मंगलवार, 17 जनवरी 2012

भंवरी प्रकरण में बाड़मेर के पांच पुलिसकर्मी पुरस्कृत

भंवरी प्रकरण में बाड़मेर के पांच पुलिसकर्मी पुरस्कृत


बाड़मेर बहुचर्चित भंवरी प्रकरण सुलझाने में सराहनीय कार्य करने पर पुलिस महानिदेशक ने बाड़मेर पुलिस के पांच अधिकारियों-जवानों को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया।

जिला पुलिस अधीक्षक संतोष चालके ने बताया कि जोधपुर में सोमवार को महानिदेशक एच.सी मीणा ने धोरीमन्ना थानाधिकारी मूलाराम को दस हजार रुपए, थानाधिकारी गुड़ामालानी ताराराम को पांच हजार रुपए, धोरीमन्ना थाने के कांस्टेबल वीरम खां को पांच हजार रुपए, कांस्टेबल आसूराम को पांच हजार रुपए व पुलिस अधीक्षक कार्यालय बाड़मेर के हेड कांस्टेबल पन्ना राम को दस हजार रुपए प्रदान कर पुरस्कृत किया।

उल्लेखनीय है कि भंवरी प्रकरण के आरोपी ओमप्रकाश विश्नोई को धोरीमन्ना व गुड़ामालानी पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर पकड़ा था। ओमप्रकाश की गिरफ्तारी के बाद ही भंवरी प्रकरण का पूरी तरह पटाक्षेप हो पाया। वहीं हेड कांस्टेबल पन्ना राम ने तीन महीने जोधपुर पुलिस के साथ रहकर इस मामले के खुलासे में सराहनीय कार्य किया।

बेटी व मां लगाती रहीं अमरचंद से मिलने की गुहार लेकिन....!

जोधपुर.सीबीआई सोमवार को जब अमरचंद को कोर्ट में पेश करने लाई तो उसकी मां पूनी देवी और दोनों बेटियां भी कोर्ट में मौजूद थीं। ये तीनों कोर्ट की गैलरी में खड़ी थीं, मगर पुलिस ने अमरचंद को इनसे मिलने नहीं दिया। मां व बेटियां रोते हुए अमरचंद से मिलने की गुहार लगाती रहीं, जिन्हें देख कर अमरचंद की आंखों में भी आंसू आ गए। 
दलित वकीलों का पैनल करेगा पैरवी

दलित अधिकार केंद्र ने दलित वकीलों का पैनल बना कर भंवरी केस की निगरानी व पैरवी करने का निर्णय लिया है। सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र के संरक्षक वकील पीएल मीमरोठ, संयोजिका सुमन देवठिया व विधिक प्रकोष्ठ संयोजक वकील ताराचंद वर्मा ने कहा कि यह पैनल जयपुर में वकालतनामा पेश करेगा। चूंकि इस केस में बड़े राजनेता फंसे हैं इसलिए स्पेशल पीपी नियुक्त करने की मांग की जाएगी। केंद्र ने भंवरी के परिजनों को न्याय व सुरक्षा देने की भी मांग की है।

भंवरी के बेटे का एक सवाल, जांच पर खड़ा हुआ सवालिया निशान!

जोधपुर.भंवरी के बेटे साहिल ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि सीबीआई सही जांच कर रही है, लेकिन नहर में मिली घड़ी चार माह बाद भी चालू हालत में मिलने में जरूर कोई बात है। साहिल ने इस घड़ी को अपनी मां की ही बताया था, मगर इस तरह सवाल उठाने से सीबीआई की बरामदगी पर प्रश्न चिह्न् लग रहा है।

 



उसने यह भी कहा कि हालांकि नौकरी का फॉर्म भर दिया है, मगर वह नौकरी तब तक ज्वॉइन नहीं करेगा, जब तक उसकी मां की हड्डियों की फोरेंसिक रिपोर्ट नहीं आती और उसकी मौत की पुष्टि नहीं हो जाती।

शिर्डी के सांई बाबा के असली और दुर्लभ 4 फोटो, देखिए...



शिर्डी के सांई बाबा के भक्त दुनियाभर में फैले हैं। उनके फकीर स्वभाव और चमत्कारों की कई कथाएं है। सांई बाबा के भक्तों की संख्या काफी अधिक है। सभी भक्त बाबा के चित्र या मूर्ति अपने घरों में अवश्य ही रखते हैं। यहां देखिए शिर्डी के सांई बाबा के दुर्लभ और असली फोटो। ऐसा माना जाता है कि ये फोटो सांई बाबा का ही हैं।

सांई ने अपना पूरा जीवन जनसेवा में ही व्यतीत किया। वे हर पल दूसरों के दुख दर्द दूर करते रहे। बाबा के जन्म के संबंध में कोई सटीक उल्लेख नहीं मिलता है। सांई के सारे चमत्कारों का रहस्य उनके सिद्धांतों में मिलता है, उन्होंने कुछ ऐसे सूत्र दिए हैं जिन्हें जीवन में उतारकर सफल हुआ जा सकता है। हमें उन सूत्रों को केवल गहराई से समझना होगा।

सांई बाबा के जीवन पर एक नजर डाली जाए तो समझ में आता है कि उनका पूरा जीवन लोककल्याण के लिए समर्पित था। खुद शक्ति सम्पन्न होते हुए भी उन्होंने कभी अपने लिए शक्ति का उपयोग नहीं किया। सभी साधनों को जुटाने की क्षमता होते हुए भी वे हमेशा सादा जीवन जीते रहे और यही शिक्षा उन्होंने संसार को भी दी। सांई बाबा शिर्डी में एक सामान्य इंसान की भांति रहते थे। उनका पूरा जीवन ही हमें हमारे लिए आदर्श है, उनकी शिक्षाएं हमें एक ऐसा जीवन जीने की प्रेरणा देती है जिससे समाज में एकरूपता और शांति प्राप्त हो सकती है।

समर्थकों ने की मोदी की विवेकानंद से तुलना

 

अहमदाबाद. नरेंद्र मोदी में उनके समर्थक में स्वामी विवेकानंद की छवि देख रहे हैं। गुजरात के अखबार में छपे विज्ञापन में मोदी को स्वामी विवेकानंद की वेशभूषा में दिखाते हुए दोनों के बीच समानताएं बताई गई हैं। स्वामी विवेकानंद का असली नाम नरेंद्रनाथ दत्ता था। विज्ञापन में एक तरफ मोदी खड़े हैं और दूसरी तरफ स्वामी विवेकानंद। मोदी के सिर पर केसरिया पगड़ी है और वे शॉल ओढ़े हुए हैं।

