बाड़मेर। शहर के नजदीक मुनाबाव रोड पर पिछले डेढ़ वर्ष से करोड़ों रूपए की लागत से बन रहे एक रिसोर्ट में पर्यटन नीति 2007 के तहत मिलने वाले सभी लाभ लिए गए, लेकिन नीति की रत्ती भर में पालना नहीं की गई है। यह रिसोर्ट नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती उषा जैन के पति मांगीलाल वडेरा के नाम से है और इसमें पालिकाध्यक्ष भी भागीदार है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस रिसोर्ट के निर्माण की अनुमति अभी तक नगरपालिका ने नहीं दी है, लेकिन रिसोर्ट का करीब नब्बे फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो गया है।
रिसोर्ट के लिए यह है नियम
पर्यटन नीति 2007 में कृषि भूमि रूपान्तरण शुल्क एवं विकास शुल्क के मामले में छूट प्रदान की गई है, लेकिन शर्त यह है कि रिसोर्ट का निर्माण कार्य (आच्छादित क्षेत्र) केवल दस फीसदी जमीन पर होगा। भवन की ऊंचाई नौ मीटर से अघिक नहीं होगी। छह मीटर या इससे अघिक ऊंचाई के वृक्ष लगाने होंगे। नगरपालिका से मानचित्र सहित निर्माण की अनुमति मिलने के बाद निर्माण किया जा सकेगा।
पर्यटन नीति 2007 में कृषि भूमि रूपान्तरण शुल्क एवं विकास शुल्क के मामले में छूट प्रदान की गई है, लेकिन शर्त यह है कि रिसोर्ट का निर्माण कार्य (आच्छादित क्षेत्र) केवल दस फीसदी जमीन पर होगा। भवन की ऊंचाई नौ मीटर से अघिक नहीं होगी। छह मीटर या इससे अघिक ऊंचाई के वृक्ष लगाने होंगे। नगरपालिका से मानचित्र सहित निर्माण की अनुमति मिलने के बाद निर्माण किया जा सकेगा।
पालिकाध्यक्ष ने ही दिया पट्टा
रिसोर्ट में पालिकाध्यक्ष भागीदार है। रिसोर्ट उनके पति के नाम है, लेकिन रिसोर्ट की भूमि का पट्टा पालिकाध्यक्ष ने स्वयं जारी किया। पट्टा आवासीय प्रयोजनार्थ दिया गया। जबकि निर्माण रिसोर्ट का हुआ।
रिसोर्ट में पालिकाध्यक्ष भागीदार है। रिसोर्ट उनके पति के नाम है, लेकिन रिसोर्ट की भूमि का पट्टा पालिकाध्यक्ष ने स्वयं जारी किया। पट्टा आवासीय प्रयोजनार्थ दिया गया। जबकि निर्माण रिसोर्ट का हुआ।
कार्यवाही की हिम्मत नहीं
सैन्य छावनी जसाई से मात्र चार किलोमीटर दूर नियम विरूद्ध बने इस रिसोर्ट का पिछले वर्ष अगस्त माह में जिला प्रशासन व सर्तकता समिति के ध्यान में लाया गया, लेकिन अभी तक किसी ने कार्यवाही की हिम्मत नहीं की। हालत यह है कि जिला सर्तकता समिति द्वारा भेजे जा रहे पत्रों का पालिका आयुक्त जवाब तक नहीं दे रहे हैं। प्रशासन ने अपने स्तर पर मामले की जांच की जरूरत तक नहीं समझी।
सैन्य छावनी जसाई से मात्र चार किलोमीटर दूर नियम विरूद्ध बने इस रिसोर्ट का पिछले वर्ष अगस्त माह में जिला प्रशासन व सर्तकता समिति के ध्यान में लाया गया, लेकिन अभी तक किसी ने कार्यवाही की हिम्मत नहीं की। हालत यह है कि जिला सर्तकता समिति द्वारा भेजे जा रहे पत्रों का पालिका आयुक्त जवाब तक नहीं दे रहे हैं। प्रशासन ने अपने स्तर पर मामले की जांच की जरूरत तक नहीं समझी।
ऎसे उड़ी नियमों की धज्जियां
इस रिसोर्ट में दस फीसदी की बजाय अस्सी फीसदी जमीन पर निर्माण हुआ है। भवन की ऊंचाई नौ मीटर की बजाय बारह मीटर से अघिक हो गई है। पौधे नहीं लगाए गए हैं। नगरपालिका से निर्माण की अनुमति नहीं ली गई है। एक तरह से रिसोर्ट के नाम पर अवैध होटल का निर्माण हो गया है। होटल नीति के अनुसार इस निर्माण का यदि शुल्क वसूल किया जाए तो सरकार को करोड़ों रूपए की आय होगी।
इस रिसोर्ट में दस फीसदी की बजाय अस्सी फीसदी जमीन पर निर्माण हुआ है। भवन की ऊंचाई नौ मीटर की बजाय बारह मीटर से अघिक हो गई है। पौधे नहीं लगाए गए हैं। नगरपालिका से निर्माण की अनुमति नहीं ली गई है। एक तरह से रिसोर्ट के नाम पर अवैध होटल का निर्माण हो गया है। होटल नीति के अनुसार इस निर्माण का यदि शुल्क वसूल किया जाए तो सरकार को करोड़ों रूपए की आय होगी।
मुझे कुछ नहीं पता
मैं अभी बाड़मेर से बाहर हूं। मुझे इस मामले में कुछ भी पता नहीं है।
कालूखां, आयुक्त, नगरपालिका
मैं अभी बाड़मेर से बाहर हूं। मुझे इस मामले में कुछ भी पता नहीं है।
कालूखां, आयुक्त, नगरपालिका
पर्यटन नीति की आड़ में बने रिसोर्ट से सरकार व नगरपालिका को करोड़ों रूपए की चपत लगी है। मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए।
सुरेश मोदी, नेता प्रतिपक्ष, नगरपालिका बाड़मेर
सुरेश मोदी, नेता प्रतिपक्ष, नगरपालिका बाड़मेर
रिसोर्ट के निर्माण की इजाजत नगरपालिका ने दी है। कौन कहता है कि निर्माण की इजाजत नहीं दी है। सब कुछ नियमानुसार हो रहा है।
उषा जैन, अध्यक्ष नगरपालिका बाड़मेर
उषा जैन, अध्यक्ष नगरपालिका बाड़मेर