रविवार, 22 जनवरी 2012

बाडमेर, 22 जनवरी..आज की ताजा खबर.

चार राजीव सेवा केन्द्रों का लोकार्पण

विकास के लिए राज्य सरकार कृत संकल्पित

बाडमेर, 22 जनवरी। राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा है कि सरकार आमजन के साथ और विकास के लिए कृत संकल्पित है। आधुनिक युग में संचार की महत्ती भूमिका है तथा भारत निर्माण राजीव गांधी सेवा केन्द्र इस दि में गांवों में फायदे मंद साबित होंगे। वह रविवार को बाडमेर पंचायत समिति में चार पंचायत मुख्यालयों पर राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

लोकार्पण समारोह को सम्बोधित करते हुए चौधरी ने बताया कि राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के निर्माण से ग्रामीणों को एक ही छत के नीचे आवयकता सेवाएं बिजली पानी के बिल का जमा होना, जीएसएस िफ्ट होने से बैकिंग सुविधा का भी इसी केन्द्र पर मिलना नामान्तरण संबंधी जानकारी इंटरनेट से प्राप्त करना आदि सुविधा आसानी से उपलब्ध हो सकेगी। चौधरी ने बताया कि राज्य सरकार ने बिजली, पानी एवं सड़क निर्माण सहित ग्रामीण विकास के सपने को पूर्ण किया है। बीपीएल चयनित परिवारों का राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहायता मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना, निुल्क दवा वितरण योजना, 10 लाख बीपीएल परिवारों को मुख्यमंत्री आवास लोक सेवा गांरटी अधिनियम, 2011 योजना व बीपीएल परिवार को 2 रूपए किलो गेहूं की योजना के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने ग्रामीण विकास की विभिन्न योजनाओं सहित मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास एवं संपूर्ण स्वच्छता के बारे में बताया।

इस मौके पर वक्फ एवं अल्पसंख्यक मामलात राज्यमंत्री अमीन खां ने कहा कि वे क्षेत्र के विकास को लेकर कोई कमी नहीं आने देगें। उन्होने िक्षा को बावा देने की बात कही। उन्होने कहा कि राजीव गांधी सेवा केन्द्रों के भाुभारम्भ के साथ ही दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन का काम आसान होगा। मुख्यमंत्री बीपीएल आवास योजना से निचत तौर पर गरीबों के जीवन स्तर में सुधार होगा। सरकार द्वारा जननी सुरक्षा योजना में प्रसुताओं को अच्छा फायदा हो रहा है। खान ने कहा कि राज्य सरकार विकास को लेकर कृत संकल्पबद्ध है। सरकार ने विकास के नए आयाम खड़े किए है। जागरूक रहकर सरकारी योजनाओं का फायदा उठाएं।

इस मौके पर जिला प्रमुख श्रीमती मदन कौर ने कहा कि राजीव गांधी सेवा केन्द्र भवन गांवों में विकास के लिए मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होने कहा कि महानरेगा योजना के तहत जिले में जल संग्रहण के लिए 50 हजार टांकों का निर्माण करवाया गया है। जो कि सम्पूर्ण दो में अभूतपूर्व है तथा इनके निर्माण से जल संग्रहण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है तथा पेयजल की समस्या से काफी हद तक निजात मिल सकेंगा। उन्होने कहा कि राजीव गांधी सेवा केन्द्रों में कम्प्यूटरों के माध्यम से भुमि संबंधी कार्यो की सूचनाएं सुलभ हो सकेगी।

बाडमेर पंचायत समिति की ग्राम पंचायत खडीन, चाडी, धारासर तथा रतासर में निर्मित राजीव गांधी सेवा केन्द्रों का रविवार को लोकार्पण किया गया। अतिथियों ने फीता काटकर यहां पर भवन का लोकार्पण किया। इससे पूर्व ग्रामीणों ने अतिथियों का साफा पहनाकर तथा माल्यार्पण कर स्वागत किया। कार्यक्रम में बाडमेर पंचायत समिति की प्रधान श्रीमती धाई देवी, उपखण्ड अधिकारी मेहताबसिंह उज्जवल, राको चौधरी, तहसीलदार जगदीा प्रसाद आचार्य, भूरसिंह राजपुरोहित, अधिशी अभियन्ता आर.सी. मीणा, जन सम्पर्क अधिकारी श्रवण चौधरी उपस्थित थे। अन्त में विकास अधिकारी आईदानसिंह सोलंकी ने आभार जताया। कार्यक्रमों का संचालन डॉ. जसवन्तसिंह मायला ने किया।


थार महोत्सव का आयोजन 12 मार्च से

बाडमेर, 22 जनवरी। जिले की कला तथा संस्कृति को बावा देने वाले तीन दिवसीय थार महोत्सव का आयोजन अब भाीतला सप्तमी के मौके पर 12,13 तथा 14 मार्च को होगा। रविवार को आयोजित थार महोत्सव आयोजन के संबंध में आयोजित बैठक में जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने महोत्सव में रोचक एवं मनोरंजक कार्यक्रम भामिल करने के निर्दो दिए है ताकि अधिकाधिक लोग कार्यक्रमों में भामिल हो सकें।

इस अवसर पर जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान ने कहा कि बाडमेर जिले की कला, संस्कृति, हस्तिल्प को जग जाहिर करने तथा पर्यटन विकास के मकसद से आयोजित किये जाने वाले थार महोत्सव में सभी की भागीदारी जरूरी है। उन्होने कहा कि थार महोत्सव के कार्यक्रमों में इस बार ख्यातिनाम कलाकारों को आमन्ति्रत किया जाए। उन्होने महोत्सव के व्यापक प्रचार प्रसार के निर्दो दिए। उन्होने कहा कि कार्यक्रमों को रोचक एवं मनोरंजक रूप प्रदान किया जाए तथा अधिकाधिक दोी विदोी पर्यटकों को महोत्सव में आमन्ति्रत करने के पुरजोर प्रयास किए जाए। उन्होने बताया कि तीन दिवसीय थार महोत्सव का आगाज 12 मार्च को प्रातः 8.30 बजे निकाली जाने वाली भव्य भाोभा यात्रा के साथ होगा। बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित सहित सम्बन्धित अधिकारी, व्यवसायी एवं कलाकार उपस्थित थे।

'चिकनी चमेली' पर बार में चलीं गोलियां, 2 घायल


मुंबई
कटरीना कैफ ने शायद ही सोचा हो कि ' अग्निपथ ' में उनके आइटम सॉन्ग ' चिकनी चमेली ' को लेकर खून बहेगा, लेकिन दहिसर के एक ऑर्केस्ट्रा बार में शनिवार को यही हुआ।
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यह बवाल तब मचा जब रात 1 बजे एक बिजनेसमैन राजकुमार गुप्ता ने वहां परफॉर्म कर रही महिला से बार-बार यही गाना गाने के लिए कहा। जब उसे रोकने की कोशिश की गई, तो झगड़ा करते हुए उसने फायरिंग कर दी। फायरिंग से 2 लोग घायल हो गए। राजकुमार को हत्या की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।

नालासोपरा के बिजनेसमैन राजकुमार गुप्ता अपने एक दोस्त के साथ जलसा बार ऐंड रेस्तरां गया था। यह बार दहिसर चेकपोस्ट के करीब वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पर है। राजकुमार गुप्ता के पास उसका लाइसेंसी रिवॉल्वर भी था।

शराब पीने के बाद राजकुमार ने परफॉर्मर से ' चिकनी चमेली ' गाने के लिए कहा। फरमाइश पर परफॉर्मर ने कई बार यह गाना गाया। इसके बावजूद राजकुमार ने बार-बार इसी गाने की फरमाइश की। पुलिस ने बताया कि जब दूसरे लोगों ने इस पर आपत्ति जताई, तो राजकुमार झगड़ा करने लगा। बार मैनेजमेंट के बीच-बचाव करने पर राजकुमार बिल चुका कर बाहर निकल गया।

दूसरे लोगों के भी बाहर निकलने पर फिर से झगड़ा हुआ। वहां पर काफी तमाशबीन भी इकट्ठा हो चुके थे। बार मैनेजमेंट ने राजकुमार से ऑटो में चले जाने के लिए कहा। ऑटो में बैठने के बाद राजकुमार धमकियां देने लगा। दूसरे लोगों ने उसे ऑटो से बाहर खींचना शुरू कर दिया। पुलिस के मुताबिक राजकुमार ने रिवॉल्वर से हवा में दो राउंड फायर किए। जब घबराए लोग भागने लगे तो राजकुमार ने उन पर 4 राउंड फायरिंग की। ओंकार कदम और रमेश शेट्टी गोलियों से घायल हो गए।

एसीपी सुनील देशमुख ने बताया, ' वहां तमाशा देख रहे ओंकार को 2 गोलियां लगीं। बार में कुछ काम से आए शेट्टी को 1 गोली लगी। दोनों खतरे से बाहर हैं। '

