रविवार, 26 जून 2011

घर तो पति ने छोड़ा, फिर कैसी घरेलू हिंसा!

घर तो पति ने छोड़ा, फिर कैसी घरेलू हिंसा! 
 

जोधपुर। अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (आर्थिक अपराध) की अदालत ने घरेलू हिंसा के मामले में एक महिला की ओर से दाखिल परिवाद खारिज कर दिया। अदालत ने इस मामले में पति पर लगाए गए महिला के आरोप भी ठीक नहीं माने।

महामंदिर निवासी परिवादी दुर्गादेवी का कहना था कि उसका पति देवीप्रसाद खटीक रोजाना शराब पीकर घर आता है और उसके साथ मारपीट करता है। घर-खर्च चलाने के लिए भी पैसा नहीं देता। उसके वकील ने देवीप्रसाद की सरकारी नौकरी और 28 हजार रूपए से अधिक की तनख्वाह का हवाला देकर उसे आठ हजार रूपए महीना गुजारा भत्ता दिलवाने की गुहार लगाई। इसके जवाब में देवीप्रसाद की ओर से अधिवक्ता हैदर आगा ने अदालत को बताया कि इस प्रकरण में घरेलू हिंसा अधिनियम का दुरूपयोग किया जा रहा है। वस्तुत: देवीप्रसाद की पत्नी और बच्चे उसके साथ मारपीट करते हैं। इससे तंग आकर उसने साल भर पहले घर छोड़ दिया था। बाद में नौकरी से भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली।

खुद दुर्गादेवी ने भी अपने बयान में यह बात स्वीकार की है कि 3 जनवरी 2010 से पहले तक उसके पति साथ रहते थे। बाद में वे कहीं चले गए और अब कहां रहते हैं, उसे पता नहीं है। ऎसे में घरेलू हिंसा का तथ्य स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस पर सुनवाई के बाद अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट अल्का गुप्ता ने दुर्गादेवी का परिवाद खारिज कर दिया। अदालत ने अपने फैसले में साफ कहा कि मौजूदा परिस्थितियों में परिवादी दुर्गादेवी ने बच्चों से पति को पिटवाया और घर छोड़ने के लिए मजबूर किया है।

लिहाजा ऎसे मामलों में भरणपोषण दिलवाने पर अधिनियम के उद्देश्य का दुरूपयोग होगा। उन्होंने तीनों नाबालिग बच्चों के लिए प्रत्येक को 1500 रूपए प्रतिमाह दिए जाने के पारिवारिक न्यायालय के आदेश के अलावा कोई राशि दिलवाना ठीक नहीं माना। 

प्रेमी से मिल कराई पति की हत्या

प्रेमी से मिल कराई पति की हत्या
 

जयपुर। एक विवाहिता ने डेढ़ महीने पहले प्रेमी के साथ मिलकर न केवल पति की हत्या करवा दी, बल्कि हत्या के बाद प्रेमी ने शव को खुद के घर में गाड़ दिया। फिर फर्जी तरीके से मृतक का मकान बेचने से मिले लाखों रूपए लेकर विवाहिता व प्रेमी फरार हो गए। साले हेमन्त की ओर से बहन व बहनोई की गुमशुदगी रिपोर्ट और मृतक की आठ साल की बच्ची के बयान के बाद पुलिस ने विवाहिता व प्रेमी से पूछताछ की तो हत्या का राज खुला। 

मृतक के भाई ने दोनों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर प्रेमी की निशानदेही पर शव को जमीन से निकाला। शव का पोस्टमार्टम रविवार को होगा। 

पत्थर मार हत्या की : एडिशनल डीसीपी (साउथ) करण शर्मा ने बताया कि वारदात का शिकार केसर सिंह (32) हुआ है। वह पंचवटी कॉलोनी, खातीपुरा रोड पर खुद के मकान में पत्नी गीता (28) और दो पुत्री व एक पुत्र के साथ रहता था। केसर सिंह शराब का आदी था और पत्नी से मारपीट करता था। इस दौरान पति के व्यवहार से दुखी उसकी पत्नी गीता का पड़ोस में रहने वाले पवन मीणा (18) से सम्बंध बन गए। जिसके बाद उसने अपने प्रेमी पवन के साथ मिलकर पति की हत्या का षड्यंत्र रचा।

10 मई, 2011 की रात जब केसर सिंह शराब के नशे में धुत्त था तो पत्नि गीता ने उसके हाथ-पैर बांध दिए और प्रेमी पवन को बुलाया। पवन ने उसके सिर पर पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को कमरे में रखे एक बक्से में रख दिया। 


हत्या के बाद पीहर चली गई थी गीता
. गीता ने अपने प्रेमी पवन मीणा से मिलकर पंचवटी कॉलोनी, खातीपुरा रोड पर पति की हत्या कर शव मकान में कुईं खुदवाकर गाड़ दिया था। घटना के दूसरे दिन गीता बच्चों को लेकर अपने मां के पास चली गई। पवन मीणा चौखटी पर गया और दो मजदूर बुलाकर लाया और फिर खुद के घर में कुई खुदवाई। मजदूरों के जाने के बाद पवन ने लाश के बक्से को कुई में डालकर उस पर मिट्टी डाल दी।

फर्जी दस्तावेज से बेचा मकान 

इसके बाद प्रेमी पवन ने फर्जी दस्तावेज से केसर सिंह के मकान का बेचाननामा पहले अपनी मां के नाम करवाया। फिर इसे बलदेव नाम के व्यक्ति को आठ लाख रूपए में बेच दिया। यह राशि मिलते ही पवन और गीता फरार हो गए। 

