गुरुवार, 30 जुलाई 2015

जोधपुर। गुरु पूर्णिमा पर जोधपुर में जमा हो रहे आसाराम समर्थक, फिर लाठीचार्ज की आशंका

जोधपुर। गुरु पूर्णिमा पर जोधपुर में जमा हो रहे आसाराम समर्थक, फिर लाठीचार्ज की आशंका


जोधपुर। यौन उत्पीड़न के आरोप में जेल में बंद आसाराम के समर्थक बड़ी संख्या में जोधपुर पहुंचने पर एक बार फिर समर्थकों और पुलिस के बीच टकराव व लाठीचार्ज की आशंका बन रही है.दरअसल, शुक्रवार को गुरु पूर्णिमा है और आसाराम के समर्थकों बड़ी संख्या में जोधपुर पहुंच रहे हैं. ऐसे में फिर कोई हंगामा होने के आसार नजर आ रह हैं. जानकारी के अनुसार गुरु पूर्णिमा के मौके पर शुक्रवार को आसाराम समर्थक बड़ी संख्या में कोर्ट के बाहर इकट्ठा होंगे जिससे पुलिस और आसाराम समर्थकों के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिल सकती है.उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व बुधवार को भी पुलिस द्वारा आसाराम समर्थकों द्वारा अव्यवस्थाएं फैलाने पर लाठीचार्ज किया जा चुका है.


गुरु पूर्णिमा पर जोधपुर में जमा हो रहे आसाराम समर्थक, फिर लाठीचार्ज की आशंका

कोर्ट के बाहर भारी पुलिस जाब्ता तैनात:
गुरू पूर्णिमा होने की वजह से देशभर से आसाराम के साधक व समर्थक हजारों की संख्या में जोधपुर पहुंच चुके हैं जिसको लेकर पुलिस को विशेष चौकसी बरतनी पड़ रही है. कोर्ट परिसर और जेल के बाहर सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस व आरएसी का जाप्ता तैनात किया गया है. कोर्ट परिसर में पुलिस ने बेरिकेट्स तक लगा रखे है. साथ ही हर आनेजाने वाले से गहनता से पूछताछ की जा रही है.

पुलिस और आसाराम समर्थकों के बीच कई बार हो चुका है घमासान:
ऐसी संभावना पहली बार नही बनी है कि आसाराम समर्थक द्वारा पुलिस से सीधा टकराव होता हो. पूर्व मे भी कई बार आसाराम समर्थक कोर्ट के बाहर हंगामा मचा चुके है. ऐसी घटनाएं बार-बार होने के बावजूद पुलिस द्वारा कोई खास इंतजामात नही किया जा सके है. पुलिस आसाराम समर्थकों द्वारा लगातार उद्दडतापूर्वक की जानी वाली हरकतों की पुनर्रावृति रोकने में नाकामयाब सिद्द हो रही है.

आम दिनों मे भी आसाराम समर्थक कोर्ट के बाहर काफी संख्या मे जमा रहते है. गुरु पूर्णिमा के दिन इनकी संख्या में भारी इजाफा हो जाता है. कोर्ट बाहर नजारा कुछ ऐसा होता है मानो कोई मेला लगा हो. पुलिस द्वारा कोई मजबूत रणनीति तैयार नही किए जाने के कारण हर बार अव्यवस्थाएं फैल जाती है और नौबत लाठीचार्ज तक आ जाती है. हर मर्तबा पुलिस की ओर से यही बयान दिया जाता है कि अगली बार पूरी एहतियात बरती जाएगी जिससे ऐसी घटनाओं की पुनर्रावृति ना हो.