लड़कियों की चाल से जानिए, प्यार करेंगी या नहीं


लंदन।। रिसर्चर्स ने एक नई स्टडी में खुलासा किया है कि महिलाओं के चलते समय उनकी चाल-ढाल और लचक से पता चल सकता है कि वह इश्क फरमाने के लिए कितनी तैयार हैं।
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फ्रांस के ब्रेताग्ने-सद यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने पता लगाया है कि शारीरिक क्रियाओं के कारण जिस वक्त महिला के गर्भवती होने की संभावना होती है, उस वक्त उनकी चाल-ढाल में अपेक्षाकृत ज्यादा आकर्षण होता है।

' डेली मेल' की खबर के मुताबिक इस दौरान महिलाओं की चाल कामोत्तेजक कही जा सकती है और इसमें सामान्य व्यवहार से थोड़ा परिवर्तन होता है। इस वक्त महिलाएं अधिक आकर्षक लगती हैं।

प्रफेसर निकोलस गुएग्वेन के नेतृत्व में किए गए रिसर्च का परिणाम 103 अविवाहित लड़कियों की आकर्षक चाल-ढाल के विश्लेषण के आधार पर तैयार किया गया है।

स्टडी में हर लड़की को एक कमरे में बैठकर इंतजार करने के लिए कहा गया। कुछ समय बाद एक स्मार्ट आदमी उनके बीच जाकर बैठा। वह उनके साथ मुस्कराकर बात करने लगा।

इसके बाद सभी को एक लैब तक लाया, जहां उनसे रिसर्च की बात कही गयी थी। लेकिन बिना उनकी जानकारी के, उनकी चाल को कैमरे में कैद किया गया। जब महिलाएं कमरे में पहुंचीं, तो उनकी मंजूरी से उनकी लार की जांच की गई।

इसके आधार पर रिसर्चर्स ने कहा कि महिलाओं की चाल के आधार पर प्यार के प्रति उनके रुझान का पता लगाया जा सकता है।

सेकंडरी परीक्षा के रोल नंबर अगले सप्ताह तक इंटरनेट पर

अजमेर.राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की सेकंडरी परीक्षा के रोल नंबर अगले सप्ताह तक इंटरनेट पर अपलोड कर दिए जाएंगे। बोर्ड को विद्यार्थियों के रोल नंबर प्राप्त हो गए हैं।  
बोर्ड की 22 मार्च से होने वाली सेकंडरी परीक्षा में इस बार 10 लाख से अधिक परीक्षार्थी प्रविष्ट होंगे। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने प्रदेश के बाहर की एक फर्म से यह रोल नंबर तैयार कराए हैं।

बोर्ड की सूचना एवं प्रौद्योगिकी शाखा इन रोल नंबरों का अध्ययन करेगी। इसके बाद इंटरनेट पर जारी किया जाएगा। बोर्ड को सीनियर सेकंडरी परीक्षा के रोल नंबर पूर्व में ही प्राप्त हो गए थे। बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षाओं के चलते इन्हें पूर्व में ही जारी कर दिया था।

कांग्रेस दफ्तर में उतारी गई शराब की पेटी

यूपी कांग्रेस कार्यालय नेहरूभवन में शराब के खाली गत्तों में भर कर प्रचार सामग्री उतारी गई। किसी ने पुलिस व चुनाव अधिकारी को एक ट्रक शराब उतारे जाने की सूचना दे दी। इस सूचना पर पुलिस ने छापा मारा, लेकिन पेटियों में शराब की जगह प्रचार सामग्री मिली।

'पीट-पीट कर सौतेले बेटे को मार डाला'

ग्वालियर. सौतेले बेटे को पीट-पीट कर सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि उसे आशंका थी कि बड़ा होकर यह संपत्ति में हिस्सा मांगेगा। वह बेटे को कमरे में बंद कर छह घंटे तक लगातार पीटता रहा, मां बचाने का प्रयास करती लेकिन वह पति के बहशीपन के आगे कमजोर पड़ जाती। पिटाई से बेटा जब बेहोश हो गया तो पिता भाग निकला। आधी रात के बाद बेटे ने मां के आंचल में दम तोड़ दिया। घटना दुल्लपुर क्षेत्र की शुक्रवार व शनिवार रात की है। थाटीपुर थाना पुलिस पति के खिलाफ हत्या का केस दर्ज उसे तलाश रही है।
 
थाटीपुर थाना क्षेत्र स्थित दुल्लपुर में रहने वाले पुरुषोत्तम जाटव का गोल पहाड़िया पर रहने वाले अपने दोस्त मलखान सिंह के घर आना-जाना था। चार साल पहले मलखान सिंह हत्या के आरोप में जेल भेज दिया गया। इसके बाद पुरुषोत्तम उसकी पत्नी सज्जो की देखभाल करने लगा और कुछ दिन बाद उसे अपने घर दुल्लपुर ले आया। सज्जो के साथ उस समय उसका पांच साल का बेटा राहुल भी था। तीन साल पहले सज्जो ने एक और बेटे गिर्राज को जन्म दिया। इसके बाद से ही पुरुषोत्तम राहुल की पिटाई करने लगा था। पुलिस के अनुसार, पुरुषोत्तम चाहता था कि राहुल पिटाई से त्रस्त होकर घर छोड़कर चला जाए अन्यथा बड़ा होकर हिस्सा मांगेगा। शुक्रवार की दोपहर राहुल जो कक्षा चार में पढ़ता था, ओमकार पब्लिक स्कूल से लौटा तो पिता पुरुषोत्तम ने उसे पीटना शुरू कर दिया। मां सज्जो उसे बचाने के लिए आई तो नशे में धुत पुरुषोत्तम पर कोई असर नहीं पड़ा। पिटते-पिटते राहुल बेसुध हो गया तो सज्जो उसे डॉक्टर के यहां ले जाने के लिए बाहर निकली तो पुरुषोत्तम ने उसे कमरे में बंद कर दिया। सुबह जानकारी मिलने पर पुरुषोत्तम का बड़ा भाई पोखन डॉक्टर को लेकर घर पहुंचा तो उसने राहुल को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद पोखन थाने पहुंचा और घटना की सूचना पुलिस को दे दी। रात में ही पुरुषोत्तम घर से भाग निकला।

कभी बेटे को डंडे से पीटता तो कभी जमीन पर पटक देता

॥ वह मेरे बेटे को छह घंटे तक पीटता रहा। कभी डंडे से मारता था तो कभी जमीन पर पटक देता था। बार-बार कहता था कि तू क्या पढ़ाई कर रहा है मुझे बता। वह रोज शराब पीकर मेरे बेटे को पीटते हुए कहता था कि तू सौतेला है और बड़ा होकर हिस्सा मांगेगा, मेरे घर से चला क्यों नहीं जाता है।
सज्जो, बच्चे की मां


दूसरे बेटे को आंचल में छिपाए रखा..
एक बेटे की मौत के बाद सज्जो इतना डर गई थी कि उसने दूसरे बेटे को छोड़ा नहीं। थाने में अपने दूसरे पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने आई तब भी तीन साल के दूसरे बेटे गिर्राज को आंचल में ही छिपाए रही।



मैं देखने गया तो राहुल बेसुध था
॥ मुझे सुबह पता चला कि पुरुषोत्तम ने राहुल की पिटाई कर दी है। मैं उसे देखने गया तो वह बेसुध था। पास से ही डॉक्टर को बुलाकर लाया तो उसने राहुल को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद मैंने पुलिस को सूचना दे दी।
पोखन सिंह, आरोपी पुरुषोत्तम का बड़ा भाई



फरार पिता की तलाश कर रहे हैं
॥ नौ साल के बच्चे की सौतेले पिता ने पीट-पीटकर हत्या कर दी है। बच्चे की मां की रिपोर्ट पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपी पिता मौके से सौतेले बेटे की हत्या कर फरार हो गया है, जिसकी तलाश की जा रही है।
एनपी टाडा, टीआई, थाटीपुर

. सिरोही ...न्यूज़ इनबॉक्स .. 22 जनवरी, 2012

देर रात कमरे में जल रहे अलाव के धुएं से दम घुटा, अस्पताल में जुटी भीड़, सभी की नम हुईं आंखें

माउंट आबू शादी में खुशी-खुशी शामिल होने आई मौसी मंजू को शायद यह मालूम नहीं था कि भांजी शालिनी की डोली उठने से पहले ही वह दुनिया छोड़ जाएगी। माउंट आबू में रात को कड़ाके की ठंड से बचने के लिए कमरे में अलाव जलाना जान पर भारी पड़ गया। अलाव में जल रहे कोयले के धुएं से दम घुटने से उनकी मौत को एकबारगी किसी को विश्वास ही नहीं हुआ। लेकिन, जब सच्चाई पता चली तो सभी की आंखें नम हो गईं। घर में चल रही शादी की तैयारियां एवं खुशियां एक ही पल में गमगीन हो गईं। शहर की इंदिरा कॉलोनी में शालिनी की शादी 28 जनवरी को होनी थी। शादी समारोह में शरीक होने के लिए जोधपुर से मंजू भी अपने बच्चों के साथ यहां पहुंची थी। शनिवार सुबह जब संजय ने कमरे में देखा तो बेसुध मंजू को देख उसके सुध-बुध खो गए। उसने आनन-फानन इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच सभी को अस्पताल पहुंचाया।

