बुधवार, 7 मार्च 2012

मुलायम विधायक दल का नेता चुने गए

मुलायम विधायक दल का नेता चुने गए
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) की संसदीय बोर्ड की बुधवार को यहां हुई बैठक में पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को विधायक दल का नेता चुन लिया गया लेकिन उनके नाम की औपचारिक घोषणा होली के बाद नव निर्वाचित विधायकों की बैठक में होगी।

सपा के सचिव और पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री किरणमय नंदा के अनुसार संसदीय बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से यादव को नेता चुनने का निर्णय किया गया। उन्होंने कहा, मुलायम के नाम की औपचारिक घोषणा होली के बाद विधायकों की होने वाली बैठक में की जाएगी।

निर्वाचित विधायकों की बैठक होली बाद इसलिए रखी गई है क्योंकि अधिकतर विधायक राजधानी लखनऊ नहीं पहुंच पाए हैं। बैठक संभवतया नौ मार्च की शाम को होगी और उसमें यादव को विधायक दल का नेता चुने जाने की औपचारिक घोषणा की जाएगी। संसदीय बोर्ड में शामिल अधिकतर सदस्यों के नहीं पहुंच पाने के कारण बैठक को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी रही।

पार्टी के पूर्व प्रवक्ता तथा सांसद मोहन सिंह बीमार हैं तो महासचिव और रामपुर से विधायक चुने गए आजम खां समय पर नहीं पहुंच पाए थे। संसदीय बोर्ड की बैठक हो रही है इसके बारे में कई वरिष्ठ नेताओं को भी जानकारी नहीं थी। बोर्ड सदस्यों के बीच पार्टी अध्यक्ष के नाम पर आम सहमति थी और किसी ने भी कोई दूसरा नाम इस जिम्मेवारी के लिए आगे नहीं रखा। बैठक में यादव के अलावा प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव, विधानसभा में विपक्ष
के नेता रहे शिवपाल सिंह यादव और अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया।


सपा को पूर्ण बहुमत
उत्तरप्रदेश में पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही सपा की आंधी में हाथी उड़ गया। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी का जादू भी नहीं चला और भाजपा की स्थिति भी दयनीय हो गई।

206 सीटों के साथ सरकार बनाने वाली मायावती को पीछे छोड़ते हुए सपा अभी तक 224 सीटें जीत चुकी है। मुलायम सिंह यादव का मुख्यमंत्री बनना तय है। कांग्रेस को महज 47 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा, वहीं भाजपा अपनी पिछले स्थिति के बनाए रखने के लिए भी संघर्ष करती रही।

उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव में मतदान पूर्व और बाद में आए तमाम सर्वेक्षण को दरकिनार करते हुए सपा ने घोषित परिणामों में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। पार्टी के वरिष्ठ और उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्षी दल के नेता शिवपाल सिंह यादव जसवंतनगर सीट से 80 हजार से अधिक मतों से जीते हैं।

विधानसभा के पिछले चुनाव में 206 सीट जीतकर सरकार बनाने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अब तक 79 सीटें जीती हैं। भाजपा ने 47 तथा कांग्रेस गठबंधन ने 38 सीटे जीती हैं। 14 सीट अन्य के खाते में गई है। बुंदेलखंड में पिछले चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली भाजपा ने चरखासी सीट जीतकर अपना खाता खोल दिया है। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद की दावेदार बताई गई उमा भारती ने सपा के कप्तान सिंह को 25 हजार से अधिक मतों से हराया।

केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद फर्रूखाबाद सीट से निर्दलीय प्रत्याशी विजय सिंह से पराजित हो गई हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ कैंट सीट से 21 हजार से अधिक मतों से जीती हैं उन्होंनें भाजपा के सुरेश तिवारी को पराजित किया है। अमेठी राज घराने की कांग्रेस की अमिता सिंह अमेठी सीट से साढ़े चार हजार वोट से चुनाव हार गई हैं। पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे भाजपा उपाध्यक्ष कलराज मिश्र लखनऊ पूर्व सीट से बीस हजार मतों से जीते हैं।

उन्होंने सपा की जूही सिंह को पराजित किया। रामपुर सदर सीट से सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां चुनाव जीत गए हैं। वे आठवीं बार विधायक बने हैं। उन्होंने कांग्रेस के तनवीर अहमद को 66 हजार से अधिक मतों से हराया। रामपुरखास सीट से कांग्रेस के प्रमोद तिवारी नौंवी बार चुनाव जीतने में सफल रहे हैं जबकि भाजपा के श्यामदेव राय चौधरी वाराणसी दक्षिण सीट से सातवीं बार जीतने में सफल रहे हैं। उहोंने कांग्रेस के दयालु गुरू को हराया।


भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही पथरदेवा सीट से पराजित हो गए हैं। शाही को सपा के शाकिर अली ने 804 मतों से पराजित किया। सिद्धार्थनगर की इटवा सीट से विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष तथा सपा प्रत्याशी माता प्रसाद ने कांग्रेस के मोहम्मद मुकीम को नौ हजार से अधिक मतों से पराजित किया।

बुलंदशहर की डिबाई सीट से सपा के भगवान शर्मा ने जनक्रांति पार्टी के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह को पराजित कर दिया है। भगवान शर्मा ने विधानसभा के पिछले चुनाव में भी सिंह को इसी सीट से पराजित किया था। पिछली बार वे बसपा के प्रत्याशी थे। विधानसभा में भाजपा विधायक दल के उपनेता हुकुम सिंह कैराना सीट से चुनाव जीत गए हैं।

मुसलमानों और मीडिया ने हरवायाः मायावती

 

लखनऊ. बसपा प्रमुख मायावती ने बुधवार को उत्‍तर प्रदेश की मुख्‍यमंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया। इस्‍तीफे के बाद वह मीडिया से रूबरू हुईं।उन्‍होंने बीते पांच साल में प्रदेश का विकास करने का दावा किया और बसपा की करारी हार के कारण गिनाए। मायावती ने जो कहा, वह शब्‍दश: यह है...
उत्तर प्रदेश के नतीजे घोषित हो चुके हैं और ये हमारी पार्टी के अनुकूल न आने के कारण आज मैंने विधान सभा भंग करने की सिफारिश करने के साथ-साथ अपने मुख्यमंत्री के पद से भी इस्तीफा महामहिम राज्यपाल को सौंप दिया है। हालांकि मेरी इस सरकार के बारे में वैसे आप लोगों को ये भी मालूम है कि मैंने सन 2007 में हर स्तर पर कितनी ज्यादा खराब हालातों में प्रदेश की सत्ता अपने हाथों में ली थी, जिन्हें सुधारने में मेरी सरकार को काफी ज्यादा मेहनत करनी पड़ी है जबकि इस मामले में मेरी सरकार को सहयोग देने में विरोधी पार्टियों की तरह केंद्र सरकार का भी रवैया ज्यादातर नकारात्मक रहा है। इस सबके बावजूद भी मेरी सरकार ने अपनी पार्टी की सर्वजन-हिताय व सर्वजन-सुखाय की नीति के आधार पर चलकर यहां विकास व कानून व्यवस्था के साथ-साथ सर्व समाज में गरीबों, मजदूरों, छात्रायों, कर्मचारियों आदि के हितों के लिए हर मामले में व हर स्तर पर महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक कार्य किए हैं। प्रदेश में बिजली की खराब स्थिति को सुधारने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं जिनका फायदा 2014 तक प्रदेश की जनता को मिल जाएगा।





