शुक्रवार, 2 मई 2014

"काली रात" के बाद आई मुस्कराती सुबह

जैसलमेर।कहते हैं हर काली रात के बाद मुस्कराती सुबह आती है। सरहद के नियमो पर आखिरकार एक मां की ममता भारी साबित हुई। अल्लाह ने उसके जीवन मे खुशियां तो दे दी थी, लेकिन उनमे उल्लास के रंग अब भरे हैं।
"Black Night", I smile in the morning after
खुदा की रहमत को खता मानने वाले पाक को आखिरकार यह मानना पड़ा कि मां-बेटे की खुशियो के बीच कोई नियम या सियासी खेल आड़े नहीं आ सकता। फातिमा के धैर्य व ममता की आखिरकार जीत हुई है और अब शुक्रवार को वह अपने हमवतन के लिए रवाना होगी।



फातिमा को यहां जन्मे बच्चे को लेकर पिछले दिनों कई परेशानियों का सामना करना पड़ा। दिल्ली यात्रा की लंबी थकावट, कागजी कार्यवाही के चक्कर व सुर्खियो मे रहने की विवशता के बीच आई समस्याओ के बावजूद अब फातिमा को किसी से कोई गिला शिकवा नहीं है।


अब तक हुए कटु अनुभवो को जब फातिमा याद करती है तो उसकी पलकें भीग जाती है, लेकिन अगले ही पल जब वह फूल जैसे बच्चे को देखती है तो चेहरे पर फिर से लौट आती है एक मुस्कान।


गौरतलब है कि गत शुक्रवार को फातिमा नवजात बच्चे के साथ अपने वतन पाकिस्तान जा रही थी, तभी पाकिस्तानी अधिकारियो ने जीरो पॉइंट पर उसे रोक दिया। फातिमा उस समय तो अपने बच्चे के साथ वापस जैसलमेर आ गई, लेकिन यह प्रण ले लिया कि वह बच्चे को साथ लेकर ही जाएगी। जब वह अपने रिश्तेदारों के साथ दिल्ली में स्थित पाक उच्चायोग के पास पहुंची तो वहां उसके नवजात बच्चे को तस्दीक कर उसका फोटो भी पासपोर्ट में लगा दिया गया।


अब तक का घटनाक्रम


23 मार्च को फातिमा अपने भतीजे मीर मोहम्मद, पुत्री शकीना, पुत्र अरशद के साथ पाकिस्तान से भारत आई थी।
गर्भवती होने की वजह से उसने 4 मई तक वीजा आगे बढ़वा दिया था।
गत 14 अप्रेल को उसने जैसलमेर के राजस्थान हॉस्पिटल में बच्चे को जन्म दिया।


25 अप्रेल को वह थार एक्सप्रेस से पाकिस्तान के लिए रवाना हुई, लेकिन उसके बच्चे को आगे जाने की मंजूरी नहीं मिली।
29 अप्रेल को पाक उच्चायोग के मंजूरी मिलने के बाद बच्चे को पाक ले जाने का रास्ता हुआ साफ।

किशोरी की शादी 37 वर्ष के दूल्हे से

शेरगढ़।जिले के शेरगढ़ क्षेत्र में तेरह साल की किशोरी की शादी 37 साल के दूल्हे से किए जाने का मामला सामने आया है। शिकायत पर पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम ने केतु मद्दा निवासी दूल्हे लखसिंह को धर-दबोच लिया। बादमें उसे पाबंद कर छोड़ दिया। बालेसर तहसीलदार श्यामसुंदर सिंह के अनुसार, लखसिंह की पहली पत्नी की मृत्यु हो चुकी है और उसके साढ़े चार वष्ाीüय लड़की है।


किशोरी का विवाह ना हो इसके लिए उसके परिजनों को भी पाबंद किया गया है। पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक केतु हामा निवासी 13 साल की किशोरी की शादी 37 साल के दूल्हे से कर रहा है, ऎसी शिकायत मिलने के बाद पुलिस एवं प्रशासनिक अमला गांव पहुंच गया। पुलिस को देख किशोरी के परिजन भूमिगत हो गए। इसके बाद पुलिस दल दूल्हे के गांव गया और उसे पकड़ लाए। किशोरी और उसके परिजन भी देर शाम मिल गए, जिन्हें पाबंद किया गया है।

