बच्चे भी बनेंगे कानून के जानकार!
जयपुर। राज्य की नई पीढ़ी अब अपने विधिक अधिकारों को लेकर अनजान नहीं रहेगी। नागरिकों के मूल अधिकार क्या हैं या कौन सा कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है, इसकी आरंभिक जानकारी अब बच्चों को नौवीं कक्षा से ही मिलने लगेगी।
सरकार ने ऎसी ही कुछ कानूनी जानकारियों से युक्त एक पुस्तक बना कर उसे अगले सत्र से लागू करने की तैयारी कर ली है। इस पुस्तक को नौवीं से कक्षा बारहवीं तक लागू किया जाएगा। पुस्तक का नाम विद्यार्थियों के कानूनी अधिकार एवं जानकारियां रखा गया है। 64 पृष्ठों की इस पुस्तक में नागरिकों के मूल अधिकार और कर्तव्य, बालकों के कानूनी शिक्षा, शिक्षा का अधिकार सहित ढेर सारे विषयों पर कानूनी जानकारी दी गई है।
प्रमुख शासन सचिव अशोक संपतराम ने बताया कि अगले साल से इसे कोर्स में शामिल कर लिया जाएगा। राज्य सरकार राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की मदद से जारी कर रही है। विशेष्ाज्ञों का मानना है कि पुस्तक बच्चों के परिजनों के लिए भी उपयोगी साबित होगी।
विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस दलीप सिंह ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से बात हो गई है अगले सत्र में राजस्थान विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से तैयार पुस्तक पाठयक्रम में शामिल होगी। इससे बच्चों को विधिक अधिकारों की जानकारी मिलेगी।
जयपुर। राज्य की नई पीढ़ी अब अपने विधिक अधिकारों को लेकर अनजान नहीं रहेगी। नागरिकों के मूल अधिकार क्या हैं या कौन सा कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है, इसकी आरंभिक जानकारी अब बच्चों को नौवीं कक्षा से ही मिलने लगेगी।
सरकार ने ऎसी ही कुछ कानूनी जानकारियों से युक्त एक पुस्तक बना कर उसे अगले सत्र से लागू करने की तैयारी कर ली है। इस पुस्तक को नौवीं से कक्षा बारहवीं तक लागू किया जाएगा। पुस्तक का नाम विद्यार्थियों के कानूनी अधिकार एवं जानकारियां रखा गया है। 64 पृष्ठों की इस पुस्तक में नागरिकों के मूल अधिकार और कर्तव्य, बालकों के कानूनी शिक्षा, शिक्षा का अधिकार सहित ढेर सारे विषयों पर कानूनी जानकारी दी गई है।
प्रमुख शासन सचिव अशोक संपतराम ने बताया कि अगले साल से इसे कोर्स में शामिल कर लिया जाएगा। राज्य सरकार राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की मदद से जारी कर रही है। विशेष्ाज्ञों का मानना है कि पुस्तक बच्चों के परिजनों के लिए भी उपयोगी साबित होगी।
विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस दलीप सिंह ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से बात हो गई है अगले सत्र में राजस्थान विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से तैयार पुस्तक पाठयक्रम में शामिल होगी। इससे बच्चों को विधिक अधिकारों की जानकारी मिलेगी।