दुख की बात यह है कि प्रदेश में अब सत्ता ऐसी पार्टी के हाथों में आ रही है जो सभी विकास कार्यों को ठंडे बस्ते में डालकर एक बार फिर प्रदेश को कई वर्ष पीछे ले जाएगी। इसके लिए हमारी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस के गलत स्टैंड को ही जिम्मेदार मानकर चलती है। इस बारे में आप लोगों को यह भी मालूम है कि कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में विधानसभा आम चुनाव घोषित होने के तुंरत बाद ही अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जब मुस्लिम समाज के पिछड़े हुए लोगों को ओबीसी के कोटे में से आरक्षण देने के बात कही तब बीजेपी ने उसका काफी डटकर विरोध किया था। इतना ही नहीं बल्कि इस मुद्दे की आड़ में बीजेपी ने भी अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए प्रदेश में अग्रणी समाज के साथ-साथ ओबीसी वोटों को भी अपने ओर खींचने की कोशिश की थी जिसके बाद प्रदेश के मुस्लिम समाज को यह डर सताने लगा था कि कहीं प्रदेश में फिर बीजेपी की सत्ता न आ जाए। इसी स्थिति में कांग्रेस को कमजोर देखते हुए, आरक्षण के मुद्दे पर बीएसपी से अपर कास्ट समाज व पिछडे़ वोटों को बीजेपी में जाने के डर से मुस्लिम समाज ने सपा को वोट किया। इसी कारण से प्रदेश के मुसलिम समाज ने कांग्रेस और बसपा को अपना वोट न देकर अपना 70 फीसदी वोट इकतरफा तौर पर सपा को दे दिया। यही कारण है कि सिर्फ मुसलिम वोटों के कारण ही सपा के ओबीसी, अग्रणी समाज और अन्य समुदायों के लोगों का वोट भी जुड़ जाने के कारण सपा के प्रत्याशी चुनाव जीते। मुसलिम बाहुल्य सीटों पर सपा के मुसलमान उम्मीदवार इस बार आसानी से चुनाव जीत गए।





प्रदेश में दलितों के वर्ग को छोड़कर ज्यादातर हिंदू समाज में से खास तौर पर अपर कास्ट समाज का वोट कई पार्टियों में बंट जाने के कारण सपा के उम्मीदवारों को ही मिला। कुछ अपर कास्ट हिंदू वोट बसपा को मिले, कुछ कांग्रेस को और बाकी बीजेपी को मिला। अपर कास्ट समाज का वोट बंटने के बाद सपा के समर्थन में परिणाम आने के बाद से प्रदेश का अग्रणी हिंदू समाज दुखी महसूस कर रहा है।



लेकिन फिर भी हमारी पार्टी के लिए इस चुनाव में पहले से भी ज्यादा संतोष की बात यह रही है कि विरोधी पार्टियों के हिंदू-मुस्लिम वोटों के चक्कर में बीएसपी का अपना दलित बेस वोट बिलकुल भी नहीं बंटा है। दलित वर्ग के लोगों ने पूरे प्रदेश में अपना इकतरफा वोट बीएसपी के उम्मीदवारों को दिया है। इसी कारण हमारी पार्टी इस चुनाव में दूसरे नंबर पर बनी रही। वरना हमारी पार्टी बहुत पीछे चली जाती। मैं अपने दलित समाज के लोगों का दिल से धन्यवाद और आभार प्रकट करती हूं। इसके साथ-साथ मैं अपनी पार्टी से जुड़े मुस्लिम समाज व अन्य पिछड़ा वर्ग और अग्रणी जाति समाज के उन लोगों का भी दिल से शुक्रिया अदा करती हूं जो इस चुनाव में किसी भी लहर में गुमराह नहीं हुए और बहकावे में नहीं आए और हमारी पार्टी से जुड़े रहे। हमारी पार्टी में सर्वसमाज के 80 उम्मीदवार चुनाव जीतकर आए हैं।


इसके साथ ही यहां मैं यह भी कहना चाहती हूं कि अब हमारी पार्टी दलितों की तरह यहां प्रदेश में अन्य सभी समाज के लोगों को भी कैडर के जरिए हिंदू-मुसमिल मानसिकता से बाहर निकालने की भी पूरी-पूरी कोशिश करेगी ताकि इस बार के चुनव की तरह आगे अन्य किसी भी चुनाव में हमारी पार्टी को इस तरह का कोई भी नुकसान न पहुंच सके। अंत में मेरा यही कहना है कि अब प्रदेश की जनता बहुत जल्द ही सपा की कार्यशैली से तंग आकर, जिसकी शुरुआत कल से हो चुकी है, बीएसपी के सुशासन को जरूर याद करेगी और मुझे यह पूरा भरोसा है कि अगली बार प्रदेश की जनता फिर से बसपा को पूर्ण बहुमत से सत्ता में लाएगी।





मैं प्रदेश की पुलिस और प्रशासन से जुड़े सभी छोटे बड़े अधिकारियों का दिल से शुक्रिया अदा करती हूं, पूरी अवधि में उन्होंने मुझे सरकार चलाने में सहयोग किया और 2009 के लोकसभा चुनाव और प्रदेश में 2012 के आम चुनाव करवाने में सहयोग का भी आभार प्रकट करती हूं। भ्रष्टाचार का मेरे शासन के जाने से कोई लेना देना नहीं है। बसपा को मुसलिम वोटों के ध्रविकरण के कारण नुकसान पहुंचा। कांग्रेस और बीजेपी और मीडिया जिम्मेदार हैं। प्रदेश की जनता के साथ अब जो भी होगा उसके लिए जनता कांग्रेस और बीजेपी के साथ-साथ मीडिया को भी कोसेगी।







भाषण के बाद उत्तराखंड में सरकार बनाने के पत्रकारों के सवाल पर उन्‍होंने कहा कि वहां की बीएसपी यूनिट से अभी बात नहीं की है। उनसे बात करके जो भी होगा, प्रेस नोट के जरिए आपको जानकारी दे दूंगी।


एक और सवाल के जवाब में उन्‍होंने कहा कि यदि मेरी सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा होता तो मुझे 80 सीटें भी नहीं मिलती। फिर मेरा भी हाल बिहार में लालू प्रसाद की तरह होता। हर पार्टी में मतभेद होते हैं, लेकिन जब भी परीक्षा की घड़ी आती है तब सब एक हो जाते हैं। मेरी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं ने मेरा दिशा निर्देशन में पूरी ईमानदारी से अपना काम किया है।

मायावती के बयान का पोस्‍टमॉर्टम

मायावती की दलीलों पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजवादी पार्टी के नेता शाहिद सिद्दीकीने कहा कि समाजवादी पार्टी को सकारात्मक वोट मिला है। कांग्रेस यह कोशिश करती है कि बीजेपी का डर दिखाकर मुसलमानों का वोट ले ले। हमने मुसलमानों को बीजेपी का डर दिखाकर नहीं बल्कि सकारात्मक उम्मीदें दिखाकर वोट लिया है। यदि ऐसा होता तो कांग्रेस के मुसलमान नेताओं के उम्मीदवारों का ऐसा हाल नहीं होता। मुसलमान भेड़ें नहीं है कि कोई उन्हें हांक कर ले जाए। मुसलमान अब सेक्यूलर हो गया है और सोच समझकर अपना वोट दे रहा है। कई मुसलिम पार्टियां भी चुनावों में आईं जिनका हश्र अच्छा नहीं हुआ है। सिद्दीकी ने यह भी कहा कि मायावती को आत्म मंथन करना चाहिए और अपनी गलतियों को पहचानना चाहिए। समाजवादी पार्टी को इस बार भी दलित वर्ग का 25 प्रतिशत वोट मिला है।