जिला प्रशासन ने शेरगढ़ में 11 बाल विवाह रूकवाए। शेरगढ़ के उपखण्ड अधिकारी चूनाराम विश्नोई ने पुलिस-प्रशासन के सहयोग से क्षेत्र में 11 बाल विवाह रूकवाने का दावा किया है। उन्होंने कार्रवाई कर सभी परिजनों को पाबंद किया है।


एसडीएम ने बताया कि स्कूल रिकार्ड के अनुसार सोलंकियातला निवासी हीराराम पुत्र गोर्घनराम मेघवाल की जन्म तिथि 7 अगस्त 1993 है । शादी के लिए बालिग होने की उम्र 21 वर्ष में चार महीने कम होने पर तहसीलदार श्रवणसिंह राजावत व शेरगढ़ के थानाधिकारी विकास कुमार ने उसका बाल विवाह रूकवाया। दूल्हा हीराराम के खिलाफ शेरगढ़ थाने में चचेरी बहन व बुआ ने मारपीट का मामला दर्ज करवाया। इस पर दूल्हे को गिरफ्तार किया गया है।

यहां हीराराम की बारात नाथड़ाऊ जानी थी। दुल्हन नाबालिग है। वहां भी पटवारी ने उन्हें पाबंद किया है।
विश्नोई ने बताया कि नथासर (तेना) गांव में स्कूल में पढ़ रहीं दो छात्राएं नाबालिग हैं, जिनकी आखा तीज के दिन शादी तय की गई थी। सीडीपीओ ओमप्रकाश चौधरी व तहसीलदार राजावत ने उनके परिजनाें को पाबंद किया।


एसडीएम ने बताया कि बालेसर में चम्पाराम पुत्र खानूराम माली के पोते की बारात धीरपुरा जानी और बालेसर के ढलाराम माली के नाबालिग पुत्र की बारात शिवाराम के यहां जानी थी। कानूनन दोनों की उम्र कम पाई गई। लड़की 17 व लड़का 20 साल का होने पर बालेसर तहसीलदार श्यामसुंदरसिंह व प्रचेता स्नेहलता ने लिखित में नोटिस देकर परिजनों को पाबंद किया। घुडियाला में दो लड़कियों में से एक नाबालिग पाए जाने पर आरआई व ग्रामसवेक ने मौके पर पहुंच कर उन्हें पाबंद किया।



बाल विवाह रूकवाने की कई जगह कार्रवाई की जा रही है, लेकिन संपूर्ण कार्रवाई की केवल शेरगढ़ से ही सूचना आई है।-डॉ. प्रीतम बी यशवंतजिला कलक्टर, जोधपुर -  

अश्लील क्लिपिंग बना किशोरी से दुराचार

भिनाय।अश्लील क्लिपिंग बना टांटोटी की एक किशोरी से दुराचार का मामला सामने आया है। आरोपी दो माह पूर्व किशोरी को शादी का झांसा देकर इंदौर ले गया। पुलिस ने इंदौर की झुग्गी बस्ती में आरोपी को पकड़ लिया। थानाधिकारी सुगन सिंह ने बताया कि ग्राम टांटोटी निवासी पीडिता के परिजन ने गत दो मार्च को टांटोटी निवासी आरोपी सत्यनारायण उर्फ कालू रेगर के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज करवाया था।Teenager making obscene clipping misconduct

पुलिस अधीक्षक महेन्द्र सिंह चौधरी के निर्देश पर भिनाय थाना पुलिस की एक टीम का गठन कर किशोरी की तलाश शुरू की। इस दौरान आरोपी ने अपना मोबाइल फोन बन्द कर नया मोबाइल खरीदकर अपने दोस्त जाकिर से बात की। जाकिर की कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने आरोपी के इन्दौर में होने की जानकारी मिली।

