रविवार, 11 मार्च 2012

पाकिस्तान में धड़ल्ले से हो रहीं कम उम्र में शादियां

पाकिस्तान में धड़ल्ले से हो रहीं कम उम्र में शादियां
इस्लामाबाद.पाकिस्तान में धड़ल्ले से कम उम्र में शादियां हो रही हैं जो महिलाओं के अधिकार का उल्लंघन है।

 
समाचारपत्र 'डेली टाइम्स' ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर एक्शनएड पाकिस्तान द्वारा जारी एक सर्वेक्षण रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसके मुताबिक खबर पख्तूनख्वा प्रांत के चारसद्दा और मरदन जिलों में 74 फीसदी लड़कियों की शादी 16 वर्ष से कम उम्र में हो जाती है।



एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि कम उम्र में धड़ल्ले से हो रहीं शादियों पर सवाल उठने लगे हैं। कुछ इलाकों में लड़कियों और महिलाओं के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।



सर्वेक्षण में पाया गया है कि जिन इलाकों में सर्वेक्षण कराया गया है,वहां बालिकाओं के जन्म का पंजीकरण कम ही लोग कराते हैं।



विज्ञप्ति के अनुसार,सर्वेक्षण के दायरे में आए इलाकों में महिलाओं की तस्करी भी जोरों पर है।



एक्शनएड पाकिस्तान के कार्यक्रम अधिकारी अब्दुल खालिक ने कहा कि बाल विवाह कानून 1929 लगभग एक सदी पुराना कानून है,जो अब प्रासंगिकता खो चुका है।



उन्होंने कहा कि यह कानून न्याय के सिद्धांतों पर आधारित नहीं था,इसलिए इसमें संशोधन की जरूरत है।



खालिक ने कहा,"यह कानून लड़कियों के खिलाफ है,क्योंकि इसमें एक लड़की की शादी की न्यूनतम उम्र 16 वर्ष और लड़का की उम्र 18 वर्ष निर्धारित है।"



उन्होंने कहा कि इस कानून का उल्लंघन करने वाले के लिए किसी कड़ी सजा का प्रावधान नहीं है,इसलिए खबर पख्तूनख्वा इलाकों में दकियानूसी लोग कम उम्र में शादी को बढ़ावा दे रहे हैं।

शनिवार, 10 मार्च 2012

शोध में साबित हुआ, कोक-पेप्सी से कैंसर

शोध में साबित हुआ, कोक-पेप्सी से कैंसर

न्यूयॉर्क। कोक और पेप्सी में इस्तेमाल होने वाले 4-मिथाइलीमिडाजोल नामक पदार्थ से चूहों में कैंसर की पुष्टि हो गई है। इसके बाद अमरीका के कैलिफोर्निया राज्य में कानून बनाया गया है कि कम्पनियां अपने पेय में इन पदार्थो की मौजूदगी की चेतावनी बोतल पर छापें या पेय पदार्थ बनाने का तरीका बदलें।

कैंसर सम्बंधी चेतावनी छापने के बजाय इन कम्पनियों ने इस राज्य में अपने फॉर्मूले में ही बदलाव किया है। अब पूरे अमरीका में इसे लागू किया जा रहा है। इस पदार्थ का इस्तेमाल रंग लाने के लिए किया जाता है। नए फॉर्मूले के तहत कोका कोला और पेप्सी ने 4-मिथाइलीमिडाजोल की मात्रा घटाने का फैसला किया है। हालांकि शोध में इस पदार्थ से मनुष्यों के स्वास्थ्य को खतरे की पुष्टि नहीं हुई है।

स्वाद नहीं बदलेगा
अमरीका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन का दावा है कि इस पदार्थ को जिस मात्रा में चूहों को दिया गया, उस स्तर तक पहुंचने के लिए एक व्यक्ति को कोक या पेप्सी के 1,000 कैन पीने होंगे। उधर, कम्पनी का कहना है कि फॉर्मूले में बदलाव के बावजूद लोगों को उसके स्वाद में कोई फर्क महसूस नहीं होगा।

जाहिदा ने बनाई ध्रुव के साथ सेक्स सीडी!