आग की तरह शहर में फैली खबर : शादी समारोह में हुई इस हादसे की जानकारी शहर में आग की तरह फैल गई। जिसने भी इस हादसे के बारे में सुना, दंग रह गया। लोग भी राजकीय अस्पताल व हॉस्पिटल में जमा होने लग गए। सभी की आंखों में आंसू भर आए।

दो दिन पहले भी बची थी 3 जिंदगी

शहर के गोरा छपरा ज्ञान सरोवर मार्ग पर गुरुवार को भी इसी तरह का हादसा होते-होते रह गया था। मोहन राणा, सीता व हीना भी अपने कमरे में अलाव जलाकर सो गए थे। इस पर उनकी पुत्रवधू ने पड़ोसी कानाराम, राजेंद्र गिरी, पंकज मकवाना व भगवानाराम को उठाकर इसकी जानकारी दी। इस पर युवाओं ने जागरूकता से दरवाजा तोड़कर तीनों को बेहोशी की हालत में एंबुलेंस 108 से अस्पताल पहुंचाया था। इस तरह युवाओं की जागरूकता से 3 जिंदगी बच गई थी।

कमरे में अलाव का न करें उपयोग

पालिकाध्यक्ष लीला देवी परमार ने कहा कि शहर में भोंपू प्रचार एवं पैम्फलेट बांट कर लोगों को चेताया जाएगा कि अलाव का कमरे के अंदर उपयोग न करें। शहर में बैनर बनवाकर शहर के मुख्य जगहों पर लगाकर घर में बैठकर अलाव न तापने की सूचना देकर लोगों को संदेश दिया जाएगा, जिससे ऐसा हादसा न हो सके।


मृत व्यक्ति के नाम जारी कर दी केबिन निर्माण की एनओसी

पालिका उपाध्यक्ष ने अधिशासी अधिकारी को पत्र देकर इसे निरस्त करने की मांग की, नहीं हो रही कार्रवाई

शिवगंज  नगरपालिका प्रशासन ने सरदार पटेल मार्ग पर एक केबिन मरम्मत के लिए मृत व्यक्ति के नाम ही एनओसी जारी कर दी।केबिन मालिक की मृत्यु हुए करीब 18 वर्ष बीत चुके हैं, इसके बावजूद नगरपालिका प्रशासन ने स्थानीय निकाय के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए उनके नाम से मरम्मत कार्य के लिए एनओसी जारी कर दी। पालिका उपाध्यक्ष शांति देवी घांची ने पालिका के अधिशासी अधिकारी को पत्र देकर इसे निरस्त करवाने की मांग की, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जानकारी के अनुसार नगरपालिका के कार्यवाहक अधिशासी अधिकारी ने शिवगंज निवासी जसवंत सिंह पुत्र गोविंदसिंह को केबिन की मरम्मत के लिए 23 दिसंबर 2011 को एनओसी जारी की, जबकि केबिन मालिक जसवंत सिंह की मृत्यु हुए करीब 18 वर्ष हो चुके हैं।

आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय जोधपुर ने जसवंत सिंह पुत्र गोविंदसिंह का शेष त्न पेज १4

मृत्यु प्रमाण पत्र 15 अक्टूबर 1993 को जारी किया है। मृतक जसवंत सिंह के नाम पर केबिन मरम्मत की स्वीकृति प्रदान करने के बाद नगरपालिका की उपाध्यक्ष घांची ने 26 दिसंबर 2011 को पत्र देकर इसका विरोध करते हुए एनओसी को निरस्त कर मामले की जांच करवाने की मांग भी की, लेकिन पालिका प्रशासन ने इस पर अभी तक कार्रवाई नहीं की है।

यह है मौका रिपोर्ट

नगरपालिका की ओर से एनओसी मामले को लेकर केबिन की मौका रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें बताया गया कि पालिका कार्यालय में अस्थाई केबिन के किराएदार जसवंत सिंह पुत्र गोविंदसिंह सरदार हैं एवं मौके पर केबिन खुला हुआ मिला।उसके अंदर जूते सिलाई का कार्य करते हुए दिलीप पुत्र लक्ष्मण राम मोची उपस्थित मिले। उसने बताया कि जसवंत सिंह के पुत्र कुलदीप सिंह के पास वह प्रत्येक माह 150 रुपए किराया जमा करता है। करीब 35 वर्ष से वह उन्हें ही किराया दे रहा है।

इनका कहना है

इस मामले की शिकायत नगरपालिका उपाध्यक्ष की ओर से प्राप्त होने पर इसकी जांच करवाई गई है। इसमें केबिन के किराएदार जसवंत सिंह की मृत्यु हुए काफी समय होना पाया गया।नगरपालिका से 23 दिसंबर को जसवंत सिंह के नाम पर केबिन मरम्मत की एनओसी जारी की गई है। इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

-देवराज अग्रवाल, पालिकाध्यक्ष, शिवगंज

निजी स्कूल संचालक के खिलाफ मामला दर्ज 




ब्लॉक जिला शिक्षा अधिकारी ने सरकारी भवन पर कब्जा करने पर की कार्रवाई

सरूपगंज. ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पिंडवाड़ा ने शनिवार को पुलिस थाने में मांडवाड़ा खालसा में संचालित निजी स्कूल के संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पुलिस के अनुसार ब्लॉक शिक्षा अधिकारी चतुर्भुज पुरोहित ने रिपोर्ट देकर बताया कि मांडवाड़ा खालसा में बाल शिव शिक्षण संस्थान के संचालक श्रवण लाल पुत्र शंकरलाल कलबी ने सरकारी स्कूल भवन में निजी स्कूल चला रहा है। बार-बार नोटिस देने के बावजूद खाली नहीं किया।उसने गुरुवार को लगाई सील को तोड़कर स्कूल पर पुन: कब्जा कर लिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

सरूपगंज. बंद पड़ा स्कूल।

इसी भवन में सरकारी स्कूल

पूर्व में इस भवन में राजकीय प्राथमिक विद्यालय संचालित होता था। मिडिल में क्रमोन्नत होने पर इसे गांव में ही बने नए भवन में स्कूल स्थानांतरित कर दिया था। पुराने सरकारी भवन में वर्ष 2006 से निजी स्कूल बाल शिव शिक्षण संस्थान संचालित हो रहा है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने निजी स्कूल को कई बार नोटिस देकर भवन खाली करने का नोटिस दिया, लेकिन स्कूल भवन को खाली नहीं किया गया। शनिवार को इस मामले को गंभीरता से लेकर जिला कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आड़े हाथों लेकर निजी स्कूल के संचालक के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

बच्चों को भी हुई परेशानी

समीपवर्ती मांडवाड़ा खालसा गांव में सरकारी स्कूल बिल्डिंग में चल रहे एक प्राइवेट स्कूल बाल शिव शिक्षण संस्थान के कार्यालय पर गुरुवार को जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से सील लगा दी गई थी। इस पर निजी स्कूल के संचालक ने शुक्रवार को सील तोड़ कर बिल्डिंग पर पुन: कब्जा कर लिया था। वहीं शनिवार को निजी स्कूल के संचालक ने मुख्य गेट पर भी ताला जड़ दिया। शुक्रवार को इस स्कूल में कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों का स्कूल लगना था, लेकिन स्कूल के कमरों पर प्राइवेट स्कूल संचालक की ओर से ताले लगा देने से छात्रों को स्कूल के बाहर ही बैठना पड़़ा। जिला शिक्षा अधिकारी ने लगाई गई सील को उखाडऩे व स्कूल पर पुन: कब्जा करने के मामले में शिक्षा विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने से लोगों में भी रोष व्याप्त हो गया था। शनिवार को निजी स्कूल के संचालक ने मुख्य दरवाजे पर ताला जड़ देने से सरकारी स्कूल के छात्रों को बैरंग लौटना पड़ा।