पुलिस दल बुधवार रात इन्दौर पहुंचा तथा झुग्गी बस्ती में दबिश देकर आरोपी सत्यनारायण को गिरफ्तार कर किशोरी को बरामद कर लिया। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 (8) पोक्सो एक्ट में मामला दर्ज कर गुरूवार न्यायालय में पेश किया जहां से उसे पांच दिन के रिमांड पर सौंपने के आदेश दिए गए। मामले की जांच पुलिस उप अधीक्षक केकड़ी चंचल मिश्रा को सुपुर्द की गई है।

शादी का झांसा देकर ले गया


पीडिता ने पुलिस को बताया कि आरोपी डीजे साउण्ड का काम करता है। एक दिन आरोपी ने उसे अकेला पाकर दुराचार किया तथा उसकी अश्लील वीडियो क्लिपिंग बना ली। क्लिपिंग को सार्वजनिक करने का भय दिखाकर आरोपी दुराचार करता रहा। तीन माह पूर्व आरोपी शादी का झांसा देकर इंदौर ले गया। वहां भी उसने दुराचार किया। इंदौर में पैसे खत्म होने पर आरोपी ने किशोरी को सब्ज बाग दिखाते उसके सोने के मांदलिए बेच दिए। -  

मानवेन्द्र अभी भी भाजपा विधायक। नहीं हुई लिखित कार्यवाही

मानवेन्द्र अभी भी भाजपा विधायक। नहीं हुई लिखित कार्यवाही 


जयपुर। बाड़मेर से बागी होकर चुनाव लड़ रहे जसवंत सिंह के पुत्र विधायक मानवेन्द्र सिंह को भाजपा ने अपने पिता का प्रचार करते हुए पाए जाने पर निलम्बित तो कर दिया, लेकिन ना तो उन्हें अभी तक नोटिस मिला है और ना ही विधायक दल से हटाने के लिए अभिशंसा भेजी गई है।
how proceeding on manvendra singh
प्रदेश भाजपा ने मानवेन्द्र सिंह के खिलाफ पिता के पक्ष में प्रचार करने के ठोस सबूत जुटाकर आलाकमान को भेजे थे। इसे पार्टी ने अनुशासन भंग की श्रेणी में माना और 10 अप्रेल को उन्हें पार्टी से निलम्बित कर दिया था।

उसी दिन उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। हालांकि 21 दिन बीतने के बाद भी मानवेन्द्र सिंह को अब तक नोटिस नहीं मिला है। इसी प्रकार भाजपा ने उन्हें विधायक दल से हटाने के लिए विधानसभा में भी कोई चिटी नहीं भेजी है।

तब तक लागू रहेगा पार्टी का आदेश

मानवेन्द्र सिंह को भले ही पार्टी से निलम्बित किया गया हो, लेकिन वे अब भी सत्ताधारी भाजपा विधायक दल के आदेश से बंधे हुए हैं। जब तक उन्हें सत्ताधारी विधायक दल की सदस्यता से नहीं हटाया जाता, तब तक उन्हें भाजपा विधायक दल के हर आदेश को मानना होगा।

सूत्रों के मुताबिक पिछले समय में जितने भी विधायकों के निलम्बन भाजपा या कांग्रेस ने किए हैं, उनको विधायक दल से जल्दी नहीं हटाया गया था। इसके पीछे राजनीतिक दलों की यह रणनीति होती है कि यदि कहीं पार्टी को संख्या की जरूरत पड़े तो निलम्बित विधायक उनके खिलाफ नहीं जा सकता।

इनका कहना है

- मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है- मानवेन्द्र सिंह, विधायक शिव
  

- पार्टी की ओर से कोई अभिशंसा अभी तक नहीं मिली है।- कालू लाल गुर्जर, मुख्य सचेतक, राजस्थान विधानसभा -