जाहिदा ने बनाई ध्रुव के साथ सेक्स सीडी!
इंदौर/भोपाल। सीबीआई के हाथ में जाहिदा परवेज और विधायक धु्रव नारायण सिंह की सीडी हाथ लगी है। इसमें दोनों कम्प्रोमाइजिंग पोजीशन में दिख रहे हैं। सीबीआई का दावा है कि यह सीडी खुद जाहिदा ने धोखे से बनाई है। अब इसकी वजह क्या है, यह जांच का मसला है। जाहिदा इस सीडी के जरिए धु्रव को ब्लैकमेल करना चाहती थी या फिर उसने धु्रव के खोने के डर से बनाई थी? इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

सीबीआई सूत्रों का दावा है कि जाहिदा के घर एक मार्च को सर्चिग के दौरान उसे दो सीडी मिली थी। दोनों में जाहिदा और धु्रव नारायण सिंह नजर आ रहे हैं। सीबीआई ने सीडी को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेज दिया है। दरअसल, सीबीआई यह जानने में जुटी हुई है कि सीडी बनाने के पीछे विधायक धु्रव नारायण सिंह को ब्लैकमेल करने की कोशिश थी या फिर यह जाहिदा ने धु्रव की शहला से बढ़ती नजदीकियों को रोकने के लिए बनाई थी।

सीबीआई को कई और सीडी की तलाश :

दो सीडी मिलने के बाद सीबीआई कुछ अन्य सीडियों की तलाश में है। सीबीआई ने धु्रव के घर की तलाशी में भी सीडी ही खोजने का प्रयास किया था। सूत्र बताते हैं कि सीबीआई ने घर में मौजूद कई सीडियों को देखा भी था, लेकिन उसमें से एक भी उनके काम की नहीं थी। सीबीआई यह जानने की कोशिश में जुटी हुई है कि जाहिदा की सीडी किसी और के साथ भी तो नहीं है।

धु्रव को छूटे पसीने :

सूत्रों का कहना है कि जब सीबीआई ने धु्रव को पहली बार पूछताछ के लिए बुलाया तो वह उन्होंने कहा कि एक विधायक और एक आर्किटेक्ट के तौर पर जितनी पहचान होती है, उतनी उनकी जाहिदा से है। लेकिन दूसरे राउंड की शुरूआत सीबीआई ने प्रोजेक्टर पर यह सेक्स सीडी दिखाकर की। सीडी देखने के बाद धु्रव के पसीने छूट गए और पूछताछ के दौरान उन्होंने हर जवाब पर खामोशी ओढ़ ली।

पुलिस ने किया प्रद्शन करियो पर लाठीचार्ज


राजस्थान के बाड़मेर के बालोतरा इलाके में पुलिस ने प्रद्शंकारियो पर लाठीचार्ज कर खदेड़ा .इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तेनात 


पुलिस ने किया प्रद्शन करियो पर लाठीचार्ज 
 
बाड़मेरराजस्थान  के बाड़मेर जिले के बालोतरा में शनिवार दोपहर  पुलिस लाठी चार्ज की घटना ने पुलिस पर फिर से सवाल खड़े कर दिए ! आरोपी की गिरफ्तारी की माग को लेकर प्रदशनकारी  सडको पर जाम लगा रहे थे पुलिस ने प्रदशनकारी को खदेड़ने के लिए जमकर लाठिया भाजी  और प्रद्शंकारियो को खदेड़ा फिर प्रद्शंकारियो  ने जमकर हगामा किया और टायर जलाकर रास्ता जाम किया हालात को बिगड़ता देखे पुरे इलाके में अतरिक्त  पुलिस बल तेनात किया गया है ] 

राजस्थान के बाड़मेर में  होली के दिन यहाँ पर रमेश माली नामक युवक को कुछ लोगो ने पीट पीट कर बेहोश स्थिति में घनी झाड़ियो में फैंक दिया था , जिसके बाद लोगो ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी दो दिन बाद तक नही हो पाई इस के चलते शनिवार दोपहर  माली समाज के लोगो ने आरोपी ओम सिंह राजपुरोहित निवासी मनना वास को गिरफ़्तार करने की मांग को लेकर थाने के आगे प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस ने उनकी मांगो पर विचार करने की बजाय उन पर लाठिय भांजनी शुरू कर दी !पुलिस ने प्रद्शंकारियो  को लाठियों से मार मार कर भगा दिया  और उसके बाद बालोतरा में बवाल मच गया हैं हालात यह हैं की लोगो ने सडको पर टायर जला कर पत्थर डाल कर रास्ते जाम कर दिए हैं और  पुलिस के हाथ में अब कुछ नहीं बचा हैं ! मौके पर अब कई थानों की पुलिस जुट गई हैं पुरे इलाके तनाव के हालात है इस पुरे मामले में पुलिस कुछ भी नहीं बोलने को तयार नहीं 