दोनों के बीच में विज्ञापन में लिखा है, 'यह केसरिया रंग की नदी है, जिसमें नरेंद्र (विवेकानंद) एक किनारे और दूसरे किनारे पर नरेंद्र (मोदी) खड़े हैं। आइए, हम सब राष्ट्रवाद और राष्ट्रनिर्माण की दो किनारों के बीच बहती धारा में डूब जाएं।' विज्ञापन में आगे कहा गया है कि एक धार्मिक शख्सियत नरेंद्र ने आध्यात्मिकता का प्रकाश चारों ओर फैलाया है जबकि राजनीतिक नरेंद्र ने आम आदमी को केंद्र में रखकर विकास का प्रकाश चारों ओर फैलाया है। लेकिन गुजरात कांग्रेस ने इन विज्ञापनों पर आपत्ति जाहिर की है। विज्ञापन बीजेपी के एक जिलाध्यक्ष की ओर से प्रकाशित करवाया गया है।

"दूसरों के लिए जीने वाला ही क्षत्रिय"

"दूसरों के लिए जीने वाला ही क्षत्रिय"

बालोतरा। सामाजिक सद्भाव हमारे समाज की अमूल्य धरोहर है। उसी को अपनाकर विभिन्न समाजों के बीच स्त्रेह व सामजस्य के संबंध स्थापित किए जा सकते हैं, लेकिन वर्तमान में धन कमाने को लेकर मची अंधी हौड़ से समाज में कई समस्याएं खड़ी हो गई है। श्री क्षत्रिय युवक संघ के प्रमुख भगवानसिंह रोलसाहबसर ने सोमवार को वीर दुर्गादास राजपूत बोर्डिग में आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही।

उन्होंने कहा कि जांति पांति एवं धर्म मजहब की दीवारों में हम कैद होते जा रहे हैं। हर कोई स्वार्थ, ईष्र्या, द्वेष, बेर, षड़यंत्र जैसे अमानवीय कृत्यों के झाल में उलझता जा रहा है। सच्चे इंसान के निर्माण का कार्य जो ईश्वरीय है, वह पीछे छूटता जा रहा है।

संघ मनुष्य को सच्चे इंसान के रूप में निर्मित करने के काम में दिन रात जुटा हुआ है, जिससे कि धरती पर सद्भाव, स्त्रेह से परिपूर्ण इंसानियत के वातावरण की पुर्न स्थापना हों। संघ के प्रांतीय प्रवक्ता चंदनसिंह चांदेसरा ने बोर्डिग में आयोजित सात दिवसीय बालिका संस्कार शिविर व संघ प्रमुख की बीकानेर से कच्छ तक की सीमा सद्भावना कार्यक्रम की विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए आभार ज्ञापित किया।

इस अवसर पर भवानीसिंह टापरा, प्रेमसिंह पादरू, परबतसिंह थोब, जेठूसिंह, पृथ्वीसिंह रामदेरिया, मूलसिंह काठाड़ी, किशोरसिंह गूगड़ी, गणपतसिंह डाभड़, महेन्द्रसिंह सराणा, जबरसिंह गोलिया मौजूद थे। कार्यक्रम समाप्ति बाद संघ प्रमुख ने जसोल में पूर्व राजनयिक किशनसिंह व पूर्व प्रधान नाहरसिंह ने मुलाकात कर सामाजिक मुद्दों सहित सद्भावना यात्रा आयोजन को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा की।

सिदध या अवतारी पुरुष ...रावल मल्लिनाथजी

रावल मल्लिनाथजी

मल्लिनाथजी अेक बौत ई पराक्रमी पुरुष हा। आपरै पराक्रम सूं वै सारौ महैवौ प्रदेेस आपरै कब्जै में कर लियौ हौ, जकौ बाद में उणां रै नाम सूं मालाणी मशहूर हुयौ। जठै उणां रै वंशजां रौ ई कब्जौ रैयौ। अै मारवाड़ रै राव सलखाजी रा पुत्र हा, सिदध पुरुष ई हा। मुंहता नैणसी मुजब "मल्लिनाथ फगत सिद्ध पुरुष ई नीं हा, उणां नै देवतावां रौ चमत्कार ई प्राप्त हौ। वै भविष मांय घटण वाली बातां पैली ई जाण लेवता हा।"
कैयौ जावै के अेक सिद्ध जोगी री दुआ सूं वै रावल पदवी धारण करी ही। इणी कारण उणां रा वंशज ई रावल बाजता रैया है। यूं मारवाड़ रा लोग तौ उणांनै ई सिदध या अवतारी पुरुष मानता रैया है अर इणरौ प्रमाण है लूणी नदी रे किनारै बस्यौडै़ तिलवाड़ै गाम में बण्यौड़ौ इणां रौ मिंदर, जठै आयै बरस चैत महीनै में अेक मेलौ लाग्या करै। इणरै अलावा मंडोर में आयौड़ी चावी देवतावां अर वीरां रा साल में ई घोड़ै माथै सवार णिां री अेक बौत बडी मूरती खुद्योड़ी है।
'जोधपुर राज्य री ख्यात' मुजब राव सलखा रै जेठै बेटै रै रूप में मल्लिनाथ रौ जनम वि. सं. 1395 परवाणै ई. स. 1338 में सिवाणा रै गाम गोपड़ी में हुयौ हौ। पिता रै सुरगवास रै बाद बारै बरस री उमर में वै आपरै काकै राव कान्हड़देव रै कनै गया। इणां रै काम करण री कुसलता सूं राजी हुय'र थोड़ै ई बगत में राव कान्हड़देव राज्य रौ सगलौ प्रबंध इणां नै सूंप दियौ।
अेकर दिल्ली रै बादसा कानी सूं कीं आदमियां रै साथै अेक किराड़ी दंड वसूलण नै आयौ। सिरदारां री राय सूं कान्हड़देव दंड नीं देवण रौ तै कर्यौ, साथै किराड़ी समेत बादसा रै सै आदमियां नै मारण रौ ई। पण मल्लिनाथ कूटनीति रौ सहारौ लेय'र किराड़ी री बौत खातिरदारी करी अर उणनै सही-सलामत दिल्ली पुगवाय दियौ। इण बात माथै बादसा इणां नै महेवै री रावलाई रौ टीकौ दियौ। पण कीं इतिहासकार इणनै नीं मानै। जद कान्हड़देव रौ देहांत हुयौ तो मल्लिनाथ सोचण लाग्या के बादसा टीकौ तौ देय दियौ पण जद तांई त्रिभुवनसी जीवतौ है, राज म्हारै हाथ लागण वालौ नीं। सो सेवट वै महेवै री गादी माथै बैठ्यै त्रिभुवनसी नै उणरै इज भाई पद्मसिंह रै हाथां मरवाया दियौ। त्रिभुवनसी नै मरवावण रै बाद मल्लिनाथ सुभ म्हौरत दिखाय'र महेवै पूग्या अर पाट बैठ्या। वै चौफेर आपरी आण फिराई। लगैटगै सगला ई राजपूत आय'र उणां सूं मिलग्या। इण भांत उणां री ठकराई दिनौदिन बढ़ण लागी।
 