वाराणसी में मोदी के खिलाफ प्रचार करेंगे हिंदू धार्मिक गुरू -



वाराणसी। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को वाराणसी में अब दो शंकराचार्यो के विरोध का सामना करना पड़ेगा। पुरी के शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीरथ और द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद मोदी के खिलाफ लोगों को जागरूक करेंगे।
Two Hindu Religious Leaders to Campaign Against Narendra Modi in Varanasi
अधोक्षजानंद ने गुरूवार को कहा कि मोदी 2002 के दंगों का पापी है। वह न्यायप्रिय नेता नहीं है। शंकराचार्य ने कहा, "मैं वाराणसी जाऊंगा और उसका पर्दाफाश करूंगा। लोगों को बांटने वाले सत्तालोलुप का पर्दाफाश किया जाना चाहिए। न्यायप्रिय लोग उसका समर्थन नहीं कर सकते हैं। वाराणसी में मोदी के खिलाफ आप नेता अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के अजय राय मैदान में हैं लेकिन पुरी शंकराचार्य ने कहा कि वह किसी के पक्ष में प्रचार नहीं करेंगे, वे चाहेंगे कि धर्मनिरपेक्ष दल को जीत मिले। 2002 के दंगों के दौरान स्वयं गुजरात जाने की बात पर जोर देते हुए अधोक्षजानंद ने कहा कि संघ धर्म का इस्तेमाल लोगों को भ्रमित करने के लिए करता है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को वाराणसी भेजेंगे स्वामी स्वरूपानंद

द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद स्वयं वाराणसी नहीं जाएंगे, बल्कि मोदी के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए अपने करीबी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को भेजेंगे। स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि खराब स्वास्थ्य के कारण वह खुद वाराणसी नहीं जा सकेंगे।

हाल ही में स्वामी स्वरूपानंद ने हर हर मोदी के नारे का विरोध किया था और इसे भावना को आहत करने वाला बताया था। उन्होंने कहा था कि व्यक्ति पूजा बंद करो, अन्यथा ईश्वर मोदी को समाप्त कर देगा। इसके बाद मोदी ने अपने समर्थकों से हर-हर मोदी का स्लोगन बंद करने की अपील की थी।

दक्षिण भारत से जुड़ा बाड़मेर, यशवंतपुरम को हरी झंडी


दक्षिण भारत से जुड़ा बाड़मेर, यशवंतपुरम को हरी झंडी

 बाड़मेर



करीब एक साल पूर्व रेल बजट में बाड़मेर से दक्षिण भारत के लिए यशवंतपुरम रेल सेवा की घोषणा की गई थी। सवा साल बाद गुरुवार रात एक बजे यशवंतपुरम रेल को हरी झंडी दिखा दी। अब बाड़मेर वासी दक्षिण भारत तक सफर के लिए बसों में धक्के खाने की बजाय एसी में सफर कर सकेंगे। 14 एसी कोच की ट्रेन प्रत्येक शुक्रवार की रात 1 बजे बाड़मेर से यशवंतपुरम के लिए रवाना होगी।
बाड़मेर से गुजरात के लिए फिलहाल कोई गाड़ी नहीं है। ऐसे में सीधे गुजरात व बैंगलोर के जुडऩे से यहां हजारों लोगों को रेल सेवा का फायदा मिलेगा। फिलहाल बाड़मेर से गुजरात के लिए केवल बस सेवा ही परिवहन का एक मात्र साधन थी, अब रेल सेवा के जुडऩे के बाद यहां की जनता की एयर कंडिशन ट्रेन से दक्षिण भारत तक सफर तय कर सकेगी। गुरुवार रात 1 बजे ट्रेन बाड़मेर रेलवे स्टेशन से रवाना की गई। इस दौरान रेलवे के कई बड़े अधिकारी मौजूद रहे।

दो घंटे खड़ी रही ट्रेन, जोधपुर से आया दूसरा इंजन 


यशवंतपुरम रेल बाड़मेर से रवाना होने के बाद उत्तरलाई, बायतु, बालोतरा, समदड़ी, भीलड़ी, अहमदाबाद होते हुए यशवंतपुरम तक पहुंचेगी। करीब 2255 किमी. की दूरी तय करेगी। 16 कोच की ट्रेन में 14 कोच एयर कंडिशनर है। जिसमें प्रथम श्रेणी एसी को एक कोच, थ्री एसी के 9 और टू एसी के दो कोच रहेंगे। इसके अलावा एक पेंट्री कार व डब्ल्यूएलएलआरएन के दो कोच है। 