मेधावी छात्रा चित्रा रतनू ने बढ़ाया जैसलमेर जिले का मान गुजरात न्यायिक सेवा में चयन का कीर्तिमान


मेधावी छात्रा चित्रा रतनू ने बढ़ाया जैसलमेर जिले का मान
गुजरात न्यायिक सेवा में चयन का कीर्तिमान
                

जैसलमेर, 10 मार्च/जैसलमेर जिले के बारठ गांव की मेधावी छात्रा चित्रा रतनू ने गुजरात न्यायिक सेवा में चयनित होकर जैसलमेर जिले का सम्मान बढ़ाया है। प्रतिभावान छात्रा चित्रा रतनू ने अत्यन्त प्रतिष्ठितगुजरात न्यायिक सेवा परीक्षा 2011 में चयन का गौरव हासिल किया है। प्रथम महिला प्रतिभागी के रूप में न्यायिक सेवा में प्रथम प्रयास में ही चित्रा ने बीसवां स्थान अर्जित कर अपूर्व कीर्तिमान कायम किया है। चित्रा रतनूराजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर से वर्ष 2009 में विधि की परीक्षा बेहतर अंकों के साथ उत्तीर्ण कर चुकी हैं।

होनहार चित्रा रतनू मूलतः जैसलमेर जिले के पोकरण क्षेत्र में स्थित बारठ का गांव निवासी बुधकरण रतनू की सुपुत्री हैं। उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा अपने गांव में ही हुई। चित्रा की काफी पढ़ाई विभिन्न केन्द्रीयविद्यालयों में उन स्थानों पर हुई जहां उनके पिता का पदस्थापन भारतीय वायु सेना में रहा।

धीर-गंभीर स्वभाव की चित्रा बचपन से ही अत्यंत कुशाग्र एवं मेघावी रही हैं तथा तमाम परीक्षाओं में हमेशा अव्वल रही हैं। चित्रा ने वर्ष 2006 में एस.बी.के. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जैसलमेर से बी.एससी. प्रथमश्रेणी से उत्तीर्ण की। चित्रा के दादा भंवरदान रतनू बारठ का गांव ग्राम पंचायत के लगभग पन्द्रह वर्ष तक सरपंच रहे थे।

चित्रा रतनू ने अपनी सफलता का श्रेय अपने ताऊजी कैलाशदान रतनू एवं ताईजी श्रीमती लक्ष्मीकँवर रतनू को देते हुए बताया कि वे हमेशा उसके लिए प्रेरणा के स्रोत रहे हैं। कैलाशदान रतनू जहां वर्तमान मेंअजमेर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पर पर कार्यरत हैं, वहीं उनकी पत्नी श्रीमती लक्ष्मी रतनू अजमेर में ही व्याख्याता पद पर कार्यरत हैं।

अपने परिवारजनों एवं मित्रों में निशा के नाम से जानी जाने वाली चित्रा रतनू बताती हैं कि इस उपलब्धि के लिए उसकी पूर्व सहेली और वर्तमान में भाभी हेमलता उज्जवल का खूब योगदान रहा है जो कि इस समय जयपुरमें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत हैं।

महिला शिक्षा की दृष्टि से प्रारंभ से ही अत्यन्त पिछड़े रहे जैसलमेर जिले की चित्रा रतनू प्रथम छात्रा हैं जिसने न्यायिक सेवा में सफलता का यह महत्त्वपूर्ण सोपान अर्जित किया है।

चित्रा रतनू के गुजरात न्यायिक सेवा में चयनित होने पर बारठ के गांव के साथ ही पोकरण क्षेत्र एवं चारण समाज के मध्य खुशी की लहर सी दौड़ गयी। अखिल भारतीय चारण समाज अध्यक्ष एवं अखिल भारतीयप्रशासनिक सेवा के अधिकारी सी.डी.देवल, चित्तौ़ड़ विधायक सुरेन्द्र सिंह जाड़ावत, पूर्व राज्यसभा सदस्य ओंकारसिंह लखावत एवं प्रभा ठाकुर के साथ ही पूर्व जिला प्रमुख जैसलमेर नैनदान रतनू, बारठ का सरपंचनरपतदान रतनू तथा चारण समाज के सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों ने चित्रा को अपनी ओर से हार्दिक बधाई देते हुए उत्तरोत्तर प्रगति पथ पर अग्रसर होने की मंगल कामनाएं की हैं