तनसिंह जयंती को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया


तनसिंह जयंती को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया



जैसलमेर  तनसिंह जयंती पर होने वाले सम्मेलन को लेकर जनसंपर्क किया जा रहा है। शनिवार को शैतानसिंह, मदनसिंह, बाबूसिंह आदि ने मोकला, खींवसर, सेऊवा, सोनू आदि में जनसंपर्क किया। मीडिया प्रभारी कंवराजसिंह ने बताया कि विधायक छोटूसिंह भाटी, भाजपा जिलाध्यक्ष स्वरूपसिंह हमीरा, चतराराम, जीवनसिंह ने थईयात, हमीरा, काणोद व मोहनगढ़ में जनसंपर्क किया। इसी प्रकार सगतसिंह, रेवंतसिंह, भगवानसिंह ने सोडाकोर, भैरवा, चांधन, धायसर, जावंध, सांवला आदि में जनसंपर्क किया। उदयसिंह के नेतृत्व में युवाओं ने डाबला, आकल, जोधा, भू, नरसिंगों की ढाणी, खारिया, आला, भोपा, अडबाला, शोभ आदि में जनसंपर्क कर अधिक से अधिक संख्या में जिला मुख्यालय पर 25 जनवरी को होने वाले आयोजन में शरीक होने की अपील की।

कंवराजसिंह ने बताया कि आयोजन को लेकर राजपूत सेवा समिति की बैठक गुलाबसिंह पिथला की अध्यक्षता में रखी गई। जिसमें समारोह की तैयारियों का जायजा लिया गया। साथ ही अलग अलग दायित्व सौंपे गए। बैठक में हडवंतसिंह, भंवरसिंह, भीखसिंह, सुल्तानसिंह, नरेन्द्रसिंह, कमलसिंह, उम्मेदसिंह, सवाईसिंह आदि ने भाग लिया।

पोकरण . तनसिंह जंयती को लेकर स्थानीय युवा कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया गया। युवा प्रभारी मालमसिंह सनावड़ा के नेतृत्व में युवाओं ने रामदेवरा, लोहारकी, अजासर, दिधु, आसकंद्रा आदि क्षेत्रों का दौरा कर प्रचार प्रसार किया। उन्होंने 25 जनवरी को जैसलमेर में स्थित जवाहर राजपूत छात्रावास में आयोजित कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने की अपील की। इस अवसर पर उनके साथ गजेन्द्रसिंह बामणू, मानवेन्द्रसिंह मोकला, समन्द्रसिंह, गायड़सिंह, राजूसिंह, हेमसिंह, ओमसिंह, जगमाल आदि उपस्थित थे।

फलसूंड. तनसिंह जयंती में भाग लेने के लिए युवाओं ने फलसूंड, पारासर, मानासर, रावतपुरा, निम्बडीपाना, नेतासर में संपर्क किया। साथ ही लोगों को अधिक से अधिक संख्या में 25 जनवरी को जैसलमेर में आयोजित होने वाले समारोह में उपस्थित होने की अपील की। इस अवसर पर रतनसिंह, मेहताबसिंह पारासर, खेतसिंह, दानसिंह पारासर, सवाईसिंह सनावड़ा सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित थे।

नाचना. तनसिंह जयंती को लेकर युवा कार्यकर्ताओं ने नाचना नहरी क्षेत्र का दौरा कर ग्रामीणों को अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने की अपील की। कार्यकर्ताओं ने शनिवार को टोटा, अजासर, दिधु, आसकंद्रा, सत्याया, ताड़ाना, अवाय, भदडिय़ा, बहादुरसिंह की ढाणी आदि गांवों का दौरा कर ग्रामीणों को जैसलमेर में उपस्थित होने की अपील की। इस अवसर पर अजयपालसिंह अवाय, मेघसिंह अवाय, हेमसिंह सत्याया, मुल्तानसिंह अजासर आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे।

फतेहगढ़. उपखण्ड क्षेत्र में तनसिंह जयंती समारोह को लेकर सरपंच संघ के सचिव वीरसिंह तेजमालता के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने हरभा, डांगरी, जोगीदास का गांव, तेजमालता, देवड़ा, फतेहगढ़, भीयासर सहित विभिन्न गांवों में जनसंपर्क किया।

ग्वार के भाव ने तोड़े रिकार्ड

ग्वार के भाव ने तोड़े रिकार्ड



गवार के भाव आसमान पर, किसान हुए निहाल, 11 हजार रुपए प्रति क्विंटल


बालोतरा.ग्वार के भावों ने इस वर्ष रिकार्ड तोड़ दिया है। कृषि उपज मंडी में शनिवार को ग्वार का भाव 11 हजार से 11,200 रुपए प्रति क्विंटल रहा। मंडी में अब तक यह ग्वार का सबसे अधिक भाव रहा है। ग्वार की मांग में अधिक व उपलब्धता कम होने के कारण भाव में तेजी बनी हुई है।

कृषि उपज मंडी के व्यापारियों का कहना है कि मंडी में ग्वार के भावों में तेजी का कारण निर्यात मांग अधिक होना है। खाड़ी देशों में ग्वार गम की मांग अधिक है। ग्वार से ही ग्वार गम बनता है। मंडी में ग्वार का स्टॉक बहुत कम होने के कारण भाव में तेजी बनी हुई है। ग्वार के भाव इतने अधिक हो गए है, जो इससे पहले कभी नहीं रहे। ग्वार के आसपास अन्य किसी जिंस के भाव नहीं है। व्यापारियों ने बताया कि शनिवार को इसके भाव ग्यारह हजार रुपए तक जा पहुंचे हैं।

सिवाना. ग्वार के भावों में तेजी से किसानों के चेहरे खिल गए हैं। मेहनत से अपनी तकदीर संवारने वाले धरती पुत्रों को ग्वार के अच्छे दाम मिल रहे हैं। पिछले लंबे समय से ग्वार के भावों में निरंतर बढ़ोत्तरी सुखद अहसास करवा रहा है। व्यापारी गुला खां ने बताया कि ग्वार की उपलब्धता कम होने से भावों में तेजी है। ग्वार गम फैक्ट्रियों में ग्वार की जबरदस्त मांग है। इसके चलते अचानक तेजी आई है। किसान बताते है कि इस बार ग्वार के भावों में जबरदस्त तेजी आई है। पहले कभी ग्वार के इतने भाव नहीं थे। ग्यारह हजार रुपए प्रति क्विंटल ग्वार बिक रहा है।

खेल एक बंदर के साथ



बाड़मेर. शनिवार को बाड़मेर में भाजपा की ओर से आयोजित किसान सम्मेलन में मंच पर आए बंदर ने बारी-बारी से भाजपा नेताओं को परेशान किया

फर्जी पट्टा प्रकरण . पूर्व सरपंच, ग्रामसेवक के खिलाफ मामला दर्ज


लाखों के भू खंड महज दो सौ रुपए में दे दिए

गुड़ामालानी ग्राम पंचायत गुड़ामालानी के पूर्व सरपंच कुलदीप सिंह एवं ग्रामसेवक देवीसिंह राठौड़ के खिलाफ फर्जी पट्टा आंवटन कर गबन करने के खिलाफ पंचायत समिति धोरीमन्ना के प्रसार अधिकारी हेमाराम भील ने गुड़ामालानी थाना में मामला दर्ज करवाया है। रिपोर्ट में बताया कि इंदिरा आवास योजना के तहत गरीबों के आवास के लिए आवंटित पट्टे को महज दो सौ रुपए में ही व्यक्ति विशेष को जारी कर दिया गया। फर्जी पट्टा जारी होने से राजस्व को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।

इनको किए पट्टे जारी: पूर्व पंचायत की ओर से चिमनाराम पुत्र जगा राम मेघवाल, दुर्गाराम पुत्र मिश्रा राम भील, अनवर खां पुत्र गफूर खां, राण मल पुत्र चंदनमल जैन, शंकरलाल पुत्र हीरालाल जैन, अनवर खां पुत्र गफूर खां कोटवाल के नाम मात्र दो सौ रुपए में पट्टे जारी कर दिए।

गरीबों को आवंटित थी जमीन: ग्राम पंचायत गुड़ामालानी के आबादी क्षेत्र में कृषि मंडी के सामने इंदिरा आवास योजना के तहत गरीब परिवारों को स्थाई आवास के तहत 1990 में पक्का निर्माण कार्य करवा कर स्थापित करने की योजना थी। प्रसार अधिकारी हेमाराम ने बताया 31 जनवरी 2005 से 22 जनवरी तक बने पट्टों की जांच चल रही है। पूर्व पंचायत ने अपने कार्यकाल में करीब 1150 पट्टे जारी किए है।

नहीं हुई ऑडिट: पिछली पंचायत की 2007 से 2010 तक ऑडिट भी बकाया है। उसमें भी कई गबन खुलने के आसार है जिसकी ऑडिट होनी है।

पट्टा प्रकरण को लेकर हुआ था तनाव: पंचायत मुख्यालय पर पूर्व सरपंच एवं ग्राम सेवक की ओर से जारी एक पट्टे को लेकर तहसील परिसर के सामने समुदाय विशेष की ओर कब्जा करने पर ग्रामीणों ने कड़ा रोष जताया जिस पर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।मामले की जांच करने के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ।