मल्लिनाथ मंडोर, मेवाड़, आबू अर सिंघ रै बीच लूट-मार कर करनै जद मुसलमानां नै तंग करणा सरू कर्या, तद उणां री अेक बौत बडी सेना चढा़ई करी, जिणमें तेरै दल हा। मल्लिनाथ तैरै ई दलां नै हराय दिया। 'जोधपुर राज्य री ख्यात' मुजब आ घटना वि. सं. 1435 (ई. सं. 1378) में हुई। इण हार रौ बदलौ लेवण सारू मालवै रौ सूबेदार खुद इणां माथे चढ़ाई करी, पण मल्लिनाथ री शूरवीरत अर जुद्ध-कौसल रै सामी वौ टिक नीं सक्यौ।
मारवाड़ में औ अघदूहौ घणौ चावौ रैयौ है-
तेरा तुंगा भांगिया, मालै सलखाणीह।
मतलब सलखा रौ बेटौ मालौ आपरै अनूठै पराक्रम सूं मुसलमानां री फौज रै तेरा तुंगां (दलां)नै हराय दिया।
मल्लिनाथ सालोड़ी गाम आपरै भतीजै चूंड़ै (राव वीरम रै बेटै) नै जागीर में दियौ हौ अर उणरै नागौर माथै चढ़ाई करण में उणरी मदत ई करी ही। इणरै अलावा वै सिवाणौ मुसलमानां सूं खोस'र आपरै छोटै भाई जैतमाल नै, खेड़ (किणी-किणी ख्यात में भिरड़कोट) सोतैलै भाई वीरम नै, अर ओसियां सोतैलै भाई शोभित नै जागीर में दिया है। दरअसल ओसियां माथै उण बगत पंवारां रौ कब्जौ हौ अर मल्लिनाथ री इजाजतसूं शोभित उणां नै हराय'र उण माथेै कब्जौ कर्यौ हौ।
रावण मल्लिनाथ महान वीर अर नीतिज्ञ शासक हा। उणां नीं सिरफ राठौ़डी राज रौ विस्तार करियौ, बल्कै उणनै मजबूती ई प्रदान करी मल्लिनाथ रौ सुरगवास वि. सं. 1456 (ई.स. 1399) में हुयौ। इतिहासकार रेउ मुजब मल्लिनाथ रै 5 बेटा हा अर ओझा मुजब 9, जिणां में जेठौ बेटौ हुवण रै कारण जगमाल पाटवी हुयौ।
आखरी दिनां में साधु वृत्ति धारण करण सूं रावल मल्लिनाथ नै सिद्ध-जोगी रै रूप में आज ई मारवाड़ याद करै। अै बडा करामाती सिद्ध अर वीर तौ हा पण अेक पंथ ई चलायौ। इणां री राणी रूपां दे रै चमत्कारां अर उगमसी भाटी रै उपदेशां सूं प्रभावित हुय'र पंथ में दीक्षित हुया। जिण में गुरु भगती अर ईस्वर भगती रै माध्यम सूं मिनखा जूंण री सफलता नै खास घैय मानियौ।

सोमवार, 16 जनवरी 2012

राजस्थान में राजस्थानी ही हो शिक्षा का माध्यम

राजस्थान में राजस्थानी ही हो शिक्षा का माध्यम

-सत्यनारायण सोनी

लेखक हिन्दी के व्याख्याता और राजस्थानी के साहित्यकार हैं।
email- aapnibhasha@gmail.com
Mobile- 96024-12124


