थराद। उत्तर गुजरात के बनासकांठा जिले, थराद तहसील के वाडिया गांव में 15 वष्रो बाद फिर एक बार शहनाई बजने जा रही है। दरअसल इस गांव में रहने वाली हरेक लड़की को जवान होते ही देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया जाता है। आगामी 11 मार्च को 24 लड़कियों के जीवन में नई सुबह आएगी। इस दिन 7 लड़कियों की शादी और 17 की सगाई के साथ उनके जीवन का एक नया अध्याय शुरू होगा।
देह व्यापार की भयानक परंपरा में जकड़े वाडिया गांव की लड़कियों का जीवन बस यहीं तक सिमट कर रह गया था। पिछले पांच वर्षो से शासकीय व कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा यहां बदलाव के प्रयास निरंतर जारी थे। इस गांव के लोगों के जीवनोपार्जन के मुख्य स्रोत कुछ खेती-किसानी व गृह उद्योग ही हैं। इसलिए आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस गांव के लोगों ने देह व्यापार का रास्ता चुना।
पिछले 15 वर्षो से इस गांव में कभी शहनाई नहीं बजी। लेकिन समाजसेवी संस्थाओं के सामूहिक प्रयासों द्वारा अब यहां की 24 लड़कियों का विवाह होने जा रहा है। 11 मार्च को 7 लड़कियों का सामूहिक विवाह होगा, जबकि 17 लड़कियों की सगाई होगी। आगामी दिनों में इन 17 लड़कियों का भी सामूहिक विवाह संपन्न कराया जाएगा।
देह व्यापार हमारी मजबूरी थी :
देह व्यापार करने वाली एक लड़की से जब इस बारे में बात की गई तो उसका कहना था कि देह व्यापार करना हमें बिल्कुल पसंद नहीं, लेकिन घर का गुजारा चलाने के लिए हमें यह मजबूरी में करना ही पड़ता था।
अब हम स्वाभिमान से जी सकेंगे :
देह व्यापार के चंगुल में फंसी हम लड़कियों को लोग हमेशा तिरस्कार की नजरों से ही देखा करते थे। अब हमारी शादी होने जा रही है तो हम स्वाभिमान से जी सकेंगे।
देह व्यापार की भयानक परंपरा में जकड़े वाडिया गांव की लड़कियों का जीवन बस यहीं तक सिमट कर रह गया था। पिछले पांच वर्षो से शासकीय व कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा यहां बदलाव के प्रयास निरंतर जारी थे। इस गांव के लोगों के जीवनोपार्जन के मुख्य स्रोत कुछ खेती-किसानी व गृह उद्योग ही हैं। इसलिए आर्थिक तंगी से जूझ रहे इस गांव के लोगों ने देह व्यापार का रास्ता चुना।
पिछले 15 वर्षो से इस गांव में कभी शहनाई नहीं बजी। लेकिन समाजसेवी संस्थाओं के सामूहिक प्रयासों द्वारा अब यहां की 24 लड़कियों का विवाह होने जा रहा है। 11 मार्च को 7 लड़कियों का सामूहिक विवाह होगा, जबकि 17 लड़कियों की सगाई होगी। आगामी दिनों में इन 17 लड़कियों का भी सामूहिक विवाह संपन्न कराया जाएगा।
देह व्यापार हमारी मजबूरी थी :
देह व्यापार करने वाली एक लड़की से जब इस बारे में बात की गई तो उसका कहना था कि देह व्यापार करना हमें बिल्कुल पसंद नहीं, लेकिन घर का गुजारा चलाने के लिए हमें यह मजबूरी में करना ही पड़ता था।
अब हम स्वाभिमान से जी सकेंगे :
देह व्यापार के चंगुल में फंसी हम लड़कियों को लोग हमेशा तिरस्कार की नजरों से ही देखा करते थे। अब हमारी शादी होने जा रही है तो हम स्वाभिमान से जी सकेंगे।
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