मां ने पैर बांधे, चाचा ने भाटा मारा
सोढाला थानाधिकारी नेम सिंह ने बताया कि जिस कमरे में गीता व पवन मीणा ने केसर सिंह की हत्या की, उस समय तीनों बच्चे भी मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शी गवाह और केसर सिंह की आठ साल की पुत्री ने पुलिस को बताया कि घटना के दिन मम्मी ने पापा के शराब पीने के बाद हाथ-पैर रस्सी से बांध दिए। फिर मां पड़ोस में रहने वाले पवन चाचा को बुलाकर लाई। चाचा ने पत्थर उठाकर पापा के सिर पर दे मारा। उनके सिर से खून बह निकला। दोनों ने उसे इस घटना के बारे में किसी से नहीं बताने को कहा। 

पूर्व उपराष्ट्रपति स्व.भैरोसिंह शेखावत की पत्नी सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने शनिवार को बाबा रामदेव की समाधि पर दर्शन कर पूजा-अर्चना की




रामदेवरा। पूर्व उपराष्ट्रपति स्व.भैरोसिंह शेखावत की पत्नी सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने शनिवार को बाबा रामदेव की समाधि पर दर्शन कर पूजा-अर्चना की। पूर्व उपराष्ट्रपति की धर्मपत्नी श्रीमती सूरजकंवर, उनके दामाद विधायक नरपतसिंह राजवी एवं उनके परिवार के सदस्य शनिवार की शाम चार बजे रामदेवरा पहुंचे और उन्होंने यहां विधि विधान के साथ पूजा-अर्चना की। मंदिर के पुजारी महेन्द्र शर्मा व ओम शर्मा ने उन्हें वैदिक मंत्रोच्चाार के साथ पूजा-अर्चना करवाई।

उन्होंने मंदिर में शाम चार बजे होने वाली मुख्य आरती मे शरीक होकर देश में अमन, चैन व खुशहाली के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर उन्होंने मंदिर मे प्रसाद के रूप में 11 किलो चावल, घी व शक्कर का भोग लगाया। बाबा के दर्शनों के लिए आए शेखावत के परिवारजनों ने बताया कि गत वर्ष शेखावत के निधन के कारण वे रामदेवरा नहीं आ सके थे। इस बार वे प्रदेश के मुख्य मंदिरों के दर्शनों के लिए निकले हैं।

एक घंटा बिताया मंदिर में
घुटनों में दर्द के कारण चलने में असमर्थ स्व.शेखावत की पत्नी सूरजकंवर व्हील चेयर पर अपने परिवारजनों के सहयोग से निज मंदिर में बाबा की समाधि स्थल पर पहुंचीं। यहां उन्होंने पूजा-अर्चना कर एक घंटे तक मंदिर में समय बिताया। इस अवसर पर विधायक राजवी ने बाबा की कचहरी में बैठे बाबा के वंशजों व तंवर समाज के लोगों से भादवा मेले की व्यवस्थाओं को लेकर जानकारी हासिल की।

गरीबों में बांटा प्रसाद
श्रीमती शेखावत ने चावल, घी व शक्कर से तैयार किया गया प्रसाद बाबा की समाधि पर चढाने के बाद अपने हाथों से मंदिर के बाहर बैठे गरीब, विकलांग लोगों में वितरित किया। इस दौरान रामदेवरा के लोगों व स्थानीय व्यवसायियोंने उनकी कुशलक्षेम पूछी। उनके साथ उनके दामाद राजवी, पुत्री रतनकंवर, दोहिते विक्रमादित्यसिंह, अभिमन्युसिंह, दोहिती मूमलकंवर, पूर्व विधायक गुलाबसिंह रावलोत, सरपंच अजयपालसिंह रावलोत, पूर्व सरपंच आवड़दान उज्ज्वल ने भी बाबा की समाधि पर पूजा-अर्चना की। इससे पूर्व उनके यहां पहुंचने पर पुलिस चौकी प्रभारी नवलसिंह, ग्रामसेवक पदमसिंह, मंदिर व्यवस्थापक श्यामसुंदर शर्मा ने उनका स्वागत किया। 

युवक और वृद्धा को सांप ने डसा

युवक और वृद्धा को सांप ने डसा 
 
मोहनगढ़। मोहनगढ़ क्षेत्र में एक युवक और एक वृद्ध महिला को सर्पदंश की वजह से अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इसके अलावा पारिवारिक कलह के चलते एक महिला के अफीम पी लेने का मामला भी सामने आया है। तीनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मोहनगढ़ में भर्ती करवाया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी डॉ. केआर पंवार ने बताया कि भीमाराम मेघवाल (21) निवासी बीरमा काणोद गांव के पास शुक्रवार को ऎवड़ चरा रहा था।

इस दौरान सांप ने उसके पैर पर काट लिया। उसके परिजन उसे अस्पताल लेकर आए। इसी तरह श्रीमती सुगनो (50) पत्नी सूरजराम निवासी 6 एमजीडी को शनिवार सुबह सांप ने दाएं पैर पर काट लिया। इसके अलावा श्रीमती मीनू (38 ) निवासी डिग्गा ने घरेलू कलह के चलते शनिवार दोपहर बाद अफीम घोलकर पी लिया। महिला की हालत बिगड़ने पर परिजन उसे सीएचसी मोहनगढ़ लेकर आए। तीनों का उपचार जारी है। 