त्रिगुण सेन कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार प्रारम्भिक शिक्षा मातृभाषा के माध्यम से हीहोनी चाहिए। दूसरी ओर राजस्थान के शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल का बचकानाबयान अखबारों में प्रकाशित हुआ है कि फिलहाल राज्य में हिन्दी ही मातृभाषा है। जबकि मां हमें जिस भाषा में दुलारती है, लोरियां सुनाती है, जिस भाषा के संस्कार पाकर हम पलते-बढ़ते हैं, वही हमारी मातृभाषा होती है। मंत्री महोदय के बयान परतरस आता है और बरबस ही उनके लिए कुछ सवाल जेहन में खड़े हो जाते हैं।माननीय मंत्री महोदय भी इसी राज्य के हैं। क्या उनकी मातृभाषा हिन्दी है? क्या उन्होंने अपनी मां से हिन्दी भाषा में लोरियां सुनीं। हिन्दी में ही उनके घर पर विवाह आदि उत्सवों के गीत गाए जाते हैं? हिन्दी में ही वे वोट मांगते हैं? जनता से संवाद हिन्दी में करते हैं? जिस महानुभव को महज इतना-सा अनुभव नहीं, उन्हें राजस्थान के शिक्षा मंत्री बने रहने का कोई हक नहीं।
आजादी के पश्चात राजस्थान में शिक्षा के माध्यम के सम्बन्ध में जो गलत निर्णयहुआ उस गलती को सुधारने का अब एक सुनहरा अवसर आया है और राजस्थान कीसरकार अगर गांधीजी के विचारों का तनिक भी सम्मान करती है तो प्रदेश में तत्कालमातृभाषा के माध्यम से अनिवार्य शिक्षा का नियम लागू कर देना चाहिए। राजस्थानके शिक्षा-नीति-निर्धारकों को गांधीजी के इन विचारों पर अमल करना चाहिए- 'शिक्षा का माध्यम तो एकदम और हर हालत में बदला जाना चाहिए, और प्रांतीय भाषाओं को उनका वाजिब स्थान मिलना चाहिए। यह जो काबिले-सजा बर्बादी रोज-ब-रोज हो रही है, इसके बजाय तो अस्थाई रूप से अव्यवस्था हो जाना भी मैं पसंद करूंगा।'अपने व्यक्तिगत अनुभव से गांधीजी को यह पक्का विश्वास हो गया था कि शिक्षा जबतक बालक को मातृभाषा के माध्यम से नहीं दी जाती, तब तक बालक की शक्तियोंका पूरा विकास करने और उसे अपने समाज के जीवन में पूरी तरह सहयोग देनेलायक बनाने का अपना हेतु भलीभांति सिद्ध नहीं कर पाती। भारत कुमारप्पा केसंपादन में गांधीजी के विचारों पर आधारित 'शिक्षा का माध्यम' नामक पुस्तिका मेंउनके शब्द हैं, 'मातृभाषा मनुष्य के विकास के लिए उतनी ही स्वाभाविक है जितना छोटे बच्चे के शरीर के विकास के लिए मां का दूध। बच्चा अपना पहला पाठ अपनी मां से ही सीखता है। इसलिए मैं बच्चों के मानसिक विकास के लिए उन पर मां की भाषा को छोड़कर दूसरी कोई भाषा लादना मातृभूमि के प्रति पाप समझता हूं।' गांधीजी कोइस बात का मलाल रहा कि उन्हें प्राथमिक शिक्षा अपनी मातृभाषा गुजराती में नहींमिली। उन्होंने लिखा कि जितना गणित, रेखागणित, बीजगणित, रसायन शास्त्रऔर ज्योतिष सीखने में उन्हें चार साल लगे, अंग्रेजी के बजाय गुजराती में पढ़ा होतातो उतना एक ही एक साल में आसानी से सीख लिया होता। यही नहीं गांधीजी नेमाना कि गुजराती माध्यम से पढऩे पर उनका गुजराती का शब्दज्ञान समृद्ध हो गयाहोता और उस ज्ञान का अपने घर में उपयोग किया होता। गांधीजी ने स्पष्ट कहा किमातृभाषा के अलावा अन्य माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने वाले बालक और उसकेकुटुम्बियों के बीच एक अगम्य खाई निर्मित हो जाती है। 'हरिजन सेवक' और 'यंग इंडिया' नामक पत्रों में गांधीजी ने इस मुद्दे को लेकर अनेक लेख लिखे। मातृभाषा कोउन्होंने जीवनदायिनी कहा और उसके सम्मान के लिए हर-सम्भव प्रयास कीआवश्यकता जताई। उन्होंने कहा- 'मेरी मातृभाषा में कितनी ही खामियां क्यों न हो, मैं उससे उसी तरह चिपटा रहूंगा, जिस तरह अपनी मां की छाती से। वही मुझे जीवन प्रदान करने वाला दूध दे सकती है।'
काबिले-गौर बात यह भी है, जिसमें गांधीजी ने लिखा- 'मेरा यह विश्वास है कि राष्ट्र के जो बालक अपनी मातृभाषा के बजाय दूसरी भाषा में शिक्षा प्राप्त करते हैं, वे आत्महत्या ही करते हैं।' अब सवाल यह उठता है कि हम कब तक अपने बालकों कोआत्महत्या की ओर धकेलते रहेंगे? 64 बरस से लगातार मातृभाषा के बजाय अन्यमाध्यम से शिक्षा ग्रहण करते रहने के बावजूद भी राजस्थान के लोग अपने मन सेअपनी मां-भाषा को विलग नहीं कर पाए हैं तो कोई तो बात है कि हस्ती मिटती नहींहमारी। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में जाने वाले बच्चे भी खेल-खेल में अगर कोई कविताकी पंक्तियां गुनगुनाते हैं तो वह मां-भाषा में ही प्रस्फुटित होती है। राजस्थान केस्कूलों में भले ही पाठ्यपुस्तकों की भाषा राजस्थानी नहीं, मगर शिक्षकों को प्रत्येकविषय पढ़ाने के लिए आज भी मातृभाषा के ठेठ बोलचाल के शब्दों का ही प्रयोगकरना पड़ता है। अंग्रेजी के एक शिक्षक ने अपने प्रयोगों के आधार पर पाया किराजस्थान में अंग्रेजी भाषा का ज्ञान राजस्थानी माध्यम से बड़ी सुगमता और शीघ्रतासे दिया जा सकता है। सैद्धांतिक रूप में न सही, हकीकत तो यही है कि राजस्थान मेंआज व्यावहारिक रूप में हिन्दी विषय का ज्ञान भी राजस्थानी माध्यम से ही करवानापड़ता है। अपने शिक्षण में मातृभाषा का प्रयोग करने वाले शिक्षक बालकों के हृदय मेंस्थान बना लेते हैं और उन शिक्षकों से अर्जित ज्ञान बालक के मानस पटल पर स्थाईहो जाता है।
राहुल सांकृत्यायन ने भी इसी बात को लेकर पुरजोर शब्दों में राजस्थानी की वकालतकी थी। उन्होंने कहा- 'शिक्षा मातृभाषा के माध्यम से ही होनी चाहिए, यदि इस सिद्धांत को मान लिया जाए तो राजस्थान से निरक्षरता हटने में कितनी देर लगे। राजस्थान की जनता बहुत दिनों तक भेड़ों की तरह नहीं हांकी जा सकेगी। इसलिए सबसे पहली आवश्यकता है राजस्थानी भाषा को शिक्षा का माध्यम बनाया जाए।'
राजस्थान के बालकों को राजस्थानी माध्यम से ही शिक्षा दी जानी चाहिए, तभी वहअधिक कारगर सिद्ध हो सकती है। राजस्थान में बसने वाले अन्य भाषी लोगों पर भीहम इसे थोपे जाने की वकालत नहीं करते। पंजाबी, सिंधी, गुजराती या हिन्दी आदिमाध्यमों से शिक्षा ग्रहण करने के इच्छुक बालकों को अपनी मातृभाषा में शिक्षा ग्रहणकरने की सुविधा भी मिलनी चाहिए

"बाबरी मस्जिद को ढहाना सिर्फ घटना थी"

"बाबरी मस्जिद को ढहाना सिर्फ घटना थी"


नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद को ढहाए जाने को सिर्फ एक घटना करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि इसमें फेमस और इनफेमस जैसा कुछ नहीं है। कोर्ट ने यह टिप्पणी सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई के दौरान की जिसमें भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे व अन्य 18 लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने का आरोप तय करने की मांग की गई थी।

न्यायाधीश सीके प्रसाद और एच एल दत्तू की पीठ ने कहा कि इसमें उत्कृष्ण जैसा क्या है। यह सिर्फ घटना थी जो घटित हो गई और मामले में शामिल सभी पक्ष हमारे सामने है। इसमें फेमस और इनफेमस जैसा कुछ नहीं है। पीठ ने यह बात तब कही जब एडिशनल सोलिसिटर जनरल ने कहा कि यह मामला फैमश बाबरी विध्वंस काण्ड से जुड़ा है।
पीठ ने कहा कि मामले में शामिल कुछ पक्षों ने अपना जवाब दाखिल नहीं किया है इसलिए अब मामले की सुनवाई मार्च में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 4 मार्च को भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित 21 लोगों को नोटिस जारी किया था। नोटिस में यह पूछा गया था कि क्यों ने आपराधिक साजिश रचने के आरोप तय कर लिए जाएं?
21 मई 2010 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश को बरकरार रखा था जिसमें इन सभी के खिलाफ आपराधिक साजिश का आरोप वापस लेने का आदेश दिया गया था। सीबीआई ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।

कालिख पर सियासत शुरू, अन्‍ना हजारे ने भी निंदा की

 

नई दिल्‍ली. कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी की तस्‍वीर पर फेंकी गई कालिख भले ही साफ हो गई है लेकिन इस पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि यह रामदेव और बीजेपी की साजिश है। हनुमंत राव सहित कांग्रेस के अन्‍य नेताओं ने भी इसे रामदेव सहित बीजेपी और आरएसएस की साजिश करार दिया है। उनका आरोप है कि यूपी चुनावों के मद्देनजर बीजेपी ऐसी ‘ड्रामेबाजी’ कर रही है ताकि लोगों का ध्‍यान मूल मुद्दे से भटकाया जाए।

कांग्रेस नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्‍ला ने कहा कि यह घटना दुर्भाग्‍यपूर्ण है और राजनीति में इस तरह की घटनाएं ठीक नहीं हैं। उन्‍होंने कहा, ‘अगर बाबा रामदेव कहते हैं कि उनके लोग नहीं हैं तो पुलिस पता लगाए कि वो लोग कौन हैं। अगर ये रामदेव बाबा के समर्थक हैं तो यह बेहद गलत है। दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।’

कांग्रेस प्रवक्‍ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि घटना बेहद निंदनीय है और यूपी की जनता इसका जवाब देगी। वहीं भाजपा प्रवक्‍ता बलबीर पुंज ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह सस्‍ती लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा हो सकता है। बीजेपी ने दिग्विजय के आरोपों पर कहा है कि जिसने कालिख फेंकी है, पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करे और कांग्रेस को इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए।



अन्‍ना हजारे ने भी इस घटना की निंदा की है। रालेगण सिद्धि से जारी बयान में अन्‍ना ने कहा, ‘कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी के पोस्‍टर पर जो कालिख लगाई गई है वो लोकशाही के लिए अच्‍छी बात नहीं है। हम इसकी घोर निंदा करते हैं।’



क्‍या है पूरा घटनाक्रम?