राजनीतिक विश्‍लेषक अभय कुमार दुबे के मुताबिक मायावती की दलील में कोई दम नहीं है। 2007 के चुनाव में उत्तर प्रदेश में अगड़ों ने मायावती को वोट किया था। यह नकारात्मक वोट था लेकिन मायावती अपने पांच साल से शासन में इस वोट को सकारात्मक वोट में नहीं बदल पाईं। मायावती हार के जो कारण बता रहीं हैं वो हास्यस्पद हैं।

नेट पर लड़की की अश्लीलता देखने टूटे लोग, जान का दुश्मन बना वीडियो

 

यूट्यूब ने हमेशा विवाद और बहस के लिए यूजर्स को एक बढ़िया प्लेटफार्म उपलब्ध कराया है। ऐसी ही एक ऑनलाइन लड़ाई में एक यूजर को उनके विरोधियों द्वारा जान से मारने की धमकी मिल रही है।

एलेजांड्रा गेटन अपने चैनल के सदस्यों के बीच 'द रिप्लाई गर्ल' के नाम से जानी जाती हैं। गेटन तंग कपड़ों में यूट्यूब पर पोस्ट किए गए अपने लोकप्रिय वीडियो में लोगों से प्रतिक्रियाएं मांगती है लेकिन ऐसा करने के दौरान वह अब एक ऑनलाइन युद्ध में उलझ गईं हैं।

कंटेंट पोस्ट करने वाले 'रिप्लाई गर्ल के प्रतिद्वंद्वी,यूट्यूब यूजर्स और कम्पनियां गेटन के अपने निजी अंगों को दिखाकर विज्ञापनदाताओं से पैसे बनाने के तरीके से गुस्से में हैं और वे अब गेटन को वेश्या आदि नामों से बुलाने लगे हैं।

गेटन इन वीडियो के हिट्स ( वीडियो को देखे जाने की संख्या) के आधार पर 100 डॉलर से लेकर 1000 डॉलर तक लेती हैं। अगर किसी वीडियो को 50000 बार देखा गया है तो गेटन इसके 1000 डॉलर लेती हैं। लेकिन इंटरनेट पर सनसनी मचा देने वाले इन वीडियोज की अब लोग निंदा करने लगे हैं और गेटन के इन वीडियो से उब गए हैं।

गुस्साए यूजरों ने गेटन को भेजे अपनी टिप्पणियों में कहा है:जाओ अपने-आप को खत्म कर लो,जा आत्महत्या कर लो,किसी पहाड़ी से कूद जाओ,मैं तुम्हार बलात्कार करूंगा,मैंने तुम्हे जान से मार दूंगा,मैं तुम्हारा अकाउंट हैक कर लूंगा आदि।

गेटन ने इन टिप्पणियों को नकारात्मक बताया है।

गेटन एक मृदु भाषी लड़की है और कनाडा में रहती हैं। उनका मानना है कि वह अपने निजी अंगों को दिखा कर क़ानूनी तरीके से पैसे बनाकर कुछ भी गलत नहीं कर रही हैं।

गेटन कहती हैं :'यह प्रकृति है,यह सेक्स अपील है।'

यू ट्यूब पर पोस्ट किए गए और डेली डॉट फिल्म द्वारा बनाए गए एक छोटे वृत्तचित्र में गेटन अपने दिन में किए जाने वाले कामों के बारे में बताया है। गेटन ने स्वीकार किया कि उन्होंने एक समय इसे एक मॉडल (वीडियो)के रूप में बनाने की कोशिश की थी।

हालांकि गेटन का परिवार उनके इन वीडियो को पसंद नहीं करता है। डेली डॉट फिल्म के मुताबिक गेटन के माता-पिता उसके काम से खासे नाराज हैं और हालात ऐसे बन गए हैं कि गेटन को कभी भी घर छोड़ना पड़ सकता है।






गेटन एक दिन में करीब पांच से 10 वीडियो बनाती हैं। इन वीडियोज को विज्ञापनदाता 'देखें और भुगतान करें' की तर्ज पर लगा देते हैं।
विज्ञापनदाताओं को पता है कि गेटन की छाती के नजदीक से लिए गए शॉट्स उनकी छोटी फिल्मों के लिए एक बड़े दर्शक वर्ग को आकर्षित करेगी और और इन्हें कई हजार लोग देखेंगे।

हालांकि फिल्म में उनका भारी उच्चारण उनकी कही बातों को समझने में दिक्कत पैदा करता है। देखने वाले कई दर्शक या तो इस बारे में ध्यान नहीं देते हैं या फिर गेटन के बारे में घृणित टिप्पणी पोस्ट करते हैं।
कंपनियों की शिकायत भी यहीं से शुरू होती है। कंपनियों का कहना है कि जब उनके चैनल पर आने वाले आगंतुक उनके चैनल पर न आकर का 'द रिप्लाई गर्ल' के थंबनेल पर क्लिक कर देते हैं।
इन कंपनियों का कहना है कि अगर लोग गेटन के पोस्ट किए गए वीडियो को नापसंद भी करते हैं तब भी संबंधित वीडियो एल्गोरिथ्म इस तरह के वीडियोज को पेज पर सबसे ऊपर रखता है।

विवाद को देखते हुए यूट्यूब अब मामले को देख रहा है और पता लगा रहा है कि यह दूसरे चैनलों को कैसे प्रभावित करता है।

लेकिन गेटन इन विवादों के बाद भी आशावादी बनी हुई हैं। उनका कहना है कि नफरत के बावजूद एक छोटा समूह उनका समर्थन करता है।
उनका कहना है: "अगर यूट्यूब साझेदारी या मुद्रीकरण कार्यक्रम मौजूद नहीं होता तब भी मैं निजी ब्लॉग के जरिए ऐसा करते रहती क्योंकि वे मेरी सराहना करते हैं। "

वसुंधरा राजे सिंधिया का जन्म....तस्वीरों में देखें












वसुंधरा राजे सिंधिया का जन्म 8 मार्च, 1953 ई. को मुंबई में हुआ था। वसुंधरा राजे ग्वालियर के शासक जीवाजी राव सिंधिया और उन की पत्नी राजमाता विजया राजे सिंधिया की चौथी संतान हैं। वसुंधरा राजे ने प्रेजेंटेशन कॉन्वेंट स्कूल, से प्रारम्भिक शिक्षा पूरी करने के बाद सोफिया महाविद्यालय, मुंबई यूनिवर्सिटी से इकॉनॉमिक्स और साइंस आनर्स से स्नातक की शिक्षा प्राप्त की है। वसुंधरा राजे की शादी धौलपुर राजघराने के महाराजा हेमंतसिंह के साथ हुई थी। वसुंधरा राजे तब से ही राजस्थानसे जुड़ गईं थी।

वसुंधरा राजे अध्ययन, संगीत, घुड़सवारी, फ़ोटोग्राफ़ी और बागबानी की शौक़ीन हैं। विभिन्न प्रकार की महँगी साड़ियाँ पहनना और उच्च रहन-सहन वसुंधरा राजे का शौक़ है। यह रूतबा देख कर राजस्थान की जनता ही नहीं, पक्षविपक्ष के नेता विधानसभा तक में उन्हें महारानी ही कहते थे
राजनीतिक सफ़र

