रायपुर. अगवा होने के 12 दिनों बाद छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जिलाधिकारी एलेक्स पॉल मेनन रिहा हो गए हैं।
एलेक्स पॉल मेनन ने कहा कि वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं। मेनन ने राज्य सरकार और अपने साथियों का शुक्रिया अदा किया। मेनन ने कहा कि वो थके हुए हैं और जल्द से जल्द अपने घर पहुंचना चाहते हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने मेनन की रिहाई के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। चिंतलनार पहुंचने के बाद मेनन का मेडिकल टेस्ट किया जाएगा। सरकार ने सुकमा, दंतेवाड़ा, जगदलपुर के अलावा रायपुर के स्वास्थ्य अधिकारियों को तैयार रहने को कहा है। चूंकि, मेनन दमा के मरीज हैं, इसलिए चिंतलनार में एक एंबुलेंस को तैनात किया गया है।
मेनन को लेने के लिए दोनों मध्यस्थ डॉ. ब्रह्मदेव शर्मा और प्रो. हरगोपाल गुरुवार सुबह आठ बजे हेलीकॉप्टर से रायपुर से चिंतलनार के पुलिस कैंप पहुंचे। कुछ देर रुकने के बाद मध्यस्थ जीप से ताड़मेटला रवाना हो गए। ताड़मेटला के जंगल के पास पूरे काफिले को नक्सलियों ने रोक लिया। नक्सलियों के साथ दोनों मध्यस्थ पैदल ही अंदर रवाना हुए थे। नक्सलियों ने मध्यस्थों के साथ जंगल के भीतर घुसने की कोशिश कर रहे मीडिया कर्मियों को ताड़मेटला से चिंतलनार वापस भेज दिया और उनसे कलेक्टर की रिहाई का इंतजार करने कहा था।
गौरतलब है कि नक्सलियों ने डीएम को रिहा करने के लिए शर्मा और हरगोपाल के नाम छत्तीसगढ़ सरकार को सुझाए थे। नक्सलियों और सरकार के बीच मेनन की सुरक्षित वापसी के लिए समझौता 30 अप्रैल को चौथे दौर की बातचीत में हुआ था। समझौते के तहत सरकार मेनन की रिहाई के बाद एक घंटे के भीतर निर्मला बुच की अध्यक्षता में उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन करेगी, जो छत्तीसगढ़ की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के मामलों की समीक्षा करेगी। इसमें वे मामले भी शामिल होंगे जिनकी मांग नक्सलियों ने की है। नक्सलियों और सरकार के बीच मेनन की रिहाई के लिए बीडी शर्मा, प्रोफेसर जी हरगोपाल, मनीष और निर्मला बुच ने मध्यस्थता की थी। एलेक्स पॉल मेनन को 21 अप्रैल को हथियारबंद नक्सलियों ने तब अगवा कर लिया था जब वे सुकमा जिले के एक गांव के दौरे पर थे।
एलेक्स पॉल मेनन ने कहा कि वो पूरी तरह से स्वस्थ हैं। मेनन ने राज्य सरकार और अपने साथियों का शुक्रिया अदा किया। मेनन ने कहा कि वो थके हुए हैं और जल्द से जल्द अपने घर पहुंचना चाहते हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने मेनन की रिहाई के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। चिंतलनार पहुंचने के बाद मेनन का मेडिकल टेस्ट किया जाएगा। सरकार ने सुकमा, दंतेवाड़ा, जगदलपुर के अलावा रायपुर के स्वास्थ्य अधिकारियों को तैयार रहने को कहा है। चूंकि, मेनन दमा के मरीज हैं, इसलिए चिंतलनार में एक एंबुलेंस को तैनात किया गया है।
मेनन को लेने के लिए दोनों मध्यस्थ डॉ. ब्रह्मदेव शर्मा और प्रो. हरगोपाल गुरुवार सुबह आठ बजे हेलीकॉप्टर से रायपुर से चिंतलनार के पुलिस कैंप पहुंचे। कुछ देर रुकने के बाद मध्यस्थ जीप से ताड़मेटला रवाना हो गए। ताड़मेटला के जंगल के पास पूरे काफिले को नक्सलियों ने रोक लिया। नक्सलियों के साथ दोनों मध्यस्थ पैदल ही अंदर रवाना हुए थे। नक्सलियों ने मध्यस्थों के साथ जंगल के भीतर घुसने की कोशिश कर रहे मीडिया कर्मियों को ताड़मेटला से चिंतलनार वापस भेज दिया और उनसे कलेक्टर की रिहाई का इंतजार करने कहा था।
गौरतलब है कि नक्सलियों ने डीएम को रिहा करने के लिए शर्मा और हरगोपाल के नाम छत्तीसगढ़ सरकार को सुझाए थे। नक्सलियों और सरकार के बीच मेनन की सुरक्षित वापसी के लिए समझौता 30 अप्रैल को चौथे दौर की बातचीत में हुआ था। समझौते के तहत सरकार मेनन की रिहाई के बाद एक घंटे के भीतर निर्मला बुच की अध्यक्षता में उच्च अधिकार प्राप्त समिति का गठन करेगी, जो छत्तीसगढ़ की विभिन्न जेलों में बंद कैदियों के मामलों की समीक्षा करेगी। इसमें वे मामले भी शामिल होंगे जिनकी मांग नक्सलियों ने की है। नक्सलियों और सरकार के बीच मेनन की रिहाई के लिए बीडी शर्मा, प्रोफेसर जी हरगोपाल, मनीष और निर्मला बुच ने मध्यस्थता की थी। एलेक्स पॉल मेनन को 21 अप्रैल को हथियारबंद नक्सलियों ने तब अगवा कर लिया था जब वे सुकमा जिले के एक गांव के दौरे पर थे।