बाड़मेर में वसुंधरा राजे का जादू ...देखे तस्वीरो में

















होली की धमाल में पुलिस के जवानों को खूब लुत्फ उठाया

पुलिस ने खेली होली, खूब की माल: अबीर गुलाल व रंगों से सराबोर कानून के रखवाले, पर्व के जश्न में डूब गए। हर कोई एक दूसरे को अबीर व गुलाल लगाने को आतुर। खुशी के माहौल में मिठास घोलता संगीत। म्यूजिक पर ठुमके लगाते पुलिस के आला अफसर। ऐसा ही कुछ माहौल शुक्रवार को पुलिस की ओर से मनाई गई होली पर देखने को मिला। होली के पर्व पर दो दिन तक सुरक्षा को लेकर मुस्तैद रहे पुलिस प्रशासन ने शुक्रवार को पुलिस लाइन में रंगों का पर्व मनाया। कानून के रखवालों ने अबीर-गुलाल एक दूसरे को लगाकर खुशी का इजहार किया। इस मौके पर जश्न में एसपी संतोष चालके व डीएसपी नाजिम अली ने जमकर ठुमके लगाए। इसके बाद तो हर कोई झूमने लगा। होली की धमाल में पुलिस के जवानों को खूब लुत्फ उठाया। यह सिलसिला कई घंटों तक जारी रहा।










अखिलेश होंगे यूपी के सबसे युवा मुख्यमंत्री


लखनऊ।। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। पार्टी विधायक दल ने उन्हें अपना नेता चुन कर मुख्यमंत्री पद के लिए उनके नाम पर मोहर लगा दी है। बैठक में रामपुर के विधायक आजम खान ने अखिलेश के नाम का प्रस्ताव रखा और शिवपाल सिंह ने इसका समर्थन किया। इसके बाद पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गुंज उठा और विधायक जिंदाबाद के नारे लगाने लगे।
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समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता रामगोपाल यादव ने कहा कि अखिलेश विधायक दल के नेता चुने गए हैं और 15 मार्च को 11 बजे शपथ लेंगे। बताया जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह राजभवन के बजाय खुले मैदान में हो सकता है। स्थान अभी तय नहीं है।

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि समाजवादी पार्टी पूरे प्रदेश की जनता को धन्यवाद देती है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम जल्द ही राज्यपाल के पास सरकार बनाने के लिए दावा पेश करने जाएंगे। इस मौके पर अखिलेश ने यह भी कहा कि मुलायम सिंह यादव न सिर्फ केंद्र की राजनीति में रहेंगे, बल्कि मेरी सरकार का भी मार्गदर्शन देंगे।

38 वर्षीय अखिलेश उत्तर प्रदेश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री होंगे। साथ ही वह प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री होंगे, जिनके पिता भी मुख्यमंत्री रहे हैं। 1 जुलाई, 1973 को जन्म अखिलेश फिलहाल उत्तार प्रदेश के कन्नौज संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं। इससे पहले भी वह दो बार सांसद चुने जा चुके हैं।

बैठक के दौरान आजम खान ने अपना भाषण पढ़ते हुए अपने और मुलायम सिंह के गहरे संबंधों की चर्चा की। उन्होंने कहा कि वह खुश है कि आज नेताजी के बेटे को सूबे की विरासत और उसकी कमान लेते हुए देख रहे हैं।

गौरतलब है कि काफी गहमागहमी के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए होमवर्क पहले ही पूरा कर लिया था। जसवंत नगर से विधायक शिवपाल सिंह और आजम खान के साथ मुलायम ने शुक्रवार देर रात दो घंटे तक चली मंत्रणा में दोनों को अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाने के लिए तैयार कर लिया था।

गौरतलब है कि आजम खान और शिवपाल सिंह मुलायम के मुख्यमंत्री बनने के पक्षधर थे। दोनों अपने से काफी जूनियर अखिलेश को रिपोर्ट करने के लिए तैयार नहीं थे। सूत्रों के मुताबिक, इस समस्या को दूर करने के लिए बीच का रास्ता निकाला गया है। आजम खान विधानसभा के स्पीकर होंगे और इस तरह वह अखिलेश के मातहत आने से बच जाएंगे। शिवपाल सिंह कन्नौज से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे, जहां से अखिलेश फिलहाल सांसद है। सांसद चुने जाने के बाद शिवपाल सिंह अपने बड़े भाई मुलायम के साथ केंद्र की राजनीति करेंगे। अखिलेश विधायक बनने के लिए चाचा शिवपाल की खाली की गई सीट जसवंत नगर से चुनाव लड़ेगे।