वसुंधरा राजे को सन् 1984 में भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल किया गया था। वसुंधरा राजे की कार्यक्षमता, विनम्रता और पार्टी के प्रति वफ़ादारी के चलते 1998-1999 मेंअटलबिहारी वाजपेयी मंत्रीमंडल में वसुंधरा को विदेश राज्य मंत्री बनाया गया। वसुंधरा राजे कोअक्टूबर, 1999 में फिर केंद्रीय मंत्रीमंडल में राज्यमंत्री के तौर पर स्माल इंडस्ट्रीज, कार्मिक एंड ट्रेनिंग, पेंशन व पेंशनर्स कल्याण, न्यूक्लियर एनर्जी विभाग एवं स्पेस विभाग का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया।

वसुंधरा ने देश की राजनीति में अपनी क़ाबलियत से एक पहचान कायम कर ली। इसी बीच राजस्थान में भैरों सिंह शेखावत के उपराष्ट्रपति बनने से प्रदेश में किसी दमदार नेता का अभाव खटकने लगा। वसुंधरा के पुराने बैकग्राउंड को देखते हुए केंद्रीय पार्टी ने उन को राज्य इकाई का अध्यक्ष बना कर भेज दिया।

वसुंधरा राजे ने चुनावों के मद्देनज़र प्रदेश भर में परिवर्तन यात्रा निकाली। वसुंधरा राजे इस यात्रा के ज़रिये वे आम जनता से मिलती थीं। ख़ासतौर से वसुंधरा राजे महिलाओं को लुभाने के लिये जिस इलाके में जातीं उसी इलाके की वेशभूषा पहन कर जाती थीं। नतीजा यह हुआ कि विधानसभा चुनावों में वसुंधरा राजे भारी बहुमत के बल पर पार्टी को सत्ता में ले आईं। 1 दिसंबर, 2003 में राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं।

वसुंधरा राजे ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिये 2007-2008 के बजट में शिक्षा, रोज़गार, बालविवाह प्रथा पर रोक जैसे पाँच सूत्री कार्यक्रम बनाए थे
इस्‍तीफ़ा

देश जब 62 वॉ स्‍वाधीनता पर्व मना रहा था उस दौरान हमारे देश में लोकतंत्र की ऊँचाई एक बार फिर दिखी। ये प्रजातंत्र का ही करिश्‍मा है कि राजस्‍थान में सर्वोच्‍च पद पर आसीन रही वसुन्‍धरा राजे को आख़िरकार नेता प्रतिपक्ष से इस्‍तीफ़ा देने के लिये तैयार होना पड़ा।

लेकिन इस्तीफ़ा देने वाली ये वसुंधरा पाँच साल पहले वाली केंद्र से थोपी गयीं वसुंधरा नहीं थीं। अब वसुंधरा राजे के साथ विधायकों का बहुमत था और आलाकमान की तमाम कोशिशों के बावज़ूद विधायक उनके साथ बने रहे। यानी ये कहा जा सकता है कि वसुंधरा अब एक कद्दावर नेता बन चुकी थीं और पार्टी के लिये उनसे पार पाना इतना आसान नहीं था। वसुंधरा चाहतीं तो पार्टी से बगावत करके अलग दल बनाने का हसीन ख्वाब देख सकती थीं[
स्वशाक्तीकरण के प्रयास

2007 में यूएनओ द्वारा वसुंधरा को महिला के लिये स्वशाक्तीकरण के प्रयासों के लिये 'विमन टूगेदर अवार्ड' दिया गया। कुछ भी हो, वसुंधरा राजे ने हमेशा अपनी क़ाबिलियत का लोहा मनवाया और आगे बढ़ते हुए राजनीतिक विजय के झंडे गाड़े।

वसंुधरा नहीं मनाएंगी होली और जन्म दिन

वसंुधरा नहीं मनाएंगी होली और जन्म दिन

जयपुर। प्रतिपक्ष की नेता श्रीमती वसुंधरा राजे इस बार आठ मार्च को अपना जन्मदिन और होली का त्योहार नहीं मनाएंगी। राजे का कहना है कि राजस्थान के हालात मन को पीड़ा देने वाले हैं। भंवरी अपहरण कांड और गोपालगढ़ जैसे हादसे संवेदनहीनता की पराकाषा है। अन्नदाता किसान पाले और शीतलहर से बर्बाद हुई फसलों पर आंसू बहा रहे हैं। जिससे वे बहुत दुखी हैं।

डेढ़ लाख में मिली दुल्हन, घूंघट उठाने से पहले कर बैठी दगाबाजी!

पाली.अपना घर बसाने के लिए रमेश ने डेढ़ लाख रुपए में भीलवाड़ा की जिस सोनू नाम की युवती से शादी करना स्वीकार किया वह दुल्हन के लिबास में मंगलवार को परिवार के लोगों के साथ पाली पहुंचीं। इस बीच लेनदेन की बात को लेकर विवाद होता देख युवती फरार हो गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पुलिस दल ने भीलवाड़ा के दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया, जो शादी कराने में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले हैं।

पुलिस के अनुसार सुभाष नगर निवासी रमेश बंजारा की काफी समय से शादी नहीं हो रही थी। शादी कराने के लिए चचेरे भाई दौलतराम ने भीलवाड़ा के शाहपुरा निवासी गोपाल नायक पुत्र चौथूराम व माणक नायक पुत्र हापूराम से रमेश की मुलाकात कराई। गोपाल व माणक ने भीलवाड़ा की किसी सोनू नाम की युवती को दिखा कर रमेश की शादी की बात पक्की कराई।



शादी के बदले डेढ़ लाख रुपए में सौदा तय हुआ, जिसमें से करीब पचास हजार रुपए दे दिए गए। बाकी की रकम दुल्हन के पाली आने पर देना तय हुआ था। सोमवार की रात को सोनू नाम की युवती दो महिलाओं व दोनों बिचौलिए के साथ पाली पहुंचीं। मंगलवार को सोनू ने रमेश की पत्नी बनना स्वीकार कर शादी का लिबास भी पहन लिया।



शाम को बाकी की रकम देने की बात को लेकर रमेश का बिचौलिए दोनों युवकों से विवाद हुआ, जिसको लेकर घर के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई। इस दौरान लोगों ने पुलिस को बुला लिया, जिसकी भनक लगते ही वह युवती दोनों महिलाओं के साथ वहां से भाग गई। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो दोनों युवक रमेश से झगड़ा कर रहे थे। पुलिस ने भीलवाड़ा जिले के उन दोनों युवकों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया, जिनसे फरार हुई युवती व महिलाओं के बारे में पूछताछ की जा रही है।

श्रीदेवी की बिटिया



मुंबई में चल रहे फैशन वीक के चौथे दिन श्रीदेवी अपनी बेटी जाह्नवी कपूर के साथ पहुंची| मम्मी श्रीदेवी तो शॉर्ट ड्रेस में काफी स्टाइलिश लग ही रही थीं बिटिया भी कुछ कम नहीं नजर नहीं आ रही थी|

नीले रंग की शॉर्ट ड्रेस में उनका ग्लैमरस अंदाज देख ऐसा लगा कि वह भी बॉलीवुड में आने की तैयारी में हैं|

मम्मी भी बिटिया को इस मामले में ट्रेंड कर रही हैं तभी वह उनके साथ आजकल हर इवेंट में नजर आ जाती हैं|अब वो फिल्मों में आती हैं या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा मगर उनका हॉट अंदाज़ सबको भा गया|

बगल में पति की लाश रखकर प्रेमी संग रंगरलियां मनाती रही पत्नी!

