बुधवार, 7 मार्च 2012

मुलायम विधायक दल का नेता चुने गए

मुलायम विधायक दल का नेता चुने गए
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) की संसदीय बोर्ड की बुधवार को यहां हुई बैठक में पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को विधायक दल का नेता चुन लिया गया लेकिन उनके नाम की औपचारिक घोषणा होली के बाद नव निर्वाचित विधायकों की बैठक में होगी।

सपा के सचिव और पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री किरणमय नंदा के अनुसार संसदीय बोर्ड की बैठक में सर्वसम्मति से यादव को नेता चुनने का निर्णय किया गया। उन्होंने कहा, मुलायम के नाम की औपचारिक घोषणा होली के बाद विधायकों की होने वाली बैठक में की जाएगी।

निर्वाचित विधायकों की बैठक होली बाद इसलिए रखी गई है क्योंकि अधिकतर विधायक राजधानी लखनऊ नहीं पहुंच पाए हैं। बैठक संभवतया नौ मार्च की शाम को होगी और उसमें यादव को विधायक दल का नेता चुने जाने की औपचारिक घोषणा की जाएगी। संसदीय बोर्ड में शामिल अधिकतर सदस्यों के नहीं पहुंच पाने के कारण बैठक को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी रही।

पार्टी के पूर्व प्रवक्ता तथा सांसद मोहन सिंह बीमार हैं तो महासचिव और रामपुर से विधायक चुने गए आजम खां समय पर नहीं पहुंच पाए थे। संसदीय बोर्ड की बैठक हो रही है इसके बारे में कई वरिष्ठ नेताओं को भी जानकारी नहीं थी। बोर्ड सदस्यों के बीच पार्टी अध्यक्ष के नाम पर आम सहमति थी और किसी ने भी कोई दूसरा नाम इस जिम्मेवारी के लिए आगे नहीं रखा। बैठक में यादव के अलावा प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव, विधानसभा में विपक्ष
के नेता रहे शिवपाल सिंह यादव और अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया।


सपा को पूर्ण बहुमत
उत्तरप्रदेश में पहली बार पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही सपा की आंधी में हाथी उड़ गया। कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी का जादू भी नहीं चला और भाजपा की स्थिति भी दयनीय हो गई।

206 सीटों के साथ सरकार बनाने वाली मायावती को पीछे छोड़ते हुए सपा अभी तक 224 सीटें जीत चुकी है। मुलायम सिंह यादव का मुख्यमंत्री बनना तय है। कांग्रेस को महज 47 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा, वहीं भाजपा अपनी पिछले स्थिति के बनाए रखने के लिए भी संघर्ष करती रही।

उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव में मतदान पूर्व और बाद में आए तमाम सर्वेक्षण को दरकिनार करते हुए सपा ने घोषित परिणामों में स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। पार्टी के वरिष्ठ और उत्तर प्रदेश विधानसभा में विपक्षी दल के नेता शिवपाल सिंह यादव जसवंतनगर सीट से 80 हजार से अधिक मतों से जीते हैं।

विधानसभा के पिछले चुनाव में 206 सीट जीतकर सरकार बनाने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने अब तक 79 सीटें जीती हैं। भाजपा ने 47 तथा कांग्रेस गठबंधन ने 38 सीटे जीती हैं। 14 सीट अन्य के खाते में गई है। बुंदेलखंड में पिछले चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाने वाली भाजपा ने चरखासी सीट जीतकर अपना खाता खोल दिया है। भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री पद की दावेदार बताई गई उमा भारती ने सपा के कप्तान सिंह को 25 हजार से अधिक मतों से हराया।

केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की पत्नी लुईस खुर्शीद फर्रूखाबाद सीट से निर्दलीय प्रत्याशी विजय सिंह से पराजित हो गई हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी लखनऊ कैंट सीट से 21 हजार से अधिक मतों से जीती हैं उन्होंनें भाजपा के सुरेश तिवारी को पराजित किया है। अमेठी राज घराने की कांग्रेस की अमिता सिंह अमेठी सीट से साढ़े चार हजार वोट से चुनाव हार गई हैं। पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे भाजपा उपाध्यक्ष कलराज मिश्र लखनऊ पूर्व सीट से बीस हजार मतों से जीते हैं।

उन्होंने सपा की जूही सिंह को पराजित किया। रामपुर सदर सीट से सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां चुनाव जीत गए हैं। वे आठवीं बार विधायक बने हैं। उन्होंने कांग्रेस के तनवीर अहमद को 66 हजार से अधिक मतों से हराया। रामपुरखास सीट से कांग्रेस के प्रमोद तिवारी नौंवी बार चुनाव जीतने में सफल रहे हैं जबकि भाजपा के श्यामदेव राय चौधरी वाराणसी दक्षिण सीट से सातवीं बार जीतने में सफल रहे हैं। उहोंने कांग्रेस के दयालु गुरू को हराया।


भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही पथरदेवा सीट से पराजित हो गए हैं। शाही को सपा के शाकिर अली ने 804 मतों से पराजित किया। सिद्धार्थनगर की इटवा सीट से विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष तथा सपा प्रत्याशी माता प्रसाद ने कांग्रेस के मोहम्मद मुकीम को नौ हजार से अधिक मतों से पराजित किया।

बुलंदशहर की डिबाई सीट से सपा के भगवान शर्मा ने जनक्रांति पार्टी के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह को पराजित कर दिया है। भगवान शर्मा ने विधानसभा के पिछले चुनाव में भी सिंह को इसी सीट से पराजित किया था। पिछली बार वे बसपा के प्रत्याशी थे। विधानसभा में भाजपा विधायक दल के उपनेता हुकुम सिंह कैराना सीट से चुनाव जीत गए हैं।

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