रविवार, 22 जनवरी 2012

. सिरोही ...न्यूज़ इनबॉक्स .. 22 जनवरी, 2012

देर रात कमरे में जल रहे अलाव के धुएं से दम घुटा, अस्पताल में जुटी भीड़, सभी की नम हुईं आंखें

माउंट आबू शादी में खुशी-खुशी शामिल होने आई मौसी मंजू को शायद यह मालूम नहीं था कि भांजी शालिनी की डोली उठने से पहले ही वह दुनिया छोड़ जाएगी। माउंट आबू में रात को कड़ाके की ठंड से बचने के लिए कमरे में अलाव जलाना जान पर भारी पड़ गया। अलाव में जल रहे कोयले के धुएं से दम घुटने से उनकी मौत को एकबारगी किसी को विश्वास ही नहीं हुआ। लेकिन, जब सच्चाई पता चली तो सभी की आंखें नम हो गईं। घर में चल रही शादी की तैयारियां एवं खुशियां एक ही पल में गमगीन हो गईं। शहर की इंदिरा कॉलोनी में शालिनी की शादी 28 जनवरी को होनी थी। शादी समारोह में शरीक होने के लिए जोधपुर से मंजू भी अपने बच्चों के साथ यहां पहुंची थी। शनिवार सुबह जब संजय ने कमरे में देखा तो बेसुध मंजू को देख उसके सुध-बुध खो गए। उसने आनन-फानन इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच सभी को अस्पताल पहुंचाया।

आग की तरह शहर में फैली खबर : शादी समारोह में हुई इस हादसे की जानकारी शहर में आग की तरह फैल गई। जिसने भी इस हादसे के बारे में सुना, दंग रह गया। लोग भी राजकीय अस्पताल व हॉस्पिटल में जमा होने लग गए। सभी की आंखों में आंसू भर आए।

दो दिन पहले भी बची थी 3 जिंदगी

शहर के गोरा छपरा ज्ञान सरोवर मार्ग पर गुरुवार को भी इसी तरह का हादसा होते-होते रह गया था। मोहन राणा, सीता व हीना भी अपने कमरे में अलाव जलाकर सो गए थे। इस पर उनकी पुत्रवधू ने पड़ोसी कानाराम, राजेंद्र गिरी, पंकज मकवाना व भगवानाराम को उठाकर इसकी जानकारी दी। इस पर युवाओं ने जागरूकता से दरवाजा तोड़कर तीनों को बेहोशी की हालत में एंबुलेंस 108 से अस्पताल पहुंचाया था। इस तरह युवाओं की जागरूकता से 3 जिंदगी बच गई थी।

कमरे में अलाव का न करें उपयोग

पालिकाध्यक्ष लीला देवी परमार ने कहा कि शहर में भोंपू प्रचार एवं पैम्फलेट बांट कर लोगों को चेताया जाएगा कि अलाव का कमरे के अंदर उपयोग न करें। शहर में बैनर बनवाकर शहर के मुख्य जगहों पर लगाकर घर में बैठकर अलाव न तापने की सूचना देकर लोगों को संदेश दिया जाएगा, जिससे ऐसा हादसा न हो सके।


मृत व्यक्ति के नाम जारी कर दी केबिन निर्माण की एनओसी

पालिका उपाध्यक्ष ने अधिशासी अधिकारी को पत्र देकर इसे निरस्त करने की मांग की, नहीं हो रही कार्रवाई

शिवगंज  नगरपालिका प्रशासन ने सरदार पटेल मार्ग पर एक केबिन मरम्मत के लिए मृत व्यक्ति के नाम ही एनओसी जारी कर दी।केबिन मालिक की मृत्यु हुए करीब 18 वर्ष बीत चुके हैं, इसके बावजूद नगरपालिका प्रशासन ने स्थानीय निकाय के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए उनके नाम से मरम्मत कार्य के लिए एनओसी जारी कर दी। पालिका उपाध्यक्ष शांति देवी घांची ने पालिका के अधिशासी अधिकारी को पत्र देकर इसे निरस्त करवाने की मांग की, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जानकारी के अनुसार नगरपालिका के कार्यवाहक अधिशासी अधिकारी ने शिवगंज निवासी जसवंत सिंह पुत्र गोविंदसिंह को केबिन की मरम्मत के लिए 23 दिसंबर 2011 को एनओसी जारी की, जबकि केबिन मालिक जसवंत सिंह की मृत्यु हुए करीब 18 वर्ष हो चुके हैं।

आर्थिक एवं सांख्यिकी निदेशालय जोधपुर ने जसवंत सिंह पुत्र गोविंदसिंह का शेष त्न पेज १4