बालोतरा। नागाणा प्रकरण के सभी आरोपी जमानत पर रिहा

बालोतरा। नागाणा प्रकरण के सभी आरोपी जमानत पर रिहा
रिपोर्ट :- सुनील दवे
बालोतरा। गत दिनों नागाणा स्थित नागणेच्यां माता मंदिर में हुए लूट, तोड़फोड़, मारपीट धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने के मामले में गिरफ्तार 17 आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया। इस मामले में 18 नामजद व्यक्तियों सहित कई लोगों के खिलाफ पुलिस थाना मंडली में मामला दर्ज हुआ था।जांच में पुलिस की ओर से अब तक 2 महिलाओं सहित 15 जनों को गिरफ्तार किया गया था।
news के लिए चित्र परिणाम

    जालोर। आखिर कब थमेगी ये आफत की बारिश ,कोई गाँवो में बाढ़ के हालात

    जालोर। आखिर कब थमेगी ये आफत की बारिश ,कोई गाँवो में बाढ़ के हालात 

    जालोर। राजस्थान में गुरुवार को भी बारिश का दौर जारी रहा। जालौर के सांचौर, भीनमाल, जसवंतपुरा व रानीवाड़ा क्षेत्र में तेज बारिश से बाढ़ के हालात बन गए। चंबल के वेग में एक मकान बह गया। सांचौर क्षेत्र में पांछला, सुरावा व नैनोल बांध टूटने से आसपास के कई गांवों में 8-10 फीट तक पानी भरा है। सरकार ने सेना की 61वीं सब एरिया जयपुर एवं जोधपुर, सब एरिया कोटा ब्रिगेड को अलर्ट कर दिया है। एनडीआरएफ के 40 कार्मिकों की टीम व 3 नावें झालावाड़ तथा 120 कार्मिकों की तीन टीमें व 15 बोट जालोर में तैनात की गई हैं।भीनमाल में सड़कों पर पानी भरा है। सांचोर में बाढ़ से बाड़मेर का गुजरात से संपर्क कट गया है।
    गांवों में 8 से 10 फीट तक भरा पानी।
    हेलिकॉप्टर की मदद से निकाले गए लोग

    जालोर जिले में कई स्थान पर बाढ़ के हालात बन गए है। पथमेड़ा के निकट का पांचला बांध टूट गया है और इसका पानी सांचौर में घुस गया है। माउंटआबू का संपर्क कट गया है। वायुसेना ने जालोर जिले में बाढ़ से घिरे लोगों को बचाने के लिए हेलिकॉप्टर भेजे। फिर लोगों को बचाया जा सका।


    अलविदा डॉ. कलाम, राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक हुए कलाम



    रामेश्वरम।
    पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के पार्थिव शरीर को गुरुवार सुबह रामेश्वर में राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया। डेढ़ एकड़ के प्लॉट में कलाम की समाधि बनाई जाएगी। अपने प्यारे कलाम को अलविदा कहने के लिए पूरा रामेश्वरम सड़क पर उतर आया।



    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए रामेश्वरम पहुंचे और डॉ. कलाम को आखिरी सलामी दी। इसके आलावा कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कलाम को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए।



    जनता के राष्ट्रपति कहे जाने वाले कलाम के अंतिम दर्शन के लिए सभी के लिए दरवाजे खुले थे। वे चाहे वीआईपी हो या फिर एक आम भारतीय, हर किसी ने अपने प्यारे कलाम को भीगी पलकों से अंतिम सलाम किया।



    रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, संसदीय कार्यमंत्री एम वेंकैया नायडू रामेश्वरम पहुंच चुके है। वहीं तबीयत खराब होने के वजह से तमिलनाडु की सीएम जयललिता शामिल नहीं हो पाएंगी।











    पूर्व राष्ट्रपति के बड़े भाई के पोते ए.पी.जे.एम.के. शेख सलीम ने बताया, हमारे सभी रिश्तेदार अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए पहुंच चुके हैं।



    कलाम के सम्मान में सरकार ने गुरुवार को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। स्कूल, कॉलेज, बैंक आदि सरकारी प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। सरकार ने शराब की दुकानों और बार को भी बंद कर दिया है।










    कलाम के सम्मानस्वरूप यहां करीब 30,000 आभूषण की दुकानें भी बंद रहेंगी और पेट्रोल पंपों पर सुबह 10-11 के बीच ही पेट्रोल मिलेंगे।