पानीपत.सोनीपत.महिला ने पहले अपने प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या की और हत्या के बाद प्रेमी के साथ रंगरलियां मनाईं।  

पुलिस को गुमराह करने के लिए फिल्मी स्टाइल में नाटक रच डाला, जिससे मामला लूट व डकैती का लगे। मामला सोनीपत जिले के दहिसरा गांव का है। घटना 8 फरवरी की रात को हुई थी। पुलिस ने मामले की जांच करते हुए पत्नी सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।


डीएसपी सुरेंद्र मलिक ने बताया कि दहिसरा गांव में 8 फरवरी की रात को सतीश की हत्या कर दी गई थी। मामले की छानबीन करते हुए हत्यारोपी पत्नी, उसके साथी पवन व शाहिद खान को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि फरार आरोपी नसरूद्दीन उर्फ काला व चुन्नू की गिरफ्तारी के प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि महिला ने अवैध संबंधों के चलते ही प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की। पुलिस की आंखों में धूल झोंकने के लिए घटनास्थल पर ऐसा नाटक रचा, जिससे लगे कि लूट और डकैती डालने वालो ने ही यह हत्या की है।


यह था मामला : दहिसरा गांव निवासी सतीश अपने बच्चों सहित गांव की फिरनी पर रहता था। सतीश की तीन संतान थीं। नौ फरवरी की सुबह सतीश के घर बच्चों के रोने की आवाज सुनकर परिवार के सदस्य जितेंद्र ने मकान के अंदर जाकर देखा कि सतीश अपनी चारपाई पर मृत पड़ा था। उसके पैर रस्सी से चारपाई के साथ बांधे हुए थे व गले में बेडसीट लपेटी हुई थी। उसकी पत्नी अचेत अवस्था में पड़ी थी।

ऐसे दिया अंजाम


डीएसपी सुरेंद्र मलिक ने मंगलवार को घटना से पर्दा उठाते हुए बताया कि मृतक सतीश की पत्नी के नोएडा निवासी अपने ननदोई पवन के साथ अवैध संबंध थे। इसलिए उन्होंने सतीश को अपने रास्ते से हटाने की योजना बनाई।


इसके लिए पवन ने अपने मित्र असगरपुर सेक्टर-28, नोएडा निवासी शाहिद खान व शाहिद खान ने अपने मित्र गाजियाबाद के बदरपुर निवासी नसरूद्दीन उर्फ काला व चुन्नू को साथ मिलाया। सभी आरोपी आठ फरवरी की सायं दहिसरा स्थित सतीश के मकान पर पहुंचे। योजनानुसार रश्मि ने सतीश को शराब में नींद की गोलियां व बच्चों को भी नींद की गोलियां खिला दीं।


जिससे वे बेहोश हो गए और सतीश को रस्सी के साथ चारपाई से बांध दिया। सतीश के सिर में ईंटें मारकर व गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद घर का सामान इधर-उधर फेंक दिया, जिससे उस पर संदेह न हो। सतीश की हत्या के बाद रश्मि ने नसरूद्दीन उर्फ काला के साथ अवैध संबंध कायम किए। घटना के बाद सभी आरोपी मौके से फरार हो गए और महिला ने भी बेहोशी का नाटक रचा।

एसपी ने फ्लैग मार्च कर होली पर सद्भाव बनाए रखने की अपील की

एसपी ने फ्लैग मार्च कर होली पर सद्भाव बनाए रखने की अपील की

जैसलमेर जिला पुलिस ने होली के पर्व पर कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला मुख्यालय सहित विभिन्न थाना क्षेत्रों में फ्लैग मार्च किया। शहरी क्षेत्र में गठित तीन टीमों में से एक टीम का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक ममता विश्नोई ने किया। इनके द्वारा गीता आश्रम, मलका प्रोल, गफूर भट्टा, ट्रांसपोर्ट नगर, गांधी कॉलोनी, गड़सीसर चौराहा तक फ्लेग मार्च किया गया। इसी प्रकार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व उप अधीक्षक बंशीलाल के नेतृत्व में भी शहरी क्षेत्र में पुलिस ने फ्लेग मार्च कर लोगों से कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।

ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस थाना रामगढ़ में थानाधिकारी के नेतृत्व में, मोहनगढ़ में थानाधिकारी मुकेश चावड़ा के नेतृत्व में, सम में भगवानसिंह के नेतृत्व में, पोकरण में हमीरसिंह के नेतृत्व में, सांकड़ा में खुशालचंद के नेतृत्व में, नोख में हुकमसिंह के नेतृत्व में, झिनझिनयाली में गुमानाराम के नेतृत्व में पुलिस ने फ्लेग मार्च किया।

बाड़मेर ..आज की ताजा खबर. बुधवार, ७ मार्च, २०१२


मां के दरबार में धोक लगा मांगी खुशहाली

 

जसोल फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर मंगलवार को कस्बे में स्थित माता राणी भटियाणी मंदिर में मां के दर्शनार्थ श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। कस्बे सहित दूरदराज क्षेत्रों से आए श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में पूजा-अर्चना कर क्षेत्र में खुशहाली व समृद्धि की कामना की। अलसुबह से मंदिर परिसर में दर्शनार्थियों के आने का सिलसिला शुरू हो गया जो दिन भर जारी रहा। मेले में बालोतरा, समदड़ी, सिणधरी, मोकलसर, सराणा, जोधपुर, बाड़मेर, पाली, शिव, गूंगा, जालोर, सिरोही व सांचौर के अलावा गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी व एमपी से श्रद्धालु मां के दरबार में पहुंचे। मंदिर व्यवस्था समिति की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बेरीकेड्स लगाकर सुचारू रूप से दर्शन करने की व्यवस्था की गई। बालोतरा थाने की ओर से चौकी प्रभारी चेलाराम कटारिया तथा मंदिर व्यवस्था कमेटी के नेतृत्व में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए।

माकूल रही सुरक्षा व्यवस्था: मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए मंदिर व्यवस्था समिति तथा पुलिस प्रशासन की ओर से मंदिर परिसर में सुरक्षा के माकूल बंदोबस्त किए गए थे। जसोल चौकी प्रभारी चेलाराम कटारिया, वीरसिंह, दीनाराम, छोगाराम, विक्रम टेंपो यूनियन के कालू खां पठान, अनिल बारासा व मंदिर व्यवस्थापकों ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्था में सहयोग किया।

नाचते-गाते पहुंचे श्रद्धालु: माता राणी भटियाणी के दरबार में दूरदराज से आ रहे पैदल यात्रियों के जत्थे हाथों में ध्वज पताकाएं लिए ढोल-ढमाकों की ताल पर नाचते हुए मंदिर परिसर में पहुंचे। मंगलवार सुबह से ही जसोल जाने वाले मार्ग पर पैदल यात्रियों के जत्थे नजर आए।

छेड़ाबंदी कर जात लगाई: फाल्गुन की त्रयोदशी के अवसर पर नवविवाहित जोड़ों ने छेड़ाबंदी कर सुखी दांपत्य जीवन के लिए मां के दरबार में जात लगाई। नवविवाहित जोड़ों ने परिजनों के साथ मां के दरबार में शीश झुकाकर पूजा-अर्चना की। जात देने वालों के लिए सुरक्षाकर्मियों की ओर से अलग से व्यवस्था की गई थी।


टांके में मिला युवक का शव

बालोतरा मंडली थानांतर्गत एक मर्ग का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस के अनुसार श्रवणराम पुत्र अक्खाराम ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसका बड़ा भाई पप्पूराम ७-८ दिन पहले घर से मजदूरी करने के लिए जाने की बात कहकर निकला था लेकिन मंगलवार तक वापस नहीं आया। ढूंढने पर घर से 4 किलोमीटर दूर खुशालाराम मेघवाल के खेत में बने टांके में उसके भाई की लाश तैरती हुई मिली। सूचना मिलने पर एसएचओ रेवतसिंह ने मौके पर पहुंच शव बाहर निकलवाया तथा उसका पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों के सुपर्द किया।


मृतकों के नाम उठ गया लाखों का फसली ऋण!

