वाराणसी। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को वाराणसी में अब दो शंकराचार्यो के विरोध का सामना करना पड़ेगा। पुरी के शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीरथ और द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद मोदी के खिलाफ लोगों को जागरूक करेंगे।
अधोक्षजानंद ने गुरूवार को कहा कि मोदी 2002 के दंगों का पापी है। वह न्यायप्रिय नेता नहीं है। शंकराचार्य ने कहा, "मैं वाराणसी जाऊंगा और उसका पर्दाफाश करूंगा। लोगों को बांटने वाले सत्तालोलुप का पर्दाफाश किया जाना चाहिए। न्यायप्रिय लोग उसका समर्थन नहीं कर सकते हैं। वाराणसी में मोदी के खिलाफ आप नेता अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के अजय राय मैदान में हैं लेकिन पुरी शंकराचार्य ने कहा कि वह किसी के पक्ष में प्रचार नहीं करेंगे, वे चाहेंगे कि धर्मनिरपेक्ष दल को जीत मिले। 2002 के दंगों के दौरान स्वयं गुजरात जाने की बात पर जोर देते हुए अधोक्षजानंद ने कहा कि संघ धर्म का इस्तेमाल लोगों को भ्रमित करने के लिए करता है।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को वाराणसी भेजेंगे स्वामी स्वरूपानंद
द्वारका के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद स्वयं वाराणसी नहीं जाएंगे, बल्कि मोदी के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए अपने करीबी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को भेजेंगे। स्वामी स्वरूपानंद ने कहा कि खराब स्वास्थ्य के कारण वह खुद वाराणसी नहीं जा सकेंगे।
हाल ही में स्वामी स्वरूपानंद ने हर हर मोदी के नारे का विरोध किया था और इसे भावना को आहत करने वाला बताया था। उन्होंने कहा था कि व्यक्ति पूजा बंद करो, अन्यथा ईश्वर मोदी को समाप्त कर देगा। इसके बाद मोदी ने अपने समर्थकों से हर-हर मोदी का स्लोगन बंद करने की अपील की थी।
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