राजधानी स्थित कांग्रेस मुख्‍यालय पर पार्टी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी की तस्‍वीर पर आज एक शख्‍स ने कालिख फेंक दी। 24, अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्‍यालय के बाहर मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कालिख पोतने वाले शख्‍स की जमकर पिटाई कर दी। करीब आधे घंटे तक चले हंगामे के बाद सोनिया की तस्‍वीर से कालिख पोंछ दी गई है।

आरोप है कि कालिख फेंकने वाला शख्‍स रामदेव का समर्थक है। गौरतलब है कि शनिवार को रामदेव पर एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान एक शख्‍स ने काली स्‍याही फेंक दी थी।

हालांकि बाबा रामदेव के प्रवक्‍ता एस के तिजारावाला ने इससे इनकार किया है कि कांग्रेस मुख्‍यालय के बाहर प्रदर्शन करने वाले लोग योग गुरु के समर्थक थे। उन्‍होंने कहा कि इस घटना में पूरी साजिश है। हालांकि भगत सिंह क्रांति सेना ने कांग्रेस मुख्‍यालय के बाहर हुए हंगामे की जिम्‍मेदारी ली है।

चुनावी मौसम के चलते कांग्रेस मुख्‍यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं की भीड़ थी। ‘साधु-संतों का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्‍तान...’ का नारा लगाते हुए कुछ लोगों की भीड़ में से एक शख्‍स ने सोनिया की तस्‍वीर पर कालिख फेंक दी। वहां मौजूद कार्यकर्ताओं ने सोनिया की तस्‍वीर पर कालिख फेंकने वाले अधेड़ उम्र के इस शख्‍स की इतनी पिटाई की कि वह अधमरा सा हो गया। ऐसी ही पिटाई का शिकार हुए एक अन्‍य शख्‍स ने खुद का नाम त्रिभुवन सिंह बताया। उसने कहा, मैं कोई आईएसआई का एजेंट नहीं हूं। हमने तो बस ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाए।’ हालांकि पुलिस ने तुरंत हालात को काबू में ले लिया। पुलिस ने इस सिलसिले में एक शख्‍स को हिरासत में ले लिया है।

बाडमेर, 17 जनवरी..आज की ताजा खबर.


ब्लॉक स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित 


अनुपस्थित पाए जाने वाले चिकित्सकों व कर्मियों पर होगी सख्त कार्रवाई 


बाडमेर। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृ़ करने के उद्देय से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजमल हुसैन ने लापरवाह कर्मियों से सख्ती से निपटने का निर्णय लिया है। यही वजह है कि सीएमएचओ डॉ. हुसैन ने सभी खण्ड मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्दोित किया है कि वे प्रत्येक ब्लॉक पर कंट्रोल रूम स्थापित किया जाए तथा नियमित रूप से मोनिटरिंग करें। 
जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिनोई ने बताया कि जिले के आठ ब्लॉकों पर कंट्रोल रूम स्थापित कर किया जाएगा। कंट्रोल रूम के जरिए प्रातः नौ बजे सभी ब्लॉक सीएमएचओ संबंधित स्वास्थ्य केंद्रों पर फोन के जरिए उपस्थित एवं अनुपस्थित कर्मियों की जांच करेंगे। इसके बाद उसी दिन प्रातः सा़े नौ बजे उपरोक्त की सूचना जिला मुख्यालय पर दी जाएगी। सीएमएचओ डॉ. हुसैन ने निर्दो दिए हैं कि उपस्थिति जांच के दौरान यदि कोई चिकित्सक या स्टाफ अनुपस्थित पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। वहीं अनुपस्थित अवधि का वेतन भी रोका जाएगा और बिना सीएमएचओ की स्वीकृति के वेतन का भुगतान नहीं किया जाएगा। उक्त आदों की सूचना निदोक (जन स्वास्थ्य), चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, जयपुर तथा जिला कलेक्टर व जिला परिशद के सीईओ को दी गई। उक्त निर्णय का मुख्य उद्देय लापरवाह कर्मियों के विरूद्ध कार्रवाई करना है ताकि जनसमूह को 24 घण्टे बेहतर व उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया हो सके। 


धूम्रपान मुक्त होगा बाडमेर 
जिलास्तरीय कमेटी का गठन, िकायत पर भी होगी कार्रवाई 
बाडमेर। जिला प्रासन और स्वास्थ्य विभाग ने जिले को धूम्रपान मुक्त करने का निर्णय लिया है और यदि सबकुछ उद्देयानुसार रहा तो जल्द ही सकारात्मक परिणाम सामने आने लगेंगे। इस संबंध में सोमवार को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अजमल हुसैन ने उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस गहलोत को आवयक कार्रवाई करने के निर्दो दिए हैं। वहीं जिला स्तरीय कमेटी एवं एक टास्क फोर्स का गठन भी किया गया है। कमेटी नियमित कार्रवाई के साथ ही विभिन्न माध्यमों से आने वाली िकायतों के आधार भी कार्रवाई करेगी। 
सीएमएचओ डॉ. हुसैन ने बताया कि बाडमेर जिले को धूम्रपान मुक्त बनाए जाने के लिए सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम 2003 की धारा 4, 5, 6, 7 के प्रभावी कि्रयान्वयन के लिए बाडमेर स्मोक फ्री टास्क फोर्स का गठन अपर जिला मजिस्ट्रेट द्वारा किया गया है। जिसमें उपखण्ड अधिकारी बाडमेर को प्रभारी, डिप्टी सीएमएचओ (स्वास्थ्य) को सदस्य सचिव तथा उप पुलिस अधीक्षक व भाुभम संस्थान के प्रभारी को सदस्य मनोनित किया गया है। उक्त टास्ट फोर्स सप्ताह में दो दिन अथवा आवयकतानुसार जिला मुख्यालय के सार्वजनिक स्थानों का भ्रमण कर अधिनियम के तहत कार्रवाई करेंगे। यह कमेटी कार्य की प्रगति रिपोर्ट प्रत्येक माह के प्रथम व तृतीय सोमवार को अपरान्ह तीन बजे जिला कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में प्रस्तुत करेगी। जिला आईईसी समन्वयक विनोद बिनोई के अनुसार आम जनता द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से और प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया के माध्यम से प्राप्त होने वाली िकायतों पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्दोित किया है। उक्त कार्रवाई के बाद संबंधित प्रकरणों की समीक्षा जिला स्तरीय कमेटी द्वारा त्रेमासिक बैठक में किया जाएगा। इस संबंध में दस जनवरी को जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान द्वारा एक जिलास्तरीय समिति का गठन किया गया है। 