सरहदी गाँव गगरिया पर आई एस आई की मेहर ,


















सरहदी गाँव गगरिया पर आई एस आई की मेहर 




,घुसपेठियो को गगारिये का दिया जाता है पता ,सुरक्षा 

एजेंसियों की निगाहे गगरिया की हरकतों पर

बाड़मेर सीमावर्ती बाड़मेर जिले के सरहदी गाँव गगरिया जो मिनी पाकिस्तान, के रूप मैं कुख्यात है पर पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आई एस आई की मेहर बनी है भारतीय ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसियां गगरिया पर नज़रें गडाए हुए हैं .गगरिया की हरकत पर सुरक्षा एजेंसिया नज़र रखे है.सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों ने बताया कि सरहद पर पकडे गए सभी संदिग्ध घुसपेठियो को अजमेर से रावण कर बाड़मेर के गगरिया गाँव मई उतारे का कहा गया ,पिछले एक माह मई पकडे गए पाकिस्तानी नागरिक नूर आलम शेख ,बंगला देशी नागरिक को अजमेर से रवाना कर उन्हें गगरिया गाँव में एक व्यक्ति का नाम बता कर उससे मिलाने का कहा गया था .यह खुलासा पकडे गए घुसपेठियो ने सुरक्षा एजेंसियों कि संयुक्त पूछताछ में किया था ,इश्के बाद से बाड़मेर कि पुलिस,सुरक्षा एजेंसिया गगरिया में उष व्यक्ति को तलास रही है जिसका नाम घुसपेठियो को बताया गया था,गगरिया गडरा रोड गाँव से सात किलोमीटर पहले आता है जो मुख्या सड़क पर आबाद है,इस गाँव से सज्जन का पर,चांदे का पार,लकदियाली,कंटाल का पार,नवा टला जैसे सरहदी गाँव आते है जिसके सामने पाकिस्तान का गोगासर गाँव है,गोगासर पाकिस्तान के कुख्यात तस्करों का मुख्य अड्डा है,इस गोगासर के तस्करों के सीधे सम्बन्ध गडरा तहसील के तस्करी के मुख्य केंद्र मापुरी,खालिफे कि बावड़ी ,बुथिया ,गगरिया ,सज्जन का पार,देतानी ,तामलोर ,हमिरानी के स्थानीय तस्करों से है .पाकिस्तानी तस्करों के माध्यम से आई एस आई ने गडरा क्षेत्र के तस्करों को पुनः सक्रीय कर दिया है,हाल ही में पकडे गए इनामी कुख्यात तस्कर कल्ला खान ,नवाब खान इशी मपुरी गाँव से है ,मापुरी गाँव के अंतराष्ट्रीय कुख्यात तस्कर बाबला कि गेंग से जुड़े तस्करों ने अपना नेटवर्क पुनः स्थापित कर दिया है,इस नेटवर्क में कई नए युवा भी जुड़े हें ,सुरक्षा एजेंसिया गगरिया गाँव कि समस्त हरकतों पार नज़र रखे हें,गगार्य गाँव में तबलीग जमात का बहूत बड़ा नेटवर्क पिछले दस सालो में काम कर रहा हें,गगरिया तथा आसपास के गाँवो में इस वक्त लगभग ८० से अधिक मदरसे चल रहे है,गगरिया के साथ हमिरानी और तमालियर शुरू से एजेंसियों के लिए संदिग्ध रहे है,इन गाँवो के तस्कर कई बार माल के साथ पकडे गए है,चिंताजनक बात है कि इन गाँवो पार तबलीग जमात के लोगो कि पूरी पकड़ है ,गगरिया गाँव इसका मुख्य केंद्र है,इस गाँव में प्रतिदिन सुबह आठ बजे से ही संदिग्ध लोगो का जमावड़ा शुरू हो जाता हें,सेकड़ो लोग किसी भी वक्त इस गाँव में मिल जायेंगे .इस क्षेत्र के मदरसे भी हमेशा संदिग्ध रहे हें,एजेंसियों कि हमेशा से इन मदरसों पार नज़ारे रहती हें,घुसपेठियो द्वारा बार बार गगरिया आकर उतरने से एजेंसियों के कान खड़े हो गए,एजेंसिया उन लोगो तक पंहुचने के प्रयास तेज़ी से कर रही है,गडरा थाना के अधिकारी लक्ष्मी नारायण केवलिया ने बताया कि गत माह दो बंगलादेशी ,तथा एक पाकिस्तानी नागरिक को गगरिया के आसपास से ही पकड़ा था यह लोग गगरिया से आगे वाले बोर्डर से पार कर पाकिस्तान जाने कि फ़िराक में आये थे.बाकायदा इन घुसपेठियो को आई एस आई द्वारा गगरिया के किसी व्यक्ति के संपर्क नंबर तक दिए गए हें चूँकि सुरक्षा एजेंसिया तथा पुलिस दल नियमित रूप से इस क्षेत्र पार निगाह रख रही हें,आई एस आई द्वारा गगरिया के किन लोगो से संपर्क किया जाता है कौन आई एस आई के संपर्क में है इश्क पत्ता लगाया जा रहा है,बहरहाल आई एस आई ने पूर्व नियोजित तरीके से इस पुरे क्षेत्र में तबलीग जमात जैसे कट्टरपंथी लोगो को बड़ी तादाद में बसा लिया हे ,सुरक्षा एजेंसियों ने भी कभी इस क्षेत्र मई बस रहे बाहरी लोगो का न तो विरोध किया नहीं रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी,चूँकि इन गाँवो के मूल निवासी लम्बे समय से विशेष कर युवा लोग पडौसी राज्य गुजरात में रहकर काम्बले बेचने का कार्य कर रहे है,इश्के बावजूद गाँवो कि जनसँख्या मई कभी कमी दर्ज नहीं कि गई,बाहरी लोगो के इस क्षेत्र में आकर बसने से बाड़मेर जिले कि सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है