बाड़मेर बिस्मिलाखान युवा पुरुस्कार से समानित फकीर खान का बाड़मेर पहुँचाने पर राजस्थानी भाषा समिति ने किया भव्य स्वागत

अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति

बाड़मेर बिस्मिलाखान युवा पुरुस्कार से समानित फकीर खान का


 बाड़मेर पहुँचाने पर राजस्थानी भाषा समिति ने किया भव्य स्वागत 

बाड़मेर केंद्र सरकार के संसकृति मंत्रालय के साहित्य नाटक अकादमी द्वारा बाड़मेर के लोक गायक मंगनियार फकीरा खान को बिस्मिलाह्खान युवा पुरस्कार २०११ से नवाजे जाने के बाद बाड़मेर पंहुचने पर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर द्वारा उनका फूल मलो से लाड कर भव्य स्वागत किया गया फकीरा खान शनिवार को मालानी एक्सप्रेस से सुबह साढ़े नौ बजे बाड़मेर पंहुचे ,राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर के संयोजक चन्दन सिंह भाटी ने बताया की अंतराष्ट्रीय लोक कलाकार फकीरा खान समिति के सचिव पद पर कार्यरत हें ,फक्लिरा खान उच्च कोटि के लोक  सूफी गायक हें साथ ही ढोलक के उत्कृष्ट वादक हें जीने लोक कला और राजस्थानी संसकृति के क्षेत्र में दिए अनुपम सराहनीय योगदान के लिए केन्द्रीय साहित्य नाटक अकादमी द्वारा राष्ट्रिय बिस्मिलाह्खान युवा पुरस्कार २०११ से सात मार्च को दिल्ली में समानित किया गया ,फकीरा खान के बाड़मेर पनुचाने पर राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति के जिला पाटवी रिड़मल सिंह दांता ,महासचिव अनिल सुखानी इन्द्र प्रकाश पुरोहित डॉ लक्ष्मी नारायण जोशी विजय कुमार रमेश सिंह इन्दा सहित सेकड़ो कार्यकर्ताओ तथा पदाधिकारियों द्वारा रेलवे स्टेसन पर फकीरा खान का भव्य स्वागत किया ,भाटी ने बताया की फकीरा खान लम्बे समय से राजस्थानी लोक संस्कृति के प्रचार प्रसार से जुड़े हें राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर के सचिव पद पर रहते हुए उन्होंने राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के बेहतरीन प्रयास किये ,उनको बिस्मिलाह्खान युवा पुरस्कार मिलाने से पूरा क्षेत्र गौरवानित हें ,उन्होंने बताया की राजस्थान दिवस ३० मार्च को राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की श्रंखला के तहत फकीरा खान का अभिनन्दन किया जाएगा जिला पाटवी रिड़मल सिंह दांता ने बताया की फकीरा खान बाड़मेर की लोक संस्कृति के धरोहर हें उन्हें सम्मानित करने पर पूरा क्षेत्र गौरवानित हुआ हें .फकीरा खान को फूल मलो से लाद दिया 

1 नहीं, 2 प्रेमियों के साथ मिलकर किया 'महापाप'!

राजकोट। राजकोट जिले के अमरापुर में पिछले 25 दिन से लापता एक युवक की लाश की बरामदगी के बाद पुलिस ने हत्या का पर्दाफाश कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने युवक की पत्नी और उसके दो प्रेमियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस पूछताछ में पत्नी ने अपने दो प्रेमियों के साथ इस हत्या को अंजाम देने की बात कुबूल कर ली है।


अमरापुर में रहने वाले जयराम रत्नाभाई कहोत गत 15 फरवरी से गुम था। पुलिस ने छानबीन शुरू होते ही जयराम की पत्नी हंसा भी कहीं लापता हो गई थी। आखिरकार पुलिस ने यहीं के एक कुएं से उसकी लाश बरामद की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जयराम की हत्या के बाद लाश कुएं में फेंकने की बात सामने आई।


इसके बाद पुलिस ने हंसा की तलाश शुरू की और गुरुवार को उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में आखिरकार हंसा ने पति की हत्या की बात कुबूल कर ली। हंसा के अनुसार उसके दो प्रेमी थे, जिसकी खबर जयराम को लग गई थी। इसीलिए उसने इन दोनों युवकों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी और लाश कुएं में फेंक दी थी।

देह व्यापार के लिए बदनाम इस गांव में पहली बार मचेगी ऐसी धूम!