तीन मर्डर के बाद बेनकाब हुआ खूनी, बेटी के प्रेम ने फंसा दिया शिकंजे में

रायपुर। सीरियल किलर अरुण उर्फ तोरण चंद्राकर कुकुरबेड़ा में एक के बाद एक तीन मर्डर करने के बाद शक के घेरे में आया। खुद के फंसने का अंदेशा होते ही वह भाग निकला। उसके बाद पुलिस और मोहल्लेवासियों का शक यकीन में बदल गया। पुलिस को हालांकि अरुण की तलाश थी, लेकिन केस को ठंडे बस्ते में डाल दिया। डेढ़ माह पहले डीजीपी अनिल नवानी की चिट्ठी आई और पुलिस दोबारा केस की जांच में जुटी। पुलिस ने ताकत लगाई और राज खुल गया।
 

सरस्वतीनगर पुलिस ने डेढ़ साल पहले अरूण की पत्नी लिली, लिली के भाई अखिल और उसकी पत्नी पुष्पा की गुमशुदगी का मामला दर्ज किया लेकिन पूरे केस को ठंडे बस्ते में डाल दिया। हाईप्रोफाइल केस नहीं होने के कारण किसी का ध्यान भी इस ओर नहीं गया। तकरीबन डेढ़ माह पहले पुलिस मुख्यालय से डीजीपी अनिल एम नवानी के माध्यम से सरस्वतीनगर थाने को केस ओपन करने की चिट्ठी मिली। टीआई कुमारी चंद्राकर के हाथ पत्र आने के बाद उन्होंने तुरंत फाइल खुलवायी ओर जांच में जुट गई। तकरीबन डेढ़ महीने तक गहन छानबीन के बाद अरुण का सुराग मिला।



छानबीन के बाद पता चला कि वह चोरी छिपे कुकुरबेड़ा आता है। कुकुरबेड़ा में उसके मकान से चंद कदम दूर उसका ससुराल है। अरुण के साले अखिल व साली का मकान भी वहीं है। पुलिस के लिए इतना क्लू काफी था। टीआई चंद्राकर के नेतृत्व में टीम बनाकर जांच शुरू की गई। आरक्षक शत्रुहन वाजपेयी ने 24 घंटे केस में लगा दिए।



फंसने के डर से भागा था अरुण



एक के बाद एक तीन हत्याएं करने के बाद अरुण को लगा कि वह फंस सकता है। इसी डर की वजह से वह घर छोड़कर भाग गया और दुर्ग में रहने लगा।



डीजीपी की चिट्ठी से खुला केस



तीन के गायब होने, लाशें नहीं मिलने की पड़ताल के बाद पुलिस ने केस बंद कर दिया। डीजीपी की चिट्ठी के बाद संदिग्ध मर्डर की फाइल खुली।



बेटी के प्रेम में फंसा



अपनी नानी के पास रहने वाली डेढ़ साल की बेटी रितु का प्यार सीरियल किलर को खींच लाया। पुलिस ने घेराबंदी की और उसे दबोच लिया।



सिपाही ने सरोना स्टेशन पर दबोचा आरोपी को



खूनी दरिंदे को आरक्षक शत्रुहन वाजपेयी ने अकेले दबोचा। उसने भागने के लिए काफी देर तक संघर्ष किया पर कामयाब नहीं हो पाया। पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए बिलकुल फिल्मी स्टाइल में घेरेबंदी की। टीआई चंद्राकर ने आरक्षक वाजपेयी के जरिये जासूसों का जाल बिछाया। शुक्रवार को सुबह 11.30 बजे अरुण ने आखिर वही गलती कर दी। उसने कुकुरबेड़ा के एक युवक को फोन किया कि वह आधा घंटे में पहुंच रहा है। यह फोन उसने दुर्ग के एसटीडी से किया था।



आरोपी ने कुकुरबेड़ा के जिस युवक को फोन किया वह पुलिस जासूस था। उसके जरिये पुलिस को सूचना मिल गई। पुलिस ने अरुण की सास और साली को सावधान कर दिया। अरुण ने राजधानी आने के बाद हमेशा की तरह घर से दूर रहकर एक रिक्शे वाले के हाथों पत्र भेजा। इस बीच पुलिस की एक टीम उसे खोजने दुर्ग चली गई थी। रिक्शे वाले को मोहल्ले वालों ने पकड़ लिया। इसकी सूचना पुलिस को दी गई।



टीआई चंद्राकर और उनकी टीम उस समय चरोदा में थी। चंद मिनटों में गाड़ी फर्राटे से दौड़ाकर पुलिस कुकुरबेड़ा पहुंची, लेकिन रिक्शे वाला हाथ आया। टीम निराश हो गई। इसी बीच आरक्षक वाजपेयी का माथा ठनका। दरअसल अरुण ने चिट्ठी में अपनी सास और पत्नी की बहन को रविवि परिसर में बुलाया था। चिट्ठी में उसने रात 12 बजे का जिक्र किया था। इस बात का ध्यान आने पर आरक्षक सरोना स्टेशन पहुंचा। शाम 6 से रात 8 बजे तक वह स्टेशन में खोजबीन करता रहा। आखिरकार आरोपी एक बेंच पर मुंह छिपाए बैठा मिल गया।



बेटी को देखने आया था



सीरियल किलर होने के साथ अरुण एक पिता भी है। उसकी डेढ़ साल की बेटी रितु है। वह अक्सर अपनी बेटी से मिलने ही आता था। वह घर से दूर रहकर चिट्ठी भेजने के अलावा बिस्कुट, चाकलेट, लड्डू अपनी बेटी के लिए भेजता था। इस बार भी बेटी से मिलने की इच्छा लिए आया था। हालांकि पिछले कुछ अर्से से वह बनारस में रहने लगा था। हफ्ताभर पहले ही वह बनारस से आया था।



अरुण जैसे लोग समाज के लिए खतरा



साधारण बात पर किसी की हत्या करने वाला सामान्य प्रवृत्ति का नहीं हो सकता। बिना सोचे-समझे चार लोगों को बेहोश कर जिंदा दफनाने वाला अपनी करतूत की गंभीरता को नहीं समझ रहा। उसे हत्या की गंभीरता का अहसास नहीं। अगर वह सामान्य ढंग से पुलिस को यह बता रहा है कि उसने बस छोटी-मोटी बात पर पत्नी, साले जैसे करीबी रिश्तेदारों को दफना डाला, तो यह बेहद ही खतरनाक स्थिति है। वह बीमारी का शिकार हो सकता है। उसे सामजिक व्यवस्था समझ नहीं आती। ऐसा व्यक्ति समाज के लिए खतरा बन सकता है।
डॉ. नितिन मलिक, साइकैट्रिस्ट

बाड़मेर..बाड़मेर पुलिस आज की ताजा खबर. , 22 जनवरी, 2012

अवैध अंग्रेजी शराब के तीस कार्टन बरामद

बालोतरा। आबकारी पुलिस ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए कल्याणपुर थाना क्षेत्र के देमों की ढाणी इलाके में एक रहवासीय मकान से अवैध अंग्रेजी शराब के तीस कार्टन बरामद किए हैं। हरियाणा निर्मित इस शराब की कीमत करीब एक लाख रूपए बताई जा रही है।

अतिरिक्त आयुक्त कमालुदीन खिलजी व जिला आबकारी अधिकारी गणेशाराम के निर्देशन में शनिवार को आबकारी निरीक्षक गजेंद्रसिंह राजपुरोहित, सहायक आबकारी अधिकारी नरेंद्रसिंह मीणा, चौहटन प्रहरा अधिकारी दईदानसिंह भाटी, बाड़मेर प्रहरा अधिकारी रूपसिंह चारण मय जाप्ता ने शनिवार को जोधपुर जिले से सटे बाड़मेर जिले के इलाके में अवैध शराब की रोकथाम व धरपकड़ के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत कल्याणपुर क्षेत्र के देमों की ढाणी इलाके में एक रहवासीय मकान पर दबिश देकर तलाशी ली। आरोपी हड़मतसिंह पुत्र सोहनसिंह फरार होने में कामयाब रहा। खेत में बने रहवासीय कमरे से हरियाणा निर्मित अवैध अंग्रेजी शराब के तीस कार्टन पाए गए।


थाने से भागा सरपंच

शिव (बाड़मेर)। मॉडल विद्यालय खुलवाने की मांग को लेकर कुछ दिन पहले विरोध प्रदर्शन व हाइवे जाम करने के मामले में आरोपी कोटड़ा सरपंच ईश्वरसिंह राठौड़ शनिवार को पुलिस थाने से भाग गया।

पुलिस के अनुसार कस्बे के गडरा चौराहे से सरपंच को दोपहर में हाइवे जाम करने के मामले में पूछताछ करने के लिए पुलिस थाना लाया गया। यहां से मौका पाते ही सरपंच पुलिस थाने से भाग गया। थाने में तैनात एक कांस्टेबल द्वारा पीछा करने पर सरपंच को राष्ट्रीय राजमार्ग पर आने से पहले ही पकड़ भी लिया, लेकिन सरपंच वहां मौजूद कुछ लोगों के सहयोग से मोटरसाइकिल पर बैठकर निकल गया। इस मामले में न्यायालय द्वारा सभी आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी पहले ही खारिज हो चुकी है एवं यह मामला राजस्थान उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।