16 डिब्बों की इस यशवंतपुरम एक्सप्रेस में सभी एसी कोच है। सामान्य व आरक्षित कोच नहीं होने से यात्रियों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ेगा। इसके लिए नागरिकों की ओर से सामान्य व आरक्षित कोच की भी मांग की जा रही है। 

बालोतरा. यशवंतपुर से चलकर बाड़मेर आने वाली यशवंतपुरम एक्सप्रेस का इंजन पहले ही दिन बालोतरा स्टेशन से बाड़मेर की ओर रवाना होते ही खराब हो गया। पॉवर इंजन में आई खराबी के चलते एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे बाड़मेर के यात्रियों को करीब दो घंटे तक बालोतरा स्टेशन पर परेशानियां झेलनी पड़ी। यही नहीं, यशवंतपुरम एक्सप्रेस निर्धारित समय के करीब आधा घंटा देरी से बालोतरा पहुंची। बालोतरा रेलवे स्टेशन मास्टर ओमप्रकाश चारण ने बताया कि यशवंतपुरम एक्सप्रेस सुबह करीब 6.25 बजे बालोतरा स्टेशन पहुंची। जहां स्टेशन पर ही पॉवर इंजन में खराबी आने के कारण करीब दो घंटे ट्रेन यहां खड़ी रही। यानि करीब 8.35 बजे जोधपुर से दूसरा इंजन आने पर एक्सप्रेस बाड़मेर के लिए रवाना हुई। इस दौरान दूरदराज बैंगलूर सहित अन्य जगहों से बाड़मेर के लिए यात्रा करने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। 






आखाबीज खीच खाकर मनाई आखाबीज. घर-घर में रखे पंचधान के खळे।



जैसलमेर लोक पर्व आखाबीज का दिन जैसलमेर में पूजा अर्चना एवं उत्साह व उमंग के साथ धूमधाम से मनाया गया। गुरुवार को आखाबीज के दिन महिलाओं ने सुबह जल्दी उठकर पीपल की व घर में खळों की पूजा अर्चना की और आखाबीज का प्रसिद्ध भोजन खीच बनाया। इस दिन खीच के साथ बड़ी व ग्वार फली की सब्जी भी बनाई गई। आखाबीज के दिन पुरुष व बच्चे भी सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर पूजा अर्चना में लग गए और मंदिरों में भी सुबह-सुबह लोगों की टोलियां दिखाई दी। स्थानीय दुर्ग स्थित लक्ष्मीनाथ जी के मंदिर में सुबह से भीड़ का माहौल रहा। 

आखाबीज के अवसर पर लोगों ने अपने नाते रिश्तेदार व मित्रों के साथ एक-दूसरे के घर जाकर खीच का भोजन किया। शहर की गलियों में मित्रों के समूह एक-दूसरे के घर जाते हुए दिखाई दिए। 
अक्षय आकांक्षा के प्रतीक हैं खळे 




