डांडियों की खनक पर थिरके गेरिए
सनावड़ा धुलंडी पर सनावड़ा में गेर मेले का आयोजन हुआ। मेले में गेरिए थाली और ढोल की थाप पर हेरी नृत्य किया जिसे देखने आसपास के गांवों से ग्रामीण उमड़ पड़े।
रंग-बिरंगी आंगी पहने बुजुर्ग के साथ बच्चे भी कदम से कदम मिला नृत्य में तल्लीन रहे। हाथों में डांडिया लिए गेरिए गोल घेरा बनाकर कदम से कदम मिला उत्साह से नृत्य कर रहे थे। गेरिए की डांडिए की खनक से गांव गूंज उठा। रामदेरिया, राणी गांव, लीलसर, नोखड़ा, आडेल, हाथी तला, डूगेरों का तला, मेहलु, बाछड़ाऊ, तारातरा, महाबार सहित कई गांवों से बड़ी संख्या में लोगों ने गेर महोत्सव में भाग लिया। मेले में थाली की टंकार पर गेर नर्तकों ने योग मुद्रा में नृत्य किया जो मेले में प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा। गेरियों ने तीन समूह बनाकर गेर नृत्य किया।
राम-राम सा पर गूंजी तालियां : गेर मेले की शुरुआत मालाणी के पंच डूंगराराम सियाग को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। समारोह को संबोधित करते हुए कलेक्टर डॉ.वीणा प्रधान ने होली पर्व की बधाई देने के साथ ही मारवाड़ी में जब राम-राम सा कहा तो तालियों की गडगडाहट से प्रांगण गूंज उठा। गेर नृत्य की सराहना करते हुए उन्होंने कहा यहां प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। कला-संस्कृति को मिलजुल कर आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं कि मैंने भी यहां गेर नृत्य का एक स्टेप सीखा है।
कला का सम्मान करें:उन्होंने कलाकारों से आह्वान किया कि कला में हर बार कुछ न कुछ नयापन लाएं ताकि कला का विकास हो और उसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिले। उन्होंने एशियाड में प्रदर्शन करने वाले 120 गेर कलाकारों को बधाई दी। मेले के दौरान महिलाओं ने उत्साह से फाग गीत गाए। नृत्य कलाकारों को पुरस्कार भेंट कर सम्मान किया गया।
क्या है हेरी नृत्य: गेर नृत्य कलाकार अपने सीने पर ढोल को बांध कई तरह से करतब करते हुए नृत्य करते हैं। अन्य साथी कलाकार पैरों में बंधे घुंघरू की खनक के साथ ही डंडियों से ढोल को बजाते हैं। हेरी नृत्य के दौरान कलाकार नीचे लेट कर आकर्षक प्रदर्शन करते हैं।
घट गया आंगी का वेट:खीयाराम जाखड़ ने कहा कि कला अपनी है, सनावड़ा का हर कोई शख्स कला से जुड़ा है। पहले कलाकार 45 किलो वजन की आंगी पहना करते थे। लेकिन अब आंग का वजन घट कर महज 18 किलो ही रह गया है।उन्होंने कलाकारों को स्वयं की मजबूती के साथ कला को भी और मजबूत करने का आह्वान किया।
स्टेडियम के लिए प्रयास किए जाएंगे: गेर नृत्य मेले में कलेक्टर डा.वीणा प्रधान ने कहा कि कला एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कलाकारों से किसी तरह का वादा नहीं करती हूं लेकिन गेर नृत्य के लिए सनावड़ा में स्टेडियम बने इसके लिए प्रयास जरूर करूंगी।कलाकारों की भावना का हमेशा सम्मान किया जाएगा। उनकी समस्या समाधान के लिए प्रयास किए जाएंगे।
सनावड़ा धुलंडी पर सनावड़ा में गेर मेले का आयोजन हुआ। मेले में गेरिए थाली और ढोल की थाप पर हेरी नृत्य किया जिसे देखने आसपास के गांवों से ग्रामीण उमड़ पड़े।
रंग-बिरंगी आंगी पहने बुजुर्ग के साथ बच्चे भी कदम से कदम मिला नृत्य में तल्लीन रहे। हाथों में डांडिया लिए गेरिए गोल घेरा बनाकर कदम से कदम मिला उत्साह से नृत्य कर रहे थे। गेरिए की डांडिए की खनक से गांव गूंज उठा। रामदेरिया, राणी गांव, लीलसर, नोखड़ा, आडेल, हाथी तला, डूगेरों का तला, मेहलु, बाछड़ाऊ, तारातरा, महाबार सहित कई गांवों से बड़ी संख्या में लोगों ने गेर महोत्सव में भाग लिया। मेले में थाली की टंकार पर गेर नर्तकों ने योग मुद्रा में नृत्य किया जो मेले में प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा। गेरियों ने तीन समूह बनाकर गेर नृत्य किया।
राम-राम सा पर गूंजी तालियां : गेर मेले की शुरुआत मालाणी के पंच डूंगराराम सियाग को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। समारोह को संबोधित करते हुए कलेक्टर डॉ.वीणा प्रधान ने होली पर्व की बधाई देने के साथ ही मारवाड़ी में जब राम-राम सा कहा तो तालियों की गडगडाहट से प्रांगण गूंज उठा। गेर नृत्य की सराहना करते हुए उन्होंने कहा यहां प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। कला-संस्कृति को मिलजुल कर आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि आज मैं बहुत खुश हूं कि मैंने भी यहां गेर नृत्य का एक स्टेप सीखा है।
कला का सम्मान करें:उन्होंने कलाकारों से आह्वान किया कि कला में हर बार कुछ न कुछ नयापन लाएं ताकि कला का विकास हो और उसे अंतरराष्ट्रीय पहचान मिले। उन्होंने एशियाड में प्रदर्शन करने वाले 120 गेर कलाकारों को बधाई दी। मेले के दौरान महिलाओं ने उत्साह से फाग गीत गाए। नृत्य कलाकारों को पुरस्कार भेंट कर सम्मान किया गया।
क्या है हेरी नृत्य: गेर नृत्य कलाकार अपने सीने पर ढोल को बांध कई तरह से करतब करते हुए नृत्य करते हैं। अन्य साथी कलाकार पैरों में बंधे घुंघरू की खनक के साथ ही डंडियों से ढोल को बजाते हैं। हेरी नृत्य के दौरान कलाकार नीचे लेट कर आकर्षक प्रदर्शन करते हैं।
घट गया आंगी का वेट:खीयाराम जाखड़ ने कहा कि कला अपनी है, सनावड़ा का हर कोई शख्स कला से जुड़ा है। पहले कलाकार 45 किलो वजन की आंगी पहना करते थे। लेकिन अब आंग का वजन घट कर महज 18 किलो ही रह गया है।उन्होंने कलाकारों को स्वयं की मजबूती के साथ कला को भी और मजबूत करने का आह्वान किया।
स्टेडियम के लिए प्रयास किए जाएंगे: गेर नृत्य मेले में कलेक्टर डा.वीणा प्रधान ने कहा कि कला एवं संस्कृति के संरक्षण के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कलाकारों से किसी तरह का वादा नहीं करती हूं लेकिन गेर नृत्य के लिए सनावड़ा में स्टेडियम बने इसके लिए प्रयास जरूर करूंगी।कलाकारों की भावना का हमेशा सम्मान किया जाएगा। उनकी समस्या समाधान के लिए प्रयास किए जाएंगे।
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