रोजनामचे में दर्ज नहीं- नामजद आरोपी सरपंच को हाइवे जाम करने के आरोप में धारा 187 के तहत पूछताछ के लिया पुलिस थाने लाया गया था। हमने उसकी गिरफ्तारी रोजनामचे मे दर्ज नहीं की थी। वो यहां से भाग गया। -मनीष देव विश्वकर्मा, थानाधिकारी, शिव


तीन वाहनों से 25 टन गीली लकड़ी जब्त

वन विभाग की बड़ी कार्रवाई, तीन वाहनों सहित छह गिरफ्तार


बाड़मेर वन विभाग के गश्ती दल ने शुक्रवार रात बड़ी कार्रवाई करते हुए तीन अलग-अलग वाहनों से करीब 25 टन गीली लकड़ी जब्त करते हुए छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गौरतलब है कि गीली लकड़ी परिवहन की बढ़ती वारदातों को मद्देनजर रखते हुए हाल ही में डीएफओ बीआर भादू ने अशोक कुमार रतनू के नेतृत्व में गश्ती दल का गठन कर रोजाना चैकिंग के निर्देश दिए थे। गश्ती दल प्रभारी रतनू ने बताया कि वनपाल निंबाराम, वन रक्षक दुर्गाराम चौधरी व भैराराम की टीम ने शुक्रवार रात एनएच-15 स्थित रामदेव होटल के पास नाकेबंदी की। इस दौरान रात करीब ढाई बजे टर्बो ट्रक को रुकवा तलाशी ली तो उसमें करीब 12 टन गीली लकड़ी बरामद हुई। इस पर ट्रक नंबर आरजे 19 जीबी 5691 को जब्त करते हुए ड्राइवर रोशन खां पुत्र साहिब खां और खलासी रामसिंह पुत्र भलसिंह को गिरफ्तार किया गया। इसी प्रकार सुबह करीब पांच बजे पिकअप ट्रोला नंबर आरजे 16 जीए 1627 से करीब पांच-छह टन गीली लकड़ी बरामद कर ड्राइवर आलम खां पुत्र कचरा खां व खलासी आरूराम पुत्र गजाराम निवासी भोजारिया, तहसील चौहटन को गिरफ्तार किया गया। इसके बाद पिकअप ट्रोला नंबर आरजे 04 जीए 5113 में करीब पांच-छह टन गीली लकड़ी बरामद कर ड्राइवर जमाल खां पुत्र इमाम खां व खलासी बिल्लाराम निवासी भोजारिया तहसील चौहटन को गिरफ्तार किया गया। वन विभाग ने आरोपियों के खिलाफ राजस्थान वन अधिनियम 1953 के तहत मामला दर्ज किया है।

प्रतिबंधित किस्म की थी लकडिय़ां: वन विभाग की टीम की ओर से की गई कार्रवाई में आधा दर्जन वैरायटी की गीली लकडिय़ां जब्त की गई। टर्बो ट्रक में नीम, केर, खेजड़ी, टोटलिस, कुंभट व अकेसिया की लकड़ी मिली। इसी प्रकार दोनों पिकअप ट्रोला में कुंभट, खेजड़ी और केर की गीली लकड़ी बरामद की गई। शेष त्न पेज १५


फैक्ट्रियों में सप्लाई होती थी लकडिय़ां:

पूछताछ में हालांकि टर्बो ट्रक चालक ने अभी तक जुबान नहीं खोली है लेकिन पिकअप चालकों ने लकडिय़ां फैक्ट्रियों में सप्लाई करने की बात कबूली है। एक पिकअप चालक ने ग्वारगम फैक्ट्री तो दूसरे ने कवास में सप्लाई करने की बात कबूली।




'चन्द्रमहल' से जुडी एक आश्चर्यजनक मध्यकालीन उपलब्धि है-जंतर मंतर

जन्तर मन्तर

जयपुर में पुराने राजमहल 'चन्द्रमहल' से जुडी एक आश्चर्यजनक मध्यकालीन उपलब्धि है-जंतर मंतर! पौने तीन सौ साल से भी अधिक समय से प्राचीन खगोलीय यंत्रों और जटिल गणितीय संरचनाओं के माध्यम से ज्योतिषीय और खगोलीय घटनाओं का विश्लेषण और सटीक भविष्यवाणी करने के लिए दुनिया भर में मशहूर इस अप्रतिम वेधशाला का निर्माण जयपुर नगर के संस्थापक आमेर के यशस्वी राजा सवाई जयसिंह (द्वितीय) ने १७२८ में अपनी निजी देखरेख में शुरू करवाया था, जो सन १७३४ में पूरा हुआ था. सवाई जयसिंह एक बहादुर योद्धा और मुग़ल सेनापति ही नहीं, उच्च कोटि के खगोल वैज्ञानिक भी थे, जिनके योगदान और व्यक्तित्व की प्रशंसा जवाहर लाल नेहरू ने अपनी प्रसिद्ध पुस्तक 'डिस्कवरी ऑफ इंडिया' ('भारत : एक खोज') में सम्मानपूर्वक की है।सवाई जयसिंह ने इस वेधशाला के निर्माण से पहले विश्व के कई देशों में अपने सांस्कृतिक दूत भेज कर वहां से खगोल-विज्ञान के प्राचीन और महत्वपूर्ण ग्रंथों की पांडुलिपियाँ मंगवाईं थीं और उन्हें अपने पोथीखाने (पुस्तकालय) में संरक्षित कर अपने अध्ययन के लिए उनका अनुवाद भी करवाया था। यों तो मथुरा, उज्जैन, दिल्ली, वाराणसी में भी जयसिंह ने वेधशालाओं का निर्माण करवाया था, पर उनके अपने शहर में निर्मित यह वेधशाला सारी वेधशालाओं में सर्वाधिक विशाल है. यह बाकी के जंतर मंत्रों से आकार में तो विशाल है ही, शिल्प और यंत्रों की दृष्टि से भी इसका कई मुकाबला नहीं है! सवाई जयसिंह निर्मित पांच वेधशालाओं में आज केवल दिल्ली और जयपुर के जंतर मंतर ही शेष बचे हैं, बाकी काल के गाल में समा गए हैं।
 विश्व धरोहर सूची " में शामिल
 
यूनेस्को ने १ अगस्त २०१० को जंतर-मंतर समेत दुनिया भर के सात स्मारकों को " विश्व धरोहर सूची " में शामिल करने की जो घोषणा की थी, उनमें जयपुर का जंतर मंतर भी एक है. ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया में वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी के ३४ वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन में इस वेधशाला को विश्व-विरासत स्मारक श्रेणी में शामिल किया जा चुका है! इस सम्मान की पीछे जो मुख्य कारण गिनाए गए थे, उनमें सबसे बड़ा कारण यह था कि इतने वर्ष गुजर जाने के बावजूद इस वेधशाला के सभी प्राचीन यन्त्र आज भी ठीक अवस्था में हैं; जिनके माध्यम से मौसम, स्थानीय समय, ग्रह नक्षत्रों, और ग्रहण अदि खगोलीय परिघटनाओं की एकदम सटीक गणना आज भी की जा सकती है.

२८२ साल पहले लकड़ी,चूने, पत्थर और धातु से निर्मित यंत्रों के माध्यम से आकाशीय घटनाओं के अध्ययन की भारतीय विद्या को 'अद्भुत' मानते हुए इस स्मारक को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है. इन्हीं यंत्रों के गणना के आधार पर आज भी जयपुर के स्थानीय पंचांग का प्रकाशन होता है, और हर बरस आषाढ़ पूर्णिमा को खगोलशास्त्रियों द्वारा 'पवन धारणा' प्रक्रिया से आने वाली वर्षा की भविष्यवाणी की जाती है.

यहां के यंत्रों में- 'सम्राट-यन्त्र'(जो एक विशाल सूर्यघडी है) , 'जयप्रकाश-यन्त्र' और 'राम-यन्त्र' सर्वाधिक प्रसिद्ध हैं, जिनमें से 'सम्राट-यन्त्र' सर्वाधिक ऊंचा (धरती से करीब ९० फुट) है, जिसके माध्यम से पर्याप्त शुद्धता से समय बताया जा सकता है .

विश्व धरोहर सूची में शामिल जंतर-मंतर राजस्थान प्रदेश का पहला और देश का २८ वां स्मारक हो गया है. भरतपुर का घना पक्षी अभयारण्य यूनेस्को की सांस्कृतिक श्रेणी की विश्व धरोहर सूची में पहले से शामिल है. इससे इस नायब वेधशाला को नई अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी ही, स्मारक के रखरखाव के लिए ४० हज़ार डॉलर का अलग फंड भी मिलेगा.