    सिनेमाघर के मालिकों ने भी इसे बंद रखने का निर्णय लिया है। वहीं, मछुआरों ने भी गुरुवार को समुद्र में नहीं उतने का फैसला किया है। निजी क्षेत्रों ने बंद का फैसला स्वत: लिया है, जिससे स्पष्ट है कि कलाम वास्तव में 'जनता के राष्ट्रपति' थे।













    बुधवार को वायुसेना के एक विशेष विमान से उनका पार्थिव शरीर नई दिल्ली से मदुरै एयरपोर्ट पर लाया गया था। मदुरै से दो अलग-अलग हेलिकॉप्टरों में सवार होकर डॉ. कलाम के परिजनों के अलावा रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, संसदीय ममलों के मंत्री एम वेंकैया नायडू भी पहुंचे।










    इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को सेना के एक वाहन में रखकर रामेश्वरम के बस स्टैंड के निकट लाया गया। जहां उसे रात आठ बजे तक लोगों के दर्शनों के लिए रखा गया।










    रास्ते में सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में लोग विशेष रूप से छात्र उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए खड़े रहे। इनमें से कुछ फूट-फूट कर रो रहे थे।

    बाड़मेर | कांग्रेसी नेताओं ने नहीं की हेलमेट अनिवार्यता की पालना

    बाड़मेर | कांग्रेसी नेताओं ने नहीं की हेलमेट अनिवार्यता की पालना



    बाड़मेर | युवासंवाद कार्यक्रम में भाग लेने आए यूथ कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक चांदना, पूर्व सांसद हरीश चौधरी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष फतेह खां सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने राज्य सरकार के खिलाफ शहर में वाहन रैली निकाली, लेकिन कानून को भूल गए। 1 मई से शहर में हेलमेट अनिवार्य किया गया है, लेकिन रैली में नारेबाजी करते ये नेता कानून को भूल गए। अगर आम आदमी कोई बिना हेलमेट सर्किल से निकल जाए तो पुलिसकर्मी उसका चालान बनाए बगैर नहीं छोड़ते, लेकिन बुधवार को जब रैली में करीब दो दर्जन से अधिक लोग बिना हेलमेट ही निकले, जिन्हें रोकने के लिए पुलिस ने भी हिम्मत नहीं जुटाई।

    कांग्रेसी नेताओं ने नहीं की हेलमेट अनिवार्यता की पालना

    बाड़मेर। 16 दिन से चल रहा धरना समाप्त

    बाड़मेर। 16 दिन से चल रहा धरना समाप्त


    बाड़मेर। जिले में दलित उत्पीड़न के मामलाें में कार्रवाई नहीं होने पर 12 सूत्रीय मांगों को लेकर 16 दिनों से जारी धरना बुधवार को समाप्त हो गया। समिति के संयोजक उदाराम मेघवाल ने बताया कि दोपहर में समिति के प्रतिनिधि मंडल की पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख कलेक्टर मधुसूदन शर्मा से वार्ता हुई। जिसमें इन्होंने सभी मामलों में त्वरित कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया। साथ ही धरनार्थियों को जूस पिला कर धरना समाप्त कराया।
    16 दिन से चल रहा धरना समाप्त

    पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अधिकांश मामले थापन, नागाणा, इटादा, गुमाने का तला एवं बाड़मेर आगोर के हैं। इन मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया गया है। शेष मामलों में भी आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। भेडाणा सरपंच हस्तुदेवी द्वारा दर्ज कराए प्रकरण में भी निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान आदूराम मेघवाल ने कहा कि सभी के सहयोग से न्याय मिलना आसान हुआ। मजदूर नेता लक्ष्मण वडेरा ने कहा कि आंदोलन से अच्छा संदेश गया और कई मुलजिम जेल में है।