ग्राम सेवा सहकारी समिति ओगाला का मामला, कागजों में ऋण जारी, काश्तकारों को पता नहीं


बाड़मेर.ग्राम सेवा सहकारी समिति ओगाला में मृतकों के नाम लाखों रुपए का फसली ऋण उठाने का आरोप किसानों ने लगाया है। यही नहीं किसानों का कहना है कि जो सहकारी समिति के सदस्य भी नहीं हैं उनके नाम पर भी ऋण उठ गया। काश्तकारों ने कलेक्टर से मंगलवार को मुलाकात कर इसकी जांच कराने की मांग की।

किसानों ने कलेक्टर को दिए ज्ञापन में आरोप लगाया कि दी बाड़मेर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक शाखा धोरीमन्ना के अंतर्गत आने वाली ग्राम सेवा सहकारी समिति ओगाला के पदाधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखते हुए फसली ऋण में लाखों रुपए की अनियमितताएं बरती। समिति की ओर से आनन फानन में ऋण राशि जारी की गई। जबकि संबंधित काश्तकारों को पता ही नहीं की उनके नाम से ऋण राशि जारी की गई है।


होली पर क्यों चढ़ाते हैं पूजन सामग्री?

होली का त्योहार भारत सहित अन्य देशों में भी बड़े उत्साह व उमंग से मनाया जाता है। हिंदू महिलाएं होली का पूजन करती है तथा विभिन्न पूजन सामग्री होली को अर्पित करती है जैसे उंबी, गोबर से बने बड़बोलिए, श्रीफल व नाड़ा आदि। यह परंपरा सदियों पुरानी है। परंपरागत रूप से होली पर चढ़ाई जाने वाली सामग्री के पीछे भी कुछ भाव छिपे हैं, जो इस प्रकार हैं-  
उंबी - यह नए धान्य का प्रतीक है। भारतीय परंपरा में इसे विधान के साथ उपभोग में लिया जाता है इसलिए अग्नि को भोग लगाते हैं और प्रसाद के रूप में अन्न उपयोग में लेते हैं।

गोबर के बड़बोलिया की माला- अग्नि और इंद्र वसंत की पूर्णिमा के देवता माने गए हैं। ये अग्नि को गहने पहनाने के प्रतीक रूप में चढ़ाए जाते हैं। इन्हें 10 दिन पहले बालिकाएं बनाती हैं।

नाड़ा- यह वस्त्र को प्रतीक है। होलिका को श्रृंगारित करने का भाव इसमें निहित है।

नारियल- यह श्रीफल माना गया है। फल के रूप में इसका अर्पण करते हैं। इसे चढ़ाकर वापस लाते हैं और प्रसाद रूप में ग्रहण करते हैं।

होलिका पर संशय ख़त्म, आज ही होगा दहन!

जयपुर.होली दहन को लेकर चल रहे संशय को दूर करने के लिए मंगलवार को राजस्थान यूनिवर्सिटी के ज्योतिर्विज्ञान केंद्र में ज्योतिषविदों की बैठक हुई। इसमें 7 मार्च को ही होलिका दहन का फैसला किया गया।  
बैठक में चर्चा हुई कि इस दिन भद्रा रहेगी, इस कारण दहन नहीं किया जा सकता, लेकिन ज्योतिषविद् इस पर एकमत हो गए कि भद्रा में भी गोधुलि युक्त प्रदोष काल में शाम 6.27 से 6.39 तक होलिका दहन किया जा सकता है।

राजस्थान ज्योतिष परिषद के महासचिव डॉ. विनोद शास्त्री ने बताया कि भद्रा के कारण इस दिन दहन नहीं करने पर 8 मार्च को तड़के 4.33 बजे भी होलिका दहन किया जा सकता है।

मंगलवार, 6 मार्च 2012

होली स्नेह मिलन का आयोजन


अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर 


होली स्नेह मिलन का आयोजन 


बाड़मेर अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति बाड़मेर,मोटियार परिषद् ,राजस्थानी महिला परिषद् के संयुक्त तत्वाधान में मंगलवार को सामूहिक होली स्नेह मिलन का आयोजन महावीर पार्क में आयोजित किया गया,समिति के महा सचिव एडवोकेट  विजय कुमार ने बताया की राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति और उसके घटक संगठनो मोटियार परिषद् तथा राजस्थानी महिला परिषद् के तत्वाधान में आज महावीर पार्क में परंपरागत रूप से होली पर्व की पूर्व संध्या पर स्नेह मिलन का आयोजन किया गया जिसमे सभी सदस्यों ने एक दुसरे को होली की बढ़िया तथा शुभ कामनाए दी तथा रंग ,गुलाल और अबीर लगा कर होली मनाई ,समिति के पाटवी रिड़मल सिंह दांता उपाध्यक्ष इन्दर प्रकाश पुरोहित ,रघुवीर सिंह तामलोर ,रमेश सिंह इन्दा ,रहमान जायादु ,सी सी डी यु  के अशोक राजपुरोहित सहित समिति के समस्त कार्यकर्ता स्नेह मिलन में सरीक हुए .महिला पाटवी देवी चौधरी ,उर्मिला जैन ,भवेंद्र जाखड ,कबूल खान ,प्रकाश जोशी ने भी स्नेह मिलन में सिरकत कर होली की शुभकामनाए दी

हर लाडली की होगी ढूंढ़’ कन्या ढूंढ़’ महोत्सव में 150 से अधिक कन्याओं की हुई ढूंढ़’


हर लाडली की होगी ढूंढ़’ 


कन्या ढूंढ़’ महोत्सव में 150 से अधिक कन्याओं की हुई ढूंढ़’ 