ऐसे बढ़ाएं अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता


कैसे रहें हेल्दी/फिट/स्मार्ट/स्वस्थ.

ऐसे बढ़ाएं अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता
पंडित दयानन्द शास्त्री



शरीर लगातार विभिन्न प्रकार की बीमारियों के वाहक जीवाणुओं के हमले झेलता रहता है। ये हमले नाकाम तभी हो सकते हैं जब हमारे शरीर का किला यानी हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। इस किले को मजबूत करना कोई ज्यादा मुश्किल नहीं है।

हालांकि, लाइफस्टाइल में बदलाव के कारण होने वाली बीमारियों का असर लगभग सभी देशों में देखा जाता है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)की मानें तो भारत में लाइफस्टाइल से जुड़ी बिमारियां दूसरे देशों के मुकाबले खतरनाक हैं। डब्ल्यूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार अस्वास्थ्यकर कार्यक्षेत्र में होने वाले रोगों के कारण तक कारण भारत को वर्ष 2015 तक 237 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है। अनहेल्दी वर्कप्लेस में होने वाली बीमारियों में हर्ट डिजीज, डाइबिटीज, स्ट्रोक और कैंसर प्रमुख हैं।

आइए देखते हैं कैसे :----

जल----
यह प्राकृतिक औषधि है। प्रचुर मात्रा में शुद्ध जल के सेवन से शरीर में जमा कई तरह के विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पानी या तो सामान्य तापमान पर हो या फिर थोड़ा कुनकुना। फ्रिज के पानी के सेवन से बचें।खूब पानी पीएं..शरीर में मौजूद पानी शारीरिक और मानसिक परफॉमेंüस को बढ़ाने में मदद करता है। अपने डेस्क पर एक पानी की बोतल रखें। इससे आपको पार्याप्त मात्रा में पानी पीने में मदद मिलेगी। पानी की बोतल पास होगी, तो आपको बार-बार उठकर नहीं जाना पड़ेगा और इसके साथ ही आप आसानी से पार्याप्त पानी पी सकेंगे। ऑफिस में दिन भर के दौरान लगभग आठ गिलास तक पानी पीना काफी होगा। पानी की जगह दूसरे सपलीमेंट जैसे नींबू पानी और नारियल पानी भी ले सकते हैं।

रसदार फल----
संतरा, मौसमी आदि रसदार फलों में भरपूर मात्रा में खनिज लवण तथा विटामिन सी होता है। प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आप चाहें तो पूरे फल खाएँ और चाहें तो इनका रस निकालकर सेवन करें। हां, रस में शकर या नमक न मिलाएं।

गिरीदार फल---
सर्दी के मौसम में गिरीदार फलों का सेवन फायदेमंद होता है। इन्हें रात भर भिगोकर रखने व सुबह चाय या दूध के साथ, खाने से आधे घंटे पहले लेने से बहुत लाभ होता है।

अंकुरित अनाज---
अंकुरित अनाज (जैसे मूंग, मोठ, चना आदि) तथा भीगी हुई दालों का भरपूर मात्रा में सेवन करें। अनाज को अंकुरित करने से उनमें उपस्थित पोषक तत्वों की क्षमता बढ़ जाती है। ये पचाने में आसान, पौष्टिक और स्वादिष्ट होते हैं।

---हेल्दी स्नैक्स : ऑफिस में भूख लगने पर जंक फूड, सोडा या समोसे कचौड़ी खाने से अच्छा है हेल्दी स्नैक्स खाना। घर से निकलते समय लैपटॉप बैग में कोई फल या अंकुरित दालों से बना हेल्दी स्नैक्स रख सकते हैं।

सलाद---
भोजन के साथ सलाद का उपयोग अधिक से अधिक करें। भोजन का पाचन पूर्ण रूप से हो, इसके लिए सलाद का सेवन जरूरी होता है। ककड़ी, टमाटर, मूली, गाजर, पत्तागोभी, प्याज, चुकंदर आदि को सलाद में शामिल करें। इनमें प्राकृतिक रूप से मौजूद नमक हमारे लिए पर्याप्त होता है। ऊपर से नमक न डालें।

चोकर सहित अनाज----
गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का जैसे अनाज का सेवन चोकर सहित करें। इससे कब्ज नहीं होगी तथा प्रतिरोध क्षमता चुस्त-दुरुस्त रहेगी।

तुलसी----
तुलसी का धार्मिक महत्व अपनी जगह है मगर इसके साथ ही यह एंटीबायोटिक, दर्द निवारक और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी फायदेमंद है। रोज सुबह तुलसी के 3-5 पत्तों का सेवन करें।

योग----
योग व प्राणायाम शरीर को स्वस्थ और रोगमुक्त रखने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी जानकार से इन्हें सीखकर प्रतिदिन घर पर इनका अभ्यास किया जाना चाहिए।

हंसिए भी---
हंसने से रक्त संचार सुचारु होता है व हमारा शरीर अधिक मात्रा में ऑक्सीजन ग्रहण करता है। तनावमुक्त होकर हंसने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने में मदद मिलती है।

शंख बजाइए और रोगों से छुटकारा पाइए---

अगर आपको खांसी, दमा, पीलिया, ब्लडप्रेशर या दिल से संबंधित मामूली से लेकर गंभीर बीमारी है तो इससे छुटकारा पाने का एक सरल-सा उपाय है – शंख बजाइए और रोगों से छुटकारा पाइए। शंखनाद से आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा का नाश तथा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। शंख से निकलने वाली ध्वनि जहां तक जाती है वहां तक बीमारियों के कीटाणुओं का नाश हो जाता है।

शंखनाद से सकारात्मक ऊर्जा का सर्जन होता है जिससे आत्मबल में वृद्धि होती है। शंख में प्राकृतिक कैल्शियम, गंधक और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है। प्रतिदिन शंख फूंकने वाले को गले और फेफड़ों के रोग नहीं होते। शंख से मुख के तमाम रोगों का नाश होता है। शंख बजाने से चेहरे, श्वसन तंत्र, श्रवण तंत्र तथा फेफड़ों का व्यायाम होता है। शंख वादन से स्मरण शक्ति बढ़ती है।

योग से कमर को बनाएँ सुडौल----




यदि आपकी कमर और पेट लचकदार तथा संतुलित हैं तो स्फूर्ति और जोश तो कायम रहेगा ही साथ ही आप कई तरह के रोग से बच जाएंगे। अनियमित और अत्यधिक खान-पान के कारण कमर के कमरा बनने में देर नहीं लगती। कमर के छरहरा होने से व्यक्ति फिट नजर तो आता ही है साथ ही उसमें फूर्ति भी बनी रहती है। कमर को छरहरा बनाए रखने के लिए एक्सपर्ट दे रही हैं कुछ योगा टिप्स।

कटिचक्रासन----

स्टेप-१---
कटि चक्रासन करें। सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएँ। फिर दोनों होथों को कमर पर रखकर कमर से पीछे की ओर जहाँ तक संभव हो झुककर वहाँ रुकें। अब साँस की गति सामान्य रखकर आँखें बंद कर लें और कुछ देर इसी पोजिशन में रुकने के बाद वापस आ जाएँ। ४-५ बार दोनों ओर से इसका अभ्यास कर लें।

स्टेप-२---
इसके बाद पुनः सावधान मुद्रा में खड़े होकर दाएँ हाथ को बाएँ कंधे पर और बाएँ हाथ को दाएँ कंधे पर रखकर पहले दाईं ओर कमर से पीछे की ओर मुड़े। गर्दन को भी मोड़कर पीछे की ओर देखें। अब साँस की गति सामान्य रखकर आँखें बंद कर लें और कुछ देर इसी पोजिशन में रुकने के बाद वापस आ जाएँ। 4-5 बार दोनों ओर से इसका अभ्यास कर लें। इसी तरह बाईं ओर मुड़कर करें।

स्टेप-३---
सावधान मुद्रा में खड़े होकर फिर हथेलियों को पलटकर हाथों को ऊपर उठाकर समानांतर क्रम में सीधा कर लें। साँस लेते हुए कमर को बाईं ओर झुकाएँ। इसमें हाथ भी साथ-साथ बाईं ओर चले जाएँगे। अधिक से अधिक कमर झुकाकर वहाँ रुकें। अब साँस की गति सामान्य रखकर आँखें बंद कर लें और कुछ देर इसी पोजिशन में रुकने के बाद वापस आ जाएँ। 4-5 बार दोनों ओर से इसका अभ्यास कर लें।

स्टेप-४----

शवासन में लेटकर पहले दोनों हाथ समानांतर क्रम में फैला लें। फिर दाएँ पैर को बाईं ओर ले जाएँ और गर्दन को मोड़कर दाईं ओर देखें। इस दौरान बायाँ पैर सीधा ही रखें। फिर इसी क्रम में इसका विपरित करें। 4-5 बार दोनों ओर से इसका अभ्यास कर लें।