आखाबीज के दिन पारंपरिक रूप से हर घर में पंचधान के खळे बनाए जाते हैं। पूजा के स्थान अथवा अन्य किसी पवित्र एवं निरापद स्थान पर दैनिक जीवन में उपयोगी पंचधान की अलग-अलग ढेरियां बनाई जाती है। बीच की ढेरी के ऊपर तांबे के कलश में पवित्र एवं शुद्ध जल भरा जाता है। इस जल कलश के ऊपर मोली बंधा स्वरूप नारियल रखा जाता है। इस स्थल पर ही अनिवार्य रूप से एक दर्पण रखा जाता है और उपयुक्त पात्र में कुमकुम और चावल रखे जाते हैं। ये खळे घर की बुजुर्ग महिला द्वारा इस अक्षय आकांक्षा के साथ रखे जाते हैं कि जिस प्रकार आखाबीज और आखातीज का त्योहार सर्वदोष रहित त्योहार है और जीवन में अक्षयता की कल्पना को साकार करता है ठीक उसी प्रकार से इन खळों के रूप में रखा गया धान खेत खलिहानों में निरंतर उपजता रहे और घर परिवार की सुख शांति एवं समृद्धि में सहायक बने। 
रामगढ़ में भी मनाई आखी बीज 
रामगढ़. कस्बे में आखा बीज पर्व पारंपरिक रूप से मनाया गया। इस दिन शगुन के तौर पर घरों में धान के खळे बनाए गए। आखा बीज के मौके पर घरों में बाजरे का खींच और ग्वार फली व काचर की सब्जी बनाई गई। सभी समाज के लोगोंने अपने अपने मोहल्लों में एक स्थान पर बैठ कर खींच का आनंद लिया। छोटों ने बड़ो के पांव छूकर आशीर्वाद लिया। गांव ढाणियों में आखा बीज पर्व का खास महत्व है। 
अनिवार्य रूप से लगाते हैं तिलक 
आखाबीज एवं तीज के दिन खळों के स्थान पर रखे दर्पण एवं कुमकुम अक्षत से परिवार का प्रत्येक सदस्य अनिवार्य रूप से अपने भाल पर तिलक लगाता है। स्नान, ध्यान एवं पूजा पाठ के उपरांत प्रत्येक सदस्य वर्षपर्यंत व्यक्तिगत एवं पारिवारिक संपन्नता के निमित कुमकुम अक्षत का तिलक धारण करता है। 
बच्चों को चांदी के सिक्के पर खिलाया जाता है खीच 
लालन को उसकी दादी व ताई ने चांदी के सिक्के पर खीच रखकर खिलाया। यह परंपरा भी जैसलमेर में उत्साह के साथ मनाई जाती है। पिछले कुछ महीनों में जन्मे बच्चों को आखाबीज के दिन खीच खिलाने की परंपरा है। उत्साह के साथ घर घर में यह परंपरा निभाई गई। 


 खीच खाकर मनाई आखाबीज

आखाबीज के दिन पारंपरिक रूप से हर घर में पंचधान के खळे बनाए जाते हैं। पूजा के स्थान अथवा अन्य किसी पवित्र एवं निरापद स्थान पर दैनिक जीवन में उपयोगी पंचधान की अलग-अलग ढेरियां बनाई जाती है। बीच की ढेरी के ऊपर तांबे के कलश में पवित्र एवं शुद्ध जल भरा जाता है। इस जल कलश के ऊपर मोली बंधा स्वरूप नारियल रखा जाता है। इस स्थल पर ही अनिवार्य रूप से एक दर्पण रखा जाता है और उपयुक्त पात्र में कुमकुम और चावल रखे जाते हैं। ये खळे घर की बुजुर्ग महिला द्वारा इस अक्षय आकांक्षा के साथ रखे जाते हैं कि जिस प्रकार आखाबीज और आखातीज का त्योहार सर्वदोष रहित त्योहार है और जीवन में अक्षयता की कल्पना को साकार करता है ठीक उसी प्रकार से इन खळों के रूप में रखा गया धान खेत खलिहानों में निरंतर उपजता रहे और घर परिवार की सुख शांति एवं समृद्धि में सहायक बने।

रामगढ़ में भी मनाई आखी बीज
रामगढ़. कस्बे में आखा बीज पर्व पारंपरिक रूप से मनाया गया। इस दिन शगुन के तौर पर घरों में धान के खळे बनाए गए। आखा बीज के मौके पर घरों में बाजरे का खींच और ग्वार फली व काचर की सब्जी बनाई गई। सभी समाज के लोगों ने अपने अपने मोहल्लों में एक स्थान पर बैठ कर खींच का आनंद लिया। छोटों ने बड़ो के पांव छूकर आशीर्वाद लिया। गांव ढाणियों में आखा बीज पर्व का खास महत्व है।
अनिवार्य रूप से लगाते हैं तिलक
आखाबीज एवं तीज के दिन खळों के स्थान पर रखे दर्पण एवं कुमकुम अक्षत से परिवार का प्रत्येक सदस्य अनिवार्य रूप से अपने भाल पर तिलक लगाता है। स्नान, ध्यान एवं पूजा पाठ के उपरांत प्रत्येक सदस्य वर्षपर्यंत व्यक्तिगत एवं पारिवारिक संपन्नता के निमित कुमकुम अक्षत का तिलक धारण करता है।
बच्चों को चांदी के सिक्के पर खिलाया जाता है खीच
लालन को उसकी दादी व ताई ने चांदी के सिक्के पर खीच रखकर खिलाया। यह परंपरा भी जैसलमेर में उत्साह के साथ मनाई जाती है। पिछले कुछ महीनों में जन्मे बच्चों को आखाबीज के दिन खीच खिलाने की परंपरा है। उत्साह के साथ घर घर में यह परंपरा निभाई गई।