नगर पालिका के कार्यो की समीक्षा 
ठोस कचरा संयत्र को 
भाीध्र पूर्ण करने के निर्दो 
बाडमेर, 16जनवरी। जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान ने भाहर से निस्तारित ठोस कचरे के संयत्र को भाीध्र पूर्ण करने के निर्दो दिए है। साथ ही उन्होने इससे बिजली उत्पादन की संभावना तलासने को भी कहा है। वह सोमवार को नगर पालिका की समीक्षा बैठक के दौरान पालिका के कार्यो की समीक्षा कर रही थी। 
उन्होने भाहर में माकूल सफाई व्यवस्था सुनिचत करने के निर्दो दिए है। उन्होने कहा कि भाहर में खुले नालों पर लोहे की जालियां लगायी जाए ताकि पोलिथीन आदि के कारण नाले अवरूद्ध न हो सकें। साथ ही उन्होने अतिक्रमण हटाने के कार्य को गम्भीरता से लेने के निर्दो देते हुए कहा कि अतिक्रमण की जानकारी मिलते ही उसे तुरन्त प्रभाव से हटाया जाए। उन्होने नगर पालिका की चार दिवारी युक्त एक भूखण्ड पर पक्का निर्माण कार्य करवाने के मामले को गम्भीरता से लेते हुए उसे आज ही ध्वस्त कर सायं को उन्हें रिपोर्ट देने को कहा। 
इस अवसर पर डॉ. प्रधान ने सफाई कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगाने के मामले में अर्द्ध भासकीय पत्र प्रेशित कर बाडमेर में सफाई कार्मिकों की कमी के चलते भर्ती प्रकि्रया पुनः आरम्भ करने की अनुमति दिलाने को कहा। उन्होने बाडमेर भाहर में निर्माणाधीन ऑवर ब्रिज, ऑवर हैड टैंक आदि कार्यो की प्रगति की समीक्षा की तथा निर्माणाधीन विभिन्न विकास कार्यो की गति बाकर उन्हें शीघ्र पूर्ण कराने के निर्दो दिए। उन्होने आवारा पाुओं की धडपकड के लिए विोश अभियान चलाने के निर्दो दिए तथा पकडे गये आवारा पाुओं को डीसा की गौाला में भेजने के निर्दो दिए। डॉ. प्रधान ने शहर में नया बस स्टेण्ड बनाने के लिए शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिए। 
बैठक में अतिक्रमण हटाने, नयी आवासीय योजनाओं तथा भगवान महावीर टाउन हॉल के आधुनिकीकरण पर चर्चा की गई। बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती उशा जैन, अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। 
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रैली के साथ सडक सुरक्षा सप्ताह का आगाज 
बाडमेर, 16 जनवरी। यातायात के नियमों के प्रति जागरूकता का सन्दो देने वाली रैली को जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान तथा पुलिस अधीक्षक सन्तोश चालके ने सोमवार प्रातः हरी झण्डी दिखाकर रवाना कर 23 वें सडक सुरक्षा सप्ताह का आगाज किया। 
जिला कलेक्टर डॉ. प्रधान तथा पुलिस अधीक्षक चालके ने सोमवार प्रातः डाक बंगले से परिवहन विभाग तथा कैयर्न इण्डिया के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित स्काउट तथा एनएसएस के स्वयं सेवीयों की यातायात जागरूकता रैली को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। रैली में रिफलेक्टर वितरित करने वाली दो मोबाईल वेनों के अलावा ऊंट सवारी के द्वारा यातायात के नियमों की जानकारी दी गई। ऊंट सवार ने हेलमेट पहन दुपहिया वाहन चालकों को हेलमेट की अनिवार्यता का सन्दो दिया। इससे पूर्व जिला कलेक्टर ने ब्राोर का भी विमोचन किया। कार्यक्रम में जिला परिवहन अधिकारी अनिल पाडया तथा कैयर्न के सडक सुरक्षा अधिकारी के.एस. राठौड ने यातायात के नियमों की जानकारी दी। 
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तिलवाडा पाु मेले का आयोजन 18 मार्च से 
मेले के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं 
सुनिचत करने के निर्दो 
बाडमेर, 16 जनवरी। राज्य स्तरीय श्री मल्लीनाथ तिलवाडा पाु मेले का आयोजन 18 मार्च से 3 अप्रेल तक किया जाएगा। सोमवार को जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान की अध्यक्षता में हुई मेला प्रबन्ध कार्यकारिणी की प्रथम बैठक में मेले के दौरान की जाने वाली विभिन्न व्यवस्थाओं पर विस्तार पूर्वक चर्चा कर कार्यक्रमों एवं तिथियों का निर्धारण किया गया। 
इस अवसर पर डॉ. प्रधान में बताया कि 18 मार्च को झण्डारोहण के साथ ही उक्त मेला प्रारम्भ हो जाएगा। उन्होने पाुपालन विभाग के अधिकारियों से कहा कि वे राज्य स्तरीय इस पाु मेले की सभी आवयक तैयारियां समय पर पूर्ण कर ले ताकि पाुपालकों को किसी प्रकार की परोानी का सामना न करना पडें। उन्होने पुलिस विभाग से समय पर मेला स्थल पर पुलिस चौकी स्थापित कर पर्याप्त पुलिस जाप्ता उपलब्ध कराने के निर्दो दिए। इसी प्रकार जलदाय विभाग को पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था के निर्दो दिए गए। 
जिला कलेक्टर ने पाुओं के लिए खेलियों की मरम्मत कराने के साथ मेला स्थल पर पानी के संग्रहण के लिए टांका निर्माण कराये जाने के प्रस्ताव तैयार कर भिजवाने के निर्दो दिए। उन्होने सम्पूर्ण मेला परिसर में पेयजल के लिए 1015 पानी की टंकीयां रखने को कहा। उन्होने मेले में 13 मार्च से ही बिजली चालू करने तथा सम्पूर्ण मेला परिसर में पर्याप्त रोानी के निर्देश दिए गए। उन्होने पाुओं के लिए चारे की व्यवस्था के साथ मेले में चिकित्सा व्यवस्था के पुख्ता प्रबन्ध रखने के निर्देश दिए। इसी प्रकार पशु पालकों के लिए मेला परिसर में मिनी बैंक स्थापित करने के भी निर्देश दिए गए। बैठक में फैक्ट्रीयों के प्रदूशित पानी की निकासी के लिए कच्ची चैनल बनाने के निर्दो दिए गए। जिला कलेक्टर ने मेले के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा विभिन्न विभागों द्वारा प्रदर्शनी आयोजन करने के भी निर्देश दिए। 
बैठक के प्रारम्भ में उप निदोक पाु पालन विभाग डॉ. बी.आर. जैदिया ने मेले के दौरान की जाने वाली विभिन्न व्यवस्थाओं तथा आयोजनों के संबंध में विस्तार के साथ जानकारी कराई। बैठक में उपखण्ड अधिकारी बालोतरा ओ.पी. विनोई सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। 0- 
गणतन्त्र दिवस समारोह 
कार्यक्रमों निर्धारण हेतु बैठक आज 
बाडमेर, 16 जनवरी। जिला मुख्यालय पर गणतन्त्र दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के निर्धारण हेतु समीक्षा बैठक जिला कलेक्टर डॉ. वीणा प्रधान की अध्यक्षता में 17 जनवरी को प्रातः 11.00 बजे आयोजित की जाएगी। 
अतिरिक्त जिला कलेक्टर अरूण पुरोहित से संबंधित अधिकारियों को कार्यक्रमों के प्रस्ताव सहित निर्धारित समय पर बैठक में उपस्थित होने के निर्दो दिए है। 
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जनवरी माह के लिए 364.8 मै0टन चीनी का आवंटन 
बाडमेर, 16 जनवरी। राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड द्वारा जिले को माह जनवरी, 2012 के लिए 364.8 मै0 टन चीनी का आवंटन किया गया है। उक्त आवंटित चीनी को संबंधित मिल से उठाने हेतु जिले के थोक विक्रेताओं को उप आवंटन किया गया है। 
जिला रसद अधिकारी उम्मेदसिंह पूनिया ने बताया कि थोक विक्रेता आवंटित चीनी मिल से उठाव कर उचित मूल्य दुकानदारों को उनके यहां पंजीकृत बीपीएल व अन्त्योदय यूनिट के आधार पर 500 ग्राम प्रति यूनिट से चीनी की आपूर्ति की जाएगी। खुदरा विक्रेता बीपीएल व अन्त्योदय परिवारों को 500 ग्राम चीनी प्रति यूनिट के हिसाब से 13.50 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से वितरण कर रानकार्ड में इन्द्राज करेंगे। 