थराद। उत्तर गुजरात के बनासकांठा जिले, थराद तहसील के वाडिया गांव में 15 वष्रो बाद फिर एक बार शहनाई बजने जा रही है। दरअसल इस गांव में रहने वाली हरेक लड़की को जवान होते ही देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया जाता है। आगामी 11 मार्च को 24 लड़कियों के जीवन में नई सुबह आएगी। इस दिन 7 लड़कियों की शादी और 17 की सगाई के साथ उनके जीवन का एक नया अध्याय शुरू होगा।


देह व्यापार की भयानक परंपरा में जकड़े वाडिया गांव की लड़कियों का जीवन बस यहीं तक सिमट कर रह गया था। पिछले पांच वर्षो से शासकीय व कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा यहां बदलाव के प्रयास निरंतर जारी थे। इस गांव के लोगों के जीवनोपार्जन के मुख्य स्रोत कुछ खेती-किसानी व गृह उद्योग ही हैं। इसलिए आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस गांव के लोगों ने देह व्यापार का रास्ता चुना।


पिछले 15 वर्षो से इस गांव में कभी शहनाई नहीं बजी। लेकिन समाजसेवी संस्थाओं के सामूहिक प्रयासों द्वारा अब यहां की 24 लड़कियों का विवाह होने जा रहा है। 11 मार्च को 7 लड़कियों का सामूहिक विवाह होगा, जबकि 17 लड़कियों की सगाई होगी। आगामी दिनों में इन 17 लड़कियों का भी सामूहिक विवाह संपन्न कराया जाएगा।



देह व्यापार हमारी मजबूरी थी :

देह व्यापार करने वाली एक लड़की से जब इस बारे में बात की गई तो उसका कहना था कि देह व्यापार करना हमें बिल्कुल पसंद नहीं, लेकिन घर का गुजारा चलाने के लिए हमें यह मजबूरी में करना ही पड़ता था।


अब हम स्वाभिमान से जी सकेंगे :

देह व्यापार के चंगुल में फंसी हम लड़कियों को लोग हमेशा तिरस्कार की नजरों से ही देखा करते थे। अब हमारी शादी होने जा रही है तो हम स्वाभिमान से जी सकेंगे।

दबंगों ने मां-बेटी को गांव में घुमाया निर्वस्त्र!

बल्लभगढ़ .रायपुरकलां गांव में कुछ दबंगों ने एक विधवा और उसकी बेटी को निर्वस्त्र घुमाया। शर्मसार कर देने वाली इस घटना के बाद से गांव में सन्नाटा छाया हुआ है।
 

गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस ने विधवा की शिकायत पर 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़ित मां-बेटी को बीके अस्पताल में दाखिल कराया गया है। पीड़ित लड़की की 12 मार्च को शादी होने वाली थी।

मिली जानकारी के अनुसार 50 वर्षीय सिमरन (बदला हुआ नाम) का तीन महीने पहले गांव के ही ईश्वर सिंह से विवाद हो गया था। उस समय गांव के लोगों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया था। दो माह पहले ईश्वर सिंह अपनी नाबालिग बेटी की शादी करवा रहा था, जिसे प्रशासन ने मौके पर पहुंच रुकवा दिया था। ईश्वर सिंह का मानना था कि सिमरन ने प्रशासन को शादी की सूचना दी थी।

होली के दिन गुरुवार दोपहर दो बजे सिमरन अपनी ननद और बेटी के साथ घर में थी। इसी दौरान ईश्वर सिंह, रेशम सिंह, गुरुदेव, सोनू, मालो बाई, बंटो बाई, इशहार सिंह, प्रेम सिंह, फोमन सिंह, बींद्र सिंह, गुरुदयाल व गुलजार लाठी डंडों से लैस होकर सिमरन के घर में घुस गए। आरोपी सिमरन और उसकी बेटी को घर से खींचकर बाहर लाए और उनके कपड़े फाड़ दिए। इसके बाद मां-बेटी को गांव में निर्वस्त्र घुमाया। आरोपियों ने विधवा के बेटे पर भी हमला किया, लेकिन ग्रामीणों ने उसे बचा लिया।

मामले की जांच कर रहे छांयसा थाने के एएसआई महेंद्र सिंह के अनुसार आरोपियों के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट का मामला दर्ज कर लिया गया है। नग्न किए जाने और गुप्तांग में चोट पहुंचाए जाने के मामले की तहकीकात जारी है।