राजस्थान दर्शन भाग १......चित्तोड़ गढ़


राजस्थान  दर्शन भाग १......चित्तोड़ गढ़ 


शूरवीरों की धरती राजस्थान को शत शत नमन .राजस्थान के कण कण में शूरवीरता बिखरी है राजस्थान के हर एतिहासिक जिले में गर्व करने लायक राजस्थानियों के पास किले ,समारके,हवेलियाँ ,कुए ,तालाब,बावडिया ,धार्मिक आस्था केंद्र ,हाँ जो राजस्थान के वैभवशाली इतिहास को विश्व मैं ऊंचाइया प्रदान करता है आज आपको राजस्थान के गौरव चित्तोड़ गढ़ से रूबरू करते हैं कई जानकारियां संगृहीत की गई है .आइये चित्तोड़ गढ़ चलते हैं
अजमेर से खंडवा जाने वाली ट्रेन के द्वारा रास्ते के बीच स्थित चित्तौरगढ़ जंक्शन से करीब २ मील उत्तर-पूर्व की ओर एक अलग पहाड़ी पर भारत का गौरव, राजपूताने का सुप्रसिद्ध चित्तौड़गढ़ का किला बना हुआ है। समुद्र तल से १३३८ फीट ऊँची भूमि पर स्थित ५०० फीट ऊँची एक विशाल ह्मवेल आकार में, पहाड़ी पर निर्मित्त इसका दुर्ग लगभग ३ मील लंबा और आधे मील तक चौड़ा है। पहाड़ी का घेरा करीब ८ मील का है तथा यह कुल ६०९ एकड़ भूमि पर बसा है।
चित्तौड़गढ़, वह वीरभूमि है, जिसने समूचे भारत के सम्मुख शौर्य, देशभक्ति एवं बलिदान का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। यहाँ के असंख्य राजपूत वीरों ने अपने देश तथा धर्म की रक्षा के लिए असिधारारुपी तीर्थ में स्नान किया। वहीं राजपूत वीरांगनाओं ने कई अवसर पर अपने सतीत्व की रक्षा के लिए अपने बाल-बच्चों सहित जौहर की अग्नि में प्रवेश कर आदर्श उपस्थित किये। इन स्वाभिमानी देशप्रेमी योद्धाओं से भरी पड़ी यह भूमि पूरे भारत वर्ष के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर रह गयी है। यहाँ का कण-कण हममें देशप्रेम की लहर पैदा करता है। यहाँ की हर एक इमारतें हमें एकता का संकेत देती हैं।

चित्तौड़गढ़ किले की ऐतिहासिकता
चित्तौड़ के किले के निर्माण :-
काल के बारे में निश्चत तौर पर कुछ कहना थोड़ा मुश्किल है। एक किंवदन्मत के अनुसार पाण्डवों के दूसरे भाई भीम ने इसे करीब ५००० वर्ष पूर्व बनवाया था। इस संबंध में प्रचलित कहानी यह है कि एक बार भीम जब संपत्ति की खोज में निकला तो उसे रास्ते में एक योगी निर्भयनाथ व एक यति कुकड़ेश्वर से भेंट होती है। भीम ने योगी से पारस पत्थर मांगा, जिसे योगी इस शर्त पर देने को राजी हुआ कि वह इस पहाड़ी स्थान पर रातों-रात एक दुर्ग का निर्माण करवा दे। भीम ने अपने शौर्य और देवरुप भाइयों की सहायता से यह कार्य करीब-करीब समाप्त कर ही दिया था, सिर्फ दक्षिणी हिस्से का थोड़ा-सा कार्य शेष था। योगी के ऋदय में कपट ने स्थान ले लिया और उसने यति से मुर्गे की आवाज में बांग देने को कहा, जिससे भीम सवेरा समझकर निर्माण कार्य बंद कर दे और उसे पारस पत्थर नहीं देना पड़े। मुर्गे की बांग सुनते ही भीम को क्रोध आया और उसने क्रोध से अपनी एक लात जमीन पर दे मारी, जिससे वहाँ एक बड़ा सा गड्ढ़ा बन गया, जिसे लोग भी-लत तालाब के नाम से जानते है। वह स्थान जहाँ भीम के घुटने ने विश्राम किया, भीम-घोड़ी कहलाता है। जिस तालाब पर यति ने मुर्गे की बाँग की थी, वह कुकड़ेश्वर कहलाता है।
इतिहासकारों के अनुसार इस किले का निर्माण मौर्यवंशीय राजा चित्रांगद ने सातवीं शताब्दी में करवाया था और इसे अपने नाम पर चित्रकूट के रुप में बसाया। मेवाड़ के प्राचीन सिक्कों पर एक तरफ चित्रकूट नाम अंकित मिलता है। बाद में यह चित्तौड़ कहा जाने लगा। सन् ७३८ में गुहिलवंशी राजा बाप्पा रावल ने राजपूताने पर राज्य करने वाले मौर्यवंश के अंतिम शासक मानमोरी को हराकर यह किला अपने अधिकार में कर लिया। फिर मालवा के परमार राजा मुंज ने इसे गुहिलवंशियों से छीनकर अपने राज्य में मिला लिया। इस प्रकार ९ वीं -१० वीं शताब्दी में इस पर परमारों का आधिपत्य रहा। सन् ११३३ में गुजरात के सोलंकी राजा जयसिंह (सिद्धराज) ने यशोवर्मन को हराकर परमारों से मालवा छीन लिया, जिसके कारण चित्तौड़गढ़ का दुर्ग भी सोलंकियों के अधिकार में आ गया। तदनंतर जयसिंह के उत्तराधिकारी कुमारपाल के भतीजे अजयपाल को परास्त कर मेवाड़ के राजा सामंत सिंह ने सन् ११७४ के आसपास पुनः गुहिलवंशियों का आधिपत्य स्थापित कर दिया। सन् १२१३ से १२५२ तक नागदा के पतन के बाद यहाँ जेत्रसिंह ने इसे राजधानी बनाकर शासन चलाया। सन् १३०३ में यहाँ के रावल रतनसिंह की अल्लाउद्दीन खिलजी से लड़ाई हुई। लड़ाई चितौड़ का प्रथम शाका के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इस लड़ाई में अलाउद्दीन खिलजी की विजय हुई और उसने अपने पुत्र खिज्र खाँ को यह राज्य सौंप दिया। खिज्र खाँ ने वापसी पर चित्तौड़ का राजकाज कान्हादेव के भाई मालदेव को सौंप दिया।