इसके लाभ : यह योग कमर की चर्बी को कम करता है। इसके अलावा यह कब्ज व गैस की प्रॉब्लम दूर करके किडनी, लीवर, आँतों व पैन्क्रियाज को भी स्वस्थ बनाए रखने में सक्षम हैं।

तिलबीजों का कोई विकल्प नहीं है----

तिलबीज एक प्राचीन तिलहन है जिसका पौराणिक महत्व है। मानव इतिहास के आदिकाल से ही इसे प्रतिष्ठापूर्ण स्थान मिला हुआ है। तिलबीजों के असंख्य गुणों के कारण इसे लगभग हर धर्म के धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल किया जाता है।

* तिल कैल्शियम, मैगनेशियम, आयरन, फास्फोरस, जिंक और रेशे का बढ़िया स्त्रोत है।
* देवताओं ने पृथ्वी का निर्माण करने से पहले तिलबीज से बनने वाली शराब पी थी।
* तिल का एक चौथाई कप तांबे की रोजाना की खुराक की 75 फीसद मात्रा की आपूर्ति करता है।

गुणकारी तिलबीज का तेल भोजन में तो इस्तेमाल किया ही जाता है, मालिश के लिए भी इसे मुफीद माना जाता है। तिल का तेल वेसोडायलेटर माना जाता है जिससे मालिश के बाद नसें फैलती हैं व रक्त प्रवाह बेहतर होता है।

तिलबीज मैंगनीज़, तांबा, कैल्शियम, मैगनेशियम, आयरन, फास्फोरस, विटामिन बी-1, जिंक और रेशे का बढ़िया स्त्रोत है। इन महत्वपूर्ण पौष्टिक तत्वों के अलावा दो और अनोखे तत्व तिल में पाए जाते हैं – सिस्सामिन और सिसामोलिन। दोनों पदार्थ विशेष लाभकारी रेशे लिगनान्स समूह के सदस्य हैं। इन्हें कोलेस्ट्रोल और उच्च रक्तचाप कम करने वाले पदार्थों के तौर पर जाना जाता है। तिलबीज लीवर को ऑक्सीडेटिव नुकसान से भी बचा लेती है।

तिल के बीजों का प्रभाव----
असीरियन पुराणों में वर्णन है कि देवताओं ने पृथ्वी का निर्माण करने से पहले तिलबीज से बनने वाली शराब पी थी। एशियाई आहार श्रृंखला में आदिकाल से तिलबीज शामिल रहे हैं। ईसा के 3000 साल पहले से 5000 साल बाद तक जिक्र होता रहा है कि चीनी सभ्यता में तिलबीज को सम्मानजनक स्थान हासिल है।

वे लोग सदियों से तिलबीज के तेल के दीपक से अपनी अंधेरी रातें रोशन करते आए हैं। चीनियों की काली रोशनाई भी तिलबीज के तेल के दीपक से बनती थी। अफ्रीकन काले नीग्रो गुलामों के साथ तिल के बीज अमेरिका महाद्वीप में भी पहुंच गए। अब तिल के बीज लगभग हर व्यंजन में इस्तेमाल किए जाते हैं। एशियाई देशों में तिलबीज के तेल का इस्तेमाल खाना पकाने के लिए सदियों से इस्तेमाल किया जाता है।

जरूरी है तांबा-----
तिलबीज से भरा हुआ एक चौथाई कप तांबे की रोजाना की खुराक की 75 फीसद मात्रा की आपूर्ति कर देता है। इसी तरह मैगनेशियम की 32 फीसद तथा कैल्शियम की 36 फीसद कमी की पूर्ति करता है। यदि इतने खनिज तत्व आपको खुराक में रोज मिल रहे हैं तो इसमें से तांबे की मात्रा रिह्यूमेटाइड आर्थराइटिस से होने वाली तकलीफ में राहत प्रदान कर सकती है। तांबा दर्द निवारण एवं एंटिऑक्सीडेंट एंजाइम प्रणाली में महत्वपूर्ण घटक है।

यह धातु रक्त नलिकाओं में लचीलापन एवं मजबूती प्रदान करने वाली महत्वपूर्ण धातु के रूप में जाना जाता है। मैग्नेशियम से रक्त नलिकाओं में शुद्धि एवं श्वसन संबंधी बीमारियों में राहत मिलती है। मैगनेशियम से अस्थमा के दौरे में राहत मिलती है तथा श्वसन प्रणाली खुलने में सहायता मिलती है।

बहरहाल...। हम लाएं है आपके कुछ ऎसे सिंपल टिप्स जिसे अपनाकर फिट रहा जा सकता है -
फिट और फैट ... येदोनों शब्द लिखने - सुननेमें बेशक एक जैसे लगते हैंलेकिन असल में इन दोनोंस्थितियों के बीच भारी फर्कहै। यानी फिट होने पर आपतरोताजा , चुस्त - दुरुस्त ,स्मार्ट दिखते हैं औरबीमारियों से दूर रहते हैं ,वहीं फैट यानी मोटापा पर्सनैलिटी खराब करने के साथ - साथतमाम बीमारियों को भी न्योता देता है। डायबीटीज , हाईब्लडप्रेशर , कमर दर्द , दिल की बीमारी , घुटने में दर्द जैसीबीमारियों का खतरा मोटापे के साथ काफी ज्यादा बढ़ जाता है।
-----ब्रेक तो बनता है : ऑफिस ऑवर के दौरान एक जगह कुर्सी पर जमकर बैठे न रहें। काम के दौरान बीच-बीच में ब्रेक लें और लगभग 40 मिनट तक टहलना तय करें। टहलने के बहाने ढुंढें। जैसे- कॉफी या चाय डेस्क पर बैठे-बैठे पीने के बजाय कप लेकर कैंटीन या बरामदे में चले जाएं और टहलते हुए चुस्कियां लें। यदि मोबाइल पर किसी से बात कर रहे हैं, तो भी डेस्क पर बैठने के बजाय बाहर चले जाएं और कॉल खत्म होने तक टहलें और फिर वापस आएं। इसी तरह ऑफिस टाइम से 10-15 मिनट पहले ऑफिस परिसर में पहुंचे। कार को ऑफिस की बिल्डिंग से दो-तीन ब्लॉक पहले पार्क करें और ऑफिस तक की दूरी टहलते हुए तय करें।
ऑफिस जिम का करें इस्तेमाल :--- लंच टाइम के दौरान ऑफिस जिम में जाकर 30 मिनट तक एक्सरसाइज करने की कोशिश करें।हैवी एक्सरसाइज न भी करें, तो ट्रेडमीड पर सिंपल वार्किग भी
काफी होगी।
----सिंपल स्ट्रैचिंग : ऑफिस में बैठे-बैठे आमतौर पर पांव, पीठ और ज्वाइंट में दर्द की शिकायत आम है। इस तरह के हेल्थ प्रॉब्लम से छुटकारा पाने के लिए कुर्सी पर बैठे-बैठे ही सिंपल स्टैचिंग कर सकते हैं। जितनी बार संभव हो हाथ की कलाईयों को सर्किल में घुमाएं, पैरों को सीधा करें और एड़ी को भी राउंड मूव करें। हाथ-पैरों को समय-समय पर स्टै्रच करें।
----लिफ्ट से बेहतर सीढियां : एलिवेटर या लिफ्ट के बजाय सीढियों का इस्तेमाल करें। सीढिया चढ़ने-उतरने से भी फिट और एनर्जेटिक होने में मदद मिलती है।
पावर योग :------- योग की यह तकनीक आजकल काफी चलन में है।योग में जहां एक ही स्थिति में कुछ देर रुकना होता है , वहींपावर योग में जोरदार और लगातार प्रैक्टिस होती है। इसमें एकही क्रिया को लगातार कई बार किया जाता है और सारा जोरस्ट्रेंथ और लचक पर होता है। लगातार मूवमंट से पसीना भीज्यादा निकलता है। ऐसे में वजन जल्दी घटता है , लेकिनप्रैक्टिस रोकने पर मसल टोनिंग कम हो जाती है। यानी बॉडी केलूज होने का खतरा होता है। पावर योग हमेशा एक्सपर्ट कीदेखरेख में ही करना चाहिए।


उज्जायी प्राणायाम :---- थायरॉइड के मरीजों के लिए यह काफीफायदेमंद है। सीधे बैठकर सांस बाहर निकालें। अब सांस भरते हुएगले की मांसपेशियों को टाइट करें और सांस भरते जाएं। साथ हीगले से घर्षण की आवाज करते जाएं। फिर नाक से सांस धीरे -से बाहर निकाल दें।
इन सभी आसनों को 8- 10 बार दोहराएं। अगर सुबह नियमितरूप से ये आसन किए जाएं तो एक महीने में किलो तक वजनकम हो सकता है। आसन खुद भी किए जा सकते हैं , लेकिनशुरुआत अगर किसी एक्सपर्ट या योग गुरु की देखरेख में कीजाए तो बेहतर है।

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