    मेघवाल परिषद के प्रदेश सचिव डूंगरलाल देपन ने कहा कि यहां के लोगाें में संघर्ष की भावना को देखकर ही धरने में शामिल हुए। धरने को रूपाराम नामा, मेघवाल परिषद के जिलाध्यक्ष मूलाराम मेघवाल, सोनाराम टाक, पोकरराम राणीगांव वगताराम मंसूरिया ने भी संबाेधित किया। समिति के प्रतिनिधि मंडल में जिला प्रमुख प्रियंका मेघवाल, जैसलमेर जिला प्रमुख अंजना मेघवाल, पूर्व विधायक पदमाराम मेघवाल, आदूराम मेघवाल, लक्ष्मण वडेरा, मेघवाल परिषद के प्रदेश सचिव डूंगरलाल देपन सहित कई शामिल थे।

    बाड़मेर। जिला परिषद के सीईओ को गिरफ्तार करने के आदेश

    बाड़मेर। जिला परिषद के सीईओ को गिरफ्तार करने के आदेश




    बाड़मे। राजस्थान लोकायुक्त के आदेश की पालना नहीं करने पर बाड़मेर जिला परिषद के सीईओ गोपालराम बिरदा को गिरफ्तार करने के आदेश दिए है। बाड़मेर एसपी को लोकायुक्त के आदेश मिले है। वर्ष 2009 में ग्रामसेवक रामाराम, तनदान और खूमाराम तंवर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के संबंध में सीईओ से तीन माह पहले लोकायुक्त ने रिपोर्ट मांगी थी। इस मामले में सीईओ की ओर से लोकायुक्त के आदेश की पालना नहीं किए जाने पर बाड़मेर एसपी देशमुख परिस को पत्र जारी कर सीईओ को गिरफ्तार करने के आदेश दिए है।<a href='/tags/rajasthan'>Rajasthan </a><a href='/tags/barmer'>Barmer </a><a href='/tags/barmer'>Barmer</a><a href='/tags/बाड़मेर-जिला'>बाड़मेर जिला</a><a href='/tags/परिषद'>परिषद</a><a href='/tags/सीईओ'>सीईओ</a><a href='/tags/आदेश'>आदेश</a>

    बाड़मेर पानी फिर उसी राह, कवास में चिंता



    बाड़मेर पानी फिर उसी राह, कवास में चिंता


    2006 की बाढ़ से तबाह हुए कवास में एक बार फिर चिंता के बादल छा गए हैं। जिलेभर में पिछले पांच दिनों से हो रही बारिश से भय का माहौल बना हुआ है। कवास में भी लोग डरे हुए हैं। प्रशासन की ओर से लोगों को सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

    जिले में लगातार पांच दिनों से बारिश चल रही है। हालांकि मंगलवार को दिन में कुछ स्थानों पर मामूली बारिश हुई थी, लेकिन रात में मूसलाधार बारिश से फिर वही स्थिति रही। बुधवार को भी भारी बारिश हुई।

    गुड़ामालानी व इसके आस-पास के इलाके में अभी भी पानी भरा हुआ है। उधर, भाडखा व नागड़दा से एकत्र पानी बुधवार दोपहर तक रोहिली गांव की रपट तक पहुंच गया। गुरुवार सुबह तक यह पानी मंूढ़ों की ढाणी तक पहुंचने का अनुमान है।

    गौरतलब है कि वर्ष 2006 में कवास में बाढ़ का पानी इसी रास्ते से आया था। कवास में बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश से गलियों समेत मुख्य चौराहे पर तीन-तीन फीट पानी जमा हो गया। कवास के पास ही नौसर ग्राम के दो राजस्व गांवों में ढाणियां टापू बन गई है।

    उधर, सीमावर्ती सेड़वा क्षेत्र में स्थिति खराब हो रही है। यहां मंगलवार रात में 146 एमएम बारिश हुई, वहीं बुधवार को दिनभर बारिश चली। शाम के समय भी मूसलाधार बारिश का दौर जारी था। इस कारण क्षेत्र में करीब 36 गायों की मौत हो गई।

    बायतु। क्षेत्र में लगातार बारिश से व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है। उन्होंने अपनी दुकानों से सामान निकाल सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कवायद शुरू कर दी है। किराणा, अनाज व कपड़े के बड़े व्यापारियों ने बुधवार को अधिकतर सामान सुरक्षित स्थान पर भिजवा दिया। वहीं छोटे व्यापारी भी अपना सामान पैक करने में लग गए हैं। उधर, भाडखा व नागड़दा से एकत्र पानी बुधवार दोपहर तक रोहिली गांव की रपट तक पहुंच गया।