बाप्पा रावल के वंशल हमीर ने पुनः मालदेव से यह किला हस्तगत किया। हमीर बड़ा पराक्रमी और दूरदर्शी था। उसने यहाँ ५० वर्षों तक बड़ी योग्यता से शासन करते हुए अपने राज्य का विस्तार किया। उसी के प्रयत्नों से चित्तौड़ का गौरव पुनः स्थापित हो सका।
सन् १५३८ में चित्तौड़ पर गुजरात के बहादुरशाह ने आक्रमण कर दिया। इस युद्ध को मेवाड़ का दूसरा शाका के रुप में जाना जाता है। सन् १५६७ में मेवाड़ का तीसरा शाका हुआ, जिसमें अकबर ने चित्तौड़ पर चढ़ाई कर दी थी। ये सब मुस्लिम आक्रमण चित्तौड़गढ़ की सांस्कृतिक विनाश का मुख्य कारणों में से एक है। तीसरे शाके के बाद ही सन् १५५९ में महाराणा उदयसिंह ने मेवाड़ की राजधानी चित्तौड़ से हटाकर अरावली के मध्य पिछोला झील के पास स्थापित कर दी, जो आज उदयपुर के नाम से जाना जाता है।

रणनीति के दृष्टिकोण से चित्तौड़गढ़ का राजधानी के रुप में महत्व
चित्तौड़गढ़ का किला राजपूताने में हमेशा एक विशेष महत्व रखता है। इसे मेवाड़ के गुहिलवंशियों की पहली राजधानी के रुप में सम्मान प्राप्त है, जिसे उन्होंने मौर्यवंश के अंतिम शासक मानमोनी को हराकर अपने अधिकार में कर लिया था। यह दुर्ग अरावली की पहाड़ी पर उत्तर से दक्षिण की ओर लंबाई में बना है, जिसमें बीच में समतल भूमि आ जाने के कारण एक कुंड, तालाब, मंदिर, महल आदि सभी एक निश्चित निर्माण-योजना के तहत समय-समय पर बनते रहे हैं। कुछ जलाशय तो ऐसे हैं जो निरन्तर जलापूर्ति के साधन के रुप में काम आते रहे हैं। इस गढ़ के सम्बन्ध में प्रचलित एक कहावत है जो इस दुर्ग के महत्व को बताता है।

शनिवार, 25 जून 2011

मिट्टी का चूल्हा




शायद आप मुझे भूल गए थे...सोनियाजी ,मनमोहनजी का साधुवाद की करोडो लोग जो मुझे भूल चुके थे उन्हें आज मेरी याद दिलाई ,घरो में गेस आने के बाद तो मुझे बेगाना कर घर से ही दरबदर कर दिया ,चलो कोई बात नहीं सुबह का भूला सांझ को लौट आये तो ....मैं चूल्हा हूँ...लकडियो.और कायले से जलाता हूँ...आप भी मुझे अपने घर ले आइये  चूल्हा उष्मा का वह स्रोत है जिससे प्राप्त उष्मा का प्रयोग भोजन पकाने में किया जाता है। चूल्हे कई प्रकार के होते हैं जैसे, मिट्टी का चूल्हा, अंगीठी या सिगड़ी,

जयाप्रदा ने चूल्हे पर बनाई रोटी


जयाप्रदा ने चूल्हे पर बनाई रोटी 
 

लखनऊ। रसोई गैस की कीमत में अब तक की हुई सबसे बड़ी वृद्धि के विरोध का उत्तर प्रदेश में महिलाओं ने विरोध का शनिवार को अनूठा तरीका निकाला। रामपुर से सांसद जयाप्रदा ने इसके विरोध में लकड़ी के चूल्हे पर रोटियां बनाई तो भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा ने खाली सिलेंडर के साथ प्रदर्शन किया।

सांसद जयाप्रदा ने रामपुर में चूल्हे पर विरोध स्वरूप रोटी बनाई और कहा कि रसोई गैस की कीमतें इतनी तेजी से बढ़ी हैं कि अब इसे आम लोगों के लिए खरीदना मुश्किल होता जा रहा है। रसोई गैस की कीमत में पचास रूपए की अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है। आम आदमी की कहे जाने वाली सरकार ने आम आदमी के पेट पर ही डाका डाला है। उन्होंनें कहा कि केन्द्र की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार महंगाई और कीमतों में वृद्धि के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार है। रसोई गैस की कीमत बढ़ने से घरेलू बजट प्रभावित होगा।

भाजपा महिला मोर्चा ने विरोध स्वरूप रसोई गैस के खाली सिलेंडर के साथ प्रदर्शन किया और कहा कि केन्द्र सरकार को पेट्रोलियम कंपनियों के घाटे की चिंता है। केन्द्र की नीतियों से आम आदमी पिस रहा है और घर का बजट बिगड़ता जा रहा है। महिला मोर्चा की कार्यकर्ता खाली सिलेंडर लिए विधानसभा तक आना चाहती थीं लेकिन पुलिस ने उन्हें कैसरबाग चौराहे के पास ही रोक दिया।

सपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने रसोई गैस की कीमत में वृद्धि के विरोध में विधानसभा भवन के सामने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पुतला जलाया। भारतीय महिला फेडरेशन की प्रदेश महासचिव आशा मिश्रा ने रसोई गैस, डीजल और मिट्टी के तेल के दामों में की गई वृद्धि के लिए केन्द्र सरकार की निन्दा करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में चल रही केन्द्र सरकार महंगाई की मार से बदहाल-तबाह लोगों के घरों के चूल्हे बन्द करने और गरीबों के घरों के टिमटिमाते चिरागों की रोशनी भी बुझाने का घोर जन विरोधी कृत्य कर रही है।

मिश्रा ने कहा देश में लगभग 80 करोड़ लोग 20 रूपए प्रतिदिन की आमदनी पर गुजारा कर रहे हैं। महंगाई मुद्रा स्फीति की दर दहाई में पहुंच चुका है ऎसी दशा में डीजल, रसोई गैस, मिट्टी के तेल के दामों में की गई वृद्धि से लगभग सभी जीवनोपयोगी वस्तुओं के दामों में 10 से 12 प्रतिशत मूल्य वृद्धि होगी जिसके कारण आम जनजीवन और भी कष्टप्रद हो जाएगा। 

दहेज प्रताड़ना कानून में दी जाएगी ढील !