गणगौर पूजन और व्रत विधि



हिन्दू समाज में चैत्र शुक्ल तृतीया का दिन गणगौर पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व विशेष तौर पर केवल स्त्रियों के लिए ही होता है। इस दिन भगवान शिव ने पार्वतीजी को तथा पार्वतीजी ने समस्त स्त्री-समाज को सौभाग्य का वरदान दिया था। इस दिन सुहागिनें दोपहर तक व्रत रखती हैं। स्त्रियाँ नाच-गाकर, पूजा-पाठ कर हर्षोल्लास से यह त्योहार मनाती हैं।
 



गणगौर पर्व कब मनाएँ : -

यह पर्व चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है, इसे गौरी तृतीया भी कहते हैं। होली के दूसरे दिन (चैत्र कृष्ण प्रतिपदा) से जो कुमारी और विवाहित बालिकाएँ अर्थात नवविवाहिताएँ प्रतिदिन गणगौर पूजती हैं, वे चैत्र शुक्ल द्वितीया (सिंजारे) के दिन किसी नदी, तालाब या सरोवर पर जाकर अपनी पूजी हुई गणगौरों को पानी पिलाती हैं और दूसरे दिन सायंकाल के समय उनका विसर्जन कर देती हैं। यह व्रत विवाहिता लड़कियों के लिए पति का अनुराग उत्पन्न करने वाला और कुमारियों को उत्तम पति देने वाला है। इससे सुहागिनों का सुहाग अखण्ड रहता है।




गणगौर व्रत कैसे करें :-

* चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी को प्रातः स्नान करके गीले वस्त्रों में ही रहकर घर के ही किसी पवित्र स्थान पर लकड़ी की बनी टोकरी में जवारे बोना चाहिए।

* इस दिन से विसर्जन तक व्रती को एकासना (एक समय भोजन) रखना चाहिए।

* इन जवारों को ही देवी गौरी और शिव या ईसर का रूप माना जाता है।

* जब तक गौरीजी का विसर्जन नहीं हो जाता (करीब आठ दिन) तब तक प्रतिदिन दोनों समय गौरीजी की विधि-विधान से पूजा कर उन्हें भोग लगाना चाहिए।

* गौरीजी की इस स्थापना पर सुहाग की वस्तुएँ जैसे काँच की चूड़ियाँ, सिंदूर, महावर, मेहँदी,टीका, बिंदी, कंघी, शीशा, काजल आदि चढ़ाई जाती हैं।

* सुहाग की सामग्री को चंदन, अक्षत, धूप-दीप, नैवेद्यादि से विधिपूर्वक पूजन कर गौरी को अर्पण किया जाता है।

* इसके पश्चात गौरीजी को भोग लगाया जाता है।

* भोग के बाद गौरीजी की कथा कही जाती है।

* कथा सुनने के बाद गौरीजी पर चढ़ाए हुए सिंदूर से विवाहित स्त्रियों को अपनी माँग भरनी चाहिए।

* कुँआरी कन्याओं को चाहिए कि वे गौरीजी को प्रणाम कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

* चैत्र शुक्ल द्वितीया (सिंजारे) को गौरीजी को किसी नदी, तालाब या सरोवर पर ले जाकर उन्हें स्नान कराएँ।

* चैत्र शुक्ल तृतीया को भी गौरी-शिव को स्नान कराकर, उन्हें सुंदर वस्त्राभूषण पहनाकर डोल या पालने में बिठाएँ।

* इसी दिन शाम को गाजे-बाजे से नाचते-गाते हुए महिलाएँ और पुरुष भी एक समारोह या एक शोभायात्रा के रूप में गौरी-शिव को नदी, तालाब या सरोवर पर ले जाकर विसर्जित करें।

* इसी दिन शाम को उपवास भी छोड़ा जाता है।

भंवर म्हाने पूजण द्यो गणगौर...

भंवर म्हाने पूजण द्यो गणगौर...

जैसलमेर। आठ कपट री इण्डोणी, भंवर म्हाने पूजण मां म्हने खेलण दो गणगौर व संदेश ड़े रा फूल तोड़्या जैसे गणगौर के भक्ति गीत गाती महिलाएं इन दिनाें स्वर्णनगरी की गलियाें व मोहल्लाें में भ्रमण करते देखी जा सकती है।

सदा सुहागिन बनने व परिवार की खुशहाली की कामना लिए महिलाएं 16 दिवसीय गणगौर व्रत का निर्वाह कर रही है। भोर होते ही महिलाएं सिर पर मंगल कलश लिए पैदल ही मंगल गीत गाती विभिन्न मंदिराें में पहुंचती है। इसके बाद शुरू होता है फल चुनने, पीपल पूजन करने व सूर्यदेव के अघ्र्य देने का दौर। कुंवारी कन्याएं भी सुयोग्य वर की कामना से गणगौर पूजन के दौरान काफी उत्साहित दिखाई दे रही है।