बाडमेर। कन्याओं के प्रति नकारात्मक सोच के इस माहौल में कन्या ूंढ महोत्सव की पहल बेहद सराहनीय कदम है। ऐसे में हमें इस आगाज को सामूहिक प्रयासों के जरिए अंजाम तक पहुंचाना होगा। ये उद्दगार मंगलवार को जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने व्यक्त किए, जो स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिला स्वास्थ्य भवन में आयोजित कन्या ूंढ महोत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थीं। इस अवसर पर उन्होंने घोशणा की कि नवजन्मी सभी बच्चियों की प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र पर ूंढ की जाएगी। इसके लिए भाीघ्र ही आंगनबाड़ी केंद्रों व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को निर्दोित किया जाएगा। पीसीपीएनडीटी प्रकोश्ठ, स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रासन की ओर से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजमल हुसैन की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में विश्ट अतिथि के तौर पर नगर पालिका अध्यक्ष उशा जैन, चौहटन पंचायत समिति प्रधान भाम्मा बानो व कैयर्न एनर्जी के वरिश्ठ प्रबंधक महो अयर सहित बड़ी संख्या में बच्चियां व उनके परिजन मौजूद थे। 
मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान ने कहा कि मैं भी बेटी हूं और आज जिला कलेक्टर के रूप में आपके समक्ष हूं, आप भी यदि अपनी बेटियों को मौका दोगे तो वे भी इस मंच पर पहुंच सकेंगी। उन्होंने कहा कि महिलाएं पुरूशों से कम नहीं है, लेकिन लिंगानुपात को लेकर जो स्थिति है वह बेहद चिंताजनक है। निचत ही यह स्थिति सामाजिक, धार्मिक व अन्य कारणों से है, जिसे बदलना होगा। इसे विडंबना ही कहेंगे कि बेटी को मायके में पराई कहा जाता है और ससुराल में पराई जाई बताया जाता है, यानी बेटी को कहीं भी तवज्जो नहीं दी जाती। जबकि बेटी मायके व ससुराल दोनों को अपना मानती है और किसी तरह का भेदभाव नहीं करती। ऐसी व्यवस्थाएं भगवान ने नहीं की है, इसी समाज ने ही खड़ी की है और समाज को ही एकजुट होकर संयमित तरीके से इन कुप्रथाओं पर प्रहार करना होगा। महोत्सव की सराहना करते हुए जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने ऐसे आयोजनों की भविश्य में भी आवयकता बताई। चौहटन पंचायत समिति प्रधान भाम्मा बानो ने उपस्थिति जनसमूह को प्रण दिलाते हुए कहा कि वे बेटियों को हर हालात में तालीम दिलवाएं। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों के जरिए ही जागरूकता पैदा की जा सकती है, इसलिए हर जिले, हर ब्लॉक में ऐसे कार्यक्रमों की जरूरत है। नगर पालिका अध्यक्ष उशा जैन ने कहा कि मंचासीन तीनों अतिथि हम महिलाएं हैं, तो क्यों बेटियों को कमतर आंका जा रहा है। क्या बेटियां बेटों से कम हैं, क्या वे वां चलाने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने बेटियों की अहमियत बताते हुए कहा कि बेटी आज अनेक घरों में बेटों से बेहतर बनकर समाज में मांबाप का नाम रोान कर रही हैं। उन्होंने बेटियों को पर्याप्त मौका देने और बुरी परिपाटियों की त्यागने की अपील की। अतिथियों एवं कन्याओं के परिजनों का स्वागत करते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजमल हुसैन ने कहा कि बिगड़ता लिंगानुपात समाज के लिए अभिप साबित हो रहा है और हमें हर संभव प्रयास कर इस कुप्रथा से निजात पाना होगा। उन्होंने कहा कि यह सब प्रत्येक वर्ग, प्रत्येक धर्म व प्रत्येक व्यक्ति द्वारा अपना योगदान देने से ही संभव होगा, लिहाजा जागरूकता पैदा करने की कड़ी में ही कन्या ूंढ महोत्सव का आयोजन किया गया है। सीएमएचओ डॉ. हुसैन ने कहा कि भविश्य में भी इस तरह के आयोजन किए जाते रहेंगे और कन्याओं के प्रति सकारात्मक सोच के लिए व्यापक प्रचारप्रसार भी किया जाएगा। 
बेटियों की हुई ूंढ 
कार्यक्रम में करीब 150 से अधिक बच्चियों की ूंढ की गई। जिला पीसीपीएनडीटी समन्वयक विक्रमसिंह चम्पावत ने बताया कि बच्चियों को जिला कलेक्टर, चौहटन पंचायत समिति प्रधान, नगर पालिका अध्यक्ष, केयर्न के वरिश्ठ प्रबंधक व सीएमएचओ की ओर से सम्मान किया गया। सभी अतिथियों की ओर से परिजनों की भी सराहना की गई। सांस्कृतिक प्रस्तुती देते हुए अनवर खां एण्ड पार्टी ने समां बांधी। बेच्चियों को कार्यक्रम में भागीदार बनाने में आाओं एवं अन्य महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को मुख्य भूमिका रही। 
लाडलियों के लिए केयर्न का रहा सहयोग 
जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिनोई ने बताया कि सामाजिक सरोकारिता में अपनी भागीदारी निभाती आ रही केयर्न की टीम ने कन्या ूंढ महोत्सव में अपना अहम योगदान दिया। केयर्न की तरफ से कन्याओं के लिए विोश उपहार दिए गए। वहीं इस मौके पर केयर्न की ओर से जिले के कस्तूरबा गांधी कन्या छात्रावास के लिए पांच लाख 70 हजार रूपए देने की घोशणा की। कार्यक्रम में जिला पीसीपीएनडीटी विक्रमसिंह चम्पावत, जिला आयुश अधिकारी डॉ. अनिल झा एव ंकेयर्न के उमा बिहारी द्विवेदी सहित अधिकारियोंकर्मचारियों का विोश सहयोग रहा। 
तकनीक बचाने के लिए, न की मारने के लिए 
कार्यक्रम में सोनोग्राफी सेंटर संचालक हरि जांगिड़ ने कहा कि उनके पास यदि कोई लिंग जांच करवाने पहुंचता है, तो वे इस पाप में भागीदार नहीं बनते। क्योंकि वैज्ञानिक तकनीकें मनुश्य को बचाने के लिए बनी हैं, न कि मारने के लिए। उन्होंने कहा कि यदि चिकित्सक और लैब संचालक सामूहिक निर्णय कर कन्या भू्रण हत्या जैसे कुकृत्य से किनारा कर लें तो बेटियों को बचाने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने इस कार्य को घृणित बताते हुए कहा कि निचत ही इन कर्मों का फल इसी जन्म में भुगतना होगा, इसलिए सभी को सामूहिक निर्णय लेकर इस कुप्रथा से दूर होना होगा। 