दहेज प्रताड़ना कानून में दी जाएगी ढील !
 

नई दिल्ली। दहेज प्रताड़ना कानून के दुरूपयोग के बढ़ते मामलों के चलते इस कानून में संशोधन पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक कानून आयोग दहेज कानून के दुरूपयोग को रोकने के लिए यह कदम उठाने का विचार कर रहा है।


इस कानून में संशोधन के बाद वर-वधु पक्ष को मामले पर समझौता करने या केस वापस लिए जाने का मौका दिया जाएगा। जब तक यह समझौता नहीं हो जाता आरोपी को जेल में रहना होगा। अन्यथा उसे कोर्ट से जमानत का इंतजार करना होगा।

उल्लेखनीय है कि जस्टिस पी. वी. रेड्डी की अध्क्षता में देश भर के लोगों की इस मसले पर राय ली गई। जिस पर मौजूदा कानून में संशोधन पर सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने आई। वहीं कमीशन का मानना है कि यह अपराध गैर जमानती श्रेणी में आना चाहिए।

कमीशन द्वारा किए सर्वे में सामने आया कि देश में धारा 498ए के तहत एक लाख 33 हजार 759 मामले लंबित हैं। इनमें तीन लाख 60 हजार 482 आरोपियों पर सुनवाई चल रही है। आरोपियों में से 46 हजार 403 न्यायिक हिरासत है जबकि दो लाख 19 हजार 358 जमानत पर रिहा हो चुके हैं। 

सेक्स के बाद शादी का वादा सुन ऊब गई थी, इसलिए सिखाया सबक'



नखत्राणा। कच्छ जिले के नखत्राणा शहर के पास स्थित वंग गांव के शिक्षक सामजी रणछोड ढीला की हत्या उसकी प्रेमिका ने ही की थी। पुलिस ने जब प्रेमिका को गिरफ्तार किया तो उसका साफ कहना था कि उसे अपने प्रेमी की हत्या का बिल्कुल अफसोस नहीं है। 
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार मोबाइल डिटेल के आधार पर पुलिस हीरूबेन करसन आहिर तक पहुंची, जो सामजी की प्रेमिका थी। पुलिस की पूछताछ में हीरूबेन ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया और कहा कि उसे सामजी की हत्या का कोई दुख नहीं है। जब पुलिस ने हीरूबेन से इसका कारण पूछा तो उसने बताया कि सामजी और मेरे बीच पिछले चार वष्रो से प्रेम संबंध थे। इन चार वष्रो में सामजी ने शादी की बात कह कर मेरे साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए। शारीरिक संबंध बनाते समय वह हर बार मुझसे शादी करने की बात कहता था।
सेक्स के लिए हर बार उसके शादी के वादे से मैं उसकी नियत समझ गई और मैंने उस बेवफा को सबक सिखाने के लिए उसकी हत्या करने का निश्चय कर लिया था। 
हीरूबेन द्वारा पुलिस को बताए अनुसार सामजी की हत्या के लिए, हीरूबेन अपने छोटे भाई के कपड़े और हेल्मेट लगाकर शाला में पहुंची थी, जहां आंगन में सामजी सो रहा था। हीरूबेन ने जब देखा कि वह गहरी नींद में है तो उसी समय धारदार हथियार से उसकी हत्या कर दी और घटना स्थल से फरार हो गई। इसके बाद पुलिस ने मृतक के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाई और वह हीरूबेन तक पहुंच गई। हीरूबेन को देख पहली ही नजर में पुलिस भांप गई और पुलिसिया अंदाज में उन्होंने हीरूबेन से सारी सच्चई उगलवा ली। 
पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही हत्या से जुड़ी अन्य जानकारियां बाहर लाने के लिए भी पुलिस अब हीरूबेन को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।

यात्रियों पर किराए की मार, 26 जून की आधी रात से लागू होगा बढ़ा किराया


यात्रियों पर किराए की मार, 26 जून की आधी रात से लागू होगा बढ़ा किराया

जयपुर। डीजल के मूल्य में 3 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी के एक दिन बाद शनिवार को राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने भी किराया बढ़ाने की घोषणा कर दी। किराए में 2 से 10 पैसे प्रति यात्री प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की गई है। बढ़ा किराया 26 जून की आधी रात से लागू होगा। किराए में बढ़ोतरी के बाद जयपुर से दिल्ली तक की यात्रा पर 20 से 30 रुपए अतिरिक्त चुकाने पड़ेंगे। निगम के सीएमडी डॉ. मनजीत सिंह ने कहा कि डीजल के मूल्यों में बढ़ोतरी के बाद रोडवेज पर अतिरिक्त भार पड़ रहा था। इसकी भरपाई के लिए किराया बढ़ाना जरूरी था।


इस प्रकार की है बढ़ोतरी (पैसे प्रतियात्री प्रतिकिलोमीटर में)
बस का प्रकार, पुरानी दर, नई दर
साधारण बस, 51, 54
एक्सप्रेस बस, 56, 58
सेमी डीलक्स, 62, 64
डीलक्स बस में, 70, 75 (राज्य के मार्गों पर)
डीलक्स बस में, 90 से 91 (अंतरराज्यीय मार्गों पर)
एसी बस में, 100, 110 (राज्य के मार्गों पर)
एसी बस में, 145, 150 (अंतरराज्यीय मार्गों पर)
जयपुर से दिल्ली का किराया
बस, पुराना किराया, नया किराया (प्रतियात्री)
डीलक्स, 350, 370
एसी, 450, 470
वोल्वो, 630, 650
सुपर लग्जरी मय टीवी, 680, 700
सुपर लग्जरी मय पैंट्रीकार, 730, 750

राज्य सरकारें कम करें बोझ - कांग्रेस

राज्य सरकारें कम करें बोझ - कांग्रेस 
 

नई दिल्ली। डीजल , रसोई गैस और केरोसीन का दाम बढ़ाकर आम आदमी की कमर तोड़ने वाली सरकार ने कहा है कि राज्य सरकार अपने यहां सैल्स टैक्स कम कर उपभोक्ताओं को राहत दे। कांग्रेस ने इन कीमतों को हालात की मजबूरी का नाम देते हुए कहा कि सरकार के पास कीमतें बढ़ाने के अलावा कोई रास्ता नहीं था।