बाड़मेर 16 जनवरी २०१२ पुलिस...आज की ताजा खबर.


शराबी मनचले की पिटाई की

बालोतरा. नयापुरा मोहल्ले में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ कर रहे एक युवक की वहां उपस्थित लोगों ने पिटाई कर दी। जानकारी के अनुसार शराब में धुत एक युवक राह चलती महिलाओं के साथ छेड़छाड़ कर रहा था। महिलाओं की शिकायत पर वहां उपस्थित पर लोगों ने शराबी की जमकर धुनाई कर दी।


फांसी लगाकर आत्महत्या की

बालोतरा पचपदरा थाना में खेजड़ी के पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला दर्ज हुआ है। पुलिस के अनुसार मानाराम पुत्र नारुराम विश्नोई ने रिपोर्ट पेश कर बताया कि उसका छोटा भाई पुखराज(45) जोधपुर से ढाणी आया हुआ था। रविवार सुबह करीब 10 बजे उसने ढाणी से करीब 50 फीट दूर खेजड़ी पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने मर्ग दर्ज कर जांच प्रारंभ की हैं।

बहला-फुसला कर भगाई युवती, मामला दर्ज

बाड़मेर मोहनजी का क्रेशर चौहटन चौराहा रोड़ से गत 12 जनवरी को गुम हुई युवती ने कोतवाली थाने में दो युवकों के खिलाफ बहला-फुसला कर भगा ले जाने का मामला दर्ज कराया।

पुलिस के अनुसार रिपोर्ट में युवती ने बताया कि बाबूसिंह पुत्र नींब सिंह व प्रतापसिंह पुत्र नारायण सिंह दोनों निवासी विष्णु कॉलोनी बाड़मेर उसे शादी की नीयत से बहला-फुसला कर ले गए। पुलिस ने युवती के बयान दर्ज कर दोनों आरोपियों की तलाश शुरू की।

मेरे क्षेत्र में भी पानी का वितरण ठीक नहीं : गहलोत

मेरे क्षेत्र में भी पानी का वितरण ठीक नहीं : गहलोत



हस्तशिल्प मेले के समापन समारोह में मुख्यमंत्री ने स्वीकारी समस्या

कहा, सरकार पानी, बिजली और सड़क की समस्या दूर करेगी

जोधपुर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जब इंदिरा गांधी कैनाल का पानी जोधपुर आया तो यहां पर पानी की किल्लत काफी हद तक दूर हो गई थी, लेकिन अब भी कई जगहों पर पानी का संकट है। मेरे खुद के क्षेत्र में, पानी की वितरण व्यवस्था पुरानी होने के कारण दिक्कतें है। कई क्षेत्रों में तो कई दिन पानी नहीं आता, लेकिन हम इसे दूर कर रहे हैं। सरकार पानी, बिजली, सड़कें और स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाएं सुधारने के लिए कटिबद्ध है। मुख्यमंत्री रावण का चबूतरा मैदान में पश्चिमी राजस्थान उद्योग हस्तशिल्प मेले के समापन समारोह में बोल रहे थे। गहलोत ने कहा कि जोधपुर में एनआईएफडी, एम्स, आईआईटी, स्पाइस पार्क, फुटवेयर डिजाइन इंडस्ट्रीज सब लेकर आ गए, लेकिन लोगों को फिर भी शिकायत है कि जोधपुर के लिए कुछ नहीं किया। कोई सड़क की शिकायत करता है तो कोई पानी की। अगर जोधपुर में सड़क टूट जाती है तो इसमें मेरा क्या कसूर है? मानसून आता है तो सड़कें टूटेंगी और बनेंगी भी। इंडस्ट्रीज लगाने को किसी से नहीं कहा उन्होंने कहा कि प्रवासी सम्मेलन में जब एनआरआई आए तो हमने उनसे इंडस्ट्रीज लगाने की कोई मांग नहीं की। हम जानते हैं कि कहने से कोई इंडस्ट्रीज नहीं लगाएगा। किसी को कहने की कोई जरूरत नहीं है। सोलर एनर्जी में गुजरात से कहीं आगे हम गुजरात वाइब्रेट बोलते है, जबकि एनर्जी के मामले में राजस्थान गुजरात से कई गुना आगे है।

जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर और बाड़मेर में 400 केवीए के सोलर पार्क बनाए जा रहे हैं। चित्तौडगढ़़, जैसलमेर और फलौदी में सर्वाधिक 1930 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। यहां पर होंडा कंपनी सहित कई बड़ी- बड़ी कंपनियां इंवेस्टमेंट के लिए आई हैं। रिफाइनरी की अड़चनों को दूर करेंगे मुख्यमंत्री ने कहा कि रिफाइनरी के लिए हम पूरी ताकत से जुटे हैं। गत सरकार ने केयर्न एनर्जी को पैकेज नहीं दिया, लेकिन हमने दे दिया। फिर भी कुछ अड़चनें आ रही हैं, उसे दूर किया जा रहा है।