    दोपहर बाद हुई तेज बारिश के मद्देनजर इस पानी का वेग बढ़ गया। इससे कवास के लोगों की चिंता बढ़ गई है। गुरुवार सुबह तक यह पानी मंूढ़ों की ढाणी तक पहुंचने का अनुमान है। कवास से व्यापारी दिनेश माहेश्वरी, तगाराम गोदारा, किस्तुरचंद राठी व चौथमल ने अपनी दुकानें तथा गोदाम खाली कर दिए।

    नागाणा थानाधिकारी देवीचंद ढाका बीते तीन दिनों से स्थिति पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं। कवास में बुधवार को हुई मूसलाधार बारिश से गलियों समेत मुख्य चौराहे पर तीन-तीन फीट पानी जमा हो गया।

    नौसर में बढ़ा खतरा

    कवास के नजदीक के नौसर ग्राम पंचायत के दो राजस्व गांव टापू बन गए हैं। नौसर तालाब में लगातार पानी की आवक होने से आस-पास के आबादी क्षेत्रों में खतरा बढ़ गया है।

    तालाब से पानी के रिसाव के कारण कई ढाणियां टापू का रूप ले चुकी हैं। मेघवालों का बास व भीलों का बास के लोगों ने अपने घर खाली कर दिए हैं। बुधवार को करीब पचास से ज्यादा परिवारों ने ऊंचाई वाले स्थानों पर अस्थायी छप्पर बना लिए।

    खाने-पीने का बंदोबस्त नहीं

    नौसर गांव में तालाब के पानी से बचने के लिए घरों को छोड़कर गए परिवार धोरों पर समस्याआें से जूझ रहे हैं। नौसर सरपंच शंकरलाल ने बताया कि धोरों पर बैठे लोगों के लिए खाने-पीने का बंदोबस्त नहीं हो पाया है। प्रशासन ने तालाब के पानी की निकासी लूणी नदी की ओर करने का प्रयास किया, लेकिन सफलता नहीं मिली।

    जाटों ने किया दिल्ली-फिरोजपुर रेलवे ट्रैक जाम



    जींद। हरियाणा के जींद जिले के धरौंदी गांव में गत दिनों दलितों को प्लाटों पर कब्जा दिलाने के दौरान हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया है और जाटों ने बुधवार को आंदोलन का एलान करके गांव मेें दिल्ली-फिरोजपुर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया।



    सैंकड़ों की तादात में लोग रेलवे ट्रेक के बीच में बैठ गए। जाटों की मांग है कि इस प्रकरण में मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी और परिजनों को 25 लाख रूपए की अनुग्रह राशि दी जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। गांव में हालात तनावपूर्ण हैं जिसे देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।







    गौरतलब है कि गत 18 जुलाई को प्रशासन द्वारा दलितों को सौ-सौ गज के प्लाटों पर कब्जा दिलाने के दौरान जाटों और दलितों में झड़प हो गई थी। झगड़े के दौरान चाकु लगने से जाट समुदाय के विक्रम नामक युवक की मौत हो गई थी और संदीप घायल हो गया था। घटना के बाद गांव से करीब 150 दलित परिवार पलायन कर गए थे।







    जाटों ने बुधवार को गांव में युवक की मौत के बाद शोकसभा का आयोजन किया था जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और यह महापंचायत में तब्दील हो गई। मृतक की पत्नी को नौकरी और अनुग्रह राशि नहीं मिलने पर लोगों ने आंदोलन का एलान करते हुए तुरंत दिल्ली-फिरोजपुर रेलवे ट्रैक जाम कर दिया।







    जींद रेलवे स्टेशन के अधीक्षक अनिल यादव ने बताया कि जाटों के इस प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली की तरफ से जींद होते हुए पंजाब जाने वाली कई मेल गाडिय़ों का रास्ता बदल कर वाया पानीपत कर दिया गया है।