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होली पर कानून तथा 
भान्ति के पुख्ता प्रबन्ध 
जबरन रंग डालने तथा 
होली खेलने की मनाही 
बाडमेर, 6 मार्च। जिले में रंगो का त्यौहार होली हशर तथा उल्लास से मनाने एवं इस पावन पर्व पर कानून तथा भान्ति व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुख्ता प्रबन्ध किये गये है। इस दौरान जबरन रंग डालने तथा अनिच्छुक लोगों के साथ होली खेलने की मनाही रहेगी। 
होली के मद्दे नजर साम्प्रदायिक सद्भावना तथा कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए जिला मजिस्ट्रेट डॉ. वीणा प्रधान ने निशोधाज्ञा जारी कर दण्ड प्रकि्रया संहिता की धारा 144 के अन्तर्गत प्रावधानों एवं प्रतिबन्धों को लागू किया है। आदोानुसार कोई भी व्यक्ति रंग इस तरह से नहीं खलेंगे जिससे किसी दूसरे सम्प्रदाय की धार्मिक भावना को ठेस पहुचती हो एवं किसी धार्मिक स्थान, दुकान पर रंग, गुलाल, गुब्बारे आदि नहीं फेकेंगे और न ही किसी अन्य को ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे। रंग भरे गुब्बारे, घातक रसायन, धूल, कीचड, ऑयल पेन्ट आदि का उपयोग नहीं करेंगे एवं रंग खेलने के लिए अनिच्छुक व्यक्ति को न तो रंग लगायेंगे एवं न ही उन पर रंग फेंकेगे। 
होली के मौक पर आदो के तहत कोई भी व्यक्ति किसी प्रकार के आग्नेय भास्त्र जैसे रिवाल्वर, पिस्टल, राइफल, बन्दूक एवं एम.एन. गन आदि तथा तेज धारदार हथियार, लाठी, स्टीक इत्यादि साथ लेकर सार्वजनिक स्थानों पर नहीं घूमेगा एवं न ही सार्वजनिक स्थानों पर प्रदार्न करेगा। इसी तरह कोई भी व्यक्ति किसी भी सार्वजनिक स्थान पर मदिरा का सेवन नहीं करेगा न ही किसी को सेवन करवायेगा। किसी भी सम्प्रदाय का कोई भी व्यक्ति ऐसे ऑडियो कैसेट्स आदि नहीं चलायेगा और न ही ऐसे नारे लगायेगा जिससे अन्य सम्प्रदाय या व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुचती हो। उक्त आदो 10 मार्च को रात्रि 12 बजे तक प्रभारी रहेगा। 
मजिस्ट्रेट नियुक्त 
जिला मजिस्ट्रेट ने एक आदेश जारी कर होली पर कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए दण्ड प्रकि्रया संहिता की धारा 22 के तहत क्षेत्रवार मजिस्ट्रेट नियुक्त किये है। आदेशानुसार उपखण्ड मजिस्ट्रेट बाडमेर को पुलिस थाना कोतवाली क्षेत्र बाडमेर, उपखण्ड मजिस्ट्रेट बालोतरा को कस्बा बालोतरा, उपखण्ड मजिस्ट्रेट शिव को तहसील क्षेत्र शिव, उपखण्ड मजिस्ट्रेट सिवाना को तहसील क्षेत्र सिवाना, उपखण्ड मजिस्ट्रेट रामसर को तहसील क्षेत्र रामसर , उपखण्ड मजिस्ट्रेट चौहटन को तहसील चौहटन क्षेत्र तथा उपखण्ड मजिस्ट्रेट बायतु को तहसील क्षेत्र बायतु के लिए मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार तहसील क्षेत्र बाडमेर, पचपदरा, एवं गुडामालानी के लिए संबंधित तहसीलदार एवं कार्यपालक मजिस्ट्रेटों को मजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया है। उक्त मजिस्ट्रेट्््स को निर्देश दिये गये है कि वे त्यौहारों के दौरान कानून व्यवस्था बनाये रखने की पालना सुनिश्चित करेंगे। संबंधित उपखण्ड मजिस्ट्रेट अपने उपखण्ड की शांति व्यवस्था एवं निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। 
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थार महोत्सव 2012 
थार श्री तथा थार सुन्दरी 
प्रतियोगिता हेतु योग्यताएं निर्धारित 
बाडमेर, 5 मार्च। जिले में 12 मार्च से मनाये जाने वाले तीन दिवसीय थार महोत्सव के दौरान आयोजित होने वाली थार श्री एवं थार सुन्दरी प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए प्रतिभागियों की आवयक योग्यताएं निर्धारित की गई है। 
जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने बताया कि थार सुन्दरी प्रतियोगिता हेतु प्रतिभागी की न्यूनतम आयु 18 वशर तथा थार श्री प्रतियोगिता हेतु प्रतिभागी की न्यूनतम आयु 21 वशर होना आवयक है। इसी प्रकार थार सुन्दरी एवं थार श्री प्रतियोगी राजस्थान का मूल निवासी होना आवयक है। इसके लिए प्रतिभागियों को जन्म प्रमाण पत्र/विद्यालय का प्रमाण पत्र तथा मूल निवास प्रमाण पत्र अपने आवेदन पत्र के साथ संलग्न करना होगा। प्रतियोगिता में पूर्व प्रथम विजेता सम्मिलित नहीं हो सकेंगे। उन्होने बताया कि थार सुन्दरी प्रतियोगी अविवाहित होनी चाहिए एवं कोहनी के ऊपर वाला चूडा पहने हुए नहीं हो। इसी तरह थार श्री प्रतियोगी की लम्बाई 5 फीट 6 इंच से कम नहीं होनी चाहिए। 
जिला कलेक्टर ने बताया कि थार श्री विजेता मेले के तीनों दिवस तक थार श्री पोाक में उपस्थित रहेगा एवं उसे विभाग द्वारा अनुबंधित फोटोग्राफरों से विभिन्न स्मारकों, हवेलियों आदि पर फोटो खिंचवाना होगा। थार श्री प्रतियोगियों को भाोभायात्रा में भाग लेना आवयक होगा। उन्होने बताया कि प्रतियोगी को किसी प्रकार का यात्रा भता व आवास सुविधा देय नहीं होगी तथा निर्णायक मण्डल द्वारा लिया गया निर्णय अन्तिम रहेगा। 
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राजस्व मंत्री चौधरी 11 मार्च 
तक जिले की यात्रा पर रहेंगे 
बाडमेर, 6 मार्च। राजस्व, उपनिवोन एवं जल संसाधन मंत्री हेमाराम चौधरी 11 मार्च तक जिले की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान वे बाडमेर जिले तथा विधानसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे तथा लोगों के अभाव अभियोग सुनेंगे। 
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार राजस्व मंत्री चौधरी 7 से 10 मार्च तक विधानसभा क्षेत्र व बाडमेर जिले का दौरा करेंगे तथा रात्रि विश्राम बाडमेर में करेंगे। इस दौरान वे विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगे तथा लोगों के अभाव अभियोग सुनेंगे। इसके पचात वे 11 मार्च को सायं 4.30 बजे बाडमेर से जयपुर के लिए प्रस्थान कर जाएगें। 
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अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष मेघवाल 
विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे 
बाडमेर, 6 मार्च। राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष गोपाराम मेघवाल अपनी जिले की यात्रा के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे तथा लोगों की जन सुनवाई करेंगे। 
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष मेघवाल 7 तथा 8 मार्च को समदडी में लोगों की जन सुनवाई करेंगे। वे 9 मार्च को दोपहर 12.00 बजे सिवाना में जन सुनवाई करेंगे एवं सामाजिक समारोह में िरकत करेंगे। मेघवाल 10 मार्च को दोपहर 12.00 बजे लाखेटा गैर नृत्य मेले में िरकत करेंगे। वे 11 मार्च को दोपहर 3.00 बजे भीनमाल पहुंचेगे तथा आलोक पब्लिक स्कूल के पास सामाजिक समारोह में िरकत करेंगे। वे 12 मार्च को भीनमाल से दोपहर 12.00 बजे मोकलसर पहुंच चामुण्डा माता मेले में िरकत करेंगे। इसके पचात वे मोकलसर से प्रस्थान कर सायं 6.00 बजे पोकरण जाएगें तथा पोकरण मदरसे पर कौमी एकता कार्यक्रम में भारीक होंगे। वे 13 मार्च को दोपहर 12.00 बजे बालोतरा डाक बंगले में जन सुनवाई करेंगे तथा 14 मार्च को दोपहर 12.00 बजे कनाना में गैर नृत्य मेले में िरकत करने के बाद 15 मार्च को प्रातः 9.00 बजे समदडी से जयपुर के लिए प्रस्थान कर जाएगें।