गणगौर पूजन करने पहुंची युवतियाें ने बताया कि महिलाएं वर्ष भर इस पावन पर्व का बेसब्री से इंतजार करती है। कृपा दृष्टि प्राप्त करने के लिए ही मन्नतें मांगती है। कुंवारी कन्याएं भी गणगौर माता से सुन्दर, सुदर्शन व बहुगुणी व्यक्तित्व के धनी युवक के वर के रूप में कामना करती है। इसी कामना से वे शाम को घुड़ला भी निकालती है।

डांडियों की खनक पर थिरके गेरिए

डांडियों की खनक पर थिरके गेरिए



सनावड़ा  धुलंडी पर सनावड़ा में गेर मेले का आयोजन हुआ। मेले में गेरिए थाली और ढोल की थाप पर हेरी नृत्य किया जिसे देखने आसपास के गांवों से ग्रामीण उमड़ पड़े।

रंग-बिरंगी आंगी पहने बुजुर्ग के साथ बच्चे भी कदम से कदम मिला नृत्य में तल्लीन रहे। हाथों में डांडिया लिए गेरिए गोल घेरा बनाकर कदम से कदम मिला उत्साह से नृत्य कर रहे थे। गेरिए की डांडिए की खनक से गांव गूंज उठा। रामदेरिया, राणी गांव, लीलसर, नोखड़ा, आडेल, हाथी तला, डूगेरों का तला, मेहलु, बाछड़ाऊ, तारातरा, महाबार सहित कई गांवों से बड़ी संख्या में लोगों ने गेर महोत्सव में भाग लिया। मेले में थाली की टंकार पर गेर नर्तकों ने योग मुद्रा में नृत्य किया जो मेले में प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा। गेरियों ने तीन समूह बनाकर गेर नृत्य किया।

राम-राम सा पर गूंजी तालियां : गेर मेले की शुरुआत मालाणी के पंच डूंगराराम सियाग को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। समारोह को संबोधित करते हुए कलेक्टर डॉ.वीणा प्रधान ने होली पर्व की बधाई देने के साथ ही मारवाड़ी में जब राम-राम सा कहा तो तालियों की गडगडाहट से प्रांगण गूंज उठा। गेर नृत्य की सराहना करते हुए उन्होंने कहा यहां प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। कला-संस्कृति को मिलजुल कर आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं कि मैंने भी यहां गेर नृत्य का एक स्टेप सीखा है।

कला का सम्मान करें:उन्होंने कलाकारों से आह्वान किया कि कला में हर बार कुछ न कुछ नयापन लाएं ताकि कला का विकास हो और उसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिले। उन्होंने एशियाड में प्रदर्शन करने वाले 120 गेर कलाकारों को बधाई दी। मेले के दौरान महिलाओं ने उत्साह से फाग गीत गाए। नृत्य कलाकारों को पुरस्कार भेंट कर सम्मान किया गया।

क्या है हेरी नृत्य: गेर नृत्य कलाकार अपने सीने पर ढोल को बांध कई तरह से करतब करते हुए नृत्य करते हैं। अन्य साथी कलाकार पैरों में बंधे घुंघरू की खनक के साथ ही डंडियों से ढोल को बजाते हैं। हेरी नृत्य के दौरान कलाकार नीचे लेट कर आकर्षक प्रदर्शन करते हैं।

घट गया आंगी का वेट:खीयाराम जाखड़ ने कहा कि कला अपनी है, सनावड़ा का हर कोई शख्स कला से जुड़ा है। पहले कलाकार 45 किलो वजन की आंगी पहना करते थे। लेकिन अब आंग का वजन घट कर महज 18 किलो ही रह गया है।उन्होंने कलाकारों को स्वयं की मजबूती के साथ कला को भी और मजबूत करने का आह्वान किया।

स्टेडियम के लिए प्रयास किए जाएंगे: गेर नृत्य मेले में कलेक्टर डा.वीणा प्रधान ने कहा कि कला एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कलाकारों से किसी तरह का वादा नहीं करती हूं लेकिन गेर नृत्य के लिए सनावड़ा में स्टेडियम बने इसके लिए प्रयास जरूर करूंगी।कलाकारों की भावना का हमेशा सम्मान किया जाएगा। उनकी समस्या समाधान के लिए प्रयास किए जाएंगे।