कांग्रेस प्रवक्ता जर्नादन द्विवेदी ने कहा कि कांग्रेस के शासन वाली राज्य सरकार अपने यहां सेल्स टैक्स कम करें। द्विवेदी ने कहा कि आज जो हालात है तो उनके तथ्य सामने रखने पर आप खुद महसूस करेंगे की सरकार ने डीजल और एलपीजी की कीमतें मजबूरी में बढ़ाइ है। उन्होंने कहा कि देश की कुल जरूरत का 84 फीसदी तेल बाहर से आता है ऎसे में कंपनियों को रोजाना होने वाला घाटा बहुत ज्यादा जिसे थोड़ा कम करने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।

उधर, डीजल, केरोसीन और रसोई गैस की कीमतें बढ़ाने के फैसले का देशभर में व्यापक स्तर पर विरोध हो रहा है। केन्द्र सरकार को विपक्ष के साथ-साथ अपने ही सहयोगी दलों से नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के फैसले के विरोध में दिल्ली और विभिन्न राज्यों की राजधानियों से विरोध प्रदर्शन की खबरें है।

सूत्रों के मुताबिक मुख्य विपक्षी दल भाजपा दाम बढ़ाए जाने के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन कर रही है। राजधानी नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में लोग विरोध के लिए पहुंचे।

पश्चिम बंगाल में रसोई गैस सस्ती
देश भर में डीजल और गैस की बढ़ी कीमतों पर हो रहे विरोध के बीच पं. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गैस पर चार फीसदी सैस कम कर दिया है। इससे वहां गैस 16 रूपए सस्ती हो गई है।

लखनउ, वाराणसी में भी प्रदर्शन

कीमतें बढ़ाए जाने के विरोध में लखनऊ में भी प्रदर्शन की खबरें है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता ईधन के दाम बढ़ाए जाने के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं। उधर वाराणसी में भी इसके विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। नागपुर, पुणे, जयपुर, औरंगाबाद सहित कई शहरों से डीजल और एलपीजी के दाम बढ़ाने के विरोध में प्रदर्शन की खबर है।

सूत्रों के मुताबिक भाजपा और वाम दलों ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी एआईडीएमके ने भी सरकार से तुरंत बढ़ी हुए कीमतें वापस लेने को कहा है।

यूपीए घटक तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने रसोई गैस, केरोसीन और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए कहा है कि इससे आम आदमी की मुश्किलें और बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि डीजल और रसोई गैस की कीमतें पहले बहुत ज्यादा है। पेट्रोल के दाम सरकार ने कुछ दिन पहले ही बढ़ाए है।

उधर भाजपा ने भी केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे सरकार का अस्वभाविक कदम बताया। भाजपा प्रवक्त निर्मला सीतारमण ने कहा कि इससे देश के विकास पर असर होगा।
भाजपा ने कहा कि सरकार तेल माफिया के फायदे के लिए ऎसे कदम उठा रही है। उसे देश के आम आदमी से कोई मतलब नहीं है। उधर, वाम दलों ने डीजल और एलपीजी दाम में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए कहा है कि पार्टी इसके खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन कर रही है।

सरकार ने डीजल की कीमत में तीन रूपए प्रति लीटर, रसोई गैस की कीमत में 50 रूपए प्रति सिलिंडर और केरोसिन में दो रूपए प्रति लीटर वृद्धि करने का फैसला लिया। बढी हुई दरें शुक्रवार मध्यरात्रि से लागू हो गई।


गौरतलब है कि पांच राज्यों में चुनाव के बाद ही तेल कंपनियों ने 14 मई को पेट्रोल के दाम पांच रूपए प्रति लीटर तक बढ़ा दिए थे। लेकिन डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ाने के फैसला टाल दिया गया था।

उल्लेखनीय है कि तेल कंपनियों को डीजल पर प्रति लीटर 13.72 रूपए, केरोसिन पर प्रति लीटर 26.16 रूपए और रसोई गैस प्रति सिलिंडर पर 381.14 रूपए का घाटा हो रहा है। सरकार की तरफ इस वृद्धि की घोषणा तब की गई है जबकि एक दिन पहले 11 जून को समाप्त सप्ताह की खाद्य महंगाई दर बढ़कर 10 सप्ताह के उच्च स्तर 9.13 फीसदी पर पहुंच गई। 

कीमतें बढ़ाने पर देशभर में प्रदर्शन




कीमतें बढ़ाने पर देशभर में प्रदर्शन
 

नई दिल्ली। डीजल, केरोसीन और रसोई गैस की कीमतें बढ़ाने के बाद केन्द्र सरकार को विपक्ष के साथ-साथ अपने ही सहयोगी दलों से नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के फैसले के विरोध में दिल्ली और विभिन्न राज्यों की राजधानियों से विरोध प्रदर्शन की खबरें मिल रही है।

सूत्रों के मुताबिक मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने दाम बढ़ाए जाने के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन कर रही है। राजधानी नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में लोग विरोध के लिए पहुंचे है।

पश्चिम बंगाल में रसोई गैस सस्ती
देश भर में डीजल और गैस की बढ़ी कीमतों पर हो रहे विरोध के बीच पं. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गैस पर चार फीसदी सैस कम कर दिया है। इससे वहां गैस 16 रूपए सस्ती हो गई है।

लखनउ, वाराणसी में भी प्रदर्शन

कीमतें बढ़ाए जाने के विरोध में लखनऊ में भी प्रदर्शन की खबरें है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता ईधन के दाम बढ़ाए जाने के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं। उधर वाराणसी में भी इसके विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं। भाजपा ने