नर्मदा नहर पर बने घाट पर पहलीबार हुआ मकर संक्रांति पर महास्नान


प्रमुख संतों समेत हजारों लोगों ने लगाई डुबकी, नर्मदा घाट पर हुई महाआरती

जालोर देश की प्रमुख और पवित्र नदियों में शामिल नर्मदा में पहली बार राजस्थान की धरती पर भी महास्नान का आयोजन हुआ। मकर संक्रांति के दिन रविवार को क्षेत्र के प्रमुख संतों की मौजूदगी में हजारों श्रद्धालुओं ने इसमें डुबकी लगाई और नर्मदा की महाआरती की।

दरअसल, नर्मदा नदी मध्यप्रदेश से निकलती है और गुजरात में बहती हुई अरब सागर में गिरती है, लेकिन वर्ष 2008 में इसका पानी नहर के जरिए राजस्थान में भी पहुंचा। जिस स्थान पर नर्मदा राज्य में प्रवेश करती है वहीं पर नर्मदेश्वर महादेव मंदिर और घाट की स्थापना की गई। नहर के आने के बाद यह पहला मौका था जब एक बड़े आयोजन के साथ हजारों की संख्या में लोगों ने इसमें स्नान किया और नदी की महाआरती की। महास्नान का आयोजन सनातन सेवा समिति की ओर से किया गया था। सवेरे से ही श्रद्धालुओं के यहां पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। लोगों ने सूर्यदेव की पहली किरण के साथ ही इसमें डुबकी लगाई। इसके बाद एक एक कर प्रमुख संत यहां पहुंचे और नर्मदा के पानी में स्नान किया।

इस बीच नर्मदेश्वर घाट नर्मदा नदी और महादेव के जयकारों से गूंजता रहा। इस अवसर पर आयोजित धर्म सभा को संबोधित करते हुए तारातरा मठ प्रतापपुरी ने कहा कि मकर मकर संक्रांति पर्व पर नर्मदा घाट पर स्नान करने पुण्य प्राप्त होता है। पौराणिक अनुश्रुति के अनुसार नर्मदा की एक नहर किसी सोमवंशी राजा ने निकाली थी, जिससे उसका नाम सोमोद्धवा भी पड़ गया था। रामस्नेही संप्रदाय पुष्कर के जगदीश महाराज ने कहा कि नदी के किनारे बने घाटों में स्नान करने से पापों का नाश होता है। मुकाम पीठाधीश्वर आचार्य रामानंद महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति में हिन्दुओं के तीर्थ की पवित्रता पर महत्व डालते हुए कहा कि नर्मदा नहर पर बना नर्मदेश्वर घाट देश का अनूठा घाट है। लहर गिरी महाराज ने कहा कि नर्मदा दर्शन मात्र से पापों को दूर कर देती है। रणछोड़ भारती ने नर्मदा का महत्व बताते हुए कहा कि नदियों में श्रेष्ठ पुनीत नर्मदा पितरों की पुत्री है और इस पर किया गया श्राद्ध अक्षय होता है। इस अवसर पर हंसराज महाराज भीलवाड़ा और ज्ञानानंद महाराज ने भी प्रवचन दिया।







वरिष्ठ कवि श्रीपत नहीं रहे साहित्य जगत में शोक की लहर


वरिष्ठ कवि श्रीपत नहीं रहे

साहित्य जगत में शोक की लहर


जैसलमेर रजपूती अजौं मिटी कौनी! अवसर पर रंग दिखावै है। घट में व्यापै, पल हेक मौंय, जद सत नै कूड़ सतावै है।। राजपूती कविता के माध्यम से राजपूतों की वीरता और क्षत्राणियों द्वारा अपने पति को मानवता की दुहाई देकर जगाने को राजस्थानी काव्य में पिरोने वाले वरिष्ठ कवि श्यामसुंदर श्रीपत का शनिवार रात्रि में निधन हो गया। उनके निधन पर साहित्य व कवि जगत में शोक की लहर दौड़ गई।

मायड़ भाषा की रचनाएं हुर्इं चर्चित: अपना संपूर्ण जीवन साहित्य साधना में बिताने वाले स्व. श्रीपत की काव्य कृति पूनम का चांद, मरू महक और मरू गंगा साहित्य जगत में काफी चर्चित रही। उन्होंने मायड़ भाषा में मरूप्रदेश के लोकजीवन, परम्पराओं, संस्कारों, स्थापत्य एवं प्राकृतिक सौंदर्य का जीवंत चित्रण किया। उनकी रचना मरू गंगा, राजपूती, म्हारी धोराळी धरती, अपणायत, सुंदरता का बोध करवाती मैडम, मूमल, काळजियौ, काळी लिछमी, लॉटरी, जैसलमेर दुर्ग, टेलीफोन आदि लोकप्रिय हुई।

विदेशी मैडम पर लिखी कविता
पग ऊंची ऐडी रा चप्पल, कंचन बरणी कामणगारी। पग पींडलियां पळके बीजळ, हद गोळ बणी, संचै ढाळी।। छोकरड़ां सूं हंस करै बात, इक दिन बजार रौनक छाई। कर सात समंदर पार मडम, मरूधरती नै निरखण आई। स्व. श्रीपत ने यूरोप से आई एक विदेशी मेडम पर कविता लिखी थी जिसे खूब सराहा गया। कविता में फैशनेबल मेडम के मन में कुर्ती कांचली बनवाने का आने पर दर्जी के साथ उसके संवाद को राजस्थानी भाषा में स्व. श्रीपत ने बेहतर ढंग से पिरोया।

जीवन परिचय

वरिष्ठ कवि श्रीपत का जन्म 31 अक्टूबर 1932 को हुआ था। बीस वर्ष की अवस्था में ही शिक्षक बन गए। वर्ष 1991 में वे जिला शिक्षा अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए। वहीं वर्ष 1976 में उन्हें राज्य स्तरीय शिक्षक का पुरस्कार मिला वहीं 2005 में राजस्थानी साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर से विशिष्ट साहित्य पुरस्कार से सम्मानित हुए।

अपूरणीय क्षति

वरिष्ठ कवि श्यामसुंदर श्रीपत का रविवार को अंतिम संस्कार किया गया। उनके निधन से साहित्य जगत में शोक की लहर है। इतिहासकार नंदकिशोर शर्मा ने कहा कि स्व. श्रीपत मायड़ भाषा के विख्यात कवि थे, उनके निधन से साहित्य जगत को क्षति पहुंची है। वरिष्ठ साहित्यकार दीनदयाल ओझा ने बताया कि स्व. श्रीपत राजस्थानी साहित्य के स्तंभ थे, उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है। अंतरप्रांतीय कुमार साहित्य परिषद के सचिव लक्ष्मीनारायण खत्री ने कहा कि स्व. श्रीपत ने अपना संपूर्ण जीवन साहित्य साधना में बिताया है।