गुरुवार, 1 मई 2014

पहले प्रेमी विवाह, फिर काट डाला बीवी का गला

मुंबई। नागपुर में अवैध संबंधों के शक के चलते एक व्यक्ति ने अपनी बार डांसर पत्नी की गला काट कर हत्या कर दी।mumbai man murdered wife in nagpur
पुलिस सूत्रों के अनुसार इमामवाड़ा थाना क्षेत्र के इंदिरा नगर में पुलिस ने एक घर से बुधवार को 19 वर्षीय पूजा यादव उर्फ अलसिया का शव बरामद किया। पुलिस ने जब इस घर से पूजा का शव बरामद किया तो वहां ताला बाहर से लगा था और अंदर कमरे में पंखा चल रहा था।

घटना की जानकारी सबसे पहले मकान मालिक को लगी। मकान मालिक को इस कमरे का दो दिन से ताला लगा होने और अंदर पंखा चलने पर शक हुआ। उसने कमरे में देखा तो पूजा का शव पड़ा हुआ था।

मकान मालिक की सूचना पर पुलिस ने वहां पहुंचकर पूजा का शव बरामद किया। शव का परीक्षण करने पर पाया गया कि उसकी हत्या किसी धारदार हथियार से गला काटकर की गई है।

हुआ था प्रेम विवाह
प्रारंभिक पूछताछ के बाद पुलिस ने मृतका के पति मुंबई निवासी आसिफ शेख के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर उसकी तलाश शरू कर दी है। पूछताछ में पता चला कि मृतका के माता पिता का देहांत हो चुका है और पिछले दो वर्ष से वह नागपुर के इंदिरा नगर में अपनी मौसी शोभा गायकवाड़ के पास रहती थी।

इसके पहले पूजा मुंबई में बार डांसर के रूप में काम करती थी। इसी दौरान बार में वेटर का काम करने वाले आसिफ उसकी पहचान होने के बाद दोनों में प्यार हो गया। लेकिन बाद मे पूजा नागपुर आ गई। करीब डेढ महीने पहले आसिफ भी नागपुर आ गया और उससे शादी कर ली थी।

आसिफ को मृतका के अन्य लोगों से अवैध संबंध होने का शक था।

"मायावती नहीं हैं कुंवारी, कराएं वर्जिनिटी टेस्ट"



लखनऊ। सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और बसपा प्रमुख मायावती के बीच हालही में छिड़ी जुबानी जंग खत्म नहीं हुई। इस जुबानी जंग में नया मोड़ तब आ गया जब मुलायम सिंह की सहोयगी लीलावीत कुशवाहा ने मायावती को कौमार्य परीक्षण कराने की नसीहत दी है। यूपी महिला कल्याण निगम के अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रही कुशवाहा ने कहा, "मायावती को अपना कौमार्य परीक्षण कराकर यह साबित करना चाहिए कि वे "श्रीमती" हैं या "कुंवारी"। मुलायम ने हालही में माया पर हमला करते हुए कहा था कि मुझे पता नहीं मैं मायावती को श्रीमती कहूं या कुमारी?
SP`s lilawati kushwaha controversial comment on mayawati
मुलायम की इस विवादित टिप्पणी के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने इस विवादित बताते हुए महिला विरोधी कहा था। साथ ही उन्होंने कहा कि यह सबको पता है कि उन्होंने अपनी पहली पत्नी को कितनी समय और सम्मान दिया था।

लीलावती ने मुलायम सिंह के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि उन्होंने जो भी कहा, बिल्कुल ठीक कहा है। साथ ही कुशवाहा ने कहा कि पूरी दुनिया को पता है कि मायावती कुंवारी नहीं हैं। यदि उन्हें नेताजी का बयान इतना बुरा लगा है, तो अपना कौमार्य परीक्षण करवा के दुनिया को बता दें कि क्या सही है?