सूत्रों के मुताबिक भाजपा और वाम दलों ने भी इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी एआईडीएमके ने भी सरकार से तुरंत बढ़ी हुए कीमतें वापस लेने को कहा है।

यूपीए घटक तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने रसोई गैस, केरोसीन और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए कहा है कि इससे आम आदमी की मुश्किलें और बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि डीजल और रसोई गैस की कीमतें पहले बहुत ज्यादा है। पेट्रोल के दाम सरकार ने कुछ दिन पहले ही बढ़ाए है।

उधर भाजपा ने भी केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे सरकार का अमानवीय कदम बताया। भाजपा प्रवक्त निर्मला सीतारमण ने कहा कि इससे देश के विकास पर असर होगा। भाजपा ने कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ देश व्यापी विरोध प्रदर्शन करने की बात कही है।

भाजपा ने कहा कि सरकार तेल माफिया के फायदे के लिए ऎसे कदम उठा रही है। उसे देश के आम आदमी से कोई मतलब नहीं है। उधर, वाम दलों ने डीजल और एलपीजी दाम में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए कहा है कि पार्टी इसके खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन करेगी।
सरकार ने डीजल की कीमत में तीन रूपए प्रति लीटर, रसोई गैस की कीमत में 50 रूपए प्रति सिलिंडर और केरोसिन में दो रूपए प्रति लीटर वृद्धि करने का फैसला लिया। बढी हुई दरें शुक्रवार मध्यरात्रि से लागू हो गई।


गौरतलब है कि पांच राज्यों में चुनाव के बाद ही तेल कंपनियों ने 14 मई को पेट्रोल के दाम पांच रूपए प्रति लीटर तक बढ़ा दिए थे। लेकिन डीजल और एलपीजी गैस की कीमतें बढ़ाने के फैसला टाल दिया गया था।

उल्लेखनीय है कि तेल कंपनियों को डीजल पर प्रति लीटर 13.72 रूपए, केरोसिन पर प्रति लीटर 26.16 रूपए और रसोई गैस प्रति सिलिंडर पर 381.14 रूपए का घाटा हो रहा है। सरकार की तरफ इस वृद्धि की घोषणा तब की गई है जबकि एक दिन पहले 11 जून को समाप्त सप्ताह की खाद्य महंगाई दर बढ़कर 10 सप्ताह के उच्च स्तर 9.13 फीसदी पर पहुंच गई।

राजस्थान को मिलेगा कोयला, अब लगेगा सुपर क्रिटिकल पॉवर प्लांट


 राजस्थान के बाड़मेर में लगने वाले सुपर क्रिटिकल पॉवर प्लांट के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने दो कोल ब्लॉक्स की मंजूरी दी है। इसके तहत अगले 15 साल तक हर साल दस मिलियन टन कोयला राजस्थान को मिलेगा। इसके बाद दूसरा चरण ओर बढ़ाया जा सकेगा। पिछले 18 माह से केन्द्र सरकार के पास यह प्रस्ताव विचाराधीन था। पहले पर्यावरण मंत्रालय ने इस क्षेत्र को नो गो एरिया घोषित कर रखा था। केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आज जयपुर में हुई लम्बी बैठक के बाद दोनों नेताओं ने पत्रकारों से बातचीत में यह घोषणा की। यह कोल ब्लॉक्स छत्ताीसगढ़ के पाटसाईस्ट और कांटेबासा में है। मुख्यमंत्री ने बताया कि अगले कुछ समय में राजस्थान में चार पॉवर प्लांट लगेंगे। इनमें बाड़मेर में सुपर क्रिटिकल पॉवर प्लांट, बाड़मेर में ही निजी क्षेत्र में ,छबड़ा और सूरतगढ़ में सरकारी क्षेत्र में पॉवर प्लांट लगेंगे। प्रदेश के आदिवासी क्षेत्र बांसवाड़ा में भी बिजली का प्रोजेक्ट लगेगा। मुख्यमंत्री और जयराम रमेश की बैठक में धौलपुर से झालावाड़ तक 11,500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को बायोस्फियर रिजर्व की स्थापना के लिए भी चर्चा हुई। इसके साथ ही जयपुर के पास शाहपुरा में स्मिथसोनियन इन्स्टीट्यूशन के सहयोग से प्रस्तावित जैव विविधता के संरक्षण के संबंध में शोध और अनुसंधान के लिए भी केन्द्र सरकार द्वारा सहायता देने पर सहमति हुई। सरिस्का अभ्यारण्य के बाहर से बाईपास हाइवे बनाने पर सहमति हुई। इस पर खर्च होने वाले 20 करोड़ रुपए में से आधा राज्य सरकार और आधा केन्द्र सरकार वहन करेगी। प्रदेश के रेगिस्तानी इलाके जैसलमेर में चीता अभ्यारण्य स्थापित करने पर भी विचार किया गया।
 

बाइक सवार तीन भाइयों की मौत



बाइक सवार तीन भाइयों की मौत 
 

जयपुर। फागी के रेनवाल क्षेत्र में शनिवार को सवेरे रोडवेज बस की टक्कर से बाइक सवार तीन भाइयों की मौत हो गई। हादसे के बाद रोडवेज चालक फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

मिली जानकारी के अनुसार आचोला गांव में रहने वाले तीन भाई रामअवतार शर्मा, भगवान सहाय शर्मा और देवकी नंदन शर्मा आचोला गांव से जयपुर काम के लिए आ रहे थे। सवेरे करीब नौ बजे वे गांव से कुछ दूर ही पहुंचे थे कि सामने से आ रही रोडवेज बस ने टक्कर मार दी।

टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मोटरसाइकिल सवार तीनों भाई टक्कर लगते ही काफी दूर तक उछले और तड़पने लगे। आसपास के लोग उन्हें अस्पताल ले जा रहे थे कि आधे घंटे के अंतराल में ही तीना भाइयों ने दम तोड़ दिया। तीनों भाईयों की मौत की सूचना के बाद आचोला गांव में कोहराम मच गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।