मृत्यु प्रमाण पत्र 15 अक्टूबर 1993 को जारी किया है। मृतक जसवंत सिंह के नाम पर केबिन मरम्मत की स्वीकृति प्रदान करने के बाद नगरपालिका की उपाध्यक्ष घांची ने 26 दिसंबर 2011 को पत्र देकर इसका विरोध करते हुए एनओसी को निरस्त कर मामले की जांच करवाने की मांग भी की, लेकिन पालिका प्रशासन ने इस पर अभी तक कार्रवाई नहीं की है।

यह है मौका रिपोर्ट

नगरपालिका की ओर से एनओसी मामले को लेकर केबिन की मौका रिपोर्ट तैयार की गई, जिसमें बताया गया कि पालिका कार्यालय में अस्थाई केबिन के किराएदार जसवंत सिंह पुत्र गोविंदसिंह सरदार हैं एवं मौके पर केबिन खुला हुआ मिला।उसके अंदर जूते सिलाई का कार्य करते हुए दिलीप पुत्र लक्ष्मण राम मोची उपस्थित मिले। उसने बताया कि जसवंत सिंह के पुत्र कुलदीप सिंह के पास वह प्रत्येक माह 150 रुपए किराया जमा करता है। करीब 35 वर्ष से वह उन्हें ही किराया दे रहा है।

इनका कहना है

इस मामले की शिकायत नगरपालिका उपाध्यक्ष की ओर से प्राप्त होने पर इसकी जांच करवाई गई है। इसमें केबिन के किराएदार जसवंत सिंह की मृत्यु हुए काफी समय होना पाया गया।नगरपालिका से 23 दिसंबर को जसवंत सिंह के नाम पर केबिन मरम्मत की एनओसी जारी की गई है। इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।

-देवराज अग्रवाल, पालिकाध्यक्ष, शिवगंज

निजी स्कूल संचालक के खिलाफ मामला दर्ज 




ब्लॉक जिला शिक्षा अधिकारी ने सरकारी भवन पर कब्जा करने पर की कार्रवाई

सरूपगंज. ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पिंडवाड़ा ने शनिवार को पुलिस थाने में मांडवाड़ा खालसा में संचालित निजी स्कूल के संचालक के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पुलिस के अनुसार ब्लॉक शिक्षा अधिकारी चतुर्भुज पुरोहित ने रिपोर्ट देकर बताया कि मांडवाड़ा खालसा में बाल शिव शिक्षण संस्थान के संचालक श्रवण लाल पुत्र शंकरलाल कलबी ने सरकारी स्कूल भवन में निजी स्कूल चला रहा है। बार-बार नोटिस देने के बावजूद खाली नहीं किया।उसने गुरुवार को लगाई सील को तोड़कर स्कूल पर पुन: कब्जा कर लिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की।

सरूपगंज. बंद पड़ा स्कूल।

इसी भवन में सरकारी स्कूल

पूर्व में इस भवन में राजकीय प्राथमिक विद्यालय संचालित होता था। मिडिल में क्रमोन्नत होने पर इसे गांव में ही बने नए भवन में स्कूल स्थानांतरित कर दिया था। पुराने सरकारी भवन में वर्ष 2006 से निजी स्कूल बाल शिव शिक्षण संस्थान संचालित हो रहा है। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने निजी स्कूल को कई बार नोटिस देकर भवन खाली करने का नोटिस दिया, लेकिन स्कूल भवन को खाली नहीं किया गया। शनिवार को इस मामले को गंभीरता से लेकर जिला कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को आड़े हाथों लेकर निजी स्कूल के संचालक के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

बच्चों को भी हुई परेशानी

समीपवर्ती मांडवाड़ा खालसा गांव में सरकारी स्कूल बिल्डिंग में चल रहे एक प्राइवेट स्कूल बाल शिव शिक्षण संस्थान के कार्यालय पर गुरुवार को जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से सील लगा दी गई थी। इस पर निजी स्कूल के संचालक ने शुक्रवार को सील तोड़ कर बिल्डिंग पर पुन: कब्जा कर लिया था। वहीं शनिवार को निजी स्कूल के संचालक ने मुख्य गेट पर भी ताला जड़ दिया। शुक्रवार को इस स्कूल में कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों का स्कूल लगना था, लेकिन स्कूल के कमरों पर प्राइवेट स्कूल संचालक की ओर से ताले लगा देने से छात्रों को स्कूल के बाहर ही बैठना पड़़ा। जिला शिक्षा अधिकारी ने लगाई गई सील को उखाडऩे व स्कूल पर पुन: कब्जा करने के मामले में शिक्षा विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने से लोगों में भी रोष व्याप्त हो गया था। शनिवार को निजी स्कूल के संचालक ने मुख्य दरवाजे पर ताला जड़ देने से सरकारी स्कूल के छात्रों को बैरंग लौटना पड़ा।

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