की आकृतियां चित्रित हैं।

वैसे भी सिद्धिविनायक मंदिर में हर मंगलवार को भारी संख्या में भक्तगण गणपति बप्पा के दर्शन कर अपनी अभिलाषा पूरी करते हैं। मंगलवार को यहां इतनी भीड़ होती है कि लाइन में चार-पांच घंटे खड़े होने के बाद दर्शन हो पाते हैं। हर साल गणपति पूजा महोत्सव यहां भाद्रपद की चतुर्थी से अनंत चतुर्दशी तक विशेष समारोह पूर्वक मनाया जाता है।

मंगलवार, 29 मई 2012

सुहागरात मना रहे दूल्हे की मौत

सुहागरात मना रहे दूल्हे की मौत

छपरा। बिहार के सारण जिले के एकमा थाना क्षेत्र में सोमवार की रात विवाह के बाद अपनी सुहागरात मना रहे दूल्हे की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।

पुलिस के अनुसार रविवार की रात पछुआ गांव निवासी राहुल का विवाह बनियापुर थाना क्षेत्र निवासी शम्भु भगत की पुत्री हीरा कुमारी के साथ धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ था। राहुल सोमवार को दुल्हन की विदाई करा उसे अपने घर ले आया। रात को घर के सभी लोग छत पर सोने के लिए चले गए। मंगलवार की सुबह जब राहुल का शव उसके बिस्तर पर पड़ा मिला तब उसकी पत्नी ने सभी परिजनों को इसकी सूचना दी।

छपरा के पुलिस उपाधीक्षक कैलाश प्रसाद ने बताया कि मृतक के कंधे पर गोली लगने का निशान है, घाव से खून भी बहा है। उन्होंने कहा कि शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि युवक दिल्ली के एक अस्पताल में वाहन चालक का काम करता था और विवाह करने ही गांव आया था। पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।

प्रसाद ने कहा कि पुलिस प्रत्येक बिंदु पर जांच कर रही है। पत्नी से पूछताछ की जा रही है। इस मामले की एक प्राथमिकी युवक के पिता ललन भगत के बयान के आधार पर सम्बंधित थाने में दर्ज करा दी गई है।

मिल गई बहादुर शाह जफर की कब्र

मिल गई बहादुर शाह जफर की कब्र

यंगून। भारत के अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर का शव 1991 तक एक अज्ञात कब्र में दफन पड़ा हुआ था। बाद में एक खुदाई के दौरान इस बादशाह के कब्र के बारे में पता चला।

बहादुर शाह जफर का मकबरा म्यांमार की पूर्व राजधानी यंगून में स्थित है। उनके चाहने वाले मकबरे के दर्शन के लिए आते रहते हैं। ब्रिटिश हुकूमत द्वारा निर्वासित किए जाने के बाद जफर का सात नवम्बर, 1862 को निधन हो गया था।

1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद ब्रिटिश हुकूमत ने बहादुर शाह जफर को देश से निष्कासित कर म्यांमार (तत्कालीन बर्मा) भेज दिया था। वहां रंगून (अब यंगून) में 87 वर्ष की अवस्था में उनका निधन हो गया था। 1857 के विद्रोह के बाद जफर दिल्ली में हुमायू के मकबरे में छिप गए थे, जहां से उन्हें पकड़ लिया गया था।

इस मकबरे पर आने वाले कई सारे पर्यटकों का मानना है कि बहादुर शाह जफर अपने अंतिम दिनों में संत बन गए थे। उनकी कब्र के बगल में उनकी पत्नी बेगम जीनत महल और बेटी रौनक जमानी बेगम की कब्र है।

Hum Tere Shaher Main Aaye Hain Musafir Ki Tarah

Best Ghazal-Pankaj Udhas, Ek Taraf Uska Ghar

अब महिलाओं के लिए नया कामसूत्र

वात्स्यायन के कामसूत्र को जहां आज के लाइफस्टाइल के हिसाब से लिखा गया है वही अब इसे महिलाओं के नजरिए से लिखने की कोशिश हो रही है।

यह पहल की है लेखिक के. आर. इंदिरा ने। इंदिरा का मानना है कि वात्स्यायन के कामसूत्र को पुरुष ने लिखा है इसलिए इसमें ज्यादातर पुरुषों की मानसिकता को बयां किया गया है।

इंदिरा का कहना है कि मैंने जब कामसूत्र को गंभीरता से पढ़ना शुरू किया तो पाया कि यह एक पुरुष की लिखी हुई किताब है, जिसमें बताया गया है कि महिलाओं का कैसे इस्तेमाल किया जाए। ' मेरा सोचना है कि महिलाओं को भी सेक्शुअल इंडिपेंडेंस चाहिए।
यह किताब काफी रिसर्च के बाद लिखा गया है।

महिलाओं को कामसूत्र का पाठ पढ़ाने वाली उनकी किताब जून के पहले हफ्ते में रिलीज़ होगी।